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विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध (Science is a Boon or Curse Essay in Hindi)

क्या आप बिजली, टेलीविजन, पंखे, मोबाइल, फ्रिज इत्यादि के बिना जीवन की कल्पना कर सकते है? बिना किसी परिवहन के साधन के मीलों की यात्रा करना पहले आसान नहीं हुआ करता था। लोग अपने करीबियों, रिश्तेदारों, दोस्तों या अन्य किसी के साथ बात नहीं कर पाते थे, क्योंकि उन दिनों पत्र भेजने के आलावा हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। यह केवल विज्ञान के कारण ही संभव हो सका है, जिसने विज्ञान के विशाल प्रौद्योगिकियों के साथ हमारे जीवन को बहुत ही सरल बना दिया है। विज्ञान ने जहां तकनीकियों और प्रौद्योगिकियों से हमारे जीवन को सरल और सुगम बनाया है वही विज्ञान मानव जीवन के विनाश का कारण भी है।

विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर लघु व दीर्घ निबंध (Short and Long Essay on Science is a Boon or Curse in Hindi, Vigyan Vardan ya Abhishap par Nibandh Hindi mein)

मैंने इस निबंध के माध्यम से विज्ञान के सभी पहलुओं पर चर्चा करने की कोशिश की है जो ये साबित करेगा की विज्ञान अगर वरदान है तो अभिशाप भी है। यह निबंध सभी छात्रों को निबंध लिखने, प्रोजेक्ट बनाने इत्यादि में अवश्य सहायक सिद्ध होगी।

विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर लघु निबंध – 400 शब्द

विज्ञान एक ऐसा विषय है जिसका सीमा तथा क्षेत्र दिनो-दिन बढ़ता जा रहा है। प्राकृतिक तथा किसी वस्तु या प्राणी का क्रमवद्ध ज्ञान, विज्ञान कहलाता है। हम सभी जानते हैं, पानी का उबलना एक प्राकृतिक घटना है, पर पानी सदैव 100 डिग्री पर उबलता है तथा 0 डिग्री पर जमता है यह विज्ञान है।

विज्ञान के अविष्कार जो पृथ्वी के लिए वरदान हैं तो अभिशाप भी हैं

  • रॉकेट बम मिसाइल – विज्ञान की देन रॉकेट बम मिसाइल तथा परमाणु शक्ति हैं, जो हमारे मुसीबत में तो काम आते हैं पर इनकी बढ़ती संख्या विश्व के लिए संकट है। आतंकवाद इसके माध्यम से ससक्त होता है, साथ ही परमाणु शक्ति भी विश्व भर में खतरे का संकेत हैं। यह अत्यधिक खतरनाक शक्तियां है। 6 अगस्त 1945 की सुबह अमेरीकी वायु सेना ने जापान के शहर हिरोशिमा पर “लिटिल बॉय” परमाणु बम गिराया तथा इसके तीन दिन बाद नागासाकी पर “फैट मैन” परमाणु बम गिराया। जिसका दुष्परिणाम आज भी वहां देखा जा सकता है। परमाणु शक्ति से विश्व परिचित है इसलिए यह प्रावधान है कि, पाँच देशों के अनुमति के बिना, यह किसी भी देश द्वारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता है।
  • बड़े बड़े कारखाने – विज्ञान के मदद से, विश्व विकास के उच्च आयाम को प्राप्त कर चुँका है पर विश्व में विज्ञान के माध्यम से प्रदुषण भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहा है। कारखानों से निकता गैस, हवा को दुषित करता है। जीवाश्म ईंधन के निरंतर जलने से यह पर्यावरण पर अपना अनुचित प्रभाव छोड़ रहा है। जिसके वजह से ठण्ड के समय में दक्षिण एशिया पर इसका प्रभाव हम साफ तौर पर देख सकते हैं, जहां अनुमानित समय से कई अधिक समय तक, दूर-दूर तक धुंध फैला होता है।
  • यंत्र व उपकरण – हमारा काम आसान करने के लिए विज्ञान ने उपहार के रूप में हमें, यंत्र व उपकरण तो दिया है। जिसके वजह से यह कई लोगों का काम अकेला और कम समय में कर सकता है। पर इसके परिणाम स्वरूप बड़ी-बड़ी उद्योग कम्पनीयां 100 लोगों के स्थान पर एक मशीन का ही उपयोग कर रही हैं। जिससे रोजगार बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है और बेरोजगारी बढ़ी है।
  • कार, फ्रिज आदि – विज्ञान के सराहनीय अविष्कार जो हमारे दैनिक जीवन को सरल बनाते हैं जैसे कार, मोटर सायकिल, फ्रिज आदि इनसें निकलने वाले हानिकारक गैस हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं, तथा यह वातावरण के लिए भी श्राप हैं।

विज्ञान के चमत्कार से हमें अनेकों लाभ हैं। यह हमारे जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ आरामदायक भी बनाता है। पर जिस प्रकार हर सिक्के के दो पहलु होते हैं, उसी प्रकार विज्ञान के भी लाभ तथा हानि दोनों ही व्यक्ति और पर्यावरण को प्राभवित करते हैं।

विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर दीर्घ निबंध – 1450 शब्द

प्राचीन समय में मनुष्य एक खानाबदोश की तरह जीवन व्यतीत करता था, जब की आज वो एक सभ्य नागरिक में परिवर्तित हो गया है। यह सब केवल विज्ञान के उपयोग से ही संभव हो सका हैं। हमारे जीवन की हर घटना में विज्ञान शामिल है। हमारे दिनचर्या के सभी कार्यों से लेकर उपग्रह और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अविष्कार तक विज्ञान की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। अविष्कारों के विकासों से पहले का जीवन बहुत ही कठिन था। विकास में हुए कमी के कारण जीवन के हर काम में समय लगता था। बुद्धिमानों के दिमाग ने इन आवश्यकताओं को सुविधाओं में बदल दिया और इसे ही हम विज्ञान के नाम से जानते है।

विज्ञान एक अविरल जिज्ञासा है

हर दिन हमारे दिमाग में अलग-अलग सोच और विचार आते हैं। इन विचारों को अविष्कार में बदलने के लिए केवल एक चिंगारी की आवश्यकता होती है। विज्ञान का मूल अर्थ है जिज्ञासा का पालन करना। यह हमारे आस-पास घट रही विभिन्न घटनाओं को जानने के बारे में होती है। हमारे विचारों को खोज में परिवर्तित करने को ही विज्ञान कहा जाता है, जो हमारे विचारों और जिज्ञासाओं का उत्तर देती है।

जिज्ञासा और नई खोज हमें एक नई तकनीकी विकास की ओर ले जाती हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को और भी आसान और सुविधाजनक बना दिया है। विज्ञान ने हमारे जीवन की कई बड़ी जटिलताओं को आसान बना दिया है। विज्ञान प्रकृति और उनमें होने वाली घटनाओं, मौसम में विविधता और जलवायु परिस्थितियों और अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियां, इत्यादि सभी में मौजूद है। हमारे मन में उठाने वाले प्रत्येक सवालों का जबाब केवल विज्ञान के द्वारा ही संभव हो सकता है।

कंप्यूटर – विज्ञान का एक महान योगदान

इस वैज्ञानिक युग को कंप्यूटर युग के रूप में भी जाना जाता है, और कंप्यूटर विज्ञान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। चिकित्सा, कृषि, औद्योगिक क्षेत्र, शिक्षण, अनुसंधान, और विकास के हर क्षेत्र ने कंप्यूटर बहुत ही आवश्यक बन गया हैं। हम कंप्यूटर का उपयोग करके हम सभी संदेहों को दूर कर सकते हैं। यह केवल इस उपकरण के उपयोग के कारण ही संभव हो सका है, जिसने दुनिया को संचार के माध्यम से जोड़ा है और दुनिया में हो रही सभी घटनाओं की जानकारी को हम तक पहुंचाया है।

मोबाइल फोन और स्मार्ट कंप्यूटर को आजकल हर किसी के हाथों में देखा जा सकता है। तकनीकी प्रगति में विकास करके मोबाइल फोन का निर्माण किया गया है। ये बहुत ही उपयोगी हैं और इन्हें आसानी से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। इसके द्वारा किए गए अधिकतर कार्य जैसे – ब्राउज़िंग, मेल, सन्देश भेजना जैसे कई कार्यों को बहुत ही आसानी के साथ सेकंडों में किया जा सकता हैं। यह विज्ञान और विज्ञान के दृष्टिकोण के बिना संभव नहीं हो सकता है।

प्रौद्योगिकी के रूप में विज्ञान के लाभ

1. हमारे जीवन स्तर में सुधार

विज्ञान ने हमारे जीवन को एक सामान्य स्तर से एक शानदार और अच्छे स्तर तक ले आया है। विज्ञान के द्वारा ही हमें बहुत सारी सुविधाएं मिली हैं। पहले के दिनों में परिवहन के साधन सिमित थे और आज हमारे यहां हर घरों में कार या बाइक अवश्य ही होती है। टी.वी., होम थियेटर, लैपटॉप, फ्रिज, वासिंग-मशीन इत्यादि के आने से हमारे जीवन स्तर में बहुत बदलाव आये है।

2. हमारे दैनिक दिनचर्या में शामिल

पंखा, गीजर, फ्रिज, वाशिंग मशीन, टेलीविजन, गैस स्टोव इत्यादि का उपयोग मनुष्य अपने दैनिक जीवन में करता है, जो विज्ञान की अविश्वसनीय खोज के रूप में हैं। आज के दिनों में इन सभी तकनीकियों के बिना हम अपने जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते है। ये सभी चीजें हमारे दैनिक जीवन की जरुरत बन गयी हैं।

3. चिकित्सा विज्ञान और उपचार में

विभिन्न प्रकार के कई रोगों के लिए इलाज और दवाएं बाजारों में उपलब्ध हैं। मानव शरीर के विभिन्न रोगों के निदान के लिए विभिन्न मशीनें विकसित की गयी हैं। जिन रोगों का पहले निदान नहीं किया जा सकता था आज उन रोगों के निदान करना बहुत ही आसान हो गया है। विज्ञान ने ऐसी चीजों को संभव कर दिया हैं, जो एक समय में असंभव मानी जाती थी। विज्ञान के द्वारा ही कई प्रकार की पुरानी बीमारियों का इलाज संभव हो सका हैं।

4. सुगम संचार

आज लोग आसानी के साथ संदेश और मेल इत्यादि भेज सकते हैं। विज्ञान के द्वारा तकनीक कुछ इस कदर बढ़ी है कि एक देश में बैठा व्यक्ति दूसरे देशों के लोगों के साथ आसानी से संपर्क कर सकता है। यह व्यापार और दूसरे देशों से व्यवसाय करने के लिए सम्पर्क और संचार का एक सबसे बेहतर माध्यम बन चूका है। इसके द्वारा ही हमारे राष्ट्र की अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।

5. सीखने और सिखाने में सहायक

इस वैज्ञानिक युग में अनेको परिवर्तन हुए हैं। बोर्ड, चाक और डस्टर की जगह इसने स्मार्ट क्लास का रूप ले लिया हैं। उन छात्रों के लिए शिक्षा आसान हो गयी हैं, जो दूर क्षेत्रों में रहते हैं और कक्षाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाते हैं।

प्रौद्योगिकी के रुप में विज्ञान के नुकसान

1. पर्यावरणीय दुर्दशा या नुकसान

औद्योगिक क्षेत्रों और वाहनों से उत्पन्न धुएं और धूल, NOx, SOx जैसे गैसीय प्रदूषक, कारखानों से निकलने वाला अपशिष्ट हमारे पर्यावरण के लिए एक बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न कर रहे हैं। ये सभी हमारी हवा, पानी और गुणवत्ता को दिन-ओ-दिन खराब कर रही हैं। ये विभिन्न प्रकार के विकसित अविष्कार विज्ञान की देन हैं और अगर ये सभी हमारे पर्यावरण को नुकसान पंहुचा रहे हैं तो यह पूरी तरह से एक अभिशाप के रूप में हैं।

2. जीवन को समाप्त कर देने वाले हथियारों के निर्माण

विज्ञान और उसकी प्रौद्योगिकियों का नकारात्मक रूप से उपयोग कर जैविक हथियारों का निर्माण, पूरी दुनिया के विनास का कारण बन सकती है। प्रौद्योगिकियों का उपयोग आधुनिक हथियारों को बनाने के लिए किया जा सकता है, जो मानव के विनाश का कारण बन सकती है। यह मानव के अस्तित्व को धरती पर से पूरी तरह खत्म कर सकता हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम के विनासकारी प्रभाव आज तक देखे जा सकते हैं। यह भी विज्ञान की ही एक देन थी।

विज्ञान वरदान है या अभिशाप?

विज्ञान मनुष्यों के लिए एक वरदान के रूप में है। विज्ञान ने कई असंभव चीजों को संभव बना दिया है। इसके द्वारा ही आज विभिन्न तकनीकियों, अंतरिक्ष यान, उपग्रह और परमाणु अस्त्रों का विकास हुआ हैं। इसी तकनीक और विज्ञान ने मानव को चाँद और मंगल तक पंहुचा दिया है। पाषाण युग में जो मनुष्य थे, विज्ञान ने आज उन्हें आधुनिक मनुष्यों में बदल दिया है। देश को किसी भी प्रकार के खतरे से बचाने और रक्षा की नई प्रणाली और प्रौद्योगिकी का निर्माण विज्ञान के द्वारा ही संभव हो सका हैं।

विज्ञान ने वभिन्न प्रकार के विकासों और अविष्कारों को जन्म दिया है, जो मानव जाति के लिए बहुत ही उपयोगी है। लेकिन दूसरी तरफ इसके कई अभिशाप भी है, क्योंकि यह देखा गया है कि विज्ञान ने मनुष्यों को बहुत ही आलसी और स्वास्थ्य की कई समस्याओं से ग्रसित कर दिया है। मनुष्य अपने लाभ और जीवन को सरल बनाने के लिए विज्ञान का उपयोग करता है और उसी विज्ञान से खतरनाक हथियार और विनाशकारी बम बनाकर दूसरों का विनाश करता है, जो की कई निर्दोष लोगों की मृत्यु का कारण बनती है। विज्ञान के द्वारा एक ही समय में हम पर्यावरण की देखभाल और मानव जाति के लिए विज्ञान का उपयोग अच्छे तरीके से कर सकते है। विज्ञान के सही तरीके से उपयोग से हमें अच्छे परिणाम मिलेंगे, जबकि नकारात्मक तरीके से उपयोग प्रकृति और मानव जीवन के अंत और विनाशकारी हो सकता है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग मानव जाति के विकास में सहायता के रूप में किया जाना चाहिए। इससे मानव जाती के विकास में मदद मिलेगी। विज्ञान को हमारे ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। यदि विज्ञान मानव जाति पर हावी हुआ तो इसके विनाशकारी परिणाम देखने को मिलेंगे। इससे प्रकृति के साथ-साथ मानव जाती के ऊपर नकारात्मक प्रभाव और उनका विनाश तक देखने को मिल सकते है। मनुष्य स्वार्थी हो गया है और केवल अपने हित की सोचता है, जो की पर्यावरण की खराब दुर्दशा का कारण है।

FAQs: Frequently Asked Questions on Science is a Boon or Curse in Hindi

उत्तर – आदिमानव से आधुनिक मानव बनने और वर्तमान में मानव को इतना विकसित बनाने में विज्ञान की ही देन है।

उत्तर – यातायात, चिकित्सा क्षेत्र, बिजली, दूरसंचार, मनोरंजन, मोबाइल और कंप्यूटर आदि कई वैज्ञानिक आविष्कार हमारे लिए वरदान हैं।

उत्तर – विज्ञान के गलत इस्तेमाल से बनाए गए परमाणु बम एवं अन्य खतरनाक हथियार मानवजाति का अंत कर सकते है।

उत्तर – विज्ञान ने मानवजाति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई परन्तु इसके दुरुपयोग ने पर्यावरण पर बुरा असर डाला है।

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  • निबंध ( Hindi Essay)

essay on science boon or curse in hindi

Science Boon or Curse Essay in Hindi

जैसा कि हम सब जानते हैं विज्ञान हमारे लिए एक वरदान साबित हुआ है परंतु किसी भी चीज के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार विज्ञान अगर मनुष्य के लिए अच्छा है तो यह खतरा भी साबित हो सकता है। प्राचीन समय में जिस प्रकार मनुष्य का जीवन था, उस समय विज्ञान को अपनाना एक बहुत ही समझदारी का कार्य था। विदेशों (Science Boon Or Curse Essay in Hindi) में मनुष्य ने दिमाग लगाकर विज्ञान की मदद से हर चीज को एक सुंदर अविष्कार में बदल दिया। मनुष्य के लिए विज्ञान बहुत ही लाभकारी रहा है। विज्ञान जिस प्रकार अपने स्तर को बढ़ाता गया है लोग हर क्षेत्र में विज्ञान को ला रहे हैं। किसी भी चीज का अधिक उपयोग घातक रूप दिखाने लगता है उसी प्रकार विज्ञान को अगर हद में उपयोग किया जाए तो वह सही है परंतु अगर अति उपयोग किया जाए तो यह भी हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

Table of Contents

विज्ञान एक वरदान:-

विज्ञान मनुष्य के लिए एक वरदान बनकर आया। विज्ञान की मदद से आज मनुष्य का जीवन कितना ज्यादा आसान हो गया है यह हम सब देख सकते हैं। आज कोई भी कार्य बिना विज्ञान के आविष्कार के किया जाना असंम्भव हो गया है। विज्ञान की मदद से आज हर देश ऊंचाइयों को छू रहा है। इस पृथ्वी का विकास विज्ञान के कारण ही संभव हुआ है और विज्ञान से ही यह आगे बढ़ रहा है। विज्ञान के द्वारा हमें वह मूल्यवान वस्तु प्राप्त हुई है जिसकी कल्पना प्राचीन काल के लोग अपने सपने में भी नहीं कर सकती थे। विज्ञान (Science Boon Or Curse Essay in Hindi) हर मनुष्य के लिए एक वरदान बनकर आया है विज्ञान का योगदान हमारे सराहनीय है। विज्ञान के मदत से लोग आज हर क्षेत्र में ऊंचे ऊंचे शिखर को छू रहे हैं साथ ही विज्ञान से आज लोगों को कई सारी सीख मिल रही है। विज्ञान के कारण लोगों की मानसिकता भी बदलती नजर आ रही है इस देश और दुनिया में आगे बढ़ने का रास्ता भी विज्ञान द्वारा ही देखा जा सकता है। विज्ञान का लक्ष्य केवल मनुष्य की सहायता करना ही रहा है।

