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शिक्षा में टेक्नोलॉजी का योगदान पर निबंध (Contribution of Technology in Education Essay in Hindi)

शिक्षा का माध्यम अब वही नहीं रह गया है, यह लगातार बदलते जा रहा; शुरुवात में, कोई किताब या कापी नहीं हुआ करती थी, कक्षा में शिक्षक जो कुछ भी पढ़ाते थे छात्र वही सीखते थे। वक़्त बितता गया फिर कागज और कलम का आविष्कार हुआ और धीरे-धीरे यह प्रक्रिया बढती गयी और आज प्रौद्योगिकी हर घर में ही मौजूद है। यहाँ पर हम आपके लिए कुछ निबंध लेकर आये हैं जो इस विषय से सम्बंधित आपके स्कूल असाइनमेंट को पूरा कराने में मदद करेगा।

शिक्षा में टेक्नोलॉजी का योगदान पर लघु और दीर्घ निबंध (Essay on Contribution of Technology in Education in Hindi, Shiksha mein Praudyogiki ka Yogdan par Nibandh Hindi mein)

शिक्षा में टेक्नोलॉजी का योगदान पर निबंध (250 – 300 शब्द).

प्रौद्योगिकी जिसे अंग्रेजी में टेक्नोलॉजी के नाम से जाना जाता है वह एक ग्रीक शब्द ‘टेक्नोलोगिया’ से लिया गया है, जहां ‘टेक’ कला, शिल्प, कौशल आदि के लिए इस्तेमाल किया गया है और ‘लॉजी’ शब्द विषय में रूचि के लिए है। मैं प्रौद्योगिकी को एक मंच के रूप में सम्‍मिलित कर सकता हूं जो हमारी जरूरतों के अनुसार कार्य कर सकता है। जब हम शिक्षा को तकनीक के साथ जोड़ते हैं, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि यह हमारे लिए कितना आसान है।

प्रौद्योगिकी का महत्त्व

प्रौद्योगिकी एक डिजिटल मंच प्रदान करती है और आजकल ये हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। जहाँ कहीं भी हम जाते है प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं। स्कूल स्मार्ट कक्षाओं के नए टैग के साथ चल रहे हैं और ये स्मार्ट कक्षाएं प्रौद्योगिकी का सबसे बेहतर उदाहरण हैं।

तकनीक के उपयोग ने शिक्षा को आसान बनाने के साथ-साथ रोचक भी बना दिया है। आमतौर पर, बच्चे स्कूल जाना पसंद नहीं करते हैं, लेकिन जब से ये स्मार्ट क्लासेस शुरू हुई हैं उसके बाद वे बस वहीं रहना पसंद करते हैं। इन स्मार्ट कक्षाओं के अलावा, शैक्षिक उद्देश्यों के लिए और भी बहुत सारे सॉफ्टवेयर उपलब्ध है।

वह सॉफ्टवेयर हमें अपडेट रखते हैं और नई चीजें सीखने में मदद करते हैं। यद्यपि अभी भी प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं, और हम सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करते हैं। यू ट्यूब पर विभिन्न विषय उपलब्ध हैं और कई शैक्षिक ऐप उपलब्ध हैं। हम उनसे पढ़ सकते हैं और प्रतिदिन कई नई चीजें सीख सकते हैं।

मैं वास्तव में एक ऐप से पढ़ना पसंद करता हूं, और इसे कुछ इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि मैं इसे काफी पसंद करता हूं। यह मुझे आकर्षित करता है और मुझे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करता है और शिक्षा को भी आसान बनाता है।

प्रौद्योगिकी कई मायनों में मददगार हैं खासकर शिक्षा के लिहाज से। यह छात्रों में रुचि विकसित करने और नई चीजें सीखने में मदद करता है। आजकल एक नवजात बच्चे को भी मोबाइल फोन की आदत हो जाती है और जब बच्चे इन प्लेटफार्मों पर अपनी शिक्षा प्राप्त करेंगे, तो निश्चित रूप से वे इसे पसंद करेंगे।

Shiksha mein Technology ka Yogdan par Nibandh – निबंध 2 (400 शब्द)

ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया को खुद को शिक्षित करने के रूप में कहा जाता है। यह एक अंतहीन प्रक्रिया है लेकिन इसका उपयोग ज्यादातर छात्रों के लिए किया जाता है। देखा जाये तो, सीखने की कोई उम्र नहीं है, लेकिन छात्र और स्कूल जाने वाले बच्चे इस शब्द के साथ अधिक जुड़े हुए हैं। जब हम शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का सहारा लेते हैं, तो यह सुविधाजनक होने के साथ-साथ और भी अधिक रोचक हो जाती है।

वर्तमान शिक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका

  • प्रौद्योगिकी की उपस्थिति शिक्षा के स्तर को बढ़ाती है और इसे आसान बनाती है। आज इंटरनेट की आसान पहुंच ने शिक्षा को काफी सरल बना दिया है। इसने स्तर को बढ़ा दिया है, आजकल छात्रों को अपना विषय पूरा करने के लिए शिक्षक की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती है, और वे विभिन्न शैक्षिक ऐप और प्लेटफार्मों की मदद से जो कुछ भी आवश्यक है उसे आसानी से ऑनलाइन माध्यम से पढ़ सकते हैं।
  • आजकल कंप्यूटर और लैपटॉप या मोबाइल फोन खुद को शिक्षित करने के लिए आसानी से उपलब्ध हैं।
  • शिक्षा में प्रौद्योगिकी का उपयोग उन लोगों के लिए एक वरदान है, जिनके पास समय की कमी रहती है, खासकर जो कार्यरत लोग हैं। मान लीजिए कि आप काम करते हैं और अपने काम को और भी बेहतर या उन्नत करने के लिए एक नया कौशल सीखना चाहते हैं, तो आप आसानी से ऑनलाइन पाठ्यक्रम का चुनाव कर सकते हैं।
  • कोरोना महामारी में, स्कूल-कॉलेज करीब 6 महीने से भी अधिक समय से बंद थे और शिक्षा केवल ऑनलाइन माध्यम से ही संभव थी। प्रौद्योगिकी ने छात्रों को एक वर्ष के लिए अशिक्षित होने से बचाया, वास्तव में उस तकनीक के लिए धन्यवाद जो कोरोना के दौरान भी शिक्षा को संभव करा पाया।
  • हर जगह स्मार्ट कक्षाएं उपलब्ध हैं जो छात्रों की रुचि को बढ़ाती हैं और उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

भविष्य की शिक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका

  • जल्द ही, किताबें ऑनलाइन उपलब्ध होंगी और इससे स्कूल जाने वाले बच्चों के बैग का बोझ कम होगा।
  • डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा, इससे पर्यावरण तो बचेगा ही, साथ ही कागज के जलने से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी।
  • शिक्षा आसान हो जाएगी और प्रत्येक छात्र को एक सामान शिक्षा मिलेगी।
  • यह छात्रों को पढ़ने, सोचने, विश्लेषण करने और फिर प्रदर्शन करने में मदद करेगा और यह निश्चित रूप से शिक्षा के मानकों को बढ़ाएगा।
  • प्रौद्योगिकी की मदद से दूरी कभी ज्ञान प्राप्त करने में बाधा नहीं बनेगी।
  • उन्नत अनुसंधान कार्यक्रम करने और नई-नई चीजें सीखने में यह हमारी मदद करता है।

शिक्षा केवल किताबों तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, अपने ज्ञान का पता लगाने और कुछ नया करने का प्रयास करना चाहिए। समय बदल गया है और शिक्षा के तरीके को भी बदलना चाहिए और छात्रों को कुछ नया और रोचक सीखने का मौका दिया जाना चाहिए और प्रौद्योगिकी इसे संभव बनाती है।

निबंध 3 (500 – 600 शब्द) – Contribution of Technology in Education Essay in Hindi

प्रौद्योगिकी शिक्षा का एक नया विषय है क्योंकि यह समान रूप से महत्वपूर्ण है। यह शिक्षा का एक अभिन्न अंग बन चुका है। आजकल या तो आपको अपना सिलेबस जानना होता है या फिर किसी विषय पर अपनी उलझन को दूर करना है। सब कुछ संभव है और ऑनलाइन रूप से उपलब्ध है। आप विभिन्न तकनीकों की मदद से इन प्लेटफार्मों तक पहुँच सकते हैं।

क्या प्रौद्योगिकी वाकई शिक्षा में मददगार है ?

मैंने अंतर देखा है, कैसे प्रौद्योगिकी ने आधुनिक शिक्षा को बदल दिया है। पुराने दिनों में छात्र अपनी पुस्तकों का पढ़ने के लिए इस्तेमाल किया करते हैं और यदि उन्हें किसी तरह की समस्या होती, तो वे अपने शिक्षकों से पूछते हैं। लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि शिक्षक द्वारा बताई गई बात को समझने के लिए हर छात्र की बुद्धि क्षमता एक समान हो। कुछ छात्रों को यह नहीं समझ आता मगर वे कभी पूछते नहीं क्योंकि कक्षा में वे शर्माते हैं।

लेकिन आज के युग में जब प्रौद्योगिकी शिक्षा का एक हिस्सा बन चुकी है, छात्रों को आसानी से अपने प्रश्न हल करने के लिए कई विकल्प मिलते हैं। ऐसे कई मंच हैं जहां वे एक प्रश्न पूछ सकते हैं या अपने शिक्षकों के साथ व्यक्तिगत रूप से लाइव बातचीत कर सकते हैं। वास्तव में शिक्षा बहुत प्रगति कर चुकी है। आप अंकों की भी तुलना कर सकते हैं, पहले के समय में लोग मुश्किल से डिस्टिंक्शन पाते थे मगर आजकल यह कोई बड़ी बात नहीं रह गयी है।

प्रौद्योगिकी ने शिक्षा को आसान बना दिया है और आज हमारे पास अपने संदेहों को दूर करने के लिए कई विकल्प हैं। इंटरनेट और अन्य मददगार ऐप्स तक आसान पहुंच ने शिक्षा को आसान बनाने के साथ-साथ इसे दिलचस्प भी बना दिया है। ये गैजेट समय और ऊर्जा की बचत भी करते हैं।

शिक्षा के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकीयां

कोई भी उपकरण जो छात्र को शिक्षित करने में सहायक है, एक छात्र-अनुकूल तकनीक है। यह एक मोबाइल फोन या लैपटॉप भी हो सकता है। आजकल छात्रों के लिए उनकी पढ़ाई के लिए विशेष रूप से कई उपकरण बनाए गए हैं। मैंने उन्हें यहाँ पर सूचीबद्ध किया है :

लैपटॉप : ज्ञान प्राप्त करने के सर्वोत्तम माध्यमों में से एक है। इंटरनेट एक ऐसी चीज है जहां आप लिखित रूप में या श्रवण रूप में किसी भी तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आप अलग अलग प्लेटफार्मों पर विभिन्न शिक्षकों द्वारा विस्तृत विवरण प्राप्त कर सकते हैं। यह छात्रों को विस्तृत जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है और उनकी शंकाओं को दूर करने में भी मदद करता है। लैपटॉप एक ऐसा उपकरण है, जहां आप विभिन्न शैक्षिक पोर्टलों तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

स्मार्ट फोन : ये लैपटॉप के छोटे संस्करण हैं; आप अपने स्मार्टफ़ोन को कहीं भी ले जा सकते हैं और लैपटॉप की तुलना में इसका उपयोग करना थोड़ा सुविधाजनक भी होता है। आसान इंटरनेट कनेक्शन और छोटा आकार इसे उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाता हैं। कई छात्रों के पास मोबाइल फोन हैं और वे शैक्षिक उद्देश्यों के लिए इनका उपयोग करते हैं। प्ले स्टोर में कई शैक्षिक ऐप उपलब्ध हैं जिनका उपयोग एंड्रॉइड फोन में आसानी से किया जा सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक पेन रीडर : यह एक थर्मामीटर उपकरण है जो किताबों में लिखे शब्दों को रिकॉर्ड करने में मदद करता है। वास्तव में, हम हर वक़्त पढ़ना पसंद नहीं करते और कभी-कभी सुनना ज्यादा पसंद करते हैं और यह साबित भी हो चुका है कि हम सुनकर अधिक ज्ञान प्राप्त होता हैं। तो, यह उपकरण विशेष रूप से उन लोगों के लिए बनाया गया है जो सुनना ज्यादा पसंद करते हैं। यह पेन एक किताब में लिखा हुआ सब कुछ इक्कठा कर लेता है और जरूरत पड़ने पर उसे ऑडियो के रूप में चलाता है।

पाठ्यपुस्तकों के लिए किंडल : ये पुस्तकें ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं और वे भी सिर्फ आधी दरों पर। यह कागज के उत्पादन को कम करने में मदद करता है और ऑनलाइन पुस्तकों को आसानी से संग्रहीत भी किया जा सकता है। इन दिनों ये काफी ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं।

शोर ख़त्म करने वाले हेडफ़ोन : ये बेहद उन्नत प्रकार के हेडफ़ोन हैं जो पूर्ण निस्तब्धता को बनाए रखने में मदद करते हैं। कभी कभी शादी के मौसम के वजह से या कुछ अन्य कारणों से अध्ययन करना मुश्किल हो जाता है। ये हेडफ़ोन विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए हैं जो किसी भी प्रकार के शोर को हटाते हैं और आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं।

शिक्षा में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हमारी शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव लाएगा। एक तरफ यह छात्रों को अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करेगा, जबकि दूसरी तरफ उन्हें कई तरीकों से उनके अध्ययन में मदद करेगा। प्रौद्योगिकी हमें नई चीजें सिखाती है और हमें नए विचारों को विकसित करने और हमारी रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। हम आसानी से लोगों से जुड़ सकते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान ढूँढ सकते हैं।

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शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान

शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान

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शिक्षा हम सबके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है सीखना या सिखाना और शिक्षा हम किसी भी माध्यम के द्वारा ग्रहण कर सकते है। मनुष्य को बौद्धिक रूप से तैयार करने में शिक्षा का अहम योगदान है।

आज के आधुनिक युग में शिक्षा प्राप्त करने का सबसे सरल तरीका है-  ऑनलाइन शिक्षा । आधुनिक समय में यह शिक्षा प्रणाली एक वरदान की तरह है। l

शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल  छात्र, शिक्षक और माता-पिता कई तरीकों से कर सकते हैं। खासकर की अगर छात्रों को टेक्नोलॉजी की सुविधा क्लासरूम में मिलेगी तो शैक्षिक वातावरण काफी अच्छा होगा। टेक्नोलॉजी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

इसके द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है और शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा दी जा सकती है। इसके अलावा, इससे छात्रों को इंटरैक्टिव और रोचक तरीकों से शिक्षा प्रदान की जा सकती है।

अब जब हम शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी की बात कर ही रहे हैं, तो आइए इसके फायदे और नुकसान भी जान लेते हैं।  Advantages And Disadvantages Of Technology In Education World.

