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energy conservation essay in hindi— ऊर्जा संरक्षण पर निबंध

energy conservation essay in hindi— ऊर्जा संरक्षण पर निबंध

Table of Contents

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध- What is conservation energy definition?

ऊर्जा संरक्षण आज समय की आवश्यकता है. ईंधन मानव को दिया गया प्रकृति का अनमोल उपहार है. ईंधन पर मानव सभ्यता की निर्भरता दिनों दिन बढ़ती जा रही है.

मनुष्य अपने उपयोग और आराम के लिए रोज नये आविष्कार कर रहा है जो मानव की ईंधन जरूरतों को बढ़ा रहा है.गर्मी से बचने के लिए जहां पहले पंखों का उपयोग होता था, वही अब एसी का उपयोग आम हो चला है.

इसी तरह सड़क पर वाहनों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. बिजली की उपलब्धता और उसकी मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है. ऐसे में हम ईंधन का उपयोग भी तेजी से कर रहे हैं.

Why is it so important to conserve energy?

हमें एक बात याद रखनी होगी कि जिस जैव ईंधन पर मानव संस्कृति फल-फूल रही है. वह सीमित है और उसके अंधाधुंध उपयोग से उसकी कमी होती जा रही है.कच्चे तेल के कुएं सूखते जा रहे हैं.

ऐसी स्थिति बनी रही तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी का ईंधन समाप्त हो जाएगा और हमारे सभी संसाधन ठप्प हो जाएंगे. इस परेशानी से बचने का एक ही उपाय है कि हम जागरूक हो और ऊर्जा संरक्षण करें।

How to Conserve Energy कैसे कर सकते हैं ऊर्जा संरक्षण?

ऊर्जा संरक्षण आज की जरूरत है तभी कल सुनहरा होगा. कुछ सावधानियां बरतकर और अपने साधनों का विवेकशील प्रयोग करके हम आसानी से बड़ी मात्रा में ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं. इस काम को हम अपने घर, सड़क और अपने कार्यस्थल तीनों ही जगहों पर कर सकते हैं.

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घर पर कैसे करें ऊर्जा की बचत? types of energy conservation

घर पर हम सबसे ज्यादा ईंधन का उपयोग अपनी रसोई में खाना बनाने के दौरान एलपीजी गैस के उपयोग के दौरान करते हैं, यहां हम बिन्दुवार टिप्स से यह समझ सकते हैं कि खाना बनाते वक्त किस तरह ऊर्जा संरक्षण किया जा सकता है-

➤ खाना जल्दी बने और साथ ही साथ ईंधन भी बचे इसके लिए प्रेशर कुकर का उपयोग करें.

➤ स्टार लेवल युक्त अथवा आईएसआई मार्क वाले घरेलु एलपीजी चूल्हो का उपयोग करें.

➤ खाना पकाने की सभी जरूरी सामग्री को एक स्थान पर एकत्रित कर लें ताकि चूल्हा जलाने के बाद उन्हें खोजने की प्रक्रिया में ईंधन न गंवाना पड़े.

➤ जल की उचित मात्रा का ही इस्तेमाल करें, जरूरत से अधिक पानी ईंधन का अपव्यय करता है.

➤ एक बार खाना उबलने लग जाए तो आंच धीमी कर दें.

➤ पकाने से पहले अनाज को पानी में भिगो दें, इससे खाना जल्दी पकेगा और ईंधन भी बचेगा.

➤ चौड़ी सतह वाले बर्तनों का उपयोग करें ताकि ऊर्जा का अधिकतम उपयोग हो सकें.

➤ खाना पकाने से पहले खुले बर्तन पर ढक्कन रख दें.

➤ गैस चुल्हे का छोटा बर्नर का ही ज्यादा इस्तेमाल करें इससे गैस कम खर्च होती है.

➤ उजली स्थिर लौ का अर्थ है कि खाना बनाने के लिए इतनी ही गैस पर्याप्त है.

➤ समय-समय पर चूल्हें के बर्नर को साफ करते रहे.

➤ फ्रिज से निकाली गई खाद्य सामग्री को पहले सामान्य तापमान में आ जाने दें, इसके बाद इसे पकाने में उपयोग करें.

➤ इन छोटी सावधानियों से आप न सिर्फ ईंधन की बचत करेंगे बल्कि आपके धन की भी बचत होगी.

कैसे करें ड्राइविंग के दौरान ऊर्जा संरक्षण?

हम अपनी गाड़ियों में बड़ी मात्रा में ईंधन का उपभोग करते हैं. हिन्दुस्तान में गाड़ियों में रोज इजाफा हो रहा है. मांग ज्यादा होने से पेट्रोल और डीजल के दाम भी बेतहाशा बढ़ रहे हैं. मांग कम करने और ईंधन संरक्षण के लिए ड्राइविंग के दौरान कुछ सावधानियां रखी जा सकती हैं-

➤ लाल बत्ती अधिक देर तक होने की स्थिति में अपने वाहन का इंजन बंद कर दें.

➤ कार्यस्थल पर आने जाने के लिए कार पूल या सार्वजनिक परिवहन का यथासंभव उपयोग करें.

➤ वाहन मध्यम गति से चलाए, इससे ईंधन संरक्षण होगा और दुर्घटना की संभावना भी कम हो जाएगी.

➤ वाहन भार कम से कम रखें.

➤ अपनी यात्रा का रूटचार्ट पहले से निर्धारित करें.

➤ कम ईंधन खपत के लिए सही गियर में ही वाहन चलाएं.

➤ बेहतर माइलेज के लिए टाॅप गेयर का अधिक उपयोग करें.

➤ एअर कंडीशनर का उपयोग कम से कम करें.

➤ अपने वाहन की समय-समय पर सर्विस करवाएं.

➤ गाड़ी में टायर में एअर प्रेशर सही रखें.

➤ व्हील अलाइनमेंट की जांच करवाते रहें.

➤ छोटी दूरी के लिए साइकिल का उपयोग करें अथवा पैदल चलें. इससे ईंधन संरक्षण के साथ आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी.

कार्यस्थल पर कैसे करें ईंधन संरक्षण?

हम अपने दिन का बड़ा हिस्सा अपने कार्यस्थल पर बिताते हैं. इस दौरान हम ऐसे ढेरों संसाधनों का उपयोग करते हैं जो किसी न किसी तरह ईंधन का उपयोग करते हैं. कार्यस्थल पर छोटी-छोटी सावधानियों में बड़ी मात्रा में ईंधन संरक्षण किया जा सकता है.

➤ बिजली से चलने वाले उपकरणों को उपयोग के समय ही आॅन करें और उपयोग के तुरंत बाद आॅफ कर दें.

➤ आफिस में एअर कंडीशन का विवेकपूर्ण उपयोग करें.

➤ प्रिंटर का उपयोग कम से कम करें.

➤ आफिस छोड़ने से पहले सभी लाइट्स और उपकरण के स्विच आॅफ कर दें.

➤ कम्प्यूटर को स्लीप मोड पर छोड़ने की जगह उसे शट डाउन करें.

ईंधन के सम्बन्ध में कुछ रोचक तथ्य-Amazing Facts about Fuel

➤ पूरी दुनिया की ईंधन जरूरतों का 80 प्रतिशत जीवाश्म ईंधन के माध्यम से ही पूरा होता है.

➤ प्राकृतिक गैस मीथेन का ही एक रूप होता है.

➤ जीवाश्म ईंधन का उपयोग सबसे पहले बिजली उत्पादन के लिए किया गया.

➤ जीवाश्म ईंधन को बनाने की कोई तकनीक आज तक विकसित नहीं की जा सकी है.

➤ दुनिया के कई देशों में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति गैस के कुंए से सीधे घरों को की जाती है.

➤ अमेरिका रोज 18 मिलियन बैरल तेल का उपयोग करता है.

➤ 1 लीटर गैस को बनाने के लिए 26 टन कच्चे उत्पाद को प्रसंस्कृत करना पड़ता है.

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It is not satisfied page for me…

good article to read

Satisfaction…

Thank u for this essay.is really nice essay to understand to topic

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ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Essay on Energy Conservation in Hindi

energy conservation essay in hindi

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Essay on Energy Conservation in Hindi!

आधुनिक युग विज्ञान का युग है । मनुष्य विकास के पथ पर बड़ी तेजी से अग्रसर है उसने समय के साथ स्वयं के लिए सुख के सभी साधन एकत्र कर लिए हैं । इतना होने के बाद और अधिक पा लेने की अभिलाषा में कोई कमी नहीं आई है बल्कि पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है ।

समय के साथ उसकी असंतोष की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। कल-कारखाने, मोटर-गाड़ियाँ, रेलगाड़ी, हवाई जहाज आदि सभी उसकी इसी प्रवृत्ति की देन हैं । उसके इस विस्तार से संसाधनों के समाप्त होने का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है ।

प्रकृति में संसाधन सीमित हैं । दूसरे शब्दों में, प्रकृति में उपलब्ध ऊर्जा भी सीमित है। विश्व की बढ़ती जनसंख्या के साथ आवश्यकताएँ भी बढ़ती ही जा रही हैं । दिन-प्रतिदिन सड़कों पर मोटर-गाड़ियों की संख्या में अतुलनीय बुदधि हो रही है । रेलगाड़ी हो या हवाई जहाज सभी की संख्या में वृद्‌धि हो रही है । मनुष्य की मशीनों पर निर्भरता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है ।

इन सभी मशीनों के संचालन के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है । परंतु जिस गति से ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ रही है उसे देखते हुए ऊर्जा के समस्त संसाधनों के नष्ट होने की आशंका बढ़ने लगी है । विशेषकर ऊर्जा के उन सभी साधनों की जिन्हें पुन: निर्मित नहीं किया जा सकता है । उदाहरण के लिए पेट्रोल, डीजल, कोयला तथा भोजन पकाने की गैस आदि ।

पेट्रोल अथवा डीजल जैसे संसाधनों रहित विश्व की परिकल्पना भी दुष्कर प्रतीत होती है । परंतु वास्तविकता यही है कि जिस तेजी से हम इन संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब धरती से ऊर्जा के हमारे ये संसाधन विलुप्त हो जाएँगे ।

ADVERTISEMENTS:

अत: यह आवश्यक है कि हम ऊर्जा संरक्षण की ओर विशेष ध्यान दें अथवा इसके प्रतिस्थापन हेतु अन्य संसाधनों को विकसित करें क्योंकि यदि समय रहते हम अपने प्रयासों में सफल नहीं होते तो संपूर्ण मानव सभ्यता ही खतरे में पड़ सकती है।

हमारे देश में भी ऊर्जा की आवश्यकता दिन पर दिन विकास व जनसंख्या वृद्‌धि के साथ बढ़ती चली जा रही है । ऊर्जा की बढ़ती माँग आने वाले वर्षो में आज से तीन या चार गुणा अधिक होगी । इन परिस्थितियों में भारत सरकार की ओर से ठोस कदम उठाने की अवश्यकता है । इस दिशा में अनेक रूपों में कई प्रयास किए गए हैं जिनस कुछ हद तक सफलता भी अर्जित हुई है । ‘बायो-गैस’ तथा अधिक वृक्ष उत्पादन आदि इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं । पृथ्वी पर ऐसे ऊर्जा संसाधनों की कमी नहीं है जो प्रदूषण रहित हैं ।

विश्व भर में ऊर्जा संरक्षण व ऊर्जा के नवीन श्रोतों को विकसित करने के महत्व को समझा जा रहा है । सभी देश सौर-ऊर्जा को अधिक महत्व दे रहे हैं तथा इसे और अधिक उपयोगी बनाने व इसके विकास हेतु विश्व भर के वैज्ञानिकों द्‌वारा अनुसंधान जारी हैं । जहाँ तक भारत की स्थिति है, हमारे देश में पेट्रोलियम ऊर्जा का एक बड़ा भाग खाड़ी के तेल उत्पादक देशों में आयात किया जाता है ।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कभी-कभी कच्चा तेल इतना महँगा हो जाता है कि इसे खरीद पाना भारतीय तेल कंपनियों के वश में नहीं होता । तब सरकार या तो तेल मूल्यों में वृद्‌धि कर इस घाटे की भरपाई करती है अथवा तेल कंपनियों को सीमा-शुल्क आदि में छूट देकर स्वयं घाटा उठाती है । दोनों ही स्थितियों में बोझ देश के उपभोक्ताओं पर ही पड़ता है ।

हमें आशा है कि वैज्ञानिक ऊर्जा के नए संसाधनों की खोज व इसके विकास में समय रहते सक्षम होंगे । इसके अतिरिक्त यह आवश्यक है कि सभी नागरिक ऊर्जा के महत्व को समझें और ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक बनें । यह निरंतर प्रयास करें कि ऊर्जा चाहे जिस रूप में हो उसे व्यर्थ न जाने दें ।

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Energy Conservation Essay

Energy Conservation Essay: ऊर्जा संरक्षण पर निबंध

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Energy Conservation Essay

यहां हम आपको Energy Conservation Essay उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध को आप कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. यदि आप को किसी स्पीच के लिए टॉपिक energy conservation essay in hindi मिला है तो आप इस लेख को स्पीच के लिए भी उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी निबंध प्रतियोगिता के लिए भी Urja Sanrakshan Par Nibandh लिखना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

Essay on Energy Conservation in 100 words

ऊर्जा के स्त्रोत को कम मात्रा में उपयोग करना ऊर्जा संरक्षण कहलाता है। हमें ऊर्जा के स्त्रोत मूल रूप से मिलते हैं। ऊर्जा स्त्रोत मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं। भविष्य के लिए हमें ऊर्जा बचाए रखने के लिए ऊर्जा संरक्षण करना चाहिए। ऊर्जा को कम खर्च करने से पर्यावरण का प्रदूषण भी कम होता है। हमें प्रकृति से मिलने वाली ऊर्जा जैसे कि पवन ऊर्जा सौर ऊर्जा जल ऊर्जा का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। अगर हम अभी से ऊर्जा बचाने का आरंभ कर देंगे तो भविष्य में हमें ऊर्जा की कमी महसूस नहीं होगी। आने वाली पीढ़ी के लिए ऊर्जा संरक्षण करना बहुत आवश्यक है।

Essay on Energy Conservation in 200 words

ऊर्जा का सही रूप से इस्तेमाल करना और और बेवजह ऊर्जा को उपयोग ना करना ऊर्जा संरक्षण कहलाता है। ऊर्जा हमारे जीवन के लिए काफी उपयोगी होती है। जीवन को बचाए रखने के लिए ऊर्जा को बचाना भी जरूरी है। हमें मानव द्वारा निर्मित ऊर्जा को कम उपयोग करना चाहिए तथा प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग अधिक करना चाहिए। प्रकृति से मिलने वाली ऊर्जा जैसे कि पवन ऊर्जा सौर ऊर्जा जल ऊर्जा का इस्तेमाल करके हम ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं और इससे पर्यावरण का प्रदूषण भी काफी हद तक कम होगा।

ऊर्जा के मुख्य दो स्त्रोत होते हैं एक प्राकृतिक और दूसरा मानव निर्मित ऊर्जा के स्त्रोत जैसे कि कोयला पेट्रोलियम गैसेस एलपीजी इत्यादि। कोयला पेट्रोलियम एलपीजी से मिलने वाली ऊर्जा कभी भी खत्म हो सकती है इसीलिए हमें इसे बचाए रखने के लिए ऊर्जा संरक्षण करना चाहिए। देश में लोगों को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को ऊर्जा संरक्षण दिवस (national energy conservation day) मनाया जाता है। इस दिन लोगों को काम करने के लिए कम से कम ऊर्जा का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जाता है तथा नुक्कड़ चौराहे पर छोटे-छोटे कार्यक्रम तथा नाटक से लोगों को ऊर्जा संरक्षण का महत्व बताया जाता है।

Energy Conservation Essay

Essay on Energy Conservation in 300 words

हर साल 14 दिसंबर को ऊर्जा संरक्षण दिवस (national energy conservation day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करना होता है, जिससे कि लोग बेवजह ऊर्जा की खपत ना करें। हमारी प्रकृति ने इंसानों को कई तरह के उपहार दिए हैं। इन्हीं में से एक उर्जा भी हैं, जो कि इंसानों के बहुत काम आ रही है। इंसानों द्वारा अपने जीवन को विकसित करने के लिए कई तरह के उपकरण बनाए जा रहे हैं जो कि ईंधन या ऊर्जा के अन्य स्त्रोतों पर चलते हैं जिसके कारण ऊर्जा की खपत अधिक बढ़ चुकी है। ऊर्जा संरक्षण पर आधारित नियम के अनुसार ऊर्जा को ना ही खत्म किया जा सकता है ना ही बनाया जा सकता है। इसे सिर्फ एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है। ऊर्जा को सोच समझकर इस्तेमाल करना चाहिए तथा ऊर्जा संरक्षण के लिए नए नए नियमों तथा तरीकों की खोज करना भी जरूरी है।

ऊर्जा पर चलने वाले उपकरण जैसे कि पंखे कूलर टीवी फ्रिज ऐसी इत्यादि उपकरणों का उपयोग ना होने पर इन्हें बंद कर देना चाहिए। अगर आज से हम ऊर्जा को बचाना परम करेंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ी बिना किसी परेशानी के इन ऊर्जा स्त्रोतों का इस्तेमाल कर पाएगी। ऊर्जा संरक्षण करने से यह हमारे पर्यावरण को भी फायदा पहुंचाएगा यह बढ़ते हुए तापमान में भी कमी ला सकता है। ऊर्जा संरक्षण के लिए हमें अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल का इस्तेमाल करना चाहिए तथा बड़े-बड़े पहाड़ी इलाकों में पवन चक्की लगाकर हम ऊर्जा का उत्पादन कर सकते हैं। जो कि हमारे रोजमर्रा के छोटे-छोटे कामों में उपयोग की जा सकती है। जीवन को व्यवस्थित रखने के लिए ऊर्जा संरक्षण अति आवश्यक है।

Essay on Energy Conservation in 500 words

ऊर्जा संरक्षण का अर्थ है की हमें किसी काम को करने में कम से कम ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहिए और ऊर्जा की बचत करना चाहिए। ऊर्जा मानव के विकास का मुख्य हिस्सा है इसलिए इसे सोच समझकर खर्च करना चाहिए। अपनी प्रकृति को प्रदूषण से बचाए रखने के लिए तथा आने वाली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें कम से कम ऊर्जा की खपत करना होगी। बढ़ती हुई आधुनिकता के कारण ऊर्जा की खपत काफी बढ़ चुकी है इसलिए हमें प्राकृतिक और मानव निर्मित ऊर्जा को संरक्षित करना होगा। जिससे कि हम अपना और आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित कर सकें।

ऊर्जा संरक्षण का अर्थ

ऊर्जा संरक्षण का अर्थ है किसी भी काम में इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा की खपत को कम करना जैसे कि हम एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए वाहन का इस्तेमाल करते हैं जो कि ऊर्जा के एक माध्यम डीजल है पेट्रोल से चलती है उसे बचाना हम एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए साइकल या प्राकृतिक ऊर्जा स्त्रोत से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऊर्जा को बचाकर हम अपने जीवन को काफी सुरक्षित बना सकते हैं। आज हमें हर काम को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है लेकिन कुछ काम ऐसे भी होते हैं जिन्हें बिना ऊर्जा खत्म किए भी किया जा सकता है इसीलिए ऊर्जा का उपयोग करने से पहले यह सोच ले कि यहां ऊर्जा का उपयोग करना जरूरी है या नहीं।

ऊर्जा संरक्षण की जागरूकता

मानव में विकास के नाम पर काफी तरक्की कर ली है। अब हर काम को करने के लिए मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है जो कि ऊर्जा से चलती है। इसलिए लोग छोटे-छोटे कामों को खुद ना कर कर मशीनों की सहायता से पूरा करते हैं और अनावश्यक बिजली की खपत करते हैं। लोग कई तरह से ऊर्जा के स्त्रोतों का अनावश्यक उपयोग करते हैं। इसलिए ही लोगों को ऊर्जा का महत्व बताने के लिए 14 दिसंबर को प्रतिवर्ष ऊर्जा संरक्षण दिवस (national energy conservation day) मनाया जाता है। जिससे कि लोग ऊर्जा की बचत के प्रति जागरूक हो सके। ऊर्जा संरक्षण के माध्यम से लोगों को छोटे-छोटे काम स्वयं करने के लिए बताया जाता है तथा जितना हो सके बिजली या अन्य उर्जा की खपत को कम करें।

पृथ्वी पर ऊर्जा के स्त्रोत सीमित मात्रा में हैं इसलिए इन्हें सोच समझकर इस्तेमाल करें। किंतु लोग अपनी सुविधा के लिए छोटे-छोटे कामों को भी मशीनों की सहायता से करते हैं जिससे कि ऊर्जा की खपत अधिक होती है। इसलिए हमें छोटे-छोटे कामों से बड़ी ऊर्जा संरक्षण करना होगी ताकि हम अपना और आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुखद बना सकें। हमें अपनी दिनचर्या में ऊर्जा संरक्षण की आदत को शामिल करना होगा।

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Urja Sanrakshan Par Nibandh 1000 words 

जिस तरह हमारे शरीर को काम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो कि हमें भोजन से प्राप्त होती है उसी तरह हमें अपनी रोजमर्रा के कामों को करने के लिए भी ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो कि हमें प्रकृति द्वारा प्राप्त होती है। जिस तरह हमें भोजन को अनावश्यक व्यक्त नहीं करना चाहिए उसी तरह हमें ऊर्जा को भी अनावश्यक व्यर्थ नहीं करना चाहिए। मानव को मिलने वाली ऊर्जा के स्त्रोत पृथ्वी पर सीमित मात्रा में है जिन्हें बचाए रखने के लिए महान साइंटिस्ट तो द्वारा काफी प्रयास किया जा रहा है। अगर इसी तरह हम छोटे-छोटे कामों के कारण बड़ी मात्रा में बिजली या ऊर्जा की खपत करते रहे तो हमें कुछ सालों में ऊर्जा के बिना जीवन व्यतीत करना होगा।

ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता

समय के साथ बढ़ती हुई आबादी के कारण प्राकृतिक ऊर्जा स्तोत्र का अंधाधुन उपयोग किया जा रहा है लोग अपनी सुविधा के नाम पर नई नई मशीनों का आविष्कार करते जा रहे हैं और बेवक्त बेवजह ऊर्जा की खपत कर रहे हैं। आज हम कोयला पेट्रोलियम एलपीजी गैस से बनने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो कि एक बार इस्तेमाल करने के बाद दोबारा इस्तेमाल नहीं की जा सकती इसलिए इन ऊर्जा स्त्रोतों की जगह हमें प्रकृति से मिलने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहिए। सूर्य को ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत माना जाता है इसलिए हमें सूर्य ऊर्जा पवन ऊर्जा जल ऊर्जा का उपयोग अपने जीवन में शामिल करना होगा।

ऊर्जा संरक्षण का महत्व

ऊर्जा संरक्षण का हमारे जीवन में काफी महत्व है किसी कहावत में कहा गया है कि जल वायु पृथ्वी और प्रकृति हमारे पूर्वजों द्वारा हमें दिया गया उपहार है लेकिन यह सत्य नहीं है यह उपहार नहीं एक कर्ज है जिसे हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए बचाए रखना होगा अगर हम आज से ऊर्जा संरक्षण को अपनाते हैं तो हमारी आने वाली पीढ़ी बिना किसी परेशानी के ऊर्जा का इस्तेमाल कर पाएगी। ऊर्जा के इस्तेमाल से ना सिर्फ ऊर्जा की खपत होती है बल्कि हमारा पर्यावरण भी काफी दूषित होता है प्रदूषण के कारण भी ग्लोबल वार्मिंग देसी बड़ी समस्याओं का मनुष्य को सामना करना पड़ता है इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए तथा पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए पूजा संरक्षण करना आवश्यक है।

ऊर्जा के स्त्रोत

आज हमारे पास ऊर्जा के दो स्त्रोत मौजूद हैं पहला प्राकृतिक ऊर्जा स्त्रोत और दूसरा प्राकृतिक संसाधन जिन्हें हम खोज कर ऊर्जा के रूप में परिवर्तित करते हैं।

जीवाश्म ईंधन – कोयला एलपीजी, प्राकृतिक गैस, तेल

परमाणु ईंधन – परमाणु ऊर्जा, परमाणु संलयन

प्राकृतिक ऊर्जा स्त्रोत

पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा।ऊर्जा को दो भागों में बांटा गया है रिनुअल और नॉन रिनुअल जिस ऊर्जा का उपयोग हम एक से अधिक बार तक कर लेते हैं उसे रिनुअल ऊर्जा कहते हैं जैसे कि सौर ऊर्जा पवन ऊर्जा जल ऊर्जा तथा जिस ऊर्जा का उपयोग हम मात्र एक बार कर पाते हैं उसे non-renewable उर्जा कहते हैं जैसे कि बिजली गैस पेट्रोल डीजल इत्यादि। इसीलिए हमें एक बार उपयोग होने वाली ऊर्जा को बचाने का प्रयास करना चाहिए और प्रकृति से मिलने वाली ऊर्जा का उपयोग अधिक करना चाहिए। सूर्य ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है इससे पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है तथा लगातार इससे उर्जा बनाई भी जा सकती है इसीलिए नॉन रिन्यूएबल ऊर्जा स्त्रोतों को बचाए रखने के लिए प्राकृतिक ऊर्जा का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए।

ऊर्जा संरक्षण के उपाय

ऊर्जा संरक्षण के लिए सबसे मुख्य उपाय या हो सकता है कि हमें प्रकृति से मिलने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए। हमें पवन चक्की सोलर पैनल जैसे उपकरण लगाकर सूर्य और पवन से मिलने वाली ऊर्जा को अपने जीवन में शामिल करना चाहिए। जरूरत ना होने पर हमें बिजली या पेट्रोल-डीजल किसी भी प्रकार के ऊर्जा स्त्रोत का उपयोग नहीं करना चाहिए यदि बिना इनका उपयोग करें आपका काम हो सकता है तो उसे कर लेना चाहिए। घर में जरूरत ना होने पर लाइट पंखे को बंद रखना चाहिए।घर में खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाली गैस के उपयोग को भी कम करना चाहिए गैस को बचाए रखने के लिए छोटे-छोटे उपायों की सहायता लेना चाहिए जिससे कि खाना ढक कर बनाना चाहिए। जरूरत ना होने पर घरों में चलने वाले अन्य उपकरण जैसे कि पंखा बल्ब फ्रिज एसी आदि को बंद रखना चाहिए और घर में प्रकाश के लिए जीरो एनर्जी के एलईडी बल्ब या सीएफएल का उपयोग करना चाहिए।

ऊर्जा संरक्षण के फायदे

ऊर्जा संरक्षण से ऊर्जा संरक्षण से ना सिर्फ आज हमें फायदा होगा बल्कि हमारे आने वाली पीढ़ी को भी इसका फायदा मिलेगा। वे बिना किसी परेशानी के अपने जीवन में ऊर्जा का इस्तेमाल कर पाएंगे। ऊर्जा संरक्षण से हम हमारे पर्यावरण को भी सुरक्षित रख पाएंगे क्योंकि डीजल पेट्रोल एलपीजी गैस पर चलने चलने वाली मशीनें अत्यधिक मात्रा में विषैला दुआ पिलाती है जो कि प्रदूषण का मुख्य कारण बनता है। अगर आज सभी लोग ऊर्जा संरक्षण पर ध्यान दे तो आने वाले समय में किसी भी प्रकार से उर्जा संसाधनों की कमी नहीं होगी प्राकृतिक में ऊर्जा के सभी स्त्रोत सीमित मात्रा में है इसलिए उन्हें सोच समझकर इस्तेमाल करना चाहिए। और प्रकृति से मिलने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल करने से हमें काफी फायदा होगा सूर्य ऊर्जा जल ऊर्जा पवन ऊर्जा का इस्तेमाल काफी आसान है और इससे किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है प्राकृतिक सौर ऊर्जा के स्रोतों को बिना किसी परेशानी के नियमित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।

आने वाली पीढ़ी तथा अपने जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए हमें ऊर्जा की आवश्यकता होगी. यदि आज हम ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रयास नहीं करेंगे तो हमारा आने वाला जीवन अंधकार में गुजरेगा। ऊर्जा हम सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसके बिना जीवन जीना असंभव है इसलिए इसकी कीमत को समझते हुए इसे बचाने के बारे में अवश्य सोचिए।

importance of energy conservation essay

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस Energy Conservation Essay जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह energy conservation essay in hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Urja Sanrakshan Par Nibandh कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay कौन से टॉपिक पर चाहिए इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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ऊर्जा संरक्षण क्या है? | What is Energy Conservation

  • Post author: Information
  • Reading time: 8 mins read
  • Post category: Education
  • Post published: February 16, 2024
  • Post comments: 2 Comments

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Energy conservation : आज के समय में तेजी से बढ़ती हुई जनसँख्या और ऊर्जा की खपत को देखते हुए ऊर्जा संरक्षण एक प्रमुख मुद्दा बन जाता है। क्योंकि friend’s ऊर्जा हमारे लिए प्रकृति का दिया हुआ एक अनमोल तोहफा है सच कहूं तो इसके बिना जीवन का कोई महत्व ही नहीं है।

हम लगातार नए-नए अविष्कार कर ऊर्जा का भरपूर उपयोग कर रहे हैं और अपने आने वाली जिंदगी को सुख सुविधाओं से भर रहे हैं – नहीं यह कोई गलत बात नहीं है परन्तु जब इस ऊर्जा का उपयोग या ये कहूं दुरूपयोग व्यर्थ चीजों में किया जाए तो यह पूरी तरह से गलत बात है क्योंकि ऐसा करके हम अपना ही नुकशान कर रहे हैं।

कृपया कर यह लेख पूरा पढ़ें क्योंकि अगर आप को पढ़ते हैं और इससे ऊर्जा संरक्षण के विषय में ज्ञान प्राप्त करते हैं तब हमारा लिखना सफल हो जाता है।

ऊर्जा क्या है – what is energy

ऊर्जा के बारे में लगभग सबको पता ही होगा क्योंकि यह सभी के अंदर विद्यमान होता है, हाँ ये बात अलग है कि आप इस ऊर्जा का उपयोग किस तरह करते हैं।

हमारे अंदर कार्य करने की क्षमता को ही ऊर्जा कहते हैं, ऊर्जा को कई रूपों में स्थान्तरित किया जा सकता है। आपने गिरते हुए पानी को देखा होगा उसमे इतनी ऊर्जा होती है कि वह जमीन पर एक छेद बना सकता है।

साधारणतः ऊर्जा दो प्रकार का होता है –

  • नवीकरणीय ऊर्जा

नवीकरणीय ऊर्जा क्या है – what is renewable energy

नवीकरणीय ऊर्जा प्रदूषण रहित और कभी ख़त्म ना होने वाली ऊर्जा है इनका उपयोग कभी भी किया जा सकता है उदाहरण के लिए सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वार भाटा ऊर्जा इत्यादि नवीकरणीय ऊर्जा में आते हैं।

अनवीकरणीय ऊर्जा क्या है – what is non-renewable energy

इसके अंतर्गत वे ऊर्जा आते हैं जो एक बार ख़त्म होने के बाद दोबारा प्राप्त नहीं किये जा सकते इन्हे बनने में करोङो साल लग सकते हैं इसके उदाहारण है कोयला, पेट्रोलियम इत्यादि।

ऊर्जा के स्त्रोत – source of energy

ऊर्जा के अनेक स्त्रोत हैं जिनमे से कइयों का उपयोग करके ऊर्जा संरक्षण (energy conservation) किया जा सकता है। खासकर ऊर्जा के नवीकरणीय स्त्रोत जिन्हे दोबारा conservation किया, इन्हे विस्तार से जानते हैं –

ऊर्जा के पारम्परिक स्त्रोत – traditional sources of energy

  • पेट्रोलियम/ खनिज तेल
  • प्राकृतिक गैस, इत्यादि।

कोयला (coal) : यह भारत में ऊर्जा उत्पादन का सबसे बड़ा स्त्रोत है, कोयला देश के व्यावसायिक ऊर्जा की मांग का लगभग 67% प्रतिशत पूरा करता है, भारत के कई राज्यों में कोयले का भंडार है जैसे – झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु इत्यादि।

बायोमास या सूखे कार्बनिक पदार्थ (biomass or dry carbonic material) : इसके तहत पेड़ों की सुखी टहनियां, लकड़ी, गोबर, तथा जिव प्राणियों से प्राप्त तेल इत्यादि आते हैं। यह भी ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण माध्यम है जो विश्व के ऊर्जा का लगभग 14 प्रतिशत को पूरा करता है,

विकासशील देशों में इसकी मात्रा 43 प्रतिशत तक है इसलिए वनों की लगातर कटाई हो रही है, वह दिन दूर नहीं जब हम पर्यावरण को पूरी तरह नष्ट कर देंगें और खुद को भी।

तेल (oil) : पेट्रोलियम व तेल उत्पाद में कोयले की अपेक्षा अत्यधिक ऊर्जा होती है। असुद्ध पेट्रोलियम (crude oil) से बहुत से कार्बनिक एवं अकार्बनिक पदार्थ प्राप्त होते हैं।

तेल के भण्डार ज्यादातर छिद्रयुक्त चट्टानों से मिलते हैं और दुनिया के ऊर्जा का 40% तेल ऊर्जा से ही प्राप्त किया जाता है। और उसमे से भी 55% केवल मध्य एशियाई देशों से।

प्राकृतिक गैस (natural gas) : प्रकृतिक गैस भी मुख्यतः तेल के भंडारों के पास ही मिलता है इसमें कुछ मात्रा में कार्बन डाई आक्साइड एवं अन्य ज्वलनशील गैस एथेन एवं प्रीपेन भी रहता है।

परमाणु ऊर्जा (nuclear energy) : इसके उत्पादन के लिए 92U235 का उपयोग किया जाता है, यूरेनियम 235 के विघटन से ऊर्जा प्राप्त किया जाता है। इसका विघटन न्यूक्लियर रिएक्टर में कराया जाता है।

जल-विद्युत ऊर्जा (hydro electric energy) : यह ऊर्जा सस्ता और बार-बार उपयोग किया जाने वाला ऊर्जा है, पृथ्वी हर साल सूर्य से ऊर्जा ग्रहण करती है. इसे ऊर्जा द्वारा अवशोषित किया जाता है जो वाष्प बनता है फिर वर्षा के माध्यम से यह ऊर्जा हमें दोबारा प्राप्त होता है।

गैर परम्परागत स्त्रोत – non-traditional sources

सौर ऊर्जा – solar energy in hindi.

सौर ऊर्जा का उपयोग अपरोक्ष व परोक्ष रूप में मानव कल्याण के लिए किया जाता है, सीधी सौर ऊर्जा विकिरण ऊर्जा होता है जबकि परोक्ष सौर ऊर्जा वह ऊर्जा है जो तत्वों से मिलता है, जिसमे सौर ऊर्जा विकिरण पहले निहित होता है।

सौर ऊर्जा को सीधे ताप ऊर्जा के रूप में तथा इन ऊर्जा को बिजली के रूप में बदलकर उपयोग किया जाता है। फोटोवोल्ट बैक्ट्रियां सीधे सौर ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करती हैं।

जब अनेक प्रकार के ऊर्जा स्त्रोत में सौर ऊर्जा का उपयोग परोक्ष के रूप में किया जाता है तब जैवभार (biomass) ऊर्जा सबसे प्रमुख होता है। जैवभार यहाँ पर उन सभी पदार्थों के लिए उपयोग किया जाता है जो, प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा बने हैं।

इसमें जीवित पौधे तथा उनके सूखे अवशेष आते हैं जैसे – जलीय पौधे, मीठे जल तथा समुद्रीय शैवाल, कृषि अवशेष इत्यादि। इसके अंतर्गत एल्कोहल निर्माण से निकलने वाले अपशिस्ट भी आते हैं।

विश्व की आधी आबादी ऊर्जा के लिए जैवभार (biomass) का उपयोग करती है। भारत के गावों में काष्ट ईंधन के रूप में आज भी उपयोग किया जाता है।

ऊर्जा के अन्य नवीकरणीय स्त्रोत

ऊर्जा के नवीकरणीय और अनवीकरणीय स्त्रोत को जानने का मतलब है हम किस तरह ऊर्जा का संरक्षण (energy conservation hindi) कर सकते हैं और दोबारा उपयोग में लाये जाने वाले ऊर्जा के साधनों का उपयोग करके energy conservation के साथ-साथ अपने वातावरण को भी स्वस्छ रख सकते हैं।

जल शक्ति के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण – Energy conservation through water power

जल में भारी मात्रा में स्थितिज ऊर्जा होता है जिसको गतिज ऊर्जा में परिवर्तन कर, टरबाइन द्वारा बिजली का उत्पादन किया जाता है। दुनिया के कुल बिजली का एक-चौथाई भाग जलशक्ति से प्राप्त होता है, यह ऊर्जा ताप विद्युत संयत्र से प्राप्त ऊर्जा से सस्ता होता है।

पानी को रोकने के लिए बाँध बनाने में कई पर्यवरणीय समस्याएं उत्पन्न होती है जो इस तरह है –

  • भूमि का बहुत बड़ा हिस्सा जल से भर जाता है जिसमे बहुत से छोटे जीव और उनके आवास नष्ट हो जाता है।
  • पोषक युक्त जमीन जिसमे पेंड पौधे उगते हैं नष्ट हो जाता है।
  • कृषि योग्य जमीन नष्ट हो जाती है।
  • समय के साथ-साथ जल के अंदर गाद और कीचड़ भर जाते हैं इससे बिजली उत्पादन के लिए पर्याप्त जल भरने की क्षमता नहीं रहती।

पवन ऊर्जा द्वारा ऊर्जा संरक्षण

पवन (हवा) का उपयोग करके पंखा घुमाया जाता है और बिजली उत्पादन की जाती है परन्तु इसमें भी एक समस्या है, हवा के द्वारा ऊर्जा हर क्षेत्र में प्राप्त नहीं किया जा सकता इसके लिए द्वीप, तटीय, और पर्वतीय क्षेत्र ही बेहतर होते हैं।

ज्वार ऊर्जा के द्वारा ऊर्जा संरक्षण

समुद्र में उठने वाले उच्च ज्वार और निम्न ज्वार के माध्यम से बिजली का उत्पादन किया जाता है।

भूतापीय ऊर्जा से ऊर्जा संरक्षण

गर्म जल के रूप में बह रहे झरनों व सतही जल से टरबाइन को घुमाकर बिजली उत्पन्न किया जाता है।

समुद्रीय तरंग ऊर्जा

पवन (हवा) द्वारा उत्पन्न समुद्रीय तरंगों में भी टरबाइन चलाकर विद्युत ऊर्जा उत्पादित किया जाता है।

अपशिष्ट पदार्थो के द्वारा ऊर्जा संरक्षण

अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा इतना ज्यादा बढ़ चूका है कि चारो तरह जहाँ देखो वहां कचरा ही कचरा दिखाई पड़ता है खासकर शहरों में। हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में घरों से इतना ज्यादा कचरा बाहर करते हैं अगर इनका सहीं से उपयोग किया जाये तो पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है साथ ही भारी मात्रा में Energy Conservation किया जा सकता है।

अपशिष्टों को हम अनेक भागों में बाट सकते हैं जैसे –

  • महानगरों से निकला अपशिष्ट
  • कृषि अपशिष्ट
  • अस्पताल से निकला अपशिष्ट
  • आद्योगिक क्षेत्र के अपशिष्ट
  • खनन द्वारा निकला अपशिष्ट इत्यादि।

इन सब अपशिष्टों का दोबारा उपयोग में लाया जाना हर तरह से फायदेमंद होगा और ऊर्जा संरक्षण (Energy Conservation) भी बेहतर तरीके से होगा।

मानव द्वारा ऊर्जा संरक्षण के तरीके – Energy Conservation Methods

हम अपने दैनिक जीवन में कई ऐसी गलतियां करते रहते हैं जिससे लगातार ऊर्जा का नुकसान होता रहता है, जबकि छोटे-छोटे कदम उठाकर हम ऊर्जा का संरक्षण कर सकते है, उन तरीकों को जानते हैं जिससे ऊर्जा का संरक्षण (Energy conservation) किया जा सके –

  • बेफिजूल बिजली का उपयोग बंद करके, केवल आवश्यकता पड़ने पर ही बिजली का उपयोग करें।
  • कम वोल्ट का सी एफ एल बल्ब उपयोग करके ताकि ऊर्जा की खपत कम हो।
  • ऊर्जा के अनवीकरण साधनों के उअधिक पयोग के बजाय नवीकरणीय साधनों का इस्तेमाल करके।
  • साइकल से या पैदल चलने की आदत डालकर, अधिक दुरी के लिए मोटर साइकल का उपयोग समझ में आता है परन्तु आज के समय में हम जरा-जरा सी दुरी के लिए मोटर साइकल का उपयोग करते हैं जिससे अत्यधिक पेट्रोल खपत होता है, जरा सोचिये एक समय ऐसा आएगा जब पेट्रोलियम खत्म हो जायेगा तब क्या करेंगें ?
  • ऐसी, पंखा, लाइट इत्यादि का कम से कम उपयोग करके।
  • पंखो को लगातार सर्विसिंग करते रहें ताकि वे जाम ना हो और चलने में कम ऊर्जा का खपत करे।
  • मोटर वाहनों को भी समय-समय पर सर्विस कराते रहें ताकि जितना हो सके कम पेट्रोल का खपत हो।
  • खाना बनाने के लिए भी सोलर कुकर का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करे।
  • रेफ्रिजरेटरों के उपयोग में सावधानी बरते बार-बार उसका दरवाजा ना खोलें।
  • सिचाई के लिए भी ध्यान रखे कि पानी सीधे पौधों के जड़ों में जाये ना की व्यर्थ बहे।
  • सिचाई पाइप को सीधा रखे कहीं से मुड़ा हुआ ना हो इससे ऊर्जा खपत अधिक होती है।
  • और बहुत से तरीके हैं जिनसे आप ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं, उनका पालन करें।

ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत क्या है?

ऊर्जा (energy) ना तो उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही इसे नष्ट किया जा सकता है ऊर्जा को केवल एक रूप से दूसरे रूप में स्थान्तरिक किया जा सकता है। ऊर्जा के कई भण्डार सिमित है इसलिए ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता है यही ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत है।

ऊर्जा के संरक्षण के क्या कारण है?

क्योंकि ज्यादातर ऊर्जा (energy) के संसाधन सिमित है जिन्हे दोबारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता ऊर्जा हमारे लिए अमूल्य है इसके बिना जीवन सम्भव नहीं है इसलिए ऊर्जा के संरक्षण की आवश्यकता है या यही ऊर्जा संरक्षण का कारण है।

ऊर्जा का अर्थ क्या है?