चिकित्सा क्षेत्र में विज्ञान:-

विज्ञान का क्षेत्र हर दिशा में फैला हुआ है परंतु विज्ञान की मदद से सबसे ज्यादा चिकित्सा क्षेत्र में सफलता मिली है बड़े-बड़े रोगों का इलाज विज्ञान के मदद से संभव हो गया है। पहले के समय में बड़ी-बड़ी बीमारियों का इलाज नहीं हो पाता था क्योंकि छोटे-मोटे इलाज के लिए औषधि का उपयोग कर दिया जाता था परंतु यह हर बीमारी में काम नहीं आ पाती थी विज्ञान के मदद से कई सारे फॉर्मूला को बनाते हुए दवाइयों (Science Boon Or Curse Essay in Hindi) का आविष्कार किया गया और इसके साथ साथ कम समय में बीमारी का पता लगाने के लिए कई सारी मशीनों को बनाया गया। मनुष्य को देखकर किसी भी बीमारी का पता नहीं लगाया जा सकता इसलिए एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जैसे मशीन मनुष्य के लिए दिव्य वरदान साबित हुई। इन सभी से अंदरूनी रोग आसानी से पता लगाया जा सकता हैं और समय पर इसका इलाज चिकित्सक द्वारा किया जा सकता है।

विज्ञान एक अभिशाप :-

विज्ञान हमारे लिए जिस प्रकार वरदान है उसी प्रकार विज्ञान ने मनुष्य के लिए नर्क का द्वार भी खोल दिया है मेरा मतलब है कि विज्ञान के कारण लोगों को अनेक से सुविधाएं तो मिली है परंतु इसका उपयोग अधिक करने से कई सारे खतरों का सामना भी करना पड़ रहा है। विज्ञान की मदद से बहुत सारी शक्तिशाली परमाणु बम जैसे विस्फोटक यंत्र बनाए गए है जो कि हमारे मनुष्य जीवन के लिए विनाशकारी शक्तियों में से एक है। उसी प्रकार नई नई मशीनों की आ जाने से लोगों (Science Boon Or Curse Essay in Hindi) की मांग कम हो गई है और आज के समय में हस्तकला को कोई भी मान्यता नहीं दे पा रहा है। लोग अपने जीवन को विज्ञान में कुछ इस प्रकार बांध दिए हैं जिसके मदद से लोगों का जीवन आसान हो गया है परंतु वह इन सभी चीजों का इस्तेमाल करके आलसी होते जा रहे हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पहले के समय में लोग सबसे ज्यादा कार्य करते थे धीरे-धीरे विज्ञान से मदद से यह सब आसान बनता गया और आज लोगों को अपना सारा कार्य मशीनों पर सौंप देते हैं और कठिन कार्य करने से पीछे हट जाते हैं, यही कारण है कि आज मनुष्य बहुत ही कमजोर बन गए हैं।

भविष्य में विज्ञान का प्रभाव:-

आज विज्ञान की मदद से कई सारे यंत्र और सुविधाएं लाई गई है जो कि मनुष्य के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी है इसके साथ ही विज्ञान द्वारा आविष्कार किया गया एक अद्भुत मनुष्य की तरह दिखने वाला रोबोट बनाया गया है जो कि एक मनुष्य की तरह दिखता है और कार्य करता है इसके साथ ही मनुष्य के जैसे बात करने वाला दिमाग भी इनके अंदर डाल दिया गया है विज्ञान का यह चमत्कार देखकर लोग बहुत ही अचंभित रह गए। हालांकि यह बहुत ही अद्भुत आविष्कार है परंतु क्या आपने सोचा है कि यह भविष्य में जाकर कितना खतरनाक साबित हो सकता है। अगर इसी के जैसे बहुत सारे रोबोट बना दिए गए और उनके अंदर भी मनुष्य की तरह दिमाग और सोचने की शक्ति होगी तो वह अपने जैसे अनेक सारे रोबोट इस धरती पर बना देंगे और मनुष्य के लिए धरती पर कोई जगह नहीं रहेगी। यह धीरे-धीरे मनुष्य के ऊपर हावी हो सकते हैं। इसी प्रकार विज्ञान का आविष्कार किसी किसी क्षेत्रों में अभिशाप का रूप ले रहा है। अगर इसका इस्तेमाल सिर्फ लाभकारी कार्यों में किया जाए तो विज्ञान इस धरती पर बना रह सकता है और मनुषये से इससे कोई खतरा भी नहीं।

विज्ञान मनुष्य के लिए जितना ज्यादा अच्छा है उतना ही ज्यादा खतरनाक भी है विज्ञान को अलग-अलग रूप में अपनाना वैज्ञानिक का कार्य होता है परंतु उनकी छोटी सी गलती भी दुनिया के लिए खतरनाक साबित हो सकती है चिकित्सा क्षेत्र को ले या फिर दूसरे क्षेत्रों में विज्ञान का आविष्कार सदैव ही बना रहता है और इसमें ध्यान देने की बहुत ही आवश्यकता होती है। आज के समय में विज्ञान क्षेत्र में तरक्की करता जा रहा है परंतु इसका उपयोग जब तक सरलता पूर्वक हो रहा है तब तक यह सही है अधिक उपयोग से विज्ञान मनुष्य पर हावी हो सकता है और इन सब को ध्यान में रखते हुए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है।

1.प्रश्न:- विज्ञान से मनुष्यो को कितनी मदद मिली है?

उत्तर:- आज व्यक्ति कहीं आ जा पा रहे है तो ये विज्ञान के कारण ही संभव हुआ है, विज्ञान से मनुष्य को बहुत सहायता मिली है।

2.प्रश्न:- क्या हर व्यक्ति विज्ञान को मानता है?

उत्तर:- विज्ञान को मानने वाले हर व्यक्ति का मस्तिष्क बहुत ही साफ होता है हालाकि जो व्यक्ति पुराने खयालात से ताल्लुक रखते है वो कई बातों में विज्ञान को मानने से इंकार कर देते है।

3.प्रश्न:- प्राचीन समय में विज्ञान क्यूं नहीं था?

उत्तर:-  ऐसा कहा नहीं जा सकता की प्राचीन समय में विज्ञान नहीं हुआ करता था, यह केवल मानवीय मस्तिष्क है जो विज्ञान को इस धरती पर लाने के लिए अनेक प्रयास किए और उसपे सफलता पाए।

4.प्रश :- विज्ञान एक वरदान है! स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:-।  विज्ञान मनुष्यो के लिए एक वरदान बनकर आया क्युकी इससे पहले मनुष्य को अपने जीवन शैली चलाने के लिए अनेक क्रिया करनी पड़ती थी। परंतु विज्ञान के आ जाने से सब आसान हो गया।

5.प्रश्न:- विज्ञान एक अभिशाप कैसे?

उत्तर:-   किसी भी चीज का उपयोग अगर सही हो रहा है तो वह हमारे लिए वरदान है परंतु अधिक उपयोग से यह भयानक रूप ले सकता है। इसी प्रकार विज्ञान का अधिक उपयोग मनुष्यो के लिए ही घातक हो सकता है।

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध  हिंदी में ||Essay on Science Boon or curse in Hindi

  • August 3, 2023

विज्ञान वरदान या अभिशाप 

विज्ञान वह शक्ति है जो निरंतर नए-नए आविष्कार करते रहती है। विज्ञान के साथ मानव जीवन का घनिष्ठ संबंध है। आधुनिक युग विज्ञान का युग कहा जाता है। विज्ञान ने मनुष्य को इतने सुख प्रदान किए हैं कि विज्ञान के बिना मनुष्य जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता है। विज्ञान ने  अपने आविष्कारों से 'समय' और 'दूरी' पर अधिकार कर लिया है। आज विज्ञान द्वारा रेल, मोटर, जलयान, वायुयान, अंतरिक्ष यान, दो एवं चार चक्के वाले वाहन, बनाए जा चुके हैं। जिसके कारण दूरियां कम गई है। जिन स्थानों की यात्रा मनुष्य महीनों और वर्षों के श्रम के बाद पूरी करता था‌ अब इन स्थानों की यात्रा  घंटों और मिनटों में पूरी हो जातीहै। इसके साथ ही विज्ञान ने मनुष्य को कई मनोरंजन के साधन भी प्रदान किए हैं।

आधुनिक युग में मनुष्य वैज्ञानिक सुख– सुविधाओं का इतना अदि हो गया है, कि इस के बिना उनके जीवन का कोई अस्तित्व ही नहीं रह गया है। विज्ञान के बिना मनुष्य जीवन जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता है। विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को सुंदर और दीर्घ बना दिया है। विज्ञान की सहायता से ही हम अपने से दूर व्यक्ति को अपने पास होने का एहसास कर सकते हैं। विज्ञान ने कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़कर हमारे जीवन को बहुत सुविधाजनक बना दिया है। हम घर बैठे– बैठे ही देश–विदेश की जानकारियां आसानी से प्राप्त कर सकते है। कंप्यूटर और स्मार्टफोन उपयोग करने का हमें इतना आदत लग चुका है कि इसके बिना हमें अपना जीवन अधूरा प्रतीत होता है। घर बैठे ही बच्चे कंप्यूटर और स्मार्टफोन की सहायता से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। परंतु आधुनिक युग में विज्ञानिक उपकरणों के बढ़ते हुए उपयोगिता के कारण विज्ञान मानव जीवन में वरदान के साथ-साथ अभिशाप भी सिद्ध हो रहा है। क्योंकि एक ओर जहां मनुष्य विज्ञान का उपयोग अपने हित में कर रहा है वहीं दूसरी ओर भयंकर विनाशकारी अस्त्र-शस्त्रों के निर्माण हो जाने के कारण मानव जीवन खतरे में फंसता चला जा रहा है।

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विज्ञान से लाभ।

" मनुष्य के अनुभव एवं अवलोकन से प्राप्त क्रमबद्ध एवं सुसंगठित ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। " 'विज्ञान' शब्द का अर्थ है–" विशेष ज्ञान" । मनुष्य आदि काल से ही नए-नए आविष्कार करता आया है। आज हम जिस युग में जी रहे हैं वह विज्ञान का युग है।

 विज्ञान ने अंधे को आंखें दी है। बहरों को सुनने की ताकत दी है। लाइलाज रोगों पर रोकथाम की है। विज्ञान की सहायता से आधुनिक युग बटन युग बन गया है। बिना किसी परिश्रम के बटन दबाते ही वायु देवता हमारी सेवा करने लगते हैं। बटन दबाते ही प्रकाश  जगमगाने लगता है। तो कहीं शीत–उष्ण वायु के झोंके सुख देने लगते हैं। विज्ञान ने विद्युत का आविष्कार कर के मानव जीवन में नई क्रांति ला दी है। विद्युत ने मानव को प्रकाश और शक्ति प्रदान की जिससे वह अनेक यंत्रों को चलाने में सफल रहा है। दूरियों को कम करने के लिए विज्ञान ने बस, रेलगाड़ी, वायुयान, आदि बाहनो का निर्माण कर मनुष्य के जीवन की कीमती समयों को बचाया है। जिस स्थानों पर पहुंचने में कई दिन लग जाते थे अब उस स्थान पर मनुष्य घंटों या मिनटो में पहुंच जाता है। विज्ञान ने मनुष्य को मनोरंजन तथा अपने से दूर व्यक्ति से संपर्क के लिए कई साधन उपलब्ध कराए हैं। टी० वी०, रेडियो, कैमरा, कंप्यूटर आदि में मनुष्य की मनोरंजन के सभी साधन कैद है। स्मार्टफोन और कंप्यूटर द्वारा हम अपने से दूर व्यक्ति को देख भी सकते हैं और बात भी कर सकते हैं। स्मार्टफोन और कंप्यूटर द्वारा हम उन लोगों से अपनी जान पहचान बना लेते हैं जिनसे हम कभी मिले भी नहीं होते हैं। विज्ञान की सहायता से समुंद्र की गहराइयां और आकाश की ऊंचाई माप ली गई है। विज्ञान ने मनुष्य को सुख सुविधा की कई साधन उपलब्ध कराए हैं। उनमें कंप्यूटर का भी मनुष्य के जीवन में विशिष्ट स्थान है। कंप्यूटर से घंटो का काम मिनटों या सेकंड में हो जाता है।  कंप्यूटर के अभाव में मनुष्य को किसी काम के लिए को घंटों लाइन में लगना पड़ता था। कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की ही उपज है, किन्तु मानव मस्तिष्क की अपेक्षा इसमें सोचने की क्षमता कई लाख गुना अधिक है। कंप्यूटर मनुष्य के लिए प्राय: सभी क्षेत्र में सर्वाधिक उपयोगी है। शिक्षा का क्षेत्र हो या कृषि का या उद्योग का मानव जीवन के लिए विज्ञान अत्यधिक उपयोगी सिद्ध होता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि विज्ञान 'सचमुच' हमारे लिए वरदान है। 

विज्ञान से हानि।

यह तो सर्वमान्य हैं कि विज्ञान ने मानव को आवश्यकतानुसार बहुत अधिक सुख सुविधाएं प्रदान की है। मानव जीवन से संबंध समस्त घटनाओं में यहीं तथ्य परिलक्षित होता है। विज्ञान ने जहां मनुष्य की सुख–सुविधा की सारी साधन जुटाए हैं। वही मनुष्य को विनाश के रास्ते पर भी ला खड़ा कर दिया है।

विज्ञान द्वारा प्राप्त सुख सुविधा का मनुष्य इतना आदि हो गया है कि वह अपने आप को आलसी बना लिया है। वह एक स्थान पर बैठे-बैठे अपना सारा काम कर लेता है। कंप्यूटर और स्मार्टफोन में अपना अधिक समय व्यतीत करने के कारण मनुष्य को कई प्रकार की बीमारियां हो जाती है। लंबे समय तक कंप्यूटर या स्मार्टफोन चलाने के कारण आंखों में बुरा प्रभाव पड़ता है तथा नशे जाम होने लगती है कमर दर्द करने लगता है। इस प्रकार अच्छा खासा मनुष्य रोगी बन जाता है। आजकल अत्यधिकतर मनुष्य अपने स्मार्टफोन में व्यस्त रहता है। इसके कारण वह अपने रिश्तेदारों दोस्तों या अपने परिवारों के साथ अत्यधिक समय व्यतीत नहीं कर पाता है। जिसके कारण रिश्तो में दूरियां आने लगती है। विज्ञान के द्वारा मनुष्यों ने अन्नू बम, परमाणु बम, तथा अन्य ध्वंसकारी अस्त्र–शास्त्रों का निर्माण कर लिया है। विज्ञानिकों के अनुसार अब दुनिया में इतनी विनाशकारी सामग्री का निर्माण हो चुका है जिसकी सहायता से पृथ्वी को अनेकों बार नष्ट किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रदूषण की समस्या बहुत बुरी तरह से हमारे बीच फैल गई है। आधुनिक युग में स्वास्थ्य का सबसे ज्यादा खतरा प्रदूषण से है। नित्य नए असाध्य रोग उत्पन्न होते जा रहे हैं। जो वैज्ञानिक उपकरणों के अंधाधुंध प्रयोग करने के दुष्परिणाम है। 

वैज्ञानिक प्रगति का सबसे ज्यादा दुष्परिणाम मानव मस्तिष्क पर हुआ है। जो मनुष्य पहले नि:स्वार्थी, भोला, मस्त और बेपरवाह था। वह मनुष्य अब स्वार्थी, चलाक, लालची, छली–कपटी, झूठा, भौतिकवादी तथा तनावग्रस्त हो गया है। मनुष्य एक– दूसरे का जानी दुश्मन बन बैठा है। समाज से भाईचारे जैसी अवधारणा खत्म हो गई है। मनुष्य बस धन अर्जित करने में जुट गए हैं।

वास्तव में विज्ञान को वरदान या अभिशाप बनाने वाला मनुष्य है। यदि हम  वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग मानव कल्याण के लिए करे तो वह हमारे लिए वरदान सिद्ध होता है। इसके विपरीत इन उपकरणों का मानव जीवन में गलत उद्देश्य को पूरा करने के लिए किया जाए तो वह हमारे लिए अभिशाप बन जाता है। इसलिए हमें विज्ञान को अभिशाप से बचाना चाहिए इसकी शक्ति को जन कल्याणकारी कार्यों में लगाना चाहिए। हमें वैज्ञानिक उपकरणों का अंधाधुन उपयोग नहीं करना चाहिए। तभी विज्ञान हमारे लिए वरदान सिद्ध होगा।

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध-Essay On Science Boon Or Curse In Hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध (essay on science boon or curse in hindi) :.

essay on science boon or curse in hindi

भूमिका : आज का युग विज्ञान का युग है। आज के वैज्ञानिक युग ने मनुष्य के जीवन में बहुत ही प्रभाव उत्पन्न किया है। आज मनुष्य के जीवन में जितनी भी गतिविधियाँ हो रही हैं वो सब विज्ञान की वजह से ही संभव हो पायी हैं। आज के समय में पुराने रहस्यों को भी खोज लिया गया है आज विज्ञान की वजह से ही आकाश की उंचाईयों से लेकर पाताल की गहराईयों को नापना संभव हो पाया है।

मनुष्य ने जो प्रगति की है उसका इतिहास इस बात का साक्षी है कि वह किसी समय जानवरों जैसा जीवन जीता था। गुफाओं में रहता था, कच्चा मांस और फल सब्जियां खाता था, पेड़ों और पौधों की पत्तियों और छालों को कपड़े की तरह पहनता था। धीरे-धीरे उसने आग जलाना सिखा और वहाँ से वह निरंतर आगे बढ़ता चला गया और आधुनिक युग में बहुत आगे बढ़ता चला गया है।