टेक्नोलॉजी ने हर जगह अपनी एक मजबूत पकड़ बना ली है। आज के युग में छात्रों के लिए जितने अवसर और सुविधाएं, ज्ञान प्राप्त करने के लिए हैं, ये सारी सुविधाएं पहले नहीं हुआ करती थीं। पहले तो बस कॉपी, किताब और कलम हुआ करती थी।

लेकिन अगर आधुनिक युग की बात करें तो आज कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, ऑनलाइन-नोट्स और पीडीएफ का जमाना आ गया है। जाहिर सी बात है अगर टेक्नोलॉजी इसी तरह से तरक्की करती रही तो हमें और भी बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा। 

शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल छात्र, शिक्षक और माता-पिता कई तरीकों से कर सकते हैं। खासकर की अगर छात्रों को टेक्नोलॉजी की सुविधा क्लासरूम में मिलेगी तो  शैक्षिक वातावरण educational environment  काफी अच्छा होगा। इंटरनेट का ज़माना है और हमने इस कोरोना काल में ही शिक्षा जगत में कई बडे़ बदलाव देखे हैं।

आज बच्चों के पास  ऑनलाइन कोचिंग, डाउट क्लासेज   Online Coaching, Doubt Classes  की सुविधा है। बच्चे को बस एक कंप्यूटर और अच्छे इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता है।

आपको बता दें कि कई बड़ी ऑनलाइन कोचिंग कंपनियों ने बताया है कि कोरोना काल में उनकी कोचिंग से जुड़ने वाले छात्र और छात्राओं की संख्या में अचानक से वृद्धि देखी गई और आज भी बच्चे ऑनलाइन कोचिंग को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं।

शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान Advantages And Disadvantages Of Technology In Education World

शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी के फायदे benefits of technology in education world, 1. टेक्नोलॉजी की मदद से माता- पिता और शिक्षक के बीच संचार काफी आसान हो गया है।.

अब वह दिन नहीं रहे जब पेरेंट्स को टीचर से अपने बच्चे की परफॉर्मेस को जानने के लिए पीटीएम यानी कि पेरेंट्स टीचर मीटिंग का इंतजार करना पड़ता था। अब तो हर क्लास का अपना एक व्हाट्सएप ग्रुप होता है और ग्रुप में ही होमवर्क से लेकर  क्लास परफॉर्मेस class performance  तक सारी इन्फॉर्मेशन आ जाती हैं। 

2. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल छात्रों को भविष्य के लिए भी तैयार करता है।

भले ही कोई माने या ना माने लेकिन  भविष्य में टेक्नोलॉजी की अहमियत importance of technology in future  और भी ज्यादा बढ़ेगी इसीलिए छात्रों का टेक्नो फ्रेंडली होना बेहद आवश्यक है। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल छात्रों को भविष्य के लिए भी तैयार करता है।

3. टेक्नोलॉजी की मदद से सीखने की प्रक्रिया काफी आसान और मजेदार हो जाती है।

टेक्नोलॉजी आपको उस तरह सीखाती है, जिस तरह आपको सीखना सबसे ज्यादा पसंद होता है। टेक्नोलॉजी की मदद से कुछ सीखने की प्रक्रिया आसान और मजेदार होती है। आप फ्लो चार्ट्स, डायग्राम्स, मैप्स की मदद से जल्दी सीख जाते हैं। 

4. टेक्नोलॉजी की मदद से छात्र एक ही जगह पर सारी इनफॉर्मेशन पा सकते हैं।

आपको टेक्नोलॉजी की मदद से एक ही जगह सारी इन्फॉर्मेशन मिल जाती है। अगर आप क्यूरियस हैं तो आप टेक्नोलॉजी की मदद लेकर कम समय में बहुत कुछ सीख सकते हैं।

5. टेक्नोलॉजी की मदद से शिक्षकों के लिए छात्रों तक सटीक और सही जानकारी पहुंचाना काफी आसान हो गया है।

आज हमें समय-समय पर अपडेट होने की आवश्यकता है और टेक्नोलॉजी हमारा यह काम आसान बनाती है। इसकी मदद से ना सिर्फ स्टूडेंट्स का बल्कि टीचर का भी काम बेहद आसान हो गया है और वह छात्रों तक सटीक और सही जानकारी पहुंचा पा रहे हैं। 

6. टेक्नोलॉजी की मदद से सीखना काफी मजेदार होता है इसीलिए छात्र भी सीखने के लिए अधिक प्रेरित रहते हैं।

टेक्नोलॉजी सीखने का एक क्रिएटिव तरीका है इसीलिए खुद छात्र भी इससे सीखने के लिए तैयार रहते हैं। 

7. चाहे होमवर्क हो या कोई असाइनमेंट, टेक्नोलॉजी की मदद से अभिभावक और शिक्षक छात्रों तक कई उपयोगी इनफॉर्मेशन पहुंचा सकते हैं।

8. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल छात्रों और शिक्षकों का समय बचाता है।, शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी के नुकसान disadvantages of technology in education world, 1. कई लोगों का मानना है कि टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल डिस्ट्रेक्शन को बढ़ावा देता है।.

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि टेक्नोलॉजी की मदद से सीखना एक मज़ेदार प्रोसेस है लेकिन यह डिस्ट्रेक्शन को भी बढ़ावा देता है। छात्र जिस फोन या लैपटॉप की मदद से पढ़ाई करते हैं, उसी लैपटॉप पर उन्हें गेम खेलने का भी मन करता है। वह उसी लैपटॉप पर  सोशल मीडिया social media  का भी इस्तेमाल करना चाहते हैं।

कई लोगों का ये भी मानना है कि टेक्नोलॉजी की मदद से छात्र ज्यादा आलसी भी हो गए हैं और प्रोडक्टिव होने के बजाय, वो काम को टालने लगे हैं। 

2. टेक्नोलॉजी के ज्यादा इस्तेमाल से छात्रों में मेंटल और फिजिकल समस्याएं देखी गई है।

ज्यादा समय तक लैपटॉप पर वीडियो की मदद से सीखने के कारण छात्रों में मोटापे और खराब पोश्चर की समस्या देखी गई है इसके साथ-साथ  छात्रों में खराब आईसाइट poor eyesight in students  की समस्या भी बेहद आम हो गई है क्योंकि वह अपना ज्यादातर समय टेक्नोलॉजी के साथ ही बिता रहे हैं। 

स्मार्टफोन और लैपटॉप पर लगातार काम करने से बच्चों के पीठ, कंधों और आंखों में दर्द होने लगा है। गैजेट्स के कारण बच्चों के रूटीन में भी काफी बदलाव हुआ है और यही कारण है कि बच्चे अब माता-पिता के साथ समय नहीं बिता रहे हैं। फोन को इस्तेमाल करने से मना करने पर बच्चों में चिड़चिड़ापन देखने को मिल रहा है। 

3. कुछ परिवार आज भी अपने बच्चों को स्कूल के काम के लिए फोन, कंप्यूटर या लैपटॉप देना सही नहीं मानते हैं।

बहुत से माता-पिता पढ़ाई के उसी पारंपरिक तरीके को प्राथमिकता देते हैं इसीलिए वह अपने बच्चों को फोन और लैपटॉप से दूर ही रखना चाहते हैं। 

4. छात्र ऑनलाइन दुनिया में इतने व्यस्त हो जाते हैं और इसी वजह से वे लोगों से फेस टू फेस बात करने में असहज महसूस करते हैं।

आज अगर आप बच्चों से कहेंगे कि सोशल मीडिया पर किसी अंजान व्यक्ति से बात कर लो तो शायद वे दो मिनट भी नहीं सोचेंगे और उस अंजान व्यक्ति को टेक्स्ट कर देंगे लेकिन वही अगर उन्हें ये कहो कि पड़ोस में जाकर ये काम कर लो या पड़ोस में जाकर किसी से ये बात कह दो तो वो मना कर देंगे।

दरअसल, आज बच्चों को इस वर्चुअल दुनिया virtual world से ही फुर्सत नहीं मिल रही है इसीलिए वे आज लोगों से फेस टू फेस बात करने में असहज महसूस करते हैं।

Also Read:  मीडिया साक्षरता क्या है ?

शिक्षा में टेक्नोलॉजी का महत्व (Importance of Technology in Education)

टेक्नोलॉजी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण है। आधुनिक समय में टेक्नोलॉजी ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत से बदलाव लाए हैं और आने वाले समय में इसका उपयोग और बढ़ जाएगा।  निम्नलिखित हैं टेक्नोलॉजी के महत्वपूर्ण दस्तावेज:

1. अध्ययन के साधना में आसानी:

ऑनलाइन शिक्षा: टेक्नोलॉजी के साथ, छात्र अपने घर से ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें यदि वे शिक्षा के लिए अन्य शहर जाने के लिए सामर्थ्य होती है, तो यह उनकी शिक्षा में आसानी पैदा करता है।

ऑनलाइन संसाधन: टेक्नोलॉजी के माध्यम से विभिन्न ऑनलाइन संसाधन उपलब्ध होते हैं, जैसे कि वीडियो, वेबसाइट, और शैक्षिक ऐप्स, जिन्हें छात्र अपने पढ़ाई में सहायकता के लिए उपयोग कर सकते हैं।

2. गुणवत्ता के लिए बेहतर माध्यम:

  • शैक्षिक सॉफ़्टवेयर: शिक्षक और छात्रों के लिए शैक्षिक सॉफ़्टवेयर, जैसे कि एलर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, ग्रेडिंग सॉफ़्टवेयर, और वर्चुअल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म, उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।

3. छात्रों के विकास के लिए व्यक्तिगत अध्ययन:

वर्चुअल लर्निंग: वर्चुअल लर्निंग छात्रों को उनके अध्ययन के लिए व्यक्तिगत अध्ययन करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है, जिससे वे अपने रूचि और गुणों के हिसाब से अध्ययन कर सकते हैं।

4. शिक्षा में रोमांचक और आकर्षक बनाना:

  • इंटरैक्टिव शिक्षा: टेक्नोलॉजी इंटरैक्टिव शिक्षा को बढ़ावा देती है, जिसमें छात्रों को शिक्षा के माध्यम से ग्रहण करने में रोमांचकता मिलती है और वे सीखने को आकर्षक तरीके से अनुभव करते हैं।

5. विशेष जरूरतों के छात्रों के लिए समर्थन:

  • विशेष जरूरतों के छात्रों के लिए समर्थन: टेक्नोलॉजी के माध्यम से विशेष जरूरतों के छात्रों के लिए अधिक समर्थन उपलब्ध होता है, जैसे कि व्यक्तिगत शैक्षिक सॉफ़्टवेयर और उपकरण, जो उनके शिक्षा में मदद कर सकते हैं।

6. विश्व में शिक्षा के लिए नए द्वार:

  • ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म: टेक्नोलॉजी विश्वभर में शिक्षा के लिए नए द्वार खोलती है, जिससे विद्यार्थियों को विश्व के विभिन्न हिस्सों से शिक्षा की सुविधा मिलती है, और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने विद्यान को बढ़ावा देने के लिए अवसर प्राप्त करते हैं।
  • शिक्षण प्रक्रिया का संचालन:  शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के उपयोग से शिक्षकों को शिक्षण प्रक्रिया को संचालित करने के लिए सहायता मिलती है। इससे शिक्षक छात्रों की उनकी सीमाओं को समझ सकते हैं और उन्हें विभिन्न विषयों में समृद्ध करने के लिए उन्हें सहायता प्रदान कर सकते हैं।
  • शिक्षण सामग्री:  टेक्नोलॉजी के द्वारा शिक्षण सामग्री को समृद्ध किया जा सकता है। विभिन्न शिक्षण सामग्री ऑनलाइन माध्यमों के माध्यम से उपलब्ध होती है जो छात्रों को अध्ययन करने में मदद करती हैं।
  • इंटरैक्टिव शिक्षा प्रणाली:  टेक्नोलॉजी के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में इंटरैक्टिव शिक्षा प्रणाली का बहुत ही सटीक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। 

टेक्नोलॉजी का शिक्षा में महत्व अब और भी बढ़ चुका है, और यह छात्रों के लिए अध्ययन को रोचक और प्रासंगिक बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, टेक्नोलॉजी छात्रों के विकास के लिए व्यक्तिगत अध्ययन और समर्थन प्रदान करती है, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक बेहतर भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान जानने पर यह साफ पता चलता है कि चाहे वह कोई भी सेक्टर हो, हमें उसमें टेक्नोलॉजी की आवश्यकता है। हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नुकसान से ज्यादा फायदा देता है। शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल छात्र, शिक्षक और अभिभावक तीनों के लिए ही अच्छा है।

टेक्नोलॉजी की मदद से छात्र के लिए ज्ञान प्राप्त करना आसान हो जाता है। छात्र खुद से ही कई टॉपिक्स और चैप्टर्स पढ़ सकते हैं और नहीं समझ आने पर डाउट भी क्लियर कर सकते हैं। 