ऊर्जा (energy) का अर्थ हमारे कार्य करने की क्षमता से है, ऊर्जा के बिना हम बिल्कुल शून्य है हममे हर कार्य को करने के लिए ताकत ही ऊर्जा है।

ऊर्जा संरक्षण क्या है? (What is Energy Conservation)

ऊर्जा के विभिन्न स्त्रोतों की जनकारी व ऊर्जा के फालतू खपत को रोकना तथा ऊर्जा का सही दिशा में खपत करना ऊर्जा संरक्षण कहलाता है।

ऊर्जा संरक्षण दिवस (National Energy Conservation Day) हमारे जीवन में ऊर्जा के महत्व और इसकी आवश्यकता को देखते हुए प्रत्येक वर्ष 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (National Energy Conservation Day) मनाया जाता है।

ऊर्जा का हमारे जीवन में महत्व को आप अच्छे से समझ चुके हैं साथ ही ये भी समझ चुके हैं कि ऊर्जा के सिमित भण्डारण अत्यधिक है जो कभी भी समाप्त हो सकते हैं इसलिए ऊर्जा के प्रति अपने दायित्व को समझे और ऊर्जा संरक्षण (energy conservation) के दिशा में काम करें।

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So beautiful

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बहुत-बहुत धन्यवाद आपका दिव्यांशु जी

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energy conservation essay in hindi

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध- Essay on Energy Conservation in Hindi

In this article, we are providing information about Energy Conservation in Hindi- Short Essay on Energy Conservation in Hindi Language. ऊर्जा संरक्षण पर निबंध- Urja Sanrakshan Par Nibandh.

प्रकृति ने हमें ऊर्जा के बहुत से स्त्रोत दिए हैं जो कि हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। ऊर्जा को स्त्रोत हमारी जिंदगी को सरल बना दिया है। हमारे पास ऊर्जा को बहुत से संसाधन है जैसे कि पैट्रोल, लकड़ी, कोयला आदि। यह स्त्रोत एक बार ही प्रयोग में लाए जा सकते हैं और इनकी मात्रा बहुत सीमित है।

ऊर्जा सरंक्षण- हमारे पास ऊर्जा के स्त्रोत सीमित मात्रा में होने के कारण और उनके भविष्य में प्रयोग के लिए हमें ऊर्जा को सरंक्षित करके रखना होगा। अगर आज हम ऊर्जा को बचाऐंगे और नष्ट नहीं करेंगे तो ऊर्जा के स्त्रोत भविष्य के लिए बच जाऐंगे।

ऊर्जा का प्रयोग- बढ़ते हुई तकनीक और जनसंख्या वृद्धि के कारण ऊर्जा की माँग में वृद्धि हुई है। हम हर रोज बहुत सारे कार्यों में ऊर्जा का प्रयोग करते हैं। वाहन चलाने के लिए पैट्रोल की जरूरत होती है, बिजली भी कोयले से उत्पन्न होती है और हम सब बिजली का बहुत ज्यादा प्रयोग करते हैं। ऊर्जा के स्त्रोत हमारे लिए बहुत जरूरी है।

ऊर्जा सरंक्षण के उपाय- अगर हम चाहते है कि हम भविष्य में भी ऊर्जा प्राप्त कर सके और ऊर्जा के स्त्रतों का लाभ उठा सके तो हमें इनका सोच समझकर प्रयोग करना होगा और साथ ही ऊर्जा के ऐसे स्त्रोत ढूंढने होंगे जिनका हमारे पास भंडार हो और वह कभी न खत्म होने वाले हो। हमने ऊर्जा के नए स्त्रोत खोज लिए हैं जैसे कि सौर ऊर्जा जो कि सूर्य की गर्मी से प्राप्त होती है और यह कभी खत्म नहीं होने वाली है और वातावरण के लिए हानिकारक भी नहीं है। पवन ऊर्जा जो कि तेज हवा से प्राप्त होती है। पैट्रोल, कोयले आदि जैसे ऊर्जा के स्त्रोतों को सरंक्षित करने के लिए हमें

निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-

1. हमें पंखे, लाईट आदि को बिना प्रयोग के खुला नहीं छोड़ना चाहिए। 2. हमें एलीडी बल्ब का प्रयोग करना चाहिए जिससे बिजली की खपत कम हो और कोयले को बचाया जा सके। 3. निजी वाहनों का प्रयोग छोड़कर सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करें। 4. थोड़ी दूर जाने के लिए साईकिल का प्रयोग करें और हो सके तो थोड़ा पैदल चले।

निष्कर्ष- बिजली और वाहन आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। हमें ऊर्जा के स्त्रोत बचाकर सौर ऊर्जा जैसे स्त्रोत प्रयोग में लाने चाहिए। लोगों ने ऊर्जा के महत्व को समझा है और उसे बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं। बच्चों को भी ऊर्जा को बचाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

#Energy Conservation Essay in Hindi

सौर ऊर्जा पर निबंध- Essay on Solar Energy in Hindi

पर्यावरण पर निबंध- Essay on Environment in Hindi

बिजली बचाओ पर निबंध- Save Electricity Essay in Hindi

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Essay on Energy Conservation in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

2 thoughts on “ऊर्जा संरक्षण पर निबंध- Essay on Energy Conservation in Hindi”

energy conservation essay in hindi

Shot niband hai thoda aur pada hona chahiye tha jankari thoda aur chahiye so me apse request karti hu ki please niband ko thoda laba banaye niband ka topk sab acha tha

energy conservation essay in hindi

My name is arsh malik me aapka bahut bda aabhari hu Thanks you yar jaan

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ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Essay on Energy Conservation in Hindi

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध भाषण Essay on Energy Conservation in Hindi : ऊर्जा मानव जीवन की सभी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति का महत्वपूर्ण साधन हैं.

जीवन में गति का कारण ऊर्जा ही हैं चाहे वह हमारे चलने के लिए हो या यंत्रों के परिचालन के लिए, जीवन के हर क्षेत्र में एनर्जी की जरूरत हैं.

ऊर्जा के सिमित भंडार हैं इसलिए हमे ऊर्जा संरक्षण (Energy Conservation) की तरफ जाना होगा ताकि हमारी आने वाली पीढियां ऊर्जा संकट का सामना न करें. आज का निबंध (Essay) भाषण (Speech) अनुच्छेद (Paragraph) इसी विषय पर दिया गया हैं.

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Essay on Energy Conservation in Hindi

आज का युग विज्ञान और तकनीक का युग कहा जाता हैं, जिसमें विभिन्न तरह के यंत्रों के माध्यम से मानव ने विकास की राह को बहुत तीव्र कर दिया हैं. अपने लौकिक सुख के लिए उसने तमाम साधन जुटा लिए हैं.

सब कुछ पा लेने के बावजूद भी अधिक सुखी जीवन बिताने की यह लालचा कही खत्म होती नजर नहीं आती, बल्कि दिनोंदिन इसमें वृद्धि ही नजर आ रही हैं.

वर्तमान के सुख से कमी के भाव ने असंतोष को जन्म दिया हैं, उसका यही असंतोष और कुछ और अर्जित करने की जिद्द ने मोटर गाड़ी, हवाई, रेल, मोबाइल, इन्टरनेट, रोबोट, परमाणु सब कुछ पाया हैं.

प्रकृति प्रदत्त संसाधनों से निर्मित होने के कारण दिनोदिन प्राकृतिक संसाधनों की कमी गहराती जा रही हैं. तथा इसके विपुल भंडार खत्म होते जा रहे हैं.

हमारी पृथ्वी पर प्राकृतिक संसाधन के सिमित भंडार ही उपलब्ध हैं, ऊर्जा भी उन्ही में से एक हैं. जिस तीव्र गति से विश्व की आबादी बढ़ रही हैं उनकी आवश्यकताएं भी दिनोंदिन बढ़ रही हैं.

आए दिन यातायात के साधनों में ताबड़तोड़ वृद्धि हो रही हैं. हमारा जीवन पूरी तरह से मशीनों पर आश्रित सा हो चूका हैं.

इन मशीनों को चलाने के लिए विविध प्रकार के ईधन यानी ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती हैं. जिस गति से आज हम ऊर्जा को डीजल, पेंट्रोल, विद्युत् आदि रूपों में व्यय करते हैं एक दिन इनके भंडार समाप्त हो जाएगा और हम एक भयानक ऊर्जा संकट से गुजर रहे होंगे.

हमारे घरों में खाना पकाने के लिए एलपीजी वाहनों में प्रयुक्त CNG व अन्य पेट्रोलियम यदि समाप्त हो गये तो इनका पुनः निर्माण नहीं किया जा सकता. अतः हमें सिमित मात्रा में उपलब्ध इन संसाधनों का कम से कम दोहन करना चाहिए.

एक दिन के लिए कल्पना करे यदि पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस न हो तो हमारा जीवन कैसा होगा. जैसा कि पूर्व में कहा गया ऊर्जा का प्रथम उद्देश्य गति हैं इसके अभाव में संसार रूक जाएगा.

यदि हम इसी गति से प्रकृति के साधनों का उपयोग करते चले तो यह परिकल्पना या भय एक दिन यथार्थ बनकर हमारे समक्ष होगा, जब हमारी धरती से ये प्राकृतिक संसाधन पूरी तरह समाप्त हो जाएगे.

अभी भी हमें सम्भलने का वक्त है ऊर्जा संरक्षण के उपायों को अपनाएं तथा ऊर्जा के ऐसे विकल्पों को अपनाएं जो नवीकरण योग्य हो ऊर्जा के साधन जैसे सूर्य ऊर्जा, पवन ऊर्जा बायोगैस का अधिकतम उपयोग करें.

यदि हमने समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए तो निश्चय ही एक दिन समूची मानव जाति के समक्ष ऊर्जा का एक भयानक संकट उपस्थित हो जाएगा.

जिस गति से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही हैं उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तीव्र विकास की जरूरत पड़ती हैं यह ऊर्जा के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा देती हैं. आगामी दशक में ऊर्जा की कुल खपत कई गुणा अधिक हो जाएगी.

इसलिए अभी केंद्र और राज्य सरकारों को इस बारे में सोचकर कठोर कानून बनाने होंगे. हालांकि इस दिशा में कुछ सराहनीय कार्य भी हुए हैं जिनमें आंशिक सफलता भी मिली हैं वे है बायोगैस, LED लाइट्स के उपयोग, सौर संयंत्र को बढ़ावा तथा वृक्षारोपण.

हमारी धरती पर ऐसे संसाधनों के विपुल भंडार या उनकी सम्भावनाएं हैं जो पर्यावरण का प्रदूषण नहीं बढाते हैं. आज पूरी दुनिया में ऊर्जा संरक्षण के महत्व को समझा जाने लगा हैं तथा ऊर्जा के नवीन विकल्पों पर काम किया जा रहा हैं.

सौर तथा पवन ऊर्जा को अपनाने पर बल दिया जा रहा हैं. साथ ही इस तरह के नवीकरणीय साधनों को अधिक से अधिक विकसित करने की दिशा में भी रिसर्च हो रही हैं.

भारत दुनिया के बड़े ऊर्जा आयातक देशों में से एक हैं. हमारा अधिकतर पेट्रोलियम खाड़ी देशों से आयात होता हैं. हमारा देश ऊर्जा के इन साधनों को पाने के लिए न केवल बड़ी मात्रा में धन खर्च करता हैं.

बल्कि अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार के दामों में कई बार आने वाले उफान के कारण यह भारतीय व्यापारियों के लिए खरीद पाना भी मुश्किल हो जाता हैं.

ऐसे में सरकारे कर कम करके अथवा उनके घाटे की भरपाई करके आपूर्ति को नियमित बनाने का प्रयत्न करती हैं. किसी भी तरह से ये समस्त बोझ देश की आम जनता पर ही हैं.

हमें आश्वस्त रहना चाहिए, जिस तेजी से हम विज्ञान के नये नये आविष्कार कर रहे हैं उसी दिशा में हम ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देनी वाली तकनीक या ऊर्जा के नये विकल्पों की खोज कर लेगे जो हमारे पर्यावरण के लिए भी घातक न हो तथा कभी खत्म न हो.

प्रत्येक नागरिक को ऊर्जा के प्रति जागरुक बनने की आवश्यकता हैं. इसके व्यर्थ अपव्यय से बचते हुए संरक्षण की ओर कदम उठाने की आवश्यकता हैं.

  • सौर ऊर्जा पर निबंध
  • ऊर्जा संरक्षण पर नारे
  • पेट्रोलियम संरक्षण पर निबंध
  • ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों पर निबंध
  • ऊर्जा संकट पर निबंध

उम्मीद करता हु दोस्तों ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Essay on Energy Conservation in Hindi का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा, यदि आपकों इस स्पीच निबंध में दी गई गई जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें.

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ऊर्जा संरक्षण दिवस पर निबंध, भाषण | Speech and Essay on National Energy Conservation Day in Hindi

ऊर्जा संरक्षण दिवस पर निबंध | Speech-Essay-on-Energy-Conversion-Day-in-hindi

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध कैसे लिखे, ऊर्जा संरक्षण दिवस पर निबंध लिखे, राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस क्यों मनाया जाता है?, ऊर्जा संरक्षण पर भाषण लिखे, ऊर्जा संरक्षण के सरल और बेहतर उपाय (Essay on National Energy Conservation Day in Hindi, Speech National Energy Conservation Day hindi)

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 – आधुनिक युग में विज्ञान और तकनीकी अपनी चरम सीमा पर हैं। बढ़ती तकनीक के साथ-साथ इंसानों ने भी अपनी सुख सुविधा के लिए विभिन्न प्रकार के साधन जुटा लिए हैं। इन साधनों को इकट्ठा करने के बावजूद भी इंसान की इच्छाएं और जरूरतें थमने का नाम नहीं ले रहीं बल्कि बढ़ती ही जा रही हैं।

आज इंसान ने अपनी सुविधा के लिए कल-कारखाने, मोटर गाड़ियां, हवाई जहाज रेलगाड़ियां, जनरेटर, और विभिन्न प्रकार के मोटरों जैसी तमाम यांत्रिक मशीनें बना लिए हैं। इन मशीनों को चलाने के लिए भारी मात्रा में ईंधन और ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है।

यही कारण है कि बढ़ती तकनीकी के साथ-साथ ऊर्जा की खपत में भी बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आज के दौर में सड़क पर मोटर गाड़ियों की संख्या और रेलगाड़ियों तथा हवाई जहाजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा मनुष्य अपने छोटे से छोटे काम के लिए भी मशीन पर निर्भर होते जा रहे हैं।

पेट्रोलियम तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला और विद्युत आदि ऊर्जा के सीमित स्तोत्र हैं, जिनकी खपत बहुत तेजी से हो रही है और अब उसी का नतीजा है कि ऊर्जा के विभिन्न संसाधनों पर उनके समाप्त होने का खतरा भी मंडरा रहा है।

ऐसे में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए और उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए भारतीय ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के आह्वान पर हर साल 14 दिसंबर के दिन भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (National Energy Conservation Day) मनाया जाता है ताकि ऊर्जा के बढ़ते हुए खपत को नियंत्रित और भविष्य में ऊर्जा की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर भारतीय ऊर्जा मंत्रालय , ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) , और ऊर्जा संरक्षण पर काम करने वाली विभिन्न संस्थाओं द्वारा ऊर्जा संरक्षण पर वाद विवाद, निबंध लेखन और भाषण जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि इनके माध्यम से ऊर्जा संरक्षण की बात ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई जा सकते हैं।

तो चलिए आज इस आर्टिकल के जरिए  ऊर्जा संरक्षण पर निबंध और भाषण कैसे लिखे (Essay and Speech On Energy Conservation Day In Hindi) के बारे में जानते हैं।

ऊर्जा संरक्षण दिवस पर निबंध | Speech-Essay-on-Energy-Conversion-Day-in-hindi

विषय–सूची

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 – ऊर्जा संरक्षण पर निबंध, (Energy Conservation Essay in Hindi)

संपूर्ण ब्रह्मांड और सृष्टि का संचालन ऊर्जा के माध्यम से ही होता है। काम छोटा से छोटा हो या फिर बहुत बड़ा हर काम को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। बिना ऊर्जा के कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता यही कारण है किकार्य करने की क्षमता को ही ऊर्जा कहते हैं।

बिना ऊर्जा के संसार और भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन आज के युग का मानव मशीनों पर पूरी तरह से आश्रित हो चुका है। आज के दौर में इंसान को छोटा से छोटा काम करने के लिए भी मशीनों का सहारा लेना पड़ता है। कोई भी काम करने के लिए मशीनों को ऊर्जा के विभिन्न संसाधनों की जरूरत पड़ती है जिन्हें हम ईंधन के रूप में भी जानते हैं।

लेकिन मशीनों के बढ़ते इस्तेमाल से ऊर्जा की खपत भी बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। मशीनों की आवश्यकता तथा इन पर निर्भरता के साथ-साथ भारत की बढ़ती जनसंख्या भी ऊर्जा के संसाधनों की तेज खपत का एक बड़ा कारण है। यही कारण है कि ऊर्जा की बढ़ती खपत के साथ-साथ इसके भंडारों के समाप्त होने की आशंका भी बढ़ती जा रही हैं।

अगर भारत की जनसंख्या और इंसानों की मशीनों पर निर्भरता ऐसे ही बढ़ती रही तो वह दिन दूर नहीं जब आने वाली पीढ़ी को ऊर्जा संसाधनों की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। ऊर्जा के यह सभी संसाधन सीमित हैं जिनका भंडार बढ़ते उपयोग के साथ कम होता जा रहा है।

आने वाली पीढ़ी के दौर में ऊर्जा की मांग आज के मुकाबले 3 से 4 गुना ज्यादा होगी जबकि उर्जा के भंडारों की उपलब्धता आज के मुकाबले बेहद कम होगी। ऐसे में लोगों की जरूरत के अनुरूप ऊर्जा की आपूर्ति होना तो बिल्कुल असंभव है।

ऊर्जा संरक्षण को लेकर भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण कदम –

इन सारी समस्याओं से निपटने के लिए और लोगों को इन समस्याओं के प्रति जागरूक करने के लिए भारत सरकार ने कई सारे ठोस कदम उठाए हैं जिसमें ऊर्जा संरक्षण अधिनियम भी एक है।

साल 2001 में भारत की ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम को स्थापित किया था। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत की एक ऐसी संस्था है जो भारत सरकार के अधीन है और ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न मामलों में रणनीतियां बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

इतना ही नहीं भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हर साल राष्ट्रीय स्तर पर 14 दिसंबर के दिन राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाने ठोस कदम भी उठाया है जिसके जरिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों के बीच ऊर्जा संरक्षण के महत्व और उपायों का संदेश पहुंचाया जाता है।

आज दुनिया भर के विभिन्न देशों का संरक्षण के विभिन्न उपायों पर खोजा अनुसंधान में जुटे हुए हैं। ऊर्जा के स्रोत और संसाधनों में सौर ऊर्जा को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है क्योंकि इसे ऊर्जा का नवीन करणी स्रोत माना जाता है।

अगर बात करें भारत की तो भारत में ऊर्जा के खपत की आपूर्ति के लिए सबसे बड़ा साधन पेट्रोलियम ऊर्जा है। भारत में पेट्रोलियम का भंडार भी पर्याप्त नहीं है जिसके कारण भारत सरकार को ऊर्जा की आपूर्ति के लिए पेट्रोलियम तेल उत्पादक देशों से पेट्रोलियम का भारी मात्रा में आयात करना पड़ता है।

कभी-कभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम तेल की कीमत कितनी बढ़ जाती है कि इसका आयात करना भारतीय तेल कंपनियों के लिए संभव नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में ऊर्जा की खपत के लिए Petroleum आपूर्ति का सारा दारोमदार सरकार के कंधे पर आ जाता है जिसके कारण सरकार को तेल आयात करने वाली कंपनियों को सीमा कर जैसे सरकारी आय के स्रोतों में छूट देकर घाटा सहना पड़ता है।

एक नागरिक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हम अपने देश के भीतर मौजूद ऊर्जा संसाधनों की रक्षा करें और नए ऊर्जा संसाधनों की खोज करें। केवल नागरिक होने के नाते ही नहीं बल्कि हमें यह भी समझना होगा कि उर्जा की अनुपस्थिति में हमारा जीवन भी अंधकार में हो जाएगा। इसीलिए हमें एकजुट होकर ऊर्जा संरक्षण के बातों को समझना चाहिए तथा इसके विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिए।

  • राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
  • मृदा बचाओ आंदोलन (Save Soil Movements) क्या है?