विज्ञान की वजह से मनुष्य जीवन हर तरह से बदल गया है। विज्ञान की वजह से ही मनुष्य आज इतनी ऊँचाईयों पर पहुंच पाया है। विज्ञान सुखों के लिए दुःख से जुडकर उसे वरदान और अभिशाप दोनों की तरह प्रस्तुत हुआ है।

विज्ञान का अर्थ : विज्ञान का अर्थ होता है- विशिष्ट ज्ञान। अथार्त किसी वस्तु या विषय के बारे में विशेष और व्यवस्थित ज्ञान होना। जब किसी के पास विशेष ज्ञान होता है तभी विशेष काम किये जाते हैं। विज्ञान शब्द दर्शन और साहित्य के क्षेत्र में भी अर्थ दे सकता है क्योंकि किसी भी विषय का विशिष्ट ज्ञान होना ही विज्ञान कहलाता है।

आज तक जो भी तरह-तरह के अविष्कार और खोज हुई हैं वे सब विज्ञान के ही परिणाम थे। विज्ञान का हमारे जीवन में इतना महत्व हो गया है कि हम सोते-जागते विज्ञान के आविष्कारों को अपने पास देखते हैं और उन्हें प्रयोग में लाते हैं।

आज के समय में जिस मनुष्य के पास विज्ञान है उसका जीवन सभ्य है लेकिन जिसके पास विज्ञान नहीं है उसका जीवन निरर्थक है। विज्ञान ने अपने बल पर पूरे  संसार को एक परिवार बना दिया है आज के समय में ऐसी कोई जगह नहीं है जहाँ पर इसके उपकरण उपलब्ध न हों।

विज्ञान के लाभ : विज्ञान की वजह से मनुष्य जीवन आज बहुत ही सुखमय हो गया है। आज के समय में विज्ञान मनुष्य के जीवन से जुड़ गया है जिसके बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है। विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को सरल और सुखमय बनाने के लिए बहुत से आविष्कार किये हैं जैसे खेती को सरल बनाने के लिए हैकर, ट्रैक्टर, क्म्पाइन जैसी मशीने, घरेलू कामों को सुखमय बनाने के लिए प्रेस, फ्रिज, मिक्सी जैसी मशीनों का आविष्कार किया है।

कोई ऐसा समय था जब लोगों के अकाल से मरने की खबर को बहुत सुना जाता है लेकिन विज्ञान की वजह से आज के समय में शायद ही कोई ऐसी खबर सुनने को मिलती है जिसमें लोग भूख से मरते हैं। पहले लोग पेड़-पौधों की पत्तियों और जानवरों की खाल से अपने शरीर को ढकते थे लेकिन आज के समय में सभी के पास अपने शरीर को ढकने के लिए कपड़े हैं।

पहले लोग प्लेग, मलेरिया, डेंगू, हैजा जैसी बीमारियों  से ग्रस्त होकर मर जाते थे लेकिन आज के समय में विज्ञान ने इस सब बीमारियों  को अपने नियंत्रण में कर लिया है। विज्ञान की वजह से हमारे दैनिक जीवन की सुख-सुविधाओं का भी आयोजन हो पाया है।

आज के समय में दुश्मनों से अपनी रक्षा करने के लिए बहुत से साधन उपलब्ध हैं। आज के वैज्ञानिक युग में हमारे लिए सुईं से लेकर बड़े-बड़े जहाजों, ट्रेनों, विमानों और कृत्रिम गृह तक बनाए जा चुके हैं। इन सब का उपयोग हम प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करते हैं।

विज्ञान का प्रयोग : विज्ञान का प्रयोग हर क्षेत्र में किया जाता है। आज के समय में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ पर विज्ञान का प्रयोग नहीं होता है। विज्ञान के साधन को हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। मानव जीवन के क्षेत्र में विज्ञान एक वरदान की तरह है जिसे वह अपने जीवन में प्रयोग करता है।

1. संचार के क्षेत्र में : संचार के क्षेत्र में विज्ञान की वजह से बेतार के तार देना संभव हो पाया है। विज्ञान की वजह से ही टीवी, रेडियो, तार, टेलीफोन, फैक्स, इमेल और मोबाईलफोन आदि के आविष्कार की वजह से ही आज समाचार एक पल में एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकता है। जितने भी कृत्रिम उपगृह हैं उन्होंने इस दिशा में और अधिक सफलता प्राप्त की है और नई-नई खबरें पल भर में प्राप्त हो जाती हैं।

2. यातायात के क्षेत्र में : पहले समय में मनुष्य को लंबी और दूर की यात्रा को पूरा करने के लिए वर्षों लग जाते थे लेकिन विज्ञान की मदद से आज मनुष्य ट्रेन, मोटर, पानी के जहाज, हवाई जहाज से दूर-से-दूर की यात्रा को बहुत ही जल्दी पूरा कर लेते हैं। यातायात में उन्नति होने की वजह से व्यापार के क्षेत्र में भी उन्नति हुई है। आज विज्ञान की वजह से ही व्यापार अपनी असीम उंचाईयों तक पहुंच पाया है।

3. दैनिक जीवन में : आज विज्ञान की वजह से मनुष्य की दैनिक जिन्दगी और अधिक सुखमय हो गई है। विज्ञान की वजह से कपड़े धोना, प्रेस करना, भोजन पकाना, सर्दियों में गर्मी और गर्मियों में सर्दी महसूस कराना, गर्मियों में ठंडा पानी करना जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हो पायी हैं। विज्ञान की वजह से ही सर्दी और गर्मी दोनों से ही हमारी रक्षा होती है। आज की सारी औद्योगिक प्रगति इसी पर निर्भर करती है।

4. औषधीय क्षेत्र में : जिस तरह से मनुष्य ने विज्ञान के क्षेत्र में नए-नए आविष्कार किये हैं उसी तरह से मानव समाज ने नए-नए रोगों को भी प्राप्त किया है। आज मनुष्य भयानक और संक्रामक रोगों से ग्रस्त होने के बाद भी मौत के मुंह से बच जाता है इन सब का श्रेय विज्ञान को ही जाता है।

विज्ञान की वजह से ही एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड टेस्ट, एंजियोग्राफी, कैट स्केन, सिटी स्कैन जैसी मशीनों की वजह से शरीर के अंदर के रोगों के बारे में पता लगाया जा सकता हैऔर उस रोग का तुरंत उपचार करना भी संभव हो जाता है। विज्ञान की वजह से ही अंधों को आँखें और बहरों को कान और अंगहीनों को अंग देना संभव हो सका है।

5. औद्योगिक क्षेत्र में : विज्ञान के कारण ही औद्योगिक क्षेत्र की बड़ी-बड़ी मशीनों का निर्माण करना संभव हो पाया है। विज्ञान के कारण कल कारखानों का निर्माण किया गया जिससे मेहनत, समय और धन की बचत होने के साथ-साथ उसका सही मात्रा में उत्पादन भी हो सके। इसकी वजह से लोगों को वस्तुएँ सस्ते मूल्यों में उपलब्ध करायी जा सकती हैं।

6. कृषि क्षेत्र में :  जिस देश की जनसंख्या 121 करोड़ से भी अधिक है अगर वो आज कृषि के क्षेत्र में अग्रसर हो पाया है तो यह विज्ञान की वजह से ही हुआ है। विज्ञान की वजह से ही किसान को उत्तम बीज, विकसित तकनीक, रासायनिक खाद, कीटनाशक, ट्रैक्टर और बिजली मिली है जिसकी वजह से कृषि को करना सरल हो गया है।

छोटे-छोटे बांधों की सहायता से नहरों को निकालना भी विज्ञान के कारण ही संभव हो पाया है जिसकी वजह से किसानों को कृषि में सहायता के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार पानी मिल सके।

7. शिक्षा के क्षेत्र में : शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान ने अपने आविष्कारों जैसे- इंटरनेट, कंप्यूटर से बहुत बड़ा योगदान दिया है। विज्ञान की वजह से ही शिक्षा के क्षेत्र में मुद्रा के यंत्रों का आविष्कार होना संभव हो पाया है। आज मुद्रण यंत्रों की वजह से ही पुस्तकों को छापना संभव हुआ है। इसके अलावा समाचार-पत्रों, पत्र-पत्रिकाओं और किताबों को छापना संभव हो पाया है। मुद्रण यंत्रों की वजह से जो क्रांति हुई है वह घर-घर पहुंचकर लोगों के ज्ञान में वृद्धि कर रही है।

8. मनोरंजन के क्षेत्र में : विज्ञान के कारण ही आज मनोरंजन के अनेक साधन जैसे- टीवी, रेडियो, चलचित्र का आविष्कार होना संभव हुआ है। विज्ञान ने ही मनुष्य को सस्ता और सुलभ साधन दिया है।

वरदान के रूप में : विज्ञान एक वरदान होता है। विज्ञान उस नौकर की तरह होता है जिससे मनुष्य कुछ भी करवा सकता है और आवश्यकता के अनुसार उसके साथ कुछ भी कर सकता है। आज के मनुष्य का पूरा जीवन विज्ञान के वरदानों के आलोक से ही तो आलोकित है।

सुबह से लेकर शाम तक हम जो भी काम करते हैं वो सब सिर्फ विज्ञान के साधनों की वजह से ही संचालित होते हैं। जिन साधनों का प्रयोग हम अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करते हैं वे सभी हमें विज्ञान के वरदान के रूप में प्राप्त हुए हैं। इसी वजह से कहा जाता है कि जो मनुष्य अनुभवी होता है वह विज्ञान के माध्यम से प्रकृति पर जीत प्राप्त कर सकता है।

आज के समय में रोज नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। आज के समय में मनुष्य जितने भी साधनों का प्रयोग करता है वो सभी विज्ञान ने ही हमें दिए हैं।

आधुनिक युग : आज का युग बटन का युग है। आज के समय में विज्ञान की सहायता से बटन दबाने से पंखा चल जाता है और हमें शीतल हवा प्रदान करता है। अगर आप दुबारा बटन दबाते हैं तो पंखा बंद हो जाता है। आपके बस बटन दबाने की वजह से ही टीवी चल जाता है और अपने पर्दे पर सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। टीवी से किसी गायक की सुंदर आवाज को आसानी से सुना जा सकता है। हम लोग गायक को देख भी सकते हैं और उसके गीतों का आनंद भी ले सकते हैं।

विज्ञान की हानियाँ : विज्ञान ने जहाँ पर मनुष्य के जीवन को इतने लाभ दिए हैं वहीं पर हानियाँ भी दी हैं। जहाँ विज्ञान ने मनुष्य जीवन को सभ्य और सहज बनाया है वहीं पर बंदूकों, बम्बों, मिसाइलों और जहरीली गैसों की वजह से मनुष्य के जीवन को बहुत भारी नुकसान भी पहुंचाया है।

विज्ञान ने मनुष्य को अपने भविष्य के प्रति भयभीत कर दिया है। आज के समय में पूरा विश्व एटम बम्बों और मिसाइलों के डर से कांप रहा है। इन सब की वजह से प्रदूषण में वृद्धि हुई है और वायुमण्डल की ओजोनमंडल को भी बहुत नुकसान पहुँचा है।

अभिशाप के रूप में : विज्ञान का एक पक्ष वरदान है तो एक पक्ष अभिशाप भी है। विज्ञान एक ऐसा साधन है जिससे असीम शक्ति प्राप्त की जा सकती है। मनुष्य जिस तरह से चाहता है उस तरह से इसका प्रयोग कर सकता है। सभी को पता है कि विज्ञान में दैवीय शक्ति के साथ-साथ असुरी शक्ति भी है।

जब किसी मनुष्य की दैवीय शक्ति प्रबल होती है तो वह लोगों के हित के लिए काम करता है। लेकिन जब किसी मनुष्य में राक्षसी शक्ति प्रबल होती है तो वह हिंसक हो जाता है उसी तरह से विज्ञान की राक्षसी शक्ति विध्वंसक और संहारक शक्ति का रूप ले लेती है। जो गत विश्व युद्ध हुआ था उससे लेकर अब तक मनुष्य ने विज्ञान में बहुत उन्नति की है तो यह कहना यथार्त है कि विज्ञान की विध्वंसक शक्ति और अधिक बढ़ गई होगी।

विज्ञान ने विध्वंसक तरीकों के अलावा भी अन्य कई तरीकों से मनुष्य को नुकसान पहुंचाया है। विज्ञान ने भौतिकवादी प्रवृति को प्रेरणा दी है जिसकी वजह से धर्म और अध्यात्म से जो भी संबंधित विश्वास होते हैं वो थोथे और खोखले नजर आते हैं। मानव जीवन के जो भी पारस्परिक संबंध होते हैं वो कमजोर होने लगते हैं।

आज के विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन और अधिक खतरों से भर गया है। विज्ञान के वरदान मशीनों ने अगर मनुष्य को सुख के साधन उपलब्ध कराये हैं तो साथ ही साथ उसके रोजगार को भी छीन लिया है। बिजली विज्ञान की एक महान देन है लेकिन बिजली का एक झटका ही मनुष्य की जान ले लेता है।

जिस तरह से रोज विज्ञान के आविष्कार हो रहे हैं उस तरीके से मनुष्य पर्यावरण असंतुलित होता जा रहा है। मनुष्य जीवन में सुख सुविधाओं की वजह से मनुष्य आलसी और आराम लेने वाला बन गया है जिसकी वजह से उसकी शारीरिक शक्ति खत्म होती जा रही है। इस वजह से नए-नए रोग उत्पन्न हो रहे हैं और मनुष्य में सर्दी और गर्मी सहने की शक्ति कम होती जा रही है।

उपसंहार : जहाँ पर विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान साबित हुआ है वहीं पर अभिशाप भी शाबित होता है। यह बात मनुष्य पर निर्भर करती है कि वह उसका प्रयोग वरदान के रूप में करता है या फिर अभिशाप के रूप में। विज्ञान एक तलवार की तरह होता है जिससे मनुष्य की रक्षा भी की जा सकती है और अपने आप को हानि भी पहुंचाई जा सकती है।

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essay on science boon or curse in hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | essay on science blessing or curse in hindi

समय समय पर हमें छोटी कक्षाओं में या बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने को दिए जाते हैं। निबंध हमारे जीवन के विचारों एवं क्रियाकलापों से जुड़े होते है। आज hindiamrit.com   आपको निबंध की श्रृंखला में  विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | essay on science blessing or curse in hindi पर निबंध प्रस्तुत करता है।

इस निबंध के अन्य शीर्षक / नाम

(1) वैज्ञानिक प्रगति और मानव जीवन (2) राष्ट्र के विकास में विज्ञान और उसकी उपयोगिता (3) राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में विज्ञान और उसकी उपयोगिता

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पहले जान लेते है विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | essay on science blessing or curse in hindi  पर निबंध की रूपरेखा ।

निबंध की रूपरेखा

(1) प्रस्तावना (2) यंत्र विज्ञान की देन (3) मनोरंजन एवं ज्ञानवृद्धि (4) मौसम विज्ञान एवं अंतरिक्ष विज्ञान (5) औषधि विज्ञान एवं सर्जरी की देन (6) मानव कल्याण (7) भारत की आधुनिक उपलब्धियाँ (8) उपसंहार

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“जीवन आजकल विज्ञान के आविष्कारों से नियन्त्रित होता है। जीवन में उनके अनुसार परिवर्तन होता है, और उनके बिना जीवन के अस्तित्व की कल्पना करना कठिन है।”       – पं० जवाहरलाल नेहरू

विज्ञान ने मानव जीवन की काया पलट कर दी है। जो मनुष्य पहले बनों में रहता था, गुफाएँ जिसका घर थीं, वृक्षों की छाल ही जिसके वस्त्र थे, वही मनुष्य आज विशाल अट्टालिकाओं में रहता है, तीव्रगामी वाहनों में यात्रा करता है, बड़े-बड़े भयंकर रोगों से लड़ सकता है, यहाँ तक कि चन्द्रमा और मंगल ग्रह की यात्रा करने की भी शक्ति रखता है।

वास्तविकता यह है कि विज्ञान ने मानव को ऐसी शक्ति दी है कि वह कम से कम समय में, कम से कम शक्ति लगा कर अधिक से अधिक काम कर सकता है।

यन्त्र विज्ञान की देन

विज्ञान ने हमें अनेक प्रकार के यन्त्र दिये जो वाष्पशक्ति एवं विजली की शक्ति से चलते हैं और थोड़ ही समय में बहुत काम कर दिखाते हैं।

बड़े-बड़े कपड़ा मिल, घी वनाने के कारखाने तथा भोजन की अन्य वस्तुओं की फैक्ट्रियां, यात्रा के लिए मोटर, रेलगाड़ियाँ, हवाई जहाज एवं समुद्री यान तथा भारी विद्युत उत्पादक यन्त्र आदि अनेक सुविधाएँ मानव को विज्ञान ने दी हैं।

अब हम रडार की सहायता से अपने देश की रक्षा कर सकते हैं, टैकों की सहायता से शत्रु की मुकाबला कर सकते हैं तथा वायरलैस की सहायता से मिनटों में एक समाचार को एक स्थान से दूसरे स्थान को भेज सकते हैं।

मनोरंजन एवं ज्ञान में वृद्धि

विज्ञान ने हमें मनोरंजन के अनेक साधन दिये हैं। ग्रामोफोन, रेडियो,टेलीविजन, चित्रपट, टेपरिकार्डर आदि अनेक साधनों से हमें थोड़े खर्चे से श्रेष्ठ मनोरंजन कर सकते है ।

मनोरंजन ही नही, ये सब साधन ज्ञानवृद्धि में भी सहायक होते हैं। विज्ञान ने मुद्रणालय का भी आविष्कार किया है जिससे समाचार-पत्र एवं कीमती पुस्तकें साधारण मनुष्यों को भी सहज उपलब्ध हो गयी हैं।

मौसम एवं अन्तरिक्ष विज्ञान

मौसम विज्ञान के द्वारा हम आने वाले ऑँधी-तूफानों का पहले से अनुमान कर सकते हैं, पहले से ही हम उनको रोकने और उनसे बचाव का प्रयत्न कर सकते हैं।

कम्प्यूटर के द्वारा हम कई दिन आगे तक की मौसम का सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और जनता को आने वाले खतरे से सूचित कर सकते हैं।