आसान भाषा में कहें तो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अपनी जगह बिलकुल सही है लेकिन छात्र, शिक्षक और माता-पिता इसका उपयोग कैसे करते हैं, इससे बड़ा फर्क पड़ता है।

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Editorial Segment

Aditi-Yadav

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Educational Technology क्या हैं?, विशेषताएं, महत्व एवं क्षेत्र हिंदी में

हैलो दोस्तों,इस आर्टिकल में हम Educational Technology (शैक्षिक प्रौद्योगिकी) के बारे में जानेंगे। कि आखिर Educational Technology क्या हैं? शिक्षा के क्षेत्र में आज टेक्नोलॉजी का क्या महत्व है। शैक्षिक प्रौद्योगिकी में आज इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर शिक्षा को रुचिपूर्ण और सरल बना रहे हैं।

टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर हर विषय से संबंधित जानकारी हम आसानी से इंटरनेट के द्वारा Youtube, Blogs, E-Learning Platforms से प्राप्त कर सकते हैं। वही समय के साथ-साथ ऑफलाइन कक्षाओं में डिजिटल वाइटबोर्ड, Projectors का प्रयोग विद्यार्थियों की रुचि शिक्षा के प्रति बढ़ा रहे हैं।

एजुकेशनल टेक्नोलॉजी की शिक्षा क्षेत्र में सबसे अहम भूमिका है। इसके प्रयोग से विद्यार्थी और शिक्षक दोनों का ज्ञान व रुचि बढ़ते हैं। साथ ही समय की बचत भी होती है।

E-Learning में Byju’s, Unacademy, Khan Academy, Brainly जैसे प्लेटफार्म शैक्षिक प्रौद्योगिकी में शामिल है। जिसमें टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग कर हर विद्यार्थी की रूचि शिक्षा में बढ़ाई है।

साथ ही एक शिक्षक के लिए Educational Technology किस प्रकार उपयोगी है। शैक्षिक प्रौद्योगिकी में किन चीजों का उपयोग कर वह विद्यार्थी के लिए शिक्षा को रुचिपूर्ण बना सकता है। जैसी तमाम बातों को जानेंगे।

तो चलिए अब एजुकेशनल टेक्नोलॉजी क्या है टेक्नॉलजी का शिक्षा क्षेत्र में महत्व, लाभ व नुकसान, प्रकार जैसी तमाम जानकारी को इस आर्टिकल के माध्यम से ज़ानेग़ें।

सामग्री की तालिका::

Technology क्या है?

टेक्नोलॉजी एक प्रगतिशील क्षेत्र है। आज के समय में इसके बिना सभी कार्य अधूरे हैं। आसान भाषा में Technology का मतलब: जो हमारे कार्य को जल्दी आसान सुविधा पूर्ण बना दें। जैसे कि इंटरनेट पर हम हर चीज से जुड़ी जानकारी जान सकते हैं। कंप्यूटर की मदद से अपने कार्य आसानी से जल्दी कर सकते हैं।

हर कार्य में टेक्नोलॉजी का उपयोग है। समय के साथ-साथ टेक्नोलॉजी हर दिन आज से बेहतर होती जाएगी। इसकी हमारे जीवन में अहम भूमिका है। जो हमारे दैनिक कार्यों को आसान बना देती है।

Educational Technology क्या हैं?

Educational Technology kya hai

Educational Technology (शैक्षिक प्रौद्योगिकी) का मतलब शिक्षक अपने पढ़ाने के ढंग को प्रभावी, रुचि पूर्ण, आसान बनाने के लिए शैक्षिक और वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करते हैं। उस तकनीक को ‘Educational Technology’ कहा जाता है।

शिक्षा को तकनीक के जरिए हर विद्यार्थी तक पहुंचा सकते हैं। जिसमें इंटरनेट, कंप्यूटर, शिक्षण मशीन, टेलीविजन जैसे संसाधनों का उपयोग किया जाता है। वही पहले के समय के मुकाबले आज के समय की कक्षाओं में Digital Technology का प्रयोग किया जाता है।

जिसे हर विद्यार्थी शिक्षक के माध्यम से अपने हर विषय से संबंधित सवालों के जवाब बेझिझक पूछ सकता है। एजुकेशनल टेक्नोलॉजी से शिक्षक और विद्यार्थी दोनों को सुविधा मिलती है।

  • Blockchain क्या है?
  • IELTS Exam क्या होता है?
  • Information Technology (IT) क्या है?

Educational Technology के कितने प्रकार होते है?

एजुकेशनल टेक्नोलॉजी को अमेरिकन साइकोलॉजिस्ट “ Arthur Allen Lumsdaine ” ने तीन भागों में बांटा था। यह मीडिया के उपयोगों और शिक्षा अध्ययन में रिसर्चर थे। चलिए Educational Technology के तीन प्रकार के बारे में जानते हैं।

1. Hardware Approach (हार्डवेयर दृष्टिकोण)

शैक्षिक प्रौद्योगिकी में Hardware को पहला स्थान दिया है। इसमें शिक्षा देने में उपयोग होने वाले सहायक उपकरणों पर जोर दिया गया है। इसे ‘मशीन टेक्नोलॉजी’ भी कहा जाता है। साथ ही शिक्षा में टेक्नोलॉजी (Technology In Education) से भी प्रयुक्त किया जाता है।

Hardware Educational Technology में प्रोजेक्टर, डिजिटल वाइट बोर्ड, स्लाइड प्रोजेक्टर, टी.वी और मॉनिटर, कंप्यूटर, केलकुलेटर, प्रिंटिंग मशीन जैसे सहायक उपकरण शामिल है। जिन्हें हाथ से छुआ जाता है।

2. Software Approach (सॉफ्टवेयर दृष्टिकोण)

जिस प्रकार हार्डवेयर दृष्टिकोण में मशीन का उपयोग होता है। उसी प्रकार Software Approach सीखने और सिखाने के सिद्धांतों पर आधारित है। यानी कि विद्यार्थी के दिमागी विकास के लिए शिक्षक किन मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों ( विध्यार्थी के मन की बात जानना) का प्रयोग करते हैं।

जिससे विद्यार्थियों में आवश्यक परिवर्तन आ सकता है। इन्हें शैक्षिक प्रौद्योगिकी में सॉफ्टवेयर दृष्टिकोण में जोड़ा जाता है। इसे शिक्षा की तकनीक (Technology of Education) भी कहा जाता है।

3. System Approach (प्रणाली दृष्टिकोण)

System Approach में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों शैक्षिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर एक पूरी प्रणाली को संभालना है। जिसमें शिक्षण (Teaching) में उपयोग होने वाले सभी संसाधनों का उपयोग करना है।

जैसे कि हार्डवेयर दृष्टिकोण में कक्षा में Projector, Chalk, digital whiteboard का प्रयोग करना और सॉफ्टवेयर दृष्टिकोण में Videos, Slides, Computer Program, charts आदि का प्रयोग एक प्रणाली हेतु करना। इसे ही ‘Educational Technology’ कहते हैं। जिसमें सुव्यवस्थित ढंग से हर सिस्टम को मैनेज किया जाता है। जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों प्रकारों को मिलकर बनती है।

शैक्षिक प्रौद्योगिकी की विशेषताएं- Features of Educational Technology

  • शैक्षिक प्रौद्योगिकी में वैज्ञानिक नॉलेज का उपयोग होता है।
  • शैक्षिक प्रौद्योगिकी समय के साथ निरंतर बेहतर होती रहती है।
  • शैक्षिक प्रौद्योगिकी से विद्यार्थी और शिक्षक के व्यवहार में परिवर्तन संभव है।
  • शैक्षिक प्रौद्योगिकी में हर तकनीक का प्रयोग होता है-जैसे विज्ञान,कला,ऑडियो-वीजुअल मेटेरियल,मनोविज्ञान मशीनी प्रयोग आदि।
  • शैक्षिक प्रौद्योगिकी से टीचिंग प्रक्रिया को आसान,स्पष्ट व रुचिपूर्ण बनाया जाता है।
  • विद्यार्थियों को इससे पाठ्यक्रम रुचि पूर्ण लगते हैं। साथ ही शिक्षक बेहद आसानी से तकनीक का प्रयोग कर पढ़ा सकता है।
  • शैक्षिक प्रौद्योगिकी से परीक्षा के परिणाम को जल्दी जांच लिया जाता है।
  • शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक के प्रयोग से समय की बचत होती है।
  • लर्निंग को अलग-अलग तरीकों से प्रभावशाली बनाया जाता है।
  • शैक्षिक प्रौद्योगिकी से प्रबंधन और नियंत्रण कार्य आसान हो जाते हैं जैसे कक्षा प्रबंधन,स्कूल प्रबंधन आदि।

शिक्षा में टेक्नोलॉजी का क्या महत्व है? – Importance of Technology in Education

  • विभिन्न प्रकार के शिक्षण संस्थानों तक पहुंच होती है।
  • ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।
  • दिव्यांग छात्रों के लिए उपयोगी।
  • शिक्षण और सीखने के तरीकों को प्रभावशाली बनाना।
  • उन्नत जानकारी और समाधान में अहम भूमिका।
  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना।
  • शिक्षा में टेक्नोलॉजी के उपयोग से नौकरियां पैदा होना।
  • स्मार्ट वर्क को बढ़ावा देती है।
  • समय की बचत व मेहनत कम करती है।
  • शिक्षण संबंधी हर कार्य के प्रबंधन में उपयोगी।
  • देश विदेश के छात्रों कहीं से भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।

शिक्षा में टेक्नोलॉजी का उपयोग- Use Of Technology in Education

शिक्षा में टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से काफी सुधार शिक्षा प्रणाली में हुए हैं। हर टॉपिक के बारे में हम गूगल पर जान सकते हैं। वहीं डिजिटल क्लासरूम में कैमरा, प्रोजेक्टर बड़ी स्क्रीन का प्रयोग कर अध्यापक सरलता से विद्यार्थी को शिक्षा देते हैं।

टेक्नोलॉजी के उपयोग से शिक्षा कभी बाधित नहीं होगी। जिस प्रकार कोरोना महामारी में सभी विद्यार्थी अपने स्मार्टफोन पर वीडियो कॉल के माध्यम से अपने स्कूल/कॉलेज के अध्यापकों के संपर्क में रहे। जिससे ऐसे समय में भी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर सके।

Technology के उपयोग से ऐसे विद्यार्थी भी मुफ्त में शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। जो स्कूल नहीं जा पाते हो या जिनके पास पैसों की कमी हो। हालांकि उनके पास पर्याप्त संसाधन जैसे Smartphone, Internet होना चाहिए।

बड़े-बड़े Institute अपने Courses को यूट्यूब और खुद के E-Learning plateforms के जरिए पढ़ा रहे हैं। जो कि शिक्षा में टेक्नोलॉजी के उपयोग से ही संभव हो पाया है।

आने वाले वर्षों में शिक्षा को बेहद सरलता से और रुचि पूर्ण तरीके से हर विद्यार्थी को पढ़ाया जा सकेगा। इसमें धीरे-धीरे कई बदलाव हो रहे हैं। Digital India के तहत हर क्षेत्र को टेक्नोलॉजी युक्त किया जा रहा है। जिसका हर कोई फायदा उठा सकेगा।

शिक्षा में टेक्नोलॉजी के उपयोग से कागज का कम प्रयोग होगा। धीरे-धीरे इसमें बदलाव होगा असाइनमेंट को pdf, Charts, Slides के द्वारा बनाया जा रहा है। वहीं ऐसे उपकरण भी मार्केट में उपलब्ध है। जिसकी सहायता से आपको किसी कॉपी रजिस्टर की जरूरत नहीं पडेगी।

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र- Scope of Educational Technology

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र का मतलब यानी कि टेक्नोलॉजी किन क्षेत्रों में किस तरह से कार्य करती है। आइए इसके क्षेत्र के बारे में जानते हैं।

  • शिक्षण अधिगम प्रक्रियाओं का अध्ययन व विश्लेषण।
  • शिक्षण उद्देश्य का निर्धारण।
  • पाठ्यक्रम निर्माण।
  • शिक्षण अधिगम सामग्री निर्वाण एवं विकास।
  • शिक्षण अधिगम युक्तियों का निर्माण, विकास एवं उपयोग।
  • अध्यापक प्रशिक्षण में उपयोग।
  • शिक्षण मूल्यांकन द्वारा उचित नियंत्रण।
  • शिक्षा की उप-प्रणालियों का प्रभावपूर्ण उपयोग।
  • हार्डवेयर उपकरण व जनसंचार के माध्यमों का चयन व उपयोग।
  • सामान्य व्यवस्था प्रशिक्षण और अनुदेशन।

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के रूप- Forms of Educational Technology

Forms of Educational Technology in hindi

शैक्षिक प्रौद्योगिकी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच बातचीत विश्लेषण की विधि है। जिसमें शिक्षण प्रक्रिया के तरीकों में उचित बदलाव व सुधार लाया जाता है। जिससे विद्यार्थी के व्यवहार में परिवर्तन हो। जैसी शिक्षा हम विद्यार्थी को देना चाहते हैं। वैसे शिक्षा विद्यार्थी Educational Technology से ग्रहण कर सके।

विषय वस्तु की प्रकृति के आधार पर शैक्षिक प्रौद्योगिकी के चार प्रकार हैं।

1. शिक्षण तकनीकी (Teaching Technology)

शिक्षण तकनीकी में शिक्षक अपने शिक्षण को प्रभावशाली सरल व सुगम का बनाता है। जिसे अध्यापक अपने विश्व को आसानी से विद्यार्थियों को समझा सके।

तकनीक की सहायता से शिक्षण तकनीकी को रुचिपूर्ण, रोचक बनाया जा सकता है। आज के विज्ञान और तकनीक की खोजों का प्रयोग कर शिक्षण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाना है। तो शिक्षण तकनीकी को आगे बढ़ाना होगा।