ऊर्जा संरक्षण के सरल और बेहतर उपाय –

ऊर्जा संरक्षण करने के लिए इसके उपायों के बारे में समझना भी बेहद जरूरी है क्योंकि इसे समझने के बाद ही हम ऊर्जा संरक्षण के महत्व और इसके बचाव के तरीकों को समझ पाएंगे।

  • ऊर्जा संरक्षण करने के लिए हमें मशीनों पर अपनी निर्भरता कम कर देनी चाहिए। क्योंकि यंत्रों के संचालन में ऊर्जा की खपत बहुत ज्यादा होती है यही कारण है कि ऊर्जा के भंडार नष्ट होते जा रहे हैं।
  • ऐसी स्थिति में हमें अपना काम करने के लिए अपने शारीरिक बल का इस्तेमाल करना चाहिए और मशीनों पर अपनी निर्भरता कम कर देनी चाहिए। मशीनों का सहारा हमें केवल उन्हीं कार्यों को करने के लिए लेना चाहिए जिन्हें हम करने में समर्थन ना हो।
  • ऊर्जा संरक्षण करने के लिए हमें ऊर्जा की खपत को भी नियंत्रित करना होगा। ऐसा करने के लिए हमें विद्युत ऊर्जा, जल संसाधनों और पवन ऊर्जा के दुरुपयोग को बंद कर देना चाहिए और केवल जरूरत पड़ने पर ही ऊर्जा इन संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।
  • ऊर्जा संरक्षण यह भी बेहद जरूरी है कि हमें ऊर्जा संरक्षण के नए उपायों की तलाश करते रहनी चाहिए और ऊर्जा के नए संसाधनों को विकसित करने पर जोर देना चाहिए।
  • हालांकि हमारे देश के वैज्ञानिक भी जी जान के साथ इस उद्देश्य में जुटे हुए हैं कि ऊर्जा संरक्षण के लिए ऊर्जा के नए संसाधनों को विकसित किया जा सके। इस क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिकों को बायोगैस जैसे बेहतर विकल्प भी मिले हैं हालांकि अभी और भी नए संसाधनों के विकास की आवश्यकता है।
  • हमें ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिए तथा अपने आस-पड़ोस और दुनिया भर के लोगों को ऊर्जा संरक्षण के उपायों के बारे में बताना चाहिए तथा उन्हें ऊर्जा संरक्षण को लेकर जागरूक करना चाहिए।
  • ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और हमें इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाना चाहिए और ऐसे ही प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाते रहना चाहिए।

ऊर्जा संरक्षण पर भाषण (Energy Conservation Speech in Hind i )

जैसा कि हम सबको पता है आज के दौर में उर्जा के प्राकृतिक भंडारों की खपत कितनी तेज बढ़ गई है। बढ़ती जनसंख्या और ऊर्जा के संसाधनों का दुरुपयोग इन भंडारों के नष्ट होने का सबसे बड़ा कारण है।

हम सब जानते हैं कि पेट्रोल-डीजल, कोयला और इलेक्ट्रिसिटी जैसे सभी ऊर्जा स्रोत सीमित हैं जिनका लगातार तेज़ी से उपयोग करने पर समाप्त होने की आशंकाएं भी बढ़ती जा रही हैं। अगर ऐसे के ऊर्जा भंडारों में दिन-ब-दिन कमी आती रही तो एक न एक दिन ऐसा जरूर आएगा कि पृथ्वी पर से उर्जा के सारे प्राकृतिक भंडार खत्म हो जाएंगे और पृथ्वी पर मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

इसलिए मानवता के संरक्षण के लिहाज से ऊर्जा संरक्षण का मुद्दा बेहद जरूरी है। ऊर्जा संरक्षण का मतलब है, ऊर्जा का बचाव करना। आज मशीनों के युग में ऊर्जा का बहुत ज्यादा दुरूपयोग किया जा रहा है जिसके कारण ऊर्जा के भंडार खत्म होते जा रहे हैं। इसीलिए ऊर्जा संरक्षण यानी कि उर्जा का बचाव बेहद जरूरी है। ऊर्जा का बचाव करने के लिए हमें सबसे पहले ऊर्जा संरक्षण के महत्व को समझना चाहिए।

ऊर्जा की परिभाषा कहती है कि कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। अगर इसे सरल शब्दों में कहें तो इसका मतलब यह है कि ब्रह्मांड में छोटे से छोटा काम करने के लिए भी कार्य करने की क्षमता यानी कि ऊर्जा की आवश्यकता होती है। बिना ऊर्जा के ब्रह्मांड का कोई भी कार्य संपन्न नहीं हो सकता। अब इसी बात से आप ऊर्जा के महत्व का अंदाजा लगा सकते हैं।

खैर अब ऊर्जा संरक्षण के लिए दूसरी सबसे जरूरी चीज है ऊर्जा संरक्षण के उपायों पर चर्चा करना। जैसा कि हम सब जानते हैं कि आज का मानव मशीनों पर पूरी तरह से आश्रित हो गया है जिसके कारण ऊर्जा की खपत बढ़ गई है। अगर हम मशीनों पर पूर्ण आश्रित होना छोड़ दें और छोटे-मोटे कामों को खुद से निपटाना शुरू कर दें तो हम ऊर्जा की भारी बचत कर सकते हैं।

इसके अलावा हमें विद्युत ऊर्जा और पेट्रोलियम जैसे ऊर्जा संसाधनों का इस्तेमाल भी बेहद सावधानी के साथ करना चाहिए तथा इनका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।

इन सभी बिंदुओं के साथ-साथ हमें ऊर्जा संरक्षण के नए उपायों की भी तलाश करनी चाहिए क्योंकि नए नए उपायों से ऊर्जा संरक्षण के मामले में और भी सुविधाएं प्राप्त हो सकती हैं। हालांकि आज दुनियाभर के वैज्ञानिक ऊर्जा संरक्षण के नए उपायों की खोज में लगे हुए हैं लेकिन हमारी भी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम ऊर्जा संरक्षण के नए उपायों की खोज करें और मौजूद उपायों को अपनाएं।

भारत सरकार ने भी ऊर्जा संरक्षण को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिनमें ऊर्जा संरक्षण अधिनियम और राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस दो महत्वपूर्ण कदम है।

ऊर्जा संरक्षण अधिनियम को साल 2001 में भारतीय ऊर्जा दक्षता चोरों ने स्थापित किया था जबकि हर साल 14 दिसंबर का दिन भारत में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार के इन दोनों कदमों को उठाने के पीछे का सबसे प्रमुख उद्देश्य है ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देना और ऊर्जा संरक्षण के प्रति लोगों को जागरुक करना।

हमें भी अपने स्तर से अपने राष्ट्रहित में योगदान देना चाहिए जिसके लिए ऊर्जा संरक्षण के उपायों को अपनाना चाहिए और लोगों को इसके बारे में जागरूक करना चाहिए।

आज इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको ऊर्जा संरक्षण पर निबंध Essay On Energy Conservation In Hindi तथा ऊर्जा संरक्षण पर भाषण Speech On Energy Conservation In Hindi के बारे में बताया इसके साथ ही हमने ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न उपायों पर भी चर्चा की।

उम्मीद करते हैं कि आप लोगों को ऊर्जा संरक्षण दिवस पर निबंध तथा भाषण Essay And Speech On Energy Conservation Day In Hindi का यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा।

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ऊर्जा संरक्षण पर निबंध

Urja Sanrakshan Par Nibandh: देश में ऊर्जा का संरक्षण करना बहुत ही जरूरी हो गया है। ऊर्जा का संरक्षण वर्तमान में करने से भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए कई प्रकार की समस्याएं कम हो जाएगी। यदि वर्तमान में उर्जा संरक्षण नहीं किया गया तो भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा।

Urja-Sanrakshan-Par-Nibandh

आज का हमारा यह आर्टिकल जिसमें हम ऊर्जा संरक्षण पर निबंध (Energy Conservation Essay in Hindi) के बारे में जानकारी आपके सामने पेश करने वाले हैं।

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ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Urja Sanrakshan Par Nibandh

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध (250 शब्द).

मनुष्य विकास के राह पर तेजी के साथ अग्रसर कर रहा है, उसने समय के साथ खुद के लिए जीवन में सुख के सभी साधन एकत्रित कर लिया हैं। इतना कुछ होने के बाद भी और अधिक सुख पाने के लिए मनुष्य अभी भी खोज किये जा रहा है। समय के साथ मनुष्य की असंतोष प्रवृत्ति बढ़ती ही चली जा रही है। कारखाने, रेलगाड़ी, मोटर-गाड़ियां, हवाई जहाज, कार, दो पहिया वाहन, जेसीबी आदि सभी की खोज वैज्ञानिकों के खोज के द्वारा ही सम्भव हुआ है।

प्रकृति में संसाधन सीमित मात्रा मे होते हैं। दूसरे शब्दों में, प्रकृति में उपलब्ध ऊर्जा भी सीमित मात्रा मे होती है। विश्व में जितनी अधिक जनसंख्या बढ़ रही है, उसके साथ-साथ उन सब की आवश्यकताएँ भी बढ़ती ही जा रही हैं। इन सभी प्रकार की मशीनों के संचालन के लिए ऊर्जा की बहुत आवश्कता होती है परंतु जिस गति से ऊर्जा की जरूरत बढ़ रही है।

उसको देखते हुए ऊर्जा के सभी संसाधनों को नष्ट करने की आशंका बढ़ने लगी है। खासकर ऊर्जा के उन सभी साधनों को जिन्हें हम पुन: निर्मित नहीं कर सकते है, जैसे पेट्रोल, डीजल, कोयला और खाना पकाने की गैस आदि।

अत: यह जरूरत के अनुसार हम ऊर्जा संरक्षण की ओर विशेष ध्यान दे सकते है। क्योंकि यदि समय रहते हम अपने प्रयास करने में सफल नहीं हुए तो सम्पूर्ण विश्व के लोग खतरे में पड़ सकते है। ऊर्जा संरक्षण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि गैर-नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करने से हमारे पर्यावरण पर बहुत प्रभाव पड़ता है।

विशेष तौर पर कार्बन डाइऑक्साइड जैसे वायु और जल प्रदूषण के लिए जीवाश्म ईंधन की आपूर्ति का उत्पादन किया जाता है और बिजली, स्टेशनों मे हीटिंग सिस्टम और कारों के इंजनों में तेल और कोयला, गैस का उपयोग बहुत अधिक मात्रा मे होने लगा है।

ऐसी स्थिति में यहाँ पर भारत को विकसित करने के लिए और ऊर्जा की मांग में बढ़ोतरी के कारण इससे निपटने की  बहुत कोशिश करता है। नवीन स्रोतों को विकसित करने के लिये इनके महत्व को समझाना जरूरी होता है। सभी देशों में सौर-ऊर्जा को अधिक महत्व दिया जा रहा हैं तथा इसको और अधिक मात्रा मे उपयोगी बनाने के लिये इसके विकास के लिये विश्व भर के सभी वैज्ञानिकों द्वारा इसकी खोज अभी भी जारी हैं। हमारे देश में पेट्रोलियम ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा खाड़ी के तेल उत्पादक देशों में आयात करने के लिये किया जाता है।

Urja Sanrakshan Ka Nibandh

दैनिक जीवन में ऊर्जा संरक्षण का महत्व पर निबंध (500 शब्द)

आज के समय में हर कार्य जिस में मुख्य रूप से विद्युत ऊर्जा का प्रयोग होता है। लेकिन दैनिक जीवन में ऊर्जा को संरक्षित करना यदि व्यक्ति शुरू कर दें तो भविष्य के लिए ऊर्जा के अभाव जैसी समस्या दूर हो सकती है। दैनिक जीवन में ऊर्जा संरक्षण के प्रयास यदि शुरू किया जाए तो हर जगह आप उर्जा को संरक्षित कर सकते हैं।

दैनिक जीवन में ऊर्जा संरक्षण

सामान्य मनुष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऊर्जा की कमी नहीं है। लेकिन मनुष्य अपने लालच को पूरा करना चाहता है। इसलिए ऊर्जा की कमी देखने को मिलती है। लेकिन अपने लालच को पूरा करने की बजाय ऊर्जा संरक्षण पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी है।

ऊर्जा एक प्रकार का प्राकृतिक संसाधन है, जो सीमित मात्रा में है। पूरी दुनिया में सिर्फ 1% भाग जहां से ऊर्जा उत्पादित होती है या ऐसा कह सकते हैं कि दुनिया के सिर्फ 1% भाग में ही ऊर्जा पाई जाती है। ऊर्जा संसाधनों को पुनः नवीनीकरण प्रक्रिया से नहीं गुजारा जा सकता। मतलब ऐसे कह सकते हैं कि ऊर्जा संसाधनों को पुनः उपयोग में नहीं लाया जा सकता है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि आने वाले 40 साल के पश्चात ऊर्जा के संसाधन पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे।

दैनिक जीवन में ऊर्जा संरक्षण के तरीके

यदि व्यक्ति ऊर्जा संरक्षण के बारे में सोचना शुरू करें तो बहुत सारे तरीके हैं, जिसके माध्यम से उर्जा को बचाया जा सकता है।

घर में उर्जा सरक्षण

व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में ऊर्जा संरक्षण के तरीकों में सबसे पहले घर से ऊर्जा संरक्षण करना सीखना होगा। घर में जब जरूरत नहीं है। तब लाइट का उपयोग बिल्कुल ना करें एवं घर मे पंखा बंद रखें।

  • जहां कम रोशनी की जरूरत है, वहां कम वोल्ट का बल्ब लगाएं।
  • ठंडी हवा के लिए एयर कंडीशनर का प्रयोग करने की बजाए अपने घर के आस-पास पेड़ पौधे लगाएं।
  • कपड़ा वाशिंग मशीन में धोने की वजह अपने हाथ से दाएं और धूप में सुखाएं।

आज के समय में आपने देखा होगा कि व्यक्ति पैदल चलने की बजाय हर जगह पर बाइक या कार का प्रयोग करता है। ऐसे में आपको साइकिल पर शेयर करना चाहिए या पैदल चलकर अपने छोटे बड़े काम पूरे करने चाहिए ताकि ऊर्जा सुरक्षित की जा सके।

कृषि कार्यों में ऊर्जा सरक्षण

इसके अलावा कृषि कार्यों में भी व्यक्ति ऊर्जा को संरक्षित कर सकता है। खेती-बाड़ी के काम काजो में भी ऊर्जा का दुरुपयोग बहुत ज्यादा हो रहा है। जहां जरूरत है, वहां तो ऊर्जा का उपयोग होना ही चाहिए। लेकिन हद से ज्यादा दुरुपयोग करना भी भविष्य के लिए नुकसानदायक है। ऐसे में जहां पर आवश्यकता नहीं है, वहां कृषि उपकरणों का ज्यादा प्रयोग ना करें।

दैनिक जीवन में ऊर्जा संरक्षण का महत्व

ऊर्जा संरक्षण का महत्व के बारे में यदि हम बात करें तो आज के समय में जितनी उर्जा बचाई जा सके कि वह भविष्य के लिए काम आएगी। भविष्य में ऊर्जा की कमी आने वाली है। कई वैज्ञानिक प्रयोगों में भी सिद्ध हुआ है कि आने वाले 40 साल पश्चात धरती पर ऊर्जा की कमी महसूस होने लगेगी। इसलिए यदि वर्तमान समय से ही दैनिक जीवन में व्यक्ति ऊर्जा को बचाना शुरू कर दें तो भविष्य के लिए काफी ज्यादा बेहतरीन रहेगा।

आज की टेक्नोलॉजी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के लिए ऊर्जा का प्रयोग भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लेकिन ऐसे में आपको ऊर्जा का प्रयोग कम करने का प्रयास करना होगा। तभी आने वाली पीढ़ी ऊर्जा की कमी जैसी समस्या से बच पाएगी।

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध (1200 शब्द)

प्रकृति से हमें ऊर्जा के बहुत से स्रोत प्राप्त होते है, हमारे दैनिक जीवन में ऊर्जा के स्रोतों का बहुत अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है। ऊर्जा के स्रोतों से हम सभी का जीवन सरल हो गया है। हम सभी के पास ऊर्जा स्रोत के बहुत से सांसधन मौजूद होते हैं जैसे लकड़ी, कोयला, पेट्रोल आदि इन सभी स्रोतों को एक ही बार उपयोग में लाया जा सकता है। पुनः इनका उपयोग नहीं कर सकते हैं क्योंकि इनकी प्रचूर मात्रा बहुत ही कम होती है।

आज के समय की सभी के जीवन मे ऊर्जा संरक्षण जरूरत बन गयी है। प्रकृति द्वारा मनुष्य को दिया गया ईधन एक अनमोल तोहफा है। ईधन पर मनुष्य हर तरह से निर्भर रहता है, इनकी मांगे दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मानव अपने जीवन को आरामदायक बनाने के लिये दिन-प्रतिदिन नये-नये उपकरणों की खोज करने में लगे होते हैं।

मनुष्य के जीवन में दिन-प्रतिदिन ईधन की जरूरतें कुछ ज्यादा ही बढ़ती जा रही है। पहले गर्मियों के दिन मे पंखे का उपयोग होता था लेकिन समय के साथ जनसंख्या में जैसे-जैसे बढ़ोतरी हुई, वैसे-वैसे तापमान बढ़ने से अधिक गर्मी होने के वजह से अब लोग ज्यादातर एसी का उपयोग करने लगे है।

ऊर्जा संरक्षण का क्या है?

इसका अर्थ होता है कि ऊर्जा संरक्षण की बचत करना होता है। हमें ऊर्जा का उपयोग कम से कम करना चाहिए। किसी भी कार्य को पूरा करने के लिये कम ऊर्जा का उपयोग कर सकते है। जैसे-अगर आप कार से कही आते-जाते है, उसके जगह पर साईकिल या स्कूटी से आ-जा सकते है और कार मे लगने वाले ईधन की बचत की जा सकती है।और उस ऊर्जा का उपयोग ना करके उसका संरक्षण करना चाहिए।

ऊर्जा संरक्षण के नियम

इस नियम के अनुसार ऊर्जा को ना तो उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही ऊर्जा को नष्ट किया जा सकता है। इसे केवल एक रूप से दूसरे रूप मे बदला जा सकता है। इसे ही ऊर्जा संरक्षण का नियम कहा जाता है। अर्थात यदि किसी क्रिया को करने मे जितनी ऊर्जा लुप्त होती है, उतनी ही ऊर्जा दूसरे रूपों मे उत्पन्न हो जाती है। ऊर्जा को किसी भी रूप मे समाप्त नहीं किया जा सकता है।

1841 में जुलियस रोबर्ट मेयर ने ऊर्जा संरक्षण के नियम का प्रतिपादन किया था, इन्हें ऊर्जा संरक्षण के नियम का जनक भी कहा जाता है।

  • यदि मोटर के द्वारा किसी यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल जा सकता है।
  • जनरेटर के माध्यम से यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता है।
  • हीटर के द्वारा हम यांत्रिक ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में बदला जा सकता है।

ऊर्जा संरक्षण कब मनाया जाता है?

देश भर में प्रतिवर्ष 14 दिसम्बर को ऊर्जा संरक्षण दिवस ऊर्जा के रूप में मनाया जाता है। ऊर्जा संरक्षण दिवस के दिन ऊर्जा के महत्व को समझने के लिये इसे उत्सवपूर्वक मनाया जाता है। जैसे-जैसे जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, वैसे-वैसे ऊर्जा की जरूरत भी बढ़ती जा रही है। इसलिए हर वर्षा ऊर्जा संरक्षण दिवस पर लोगों को ऊर्जा के महत्व के बारे में सभी को जागरूक करने के लिये हर वर्षा ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाते है।

ऊर्जा संरक्षण का उपयोग लोगों को सोच समझ कर करना चाहिए, जहाँ तक संभव हो सके तो ज्यादातर प्राकृतिक ऊर्जा का ही उपयोग करके काम चलाये।

हम सभी के जीवन मे इस्तेमाल किये जाने वाले ऊर्जा के कुछ ऐसे स्रोत होते हैं, जिनका एक बार उपयोग करने पर उसको पुनः उपयोग मे नहीं लाया जा सकता है, जैसे पेट्रोल, कोयला, डीजल, लकड़ी आदि। ये सभी प्रकार के साधन 40-50 वर्षा तक रहते है। हम सभी के जीवन मे ऊर्जा संरक्षण का बहुत महत्व होता है, इसलिए हमें ऊर्जा संरक्षण का बचाव करना चाहिए।

ऊर्जा संरक्षण से बचाव

जब आप कमरे में होते है तभी बल्ब, लाइट और पंखा जलाये अगर बाहर जाये तो बंद करके जाये तभी ऊर्जा की बचत की जा सकती है। ट्यूब लाइट और बल्ब और अन्य प्रकार के उपकरणों को अच्छी तरह से साफ करते रहना चाहिये। ऊर्जा की बचत करने के लिये सीएफएल बल्ब का उपयोग करना चाहिए, फ्रीज़ का दरवाजा काम पड़ने पर ही ओपन करे बार-बार फ्रीज़ को खोलने बंद करने से बिजली की खपत बढ़ती है।

खाना पकाते समय कुकर की फटकी बंद करके ही खाना पकाएं। प्रेसर कुकर का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने से ऊर्जा की बचत की जा सकती है।

देश भर में पेट्रोल की क़ीमत बढ़ रही है, कई जगहों पर 1 लीटर पेट्रोल 100₹ में मिलता है। हम सभी को ज्यादातर सार्वजनिक वाहनों का उपयोग अधिक करना चाहिए। साथ ही कार को एक वर्ष के अंदर ही समय-समय पर सर्विस कराते रहना चाहिए, जिससे कार के इंजन दक्षता सही से काम करता है और कार अधिक मात्रा में पेट्रोल भी नहीं खाती है। क्योंकि ज्यादा दिन तक कार की सर्विस ना कराने के वजह से कार, बाइक अधिक मात्रा में पेट्रोल लगने लगता है क्योंकि उसकी खपत बढ़ने लगती है, जिसके कारण से पेट्रोल ज्यादा लगने लगता है।

हम ऊर्जा की बचत करना चाहते है तो बहुत आसान तरीके से बचत कर सकते है। घर पर कपड़ों पर रोज़ प्रेस करते है और हर रोज़ कपड़े प्रेस करने पर 1000 वाट ऊर्जा की खपत हो जाती है। रोज़-रोज़ कपड़ें में प्रेस करने के वजह एक हप्ते के कपड़ें इकट्ठा करके प्रेस कर लेने से ऊर्जा की बचत की जा सकती है।

ज़ब भी खाना पकाने के लिये रसोई घर में जाते है तो खाना बनाने से पहले सारी सामग्री इकठा करले फिर खाना बनाये ताकि समान ढूढ़ने में ऊर्जा को खपत होने से बचाया जा सके।

आज के आर्टिकल में हमने ऊर्जा संरक्षण पर निबंध (Urja Sanrakshan Par Nibandh) के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है।

हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी उर्जा संरक्षण पर निबंध (Urja Sanrakshan Per Nibandh) आपको पसंद आई होगी। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

  • पर्यावरण संरक्षण पर निबंध
  • ईंधन संरक्षण पर निबंध
  • जल संरक्षण पर निबंध
  • प्रकति संरक्षण पर निबंध
  • वाहन प्रदूषण पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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I very happy

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Hindi Grammar by Sushil

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Eassay On Energy Conservation In Hindi

Eassay On Energy Conservation In Hindi: ऊर्जा संरक्षण करने के लिए हमें मशीनों पर अश्विनी निभात कम कर देनी चाहिए क्योंकि यंत्रों के संचालन में ऊर्जा की खपत बहुत ज्यादा होती है यही कारण है कि ऊर्जा के भंडार नष्ट होते जा रहे हैं ऐसी स्थिति में हमें अपना काम करने के लिए अपने शारीरिक बल का इस्तेमाल करना चाहिए और मशीनों पर अपनी निर्भरता को कम कर देना चाहिए