अन्तरिक्ष भी विज्ञान के प्रभाव से अछूता नहीं रह गया है। हम अनेक ग्रह-नक्षत्रों के बारे में वेधशालाओं के द्वारा अत्यधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अब तो पृथ्वी पर स्थानाभाव के कारण मनुष्य अन्तरिक्ष में जाकर वहाँ बसने के विषय में सोच रहा है।

औषधि-विज्ञान एवं सर्जरी की देन

विज्ञान से अनेक प्रकार की औषधियों का निर्माण हुआ जो भयंकर से भयंकर रोगों के उपचार में सहायक हैं।

अनेक रोग जो पहले मृत्यु का कारण बनते थे,वे आज साधारण रोग माने जाते हैं, जैसे टी०बी०, टायफाइड, मलेरिया आदि। प्लेग और चेचक आदि अनेक रोगों को तो विज्ञान ने जड़ से ही उखाड़ फेंका है।

अब ऐसे टीकों का आविष्कार हो गया है जिनके द्वारा इन रोगों से पहले से ही बचाब किया जा सकता है।

सर्जरी में इतना विकास हो गया है कि मस्तिष्क और हृदय जैसे कोमल अंगों का सरलता से आप्रेशन किया जा सकता है।

यहाँ तक कि अब कृत्रिम हृदय भी लगाया जा सकता है। इस प्रकार मानव जीवन की सुरक्षा में विज्ञान ने अभुतपूर्व योगदान किया है।

मानव-कल्याण

विज्ञान ने मानव जीवन को संवारने का अभूतपूर्व प्रयास किया है। किन्तु इसके साथ ही विज्ञान ने अनेक विनाशकारी अस्त्र शस्त्रों का निर्माण भी किया है जो मानव और मानव निर्मित सभ्यता को नष्ट करने में सहायक होते हैं।

इस कारण कूछ विचारक विज्ञान के बढ़ते हुए चरणों पर रोग लगाने के पक्ष में है किन्तु उनकी यह सोच उचित नहीं है। बिज्ञान तो मात्र साधन है, उसका सदुपयोग या दुरुपयोग करना मानव के हाथ में है।

यह एक शुभ लक्षण है कि अब संसार भर के विचारक और राजनीतिक नेता इस बात पर सहमत हैं कि विज्ञान का उपयोग केवल शान्तिपूर्ण और विकास कार्यों के लिए करना चाहिए। इस दिशा में अनेक प्रयास हुए भी है।

भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियाँ

विज्ञान की उन्नति में भारत का सहयोग सराहनीय है। स्वतन्त्रता के पश्चात आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद भी भारत की जो वैज्ञानिक उपलब्धियाँ है, उन्होंने उन तमाम पश्चिमी शक्तियों को आश्चर्य में डाल दिया है जो वैज्ञानिक आविष्कारों पर अपना अधिकार समझती थीं।

आज भारत की गणना विश्व की छः बड़ी शक्तियों में की जाती है। इसकी वैज्ञानिक प्रगति को देखकर सारा विश्व दांतों तले उंगली दबाता है।

आज हमारे देश में उन सभी छोटी-बड़ी मशीनों और कुलपुजों का निर्माण होता है जिनको हम अपार धन खर्च करके विदेशों से मंगाते थे। चाहे रेल का इंजन हो या हवाई जहाज, स्वचालितछोटे वाहन हों या बड़े-बड़े जलपोत, उत्पादक मशीनें हों या मशीनों का निर्माण करने वाली दैत्याकार बड़ी मशीनें, सब हमारे देश में बनने लगी हैं।

जिन चीजों के लिए हम दूसरे देशों पर निर्भर थे, आज हम उनका निर्यात करते हैं । भाखड़ा नांगल, हीराकुड, दामोदर घाटी तथा यमुना-योजना आदि अनेक योजनाएँ लगभग पूर्ण हो चुकी हैं।

इनसे बड़ी-बड़ी नहरों का निर्माण हुआ और विशाल बिजली घरों की स्थापना हुई। इसमे बाढ़ पर नियन्त्रण हुआ, सिंचाई की समस्या बहुत कुछ हल हुई और बिजली का उत्पादन बढ़ा है।

ऊर्जा के क्षेत्र में भी भारत की महत्त्वपूर्ण उपलब्धयाँ हैं। खनिज तेल के कई विशाल क्षेत्र उपलब्ध हो चुके हैं, और आशा ऐसी है कि कुछ दिनों में खनिज तेल के लिए हमें विदेशों का मुँह नहीं ताकना पड़ेगा।

लड़ाकू विमान युद्धपीत, पनडुब्बी, विविध प्रक्षेपास्त्र, विमान भेदी तोपें तथा टैंक आदि विविध युद्ध सामग्री अब हमारे देश में बनती हैं, विगत दो युद्धों में हमारे नेट विमानों, युद्धपोतों तथा प्रक्षेपास्त्रों ने अमेरिका और फ्रांस में बने लड़ाकू विमानों तथा टैंकों की जो द्र्दशा की उसे देखकर अमेरिका और फ्रांस आदि देशों को भी अपनी अभेद्य युद्ध सामग्री के बारे में सोचना पड़ रहा है।

शक्ति के क्षेत्र में तो भारत की उन्नति को देखकर सारा संसार चकित है। राजस्थान और तारापुर में दो विशाल परमाणु बिजली घर संचालित हैं। यूरेनियम और थोरियम धातुओं को शुद्ध करने की भट्टियाँ भी चालू हो चुकी हैं।

परमाणु शक्ति के क्षेत्र में भारत की पहुँच ने उस दिन विश्व को आश्चर्य में डाल दिया जिस दिन राजस्थान के पोखरण स्थान पर भारत ने सफल नाभिकीय विस्फोट कर अणु परीक्षण किया, एक स्पूतनिक छोड़ा जो सफलता से आकाश में उड़ा और 20 मई 1975 ई० को अन्तरिक्ष में आर्यभट्ट का सफल परीक्षण किया। इसके पश्चात् अन्तरिक्ष विज्ञान में भारत ने कई सफल प्रक्षेपण किये हैं। इस दिशा में वह तेजी से आगे बढ़ रहा है।

भारत परमाणु शक्ति का उपयोग मानवसंहारी अस्त्रों के निर्माण पर न करके शान्तिपूर्ण रचनात्मक कार्यों के लिए करना चाहता है।

हमें आशा करनी चाहिए कि विश्वभर के वैज्ञानिक इस बात को समझेंगे और वे केवल शान्तिपूर्ण आविष्कारों पर बल देंगे ताकि विज्ञान मानव का अनुचर बनकर रहे, न कि वह मानव का स्वामी बन जाये।

यदि विज्ञान का प्रयोग अनुचित दिशा में किया गया तो विज्ञान पृथ्वी से मानव का अस्तित्व ही मिटा देगा।

इसलिए विज्ञान के विनाशकारी रूप का त्याग तथा शान्तिपूर्ण विकास-कार्यों के लिए ग्रहण करना ही मानव के लिए हितकर है।

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विज्ञान एक वरदान है या अभिशाप पर निबंध | Science Is A Boon Or Curse Essay in Hindi | Essay on Science Is A Boon Or Curse in Hindi

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Updated on: March 28, 2024

   Science Is A Boon Or Curse Essay in Hindi   :   इस लेख में हमने   विज्ञान एक वरदान है या अभिशाप पर निबंध के बारे में जानकारी प्रदान की है। यहाँ पर दी गई जानकारी बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी।

विज्ञान एक वरदान है या अभिशाप पर निबंध:  मनुष्य एक गुफा के सबसे निचले स्थान से एक अंतरिक्ष यात्री के उच्चतम स्थान पर पहुंच गया है। उसने समय और स्थान को जीत लिया है और प्रकृति की सभी शक्तियों को अपने अधीन कर लिया है। लेकिन जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, वैसे ही विज्ञान के मामले में भी ऐसा ही है।

आप विभिन्न विषयों पर  निबंध  पढ़ सकते हैं।

  • 1 विज्ञान एक वरदान है या अभिशाप पर लंबा निबंध (500 शब्द)
  • 2 विज्ञान एक वरदान है या अभिशाप पर लघु निबंध (200 शब्द)
  • 3  विज्ञान एक वरदान है या अभिशाप पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
  • 4 इन्हें भी पढ़ें :-

विज्ञान एक वरदान है या अभिशाप पर लंबा निबंध (500 शब्द)

जिस विज्ञान ने मानव जाति की इतनी बड़ी सहायता की है उसका एक और चेहरा भी है। आज हम जिस जीवन का नेतृत्व कर रहे हैं, उसमें स्पष्ट रूप से भारी बदलाव आया है और जो कुछ साल पहले हुआ था। जिस विज्ञान ने हमें विकास, प्रगति, विस्तार और विकास दिया है, उसने हमें शत्रुता, हिंसा, बर्बादी, तबाही और रक्तपात भी किया है।

जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने ठीक ही कहा है: “Science… never solves a problem without creating ten more.”

भाप का युग चला गया। अब हम हाइड्रोजन बम और बिजली के युग में हैं। उनके उपन्यास: “द ड्रीम” में एचजी वेल्स के सबसे शानदार सपने सच हो गए हैं। इस अंतरिक्ष युग में, जहां विज्ञान के चमत्कार प्रकृति के चमत्कारों से आगे निकल जाते हैं, विज्ञान हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करता है। विज्ञान ने पौराणिक कथाओं के पुराने जालों को पार कर लिया है और कल का विश्वास विज्ञान के क्रूसिबल में आज का अंधविश्वास साबित हुआ है।

फिर भी समस्या यह है कि विज्ञान समाज के लिए वरदान है या अभिशाप। विज्ञान बुद्धि का पोषण करता है लेकिन इच्छा और भावनाओं की परवाह किए बिना छोड़ देता है। जैसा कि हेलेन केलर ने उद्धृत किया है-“विज्ञान ने भले ही अधिकांश बुराइयों का इलाज खोज लिया हो, लेकिन उनमें से सबसे बुरी बुराई का कोई इलाज नहीं मिला है- वह है इंसानों की उदासीनता।”

विज्ञान स्वचालित प्रक्रियाओं में विजय प्राप्त करता है लेकिन अब यह मनुष्य पर शासन करता है। स्वचालन दिन का क्रम है। युद्ध और विनाश का भूत दुनिया को सता रहा है और कोई भी सुरक्षित नहीं है। नैतिक निर्णय के साथ वैज्ञानिक ज्ञान को नियंत्रित करना इस दुविधा का समाधान हो सकता है। श्रव्य-दृश्य उपकरण समय और दूरियों को मिटा देते हैं। लेकिन इन ठोस उपलब्धियों से अधिक मूल्यवान विज्ञान की भावना है। विज्ञान का अर्थ है व्यवस्थित ज्ञान। यह घटना के कारणों का पता लगाता है, और अवलोकन और प्रयोगों के माध्यम से काम करता है। विज्ञान सभ्यता का पथ प्रदर्शक है।

क्या विज्ञान वास्तव में अभिशाप है? जिस प्रकार धर्म आस्था का विषय है, उसी प्रकार विज्ञान तथ्य का विषय है। आधुनिक युद्ध हमारे अवैज्ञानिक पूर्ववर्तियों के बेतहाशा सपनों से परे विनाशकारी हैं। मशीनगन, गोले, पनडुब्बी, परमाणु हाइड्रोजन बम और परमाणु हथियार पलक झपकते ही दुनिया को तबाह कर सकते हैं। युद्ध में हवाई जहाज सामूहिक विनाश के इंजन के रूप में कार्य करते हैं। न केवल युद्ध के समय में बल्कि शांति के समय में भी मनुष्य बीमारियों के बीच रहता है। भले ही इलाज का आविष्कार किया जा रहा है, बीमारियां भी बढ़ रही हैं।

कहा जाता है कि गणित मनुष्य को सूक्ष्म बनाता है और इतिहास मनुष्य को बुद्धिमान बनाता है। इसी तरह, विज्ञान मानव बुद्धि को उन्नत करता है। यह उसे तीव्र ज्ञान के साथ पूरक करता है और उसके आराम में जोड़ता है। इसे प्रेम के दर्शन से, दूसरों को सहन करने की इच्छा से परिष्कृत किया जाना चाहिए और तभी मनुष्य विज्ञान के दुरुपयोग से होने वाले बुरे प्रभावों को दूर करने में सक्षम होगा। एक एकीकृत शैक्षिक पैटर्न, जो एक वैज्ञानिक को उसकी सामाजिक जिम्मेदारियों से अवगत कराता है, वर्तमान उथल-पुथल का समाधान हो सकता है। अत्यंत प्रतिभाशाली अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक बार उद्धृत किया था

“नए प्रश्न, नई संभावनाएं, पुरानी समस्याओं को नए कोण से देखने के लिए रचनात्मक कल्पना की आवश्यकता होती है और विज्ञान में वास्तविक प्रगति को चिह्नित करता है।”

दरअसल, उनके समय से लेकर अब तक विज्ञान ने कई गुना तरक्की की है। पहले से कहीं अधिक, विज्ञान ने अपनी चिकित्सा प्रगति, आनुवंशिक इंजीनियरिंग, जैव प्रौद्योगिकी, विभिन्न आविष्कारों और खोजों के साथ कई लोगों के जीवन में आशा लाई है। विज्ञान ने मनुष्य के लिए अधिक समय तक जीवित रहना, मृत्यु दर को कम करना, जीवन प्रत्याशा को बढ़ाना आदि संभव बना दिया है।

इसके अलावा, विज्ञान की मदद से ही जीवन बेहद आसान हो गया है। स्थानों पर जाना आसान है, लोगों से जुड़े रहना सुविधाजनक है और दुनिया में नवीनतम के साथ अद्यतन रहना है, और मनोरंजन करना विज्ञान के सभी आशीर्वाद हैं। आज एक बच्चा भी कार्टून के बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकता। नवीनतम तकनीक के खिलौने जो उड़ सकते हैं, नृत्य कर सकते हैं, घूम सकते हैं, बात कर सकते हैं, मोबाइल, टेलीविजन, वीडियो गेम, फिल्में और नवीनतम कपड़े विज्ञान के वरदान हैं।

विज्ञान एक वरदान है या अभिशाप पर लघु निबंध (200 शब्द)

निस्संदेह, हम बिजली के बिना नहीं रह सकते। हमारे घरों और कार्यालयों में एक घंटे की बिजली कटौती हमें पागल कर देती है और हमारी दिनचर्या और काम को अस्त-व्यस्त कर देती है। टेलीफोन, टेलीविजन, रेडियो, रसोई के उपकरण जैसे मिक्सर, ग्राइंडर, एलपीजी, रेफ्रिजरेटर, ओवन, माइक्रोवेव आदि हमारे जीवन को आसान, आरामदायक और सुखद बनाते हैं। और कंप्यूटर को कौन भूल सकता है! जीवन कभी भी पहले जैसा नहीं रहा जब से आईटी क्रांति ने दुनिया को तूफान से घेर लिया। पूरी दुनिया एक वैश्विक गांव में सिमट गई है। किसी भी प्रकार की जानकारी माउस के एक क्लिक की दूरी पर है।

वैमानिकी और अंतरिक्ष अनुसंधान में विज्ञान की छलांग काबिले तारीफ है। विभिन्न कारणों से उपग्रहों के पृथ्वी पर मंडराए बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। वे हमारे दैनिक जीवन की बहुत सी चीजों को संभव बनाते हैं जैसे मौसम का पूर्वानुमान, संचार, मनोरंजन आदि। परमाणु ऊर्जा का उपयोग मानव जाति की भलाई के लिए किया जाए तो यह चमत्कार कर सकता है। लेकिन निषिद्ध रास्तों पर चलने की मनुष्य की प्रवृत्ति उसे मृत्यु, विनाश और क्षय के ब्लैक होल में ले जाती है।

मनुष्य ने मरुस्थलों, पहाड़ियों, पर्वतों, महासागरों, बर्फ से ढके क्षेत्रों, उन सभी को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार हेरफेर किया है; और जानवरों को उनके विलुप्त होने के लिए शोषण किया है। मनुष्य ने अपने लिए नये-नये द्वीपों का निर्माण किया है; लेकिन ग्लोबल वार्मिंग पहले से मौजूद भूमि के लिए एक बड़ा खतरा है। मनुष्य ने विकिरणों और लेसरों का आविष्कार केवल मानव शरीर के लिए लाभकारी होने के बजाय हानिकारक साबित करने के लिए किया है। विज्ञान ने आधुनिक मनुष्य के जीवन को सरल तो बना दिया है लेकिन भारी तनावों और खतरों से भरा हुआ है।

विज्ञान सबसे बड़ा आशीर्वाद है जो मनुष्य को कभी भी मिल सकता है। यह वास्तव में एक वरदान और आशीर्वाद है, अगर इसका उपयोग मानव जाति के लाभ के लिए और रचनात्मक उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जब तक कि यह कुछ स्वार्थी और बुरे दिमाग वाले लोगों के हाथ में एक उपकरण न बन जाए। जब विनाश, भय पैदा करने, हिंसा फैलाने और लोगों का सफाया करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो विज्ञान एक दोधारी तलवार बन जाता है जो अपराधी को भी नष्ट कर देता है। इस प्रकार विज्ञान को मानवता के लिए वरदान बनाना या इसे अभिशाप में बदलना और इस ग्रह पर मानव जाति के पदचिन्हों को भी नष्ट करना हमारे हाथ में है।

विज्ञान एक वरदान है या अभिशाप पर निबंध | Science Is A Boon Or Curse Essay in Hindi | Essay on Science Is A Boon Or Curse in Hindi

 विज्ञान एक वरदान है या अभिशाप पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. विज्ञान का वरदान क्या है?

उत्तर: विज्ञान ने कदम-कदम पर मानव जीवन में हस्तक्षेप किया है और मनुष्य को इतनी सुविधाएँ प्रदान की हैं कि मनुष्य विज्ञान के अधीन होकर रह गया है। विज्ञान ने धरती आकाश और जल क्षेत्र तीनों को प्रभावित किया है। धरती का तो शायद ही कोई कोई कोना हो जहाँ विज्ञान ने कदम न रखा हो। विज्ञान के कारण मनुष्य ने उन्नति की है।

प्रश्न 2. विज्ञान से हमें क्या लाभ है और क्या हानि है?