शिक्षण तकनीकी की विशेषताएं:

  • शिक्षण तकनीकी के माध्यम से ज्ञानात्मक, प्रभावात्मक पक्षों का अध्ययन किया जाता है।
  • शिक्षण तकनीकी कक्षा व्यवहार की निरीक्षण, व्याख्या, मूल्यांकन एवं सुधार के लिए उपयोगी है।
  • शिक्षण प्रक्रिया को उन्नतशील बनाने के लिए तकनीक के माध्यम से दार्शनिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक तरीकों का उपयोग किया जाता है।
  • शिक्षण तकनीकी शिक्षक को उचित शिक्षण विधियों, नीतियों एवं युक्तियों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है।

डेविस तथा रॉबर्ट ग्लेसर के द्वारा विभाजित शिक्षण तकनीकी की विषय वस्तु:

  • शिक्षण का नियोजन
  • शिक्षण की व्यवस्था
  • शिक्षण का मार्गदर्शन
  • शिक्षण का नियंत्रण

2. अनुदेशन तकनीकी (Instructional Technology)

अनुदेशन का अर्थ ‘सूचना प्रदान करना’ अनुदेशन तकनीकी में उपलब्ध साधनों के माध्यम से आवश्यकता की पूर्ति करना है। साथ ही विद्यार्थी के व्यवहार को परिमार्जित करता है यानी कि शिक्षण के दौरान शिक्षक अपनी शैक्षिक पद्धति को बार-बार दोहराते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप विद्यार्थियों के व्यवहार में बदलाव आता है।उनकी रूचि शिक्षा में पढ़ती है।

अनुदेशन तकनीकी की विशेषताएं:

  • अनुदेशन तकनीकी में सही उत्तरों का पुर्नबलन होता हैं।
  • अनुदेशन तकनीकी के जरिए ज्ञानात्मक उद्देश्य को अधिक प्रभावशाली विधि से प्राप्त किया जाता है।
  • छात्रों को अनुदेशक तकनीकी के प्रयोग से अपनी गति के अनुसार सीखने का अवसर मिलता है।
  • अनुदेशन तकनीकी का मुख्य कार्य सूचनाएं प्रदान करना है।

3. व्यवहार तकनीकी (Behavioural Technology)

व्यवहार तकनीकी में शिक्षकों के कक्षा संबंधी व्यवहार और विद्यार्थियों के सीखने के व्यवहार में सुधार लाया जाता है।आसान भाषा में व्यवहार तकनीकी वह विज्ञान है- जो शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के व्यवहार का वैज्ञानिक विधियों द्वारा अध्ययन करता है। आवश्यकता अनुसार उनके व्यवहार में विकास करता है।

व्यवहार तकनीकी की विशेषताएं:

  • व्यवहार तकनीकी शिक्षण के सिद्धांतों के विकास में सहायक है।
  • व्यवहार तकनीकी ज्ञानात्मक तथा क्रियात्मक दोनों ही तरह के उद्देश्य की पूर्ति करता है।
  • शिक्षण का वैज्ञानिक ढंग से मूल्यांकन करती है।
  • व्यवहार तकनीकी मनोविज्ञान केंद्रित विचारधारा है।

4. अनुदेशन प्रारूप (Instructional Design)

अनुदेशन का अर्थ सूचनाएं प्रदान करना और प्रारूप का अर्थ “वैज्ञानिक विधि के द्वारा किसी चीज का प्रारूप (design) तैयार करना” डेविस मेरिट के अनुसार छात्रों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए सीखने के सिद्धांतों के साथ-साथ शिक्षण की परिस्थितियों, कार्यों, विधियों और उपागमो के सम्मिलित रूप को ‘अनुदेशन प्रारूप’ कहा जाता है।

  • Credit Card क्या है?
  • LiFi क्या है और LiFi (Light Fidelity) कैसे काम करता है?
  • Startup क्या है?

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के उद्देश्य- (Objective of Education Technology)

शैक्षिक प्रौद्योगिकी को शिक्षण में उपयोग करना शिक्षक और छात्र छात्राओं व शिक्षा से जुड़े लक्ष्य और उद्देश्य को पूरा करना है। शैक्षिक तकनीकी के लक्ष्य एवं उद्देश्य इस प्रकार हैं।

  • पाठ्यवस्तु का विश्लेषण करना।
  • शिक्षा के उद्देश्य का निर्धारण करना।
  • पाठ्यवस्तु का चयन।
  • शिक्षा अधिगम प्रक्रिया में सुधार।
  • ज्ञान का संचय।
  • विद्यार्थियों के उद्देश्य के संबंध में मूल्यांकन करना।
  • शिक्षण कौशल का विकास करना।
  • शिक्षण को सरल स्पष्ट और रुचि पूर्ण बनाना।
  • छात्रों के गुण, क्षमता, स्किल का विश्लेषण करना।
  • सूचनाओं का प्रक्षेप करना

शिक्षा में तकनीकी और शिक्षा की तकनीकी में अंतर

अब जानते हैं कि शिक्षा में तकनीकी और शिक्षा की तकनीकी में कौन सी चीजें शिक्षण प्रक्रिया में शामिल होती हैं। साथ ही इन दोनों के सामान्य तत्व के बारे में विस्तार पूर्वक ज़ानेगे।

1. शिक्षा में तकनीकी (Technology in Education)

  • हार्डवेयर टेक्नोलॉजी को इसमें शामिल किया जाता है।
  • शिक्षा तकनीकी में सभी प्रकार के श्रव्य दृश्य सामग्री संचार एवं संप्रेक्षण साधन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं।
  • शिक्षा में तकनीकी का आशय विभिन्न उपकरणों साधनों और मशीनों का शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावपूर्ण उपयोग से है।
  • यह शिक्षण सामग्री से संबंधित बाहरी आयाम है।

शिक्षा में तकनीकी में शामिल तत्व:

  • प्रोजेक्टर (projector)
  • फिल्म (Film)
  • रेडियो (Radio)
  • कंप्यूटर (Computer)
  • मोबाइल (Mobile)
  • टेप रिकॉर्डर (Recorder)
  • इंटरनेट (Internet)

2. शिक्षा की तकनीकी (Technology Of Education)

  • शिक्षक की तकनीकी में शिक्षण समस्याओं का विश्लेषण शामिल है।
  • यह अधिगम सामग्री से संबंधित है।
  • शिक्षा की तकनीकी बाल मनोविज्ञान के सिद्धांत और व्यवहारगत विज्ञान पर आधारित है।
  • शिक्षा की तकनीकी धारणा शिक्षण अधिगम की योजना में निहित है।
  • सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी का उपयोग शिक्षा की तकनीकी में किया जाता है।

शिक्षा की तकनीकी में शामिल तत्व:

  • अनुदेशात्मक तकनीकी (instructional Technology)
  • शिक्षण तकनीकी (Teaching Technology)
  • व्यवहारगत तकनीकी (Behavioural Technology)
  • सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching)
  • प्रणाली विश्लेषण (System Anaylsis)
  • शिक्षक का व्यवहार (Teacher Behaviour)

शैक्षिक तकनीकी के लाभ – Advantages of Educational Technology

  • शैक्षिक तकनीकी शिक्षण प्रक्रिया को सरल, सुगम, रुचिपूर्ण व प्रभावशाली बनाती है।
  • शिक्षण कार्य को उद्देश्य केंद्रित बनाने में छात्र केंद्रित रखने में सहायता एवं प्रभावशाली निर्देशन प्रदान करती है।
  • शैक्षिक तकनीकी शिक्षक को पाठ प्रस्तुतीकरण को प्रभावशाली बनाने में सहायक है।
  • शिक्षण अधिगम (teaching Learning) प्रक्रिया को रोचक प्रेरक प्रभावशाली बनाकर शिक्षण में सुधार लाकर शिक्षण की गुणवत्ता में विकास करती है।
  • शिक्षण में विविधता लाने के लिए विभिन्न विधाओं साधनों का प्रयोग करती है।
  • जनसंचार साधनों का प्रयोग कर बड़ी जनसंख्या तक प्रचार तथा दूरस्थ शिक्षा आदि के द्वारा शिक्षा पहुंचाने में सहायक है।

एजुकेशनल टेक्नॉलजी से जुड़े कुछ सवाल-जवाब (FAQ)

Educational technology कितने प्रकार की होती हैं.

एजुकेशनल टेक्नोलॉजी तीन प्रकार की होती है- 1. hardware approach 2. software approach 3. system approach

Educational Technology का हिंदी मतलब क्या हैं?

एजुकेशनल टेक्नोलॉजी को हिंदी में “शैक्षिक प्रौद्योगिकी” और “शैक्षिक तकनीकी” कहते हैं।

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के रूप कौन-कौन से हैं?

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के चार रूप हैं- 1. शिक्षण तकनीकी 2. अनुदेशन तकनीकी 3. व्यवहार तकनीकी 4. अनुदेशन प्रारूप

White Hat Education Technology क्या हैं?

Whitehat एक शिक्षा सेवा है जिस पर इंटरनेट के जरिए बच्चों को कोडिंग सिखाई जाती है।

EDTech का मतलब क्या हैं?

EdTech का पूरा मतलब “educational Technology” है। जिससे शिक्षा को सरल , स्पष्ट, सुगम, रुचिपूर्ण व प्रभावशाली बनाया जाता है।

Educational Technology समय के साथ इस क्षेत्र का विकास भी बहुत तेजी से हुआ है। आज हर घर में बच्चे अपने पढ़ाई से लेकर मनोरंजन जैसे कार्टून आदि देखकर भी पढ़ते हैं। टीवी, इंटरनेट पर ऐसी वीडियो जाती है जो बेहद आसानी से रुचिपूर्ण तरीके से बच्चों को ज्ञान देती है।

वही एजुकेशन टेक्नोलॉजी का आज इतनी ज्यादा विकास हुआ है। जिसमें आप पूरे कोर्स को अपने घर बैठे सीख सकते हो। ऐसे प्लेटफार्म तैयार किए गए हैं। जिसमें शिक्षक हर सवाल का जवाब कॉमेंट्स में देता है। साथ ही आप उस कोर्स को जब चाहे तब देख सकते हो।

शिक्षण प्रौद्योगिकी में धीरे-धीरे कई और तकनीक को भी शामिल किया जाएगा। जिससे विद्यार्थी शिक्षा को एक दबाव के तौर पर ने देखकर रुचि लेते हुए इसे ग्रहण करें।

आपको हमारी पोस्ट Educational Technology क्या हैं?, विशेषताएं, महत्व एवं क्षेत्र कैसी लगी अपनी राय नीचे कॉमेंट्स के ज़रिए अवश्य दें। साथ ही इस पोस्ट को अपने मित्रों में अवश्य शेयर करें।

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मेरा नाम Abhishek है। इस ब्लॉग का संस्थापक और लेखक हूं। मै Yoabby.com पर सभी आर्टिकल को हिंदी भाषा में लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत पहले से ही शौक था। ब्लॉगिंग के द्वारा मैं अपने शौक को भी पूरा कर रहा हूं। और साथ ही YoAbby.com पर आए लोगों को टेक्नोलॉजी के बारे में हिंदी भाषा में आर्टिकल उपलब्ध करवा रहा हूं।

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सूचना एवं संचार तकनीकी (ICT)

Contents in the Article

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का शैक्षिक महत्व

(Educational Importance of I.C.T)

शिक्षक के लिए शिक्षण कार्य में महत्व-

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी एक सफल शिक्षक के लिए छात्रों को उनकी क्षमता तथा कुशलता के साथ अध्ययन कराने में; यथा—अभिक्रमित अध्ययन सामग्री पाठ्यक्रमों के प्रभावशाली शिक्षण हेतु नयी-नयी विधियाँ तैयार करने; जैसे—माइक्रो टीचिंग, सिम्युलेटेड टीचिंग, मिनी-टीचिंग के माध्यम अध्ययन कराने के लिए नवीन आधार प्रदान करते हैं, अर्थात् सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी शिक्षण कार्य में एक शिक्षक के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण सिद्ध हो रही है।

अधिगम कार्य में महत्वपूर्ण-

शिक्षक की ज्ञान वृद्धि हेतु ict का उपयोग.

(Use of I.C.T. to Increase the Teacher’s Knowledge)

व्यवहारिक रूप से शिक्षा के क्षेत्र में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विचार करें तो हमें जान पड़ता है कि इस प्रौद्योगिकी के द्वारा एक तरफ शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को महत्व दिया गया है तथा दूसरी ओर शिक्षा का दायरा विस्तृत हुआ है। अध्यापकों के विषयगत उत्तरदायित्वों को पूरा करने में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है।

आधुनिक समय में अध्यापक, छात्र एवं शिक्षा के क्षेत्र से सम्बद्ध प्रत्येक व्यक्ति सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के अभाव में अपनी ज्ञान प्राप्त करने की जिज्ञासा को तृप्त नहीं कर सकता। आधुनिक युग में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का प्रयोग व्यापकता ग्रहण करता जा रहा है। हम देखते हैं कि आज प्रायः एक विषय विशेष पर अनेका लेखकों, विद्वानों के विचारों को सी. डी., फोन तथा इण्टरनेट के माध्यम से प्राप्त करक उक्त विषय पर पूर्ण रूप से विचार-विमर्श के आधार पर एक सिद्धान्त या नियम का निर्माण किया जाता है तथा उक्त विषय पर विस्तृत आधार प्रदान किया जाता है।

आज सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का प्रभाव शिक्षण अधिगम प्रक्रिया पर पूरी तरह से सबको ज्ञात हो चुका है। वर्तमान में सीखने के सिद्धान्तों की अपेक्षा शिक्षण तकनीक के नियमों एवं सिद्धान्तों को अत्यधिक प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

शिक्षण सिद्धान्तों के पूर्व के स्तर तथा उनसे सम्बन्धित तकनीकों को ही इस क्षेत्र में उजागर किया गया। यह खोजें सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के द्वारा ही सम्भव हो सकी हैं। अर्थात् यह सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का ही परिणाम है।

कक्षा में अध्यापकों द्वारा छात्रों को पढ़ाने के लिए वर्तमान समय में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी किस स्तर तथा रूप में उपयोगी हो रही है उसका विस्तृत वर्णन निम्न बिन्दुओं के अन्तर्गत किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं-

शिक्षण कार्य की कार्यकुशलता में वृद्धि –

शिक्षण कार्य में सरलता-, गुणात्मक उन्नति में सहायक –, समय की बचत –, विशिष्टीकरण में सहायक –, प्रौद्योगिकी दूर शिक्षा ( दूरस्थ शिक्षा ) में सहायक –, महत्वपूर्ण लिंक.