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Eassay On Energy Conservation In Hindi

Table of Contents

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पर 100 शब्दों का निबंध

पूरे भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस लोगों द्वारा हर साल 14 दिसंबर को मनाया जाता है भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम वर्ष 2001 में ऊर्जा दक्षता (BEE)द्वारा निष्पादित (स्थगित) किया गया ऊर्जा दक्षता ब्यूरो एक संवैधानिक निकाय है जो भारत सरकार के अंतर्गत आता है और ऊर्जा का उपयोग कम करने के लिए नीतियों और रणनीतियों के विकास में मदद करता है

भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य पेशेवर योग्य और ऊर्जावान प्रबंधकों के साथ लेखा परीक्षकों को नियुक्त करना है जो ऊर्जा दक्षता परियोजना को लागू करने और ऊर्जा परियोजनाएं,नीति,विश्लेषण,वित्त प्रबंधन विशेषज्ञ हो

राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा अभियान भारत में ऊर्जा संरक्षण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए विद्युत मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय उर्जा जागरूकता अभियान है जो छात्रों के लिए कई स्तरों पर चित्रकारी प्रतियोगिताओं का आयोजन इस अभियान के मुख्य गतिविधि में से एक है जो इस प्रकार अभियान में भाग लेने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए ऊर्जा संरक्षण के महत्व के साथ शिक्षित करने में मदद करता है

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पर 250 शब्दों का निबंध

भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने वर्ष 1991 में पुरस्कार के माध्यम से अपने उत्पादन को बनाए रखते हुए ऊर्जा की खपत को कम करने और उद्योगों और प्रतिष्ठानों के योगदान को मान्यता देने हेतु राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण की शुरुआत की

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) प्रत्येक वर्ष समारोह का नेतृत्व करता है पहली बार पुरस्कार 14 दिसंबर 1991 को प्रदान किए गए थे

इस दिन को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में घोषित किया गया यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष उसी दिन आयोजित एक समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को प्रदान किए जाते हैं

यह दिन लोगों को ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागृत करने पर केंद्रित करता है तथा ऊर्जा संसाधनों को बचाने के प्रयास को बढ़ावा देता है यह क्या दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर भी प्रकार डालता है

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने निकटतम सार्वजनिक ई वी चार्जर के लिए “इन व्हीलर नेविगेशन” सुविधा हेतु एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है देश में गतिशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न केंद्रीय और राज्य स्तरीय बहनों पर सूचना का प्रसार करने हेतु एक वेबसाइट और सीपीयू को अपनी चार्जिंग विवरण को सुरक्षित रूप से राष्ट्रीय ऑनलाइन डाटाबेस में पंजीकृत करने में सक्षम बनाने के लिए वेब पोर्टल है

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पर 300 निबंध

आधुनिक युग में विज्ञान और तकनीकी अपनी चरम सीमा पर है बढ़ती तकनीकी के साथ-साथ इंसान ने भी अपनी सुख-सुविधाओं के लिए विभिन्न प्रकार के साधन जुटा लिए हैं इंसानों के खट्टा करने के बावजूद भी इंसान के एक्शन पर थमने का नाम नहीं ले रही हैं बल्कि बढ़ती जा रही हैं

आज इंसान ने अपनी सुविधाओं के लिए कल-कारखाने,मोटर गाड़ियां,हवाई जहाज,रेलगाड़ियो जनरेटर और विभिन्न प्रकार के मोटरों जैसी तमाम यांत्रिक मशीनें बना ली है इन मशीनों को चलाने के लिए भारी मात्रा में ईंधन और ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है

यही कारण है कि बढ़ती हुई तकनीकी के साथ-साथ ऊर्जा की खपत में भी बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है आज के दौर में सड़क पर मोटर गाड़ियों की संख्या और रेलगाड़ियों तथा हवाई जहाजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है इसके अलावा मनुष्य अपने छोटे से छोटे काम के लिए मशीन पर निर्भर होते जा रहे हैं

पेट्रोलियम तेल,प्राकृतिक गैस,कोयला और विद्युत ऊर्जा के सीमित स्रोत है जिनकी खपत बहुत तेजी से हो रही है और अब उसी का नतीजा है कि ऊर्जा के विभिन्न संसाधनों पर उनके समाप्त होने का खतरा भी मंडरा रहा है

ऐसे में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए और उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए भारतीय ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के आवाहन पर हर साल 14 दिसंबर के दिन भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (नेशनल इमरजेंसी कन्वर्सेशन डे)मनाया जाता है ताकि ऊर्जा के बढ़ते हुए खपत को नियंत्रित और भविष्य में ऊर्जा की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण के अवसर पर भारतीय ऊर्जा मंत्रालय ऊर्जा दक्षता ब्यूरो और ऊर्जा संरक्षण पर काम करने वाली विभिन्न संस्थाओं द्वारा ऊर्जा संरक्षण पर वाद विवाद,निबंध लेखन और भाषण जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि इन के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण की बाजार से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई जा सके

तो चलिए आज इस आर्टिकल के जरिए ऊर्जा संरक्षण पर निबंध और भाषण कैसे लिखते हैं के बारे में और भी जानते हैं

इन्‍हें भी पढ़ें – विश्वकर्मा पूजा पर निबंध

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पर 500 शब्दों का निबंध

प्रस्तावना:-.

ऊर्जा संरक्षण मतलब किसी भी काम में ऊर्जा को कम से कम उपयोग करना क्योंकि ऊर्जा संरक्षण हमारे दैनिक जीवन के लिए बहुत जरूरी होता है इसलिए अपना काम कम से कम ऊर्जा का उपयोग करके पूरा करना चाहिए जिससे ऊर्जा संरक्षण हो सकता है इस ऊर्जा संरक्षण में बिजली की बचत और ईंधन की बचत शामिल है

जैसे कि आज के समय में लोग अपने नजदीक में रहने वाली जगह पर जाने के लिए कार का उपयोग करते हैं जिसके लिए बहुत सारा इंधन लगता है लेकिन अगर हम उसी जगह पर जाने के लिए साईकिल का उपयोग करें तो इंधन की बचत हो सकती हैं

हमारे पास पृथ्वी पर ऊर्जा की सीमित आपूर्ति है और इसे पुनर्जीवित करने में बहुत समय लगता है इसलिए हमारी भाभी परयों को इसे उपलब्ध कराने के लिए ऊर्जा संरक्षण अवश्य करना चाहिए

ऊर्जा संरक्षण के लाभ

ऊर्जा संरक्षण पर्यावरण को अधिक स्वच्छ और स्वस्थ बनाता है राष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान करता है और भविष्य में उपयोग के लिए ऊर्जा बचाता है यह सामान जलवायु परिवर्तनों को कम करने में मदद करता है और अक्षय ऊर्जा संसाधनों के उपयोग को बढ़ाता है

ऊर्जा संरक्षण के तरीके

ऊर्जा संरक्षण के दो संभावित तरीके हैं या तो हम इसे कुशलता से उपयोग कर सकते हैं या हम इसका कम से कम उपयोग कर सकते हैं ऊर्जा संरक्षण के लिए कई तरीके और कदम है जिसमें कार और मोटर बाइक का उपयोग करने के बजाय साइकिल का उपयोग करना या पैदल चलना शामिल है या बदले में इनका संरक्षण करता है और प्रदूषण को कम करता है

कपड़े धोने की मशीन का उपयोग करने के बजाय प्राकृतिक रूप से कपड़े सुखाना,ठंडी हवा पाने के लिए घर में एयर कंडीशनर लगाने के बजाय,घर के पास हरे पौधे और ऐसी कई अन्य गतिविधियां है जिनकी मदद से ऊर्जा संरक्षण कम किया जा सकता है

ऊर्जा संरक्षण के सरल और बेहतर उपाय

ऊर्जा संरक्षण करने के लिए कई उपायों के बारे में समझना भी बहुत जरूरी है क्योंकि इसे समझने के बाद हम ऊर्जा संरक्षण के माता रोज के बचाव के तरीकों को समझ पाएंगे

  • ऊर्जा संरक्षण करने के लिए मशीनों पर अपनी निर्भरता कम कर देनी चाहिए क्योंकि यंत्रों के संचालन में ऊर्जा की खपत बहुत ज्यादा होती है यही कारण है कि ऊर्जा के भंडार नष्ट होते जा रहे हैं
  • ऐसी स्थिति में हमें अपना काम करने के लिए अपनी शारीरिक बल का इस्तेमाल करना चाहिए और मशीनों पर अपनी निर्भरता कम कर देनी चाहिए मशीनों का सहारा हमें केवल उन्हीं कार्यों को करने के लिए देना चाहिए जिन्हें हम करने में असमर्थ हो
  • ऊर्जा संरक्षण करने के लिए हमें ऊर्जा की खपत को भी नियंत्रण करना होगा ऐसा करने के लिए हमें विद्युत ऊर्जा जल संसाधन औरपवन उर्जा के दुरुपयोग को बंद कर देना चाहिए और केवल जरूरत पड़ने पर ही ऊर्जा इन संसाधनों का उपयोग करना चाहिए
  • ऊर्जा संरक्षण यह भी बेहद जरूरी है कि हमें ऊर्जा संरक्षण के नए उपायों की तलाश करते रहना चाहिए और पूजा के नए संरक्षण को विकसित करने पर जोर देना चाहिए
  • हालांकि हमारे देश के वैज्ञानिक भी जान के साथ एक उद्देश्य में जुटे हुए हैं उनकी ऊर्जा संरक्षण के लिए उनका कहना संसाधनों को विकसित किया जा सके इस क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिकों को बायोगैस जैसे बेहद विकल्प भी मिले हैं हालांकि अभी और भी नए संसाधनों के विकास के सकता है
  • ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और हमें इसे जिम्मेदारी को बखूबी नहीं खाना चाहिए और ऐसे ही प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर राष्टीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाते रखन चाहिए

ऊर्जा संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका

उज्जैन संरक्षण हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह अंततः पर्यावरण को स्वस्थ और प्रदूषण मुक्त बनाता है और हमें एक अच्छा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है लोगों को कुछ तकनीकी के बारे में भी जागरूक करना महत्वपूर्ण है जो उन्हें ऊर्जा बचाने में मदद कर सकते हैं

ऊर्जा संरक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत जैसे सौर ऊर्जा,पवन चकिया आदि का उपयोग करके ऊर्जा उत्पन्न करना है सूर्य खुद एक प्राकृतिक संसाधन है और यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है इसलिए घर में सौर पैनल स्थापित करना और सौर ऊर्जा की खपत को कम करने वाली गतिविधियों का सहारा लेना ऊर्जा संरक्षण का सबसे अच्छा तरीका है

ऊर्जा संरक्षण दिवस किस दिन होता है?

ऊर्जा संरक्षण दिवस प्रत्येक वर्ष 14 दिसंबर को मनाया जाता है

ऊर्जा संरक्षण कितने प्रकार के होते हैं?

यह दो प्रकार के होते हैं पहले वस्तु की गति पर आधारित एवं दूसरी वस्तु की स्थिति पर आधारित

ऊर्जा संरक्षण के 3 नियम क्या है?

ऊर्जा संरक्षण का नियम भौतिकी का एक प्रयोग धारिक नियम है किसी आयुक्त निकाय की कुल ऊर्जा समय के साथ नियत रहती है अर्थात ऊर्जा का ना तो निर्माण संभव है ना ही विनाश केवल इसका रूप बदला जा सकता है

इन्‍हें भी पढ़ें

  • वायु प्रदूषण पर निबंध
  • मेरे जीवन का लक्ष्‍य पर निबंध
  • शिक्षा में खेलकूद का स्‍थान पर निबंध
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध

तो आप सभी को “राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Eassay On Energy Conservation In Hindi” के बारे में सारी जानकारी प्राप्‍त हो गई होगी। हमें पूरी उम्‍मीद हैं कि आपको यह जानकारी बहुत पसंद आयी होगी। अगर आपके कोई प्रश्‍न हो तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछे और पोस्‍ट को अपने सोशल मीडिया और दोस्‍तों के साथ जरूर शेयर करें।

Suneel

नमस्‍कार दोस्‍तों! Hindigrammar.in.net ब्‍लॉग पर आपका हार्दिक स्‍वागत हैं। मैं Suneel Kevat इस ब्‍लॉग का Writer और Founder हूँ. और इस वेबसाइट के माध्‍यम से Hindi Grammar, Essay, Kavi Parichay, Lekhak Parichay, 10 Lines Nibandh and Hindi Biography के बारे में जानकारी शेयर करता हूँ।

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HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Energy Conservation in Hindi – ऊर्जा संरक्षण पर निबंध

February 7, 2018 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में ऊर्जा संरक्षण पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on Energy Conservation in Hindi Language for School Students and Kids of all Classes in 100 and 400 words.

Essay on Energy Conservation in Hindi

Paragraph, Essay on Energy Conservation in Hindi – ऊर्जा संरक्षण पर निबंध ( 100 words )

हमारे पास ऊर्जा सीमित मात्रा में हैं क्योंकि ऊर्जा उत्पन्न करने वाले संसाधन सीमित मात्रा में है लेकिन बढ़ती जनसंख्या के साथ ऊर्जा की माँग में भी वृद्धि हुई है। यदि लगातार ऐसा चलता रहा तो हमारे पास ऊर्जा नहीं होगी इसलिए हमें ऊर्जा को सरंक्षित करना चाहिए और ऊर्जा प्राप्त करने के ऐसे रास्ते ढूँढने चाहिए दो सीमित न हो। हमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और बायोगैस आदि का प्रयोग करना चाहिए ताकि ऊर्जा को सरंक्षित किया जा सके। इस सबके लिए हमें मिलकर कदम उठाना होगा और बेमतलब बिजली के प्रयोग को भी बंद करना होगा। दुनिया में क्रियाकलाप जारी रखने के लिए ऊर्जा का सरंक्षण आवश्यक है।

Short Essay on Energy Conservation in Hindi Language – ऊर्जा संरक्षण पर निबंध ( 400 words )

ऊर्जा संरक्षण जलवायु परिवर्तन को कम करने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अक्षय ऊर्जा के साथ गैर-नवीकरणीय संसाधनों के प्रतिस्थापन में मदद करता है ऊर्जा संरक्षण अक्सर ऊर्जा की कमी के लिए सबसे सस्ती समाधान है, और यह ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि के लिए अधिक पर्यावरणीय रूप से वैकल्पिक है।

चूंकि हमारे पास पृथ्वी पर उपलब्ध गैर-अक्षय ऊर्जा संसाधनों की मात्रा सीमित है, इसलिए हमारे वर्तमान आपूर्ति से ऊर्जा की रक्षा या नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि यह हमारी भावी पीढ़ियों के लिए भी उपलब्ध हो।

ऊर्जा संरक्षण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि गैर-नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग हमारे पर्यावरण पर भी प्रभाव डालता है। विशेष रूप से, कार्बन डाइऑक्साइड जैसे वायु और जल प्रदूषण के लिए जीवाश्म ईंधन की आपूर्ति का उत्पादन होता है, जब बिजली, स्टेशनों, हीटिंग सिस्टम और कारों के इंजनों में तेल, कोयला और गैस का उपयोग होता है।

ऐसी परिस्थिति में जहां भारत अपनी विकास प्रक्रिया में तेजी लाने और ऊर्जा की मांग में बढ़ोतरी से निपटने की कोशिश करता है, संरक्षण और ऊर्जा दक्षता उपाय हमारी ऊर्जा नीति में एक केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं।

ऊर्जा संरक्षण के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन आने वाले वर्षों में ऊर्जा आपूर्ति प्रणालियों में नए निवेश की आवश्यकता को कम कर सकता है। यह आवश्यक है कि सभी संभावित प्रयासों को इस क्षमता का पता लगाया जाए। ऊर्जा संरक्षण एक उद्देश्य है जिसके लिए देश के सभी नागरिक योगदान कर सकते हैं।

चाहे घर या कारखाने, छोटी दुकान या एक बड़ी व्यावसायिक इमारत, एक किसान या एक कार्यालय कर्मचारी, हर उपयोगकर्ता और ऊर्जा के उत्पादक देश के साथ-साथ अपने स्वयं के लाभ के लिए भी यह प्रयास कर सकते हैं।

हम लोग अपने दैनिक उपयोग में बहुत अधिक ऊर्जा बर्बाद करते हैं, या तो उपयोग में नहीं होने पर या उपकरणों को स्टैंडबाय पावर में डालकर या ट्रैफिक लाइट के लंबे समय तक वाहन बंद नहीं कर सकते हैं। ऊर्जा को न केवल लागत में कटौती करने के लिए संरक्षित किया जाना चाहिए बल्कि संसाधनों को लंबे समय तक उपयोग के लिए संरक्षित करना होगा।

संसाधनों को आर्थिक रूप से भविष्य के उपयोग के लिए संरक्षित करने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि वे सीमित हैं और एक दिन की अवधि समाप्त हो जाएगी। नीचे एक सूची है जो आपके दैनिक उपयोग में ऊर्जा को बचाने में सहायक हो सकती है। बस उनके माध्यम से जाओ और जानें कि इन विधियों को अपनाने के द्वारा आप ऊर्जा कैसे बचा सकते हैं।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध (  Essay on Energy Conservation in Hindi – ऊर्जा संरक्षण पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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National Energy Conservation Day in Hindi : राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का महत्त्व, उद्देश्य, इतिहास और आयोजन

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 13, 2023

National Energy Conservation Day in Hindi

दुनियाभर में बिजली की खपत पिछले आधी शताब्दी में लगातार बढ़ी है। आपको जान कर हैरानी होगी कि यह 2022 में लगभग 25,500 टेरावॉट-घंटे तक पहुंच गई है। 1980 से 2022 के बीच बिजली की खपत तीन गुना से भी अधिक हो गई, जबकि वैश्विक आबादी लगभग आठ अरब लोगों तक पहुंच गई। इससे हमारी प्रकृति पर बहुत गहरा प्रभाव पढ़ता है। इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 14 दिसंबर के दिन राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य, महत्त्व, इतिहास और साथ ही National Energy Conservation Day in Hindi कैसे मनाया जाता है?

This Blog Includes:

National energy conservation day in hindi क्या है, राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस थीम 2023 , राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य , राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का महत्व , राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का इतिहास , राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस कैसे मनाया जाता है, ऊर्जा संरक्षण पर नारे, ऊर्जा संरक्षण पर चित्र.

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस भारत में हर साल 14 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करना है। ऊर्जा संरक्षण का अर्थ है ऊर्जा की खपत को कम करना। यह ऊर्जा के उपयोग को अधिक कुशल बनाने और ऊर्जा के स्रोतों को बचाने के लिए किया जा सकता है।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाने के लिए, विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इनमें स्कूलों और कॉलेजों में व्याख्यान, सार्वजनिक बैठकें, और ऊर्जा संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अन्य गतिविधियाँ शामिल हैं। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस भारत सरकार की ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा आयोजित किया जाता है। BEE ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र में भारत सरकार का नोडल एजेंसी है।

अभी तक ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 की थीम तय नहीं हुई हैं। हालांकि, थीम आमतौर पर ऊर्जा संरक्षण और स्थिरता के इर्द-गिर्द घूमती है।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को ऊर्जा का सही तरीके से उपयोग करने के महत्व को समझाना और ऊर्जा संरक्षण के प्रति समर्पितता बढ़ाना है। यह दिवस साल में एक बार मनाया जाता है और इसका आयोजन विभिन्न स्तरों पर किया जाता है ताकि लोग ऊर्जा के सुरक्षित और सुस्त उपयोग के महत्व को समझ सकें। इस दिवस के मुख्य उद्देश्य हैं –

ऊर्जा संरक्षण की जागरूकता बढ़ाना: यह दिवस लोगों को ऊर्जा संरक्षण के महत्व के प्रति जागरूक करने का माध्यम है। लोगों को यह बताने का प्रयास किया जाता है कि ऊर्जा को कैसे सुरक्षित रूप से उपयोग किया जा सकता है और इससे कैसे ऊर्जा की बर्बादी को कम किया जा सकता है।

सामाजिक सहयोग को बढ़ाना: ऊर्जा संरक्षण दिवस के दौरान समूह, संगठन, और सरकारी अधिकारियों को एक साथ आने का अवसर मिलता है, जिससे सामाजिक सहयोग बढ़ता है। लोग एक दूसरे के साथ ऊर्जा संरक्षण के लिए विचारविमर्श करते हैं और इसमें भाग लेते हैं।

प्रौद्योगिकी और नई ऊर्जा स्रोतों के प्रमोशन: दिवस के दौरान, लोगों को नई और सुस्त ऊर्जा स्रोतों के प्रति जागरूक किया जाता है। विभिन्न तकनीकी और वैज्ञानिक उत्पादों के माध्यम से लोगों को सुस्त ऊर्जा विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

विद्युत संचार के माध्यम से शिक्षा: विद्युत संचार के जरिए, समूह और संगठनों को ऊर्जा संरक्षण से संबंधित जानकारी प्रदान की जाती है। इससे लोगों को ऊर्जा संरक्षण के फायदे और तकनीकी पहलुओं के बारे में अधिक जानकारी मिलती है।

National Energy Conservation Day in Hindi का महत्व निम्नलिखित है:

  • National Energy Conservation Day in Hindi लोगों को ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करता है। ऊर्जा एक सीमित संसाधन है, और इसे संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस लोगों को ऊर्जा की खपत को कम करने के तरीकों के बारे में सिखाता है।
  • यह ऊर्जा के कुशल उपयोग को बढ़ावा देता है। ऊर्जा संरक्षण का मतलब केवल ऊर्जा की खपत को कम करना नहीं है, बल्कि ऊर्जा का उपयोग अधिक कुशलता से करना भी है। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस लोगों को ऊर्जा कुशल उपकरणों और व्यवहारों के बारे में शिक्षित करता है।
  • यह पर्यावरण की रक्षा में मदद करता है। ऊर्जा उत्पादन पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है। ऊर्जा संरक्षण से ऊर्जा उत्पादन में कमी आती है, जिससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलती है।
  • यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। ऊर्जा की खपत में कमी से ऊर्जा की लागत कम हो सकती है। यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