उत्तर: चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने हमारे लिए बहुत सुविधाएं जुटाई हैं। आज कई असाध्य बीमारियों का इलाज मामूली गोलियों से हो जाता है। कैंसर और एड्‍स जैसे बीमारियों के लिए डॉक्टर्स और चिकित्सा विशेषज्ञ लगातार प्रयासरत हैं। नई-नई कोशिकाओं के निर्माण में भी सफलता प्राप्त कर ली गई है।

प्रश्न 3. विज्ञान एक अभिशाप है कैसे?

उत्तर: अभिशाप के रूप में : विज्ञान का एक पक्ष वरदान है तो एक पक्ष अभिशाप भी है। विज्ञान एक ऐसा साधन है जिससे असीम शक्ति प्राप्त की जा सकती है। मनुष्य जिस तरह से चाहता है उस तरह से इसका प्रयोग कर सकता है। सभी को पता है कि विज्ञान में दैवीय शक्ति के साथ-साथ असुरी शक्ति भी है।

प्रश्न 4. विज्ञान से हमें क्या हानि है?

उत्तर: विज्ञान या मशीन की मदद से मनुष्य ने कई काम आसान बना लिए हैं, लेकिन इन तमाम उपकरणों से कोई एक चीज बचती है और किसी दूसरी का नुकसान हो जाता है। मशीनी चक्की के आटे से उसकी गर्मी के कारण अनेक तत्व जल जाते हैं, मिल से कुटे चावल में वैसी मिठास नहीं होती, मिक्सी में बनाई गई चटनी कभी सिल-बट्टेवाली चटनी का मुकाबला नहीं कर पाती।

प्रश्न 5. विज्ञान से हमें क्या लाभ है?

उत्तर: नए-नए आविष्कार किए हैं, वे सब विज्ञान की ही देन हैं। आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान के अनगिनत आविष्कारों के कारण मनुष्य का जीवन पहले से अधिक आरामदायक हो गया है। मोबाइल, इंटरनेट, ईमेल्स, मोबाइल पर 4जी और इंटरनेट के माध्यम से फेसबुक, ट्विटर ने तो मनुष्य की जिंदगी को बदलकर ही रख दिया है।

इन्हें भी पढ़ें :-

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | Essay on Science Blessing or Curse in Hindi

नमस्कार आज विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध Essay on Science Blessing or Curse in Hindi पढ़ेगे. इस निबंध में जानेगे कि आज के जीवन में विज्ञान हमारे लिए अभिशाप है या वरदान, क्यों और कैसे. परीक्षा के लिहाज से भी छात्र इस निबंध को याद कर सकते हैं.

Essay on Science Blessing or Curse in Hindi

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In this article, we are providing about Essay on Science Blessing or Curse in Hindi . विज्ञान वरदान अभिशाप पर निबंध Essay on Science Blessing or Curse in Hindi, Vigyan Vardan hai ya Abhishap  Nibandh class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 ,12 Students.

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध

प्रस्तावना – मनुष्य ही इस सृष्टि का एकमात्र ऐसा प्राणी है जिसके पास विवेक बुद्धि हैं. विवेक द्वारा वह  उचित  अनुचित  का निर्धारण कर उचित को ग्रहण करता है और अनुचित से बचता हैं.

बुद्धि उसको नवीन बातें सोचने की क्षमता देती हैं. इसी कारण सभ्यता, संस्कृति, विज्ञान आदि का विकास हुआ हैं. विज्ञान प्रस्तुत शताब्दियों की ऐसी मानव उपलब्धि है, जिसने संसार का स्वरूप ही बदल दिया हैं.

कल्पवृक्ष विज्ञान – आज विज्ञान मानव जीवन के लिए हर मनोकामना की पूर्ति करने वाला कल्पवृक्ष बना हुआ हैं. विज्ञान ने मानव को प्रकृति पर निर्भरता से मुक्त करके उसे अकल्पनीय सुख सुविधाएँ और सुरक्षा उपलब्ध कराई हैं.

वही रासायनिक खादों, उन्नत बीजों, कृषि यंत्रों, बांधों, नहरों और कृत्रिम वर्षा से मानव के कृषि भंडार को भर रहा हैं. वही नाना प्रकार की गृह निर्माण सामग्री और शैल्पिक ज्ञान से मानव के विलास भवनों की रचना कर रहा हैं.

वही मानव तन को मन मोहक, कृत्रिम और परम्परागत वस्त्रों से अलंकृत कर रहा हैं. क्षय, कैंसर, कुष्ट तथा एड्स जैसे रोगों पर विजय पाने यह संघर्षरत हैं.

जीन से लेकर क्लोन बनाने तक की मंजिल तय करके वह जीवन के रहस्य को ढूढ़ रहा हैं.प्लास्टिक सर्जरी के कुरूपों को सुरूप बना रहा हैं. मस्तिष्क, ह्रदय और गुर्दों की पुनः स्थापना कर रहा हैं.

भीमकाय यंत्रों को उसी की विद्युत् शक्ति घुमा रही हैं वही जल, थल, नभ में नाना प्रकार के वाहनों में दौड़ लगवा रहा है अंतरीक्ष और ब्रह्मांड के कुंवारे पथों को नाप रहा हैं. मोबाइल फोन, टेलीफोन, टेलीविजन और इंटरनेट जैसे उपकरणों से उसने सारे विश्व को सिकोड़कर छोटा कर डाला हैं.

रेडियो दूरबीनों से यह ब्रह्मांड की छानबीन कर रहा है, वसुंधरा के गर्भ में झाँक रहा हैं,  सागरों के अतल तल को माप रहा हैं. मनोरंजन के अनेक साधनों के साथ व्यापार के क्षेत्र में भी उसने  ई  मेल, ई  बैंकिंग  जैसे   साधन उपलब्ध कराएं हैं.

विज्ञान का अभिशाप – विज्ञान की उपर्युक्त वरदात्री छवि के पीछे उसका अभिशापी चेहरा भी छिपा हुआ हैं. विज्ञान द्वारा अनेक महाविनाशकारी अस्त्र शस्त्रों का आविष्कार हुआ हैं. परमाणु हथियार विध्वंसक गैसें, जीवाणु विषाणु बम आदि मनुष्य का थोक में विनाश करने में सक्षम हैं.

हिरोशिमा और नागासाकी जैसे नगरों को विश्व के मानचित्र से मिटाने का श्रेय  भी  विज्ञान  को  ही जाता हैं. विज्ञान की कृपा से ही आज का यह जगमगाता प्रगतिशील विश्व बारूद के ढेर पर बैठा हुआ हैं.

मानव मूल्यों का हास – विज्ञान के कारण श्रेष्ठ मानव मूल्य ध्वस्त हो गये हैं. प्रेम, त्याग, परोपकार, अहिंसा आदि गुणों को कोई पूछ नहीं पूछ रहा. कवि दिनकर ने विज्ञान की विभूति पर इठलाने वाले आज के मानव को सावधान किया हैं.

सावधान मनुष्य यदि विज्ञान है तलवार तो इसे दे फेंक तजकर मोह स्मृति के पार हो चुका है सिद्ध है तू शिशु अभी नादान फूल काँटों की तुझे कुछ भी नहीं पहचान

उपसंहार – ज्ञान का ही रूप है विज्ञान, नहीं वह अभिशाप या वरदान. एक ही वस्तु एक पक्ष से देखने पर वरदान प्रतीत होती है और वही दूसरे पक्ष से देखने पर अभिशाप प्रतीत होती हैं. औषधि के रूप में जो विष जीवन रक्षक है, वही विष के रूप में प्राण घातक हैं.

एक ही लोहे से बधिक की तलवार और शल्य चिकित्सक की छुरी बनती है, किन्तु इसमें विष या लोहे को दोषी नहीं बताया जा सकता. ज्ञान का उपयोग ही उसके परिणाम को निश्चित करता हैं.

विज्ञान भी विशिष्ट और क्रमबद्ध ज्ञान ही हैं. हम चाहें तो उसे सत्य, शिव और सुंदर की अर्चना बना दें और चाहें तो उसे महाविनाश, अमंगल और कुरूपता का उपकरण बना दे.

विज्ञान वरदान या अभिशाप निबंध | Long Essay on Science, A Boon or Bane in Hindi

आधुनिक युग विज्ञान का युग है. विज्ञान आज मानव जीवन से इस प्रकार घुल मिल गया है, कि उसे जीवन से अलग करना लगभग असम्भव सा हो गया है.

विज्ञान मानव जीवन का अनिवार्य अंग बन गया है.और अब हम पग पग पर उसका सहारा लेने लगे है. ऐसें समय में आज यह विचारणीय प्रश्न उत्पन्न हो गया है.

कि विज्ञान मानवता को लाभान्वित कर रहा है अथवा पतन के गर्त की ओर ले जा रहा है. इस सबंध में कई विद्वानों की राय है कि विज्ञान ने मानवता को नष्ट किया है, जबकि अन्य विद्वान चिंतक विज्ञान की मुक्तकंठ से प्रशंसा करने में लगे है. इन प्रश्नों का उतर सही कहा जाए तो अब तक मानव जाति को नही मिल पाया है.

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर कविता (Poem on science)

“”सदुपयोग इसे वरदान बनाता, सुख सुविधा को सम्मुख लाता पलक झपकते होते काम विज्ञान ने दिया हमे यह वरदान पर दरुपयोग है बड़ा विनाशक अभिशाप जैसा यह नाशक””

विज्ञान के बढ़ते कदम (Increasing steps of science)

गत शताब्दी में विज्ञान ने अभूतपूर्व प्रगति और विकास किया है. जहाँ आज से सौ वर्ष पहले मनुष्य बैल गाड़ियों और घोड़ो पर बैठकर यात्रा करता था और सौ मिल की यात्रा करने में उनको कई दिन चलना पड़ता था.

वहां आज सैकड़ो मील की यात्रा वह चुटकियों में तय कर लेता है. और वायु से क्या ध्वनि की गति से भी तीव्र चलने वाले यानों से यात्रा करता है.

विज्ञान के द्वारा प्रदत सुविधाओं से वह सैकड़ों मील दूर के द्रश्य देख लेता है तथा मीलों दूर बैठे व्यक्ति से वार्तालाप कर सकता है. आज हम घर बैठें संसार के सर्वश्रेष्ठ गायक गायिकाओं के गाने सुन सकते है तथा संसार की सर्वश्रेष्ठ सुन्दरियों के नजाकत भरे अभिनय के दर्शन भी कर सकते है., आज आवाज भी टैप में कैद होती है.

सामरिक क्षेत्र में भी विज्ञान की सहायता से ऐसें ऐसें बंम और राकेट बना दिए है कि आज युद्ध प्राचीनकाल से कठिन और विनाशक हो गया है.

आज तो बस बटन दबाने भर की देर है और एक परमाणु सम्पन्न देश दूसरें को नष्ट कर सकता है. विज्ञान की इस असीमित उन्नति आगे भी होती रहेगी, ऐसा पूर्ण विश्वास है.

विज्ञान मानव के लिए वरदान (science ke chamatkar, science boon or bane in hindi)

विज्ञान से मानव को जितना लाभ हुआ है उतना उसे प्राचीन युग में ईश्वर या धर्मों से नही हुआ है. विज्ञान से समाज और व्यक्ति दोनों समान रूप से उपकृत हुए है. व्यक्ति का जीवन पग पग में सरल और उच्च स्तरीय बन गया है.

सौ वर्ष पहले परिवार की कोमलांगी गृहणियों खाना पकाने के लिए लकड़ी जलाती थी. धुंए से उनकी आँखे ओस से भीगे हुए कमल के समान लाल होकर आसुंओ से नम हो जाती थी और कोमल हाथ क्षत विक्षत हो उठते थे.

लेकिन आज विज्ञान की सहायता से उस वीभत्स समस्या का अंत हो गया है. आज गृहणियाँ गैस के चूल्हे या स्टोव पर खाना पकाती है. जिससे उसका कोमल सौदर्यपूर्ण सुरक्षित रहता है. ऐसा ही जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी है.

आज अगर राजस्थान में अकाल पड़ता है तो पंजाब से वहां के लिए गेहूं पहुच जाता है. पहले यह संभव नही था. विश्वभर के समाचारों को समाचार पत्र पढ़ने वाले आधुनिक व्यक्ति के व्यक्तित्व का बौद्धिक विकास हो गया है.

विज्ञान मानव के लिए अभिशाप (vigyan pragati Science curse for human)

लेकिन साथ ही विज्ञान ने मनुष्य के महत्व और कार्यक्षेत्र का असीमित विस्तार करके उसे बहुत ज्यादा व्यस्त बना दिया है. विज्ञान ने मनुष्य के सामने विचार का इतना बड़ा क्षेत्र खोल दिया है. वह ढूढने पर स्वयं को खोज नही पाता है.

वह एक विशाल मशीनरी सभ्यता का स्वचालित यंत्र मात्र बनकर रह गया है. इसी भयंकर व्यस्तता से वह अपने अन्दर की मानवीय भावनाओं को आहिस्ते आहिस्ते भूला बैठा है और वह यंत्रवत होता जा रहा है.

विज्ञान से दूसरी हानि यह है कि विज्ञान द्वारा जुटाये गये सुख के साधन इतने मोहक और लुभावने है कि व्यक्ति उन्हें प्राप्त करने के लिए अपना मनुष्यत्व भूल जाता है. इसी से भ्रष्टाचार की असीमित स्थिति हो गई है. इससे आज भौतिकवादी प्रवृति बढ़ रही है और लोग सुख विलास को ही जीवन का ध्येय मान रहे है.

विज्ञान ने अणु आयुधों एवं विषाक्त गैसों का निर्माण करके मानव जाति के समूल विनाश का भय उत्पन्न कर दिया है. यह मानव जाति के लिए अभिशाप दिखाई दे रहा है. अतः विज्ञान की अति भौतिकवादी प्रयोग हानिकारक ही है.

विज्ञान का सदुपयोग (importance of science essay)

आज इस तरह के चिंतन की जरुरत है कि विज्ञान की प्रगति मानवीय दृष्टि से समन्वित रहे. किसी विद्वान का कथन है कि व्यक्ति को धन का गुलाम नही बनना चाहिए. वरन धन को गुलाम बनाकर उससे काम लेना चाहिए. यही बात विज्ञान के सन्दर्भ में कही जा सकती है. मानवता का स्थान सर्वोपरि है.

विज्ञान हमारी सुविधा के लिए है, हम इसकी सुविधा के लिए नही है. अतः विज्ञान के द्वारा प्रदत सुविधाओं को उसी हद तक महत्व मिलना चाहिए, जिससे मनुष्य की मनुष्यता सुरक्षित रहे, अमानवीय न बन जाए तथा उसकी आत्मा सूखे नाले की तरह नीरस न हो जाए.

विज्ञान को अभिशाप बनाने का उत्तरदायित्व बुद्दिमान और विवेकशील लोगों पर है. इसलिए विज्ञान के सुपरिणामों को सही रूपों में प्राप्त करने के लिए यह अनिवार्य है कि लोगों को सही रूप में शिक्षा प्रदान कर उनमे वैज्ञानिक समझदारी बढाई जाए. मूर्खों तथा स्वार्थी लोगों के हाथ में पड़कर कोऊ अच्छी चीज भी बुरी बन जाती है.

  • विज्ञान और तकनीकी पर निबंध
  • अंतरिक्ष में विज्ञान पर निबंध
  • राष्ट्रीय सुरक्षा और विज्ञान पर निबंध

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | Essay on Science Boon or Curse in Hindi

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विज्ञान एक वरदान या अभिशाप पर निबंध लिखें, (Vigyan Vardan Ya Abhishap Par Nibandh, Essay on Science Boon or Curse in Hindi, Science blessing or curse Essay in hindi 500 words, in 1000 words)

विज्ञान आज हमारी हर छोटी से बड़ी जरूरत पूरी कर रहा है विज्ञान की बदोलत ही हम आज इतना सुविधाजनक जीवन जी रहे हैं। लेकिन यह विज्ञान एक सिक्के की तरह है जिसके दो पहलू हैं अगर इसका एक पहलू सृजन है तो दूसरा विनाश।

शायद आपने इनमें से दोनों पहलुओं को देख भी रखा हो। विज्ञान के यह दो स्वरूप लोगों को भ्रम में डाल देते हैं, लेकिन वह या नहीं समझ पाते की आखिर इसका वास्तविक स्वरूप कौन सा है। लेकिन हमें यह समझना होगा कि विज्ञान के यह स्वरूप हमारी उपयोगिता पर निर्भर करते हैं। हम जिस प्रकार विज्ञान का अनुप्रयोग करेंगे इस प्रकार हमें विज्ञान से परिणाम भी मिलेंगे।

विज्ञान की इस दोहरी प्रकृति के बारे में हम सब जानते हैं। विज्ञान मानव जीवन के लिए वरदान भी है और अभिशाप भी। जब तक इसका मानव जीवन के लिए सदुपयोग किया जाएगा तब तब यह एक वरदान की भूमिका निभाएगा लेकिन जब इसी विज्ञान का दुरुपयोग करके मानव जीवन को क्षति पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे तो यह मानव जीवन के लिए अभिशाप बन जाएगा।

विज्ञान के अनुप्रयोगों के प्रति विद्यार्थीयों के भीतर जागरूकता फैलाने के लिए अक्सर विज्ञान: एक वरदान या अभिशाप जैसे विषयों पर निबंध लेखन करवाया जाता है ताकि छात्र जीवन से ही लोग विज्ञान के सदुपयोग के लाभ तथा दुरुपयोग की हानि को समझ सकें।

विभिन्न अन्य कार्यक्रमों में भी विज्ञान वरदान या अभिशाप जैसे महत्वपूर्ण बिंदु पर निबंध लेखन और भाषण की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। आइए इस निबंध को समझते हैं।

आज के इस लेख में हम आपके लिए विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध (Science: Blessings Or Curse In Hindi) लेकर आए हैं। इस निबंध लेखन शैली का उपयोग करके आप अपनी परीक्षाओं में विज्ञान वरदान अथवा अभिशाप पर निबंध (Vigyan Vardan Ya Abhishap Par Nibandh) लिख सकते हैं।

विषय–सूची

विज्ञान: एक वरदान या अभिशाप पर निबंध (Essay on Science A Boon or A Curse in Hindi)

प्रस्तावना –.