  • संरचनात्मक तथा योगात्मक मूल्यांकन- इन दोनों के बीच का अंतर
  • साक्षात्कार (Interview) की कार्यविधिऔर महत्व एवं उपयोग
  • मौखिक अभिव्यक्ति- उद्देश्य, महत्व, आवश्यकता, शिक्षण विधियाँ
  • उत्तम परीक्षण- विशेषताएँ, व्यावहारिक कसौटियाँ, तकनीकी कसौटियाँ
  • निदानात्मक परीक्षण- विशेषताएँ, उपलब्धि परीक्षण और निदानात्मक परीक्षण में अंतर
  • क्रियात्मक अनुसन्धान (Action Research)- अर्थ, क्षेत्र (Scope), महत्व, लाभ
  • क्रियात्मक शोध के चरण या सोपान (Steps of Action Research)
  • शैक्षिक नवाचार- अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, क्षेत्र, परिवर्तन और नवाचार में सम्बन्ध
  • शैक्षिक नवाचार की आवश्यकता और महत्व
  • संचार (Communication) की विशेषताएँ एवं बाधाएँ | सूचना के गुण
  • सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (I.C.T.) का विद्यालय में अनुप्रयोग एवं लाभ
  • शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी- क्षेत्र और उपयोगिता (Scope & Use of ICT)

Disclaimer: wandofknowledge.com केवल शिक्षा और ज्ञान के उद्देश्य से बनाया गया है। किसी भी प्रश्न के लिए, अस्वीकरण से अनुरोध है कि कृपया हमसे संपर्क करें। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे। हम नकल को प्रोत्साहन नहीं देते हैं। अगर किसी भी तरह से यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है, तो कृपया हमें [email protected] पर मेल करें।

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Thank u so much sir …for ur efforts …

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प्रौद्योगिकी – टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान Advantages Disadvantages of Technology in Hindi

प्रौद्योगिकी – टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान (Advantages Disadvantages of Technology in Hindi)

इस लेख में आप हिंदी में प्रौद्योगिकी – टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान (Advantages – Disadvantages of Technology in Hindi) के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे। साथ ही इसमें हमने टेक्नॉलजी क्या है, महत्व, प्रकार जैसी जानकारियाँ भी सम्मिलित किया है।

Table of Content

टेक्नोलॉजी क्या है? What is Technology in Hindi?

जिस गति से आज हम प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहे हैं, उसकी तुलना यदि मानव इतिहास में हुए बदलाओं से करी जाए तो विज्ञान और टेक्नोलोजी विकास की एक नई श्रृंखला बनाती है। 

वर्तमान सभ्यता के नवीनीकरण का मुख्य कारण टेक्नोलॉजी में विकास है। आमतौर पर टेक्नोलॉजी का अर्थ ऐसे औद्योगिक तथा व्यवहारिक कलाओं का मिश्रण होता है, जो विज्ञान से संबंधित अध्ययन अथवा विज्ञान का ज्ञान कहलाता है। 

मानव ने विज्ञान के क्षेत्र में जितना प्रगति कर लिया है, वह इसी के द्वारा निर्मित तमाम तरह के अविष्कारों अथवा तकनीकों के कारण ही संभव हो सका है।

प्रौद्योगिकी अथवा टेक्नोलॉजी को परिभाषित करने के लिए विभिन्न प्रकार के दृष्टिकोण अपनाए जाते हैं, अतः इसकी कई सारी परिभाषाएं हैं। आसान शब्दों में कहा जाए, तो मानव जीवन को सुगम और सरल बनाने वाली तमाम तरह की सुविधाएं टेक्नॉलॉजी द्वारा निर्मित हैं।

टेक्नोलॉजी का महत्त्व Importance of Technology in Hindi

  • प्रौद्योगिकी विकास के कारण ही स्वास्थ्य सुविधाओं में बेमिसाल परिवर्तन आया है। जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज पलक झपकते ही हो सकता है।
  • दुनिया भर में सिर्फ एक जगह बैठे बैठे ही हम हजारों मिलो दूर किसी से भी बातचीत कर सकते हैं।
  • दुनिया में सबसे शक्तिशाली राष्ट्र वही माने जाते हैं, जिनके पास एडवांस टेक्नोलॉजी और सशस्त्र बल उपलब्ध होते हैं और वह केवल टेक्नॉलॉजी से ही विकसित किए जा सकते हैं।
  • जिन निर्माण कार्यों के लिए वर्षों का समय लग जाता था। वह अब एक महीने के अंदर ही पूरा हो सकता है। उदाहरण स्वरूप बड़ी बड़ी इमारतें, पुल इत्यादि।
  • टेक्नोलॉजी के कारण ही ऑटोमेशंस का प्रभाव इतना बढ़ा है, जिससे कठिन से कठिन लगने वाले काम भी स्वयं पूर्ण हो सकते हैं।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों की ऐसी सर्वश्रेष्ठ खोज है, जिससे मानव मस्तिष्क जितनी क्षमता दूसरे मशीनों में उत्पन्न की जा सकती है। यह भविष्य के लिए कई सुनहरे अवसर को प्रकट करता है।
  • व्यवसाय चाहे जो भी हो छोटे, मध्यम या बड़े स्तर पर टेक्नोलॉजी का प्रयोग वहां जरूर किया जाता होगा। इससे टेक्नालॉजी के विस्तृत स्वरुप का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
  • हमें प्राचीन समय से अलग और विकसित बनाने में टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यदि हमारे पास प्रौद्योगिकी जैसा वरदान ना होता, तो हम शायद जंगलों अथवा कबीलों में निवास कर रहे होते।

टेक्नोलॉजी के प्रकार Types of Technology in Hindi

Artificial intelligence technology (कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौधौगिकी).

मानव द्वारा निर्मित ऐसे डिवाइस अथवा सॉफ्टवेयर जो कि मानव मस्तिष्क की तरह ही सोचने और कार्य करने की क्षमता रखते हैं, ऐसी टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी कहलाती है। 

विभिन्न प्रकार के रोबोट्स अथवा मशीनों में स्वयं निर्णय लेने की क्षमता स्थापित कर दी जाती है। आधुनिक समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है।

Medical Technology (चिकित्सा प्रौधौगिकी)

प्रौद्योगिकी के कारण इंसानों का जीवन परिवर्तित हो चुका है। एडवांस टेक्नोलॉजी की सहायता से ऐसे रोगों का पता और निदान किया जा रहा है, जिनके विषय में कोई भी नहीं जानता था। और यह केवल टेक्नोलॉजी की सहायता से ही संभव हो सका है। 

मेडिकल के क्षेत्र में रोगियों की बीमारी का इलाज बेहद सरलता से हो पा रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा की मेडिकल टेक्नोलॉजी के कारण ही इंसानों की आयु कुछ वर्ष और बढ़ गई है।

Construction Technology (निर्माण प्रौधौगिकी)

दुनिया में जितने भी बड़ी बड़ी इमारतें, पुल और अन्य स्थलों का निर्माण किया गया है, वह निर्माण प्रौद्योगिकी के अंतर्गत आता है। ऐसी टेक्नोलॉजी जिसकी सहायता से कंस्ट्रक्शन करने के लिए जरूरी मशीनों का निर्माण होता है। 

2D और 3D नक्शे को भी आसानी से टेक्नॉलॉजी की सहायता से अंजाम दिया जा रहा है। यह टेक्नोलॉजी समय के साथ-साथ उर्जा और धन सभी के अतिरिक्त व्यय को कम कर रहे हैं और ऑटोमेशन को बढ़ावा दे रहे हैं।

Education Technology (शिक्षा प्रौधौगिकी)

टेक्नालॉजी ने शिक्षा के क्षेत्र में भी अद्वितीय क्रांति लाई है, जिससे विद्यार्थियों के लिए ज्ञान प्राप्ति का मार्ग और भी आसान हो चुका है। इंटरनेट , कंप्यूटर , लैपटॉप, मोबाईल , इत्यादि के जरिए अब सभी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

एजुकेशन टेक्नोलॉजी इतनी बेहतरीन है कि एक ही जगह पर बैठे आप दुनिया के किसी भी क्षेत्र के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Agriculture Technology (कृषि प्रौधौगिकी)

टेक्नोलॉजी ने इंसानों के ऊपर बहुत बड़ा उपकार किया है। हर क्षेत्र की तरह कृषि क्षेत्र में भी हमने इसकी सहायता से बेमिसाल उपलब्धियां प्राप्त किए हैं। 

उदाहरण स्वरूप ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और कल्टीवेटर इत्यादि कृषि प्रौद्योगिकी के अंतर्गत आते हैं, जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। टेक्नोलॉजी की मदद से ही हरित क्रांति संभव हो पाई है।

Communication Technology (संचार प्रौधौगिकी)

संचार प्रौद्योगिकी ने मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ा योगदान दिया है। कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के कारण ही दुनिया भर में कहीं भी सूचनाओं का आदान प्रदान करना संभव हो सका है। 

इंटरनेट की मदद से चलने वाले तमाम डिवाइस इसके अलावा सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में बड़ा बदलाव आया है।

Information Technology (सूचना प्रधौगिकी)

ऐसे गुप्त जानकारियां या डाटा जिनका सुरक्षित होना अति आवश्यक होता है तथा सही समय और सही व्यक्ति तक सुरक्षित तरीके से जानकारी का आदान-प्रदान करना सूचना प्रौद्योगिकी के कारण बहुत ही सुगम बन गया है। 

बड़े-बड़े व्यवसाय जिनके डाटा बेशकीमती होते हैं, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के जरिए ही तमाम व्यवसायों का संचालन किया जाता है। 

Entertainment Technology (मनोरंजन प्रौधौगिकी)

सभी जरूरी कार्यों के जैसे ही मनोरंजन करना भी आवश्यक होता है। यदि व्यक्ति 24 घंटे बिना रुके किसी रोबोट के जैसे काम करने लगे, तो यह उसके लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। 

ऐसे में मनोरंजन के क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी ने धूम मचाई है। टेलीविजन, वीडियो गेम्स, थियेटर्स, सोशल मीडिया, मोबाइल इत्यादि बहुत सारे इंटरटेनमेंट टेक्नॉलॉजी के साधन हैं।

टेक्नोलॉजी के 10 फायदे Advantages of Technology in Hindi

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं.

मेडिकल टेक्नोलॉजी की सहायता से स्वास्थ्य सुविधाओं में जितने भी सुधार और परिवर्तन आए हैं, उनसे कोई भी अनजान नहीं रहा है। टेक्नोलॉजी की सहायता से जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज संभव हो पाया है।

रोजगार के विभिन्न मार्ग

हर परिवर्तन एक नया अवसर जरूर लाती है। इसी तरह टेक्नोलॉजी में होने वाले नए बदलावों के साथ हजारों प्रकार के रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होते जा रहे हैं।

मनोरंजन का साधन

टेक्नोलॉजी मनोरंजन का एक ऐसा साधन प्रस्तुत करता है, जिससे कभी भी बोरियत नहीं महसूस होती। इस तरह मनोरंजन के क्षेत्र में भी प्रौद्योगिकी के कारण बड़ा परिवर्तन आया है।

संचार माध्यम में सहयोगी

अपने परिचितों के साथ दुनिया के किसी भी देश में बैठकर आसानी से मुलाकात की जा सकती है। कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी हमारे लिए एक वरदान स्वरूप है।

शिक्षा प्रणाली में क्रांति

विकास का पहला चरण ज्ञान होता है। प्रौद्योगिकी ने शिक्षा के क्षेत्र में भी अद्वितीय क्रांति लाई है। यह परिणाम है टेक्नोलॉजी का कि अब शिक्षा के द्वार हर किसी के लिए खुले हैं।

कम लागत और बेहतर परीणाम

यदि निर्माण कार्य का उदाहरण लिया जाए, तो पहले जितने मजदूरों का परिश्रम और अधिक समय व्यर्थ होता था वह टेक्नॉलॉजी अकेले ही कुछ समय के अंदर ही करने की क्षमता रखता है। इससे संसाधनों की बचत तो हो ही रही है, साथ ही कम लागत और बेहतर परिणाम भी मिलते हैं।

यात्रा के लिए सुविधा

जाहिर सी बात है कि टेक्नॉलॉजी ने यात्रा को भी बेहद सरल बना दिया है। पहले ऐसा कुछ नहीं हुआ करता था, लोगों को एक सामान्य दूरी तय करने में कई दिनों का समय लग जाता था। लेकिन अब वही यात्रा अब कुछ घंटों में सिमट गई है।

प्रगति के रूप में होने वाले बदलाव नवीनीकरण का उदाहरण है। यह न केवल कलात्मकता को प्रकट करती है, बल्कि नए अविष्कारों की शोध करने में भी काफी सहायक है। इस तरह टेक्नॉलॉजी के कारण ही नवीनीकरण सुगम बन सका है।

घरेलू कार्यों में सुगमता

यदि घरेलू कार्यों के बात की जाए तो वाशिंग मशीन और दूसरे ऑटोमेटिक क्लीनिंग मशीन्स इत्यादि द्वारा कामों का बोझ थोड़ा कम हो गया है। इसके अलावा भोजन तैयार करने के लिए दूसरी मशीने और आरामदायक उपकरणों के कारण जीवन और भी सुखदायक बन गया है।

पूरी दुनिया में लोगों तक पहुंच

जैसा कि पहले बताया गया कि टेक्नॉलॉजी ने सुविधाओं के अनंत द्वार खोल दिए हैं, जिनसे कुछ भी करना संभव है। यह हजारों मीलो दूर बैठे किसी व्यक्ति तक आपकी पहुंच आसानी से करवा सकता है।

टेक्नोलॉजी के 10 नुकसान Disadvantages of Technology in Hindi

पूर्ण निर्भरता.