भारत सरकार ने 1991 में ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रयास करने वाले उद्यमों और संगठनों को सम्मानित करने के लिए एक योजना शुरू की। ये पुरस्कार प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा दिए जाते हैं। 2002 में, ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 को लागू करने के लिए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) नामक एक वैधानिक बोर्ड की स्थापना की गई। पिछले ऊर्जा संरक्षण दिवस पर, सरकार ने ‘ईवी यात्रा’ पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस को भारत में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है, ताकि लोगों को ऊर्जा संरक्षण के महत्व का सही तरीके से अवगत किया जा सके। यहां कुछ सामान्य तरीके दी गई हैं जो इस दिवस के मनाने में आम तौर पर अपनाई जाती हैं:

शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम: स्कूल, कॉलेज, और अन्य शैक्षिक संस्थानों में ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को ऊर्जा संरक्षण के महत्व पर बताया जाता है और उन्हें इसके लाभों के बारे में शिक्षित किया जाता है।

सेमिनार और वार्ता: National Energy Conservation Day in Hindi के अवसर पर सेमिनार और वार्ता का आयोजन किया जाता है जिसमें ऊर्जा संरक्षण से जुड़े विषयों पर चर्चा होती है। विशेषज्ञ और विद्यार्थियों को अपने विचार और अनुभव साझा करने का मौका मिलता है।

प्रदर्शनी और नाटक: ऊर्जा संरक्षण के महत्व को लोगों के बीच पहुंचाने के लिए प्रदर्शनी और नाटकों का आयोजन किया जाता है। इसके माध्यम से सामाजिक संदेशों को सहजता से समझाया जा सकता है।

प्रतियोगिताएं: ऊर्जा संरक्षण दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें लोग अपनी ऊर्जा संरक्षण अभियानों को प्रमोट कर सकते हैं।

पौधरोपण और पर्यावरण सफाई: ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर पौधरोपण और पर्यावरण सफाई के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है। यह लोगों को प्राकृतिक संसाधनों के सही तरीके से उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है।

मीडिया और सामाजिक मीडिया: ऊर्जा संरक्षण दिवस के दौरान, मीडिया और सामाजिक मीडिया का सकारात्मक उपयोग करके लोगों को ऊर्जा संरक्षण के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।

National Energy Conservation Day in Hindi के अवसर पर ऊर्जा संरक्षण पर नारे कुछ इस प्रकार हैं –

  • ऊर्जा बचाओ, भविष्य बचाओ।
  • ऊर्जा संरक्षण, हमारा कर्तव्य।
  • ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण।
  • ऊर्जा की बचत, देश की उन्नति।
  • ऊर्जा का प्रयोग सोच समझकर करो, ऊर्जा संरक्षण का संकल्प लो।
  • ऊर्जा बचाओ, पैसा बचाओ, प्रदूषण बचाओ।
  • अनावश्यक ऊर्जा के उपयोग से बचें, ऊर्जा संरक्षण में अपना योगदान दें।
  • ऊर्जा संरक्षण, हर नागरिक का दायित्व।

National Energy Conservation Day in Hindi के अवसर पर स्टूडेंट्स के लिए ऊर्जा संरक्षण पर चित्र/ पोस्टर्स यहाँ प्रस्तुत हैं –

ऊर्जा संरक्षण पर चित्र

सम्बंधित आर्टिकल्स 

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य लोगों को ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करना है। ऊर्जा एक सीमित संसाधन है, और इसे संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस लोगों को ऊर्जा की खपत को कम करने के तरीकों के बारे में सिखाता है।

National Energy Conservation Day in Hindi मनाने के लिए, विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इनमें स्कूलों और कॉलेजों में व्याख्यान, सार्वजनिक बैठकें, और ऊर्जा संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अन्य गतिविधियाँ शामिल हैं।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस भारत सरकार की ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा आयोजित किया जाता है। BEE ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र में भारत सरकार का नोडल एजेंसी है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको National Energy Conservation Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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ऊर्जा संरक्षण क्या है और कब मनाया जाता है?9 Best Tips For Energy Conservation In Hindi

ऊर्जा संरक्षण क्या है (Energy Conservation In Hindi) और यह कब मनाया जाता है और ऊर्जा संरक्षण कैसे किया जाए?

दुनिया में Energy (ऊर्जा) का एक महत्वपूर्ण स्थान है। एनर्जी के बिना व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता है।इस दुनिया में रहने वाले हर व्यक्ति को किसी ना किसी रूप में कम या ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है तो जाहिर सी बात है ऊर्जा किसी न किसी स्रोत से प्राप्त होती है जिसकी उपयोग की एक निश्चित सीमा होती है।

अतः Energy को save करने की जरूरत है तो आज हम इसी बारे में “ उर्जा संरक्षण क्या है और कब मनाया जाता है और ऊर्जा संरक्षण कैसे किया जाए? ” ( Energy Conservation In Hindi ) के बारे में बात करना जा रहे हैं।

Energy Conservation in Hindi

ऊर्जा संरक्षण क्या है? (What is Energy Conservation in Hindi?)

एनर्जी कंजर्वेशन को हिंदी में ऊर्जा संरक्षण कहा जाता है।ऊर्जा संरक्षण से तात्पर्य है हमारे पास जो ऊर्जा(एनर्जी) उपलब्ध है,उसका उपयोग इस तरीके से किया जाए कि उसकी बचत ज्यादा से ज्यादा हो और Energy को Save(ऊर्जा बचत) किया जा सके।

ऊर्जा जितनी कि हमें जरूरत है,उससे भी कम एनर्जी में हमारा काम पूरा हो तो आने वाली पीढ़ियां उस ऊर्जा का भरपूर उपयोग कर सकेगी क्योंकि ऊर्जा की एक सीमा होती है और इसका उसे अधिकतम उपयोग होने के बाद समाप्त हो जाती है तो जाहिर सी बात है ऊर्जा के अन्य विकल्प भी तलाशने होंगे और ऊर्जा संरक्षण भी करना होगा ताकि ऊर्जा की बचत हमेशा होती रहे और यह हम सभी की हमारी जिम्मेदारी है।

World Energy Conservation Day (विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस)

विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस साल 1991 से प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को मनाया मनाया जाता है।यह पूरी दुनिया में एक साथ 14 दिसंबर को मनाया जाता है।इसका उद्देश्य पूरी दुनिया में होने वाली ऊर्जा खपत को कम से कम करना है व ऊर्जा संरक्षण करना है और इसका काम उर्जा के नए नए विकल्प तलाशना भी है और इस बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए यह विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है।

How To Do Energy Conservation In Normel Life ( सामान्य जीवन मे ऊर्जा संरक्षण कैसे किया जाए?)

ऊर्जा संरक्षण ( Energy Management ) हमारी जिम्मेदारी है तो जाहिर सी बात है और ऊर्जा को बचाने के लिए कदम उठाने होंगे और लोगों को जागरूक करना होगा।

हम ऐसे कई कदम है जो आपने सामान्य जीवन में उठाकर एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं तो यहां पर हम कुछ बातें बताने जा रहे हैं जिन पर आप अमल कर सकते सकते है और आप लोगों को ऊर्जा संरक्षण (एनर्जी कंजर्वेशन) पर पोस्टर, इमेजेस, निबंध लिख कर लोगों को जागरूक कर सकते हैं।

  • जरूरत ना होने पर लाइट,पंखे,कूलर आदि को बंद करके रखें।
  • सामान्य बल्ब की जगह सीएफएल का प्रयोग करें।
  • आजकल एलईडी लाइटों का भी प्रचलन है तो आप उनका भी उपयोग कर सकते हैं क्योंकी CFL,LED थोड़ी महंगी होती है लेकिन यह लाइट की बहुत बचत करती है और लंबे समय तक काम में आती है।
  • सबसे से ज्यादा बिजली की खपत रेफ्रिजरेटर(फ्रीज़)करता है तो आप इसके कूलिंग सिस्टम को हमेशा धूल मिट्टी आदि को साफ करते रहे क्योंकि इसको साफ ना करने पर बिजली की खपत भी ज्यादा होती है।
  • ISI (आईएसआई) द्वारा चिन्हित विद्युत उपकरणों का ही उपयोग करें।
  • फ्रिज का दरवाजा बार-बार खोलने और बंद करने से बचें।इससे बिजली खपत होती है।
  • दिन के समय लाइट्स को बंद रखें।
  • घरों में पानी की टंकी को भरते समय उनके व्यर्थ में बहने वाले पानी को बचाकर बिजली की बचत की जा सकती है।
  • खाना बनाने में अच्छी ऊर्जा क्षमता वाले बर्तनों का उपयोग करें।
  • ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए?
  • ऑनलाइन काम आने वाली खास TIPS & TRICKS
  • Personality Development Series-खुद को बनाये बेहतर
  • Amazing Scientific Facts-रोचक तथ्य लिस्ट जो आप नही जानते।

अगर आपके कोई विचार है तो उसे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।अगर आपको पोस्ट ( Energy Conservation In Hindi) पसंद आई हो तो सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूलें।

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About Kavish Jain

में अपने शौक व लोगो की हेल्प करने के लिए Part Time ब्लॉग लिखने का काम करता हूँ और साथ मे अपनी पढ़ाई में Bed Student हूँ।मेरा नाम कविश जैन है और में सवाई माधोपुर (राजस्थान) के छोटे से कस्बे CKB में रहता हूँ।

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Renewable Sources Of Energy Essay In Hindi

अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – Renewable Sources Of Energy Essay In Hindi

अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – essay on renewable sources of energy in hindi.

  • प्रस्तावना,
  • (क) सौर ऊर्जा,
  • (ख) पवन ऊर्जा,
  • (ग) जल ऊर्जा,
  • (घ) भू–तापीय ऊर्जा,
  • (ङ) बायोमास एवं जैव ईंधन,
  • (च) परमाणु ऊर्जा,
  • अक्षय ऊर्जा और हमारा राष्ट्र,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – Akshay Oorja : Sambhaavanaen Aur Neetiyaan Nibandh

प्रस्तावना– पेट्रोल, डीजल, कोयला, गैस आदि की दिनोदिन घटती मात्रा ने हमें यह सोचने पर विवश कर दिया है कि हमें अपनी कल की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए ऐसे संसाधनों को खोजना होगा, जो कभी समाप्त न हों और हमारा जीवन सुचारु रूप से बिना किसी ऊर्जा संकट के चलता रहे। ऊर्जा के कभी न समाप्त होनेवाले संसाधनों को ही हम अक्षय ऊर्जा के स्रोत के रूप में जानते हैं।

अक्षय ऊर्जा के स्त्रोत– मानव एक विकासशील प्राणी है। उसने ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की खोज की, जो आधुनिक जीवन शैली का अभिन्न अंग बन गए हैं। सबसे पहले मानव ने ऊर्जा के परम्परागत साधनों–कोयला, गैस, पेट्रोलियम आदि का प्रयोग किया, जो सीमित मात्रा में होने के साथ–साथ पर्यावरण के लिए हानिकारक भी हैं।

अक्षय ऊर्जा के स्रोत न केवल ऊर्जा के संकट मिटाने में सक्षम हैं, पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। भारत में अक्षय ऊर्जा के अनेक स्रोत उपलब्ध हैं; जैसे–सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू–तापीय ऊर्जा, बायोमास एवं जैव ईंधन आदि। इनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है-

(क) सौर ऊर्जा–भारत में सौर ऊर्जा की काफी सम्भावनाएँ हैं; क्योंकि देश के अधिकतर भागों में वर्ष में 250–300 दिन सूर्य अपनी किरणें बिखेरता है। सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए फोटोवोल्टेइक सेल प्रणाली का प्रयोग किया जाता है। फोटोवोल्टेइक सेल सूर्य से प्राप्त होनेवाली किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है। हमारे देश में सौर ऊर्जा के रूप में प्रतिवर्ष लगभग 5 हजार खरब यूनिट बिजली बनाने की सम्भावना मौजूद है, जिसके लिए पर्याप्त तीव्रगति से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। भारत में विगत 25–30 वर्षों से सौर ऊर्जा पर कार्य हो रहा है।

वर्ष 2010 ई० में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन की शुरूआत की थी, जिसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से देश को ऊर्जा के संकट से मुक्ति दिलाना है। आज देश के टेलीकॉम टॉवर प्रतिवर्ष 5 हजार करोड़ लीटर डीजल का प्रयोग कर रहे हैं, सौर ऊर्जा के प्रयोग द्वारा इस डीजल को बचाया जा सकता है।

सौर ऊर्जा अभी महँगी है, इसलिए इसकी उपयोगिता का ज्ञान होते हुए भी लोग इसका प्रयोग करने से बचते हैं। अब सोलर कूकर, सोलर बैटरी चालित वाहन और मोबाइल फोन भी प्रयोग में लाए जा रहे हैं। लोग धीरे–धीरे इसकी महत्ता समझ रहे हैं। कर्नाटक के लगभग एक हजार गाँवों में सौर ऊर्जा के प्रयोग का अभियान चल रहा है। आनेवाले समय में सौर ऊर्जा निश्चित ही भारत को प्रगति के मार्ग पर ले जाने में सहायक होगी।

(ख) पवन ऊर्जा–पवन या वायु ऊर्जा अक्षय ऊर्जा का दूसरा महत्त्वपूर्ण स्रोत है। प्राचीन काल में पवन ऊर्जा का प्रयोग नाव चलाने में किया जाता था। लगभग 2 हजार वर्ष पूर्व सिंचाई और अनाज कूटने आदि में पवन ऊर्जा के प्रयोग का प्रणाम मिलता है। चीन, अफगानिस्तान, पर्शिया, डेनमार्क, कैलिफोर्निया में पवन ऊर्जा का उपयोग बिजली बनाने में किया जा रहा है।

भारत में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान आदि प्रदेशों में पवन ऊर्जा के विद्युत् उत्पादन का कार्य चल रहा है। भारत में पवन ऊर्जा की काफी सम्भावनाएँ हैं। इस समय भारत में पवन ऊर्जा का नवीन और ऊर्जा मन्त्रालय के अनुसार भारत में वायु द्वारा 48,500 मेगावॉट विद्युत् उत्पादन की क्षमता है, अभी तक 12,800 मेगावॉट की क्षमता ही प्राप्त की जा सकी है।

पिछले दो दशकों में विद्युत् उत्पादक पवनचक्कियों (टरबाइनों) की रूपरेखा, स्थल का चयन, स्थापना, कार्यकलाप और रख–रखाव में तकनीकी रूप से भारी प्रगति हुई है और विद्युत् उत्पादन की लागत कम हुई है। पवन ऊर्जा द्वारा पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता; क्योंकि इसमें अपशिष्ट का उत्पादन नहीं के बराबर होता है विकिरण की समस्या भी नहीं होती है। आनेवाले समय में पवन ऊर्जा के सशक्त माध्यम बनने की पूरी सम्भावनाएँ हैं।

(ग) जल ऊर्जा–जल अक्षय ऊर्जा के प्रमुख स्रोतों में से एक है। इसमें नदियों पर बाँध बनाकर उनके जल से टरबाइनों द्वारा विद्युत् उत्पादन किया जाता है। भारत में बाँध बनाकर जल विद्युत् का उत्पादन दीर्घकाल से हो रहा है। इसके अलावा समुद्र में उत्पन्न होनेवाले ज्वार–भाटा की लहरों से भी विद्युत् उत्पादन किया जा सकता . है। भारत की सीमाएँ तीन–तीन ओर से समुद्रों से घिरी हैं; अतः अक्षय ऊर्जा स्त्रोत का प्रयोग बड़े पैमाने पर कर सकता है।

(घ) भू–तापीय ऊर्जा–यह पृथ्वी से प्राप्त होनेवाली ऊर्जा है। भू–तापीय ऊर्जा का जन्म पृथ्वी की गहराई में गर्म, पिघली चट्टानों से होता है। इस स्रोत से ऐसे स्थानों पर ऊर्जा प्राप्त करने के लिए पृथ्वी के गर्म क्षेत्र तक एक सुरंग खोदी जाती है, जिनके द्वारा पानी को वहाँ पहुँचाकर उसकी भाप बनाकर टरबाइन चलाकर बिजली बनाई जाती है।

भारत में लगभग 113 संकेत मिले हैं, जिनसे लगभग 10 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन होने की सम्भावना है। भू–तापीय ऊर्जा से विद्युत् उत्पादन लागत जल ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत् जितनी ही है। भारत को भू–तापीय ऊर्जा को प्रयोग में लाने के लिए बड़ी मात्रा में आवश्यक संसाधन जुटाने पड़ेंगे, तभी इस ऊर्जा का लाभ उठाया जा सकेगा।

(ङ) बायोमास एवं जैव ईंधन–कृषि एवं वानिकी अवशेषों (बायोमास / जैव पदार्थों) का प्रयोग भी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है। भारत की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या जैव पदार्थों का प्रयोग खाना बनाने के लिए ईंधन के रूप में करती है। लकड़ी, गोबर और खरपतवार प्रमुख जैव–पदार्थ हैं, जिनसे बायोगैस उत्पन्न की जाती है। गन्ने, महुए, आलू, चावल, जौ, मकई और चुकन्दर जैसे शर्करायुक्त पदार्थों से एथेनॉल बनाया जाता है।

इसे पेट्रोल में मिलाकर ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। भारत सरकार इसका 10 प्रतिशत तक पेट्रोल में मिश्रण करना चाहती है, जिसके लिए प्रतिवर्ष 266 करोड़ लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी, किन्तु एथेनॉल बनाने वाली चीनी मिलों ने अभी 140 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की पेशकश ही सरकार से की है।

इसके अतिरिक्त कृषि से निकलनेवाले व्यर्थ पदार्थों; जैसे खाली भुट्टे, फसलों के डंठल, भूसी आदि और शहरों एवं उद्योगों के ठोस कचरे से भी बिजली बनाई जा सकती है। भारतवर्ष में उनसे लगभग 23,700 मेगावॉट बिजली प्रतिवर्ष बन सकती है, परन्तु अभी इनसे 2,500 मेगावॉट बिजली का ही उत्पादन हो रहा है।

(च) परमाणु ऊर्जा–भारत के डॉ. होमी भाभा को भारत में परमाणु ऊर्जा के विकास का जनक माना जाता है। भारत में पाँच परमाणु ऊर्जा केन्द्रों पर 10 परमाणु रिएक्टर हैं, जो देश की कुल दो प्रतिशत बिजली का उत्पादन करते हैं। यद्यपि परमाणु ऊर्जा पर्यावरण के लिए घातक नहीं है, लेकिन इससे सम्बन्धित कोई भी दुर्घटना अवश्य ही मानव–जीवन के लिए घातक सिद्ध होती है।

इसका सबसे अधिक खतरा उत्पादन के पश्चात् निकलनेवाला रेडियोधर्मी अपशिष्ट कचरा है, जिसे समाप्त करना दुष्कर होता जा रहा है; अत: यह अक्षय ऊर्जा का स्रोत होते हुए भी इसका प्रयोग दीर्घकाल तक नहीं किया जा सकता है। अक्षय ऊर्जा और हमारा राष्ट्र–अक्षय ऊर्जा वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए श्रेष्ठ साधन है; क्योंकि इससे हमारा पर्यावरण स्वच्छता के साथ बड़ी मात्रा में ऊर्जा भी प्राप्त होती है।

इसी कारण विभिन्न देशों में अपने–अपने अक्षय ऊर्जा स्रोत बढ़ाने की प्रतिस्पर्धा दिखाई देने लगी है। वैश्विक रुझानों को देखते हुए भारत अक्षय की प्रतिस्पर्धा का सक्रिय भागीदार है। वह निरन्तर अक्षय ऊर्जा स्रोतों की अपनी श्रेणियाँ विस्तृत करने के प्रयास में जुटा है। भारत ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता 74 गीगावॉट तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें 2020 तक सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 20 GW करने और बिजली की कुल खपत का 15 प्रतिशत हिस्सा अक्षय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

वर्तमान में भारत की संस्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता लगभग 30 गीगावॉट है और भारत इस क्षेत्र में अग्रणी है। भारत की अक्षय ऊर्जा विकास योजना में घरेलू ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करना भी शामिल है। इस योजना से जहाँ क्षेत्रीय विकास होगा, वहीं रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। पर्यावरण सुरक्षा भी इसके माध्यम से हो सकेगा और ग्लोबल वार्मिंग के अन्तर्गत अधिक कार्बन डाइ–ऑक्साइड उत्सर्जन के अन्तरराष्ट्रीय दबाव से भी हम मुक्त हो सकेंगे।

उपसंहार– अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा जो योजनाएँ चलाई जा रही हैं; उनसे यह आशा बँधती है कि हम निकट भविष्य में अपनी ऊर्जा–प्राप्ति और पर्यावरण–सुरक्षा की समस्या का समाधान खोजने में अवश्य ही सफल होंगे। हम इस क्षेत्र में अन्य विकासशील देशों को सहयोग करके न केवल विदेशी मुद्रा अर्जित कर सकेंगे, वरन् विश्व–समुदाय के मध्य स्वयं को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में भी सफल होंगे।

सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Summary In Hindi

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस

हर साल 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा इस दिवस का आयोजन ऊर्जा दक्षता और संरक्षण में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन जैसे विषय के बारे में लोगों में जागरूक विकसित करना है।

इस दिवस पर ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के साथ-साथ ‘ग्लोबल वार्मिंग’ के प्रभाव को कम करने के लिए ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया जाता है। उर्जा संरक्षण दिवस 2021 पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत बिजली मंत्रालय ने 8 से 14 दिसंबर तक ऊर्जा संरक्षण सप्ताह का आयोजन भी किया था।