आज हम जिस दौर में जी रहे हैं यह विज्ञान और तकनीक का दौर है। विज्ञान ने मानव जीवन की उन परिकल्पनाओं को साकार करके दिखाया है, जिन्हें शायद असंभव ही समझा जाता था। संसार का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां विज्ञान ने अपनी उपयोगिता साबित ना की हो।

मानव हमेशा से ही एक जिज्ञासु प्राणी रहा है जिनकी जिज्ञासा समय के साथ बढ़ती ही जा रही है। और यही जिज्ञासा विज्ञान की जननी मानी जाती है। जैसे-जैसे मानव जीवन की आवश्यकताएं बढ़ती जाएंगी वैसे वैसे नए नए अविष्कार सामने आते रहेंगे।

हालांकि सिक्के के दो पहलुओं की तरह विज्ञान के भी दो पहलू हैं। एक ओर जहां विज्ञान मानव जीवन के लिए वरदान है तो वहीं दूसरी ओर इसे अभिशाप भी माना जाता है। विज्ञान के भीतर सृजन और विनाश दोनों की क्षमताएं हैं। जिनके बल पर विज्ञान नए नए अविष्कार भी कर सकता है और मानव जाति का विनाश भी।

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आज स्वास्थ्य चिकित्सा, दूरसंचार, यातायात, सूचना प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान इन सभी क्षेत्रों में विज्ञान की अपनी विशेष भूमिका है। जिस मानव समाज में हमेशा से केवल चंदामामा की कहानियां सुनाई जाती थी आज वही मानव प्रजाति अंतरिक्ष और चंद्रमा दोनों पर पहुंच भी चुकी है।

विज्ञान की बदोलत ही आज आज दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल फोन से लेकर सुपर कंप्यूटर तक मौजूद हैं।

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विज्ञान का अर्थ और परिभाषा –

विज्ञान शब्द की उत्पत्ति वि + ज्ञान से हुई है। इन दोनों शब्दों में से वि का अर्थ विशिष्ट अथवा विशेष तथा ज्ञान का अर्थ बोध या जानना होता है।

अगर सरल शब्दों में विज्ञान की परिभाषा दी जाए तो विज्ञान और कुछ नहीं बल्कि एक प्रकार का विशिष्ट ज्ञान है। किसी विशेष घटन, विशेष वस्तु का बोध अथवा अनुभव कर लेना ही विज्ञान है।

विज्ञान की परिभाषा कुछ इस प्रकार भी दी जा सकती है कि, “प्रयोग एवं निष्कर्ष पर आधारित क्रमबद्ध, संगठित और व्यवस्थित ज्ञान को ही विज्ञान कहते हैं।”

विज्ञान की बदोलत आज मानव बेहद सरल और सुविधाजनक जीवन व्यतीत कर रहा है। ऐसे में विज्ञान को किसी वरदान और चमत्कार से कम नहीं आंका जा सकता।

विज्ञान की देन ही है कि आज पृथ्वी पर रेंगने वाला प्राणी कृत्रिम पंखों को लगाकर पक्षियों की तरह आकाश में उड़ सकता है। विज्ञान ने मानव जीवन को अनगिनत वरदान दिए हैं। लेकिन विज्ञान की विनाश लीला भी किसी से छुपी हुई नहीं है।

6 अगस्त 1945 और 9 अगस्त 1945 मानव इतिहास के दो ऐसे दिन है, जब विज्ञान की विनाश लीला पूरे विश्व ने देखी। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मानव जीवन के लिए अनगिनत वरदान देने वाली विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी को तबाह कर दिया।

विनाश की यह ऐतिहासिक घटना मानव जीवन के लिए एक चुनौती थी। विज्ञान का सदुपयोग इसे वरदान बना सकता है और दुरुपयोग एक अभिशाप। यह दोनों ही चीजें मनुष्य के हाथ में है, इसलिए अब फैसला आपको करना है।

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विज्ञान: एक वरदान (Essay on Science Boon or Curse in Hindi)

विज्ञान की बदोलत मनुष्य ने अपनी मनचाही सुख सुविधाएं प्राप्त कर ली हैं, जो किसी वरदान से कम नहीं है।

मानव जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जो विज्ञान से अछूता हो। विज्ञान ने मानव जीवन के हर क्षेत्र में असंभव की सीमा को लांघ कर चीज़ों को संभव करके दिखाया है। इसलिए आज इस विज्ञान को ईश्वर के वरदान की संज्ञा दी जा रही है।

विज्ञान की बदोलत इंसानों ने विद्युत का आविष्कार किया और अंधकार पर विजय प्राप्त की। विद्युत का आविष्कार केवल प्रकाश के लिए ही नहीं बल्कि विभिन्न यंत्रों के संचालन और ऊर्जा उत्पादन के लिए भी उपयोगी साबित हुआ।

यातायात के क्षेत्र में विज्ञान का पहले कदम की शुरुआत साइकिल से हुई और आज यही विज्ञान अंतरिक्ष यान के जरिए अंतरिक्ष और ब्रम्हांड के कोने कोने में पहुंच गया है।

जिन चांद सितारों ग्रह नक्षत्रों की बात दादी नानी की कहानियों में की जाती थी, आज इंसान ब्रह्मांड के उन सभी पिंडों तक पहुंच सकता है अथवा पहुंचने का प्रयास कर रहा है।

विज्ञान के जरिए ही हवाई जहाज और विमानों का आविष्कार हुआ जिसकी बदोलत आज इंसान पक्षियों की तरह आकाश में उड़ सकता है और कुछ मिनट घंटों का सफर तय करके ही लंबी-लंबी दूरियां तय कर सकता है।

सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार के मामले में भी विज्ञान पीछे नहीं है। आज इंटरनेट के जरिए हम दुनिया के हर हिस्से की जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। इतिहास की किसी भी घटना को टटोल सकते हैं, और सुनहरे भविष्य के लिए सुनियोजित कदम उठा सकते हैं।

इंटरनेट की दुनिया में विज्ञान की शुरुआत पहले जनरेशन 1G से हुई थी। आज इंटरनेट की यह पीढ़ी 5G Spectrum तक पहुंच चुकी है।

विज्ञान के आने से शिक्षा के क्षेत्र में भी अद्भुत क्रांति आई है। आज दुनिया बहुत तेजी से ऑनलाइन पढ़ाई के पीछे भाग रही है क्योंकि यह ऑफलाइन पढ़ाई के मामले में बेहद सस्ती और सुविधाजनक शैली है। आज विद्यार्थी इंटरनेट की मदद से जो चाहे सीख सकते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान की बदोलत ही दुनियाभर के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोट तैयार किए गए हैं। इन चीजों के आविष्कार के बाद शिक्षा के क्षेत्र में भीषण क्रांति आई है।

हाल ही में Chat Gpt और Bard AI  जैसे दो बेहतरीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों को विकसित किया गया है जिससे इंसान अपने किसी भी सवाल का जवाब प्राप्त कर सकता है और मुश्किल चीजों को समझ सकता है।

मनोरंजन के क्षेत्र में भी विज्ञान पिछड़ा नहीं है। मोबाइल फोन से लेकर, टेलीविजन और टेलीविजन से लेकर वीडियो गेम्स खेल संसाधन और वाद्य यंत्र यह सभी विज्ञान की ही देन है।

चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान के योगदान होने मानव जीवन के जटिल से जटिल समस्याओं का निदान ढूंढ रखा है। आज विज्ञान के पास जटिल से जटिल असाध्य रोगों के लिए भी इलाज और उपचार मौजूद है।

विज्ञान की देन ही है कि आज तमाम रोगों से बचाव के लिए Vaccines और टीकाकरण की अनोखी व्यवस्था उपलब्ध है जो इंसानों में रोग उत्पन्न होने के पहले ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देती है।

कृषि के क्षेत्र में भी विज्ञान ने किसानों को उन्नतशील बीज, उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए उर्वरक, खेत की जुताई के लिए ट्रैक्टर कटाई के लिए हार्वेस्टर, आदि जैसी तमाम सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की चंद्रयान मिशन  और ISRO का मंगलयान मिशन  जैसे सफल अभियान भी विज्ञान की बदोलत ही संभव हो पाए हैं। भारतीय विज्ञान भी आज पूरी दुनिया में बहुत तेजी से उभर रहा है।

सुरक्षा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने तमाम तकनीकी उपलब्ध कराई हैं। विज्ञान द्वारा बनाए गए हथियार, लड़ाकू विमान जैसी चीजें सुरक्षा व्यवस्था के लिए किसी वरदान से कम नहीं लेकिन जब इन्हीं चीजों का दुरुपयोग किया जाने लगता है तो यही चीजें विज्ञान का अभिशाप बन जाती हैं।

विज्ञान: एक अभिशाप

जिस प्रकार हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं उसी तरह विज्ञान के भी दो पहलू हैं। एक ओर जहां विज्ञान का सदुपयोग वरदान है तो वहीं दूसरी और विज्ञान का दुरुपयोग अभिशाप बन जाता है। विज्ञान के अभिशाप के तमाम उदाहरण आज हमारे सामने मौजूद हैं।

विज्ञान ने सुरक्षा के लिए जिन हथियारों के अविष्कार किए थे आज वही हथियार एक-दूसरे का विनाश करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इस समय पूरे विश्व में ध्रुवीकरण हो गया है।

एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ मच गई है और इस होड़ में पूरी दुनिया अंधी हो चुकी है। विज्ञान का दुरुपयोग करके आज हाइड्रोजन बम और परमाणु बम जैसे विध्वंसक हथियार बनाए जा चुके हैं जो पल भर में पूरे विश्व का सर्वनाश कर सकते हैं।

विज्ञान की बढ़ती तकनीक ने बेरोजगारी और निर्धनता की समस्या भी खड़ी कर दी है। जैसे-जैसे तकनीकी संसाधन बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे रोजगार घटते जा रहे हैं।

बेरोजगारी और निर्धनता की समस्या से ही जनसंख्या भी अंधाधुंध बढ़ रही है। अगर ऐसे ही विश्व की जनसंख्या बढ़ने लगी तो आने वाले समय ने वह दिन दूर नहीं जब लोग रोटी के लिए एक दूसरे का कत्लेआम कर देंगे।

बढ़ती जनसंख्या से विश्व भर का प्रदूषण भी बढ़ रहा है। एक ओर जहां विज्ञान का उपयोग करके फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा रही है वहीं फसलों की पोषकता में नियमित कमी हो रही है।

पोषक तत्वों की कमी से तरह तरह के रोग जन्म ले रहे हैं। आए दिनों एक से बढ़कर एक जटिल बीमारियां उभरकर सामने आ रही हैं।

विज्ञान उस कच्ची मिट्टी की तरह है, जिससे कुम्हार मिट्टी के बर्तन और जानलेवा हथियार दोनों बना सकता है। वह कुम्हार हम हैं। हमें ही तय करना है कि हम विज्ञान को अपने लिए अभिशाप बनाना चाहते हैं या फिर वरदान।

हालांकि वर्तमान समय में कुछ लोग बिना इस विचार के ही विज्ञान का दुरुपयोग कर रहे हैं। विज्ञान का दुरुपयोग संपूर्ण मानव जाति के लिए घातक साबित हो सकता है जिसकी एक झलक पूरी दुनिया ने द्वितीय विश्व युद्ध में देख ली थी।

अगर विज्ञान का दुरुपयोग ऐसे ही बढ़ता रहा तो आने वाले समय में पूरी मानव जाति विनाश की खाई में विलीन हो जाएगी। हमें मिलकर एकजुट होकर विज्ञान के दुरुपयोग को रोकना होगा और विज्ञान के सदुपयोग का संकल्प लेना होगा।

अगर विज्ञान का अनुप्रयोग सही दिशा में किया जाए तो यह जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान बन सकता है और मानव जीवन को सुगम एवं सुविधाजनक बन सकता है।

तो दोस्तों आज इस लेख के जरिए हमने आपके साथ विज्ञान एक वरदान अथवा अभिशाप पर निबंध साझा किया।

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Hindi Essay

Essay on Science Boon or Curse in Hindi | विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध PDF

Essay on science boon or curse in hindi.

Essay on Science Boon or Curse in Hindi 1000 Words (Download PDF) विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध – विज्ञानं के अविष्कार ने मानवजाति का भविष्य बदल दिया है। विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध हिंदी में, हम जानेगे की विज्ञानं ने हमारे जीवन पर क्या प्रभाव डाला है। तो आइये शुरू करते है।

आव्श्यक्ता ही आविष्कार की जननी है। अनादि काल से मनुष्य वह सब कुछ प्राप्त करने का साधक रहा है जिसकी मनुष्य को आवश्यकता है। इन नई विधियों और आविष्कारों ने विज्ञान को जन्म दिया। इसी का नतीजा है कि आज विज्ञान इतनी आगे बढ़ चुका है कि इसे चमत्कार कहना गलत नहीं होगा क्योंकि विज्ञान ने जीवन के हर क्षेत्र में अद्भुत आविष्कार करके चमत्कार किए हैं। हर दिन हो रहे वैज्ञानिक आविष्कार दुनिया में एक नई क्रांति ला रहे हैं और मानव जीवन सुविधाजनक होता जा रहा है।

अर्थ और अभिप्राय

विज्ञान शब्द ‘वी + ज्ञान’ से बना है। जिसमें उपसर्ग वि लगा है, वि का अर्थ है विशेष अर्थात संसार का विशेष ज्ञान और विशेष ज्ञान वह कहलाता है जो किसी कल्पना और अंधविश्वास पर आधारित न हो। विज्ञान किसी भी संभावना को तब तक स्वीकार नहीं करता जब तक कि बुद्धि के संज्ञान में कोई कारण न आ जाए।

विश्वसनीय वह है जिसका प्रयोगात्मक अध्ययन संभव हो। इसकी सबसे बड़ी कसौटी उपयोग पर इसकी प्रामाणिकता साबित करना है। आज के समय में जिस देश में विज्ञान है उसका भविष्य उज्ज्वल है लेकिन जिसके पास विज्ञान नहीं है उसका भविष्य अर्थहीन है। विज्ञान के आविष्कार ने पूरी दुनिया को एक सूत्र में पिरोया है, आज के समय में कोई भी ऐसा स्थान नहीं है जहां संपूर्ण विज्ञान न हो।

विज्ञान का क्षेत्र

इस सदी में विज्ञान ने इतनी प्रगति की है जितनी पहले कभी नहीं हुई। इस सदी में विज्ञान ने हर क्षेत्र में चमत्कार किए हैं। फ्रांस, जापान, जर्मनी, इंग्लैंड, रूस, अमेरिका आदि देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत आविष्कार किए हैं और विज्ञान को प्रगति के शिखर पर पहुंचा दिया है और यह दिन-प्रतिदिन प्रगति कर रहा है।

यातायात के क्षेत्र में

मनुष्य जिस क्षेत्र में दिन और महीनों में यात्रा करता था, वह अब घंटों में करने में सक्षम हो गया है। मोटर कार, ट्रेन, बस, हवाई जहाज, जहाज आदि परिवहन के मुख्य साधन हैं। इन साधनों ने सारे संसार को सीमित कर एक सूत्र में बांध दिया है। अब पूरा विश्व एक राष्ट्र जैसा लगने लगा है। मेट्रो रेल के आविष्कार ने शहरी जीवन को बहुत सुविधाजनक बना दिया है।

बिजली उपकरणों का विकास

पहले सभी कार्य मानव शक्ति और पशु शक्ति द्वारा किए जाते थे, आज भाप, खनिज, तेल, कोयला और बिजली ने मनुष्य को असीमित शक्ति दी है। बिजली के आविष्कार ने हर जगह रोशनी बिखेर दी है। बिजली एक ओर हमें शक्ति देती है और दूसरी ओर प्रकाश देकर रात को दिन के समान उज्ज्वल बनाती है।

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चिकित्सा में विज्ञान

चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने मनुष्य को एक नया जीवन दिया है। जिन असाध्य रोगों और महामारियों को मानव स्वभाव ने चुपचाप एक क्रोध या अभिशाप के रूप में सहन किया था, उन्हें विज्ञान ने चुटकियों में दूर भगा दिया है। हैजा, चेचक, प्लेग जैसी महामारियों को विज्ञान ने जड़ से उखाड़ फेंका है।

इंजेक्शन, एक्स-रे, रेडियम और इलेक्ट्रिकल थेरेपी ने मृत इंसान को जीवनदान दिया है। मनुष्य ने शल्य चिकित्सा के द्वारा अद्भुत और आश्चर्यजनक सफलता प्राप्त की है। रोगी के शरीर को फाड़कर उस पर कृत्रिम सामग्री डालकर एक अद्भुत उपचार किया गया है।

संचार के क्षेत्र में

संचार के क्षेत्र में भी विज्ञान ने अद्भुत प्रगति की है। पहले किसी खबर को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में कई दिन और महीने लग जाते थे। आज उस खबर तक पहुंचने में मिनट या सेकंड लगते हैं। दुनिया के किसी भी क्षेत्र में घटने वाली कोई घटना मिनटों में बिजली की तरह पूरे विश्व में फैल जाती है। रेडियो और टेलीविजन ने इस दिशा में अपार सफलता हासिल की है, रेडियो और टेलीविजन प्रसारण के द्वारा इन घटनाओ का प्रचार होता है।

हथियारों के क्षेत्र में

आधुनिक युग में तोप, बम, टैंक और मिसाइल से युद्ध होता है। युद्ध में बमवर्षक विमानों ने अद्भुत भूमिका निभाई है। 10000 किमी तक की मारक क्षमता वाली इंटरकांटिनेंटल मिसाइलें दुनिया को तबाही की ओर ले जा रही हैं। रूस, अमेरिका, चीन, ब्रिटेन ने इस दिशा में जबरदस्त प्रगति की है। अनु बम विनाश का पर्याय है।

मनोरंजन का विकास

मनोरंजन करना मानव स्वभाव है। विज्ञान की प्रगति के साथ मनोरंजन के साधनों में भी प्रगति हुई है। सिनेमा, वीडियो, टेलीविजन, नए खेल आदि मनोरंजन के आधुनिक वैज्ञानिक साधन हैं। आज इंसान घर बैठे टेलीविजन पर फिल्में और धरावाहिक देखकर अपना मनोरंजन करता है।