किसी भी चीज की अधिकता चाहे भले ही वह अमृत ही क्यों ना हो विष में आसानी से परिवर्तित हो सकती है। इसी तरह टेक्नोलॉजी पर पूर्ण निर्भरता भी अच्छी चीज नहीं है। धीरे-धीरे पूरी दुनिया ही टेक्नोलॉजी पर आश्रित होते जा रही है, जो एक बुरा संकेत है।

घटती रचनात्मकता

हर क्षेत्र और कार्य में जब मशीनों की सहायता ही ली जाएगी, तब भला स्वयं का मस्तिष्क का उपयोग किस तरह होगा। यही कारण है कि लोग अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं करते और मशीनों पर आश्रित होकर अपने कार्यों को पूरा करते हैं। यह धीरे-धीरे आपकी रचनात्मकता नष्ट कर देगी।

डिजिटल अपराध

साइबर बुलिंग, हैकिंग, ट्रॉलिंग, स्टॉकिंग इत्यादि डिजिटल अपराध का एक स्वरूप है, जिसे टेक्नोलॉजी की आड़ में अंजाम दिया जाता है। प्रौद्योगिकी के बढ़ते स्वरूप के साथ ही ऐसे अपराधों में भी बढ़ोतरी हुई है।

प्राकृतिक संसाधनों का अतिशोषण

यह आम बात है कि जितने भी निर्माण कार्य होते हैं, उनमें प्राकृतिक संसाधनों का ही अधिकतम उपयोग होता है। एक तरफ जहां टेक्नॉलॉजी के सहायता से बड़े-बड़े आविष्कार अथवा निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध शोषण हो रहा है।

बेरोजगारी का कारण

यह चिंता का विषय है कि जो कार्य पहले लोगों द्वारा किए जाते थे, वह अब मशीनें कर रही हैं। ऐसे से लोगों के रोजगार का माध्यम भी छिन जाता है। यदि ऐसे ही चलता रहा, तो बेरोजगार का स्तर बहुत ऊंचा चला जाएगा।

स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां

जहां एक तरफ टेक्नॉलॉजी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार किए हैं, वहीं दूसरी ओर इसके कारण ही लोगों में तरह-तरह की बीमारियां भी देखी जा रही है। हानिकारक केमिकल्स, निरंतर स्क्रीन तक पहुंच इत्यादि हजारों ऐसे कारण हैं, जिनसे स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां उत्पन्न हो सकते हैं।

पर्यावरण पर संकट

एसिड रेन , ग्लोबल वार्मिंग इत्यादि जैसी बहुत से ऐसे उदाहरण हैं, जो टेक्नॉलॉजी के कारण उत्पन्न होते हैं। भले ही टेक्नॉलॉजी हमारे लिए वरदान है, लेकिन इसका अंधाधुन उपयोग करने के कारण यह पर्यावरण पर काल की तरह मंडरा रहा है।

सोशल मीडिया के दुष्परिणाम

सोशल मीडिया लोगों के लिए किस तरह उपयोगी है, यह तो सभी जानते हैं। लेकिन इसके दुष्परिणाम भी सभी को पता होना चाहिए। यह टेक्नोलॉजी का ही एक निर्मित स्वरूप है, जिसे यदि अच्छे से इस्तेमाल ना किया जाए तो यह किसी कृतिम आपदा का स्वरूप ले सकती है।

पृथ्वी के विनाश का अंतिम कारण (युद्ध)

जब तक विकसित देशों के पास परमाणु हथियार नहीं थे, तब तक पृथ्वी के नष्ट होने की संभावना थोड़ी कम थी। लेकिन अब सभी देश टेक्नॉलॉजी की सहायता से सशस्त्र हो चुके हैं। टेक्नॉलॉजी इतनी एडवांस हो चुकी है, कि यदि अब बड़े स्तर पर कोई युद्ध होगा तो पूरी पृथ्वी तबाह हो सकती है।

मशीनों के समक्ष लोगों का कम महत्त्व

यह तो सत्य है कि जब से टेक्नॉलॉजी ने अपना विस्तार किया है, तभी से लोगों का महत्व कम हो गया है। क्योंकि यह कम समय में कम लागत में सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्रदान करता है, इसीलिए मजदूरों का रोजगार छिन गया है।

यह केवल एक उदाहरण था, लेकिन इसके अलावा भी ऐसे हजारों कारण हैं, जो यह बताते हैं कि किस तरह दिन-ब-दिन मशीनों का प्रभाव बढ़ रहा है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने प्रौद्योगिकी – टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान (Advantages – Disadvantages of Technology) के विषय में पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

13 thoughts on “प्रौद्योगिकी – टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान Advantages Disadvantages of Technology in Hindi”

This topic is so brilliant. I think I have my goose bums when I read this

nice post on technology

Bhai bhai bhai. Bhout bada halp koya bhai me to tecnology ke pura khilaf hu bhai. I’m not use all of for tecnology items

It helped me a lot.. thanku very much

Very nice essay on transport and communication

Disadvantages of technology easy , help me a lot

very very nice post excellent

Bhut hard essay

Nice points

Nice sir, aaj ham issi topic per speech dene wale hain school me hame ye topic bahut accha laga.

Advantages of technology for dibet thank

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importance of technology in education essay in hindi

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टेक्नोलॉजी पर निबंध – Essay on Technology in Hindi

Essay on Technology in Hindi

टेक्नोलॉजी ने हमारा जीवन इतना आसान बना दिया है और हमें इतनी सुख-सुविधाएं प्रदान की है, जिसके बारे में हम इससे पहले कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे। वहीं टेक्नोलॉजी से न सिर्फ मनुष्य का जीवन स्तर सुधरा है, बल्कि देश-दुनिया के विकास के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं, हालांकि, बढ़ती टेक्नोलॉजी का बुरा प्रभाव वातावरण और मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है।

इसलिए टेक्नोलॉजी का सही तरीके से इस्तेमाल के प्रति जागरूक करने के लिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में टेक्नोलॉजी के विषय पर निबंध ( Essay on Technology) उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

Essay on Technology

आज टेक्नोल़ॉजी ने लोगों के जीवन स्तर पर काफी हद तक सुधार दिया है और देश-दुनिया के विकास को एक नया आयाम प्रदान किया है। इसके अनगिनत फायदों को देखकर अब लोग इसके आदि हो चुके हैं।

वहीं टेक्नोलॉजी से लोगों को अपनी मानसिक क्षमता का आकलन करने में भी मद्द मिली है। वहीं व्यक्ति अथवा देश का विकास सीधे तौर पर टेक्नोलॉजी से ही जुड़ा है।

प्रौद्योगिकी / टेक्नोलॉजी का अर्थ – Technology Meaning

टेक्नोलॉजी से तात्पर्य उन सभी मेथड, सिस्टम अथवा डिवाइसेस से है, जिसका इस्तेमाल विज्ञान की दुनिया में किसी खोज के प्रयोग के लिए किया जाता है। हालांकि, विज्ञान की दुनिया में इसका उपयोग करने के लिए उचित कौशल, ज्ञान और सामर्थ्य की जरूरत होती है।

प्रौद्योगिकी / टेक्नोलॉजी का महत्व – Importance of Technology

आज टेक्नोलॉजी का हर किसी के जीवन में खास महत्व है क्योंकि यह न सिर्फ व्यक्ति के विकास में मद्द करती है, बल्कि देश-दुनिया के विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाती है।

वहीं अगर किसी भी देश की विकास की दर धीमी है तो इसका मतलब साफ है कि उस देश की टेक्नोलॉजी काफी पिछड़ी हुई है। टेक्नोल़ॉजी की मद्द से पिछड़ी हुई औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं की सामाजिक व्यवस्था को भी सुधार लाने में मद्द मिलती है।

आज जिंदगी से संबंधित हर काम टेक्नोलॉजी से जुड़ गया है, जिससे जीवन स्तर में न सिर्फ सुधार हुआ है, बल्कि विकास को एक नई दिशा मिली है।

टेक्नोलॉजी की आर्थिक विकास में भूमिका:

टेक्नोलॉजी और आर्थिक विकास एक-दूसरे के पूरक हैं। आर्थिक विकास की दर को सिर्फ और सिर्फ टेक्नोलॉजी के द्धारा ही बढ़ाया जा सकता है।

टेक्नोलॉजी की मद्द से ही नए-नए उपकरण बनाना और नई खोजें करना संभव हो सका है। इसलिए तकनीकी उन्नति ही आर्थिक प्रगति का मुख्य आधार है।

जाहिर है कि विकसित देश इसलिए संपन्न हैं, क्योंकि वहां की उन्नत टेक्नोलॉजी ने उन्हें विकास के नए आयाम प्रदान किए हैं और आर्थिक दर को बढ़ाने में मद्द की है।

विज्ञान और टेक्नोलॉजी – Science And Technology

विज्ञान और टेक्नोलॉजी एक-दूसरे के पूरक है, अथवा उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल कर ही आज विज्ञान नई-नई खोजें कर रहा है और विकास की दर को बढ़ाने में मद्द कर रहा है। वहीं आज का युग विज्ञान और तकनीकी का युग है, जिसमें मानव जीवन पूरी तरह विज्ञान और टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो चुका है।

आज टेक्नोलॉजी और विज्ञान की मद्द से ही इंसान समुद्र की गहराइयों से लेकर आसमान की ऊंचाई तक को माप सकता है। यही नहीं विज्ञान और तकनीकी ने इंसान की पहुंच अंतरिक्ष तक बना दी है।

निष्कर्ष –

टेक्नोलॉजी ने आज मानव जीवन को जितना आसान बना दिया और देश -दुनिया की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपना पूर्ण रुप से सहयोग दिया है तो वहीं दूसरी तरफ टेक्नोलॉजी के इस बढ़ते इस्तेमाल ने मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है, इसलिए हम सभी को जरूरत के वक्त ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए।

टेक्नोलॉजी पर निबंध – Technology Par Nibandh

प्रस्तावना-

आज का युग विज्ञान और तकनीकी का युग है। आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां टेक्नोलॉजी और आधुनिक उपकरणों का इ्स्तेमाल नहीं किया जा रहा है क्योंकि टेक्नोलॉजी ने न सिर्फ मानव जीवन को विकास की नई गति प्रदान की है, बल्कि उसे सफलता की नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया।

टेक्नोलॉजी के फायदे – Benefits of Technology

टेक्नोलॉजी के फायदे ही फायदे हैं, यही वजह है कि आज का इंसान इसका आदि हो चुका है। आज ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जहां टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

टेक्नोलॉजी ने स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन, व्यापार, पर्यटन, यातायात, कृषि आदि क्षेत्रों के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी अदा की है।

इसकी वजह से कई ऐसे उपकरण और साधनों का इजाद किया गया है, जिससे मानव जीवन बेहद आसान हो गया है तो वहीं आज मनुष्य घर पर बैठे-बैठे ही देश-दुनिया के किसी भी कोने का हाल कुछ ही सैकेंड्स में जान सकता है। टेक्नोलॉजी के कुछ फायदे इस प्रकार हैं –

औद्योगिक उत्पादन में बढ़़ोतरी:

टेक्नोलॉजी से कई ऐसी मशीनें, सॉफ्टवेयर अथवा उपकरण बनाए गए हैं, जिससे माल बनाने की प्रक्रिया में तेजी आई है और औद्योगिक उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई है।

खाद्य उत्पादन में बढ़ोतरी:

टेक्नोलॉजी की मद्द से कृषि के क्षेत्र में कई ऐसे उपकरण बनाए गए हैं, जिससे सिंचाई व्यवस्था और खेती में सुधार हुआ, जिससे खाद्य उत्पादन में वृद्धि हुई है।

कृषि की स्थिति में सुधार:

टेक्नोलॉजी ने कृषि के क्षेत्र को विकास की एक नई गति दी है, आज खेती में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर अच्छी पैदावर की जा रही है। वहीं कई ट्रैक्टर समेत कई ऐसे उपकरण बनाए गए हैं, जिसने खेती करना आसान हो गया है।

व्यापार में विकास:

टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से व्यापार में अभूतपूर्व विकास हुआ है। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर कई ऐसी मशीने बनाईं गईं हैं, जिससे शारीरिक क्षम बेहद कम हो गया है, और उत्पादन में वृद्धि हुई है।

टेक्नोलॉजी की माध्यम से माल-खरीदना बेचना अथवा ग्राहकों तक पहुंचाना आसान हो गया, साथ ही कैलकुलेटर, कम्यूटर आदि की सहायता से गणना करना अथवा लेन-देन का रिकॉर्ड रखना भी आसान हो गया है।

शिक्षा का स्तर सुधरा:

आधुनिक एवं मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर बच्चों को स्मार्ट क्लासेस में पढ़ाया जाने लगा है, यही नहीं बच्चे अब कंप्यूटर और इंटरनेट की मद्द से किसी भी विषय की जानकारी हासिल कर सकते है, इसके साथ ही घर बैठे-बैठे ही ई-लेक्चर, अथवा ई-रीडिंग कर सकते हैं।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव:

आधुनिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से चिकित्सा के क्षेत्र में कई गंभीर बीमारियों की इलाज ढूंढ लिया गया है, वहीं कई ऐसे चिकित्सक यंत्र बनाए गए हैं, जिसकी सहायता से मनुष्य के शरीर से संबंधित हर चीज का पता आसानी से लगाया जा सकता है।