नोट – इस लेख में हम आपको राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के महत्व, इसकी पृष्ठभूमि और उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

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राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस से जुड़ी जरुरी बातें –

ऊर्जा के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए साल 1991 से राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जा रहा है। ऊर्जा का संरक्षण करना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके द्वारा ही हम एक हरित और उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना है।

यह दिवस, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के बारे में भी लोगों को जागरूक करने पर ध्यान केंद्रित करता है और ऊर्जा संसाधनों को बचाने की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देता है।

ऊर्जा संरक्षण दिवस, ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालता है।

पिछले साल ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत 8 से 14 दिसंबर 2021 तक ऊर्जा संरक्षण सप्ताह मनाया गया।

बिजली मंत्रालय के तहत बीईई ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत इन कार्यक्रमों का आयोजन किया –

ऊर्जा कुशल भारत (Energy Efficient India)

आजादी का अमृत महोत्सव: स्वच्छ ग्रह (Cleaner Planet)

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस की पृष्ठभूमि

भारतीय ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा साल 2001 में भारतीय ऊर्जा संरक्षण अधिनियम (Energy Conservation Act, 2001) लागू किया गया। इसका उद्देश्य ऊर्जा संरक्षण के संबंध में नीतियां बनाना है।

इस अधिनियम के लागू होने के बाद, हर साल 14 दिसंबर को पूरे देश में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है।

इस अवसर पर देशभर में ऊर्जा संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न चर्चाओं, सम्मेलनों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। 

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का महत्व

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के दिन लोगों को ऊर्जा के कुशल उपयोग के बारे में जागरुक किया जाता है। इस दिन उर्जा संरक्षण के प्रयासों को मजबूत करने का संकल्प लिया जाता है।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाने का उद्देश्य ऊर्जा और संसाधन संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। ऊर्जा के संरक्षण का अर्थ है ऊर्जा का अंधाधुंध दुरुपयोग करने के बजाय बुद्धिमानी से उसका उपयोग करना।

इस दिवस पर, देशभर की विभिन्न औद्योगिक इकाइयों/ प्रतिष्ठानों/ संगठनों द्वारा किए जा रहे उर्जा संरक्षण के प्रयासों को मान्यता देने के लिए हर साल राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार दिए जाते हैं।

नोट: आप BYJU’S के साथ जुड़कर खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi के साथ अपडेट रख सकते हैं , यहां हम प्रमुख जानकारियों को आसान तरीकों से समझाते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों के बारे में अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। यूपीएससी प्रीलिम्स के लिए ऐसे दिवस और कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

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energy conservation essay in hindi

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National Energy Conservation Day Essay in Hindi & English Pdf Download | राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस निबंध 2022-23

World Energy Conservation Day Essay in Hindi

विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस हर साल 14 दिसंबर को मनाया जाता है | इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को ऊर्जा के महत्व और उसके उपयोग के बारे में बताना व जागरूक करना है | ऊर्जा चाहे प्राकृतिक हो या विद्धुतीय हमे उसका उपयोग करना चाहिए न की दुरूपयोग |

आज के समय में यह आम बात हो गयी है लोग विद्धुत ऊर्जा का बहुत दुरूपयोग करते हैं जैसे की मोबाइल फ़ोन चार्जिंग पर लगा कर भूल जाते हैं, पानी का उपयोग करते समय पानी बहुत फैलाते हैं |

यही सब कारण हमारे ऊर्जा के स्रोतों को एक दिन अंत की कगार पर ले आएँगे | इसलिए हमे सबसे पहले खुद जागरूक होना होगा फिर लोगों को भी ऊर्जा के महत्व के बारे में बताकर व समझा कर जागरूक करना पड़ेगा |

इस दिन पर बहुत से स्कूल एवं विश्विद्यालय में essay और speech compatition होता है|

इस दिन quotes or slogans अपने व्हाट्सप्प स्टेटस पर लगा सकते है| या व्हाट्सप्प पर wishes सेंड कर सकते है|

कोई भी ऊर्जा की बचत इसकी गंभीरता से देखभाल करके कर सकता है, दैनिक उपयोग के बहुत से विद्युत उपकरणों को जैसे: बिना उपयोग के चलते हुये पंखों, बल्बों, समरसेविलों, हीटर को बंद करके आदि। यह अतिरिक्त उपयोग की ऊर्जा की बचत करने का सबसे कुशल तरीका है जो ऊर्जा संरक्षण अभियान में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। जीवाश्म ईंधन, कच्चे तेल, कोयला, प्राकृतिक गैस आदि दैनिक जीवन में उपयोग के लिए पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न करते हैं लेकिन दिनों-दिन इनकी बढ़ती मांग प्राकृतिक संसाधनों के कम होने का भय पैदा करता है। ऊर्जा संरक्षण ही केवल एक ऐसा रास्ता है जो ऊर्जा के गैर- नवीनीकृत साधनों के स्थान पर नवीनीकृत साधनों को प्रतिस्थापित करता है। ऊर्जा उपयोगकर्ताओं को ऊर्जा की कम खपत करने के साथ ही कुशल ऊर्जा संरक्षण के लिये जागरुक करने के उद्देश्य से विभिन्न देशों की सरकारों ने ऊर्जा और कार्बन के उपयोग पर कर लगा रखा है। उच्च ऊर्जा उपभोग पर कर ऊर्जा के प्रयोग को कम करने के साथ ही उपभोक्ताओं को एक सीमा के अन्दर ही ऊर्जा का प्रयोग करने के लिये प्रोत्साहित करता है। लोगों को इस विषय पर अधिक जागरुक होना चाहिये कि, कार्यस्थलों पर तेज रोशनी विभिन्न परेशानियों (बीमारियों) को लाती है जैसे: तनाव, सिर दर्द, रक्तचाप, थकान और कार्यक्षमता को कम करता है। जबकि, प्राकृतिक प्रकाश कार्यकर्ताओं के उत्पादकता के स्तर को बढ़ाता है और ऊर्जा की खपत को कम करता है। भारत में पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान एसोसिएशन वर्ष 1977 में भारत सरकार द्वारा भारतीय लोगों के बीच ऊर्जा संरक्षण और कुशलता को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। ये ऊर्जा का संरक्षण महान स्तर पर करने के लिये भारत सरकार द्वारा उठाया गया बहुत बड़ा कदम है। बेहतर ऊर्जा कुशलता और संरक्षण के लिए भारत सरकार ने एक अन्य संगठन ऊर्जा दक्षता ब्यूरों को भी 2001 में स्थापित किया गया। ऊर्जा संरक्षण के क्या उपाय हैं? थर्मल पर्दें, स्मार्ट खिड़कियों के अलावा खिड़कियाँ ऊर्जा का संरक्षण करने में सबसे बड़ा कारक है। ऊर्जा की एक बड़ी मात्रा को प्राकृतिक रोशनी और कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप या सीएफएल से (15W और अन्य साधनों के द्वारा ऊर्जा खपत का केवल 1/4वां भाग की खपत), फ्लोरोसेंट बल्ब, रैखिक फ्लोरोसेंट, सौर स्मार्ट टॉर्च, स्काई लाइट, खिड़कियों से प्रकाश व्यवस्था और सौर लाइट का प्रयोग करके बचाया जा सकता है। जल संरक्षण भी बेहतर ऊर्जा संरक्षण का नेतृत्व करता है। लोगों के द्वारा हर साल लगभग हजारों गैलन पानी बर्बाद किया जाता है जिसकी विभिन्न संरक्षण के साधनों जैसे: 6 जीपीएम या कम से कम प्रवाह वाले फव्वारों, बहुत कम फ्लश वाले शौचालय, नल जलवाहक, खाद शौचालयों का प्रयोग करके बचत की जा सकती है। पृथक्करण सर्दी के मौसम में थर्मल को कम करने के साथ ही गर्मियों में थर्मल प्राप्त करके भी ऊर्जा के संरक्षण में बहुत अहम भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिये, प्राकृतिक ऊन पृथक्करण, घर पृथक्करण, कपास पृथक्करण, रेशा पृथक्करण, थर्मल पृथक्करण आदि। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस कैसे मनाया जाता है पूरे भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण के अभियान को और प्रभावशाली और विशेष बनाने के लिये सरकार द्वारा और अन्य संगठनों द्वारा लोगों के बीच में बहुत सी ऊर्जा संरक्षण प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जाता है क्योंकि वो ही इस अभियान का मुख्य लक्ष्य है। कई जगहों पर संगठनों के छात्रों या सदस्यों द्वारा ऊर्जा संरक्षण दिवस पर स्कूल, राज्य, क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न चित्रकला प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती है। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण अभियान भारत में ऊर्जा संरक्षण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए विद्युत मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय जागरूकता अभियान है। छात्रों के लिये कई स्तरों पर चित्रकारी प्रतियोगिताओं का आयोजन इस अभियान की मुख्य गतिविधियों में से एक है जो इस अभियान में भाग लेने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों के लिये ऊर्जा संरक्षण के महत्व के साथ साथ शिक्षित करने में मदद करता है। ये प्रतियोगिता घरेलू क्षेत्रों के लोगों को भी जागरूक करने में मदद करती है। हर एक प्रतिभागी को एक विषय दिया जाता है जैसे: “अधिक सितारें, अधिक बचत”, “वर्तमान में ऊर्जा का अपव्यय, भविष्य में ऊर्जा की कमी” और “ऊर्जा का बचाव भविष्य का बचाव” आदि। प्रतियोगी अपने चित्रों को पेंसिल के रंगों, मोम के रंगों और पानी के रंगों आदि का प्रयोग करके अधिक प्रभावशाली बनाते हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने और जीतने वाले छात्रों को भागीदारी प्रमाण पत्र, योग्यता प्रमाण-पत्र और या नकद पुरस्कार 33,000 रुपये प्रति राज्य दिया जाता है। 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के समारोह कार्यक्रम में विद्युत मंत्रालय द्वारा सम्मानित राज्य के विजेताओं के बीच यह राशि बाँट दी जाती है। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस हर साल एक विशेष विषय के साथ कुछ लक्ष्यों और उद्देश्यों को ध्यान में रखकर लोगों के बीच अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये मनाया जाता है। यह लोगों के बीच जीवन के हर क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण के महत्व का संदेश भेजने के लिए मनाया जाता है। ऊर्जा संरक्षण की प्रक्रिया को बढावा देने के लिये पूरे देश में बहुत से कार्यक्रमों जैसे: विचार विमर्श, सम्मेलनों, वाद-विवाद, कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं का आयोजन करना। अत्यधिक और फालतू ऊर्जा के उपयोग के स्थान पर कम ऊर्जा के प्रयोग के लिये लोगों को प्रोत्साहित करना। ऊर्जा की खपत में कमी और कुशलता पूर्वक उपयोग करने के लिये लोगों को प्रोत्साहित करना। ऊर्जा सुरक्षा में भारतीय नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका भारत के सभी और प्रत्येक नागरिक कुशलतापूर्वक ऊर्जा के उपयोग और भविष्य के लिये ऊर्जा की बचत के बहुत से तरीकों के बारे में जानते हैं। वो सभी नियमों, विनियमों और ऊर्जा दक्षता का समर्थन करने के लिये भारत सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों का पालन करते हैं। भारत के नागरिक 11वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान ऊर्जा के उपयोग को कम करने के अभियान में प्रत्यक्ष अंशदान का भुगतान कर रहे हैं। देश में सकारात्मक बदलाव लाने और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिये बच्चे बहुत बड़ी उम्मीद हैं।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2020 में शुक्रवार, 14 दिसम्बर को मनाया जायेगा। भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस लोगों को ऊर्जा के महत्व के साथ ही साथ बचत, और ऊर्जा की बचत के माध्यम से संरक्षण बारे में जागरुक करना है। ऊर्जा संरक्षण का सही अर्थ है ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को कम करके कम ऊर्जा का उपयोग कर ऊर्जा की बचत करना है। कुशलता से ऊर्जा का उपयोग भविष्य में उपयोग के लिए इसे बचाने के लिए बहुत आवश्यक है। ऊर्जा संरक्षण की योजना की दिशा में अधिक प्रभावशाली परिणाम प्राप्त करने के लिए हर इंसान के व्यवहार में ऊर्जा संरक्षण निहित होना चाहिए। आधुनिक युग विज्ञान का युग है । मनुष्य विकास के पथ पर बड़ी तेजी से अग्रसर है उसने समय के साथ स्वयं के लिए सुख के सभी साधन एकत्र कर लिए हैं । इतना होने के बाद और अधिक पा लेने की अभिलाषा में कोई कमी नहीं आई है बल्कि पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है । समय के साथ उसकी असंतोष की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। कल-कारखाने, मोटर-गाड़ियाँ, रेलगाड़ी, हवाई जहाज आदि सभी उसकी इसी प्रवृत्ति की देन हैं । उसके इस विस्तार से संसाधनों के समाप्त होने का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है । प्रकृति में संसाधन सीमित हैं । दूसरे शब्दों में, प्रकृति में उपलब्ध ऊर्जा भी सीमित है। विश्व की बढ़ती जनसंख्या के साथ आवश्यकताएँ भी बढ़ती ही जा रही हैं । दिन-प्रतिदिन सड़कों पर मोटर-गाड़ियों की संख्या में अतुलनीय बुदधि हो रही है । रेलगाड़ी हो या हवाई जहाज सभी की संख्या में वृद्‌धि हो रही है । मनुष्य की मशीनों पर निर्भरता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है । इन सभी मशीनों के संचालन के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है । परंतु जिस गति से ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ रही है उसे देखते हुए ऊर्जा के समस्त संसाधनों के नष्ट होने की आशंका बढ़ने लगी है । विशेषकर ऊर्जा के उन सभी साधनों की जिन्हें पुन: निर्मित नहीं किया जा सकता है । उदाहरण के लिए पेट्रोल, डीजल, कोयला तथा भोजन पकाने की गैस आदि । पेट्रोल अथवा डीजल जैसे संसाधनों रहित विश्व की परिकल्पना भी दुष्कर प्रतीत होती है । परंतु वास्तविकता यही है कि जिस तेजी से हम इन संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब धरती से ऊर्जा के हमारे ये संसाधन विलुप्त हो जाएँगे । अत: यह आवश्यक है कि हम ऊर्जा संरक्षण की ओर विशेष ध्यान दें अथवा इसके प्रतिस्थापन हेतु अन्य संसाधनों को विकसित करें क्योंकि यदि समय रहते हम अपने प्रयासों में सफल नहीं होते तो संपूर्ण मानव सभ्यता ही खतरे में पड़ सकती है। हमारे देश में भी ऊर्जा की आवश्यकता दिन पर दिन विकास व जनसंख्या वृद्‌धि के साथ बढ़ती चली जा रही है । ऊर्जा की बढ़ती माँग आने वाले वर्षो में आज से तीन या चार गुणा अधिक होगी । इन परिस्थितियों में भारत सरकार की ओर से ठोस कदम उठाने की अवश्यकता है । इस दिशा में अनेक रूपों में कई प्रयास किए गए हैं जिनस कुछ हद तक सफलता भी अर्जित हुई है । ‘बायो-गैस’ तथा अधिक वृक्ष उत्पादन आदि इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं । पृथ्वी पर ऐसे ऊर्जा संसाधनों की कमी नहीं है जो प्रदूषण रहित हैं । विश्व भर में ऊर्जा संरक्षण व ऊर्जा के नवीन श्रोतों को विकसित करने के महत्व को समझा जा रहा है । सभी देश सौर-ऊर्जा को अधिक महत्व दे रहे हैं तथा इसे और अधिक उपयोगी बनाने व इसके विकास हेतु विश्व भर के वैज्ञानिकों द्‌वारा अनुसंधान जारी हैं । जहाँ तक भारत की स्थिति है, हमारे देश में पेट्रोलियम ऊर्जा का एक बड़ा भाग खाड़ी के तेल उत्पादक देशों में आयात किया जाता है । अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कभी-कभी कच्चा तेल इतना महँगा हो जाता है कि इसे खरीद पाना भारतीय तेल कंपनियों के वश में नहीं होता । तब सरकार या तो तेल मूल्यों में वृद्‌धि कर इस घाटे की भरपाई करती है अथवा तेल कंपनियों को सीमा-शुल्क आदि में छूट देकर स्वयं घाटा उठाती है । दोनों ही स्थितियों में बोझ देश के उपभोक्ताओं पर ही पड़ता है । हमें आशा है कि वैज्ञानिक ऊर्जा के नए संसाधनों की खोज व इसके विकास में समय रहते सक्षम होंगे । इसके अतिरिक्त यह आवश्यक है कि सभी नागरिक ऊर्जा के महत्व को समझें और ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक बनें । यह निरंतर प्रयास करें कि ऊर्जा चाहे जिस रूप में हो उसे व्यर्थ न जाने दें ।

energy conservation essay in hindi

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस प्रति वर्ष 14 दिसंबर को भारत में मनाया जाता है. भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम वर्ष 2001 में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा लागू किया गया था. ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) भारत सरकार का एक कानूनी संगठन है जोकि भारत सरकार के अधीन कार्य करता है और ऊर्जा दक्षता और उसके इस्तेमाल के संदर्भ में भारत सरकार का सहयोग करता है ताकि ऊर्जा के उपयोग को न केवल बेहतर बनाया जा सके बल्कि उसकी दक्षता में भी सुधार किया जा सके. ऊर्जा संरक्षण अधिनियम ऊर्जा क्षमता की परियोजनाओं बेहतर संचालन, ऊर्जा, परियोजनाओं, नीति एवं अध्ययन, एवं वित्त पर चल रहे विविध कार्यों में प्रगति के क्रियान्वयन के लिए विशेषज्ञ, विशिष्ट और आशावादी प्रबंधकों और लेखा परीक्षकों का उपयोग करना चाहता है ताकि भारत में ऊर्जा के बेहतर भविष्य को सुरक्षित किया जा सके | भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस को ऊर्जा के बचत एवं संरक्षण के महत्व के बारे में जनता को सचेत करने के लिए आयोजित किया जाता है. साथ ही उसके बेहतर इस्तेमाल के माध्यम से उसे भविष्य हेतु सुरक्षित करने के तरीके बनाये जाते है. इसेक अलावा ऊर्जा संरक्षण का सही अर्थ समझाने और ऊर्जा के अपव्यय को कम से कम करने के लिए सचेत किये जाते हैं. ऊर्जा के प्रभावी उपयोग को बनाये रखने के लिए किये जाने वाले उपाय अत्यंत प्रासंगिक है | हमारे देश के सभी व्यक्तियों को प्रभावी ऊर्जा के उपयोग के बारे में पता होना चाहिए. इस सन्दर्भ में भारत के प्रत्येक व्यक्ति के लिए ऊर्जा के बेहतर इस्तेमाल के संदर्भ में जानकारी होनी चाहिए. साथ ही विधि के माध्यम से अपने स्वयं के भविष्य की भलाई के लिए और विभिन्न अन्य तरीकों से ऊर्जा की रक्षा के लिए तरीके अपनाये जाने पर बल दिए जाते हैं. भारत के सभी लोग प्रत्यक्ष तौर पर 11 वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में ऊर्जा अपव्यय को कम से कम करने के लिए आंदोलन कर सकते हैं. वर्त्तमान में युवा लोगों को सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए और राष्ट्र की आर्थिक स्थिति में वृद्धि करने के लिए आगे आना होगा क्योंकि वे ही इस देश के भविष्य हैं | राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस कैसे मनाया जाता है? राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण आंदोलन को और अधिक कुशल और देश भर में असाधारण बनाने के क्रम में बहुत से कार्यक्रमो का आयोजन विविध संगठनो के माध्यम से आयोजित किया जाता है. इस सन्दर्भ में कई महत्वपूर्ण ऊर्जा संरक्षण प्रतियोगिता का आयोजन भारत सरकार के द्वारा और आम व्यक्तियों के द्वारा भी बस्तियों के आसपास आयोजित की जाती है. इनके अंतर्गत शामिल हैं: • चित्रकारी प्रतियोगिता • पोस्टर मेकिंग • नारे लेखन, आदि राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस प्रत्येक वर्ष देश भर में ऊर्जा की आवश्यक के सन्दर्भ में संदेश को फैलाने के लिए महत्वपूर्ण उद्देश्यों और लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए विशिष्ट विषय की मदद से हर साल मनाया जाता है. प्रासंगिक उद्देश्यों में से कुछ हैं: • यह जीवन के हर चरण में ऊर्जा संरक्षण के महत्व के प्रसार करने के लिए मनाया जाता है. • देश भर में चर्चा, सम्मेलनों, वाद-विवाद, कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं और आदि जैसे विभिन्न घटनाओं के संचालन से ऊर्जा संरक्षण प्रक्रिया की विधि की पुष्टि की जाति है. • अपव्यय और अनावश्यक उपयोग करने से बचने के लिए कम ऊर्जा का उपयोग के लिए व्यक्तियों का समर्थन प्राप्त करना. • ऊर्जा की खपत को कम करने और ऊर्जा नुकसान की जांच करने के लिए बेहतर माध्यमों का इस्तेमाल करना और प्रभावी ऊर्जा के उपयोग के लिए लोगों को प्रेरित करना है |