विज्ञान के लाभ

विज्ञान के नवीनतम आविष्कारों के कारण आज मानव जीवन बहुत सुविधाजनक हो गया है। मनुष्य का जीवन विज्ञान से इस प्रकार जुड़ा है कि विज्ञान के बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता। आज के वैज्ञानिक युग में सुई से लेकर बड़े जहाज, ट्रेन, विमान इंसानों के लिए बनाए गए हैं। इन सबका उपयोग हम अपने जीवन में करते हैं।

नवीनतम विज्ञान के आविष्कार ने मानव जीवन को आसान और खुशहाल बनाने के लिए कई आविष्कार किए हैं। खेती के क्षेत्र को सरल बनाने के लिए ट्रैक्टर, कंबाइन आदि कई मशीनों का आविष्कार किया गया है। इसके अलावा घरेलू कामों को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रेस, फ्रिज, मिक्सर आदि घरेलू उपकरणों का आविष्कार किया गया है।

प्लेग, मलेरिया, डेंगू, हैजा आदि कई खतरनाक बीमारियों पर विज्ञान ने काबू पा लिया है। पहले इंसान इन बीमारियों से मरते थे, लेकिन विज्ञान ने उन्हें जड़ से उखाड़ फेंका है।

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विज्ञान अभिशाप के रूप में

किसी चीज की अति विनाश का कारण बनती है। विज्ञान ने मनुष्य को जो भी न्यूनतम संसाधन उपलब्ध कराए हैं, वह बेशक उसकी सुविधा के लिए हैं, लेकिन अगर उनका अनुचित तरीके से उपयोग किया जाए, तो वे हमारे लिए घातक साबित हो सकते हैं।

जहां परिवहन के साधनों ने लोगों के समय की काफी बचत की है, वहीं कई दुर्घटनाएं भी होती हैं। विमानों, ट्रेनों, बसों के हादसों में हर दिन एक पल में हजारों लोगों की मौत हो जाती है। आजकल इन साधनों ने मनुष्य के जीवन को बिल्कुल क्षणभंगुर बना दिया है।

आज बिजली ने इंसान को अपना गुलाम बना लिया है। हर दिन कार्रवाई बिजली के कारण होती है। जरा सी लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। आधुनिक हथियारों का आविष्कार वैज्ञानिक प्रगति का सबसे बड़ा अभिशाप है।

पहले के युद्धों में केवल सेना को नुकसान होता था, लेकिन अब ऐसे हथियार बन गए हैं, जिससे निर्दोष लोग, जानवर, पक्षी, पूरा पशु जगत मौत के मुंह में पहुंच जाता है।

विज्ञान हमारे लिए वरदान भी है और अभिशाप भी। विज्ञान द्वारा आविष्कार किए गए साधन हमारे लिए वरदान साबित हुए हैं, लेकिन अगर हम उन उपकरणों का गलत इस्तेमाल करते हैं, तो वे हमारे लिए अभिशाप बन जाते हैं, विनाशकारी युद्धों को रोकना चाहिए। अत: मनुष्य को चाहिए कि वह विज्ञान का प्रयोग स्वयं को बचाने के लिए वरदान के रूप में करे।

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FAQs. Essay on Science Boon or Curse in Hindi

विज्ञान के बारे में इतना महत्वपूर्ण क्या है.

उत्तर – विज्ञान एक ऐसा तरीका है जो हमारे दैनिक जीवन के लिए समाधान बनाता है। यह हमें ब्रह्मांड के महान रहस्यों का जवाब देने में मदद करता है। यह ज्ञान के सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवीनतम विचारों को इसे और अधिक न्यायसंगत और सतत विकास द्वारा आगे ले जाना चाहिए।

विज्ञान क्या है और इसके उपयोग ?

उत्तर – विज्ञान हमारे आस-पास के वातावरण को रोशन करने वाले नए उपकरण और विचार बनाकर ब्रह्मांड के बारे में नवीनतम चीजों की खोज करने और ज्ञान का निर्माण करने का एक तरीका है। यह हमें व्यावहारिक समस्याओं को हल करने, नई तकनीकों को विकसित करने और सूचित निर्णय लेने में मदद करता है।

विज्ञान के जनक कौन है?

उत्तर – महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने गैलीलियो को “आधुनिक विज्ञान का जनक” कहा। गैलीलियो का जन्म 15 फरवरी, 1564 को इटली के पीसा में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपना अधिकांश बचपन फ्लोरेंस, इटली में बिताया।

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विज्ञान : वरदान या अभिशाप पर निबन्ध | Essay on Science : A Boon or Bane in Hindi

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विज्ञान : वरदान या अभिशाप पर निबन्ध | Essay on Science : A Boon or Bane in Hindi!

विज्ञान का अर्थ है किसी विषय का विशेष और व्यवस्थित (Specific and System) ज्ञान । विशेष ज्ञान के बल पर ही विशेष कार्य किये जाते हैं । तरह-तरह के आविष्कार तथा खोज (Inventions and Discoveries) विज्ञान के ही परिणाम (Result) हैं ।

विज्ञान की दी हुई चीजों का उपयोग हम सुबह से लेकर नींद आने तक लगातार करते रहते हैं । यहाँ तक कि नींद आने के बाद भी विज्ञान हमें लाभ पहुँचाता रहता है । आज विज्ञान के बिना मनुष्य का जीवन सभ्य (Civilised) नहीं कहा जा सकता ।

2. विज्ञान से लाभ:

विज्ञान ने हमारे जीवन को कितना सुखी बना दिया है, यह कहने की आवश्यकता नहीं है । कपड़े-बुनने के कल-कारखाने अधिक अनाज उगाने के लिए हैकर तथा अन्य मशीनें, मकान बनाने के नये नये उपाय तथा औजार (Tools), ये सब विज्ञान ने हमारे लिए बनाये हैं ।

ADVERTISEMENTS:

किसी समय लोग अकाल (Famine) से मरने को मजबूर थे किन्तु आज किसी के भूख से मरने की खबर शायद ही कभी मिलती हो । आज शरीर ढँकने के लिए कपड़े सबके पास है । किसी समय बड़ी संख्या में हैजा (Cholera) प्लेग आदि बीमारियों से लोगों की मौत हो जाती थी ।

आज ये सब रोग विज्ञान के नियंत्रण (Control) में हैं । इन रोगों का आसानी से इलाज किया जा सकता है । इतना ही नहीं, विज्ञान ने हमारी दैनिक सुख सुवि धा की छोटी-छोटी चीजों के अलावा शिक्षा, सूचना, सम्पर्क (Contact) यात्रा (Travel) तथा शत्रुओं (Enemies) से रक्षा के अनेक उपाय और साधन (Ways and Means) हमें दिये हैं ।

सूई से लेकर कार, ट्रेन, विमान तथा अन्तरिक्ष यान (Space Shuttle) और कृत्रिम उपग्रह (Artificial Satellites) तक विज्ञान के हाथों बन चुके हैं जिनका उपयोग हम प्रत्यक्ष या परोक्ष (Direct or Indirect) रूप से जरूर करते हैं ।

विज्ञान से जहाँ मनुष्य के इतने लाभ (Benefit) हुए हैं और जीवन सभ्य (Civilised) तथा सहज (Easy) बन गया है, वहीं बन्दूक, बम, मिसाइल जहरीली गैसें आदि बनाकर मनुष्य को भारी नुकसान पहुँचाया है और भविष्य (Future) के प्रति भय भीत कर दिया है । आज पूरा संसार एटम बम के भय से काँप रहा है । प्रदूषण (Pollution) भी बढ़ा है और वायुमण्डल (Atmosphere) के ओजोनमंडल को भी नुकसान हुआ है ।

4. उपसंहार:

अत: विज्ञान एक तरफ मनुष्य के लिए वरदान (Boon) है तो अत ओर अभिशाप (Bane or Curse) भी । यह हम पर निर्भर करता है (Depends on us) कि हम विज्ञान का प्रयोग करें ।

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Essay on Science is a Boon or a Curse? | Short Essay | 400+ Words

Short essay –.

As we all know that everything in the world has its pros and cons, and this thing applies to science also. Now the question is “Science is a Boon or a Curse?” It has made our life comfortable. All the technology, communication, and medical facilities available today are present due to science only.

Electricity is one of the most magnificent wonders of it. Electricity is the primary source of energy. Without electricity, there will be no bulbs, no communication system, etc.

Science has also benefited agriculture. Due to the green revolution, the High yielding variety (HYV) seeds came into use. These seeds increased the production of grains and resulted in a better quality of the crop. Science has also improved irrigation facilities. Nowadays, we have different types of mechanical irrigational systems that help farmers save their time and labour.

It is beneficial for us, but at the same time, it is also very harmful. Science has given birth to many explosives, bombs, cyber-crime, hacking, etc. which are the cause of the destruction of the world. In WW2, America bombed two cities of Japan- Hiroshima and Nagasaki and killed about 40 lakh, innocent people.

So, after seeing all the advantages and disadvantages of science, we can conclude that science is both a boon and a curse at the same time. It can also be very beneficial for us if we use it correctly.

Essay on Science is a Boon or a Curse?

Long Essay –

Introduction.

As we all know that everything in the world has its pros and cons, this thing applies to science also. It is beneficial for us, but at the same time, it is also very harmful. From the Stone Age to Modern age, all the changes are possible due to science. It has made our life comfortable. All the technology, communication, and medical facilities available today are present due to science only.

Advantages of Science

Electricity is one of the greatest wonders of it. It is a significant source of energy. Without electricity, there will be no bulbs, no communication system, etc. If it was not there, then all these things were not possible.

The discovery and development of all the natural resources are due to it only. All the metals, chemicals, elements, compounds are the result of science alone. Without it, there will be no furniture, cars, aeroplanes, etc. Due to these discoveries, we are living comfortably.

Science has also benefited agriculture. Due to the green revolution, the High yielding variety (HYV) seeds came into use. These seeds increased the production of grains and resulted in a better quality of the crop. It has also improved irrigational facilities. Nowadays, we have different types of mechanical irrigational systems that help farmers save their time and labour.

Disadvantages of Science

Science is also very harmful for all. It has given birth to many explosives, bombs, cyber-crime, hacking, etc. which are the cause of the destruction of the world. These bombs and explosives have taken the lives of many innocent human beings. In WW2 America bombed two cities of Japan- Hiroshima and Nagasaki and killed about 40 lakh, innocent people.

Artificial intelligence is a huge invention in the history of science, but, now this is a big problem for us. People use it in the wrong way. Today the cases of hacking and cyber-crime have increased very much. People are using artificial intelligence to rob people and get money. This is a terrible impact of science on our life.

So, after seeing all the advantages and disadvantages of it, we can conclude that science is both a boon and a curse at the same time.  The government is also taking some steps to reduce cyber-crimes and ethical hacking. We should also be cautious while using artificial intelligence. It can steal our data such as bank passwords, etc. and send these things to other people. The latter use it in the wrong way. It can also be very beneficial for us if we use it correctly. So we should all be careful and not use it in the wrong direction; otherwise, it will only cause destruction.

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध । Hindi Essay on Science Boon or Curse

essay on science boon or curse in hindi

विज्ञान की हम सबकी ज़िन्दगी में मुख्य भूमिका है और इसी की वजह से इसका हर रूप प्रभावित किया है। पहले यह जीवन शून्य पर था परंतु आज कई ऊंचाईयों तक पहुंच गया है। विश्व का इतना विकासपूर्ण दृश्य केवल विज्ञान की वजह से देखना मुमकिन हो पाया है जो अकल्पनीय है।

विज्ञान से मुमकिन

पुराने समय को वापस देखें तो मनुष्य को लंबी दूरी तय करने में कई घण्टे, दिन व साल लग जाते थे, पर आज रेल, गाड़ी,अस्पताल, हवाई जहाज जैसे आविष्कार की वजह से ये सब लक्ष्य सम्भव हुआ है।

वैज्ञानिक चमत्कार ने मनुष्य की रोज़मर्रा की सुख-सुविधाओं में बहुत तरक्की की है। विज्ञान के कुछ ऐसे ही अविष्कार हैं जो हमारे दैनिक कार्यों को काफ़ी सरल बना दिये हैं जैसे हमारे कपड़े धोने आसान हो गए है, कपड़ों की स्त्री करना आसान हो गया है, भोजन पकाना, ठंडी में गर्म पानी और गर्मियों में ठंडे पानी उपलब्ध हो पाई हैं।

बड़ी-बड़ी मशीनों के बनने के वजह से आज बड़े-बड़े फैक्ट्रीज आये हैं जिससे शारीरिक श्रम कम हो पाया है, समय व पैसे की बचत के अलावा अच्छे  मात्रा में उत्पादन मुमकिन हो पाया है।

इससे आबादी को महत्वपूर्ण वस्तुएं कम दामों पर मुहैया करायी जाती हैं।

कृषि क्षेत्र में विज्ञान

भारत आज वाला करोड़ों की आबादी वाला राष्ट्र बन चुका है जहां हर वर्ग के लोग निवास करते है और हर वर्ग के मुताबिक उनकी वैज्ञानिक ज़रूरतें है।  विज्ञान की सहायता से किसान आज आत्मनिर्भरता को छू पाए हैं दिन-प्रतिदन प्रगति भी कर रहे हैं।  यह सब आज सिर्फ विज्ञान के चमत्कार से ही सम्भव हो पाया है।

विज्ञान ने किसानों के लिए अच्छे प्रकार के बीज, बहुत अधिक विकसित और आधुनिक तकनीक, कीड़े मारने के पदार्थ, बड़ी गाड़ियां खेतों के लिए, बिजली आदि की भेंट की है।

हथियारों की वजह – विज्ञान

जहां पर हमने मनुष्यों के द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की होते देखा है, इस जीवन को सभ्य और खूबसूरत बनते देखा है वहीं इसके गलत हाथों में उपयोग की वजह जैसे  बंदूकों, घातक बोम्बों व हथियारों की वजह से मानव जाति पर आये खतरे को भी देखा है।

इसका सही प्रकार से इस्तेमाल न होना किसी के ज़िन्दगी की कीमत भी होती है। विज्ञान एक ऐसा स्रोत है जिसकी ताकत व शक्ति अपार  है। मनुष्य के ताकतवर व असीमित दिमाग के वजह से वह जैसे चाहें इसका इस्तेमाल कर सकता है।

विज्ञान से हानि

इस बात से सभी परिचित हैं कि  विज्ञान में दैवीय शक्ति की मौजूदगी के अलावा असुरी शक्ति भी होती है। विज्ञान ने कई घातक तरीकों के सिवाय कई तरीकों से इंसान को हानि पहुंच सकता है।

विज्ञान ने भौतिकवाद को बढ़ावा दिया है जिसके कारण धर्म और ज्ञान से जुड़ी विषयों पर विश्वास होता है फ़िर वो दिखावटी व खाली प्रतीत होते हैं। मानव का मानवता से जो सम्बन्ध होता है वो खोखले और कमजोर होने दिखाई देते हैं।

आज यह विज्ञान पूरी दुनिया के लिए वरदान सिद्ध हुआ है पर इसके ग़ैरक़ानूनी उपयोग  भी बहुत हुआ है। विज्ञान के क्षेत्र में तहलका मचा देने वाले कुछ महान लोग तो गुज़र गए पर इसका इस्तेमाल करने वाले की संख्यां आज करोड़ों में पहुंच गयीं हैं।

कुछ मनुष्य इसका सही उयोग कर तरक्की कर रह दुनिया को गौरवशाली बना रहे हैं और कुछ गलत प्रयोग के रूप में।

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विज्ञान वरदान या अभिशाप निबंध – Essay On Science boon or curse in Hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध- essay on science boon or curse in hindi.

Vigyan vardaan ya abhishap

इस निबंध के अन्य शीर्षक-

  • विज्ञान का सदुपयोग 
  • हमारी वैज्ञानिक उपलब्धियां 
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण संतुलित समाज का आधार 
  • विज्ञान वरदान है या अभिशाप 
  • भारत की वैज्ञानिक प्रगति 
  • विज्ञान के बढ़ते चरण 
  • राष्ट्रीय विकास मे विज्ञान का योगदान 
  • भारतीय कृषि मे विज्ञान का योगदान 

रूपरेखा–

  • प्रस्तावना,
  • यन्त्र विज्ञान की देन,
  • मनोरंजन एवं ज्ञान में वृद्धि,
  • मौसम एवं अन्तरिक्ष विज्ञान,
  • औषधि विज्ञान एवं सर्जरी की देन,
  • मानव–कल्याण,
  • भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियाँ,
  • उपसंहार।

प्रस्तावना

यन्त्र विज्ञान की देन, मनोरंजन एवं ज्ञान में वृद्धि, मौसम एवं अन्तरिक्ष विज्ञान, औषधि विज्ञान एवं सर्जरी की देन, मानव–कल्याण, भारत की वैज्ञानिक उपलिब्धयाँ, उपसंहार.