अर्थात, टेक्नोलॉजी ने चिकित्सा को विकास की नई दिशा प्रदान की है।

यातायात में आसानी:

टेक्नोलॉजी के माध्यम से ही आज घंटों की दूरी मिनटों में तय की जाने लगी है। अब दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचना बेहद आसान हो गया है।

टेक्नोलॉजी की माध्यम से ही आज मनुष्य हेलीकॉप्टर, हवाईजहाज, ट्रेन, बस, गाड़ी आदि का लाभ ले रहे हैं।

संचार के क्षेत्र में विकास:

टेक्नोलॉजी के माध्यम से ही आज संसार के किसी भी कोने में बैठे शख्स से न सिर्फ बात कर सकते हैं, बल्कि सैंकेडों में अंतरिक्ष में भी अपना संदेश भेज सकते हैं।

जीवन स्तर में सुधार:

टेक्नोलॉजी से टीवी, फ्रिज, एसी, कूलर, गाड़ी, वाशिंग मशीन, कंप्यूटर, इंटरनेट समेत कई ऐसी सुख-सुविधाएं प्रदान की हैं, जिससे न सिर्फ मनुष्य का जीवन बेहद आसान हो गया है, बल्कि उसके रहन-सहन और खान-पान का स्तर भी सुधरा है।

मनोरंजन के क्षेत्र में योगदान:

टेक्नोलॉजी के माध्यम से आज मनोरंजन जगत को एक नई पहचान मिल गई है। आज हम टीवी में प्रोग्राम देख सकते हैं, म्यूजिक सुन सकते हैं और वीडियो देख सकते हैं।

टेक्नोलॉजी के नुकसान – Disadvantages of Technology

टेक्नोलॉजी से एक तरफ जहां कई सारे फायदे हैं, तो दूसरी तरफ कई नुकसान भी हैं। जो कि इस प्रकार हैं-

प्रदूषण का स्तर बढ़ा:

टेक्नोलॉजी से औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला है, तो वहीं दूसरी तरफ उद्योगों से निकलने वाली दूषित गैसें पर्यावरण के संतुलन को बुरी तरह प बिगाड़ रही हैं और प्रदूषण को बढ़ावा दे रही हैं।

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ी:

विज्ञान और टेक्नोलॉजी की मद्द से बनाए गए तमाम आधुनिक संसाधन जैसे एसी, वाहनों आदि के इस्तेमाल और फैक्ट्रियों से निकलने वाला जहरीला धुआं से पर्यावरण के संतुलन को बिगाड़़ रहा है, जिससे धरती का तापमान बढ़ रहा है, और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पैदा हो रही है।

समय की बर्बादी:

मॉडर्न टेक्नोलॉजी ने कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल, टीवी आदि ऐसे उपकरण प्रदान किए हैं, जिसका इस्तेमाल अब इंसान जरूरत के लिए नहीं बल्कि मनोरंजन के लिए करने लगा है, जिससे अनावश्यक समय की बर्बादी होती है।

टेक्नोलॉजी पर निर्भर मनुष्य आलसी बन रहा है:

टेक्नोलॉजी के माध्यम से अब घर बैठे-बैठे ही दुनिया की सभी चीजों को इंटरनेट एवं तमाम आधुनिक उपकरण के माध्यम से करना संभव हो गया है, जिससे मनुष्य में आलसीपन बढ़ रहा है।

क्राइम रेट में बढ़ोतरी:

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लोग गलत तरीके से भी कर रहे हैं, इंटरनेट के माध्यम से कई गलत अफवाह फैलाकर संप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे दंगे – फसाद आदि हो रहे हैं। इसके अलावा कई परमाणु, बिस्पोटक आदि का निर्माण किया जा रहा है, जिससे आतंकी हमलों को भी बढ़ावा मिला है।

बढ़ती टेक्नोलॉजी से स्वास्थ्य पर प्रभाव:

आज का मनुष्य टेक्नोलॉजी का इतना आदि हो चुका है कि, घंटों मोबाइल फोन पर बातें करता है, कंप्यूटर, टीवी आदि पर गेम खेलता है, जिससे उसकी आंखों पर तो बुरा असर पड़ता है साथ ही कई तरह की बीमारियों का भी शिकार हो रहा है।

एक तरफ टेक्नोलॉजी ने जहां देश-दुनिया को तरक्की का नया आयाम प्रदान किया है और मानव जीवन को विकास की एक नई दिशा दी है,तो दूसरी तरफ यह मानव के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद खतरनाक है, इसलिए हम सभी को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बेहद जरूरत के वक्त ही करना चाहिए।

  • Who Invented the Telephone
  • Who Invented Television
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  • Essay on Internet

Note: Hope you find this post about ”Essay on Technology in Hindi” useful. if you like this articles please share on Facebook & Whatsapp.

2 thoughts on “टेक्नोलॉजी पर निबंध – Essay on Technology in Hindi”

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It is so useful for me.I have to give a speech in my school about this topic so thank.

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Thanks for these great artical Really easy to understand

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शैक्षिक तकनीकी का अर्थ, विशेषताएं, प्रकृति एवं क्षेत्र | Educational Technology in Hindi

शैक्षिक तकनीकी का अर्थ (meaning of educational technology).

‘ एजुकेशनल टेक्नॉलॉजी ’ (Educational Technology) शब्द, दो शब्दों से मिलकर बना है- एक, ‘ एजुकेशन ’ और दूसरा, ‘ टेक्नॉलॉजी ’। एजुकेशन का अर्थ है शिक्षा देना, पढ़ाना या प्रशिक्षित करना। अतः जब शिक्षक अपने शिक्षण को प्रभावशाली बनाने के लिए विभिन्न तकनीकी साधनों की मदद लेता है जिससे शिक्षण एवं अधिगम दोनों प्रभावित होते हैं तो उसे शिक्षण तकनीकी कहा जाता है।

शिक्षा से तात्पर्य बालक के व्यवहार में वांछित परिवर्तन लाना है। शिक्षा से बालक की मूलप्रवृत्तियाँ परिमार्जित होती हैं। मूलप्रवृत्तियों के परिमार्जन में मनोविज्ञान, तकनीकी तथा विज्ञान अपना प्रभावपूर्ण योगदान शिक्षा के क्षेत्र में प्रदान करता है। अतः शिक्षा स्वयं में एक आत्मनिर्भर (Independent) प्रत्यय नहीं है वरन् यह तकनीकी विज्ञान से सम्बन्धित है। वैज्ञानिक व्यवस्थाओं तथा प्रविधियों का प्रयोगात्मक रूप ही तकनीकी या तकनीकी विज्ञान है। आज विज्ञान के युग में वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकी अविष्कारों ने मानव जीवन के हर पक्ष को प्रभावित किया है जिनसे शिक्षा, शिक्षण तथा अधिगम भी बहुत प्रभावित हुए हैं। शैक्षिक तकनीक में मुख्यतः दो बिंदु निहित है।

  • शिक्षण उद्देश्यों की प्राप्ति करना
  • शिक्षण की क्रियाओं का यंत्रीकरण करना।

शैक्षिक तकनीकी की अवधारणा (Concept Of Educational Technology)

आज के युग में मानव जीवन का प्रत्येक पक्ष वैज्ञानिक खोज तथा अविष्कारों से प्रभावित है। शिक्षा का क्षेत्र भी इसके प्रभाव से मुक्त नहीं रह सका है। रेडियो, टेप रिकॉर्डर, टेलीविजन, प्रोजेक्टर, कंप्यूटर आदि का बढ़ता हुआ उपयोग शिक्षा को तकनीकी के निकट लाता जा रहा है। शिक्षा शास्त्र का कोई भी अंग चाहे वह विधियों-प्रविधियों का हो, चाहे उद्देश्यों का हो, चाहे शिक्षा प्रक्रिया का हो, चाहे शोध का हो बिना तकनीकी के अपंग सा महसूस होता है। तकनीकी विज्ञान इतना समृद्ध और शक्तिशाली होता जा रहा है कि बिना इसके अध्ययन किए छात्राध्यापकों का शिक्षण संबंधी ज्ञान या उनके परीक्षण तथा प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान और कौशल अधूरे रह जाते हैं। शैक्षिक तकनीकी ने शिक्षा के क्षेत्र में पुरानी अवधारणाओं में आधुनिक संदर्भ के साथ अभूतपूर्व क्रांतिकारी परिवर्तन कर उन्हें एक नवीन स्वरूप प्रदान किया है।

शिक्षा में तकनीकी का इस्तमाल तो होना ही चाहिए इसमें कोई शंक़ा नहीं है लेकिन इसके साथ में आपको टाइम टेबल की भी काफ़ी ज़्यादा ज़रूरत पड़ सकती है। बहुत से छात्रों को ये ही नहीं पता की टाइम टेबल कैसे बनाएं ? टाइम टेबल के होने से आपका कार्य बहुत ही आसान हो जाता है और आपकी दक्षता भी बढ़ जाती है।

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Educational technology and ict, शैक्षिक तकनीकी की परिभाषाएँ (definition of educational technology).

1. डॉ. एस. एस. कुलकर्णी के अनुसार , “शैक्षिक तकनीकी उन सभी प्रणालियों, विधियों एवं माध्यमों का विज्ञान है जिसके द्वारा शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सकती है।”

2. जे. पी. डिसिको के अनुसार , “शैक्षिक तकनीकी व्यावहारिक शिक्षण की समस्याओं में अधिगम मनोविज्ञान के विस्तृत प्रयोग का एक रूप है।” 

3. बी. एफ. स्किनर के अनुसार , “शिक्षण तकनीकी वह शास्त्र है जो शिक्षा की प्रभावशीलता में वृद्धि करता है तथा संपूर्ण शिक्षण प्रक्रिया के अपेक्षाकृत अधिक समुन्नत करता है।” 

4. आई. के. डेविस के अनुसार , “शैक्षिक तकनीकी का संबंध शैक्षिक और प्रशिक्षण के संदर्भ में समस्याओं से होता है और उसमें अधिगम के स्रोतों के संगठन में अनुशासित और प्रणाली उपागम के प्रयोग की क्षमता विशेष होती है।”

शैक्षिक तकनीकी के उद्देश्य (Objectives of Educational Technology)

शैक्षिक तकनीकी के उद्देश्य शैक्षिक तकनीकी के उद्देश्य निम्न प्रकार हैं-

  • पाठ्यवस्तु का विश्लेषण करना जिससे उसके तत्वों अथवा घटकों को क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित किया जा सके.
  • विद्यार्थियों की उपलब्धियों को निर्धारित उद्देश्यों के संबंध में मूल्यांकन कर शिक्षण में सुधार लाना.
  • पुनर्बलन की प्रविधियों का चयन करना तथा उनका प्रयोग करना.
  • शिक्षण को सरल, स्पष्ट, रुचिकर, वैज्ञानिक, वस्तुनिष्ट, बोधगम्य एवं प्रभाव उत्पादक बनाना.
  • ज्ञान का संचय, विकास एवं प्रसार करना.
  • शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में अपेक्षित सुधार लाना.
  • शिक्षकों में शिक्षण कौशलों का विकास कर उनकी योग्यता एवं क्षमताओं में वृद्धि करना.
  • शिक्षण के उद्देश्यों का निर्धारण करना जिससे शिक्षण तथा जांच में सुगमता हो सके.
  • छात्रों के गुणों, क्षमताओं, उपलब्धियों एवं कौशलों का विश्लेषण करना.
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  • Over Head Projector (OHP) in hindi

शैक्षिक तकनीकी की विशेषताएं (Characteristics of Educational Technology)

उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर शैक्षिक तकनीकों की निम्न विशेषताएं हैं-

  • शैक्षिक तकनीकों का उद्देश्य शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का विकास करना है।
  • शैक्षिक तकनीकी शिक्षा से विज्ञान एवं तकनीकी का अनुप्रयोग है।
  • शैक्षिक तकनीकी समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, भाषा, भौतिक विज्ञान इत्यादि का उपयोग करती है।
  • शैक्षिक तकनीकी को शैक्षिक साधनों (रेडियो, टेपरिकार्डर, दूरदर्शन) के साथ मिलाया नहीं जा सकता। यह तो एक अभिगमन है।
  • शैक्षिक तकनीकी में विज्ञान के व्यावहारिक पक्ष पर बल दिया जाता है।
  • यह निरन्तर प्रयोगात्मक एवं विकासशील विषय है।
  • यह वातावरण संसाधनों, विधियों के नियन्त्रण द्वारा अधिगम प्रक्रिया को सरल बनाती है।
  • इसमे शिक्षा के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये अधिगम दशाओं का संगठन शामिल होता है।
  • शैक्षिक तकनीकी का सम्बन्ध शिक्षा की समस्याओं उनके विश्लेषण, निराकरण से होता है।
  • शैक्षिक तकनीकी शिक्षण को सरल, स्पष्ट, रुचिकर, बोधगम्य एवं प्रभावशाली बनाती हैं।
  • शैक्षिक तकनीकी शिक्षण की विभिन्न विधियों प्रविधियों युक्तियों का विकास पर शिक्षा को छात्र केन्द्रित बनाने में योगदान देती है।
  • शैक्षिक तकनीकी के द्वारा शिक्षा के तीनों प्रकार के उद्देश्यों की प्राप्ति सम्भव हो पाती है।

शैक्षिक तकनीकी की प्रकृति (Nature of Educational Technology)