#4 National Energy Conservation Day 14th December 

National energy conservation day is celebrated every year by the people all over the India on 14th of December. The Energy Conservation Act in India was executed by the Bureau of Energy Efficiency (BEE) in the year 2001. The Bureau of Energy Efficiency is a constitutional body which comes under Government of India and helps in the development of policies and strategies in order to reduce the energy use. National energy conservation day in India is celebrated to aware people about the importance of energy as well as saving or conserving the more energy by using less energy. The exact means of energy conservation is using less energy by avoiding the unnecessary uses of energy. Using energy efficiently is very necessary to save it for the future usage. Energy conservation should be rooted in the behavior of every human being to get more effect towards the plan of energy conservation. One can save the energy by deeply taking care of it such as turning off the unnecessarily running fans, lights, submersible, heater, combining car trips or other electric things of daily usage. These are the more easier and efficient way to save extra uses of energy thus playing the great role towards the campaign of national energy conservation. Fossil fuels, Crude oil, Coal, natural gas and etc generate sufficient energy for the use in daily life but increasing the demands of it day by day creates the fear of reducing or diminishing the natural resources. Energy conservation is the only way which helps in replacing the non-renewable resources of energy with the renewable energy. In order to aware the energy users for less energy consumption as well as to make efficient energy conservation, energy or carbon taxes has been employed by the government in different countries. Tax on high energy consumption reduces the energy use by the users as well as promotes limited energy use among users. People must aware that bright lighting at their work places leads to the variety of problems like stress, headache, blood pressure, fatigue and reduces work efficiency of workers. Whereas, natural day lighting enhances the productivity level of workers and reduces the energy consumption. Petroleum Conservation Research Association was established by the Indian government in India in the year 1977 to promote energy efficiency and conservation among Indian people in their every walk of life. This is a big step taken by the government of India for energy conservation to a great level. Another government organization in India, Bureau of Energy Efficiency, has also been set up in 2001 for better energy efficiency and conservation. What are the Energy Conservation Measures Windows are the big energy conservation contributing factors other than thermal curtains, Smart windows or films. A big amount of energy can be saved by the natural lightings and compact fluorescent lamp or CFL (15W and consumes only 1/4th of the energy consumed by other means), Fluorescent bulbs, Linear fluorescent retrofit, Solar charged flashlight, Sky lights, Smart windows, LED lighting and Solar lights. Water conservation also leads to the better energy conservation. There is wastage of around thousands of gallons water per year by the people which can be prevented through various means of water saving solutions like 1.6 GPM or less low flow showerheads, Ultra low flush toilet, Faucet aerator, Composting toilets and etc. Insulation also plays big role in energy conservation by decreasing the thermal losses in winter seasons as well as thermal gains in summer seasons. For example; natural wool insulation, house insulation, cotton insulation, VOCs in fiberglass insulation, thermal insulation, cellulose insulation and etc. HOW NATIONAL ENERGY CONSERVATION DAY IS CELEBRATED To make the campaign of national energy conservation more effective and special all over the India, variety of energy conservation competitions are organized by the government or other organizations around the living areas of normal people as they are the main target of the campaign. At many places the various painting competitions on energy conservation day is held by the student or member of the organizations at school, state, regional or national level. The campaign of the national energy conservation is the national awareness campaign launched by the Ministry of Power to facilitate the process of energy conservation in India. Painting competitions organized for the students at many levels is one of the main activities of this campaign which helps in increasing the awareness of children about the importance of conserving energy as well as educating and involving their parents in the campaign. This competition helps the people of domestic sectors to be aware. Every participant is provided a theme Topic such as the “More stars, more savings”, “Today’s energy wastage is tomorrow’s energy shortage”, “Energy saved is future save” and many more. Participants can make their painting more effective by using the Pencil Color, Crayons, Water Color and etc. Students, who take part in the competition and win, get participation certificate, merit certificate or cash prizes which worth Rs 33,000 per State. This amount is distributed among all the winners of a state and awarded by the Ministry of Power at 14th of December at the celebration event of National Energy Conservation day. OBJECTIVES OF NATIONAL ENERGY CONSERVATION DAY National energy conservation day is celebrated every year using particular theme of the year by keeping in mind some goals and objectives to make more effective all over the country among people. Some of the important goals are: It is celebrated to send the message of importance of conserving energy in the every walk of life among people. Promoting the way of process of energy conservation by organizing a lot of events such as discussions, conferences, debates, workshops, competitions and etc all through the country. Promote people for less energy usage by neglecting the excessive and wasteful uses. Encourage people for efficient energy use in order to decrease the energy consumption and prevent the energy loss. SIGNIFICANT ROLES OF INDIAN CITIZENS IN ENERGY SECURITY Each and every citizens of the India must aware about how to use efficient energy, how to save the energy for their own future safety and many more ways. They should follow all the rules, regulations and policies implemented by the Government of India in order to support the energy efficiency. Citizens of India can pay their direct contribution to the campaign of reduce energy use throughout the 11th Five Year Plan period. Children are the big expectation and hope for the country to bring positive changes as well as to enhance the economic condition of the country.

World Energy Conservation Day 2020 theme :  इस बार विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस 14 दिसंबर शुक्रवार को पड़ रहा है |आइये अब हम आपको विश्व /राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस निबंध हिंदी में, World Energy Conservation Day essay, World Energy Conservation Day is celebrated on, विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस कब मनाया जाता है, वर्ल्ड एनर्जी कन्ज़र्वेशन डे आदि की जानकारी किसी भी भाषा जैसे Hindi, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font , 100 words, 150 words, 200 words, 400 words में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं|

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ऊर्जा संरक्षण पर निबंध हिंदी में

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हेलो दोस्तों क्या आप ऊर्जा संरक्षण पर निबंध (Essay on Energy Conservation in Hindi) जानना चाहते हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है

इस पोस्ट के माध्यम से आज मैं आपको बताऊंगा कि ऊर्जा संरक्षण का महत्व पर निबंध कैसे लिखा जाता है. इस पोस्ट में आपको दो निबंध बताए गए हैं आपको जो अच्छा लगे आप उसे कंपटीशन के लिए तैयार कर सकते हैं. तो बिना समय गवाएं आइये जानते हैं

1) ऊर्जा संरक्षण पर निबंध : 500 शब्द

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध, Energy Conservation Essay in Hindi, urja sanrakshan par nibandh, ऊर्जा संसाधन के महत्व पर प्रकाश डालिए

“ऊर्जा संरक्षण में भागीदारी निभाओ देश को ऊर्जा के संकट से बचाओ”

हमारी आने वाली भावी पीढ़ियों के लिए ऊर्जा संरक्षण की अति आवश्यकता है ऊर्जा की खपत कम करने हेतु जिन प्रयासों का संघर्ष किया जाता है वह ऊर्जा संरक्षण को दर्शाते हैं. आसान शब्दों में, किसी भी काम को पूरा करने में कम से कम ऊर्जा का प्रयोग करना ही ऊर्जा संरक्षण कहलाता है

उदाहरण के लिए आप यदि कार से हर दिन आना जाना कर रहे हैं और यदि आप उसके स्थान पर साइकिल का उपयोग करें तो उससे कार में लगने वाले ईंधन की बचत होगी और आपने उस ऊर्जा का उपयोग न कर उसका संरक्षण किया

ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता

पृथ्वी पर ऊर्जा संसाधन सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं अतः उपलब्ध ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण करना अति आवश्यक है. ऊर्जा संसाधन का संरक्षण न केवल लागत में कटौती करने के लिए बल्कि लंबे समय तक उपयोग के लिए संसाधनों को संरक्षित करने के लिए भी ऊर्जा के संरक्षण की आवश्यकता है

हम ऊर्जा का उपयोग उसके उत्पादन करने से ज्यादा तेजी से करते हैं. जैसे कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस – सबसे अधिक उपयोग में आने वाले हैं. ये सभी परम्परागत ऊर्जा के संसाधन हैं जो एक बार उपयोग होने के बाद पुन: उपयोग नही किये जा सकते

यदि इनका संरक्षण ना किया गया तो एक दिन ये समाप्त हो जाएंगे. साथ ये सभी संसाधन पर्यावरण प्रदूषण के कारक हैं अतः ऊर्जा संरक्षण करना पर्यावरण की सुरक्षा हेतु भी आवश्यक है

ऊर्जा संरक्षण का महत्व

हमारे जीवन में ऊर्जा संरक्षण का बहुत महत्व है. यह भविष्य हेतु ऊर्जा को तो बचाता ही है साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाता है और हमें एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है

एक पुरानी भारतीय कहावत है – “पृथ्वी, जल और वायु हमारे माता-पिता से प्राप्त हमारे लिए एक उपहार नहीं है बल्कि हमारे बच्चों के लिए कर्ज़ है” इसलिए हमें ऊर्जा संरक्षण को एक आदत बनाने की जरूरत है

यदि आज हम ऊर्जा को संरक्षित करते हैं तो हमारी भावी पीढ़ी भी इसका उपयोग कर पायेगी साथ ही हम ऊर्जा की बचत करके अपने देश की बहुमूल्य मुद्रा की भी बचत करते हैं

ऊर्जा संरक्षण के उपाय

ऊर्जा के संरक्षण हेतु सबसे महत्वपूर्ण कदम ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, पवन चक्कियों का प्रयोग करके ऊर्जा उत्पन्न करना है. सूर्य एक प्राकृतिक संसाधन है और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है इसीलिये घरों में सौर पैनल स्थापित करना और ऊर्जा की खपत को कम करने वाली गतिविधियों का सहारा लेना ऊर्जा संरक्षण का सबसे अच्छा माध्यम है

घर में ऊर्जा का उपयोग प्रकाश, खाना पकाने, हीटिंग के लिए और अन्य घरेलू उपकरणों के संचालन के लिए किया जाता है. दैनिक जीवन में छोटे छोटे उपायों को अपनाकर भी हम ऊर्जा संरक्षण में भागीदार बन सकते हैं. जैसे खाना ढ़ककर पकाना, जरूरत के बिना बिजली उपकरणों जैसे पंखा, बल्ब, ए.सी. आदि को बंद रखना, सी.एफ.एल का प्रयोग आदि

गाँधी जी ने कहा था कि पृथ्वी हर आदमी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन हर आदमी के लालच को पूरा करने के लिए नहीं अतः हमें छोटे-छोटे कदमों के जरिये बड़ी मात्रा में ऊर्जा संरक्षण करना चाहिए

हमें अपने जीवन में ऊर्जा के महत्व को समझते हुए ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक होना ही होगा. देश के प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि ऊर्जा चाहे किसी भी रूप में हो, वह उसे व्यर्थ में नष्ट न करे. अपने और आने वाली पीढ़ियों के सुखद भविष्य के लिए हमें अपने व्यवहार में ऊर्जा संरक्षण की आदतों को शामिल करना ही होगा

“ऊर्जा बचाओ, ऊर्जा बचाओ आने वाले कल को तुम.. खुशियों से सजाओ.. ऊर्जा बचाओ, ऊर्जा बचाओ”

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2) ऊर्जा संरक्षण पर निबंध : 800 शब्द

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध

“ऊर्जा का संरक्षण कर जीने की नई राह दिखाना है सौर ऊर्जा का उपयोग कर अब हर घर तक पहुंचाना है”

आज का युग आधुनिकरण का युग है तथा आधुनिकरण के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है. ऊर्जा मानव जीवन की सभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आवश्यक है. ऊर्जा के अभाव में मानव जीवन की कल्पना करना असंभव है. ऊर्जा के बिना हमारा जीवन अंधकारमय हो जाएगा

परंतु फिर भी मानव ने अपने लौकिक सुख के लिए इतने साधन जुटा लिए हैं कि दिन-ब-दिन ऊर्जा का अत्यधिक दोहन हो रहा है जिसका मानव को आभास भी नहीं है. इसी कारण हमें ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता है इसे संरक्षित रखकर ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी संरक्षित कर सकते हैं

ऊर्जा संसाधन

ऐसे संसाधन जिनका उपयोग ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है उन्हें ऊर्जा संसाधन कहते हैं

ऊर्जा संसाधन के प्रकार

जीवाश्म ईंधन – कोयला, प्राकृतिक गैस, तेल परमाणु ईंधन – परमाणु ऊर्जा, परमाणु संलयन अक्षय संसाधन – सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, लहर और ज्वार की शक्ति, भूतापीय ऊर्जा, बायोमास, हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर

ऊर्जा संरक्षण का अर्थ

किसी कार्य को करने के लिए ऐसी विधि या प्रक्रम का पालन करना जिससे कि कार्य पूर्ण करने में कम ऊर्जा का उपयोग हो, इसे ऊर्जा संरक्षण कहा जाता है

उदाहरण के लिए – यदि हम मोटरसाइकिल से ऑफिस जाते हैं तो हम ज्यादा ऊर्जा की खपत करते हैं. उसी स्थान पर यदि हम साइकिल या पब्लिक परिवहन का प्रयोग करेंगे तो हम ऊर्जा को संरक्षित कर सकते हैं

ऊर्जा का उपयोग

आज के समय में ऊर्जा का उपयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया है. बढ़ती जनसंख्या तथा हमारी आधुनिक जीवन शैली की वजह से ऊर्जा की अत्यधिक आवश्यकता पड़ रही है तथा इसका उपयोग दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है

जैसे वाहन बढ़ रहे हैं तो पेट्रोल की खपत भी बढ़ रही है. बिजली के निर्माण में कोयले का उपयोग है जो अत्यधिक बिजली खपत से कम हो रहा है. इन संसाधनों का हम सभी को मिलकर संरक्षण करना पड़ेगा

ऊर्जा संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है इसके विभिन्न उपाय है अर्थात विभिन्न तरीकों से हम ऊर्जा की बचत कर सकते हैं

  • उपयोग ना होने पर पंखे तथा लाइट व विद्युत से चलने वाले अन्य उपकरण को बंद रखें 
  • पानी का भी आवश्यकता अनुसार ही उपयोग करें अनावश्यक नल न खुले छोड़े 
  • खाना बनाते समय खाना बनाने की सामग्री अर्थात दाल तथा चावल को 2 घंटे पूर्व ही भिगोकर रखने पर खाना जल्दी बन जाएगा तथा गैस की बचत होगी जिससे कि ऊर्जा की बचत होगी 
  • घरों में बल्ब या ट्यूबलाइट की जगह एल.ई.डी. का प्रयोग करने से भी ऊर्जा की बचत होती है 
  • निजी वाहनों के स्थान पर सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करना चाहिए जिससे ईंधन की बचत होगी

इस प्रकार हम विभिन्न ऊर्जा संसाधनों का उचित प्रयोग कर उनका संरक्षण कर सकते हैं 

ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता

ऊर्जा का संरक्षण अति आवश्यक हो गया है इसके लिए यह जरूरी है कि हम लोगों को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करें. उन्हें समझाएं कि हम ऊर्जा को कैसे संरक्षित कर सकते हैं तथा इसका अत्यधिक दोहन होने से बचा सकते हैं

ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ऊर्जा संरक्षण दिवस भी मनाया जाता है तथा इसके जरिए लोगों को समझाया तथा याद दिला जाता है कि हमें ऊर्जा संरक्षण की कितनी आवश्यकता है

ऊर्जा संरक्षण का सबसे अच्छा विकल्प है सौर ऊर्जा का अत्यधिक प्रयोग, क्योंकि ये कभी ना समाप्त होने वाली ऊर्जा है. इसी कारण हमें लोगों को सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए

ऊर्जा हमारे जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए अति आवश्यक है इसी कारण इसका संरक्षण भी अति आवश्यक है, नहीं तो यदि ऊर्जा संसाधन समाप्त हो गए तो हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य शायद ही हम देख पाये. इसी कारण सौर ऊर्जा के प्रयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए तथा ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देना चाहिए

FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ऊर्जा संरक्षण दिवस कब मनाया जाता है .

हर साल 14 दिसंबर को ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है

ऊर्जा के 5 स्रोतों के नाम बताओ ?

कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि ऊर्जा के प्रमुख स्रोत है

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  • जल संरक्षण के उपाय

संक्षेप में 

उम्मीद है आपको  ऊर्जा संरक्षण पर निबंध – Energy Conservation Essay in Hindi  अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध कुछ काम का लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिएगा

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Energy Conservation Essay In English

- Last updated on Dec 19, 2023

Energy Conservation Essay In English: Energy conservation is a vital component of human life. We cannot survive in the future if we do not practise energy conservation. Why energy conservation is so important for survival may be questioned. The resources-both non-renewable and renewable-are the cause. When energy is produced, every resource in a nation is used. As a result, energy can take many different forms. Tidal energy is the energy that results from tidal waves. Wind energy is the energy produced by the wind.

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The Current Energy Landscape: Challenges and Opportunities

Rising energy demand.

As the global population continues to surge, the demand for energy is escalating at an unprecedented rate. From powering our homes to fueling industries, the strain on conventional energy sources is becoming increasingly evident.

Environmental Impact

Fossil fuels, the primary source of energy for decades, have proven detrimental to our environment. The release of greenhouse gases and the depletion of non-renewable resources are contributing to climate change, urging us to reconsider our energy consumption habits.

The Benefits of Energy Conservation

Environmental preservation.

Energy conservation plays a pivotal role in environmental preservation. By reducing our energy consumption, we decrease the reliance on fossil fuels, subsequently lowering carbon emissions and mitigating climate change.

Financial Savings

Conserving energy doesn’t just benefit the planet; it also positively impacts our wallets. Simple actions like using energy-efficient appliances and turning off lights when not needed can lead to significant savings on electricity bills.

Resource Sustainability

Embracing energy conservation practices ensures the longevity of our finite resources. By relying on renewable energy sources and minimizing waste, we pave the way for a sustainable and resilient future.

Practical Tips for Energy Conservation

Switch to renewable energy sources.

Transitioning to renewable energy sources such as solar or wind power is a substantial step towards sustainable living. Governments and local authorities are increasingly offering incentives to promote the adoption of these cleaner alternatives.

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Energy-Efficient Appliances

Investing in energy-efficient appliances may require an initial investment, but the long-term benefits are undeniable. Look for appliances with the ENERGY STAR label, as they meet strict energy efficiency guidelines.

Unplug and Power Down

In the era of technology, many devices continue to consume energy even when not in use. Unplug chargers, turn off lights, and power down electronics when they’re not needed to prevent unnecessary energy consumption.

Educate and Advocate

Spread awareness about the importance of energy conservation within your community. Education is a powerful tool, and when people understand the impact of their actions, they are more likely to adopt energy-efficient habits.

The Role of Technology in Energy Conservation

Smart homes and automation.

Advancements in technology have given rise to smart homes equipped with energy-efficient systems. Automated thermostats, lighting controls, and smart appliances enable homeowners to optimize energy usage, reducing waste.

Innovations in Renewable Energy

Stay informed about the latest innovations in renewable energy. From breakthroughs in solar panel efficiency to developments in energy storage, technological advancements continue to drive the shift towards a sustainable energy future.

Energy conservation is not just a buzzword; it’s a fundamental aspect of ensuring a habitable planet for future generations. As individuals, we hold the power to make a difference through our daily choices and habits. By embracing energy conservation, we contribute to a more sustainable and resilient world, safeguarding our environment and preserving the resources we hold dear.

Electors Meaning In Tamil

Energy Conservation Essay for Students and Children

500 words energy conservation essay.

Energy conservation refers to the efforts made to reduce the consumption of energy. The energy on Earth is not in unlimited supply. Furthermore, energy can take plenty of time to regenerate. This certainly makes it essential to conserve energy. Most noteworthy, energy conservation is achievable either by using energy more efficiently or by reducing the amount of service usage.

Energy Conservation Essay

Importance of Energy Conservation

First of all, energy conservation plays an important role in saving non-renewable energy resources. Furthermore, non-renewable energy sources take many centuries to regenerate. Moreover, humans consume energy at a faster rate than it can be produced. Therefore, energy conservation would lead to the preservation of these precious non-renewable sources of energy.

Energy conservation will reduce the expenses related to fossil fuels. Fossil fuels are very expensive to mine. Therefore, consumers are required to pay higher prices for goods and services. Energy conservation would certainly reduce the amount of fossil fuel being mined. This, in turn, would reduce the costs of consumers.

Consequently, energy conservation would strengthen the economy as consumers will have more disposable income to spend on goods and services.

Energy conservation is good for scientific research. This is because; energy conservation gives researchers plenty of time to conduct researches.

Therefore, these researchers will have more time to come up with various energy solutions and alternatives. Humans must ensure to have fossil fuels as long as possible. This would give me enough time to finding practical solutions.

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Another important reason for energy conservation is environmental protection. This is because various energy sources are significantly harmful to the environment. Furthermore, the burning of fossil fuels considerably pollutes the atmosphere. Moreover, nuclear energy creates dangerous nuclear waste. Hence, energy conservation will lead to environmental protection.

Energy conservation would also result in the good health of humans. Furthermore, the pollution released due to energy sources is harmful to the human body. The air pollution due to fossil fuels can cause various respiratory problems. Energy sources can pollute water which could cause several harmful diseases in humans. Nuclear waste can cause cancer and other deadly problems in the human body.

Measures to Conserve Energy

Energy taxation is a good measure from the government to conserve energy. Furthermore, several countries apply energy or a carbon tax on energy users. This tax would certainly put pressure on energy users to reduce their energy consumption. Moreover, carbon tax forces energy users to shift to other energy sources that are less harmful.

Building design plays a big role in energy conservation. An excellent way to conserve energy is by performing an energy audit in buildings. Energy audit refers to inspection and analysis of energy use in a building. Most noteworthy, the aim of the energy audit is to appropriately reduce energy input.

Another important way of energy conservation is by using energy-efficient products. Energy-efficient products are those that use lesser energy than their normal counterparts. One prominent example can be using an energy-efficient bulb rather than an incandescent light bulb.

In conclusion, energy conservation must be among the utmost priorities of humanity. Mahatma Gandhi was absolutely right when he said, “the earth provides enough to satisfy every man’s needs but not every man’s greed”. This statement pretty much sums up the importance of energy conservation. Immediate implementation of energy conservation measures is certainly of paramount importance.

FAQs on Energy Conservation

Q1 state one way in which energy conservation is important.

A1 One way in which energy conservation is important is that it leads to the preservation of fossil fuels.

Q2 Why energy taxation is a good measure to conserve energy?

A2 Energy taxation is certainly a good measure to conserve energy. This is because energy taxation puts financial pressure on energy users to reduce their energy consumption.

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