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध (Essay On Science Boon Or Curse In Hindi)

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध (essay on science boon or curse in hindi) :.

essay on science boon or curse in hindi

भूमिका : आज का युग विज्ञान का युग है। आज के वैज्ञानिक युग ने मनुष्य के जीवन में बहुत ही प्रभाव उत्पन्न किया है। आज मनुष्य के जीवन में जितनी भी गतिविधियाँ हो रही हैं वो सब विज्ञान की वजह से ही संभव हो पायी हैं। आज के समय में पुराने रहस्यों को भी खोज लिया गया है आज विज्ञान की वजह से ही आकाश की उंचाईयों से लेकर पाताल की गहराईयों को नापना संभव हो पाया है।

मनुष्य ने जो प्रगति की है उसका इतिहास इस बात का साक्षी है कि वह किसी समय जानवरों जैसा जीवन जीता था। गुफाओं में रहता था, कच्चा मांस और फल सब्जियां खाता था, पेड़ों और पौधों की पत्तियों और छालों को कपड़े की तरह पहनता था। धीरे-धीरे उसने आग जलाना सिखा और वहाँ से वह निरंतर आगे बढ़ता चला गया और आधुनिक युग में बहुत आगे बढ़ता चला गया है।

विज्ञान की वजह से मनुष्य जीवन हर तरह से बदल गया है। विज्ञान की वजह से ही मनुष्य आज इतनी ऊँचाईयों पर पहुंच पाया है। विज्ञान सुखों के लिए दुःख से जुडकर उसे वरदान और अभिशाप दोनों की तरह प्रस्तुत हुआ है।

विज्ञान का अर्थ : विज्ञान का अर्थ होता है- विशिष्ट ज्ञान। अथार्त किसी वस्तु या विषय के बारे में विशेष और व्यवस्थित ज्ञान होना। जब किसी के पास विशेष ज्ञान होता है तभी विशेष काम किये जाते हैं। विज्ञान शब्द दर्शन और साहित्य के क्षेत्र में भी अर्थ दे सकता है क्योंकि किसी भी विषय का विशिष्ट ज्ञान होना ही विज्ञान कहलाता है।

आज तक जो भी तरह-तरह के अविष्कार और खोज हुई हैं वे सब विज्ञान के ही परिणाम थे। विज्ञान का हमारे जीवन में इतना महत्व हो गया है कि हम सोते-जागते विज्ञान के आविष्कारों को अपने पास देखते हैं और उन्हें प्रयोग में लाते हैं।

आज के समय में जिस मनुष्य के पास विज्ञान है उसका जीवन सभ्य है लेकिन जिसके पास विज्ञान नहीं है उसका जीवन निरर्थक है। विज्ञान ने अपने बल पर पूरे संसार को एक परिवार बना दिया है आज के समय में ऐसी कोई जगह नहीं है जहाँ पर इसके उपकरण उपलब्ध न हों।

विज्ञान के लाभ : विज्ञान की वजह से मनुष्य जीवन आज बहुत ही सुखमय हो गया है। आज के समय में विज्ञान मनुष्य के जीवन से जुड़ गया है जिसके बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है। विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को सरल और सुखमय बनाने के लिए बहुत से आविष्कार किये हैं जैसे खेती को सरल बनाने के लिए हैकर, ट्रैक्टर, क्म्पाइन जैसी मशीने, घरेलू कामों को सुखमय बनाने के लिए प्रेस, फ्रिज, मिक्सी जैसी मशीनों का आविष्कार किया है।

कोई ऐसा समय था जब लोगों के अकाल से मरने की खबर को बहुत सुना जाता है लेकिन विज्ञान की वजह से आज के समय में शायद ही कोई ऐसी खबर सुनने को मिलती है जिसमें लोग भूख से मरते हैं। पहले लोग पेड़-पौधों की पत्तियों और जानवरों की खाल से अपने शरीर को ढकते थे लेकिन आज के समय में सभी के पास अपने शरीर को ढकने के लिए कपड़े हैं।

पहले लोग प्लेग, मलेरिया, डेंगू, हैजा जैसी बीमारियों से ग्रस्त होकर मर जाते थे लेकिन आज के समय में विज्ञान ने इस सब बीमारियों को अपने नियंत्रण में कर लिया है। विज्ञान की वजह से हमारे दैनिक जीवन की सुख-सुविधाओं का भी आयोजन हो पाया है।

आज के समय में दुश्मनों से अपनी रक्षा करने के लिए बहुत से साधन उपलब्ध हैं। आज के वैज्ञानिक युग में हमारे लिए सुईं से लेकर बड़े-बड़े जहाजों, ट्रेनों, विमानों और कृत्रिम गृह तक बनाए जा चुके हैं। इन सब का उपयोग हम प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करते हैं।

विज्ञान का प्रयोग : विज्ञान का प्रयोग हर क्षेत्र में किया जाता है। आज के समय में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ पर विज्ञान का प्रयोग नहीं होता है। विज्ञान के साधन को हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। मानव जीवन के क्षेत्र में विज्ञान एक वरदान की तरह है जिसे वह अपने जीवन में प्रयोग करता है।

1. संचार के क्षेत्र में : संचार के क्षेत्र में विज्ञान की वजह से बेतार के तार देना संभव हो पाया है। विज्ञान की वजह से ही टीवी, रेडियो, तार, टेलीफोन, फैक्स, इमेल और मोबाईलफोन आदि के आविष्कार की वजह से ही आज समाचार एक पल में एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकता है। जितने भी कृत्रिम उपगृह हैं उन्होंने इस दिशा में और अधिक सफलता प्राप्त की है और नई-नई खबरें पल भर में प्राप्त हो जाती हैं।

2. यातायात के क्षेत्र में : पहले समय में मनुष्य को लंबी और दूर की यात्रा को पूरा करने के लिए वर्षों लग जाते थे लेकिन विज्ञान की मदद से आज मनुष्य ट्रेन, मोटर, पानी के जहाज, हवाई जहाज से दूर-से-दूर की यात्रा को बहुत ही जल्दी पूरा कर लेते हैं। यातायात में उन्नति होने की वजह से व्यापार के क्षेत्र में भी उन्नति हुई है। आज विज्ञान की वजह से ही व्यापार अपनी असीम उंचाईयों तक पहुंच पाया है।

3. दैनिक जीवन में : आज विज्ञान की वजह से मनुष्य की दैनिक जिन्दगी और अधिक सुखमय हो गई है। विज्ञान की वजह से कपड़े धोना, प्रेस करना, भोजन पकाना, सर्दियों में गर्मी और गर्मियों में सर्दी महसूस कराना, गर्मियों में ठंडा पानी करना जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हो पायी हैं। विज्ञान की वजह से ही सर्दी और गर्मी दोनों से ही हमारी रक्षा होती है। आज की सारी औद्योगिक प्रगति इसी पर निर्भर करती है।

4. औषधीय क्षेत्र में : जिस तरह से मनुष्य ने विज्ञान के क्षेत्र में नए-नए आविष्कार किये हैं उसी तरह से मानव समाज ने नए-नए रोगों को भी प्राप्त किया है। आज मनुष्य भयानक और संक्रामक रोगों से ग्रस्त होने के बाद भी मौत के मुंह से बच जाता है इन सब का श्रेय विज्ञान को ही जाता है।

विज्ञान की वजह से ही एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड टेस्ट, एंजियोग्राफी, कैट स्केन, सिटी स्कैन जैसी मशीनों की वजह से शरीर के अंदर के रोगों के बारे में पता लगाया जा सकता हैऔर उस रोग का तुरंत उपचार करना भी संभव हो जाता है। विज्ञान की वजह से ही अंधों को आँखें और बहरों को कान और अंगहीनों को अंग देना संभव हो सका है।

5. औद्योगिक क्षेत्र में : विज्ञान के कारण ही औद्योगिक क्षेत्र की बड़ी-बड़ी मशीनों का निर्माण करना संभव हो पाया है। विज्ञान के कारण कल कारखानों का निर्माण किया गया जिससे मेहनत, समय और धन की बचत होने के साथ-साथ उसका सही मात्रा में उत्पादन भी हो सके। इसकी वजह से लोगों को वस्तुएँ सस्ते मूल्यों में उपलब्ध करायी जा सकती हैं।

6. कृषि क्षेत्र में : जिस देश की जनसंख्या 121 करोड़ से भी अधिक है अगर वो आज कृषि के क्षेत्र में अग्रसर हो पाया है तो यह विज्ञान की वजह से ही हुआ है। विज्ञान की वजह से ही किसान को उत्तम बीज, विकसित तकनीक, रासायनिक खाद, कीटनाशक, ट्रैक्टर और बिजली मिली है जिसकी वजह से कृषि को करना सरल हो गया है।

छोटे-छोटे बांधों की सहायता से नहरों को निकालना भी विज्ञान के कारण ही संभव हो पाया है जिसकी वजह से किसानों को कृषि में सहायता के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार पानी मिल सके।

7. शिक्षा के क्षेत्र में : शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान ने अपने आविष्कारों जैसे- इंटरनेट, कंप्यूटर से बहुत बड़ा योगदान दिया है। विज्ञान की वजह से ही शिक्षा के क्षेत्र में मुद्रा के यंत्रों का आविष्कार होना संभव हो पाया है। आज मुद्रण यंत्रों की वजह से ही पुस्तकों को छापना संभव हुआ है। इसके अलावा समाचार-पत्रों, पत्र-पत्रिकाओं और किताबों को छापना संभव हो पाया है। मुद्रण यंत्रों की वजह से जो क्रांति हुई है वह घर-घर पहुंचकर लोगों के ज्ञान में वृद्धि कर रही है।

8. मनोरंजन के क्षेत्र में : विज्ञान के कारण ही आज मनोरंजन के अनेक साधन जैसे- टीवी, रेडियो, चलचित्र का आविष्कार होना संभव हुआ है। विज्ञान ने ही मनुष्य को सस्ता और सुलभ साधन दिया है।

वरदान के रूप में : विज्ञान एक वरदान होता है। विज्ञान उस नौकर की तरह होता है जिससे मनुष्य कुछ भी करवा सकता है और आवश्यकता के अनुसार उसके साथ कुछ भी कर सकता है। आज के मनुष्य का पूरा जीवन विज्ञान के वरदानों के आलोक से ही तो आलोकित है।

सुबह से लेकर शाम तक हम जो भी काम करते हैं वो सब सिर्फ विज्ञान के साधनों की वजह से ही संचालित होते हैं। जिन साधनों का प्रयोग हम अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करते हैं वे सभी हमें विज्ञान के वरदान के रूप में प्राप्त हुए हैं। इसी वजह से कहा जाता है कि जो मनुष्य अनुभवी होता है वह विज्ञान के माध्यम से प्रकृति पर जीत प्राप्त कर सकता है।

आज के समय में रोज नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। आज के समय में मनुष्य जितने भी साधनों का प्रयोग करता है वो सभी विज्ञान ने ही हमें दिए हैं।

आधुनिक युग : आज का युग बटन का युग है। आज के समय में विज्ञान की सहायता से बटन दबाने से पंखा चल जाता है और हमें शीतल हवा प्रदान करता है। अगर आप दुबारा बटन दबाते हैं तो पंखा बंद हो जाता है। आपके बस बटन दबाने की वजह से ही टीवी चल जाता है और अपने पर्दे पर सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। टीवी से किसी गायक की सुंदर आवाज को आसानी से सुना जा सकता है। हम लोग गायक को देख भी सकते हैं और उसके गीतों का आनंद भी ले सकते हैं।

विज्ञान की हानियाँ : विज्ञान ने जहाँ पर मनुष्य के जीवन को इतने लाभ दिए हैं वहीं पर हानियाँ भी दी हैं। जहाँ विज्ञान ने मनुष्य जीवन को सभ्य और सहज बनाया है वहीं पर बंदूकों, बम्बों, मिसाइलों और जहरीली गैसों की वजह से मनुष्य के जीवन को बहुत भारी नुकसान भी पहुंचाया है।

विज्ञान ने मनुष्य को अपने भविष्य के प्रति भयभीत कर दिया है। आज के समय में पूरा विश्व एटम बम्बों और मिसाइलों के डर से कांप रहा है। इन सब की वजह से प्रदूषण में वृद्धि हुई है और वायुमण्डल की ओजोनमंडल को भी बहुत नुकसान पहुँचा है।

अभिशाप के रूप में : विज्ञान का एक पक्ष वरदान है तो एक पक्ष अभिशाप भी है। विज्ञान एक ऐसा साधन है जिससे असीम शक्ति प्राप्त की जा सकती है। मनुष्य जिस तरह से चाहता है उस तरह से इसका प्रयोग कर सकता है। सभी को पता है कि विज्ञान में दैवीय शक्ति के साथ-साथ असुरी शक्ति भी है।

जब किसी मनुष्य की दैवीय शक्ति प्रबल होती है तो वह लोगों के हित के लिए काम करता है। लेकिन जब किसी मनुष्य में राक्षसी शक्ति प्रबल होती है तो वह हिंसक हो जाता है उसी तरह से विज्ञान की राक्षसी शक्ति विध्वंसक और संहारक शक्ति का रूप ले लेती है। जो गत विश्व युद्ध हुआ था उससे लेकर अब तक मनुष्य ने विज्ञान में बहुत उन्नति की है तो यह कहना यथार्त है कि विज्ञान की विध्वंसक शक्ति और अधिक बढ़ गई होगी।

विज्ञान ने विध्वंसक तरीकों के अलावा भी अन्य कई तरीकों से मनुष्य को नुकसान पहुंचाया है। विज्ञान ने भौतिकवादी प्रवृति को प्रेरणा दी है जिसकी वजह से धर्म और अध्यात्म से जो भी संबंधित विश्वास होते हैं वो थोथे और खोखले नजर आते हैं। मानव जीवन के जो भी पारस्परिक संबंध होते हैं वो कमजोर होने लगते हैं।

आज के विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन और अधिक खतरों से भर गया है। विज्ञान के वरदान मशीनों ने अगर मनुष्य को सुख के साधन उपलब्ध कराये हैं तो साथ ही साथ उसके रोजगार को भी छीन लिया है। बिजली विज्ञान की एक महान देन है लेकिन बिजली का एक झटका ही मनुष्य की जान ले लेता है।

जिस तरह से रोज विज्ञान के आविष्कार हो रहे हैं उस तरीके से मनुष्य पर्यावरण असंतुलित होता जा रहा है। मनुष्य जीवन में सुख सुविधाओं की वजह से मनुष्य आलसी और आराम लेने वाला बन गया है जिसकी वजह से उसकी शारीरिक शक्ति खत्म होती जा रही है। इस वजह से नए-नए रोग उत्पन्न हो रहे हैं और मनुष्य में सर्दी और गर्मी सहने की शक्ति कम होती जा रही है।

उपसंहार : जहाँ पर विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान साबित हुआ है वहीं पर अभिशाप भी शाबित होता है। यह बात मनुष्य पर निर्भर करती है कि वह उसका प्रयोग वरदान के रूप में करता है या फिर अभिशाप के रूप में। विज्ञान एक तलवार की तरह होता है जिससे मनुष्य की रक्षा भी की जा सकती है और अपने आप को हानि भी पहुंचाई जा सकती है।

इसमें तलवार का दोष नहीं होता है मनुष्य का होता है। विज्ञान एक ऐसा साधन जिसने विकास के मार्ग को खोल दिया है जिससे मनुष्य विश्व की बेरोजगारी, भुखमरी, महामारी को खत्म किया जा सकता है लेकिन यह तभी संभव है जब मनुष्य में आध्यात्मिक दृष्टि का विकास हो मानव कल्याण की सात्विक भावना जागे।

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So amazing…..and this is so helpful for students…and you gave us so many information….🙏🙏

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Dubai’s Extraordinary Flooding: Here’s What to Know

Images of a saturated desert metropolis startled the world, prompting talk of cloud seeding, climate change and designing cities for intensified weather.

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A dozen or so cars, buses and trucks sit in axle-deep water on a wide, flooded highway.

By Raymond Zhong

Scenes of flood-ravaged neighborhoods in one of the planet’s driest regions have stunned the world this week. Heavy rains in the United Arab Emirates and Oman submerged cars, clogged highways and killed at least 21 people. Flights out of Dubai’s airport, a major global hub, were severely disrupted.

The downpours weren’t a freak event — forecasters anticipated the storms several days out and issued warnings. But they were certainly unusual. Here’s what to know.

Heavy rain there is rare, but not unheard-of.

On average, the Arabian Peninsula receives a scant few inches of rain a year, although scientists have found that a sizable chunk of that precipitation falls in infrequent but severe bursts, not as periodic showers.

U.A.E. officials said the 24-hour rain total on Tuesday was the country’s largest since records there began in 1949 . But parts of the nation had experienced an earlier round of thunderstorms just last month.

Oman, with its coastline on the Arabian Sea, is also vulnerable to tropical cyclones. Past storms there have brought torrential rain, powerful winds and mudslides, causing extensive damage.

Global warming is projected to intensify downpours.

Stronger storms are a key consequence of human-caused global warming. As the atmosphere gets hotter, it can hold more moisture, which can eventually make its way down to the earth as rain or snow.

But that doesn’t mean rainfall patterns are changing in precisely the same way across every corner of the globe.

In their latest assessment of climate research , scientists convened by the United Nations found there wasn’t enough data to have firm conclusions about rainfall trends in the Arabian Peninsula and how climate change was affecting them. The researchers said, however, that if global warming were to be allowed to continue worsening in the coming decades, extreme downpours in the region would quite likely become more intense and more frequent.

The role of cloud seeding isn’t clear.

The U.A.E. has for decades worked to increase rainfall and boost water supplies by seeding clouds. Essentially, this involves shooting particles into clouds to encourage the moisture to gather into larger, heavier droplets, ones that are more likely to fall as rain or snow.

Cloud seeding and other rain-enhancement methods have been tried across the world, including in Australia, China, India, Israel, South Africa and the United States. Studies have found that these operations can, at best, affect precipitation modestly — enough to turn a downpour into a bigger downpour, but probably not a drizzle into a deluge.

Still, experts said pinning down how much seeding might have contributed to this week’s storms would require detailed study.

“In general, it is quite a challenge to assess the impact of seeding,” said Luca Delle Monache, a climate scientist at the Scripps Institution of Oceanography in La Jolla, Calif. Dr. Delle Monache has been leading efforts to use artificial intelligence to improve the U.A.E.’s rain-enhancement program.

An official with the U.A.E.’s National Center of Meteorology, Omar Al Yazeedi, told news outlets this week that the agency didn’t conduct any seeding during the latest storms. His statements didn’t make clear, however, whether that was also true in the hours or days before.

Mr. Al Yazeedi didn’t respond to emailed questions from The New York Times on Thursday, and Adel Kamal, a spokesman for the center, didn’t immediately have further comment.

Cities in dry places just aren’t designed for floods.

Wherever it happens, flooding isn’t just a matter of how much rain comes down. It’s also about what happens to all that water once it’s on the ground — most critically, in the places people live.

Cities in arid regions often aren’t designed to drain very effectively. In these areas, paved surfaces block rain from seeping into the earth below, forcing it into drainage systems that can easily become overwhelmed.

One recent study of Sharjah , the capital of the third-largest emirate in the U.A.E., found that the city’s rapid growth over the past half century had made it vulnerable to flooding at far lower levels of rain than before.

Omnia Al Desoukie contributed reporting.

Raymond Zhong reports on climate and environmental issues for The Times. More about Raymond Zhong

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