  • शैक्षिक तकनीकी शिक्षा को दूर-दराज के इलाकों में फैलाने में सहायता देती है।
  • यह शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अधिगम की परिस्थितियों में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन लाने में सहायक है।
  • शैक्षिक तकनीकी स्वयं से सीखने को बढ़ावा देती है।
  • शैक्षिक तकनीकी अधिगम की प्रक्रिया को अधिक सरल और सशक्त बनाती है।
  • शैक्षिक तकनीकी के विकास के फल स्वरुप शिक्षण में नवीन शिक्षण विधियों तथा नवीन शिक्षण तकनीकी का विकास हुआ है।
  • शैक्षिक तकनीकी शिक्षा पर विज्ञान तथा तकनीकी के प्रभाव को प्रदर्शित करती है।
  • शैक्षिक तकनीकी निरंतर विकसित होती रहती है इसमें शिक्षक छात्र तथा तकनीकी प्रक्रियाएँ है जो एक साथ मिलकर काम करते हैं।
  • शैक्षिक तकनीकी का उद्देश्य सीखने सिखाने की प्रक्रिया को विकसित करना है।
  • यह मनोविज्ञान, इंजीनियरिंग आदि विज्ञानों के नियम से सहायता लेती है।
  • इसमें क्रमबद्ध उपागम को प्रधानता दी जाती है।

शैक्षिक तकनीकी का क्षेत्र (Scope of Educational Technology)

शैक्षिक तकनीकी का क्षेत्र इसकी अवधारणा के अनुरूप है। यदि हम शैक्षिक तकनीकी को श्रव्य-दृश्य साधनों के रूप में लेते हैं तो इसका क्षेत्र, शिक्षा में केवल श्रव्य-दृश्य साधनों तक ही सीमित रहता है। यदि शैक्षिक तकनीकी का तात्पर्य हम अभिक्रमित अध्ययन लेते हैं तो इसके क्षेत्र में अभिक्रमित-अधिगम अध्ययन सामग्री ही आती है। यदि शैक्षिक तकनीकी का अर्थ हम व्यवस्था उपागम के रूप में लेते हैं तो इसका क्षेत्र काफी बढ़ जाता है। डैरक रौन्ट्रा ने इसके निम्नांकित क्षेत्र बताये हैं-

  • अधिगम के लक्ष्य तथा उद्देश्य चिन्हित करना।
  • अधिगम वातावरण का नियोजन करना।
  • विषय-वस्तु की खोज करना तथा उन्हें संरचित (Structuring) करना।
  • उपयुक्त शिक्षण व्यूह रचनाओं (Teaching Strategies) तथा अधिगम संचार (Learning Media) का चयन करना।
  • अधिगम व्यवस्था की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना।
  • भविष्य में प्रभावशीलता बढ़ाने के लिये मूल्यांकन के आधार पर वांछित सूझ-बूझ प्राप्त करना।

शैक्षिक तकनीकी को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Influencing Educational Technology)

किसी भी राष्ट्र में शैक्षिक तकनीकी का विकास अनेक कारकों पर निर्भर रहता है। इन कारकों का संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित है-

शैक्षिक तकनीकी का अर्थ

1. राजनैतिक कारक (Political Factors)— राजनैतिक कारकों से तात्पर्य है वे कारक जो राष्ट्र की राजनीतिक परिस्थितियों, राजनीतिक नीतियों तथा वैज्ञानिक अन्वेषणों एवं राजनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति से सम्बन्धित होते हैं। यदि शासन करने वाली पार्टी को लगता है कि किन्हीं तकनीकी विशेष के प्रयोग से उन्हें ज्यादा लाभ सम्भव है तो वह उनके विकास के लिये भरपूर प्रयास करेगी। टेलीविजन तथा दूरसंचार के क्षेत्र में छुपे अभिनव प्रयोगों में तथा उनके प्रचार-प्रसार में राजनीतिक कारकों का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हाथ रहा है।

2. मनोवैज्ञानिक कारक (Psychological Factors)— मनोवैज्ञानिक कारकों के अन्तर्गत शिक्षकों, छात्रों तथा शिक्षालयों की रुचि, स्तर, प्रवृत्तियों आदि का समावेशन होता है। शिक्षकों की अभिप्रेरणा, सीखने-सिखाने की इच्छा-शक्ति, ध्यान एवं रुचि आदि का प्रभाव मनोवैज्ञानिक कारकों के अन्तर्गत समावेशित होते हैं।

3. शैक्षिक कारक (Educational Factors)— शैक्षिक कारकों में शिक्षकों की शिक्षा एवं प्रशिक्षण मुख्य कारक हैं। यदि शिक्षकों को शैक्षिक तकनीकी के क्षेत्र में उचित स्तर का सुनियोजित प्रशिक्षण प्रदान किया जाये तो ये शिक्षक शैक्षिक तकनीकी के विकास में मील के पत्थर सिद्ध हो सकते हैं। ये शिक्षक शैक्षिक तकनीकी के विभिन्न उपागमों का प्रयोग करने के लिये प्रयोगशाला का कार्य करने में सक्षम हो सकते हैं।

4. आर्थिक कारक (Economic Factors)— शैक्षिक तकनीकी के विकास में आर्थिक कारक भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। किसी भी प्रयोग, अन्वेषण तथा खोज की रीढ़ ‘धन’ होता है। बिना समुचित धन के किसी भी तकनीकी का विकास, प्रसार तथा प्रशिक्षण सम्भव नहीं। शैक्षिक तकनीकी में श्रव्य-दृश्य साधनों तथा अन्य उपकरणों के लिये तथा शैक्षिक तकनीकी की प्रयोगशाला निर्माण करने के लिये भी आर्थिक अनुदान चाहिये। बिना अर्थ के न तो उपकरण खरीदे जा सकते हैं और न ही प्रयोग हो सकते हैं और न ही किसी प्रकार के परिष्करण व अन्वेषण का कार्य सम्भव है।

5. सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक (Social and Cultural Factors)— समाज एवं संस्कृति शिक्षा का दर्पण है। जैसा समाज होगा, जैसी संस्कृति होगी वैसी ही वहाँ की शिक्षा होगी। यदि समाज में शैक्षिक तकनीकी के प्रति जागरूकता है, वांछित नेतृत्व का बोलबाला है तथा संस्कृति की नस-नस में तकनीकी का प्रभाव दृष्टिगोचर होता है तो निःसंदेह शैक्षिक-तकनीकी के क्षेत्र में भी भविष्य उज्ज्वल रहेगा।

शैक्षिक तकनीकी की सीमाएँ (Limitation Of Educational Technology)

  • यह ज्ञानात्मक क्षेत्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रही है लेकिन भावात्मक एवं क्रियात्मक क्षेत्र में योगदान सीमित ही है।
  • इसके प्रारंभिक प्रयोग में अतिरिक्त धन की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार के उपकरण एवं सामग्री खरीदनी पड़ती है।
  • इसके प्रयोग के लिए विशेष प्रकार के शिक्षण की आवश्यकता होती है।
  • इसके माध्यम से सभी प्रकार के समस्याओं का समाधान करना संभव नहीं होता है।
  • शैक्षिक तकनीकी कठोर शिल्प की मशीनों के निर्माण से संबंधित नहीं है।
  • शैक्षिक तकनीकी इंजीनियरिंग की तकनीकी शिक्षा नहीं है।

शैक्षिक तकनीकी की उपयोगिता (Utility of Educational Technology)

शैक्षिक तकनीकी की उपयोगिता आज दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। विश्व का प्रत्येक देश इसे अपना रहा है। कोठारी कमीशन (1966) ने अपनी एक टिप्पणी में कहा है, पिछले कुछ सालों में भारत के विद्यालयों में कक्षा-अध्ययन को फिर से जीवन-दान देने या उसे अनुप्रमाणित करने की प्रविधियों पर काफी ध्यान दिया गया है। बुनियादी शिक्षा का पहला उद्देश्य प्राइमरी स्कूलों के सारे जीवन और कार्य-कलापों में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाना एवं बच्चे के मन, शरीर तथा आत्मा का सर्वोत्तम तथा सर्वांगीण विकास करना था। इस दृष्टि से भी शैक्षिक तकनीकी का अपना महत्त्व स्वयंसिद्ध है।

1. शिक्षक के लिए उपयोगिता:- शैक्षिक तकनीको पर शिक्षक का पूर्ण अधिकार होता है। यदि शिक्षक, शैक्षिक तकनीकी का ज्ञान प्राप्त कर उसे व्यवहार में लाता है तो वह अपने छात्रों के व्यवहार का अध्ययन भली-भाँति कर सकता है। शैक्षिक तकनीकी शिक्षक को शिक्षण व्यूह रचनाओं के ज्ञान के साथ-साथ व्यवहार अध्ययन और व्यवहार सुधार की प्रणालियों से भी अवगत कराती है तथा वैज्ञानिकता का ज्ञान प्रदान करती हैं। शैक्षिक तकनीकी शिक्षक को यह बताने में सहायता प्रदान करती है कि किस समय किस प्रकरण को स्पष्ट करने के लिए कौन सी दृश्य-श्रव्य सामग्री का प्रयोग किया जाये, रेडियो, टेलीविजन का उपयोग कर किस प्रकार से रेडियोविजन तथा कैसेट विजन का प्रयोग किया जाये तथा छात्रो की अध्ययन गति से अनुसार, उनके लिए कैसे अभिक्रमित अध्ययन सामग्री तैयार की जाये। माइक्रो टीचिंग, मिनी टीचिंग, समिलेटेड टीचिंग आदि नवीन विधियों का प्रयोग करने के लिए शैक्षिक तकनीकी शिक्षक का उचित मार्ग प्रदर्शन करती है।

2. प्रणाली उपागम का उपयोग:- शैक्षिक प्रशासन तथा प्रबन्ध से सम्बन्धित अनेक समस्याये शिक्षक के सामने आती हैं जिनका अध्ययन करने के लिए शिक्षक प्रणाली उपागम का प्रयोग कर सकता है। शिक्षक का कार्य किसी भी प्रकार का हो जैसे पाठ योजना बनाने का शिक्षण बेन्दुओं के चयन का या अन्य कोई कार्य हो वह शैक्षिक तकनीकी के बिना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकता है। उसे निरन्तर शैक्षिक तकनीकी की सहायता लेनी पड़ेगी। आधुनिक तकनीकी युग में शिक्षकों में शैक्षिक तकनीकी की इस कारण भी आवश्यकता पड़ती है ताकि वह छात्रों के जीवन में शिक्षा के उद्देश्य तथा मनोविज्ञान की खामियो का अध्ययन करा सकें। छात्रों के व्यक्तित्व की भिन्नताओं को ध्यान में रखकर शिक्षक अभिक्रमित अनुदेशन का उपयोग करता है। अतः आधुनिक तकनीकी युग में शिक्षकों को शैक्षिक तकनीकी की अत्यन्त आवश्यकता है।

3. अधिगम के क्षेत्र में उपयोगिता:- शैक्षिक तकनीकी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली और सार्थक बनाने में योगदान देती है। जिससे शिक्षा को एक अर्थपूर्ण दिशा की ओर ले जाया जा सकता है। अधिगम के क्षेत्र में शैक्षिक तकनीकों की उपयोगिता विशेष रूप से सिद्ध हो रही है। शैक्षिक तकनीकी द्वारा शिक्षण तथा प्रशिक्षण की प्रभावपूर्ण विधियों तथा सिद्धान्तों की जानकारी प्राप्त होती है। इस क्षेत्र में शैक्षिक तकनीकी छात्रों को उनकी शिक्षण क्षमता के अनुसार ही ज्ञान कराती है। यह शिक्षण तथा प्रशिक्षण इन दोनों ही प्रक्रिया का वैज्ञानिक विवेचन करती है। सीखने के नये प्रतिमान, शैक्षिक तकनीकी की ही देन हैं। अत: हम कह सकते हैं कि शैक्षिक तकनीकी शिक्षण तथा प्रशिक्षण की प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाने में सहायक है।

4. समाज के लिए उपयोगिता:- आधुनिक समय में जनसाधारण के पास रेडियो, ट्रांजिस्टर, टेप रिकॉर्डर, टेलीविजन आदि की सुविधायें है। शैक्षिक तकनीकी के द्वारा इनका प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में किया जा रहा है। अतः कहा जा सकता है कि शैक्षिक तकनीकी आज के तकनीकी युग में शिक्षक की उपादेयता बढ़ाती है तथा जनसाधारण के ज्ञानात्मक, प्रभावात्मक तथा मनोगत्यात्मक पक्षों का विकास करती है। शैक्षिक तकनीकी समाज के लिए ज्ञान के संचयन प्रचार प्रसार तथा विकास के लिए अत्यन्त उपयोगी है। शैक्षिक तकनीकी के द्वारा किसी शिक्षक नेता या समाज सुधारक को ज्ञान तथा कौशल को टेलीविजन, रेडियो तथा अभिभाषण आदि के द्वारा समाज के प्रत्येक भाग में सरलता से पहुंचाया जा सकता है। अत: इसको उपयोगिता समाज के लिए महत्त्वपूर्ण है।

शैक्षिक तकनीकी का प्रयोग शिक्षक को अनेक त्रुटियों से बचाता है। इस सन्दर्भ में गैरीसन का कथन निम्नलिखित है " यदि हम तकनीशियन हैं तो पहले से हो हमको जानकारी हो जाती है कि अमुक विधियाँ गलत होंगी। अतएव हमें त्रुटियों से बचाती हैं और मानवीय प्रेरकों का स्पष्टीकरण करती हैं। इस प्रकार व्यक्ति तथा समूह की समझ को प्राप्त करना सम्भव हो जाता है। "

शैक्षिक तकनीकी आज के तकनीकी युग में शिक्षक की उपादेयता बढ़ाती है, छात्रों व छात्राध्यापकों को प्रभावशाली विधि से सिखाती है और समाज के लिए ज्ञान के संचयन, प्रचार, प्रसार तथा विकास के लिए अत्यन्त उपयोगी है। शैक्षिक तकनीकी के माध्यम से एक प्रभावशाली शिक्षक, नेता या समाज-सुधारक के ज्ञान तथा कौशल का उपयोग, टेलीविजन, टेप तथा रेडियो, अभिभाषण आदि के द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग तथा प्रत्येक भाग तक सरलता से पहुँचाया जा सकता है।

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तकनीकी शिक्षा का महत्व निबंध। Essay on Technical Education in Hindi

तकनीकी शिक्षा का महत्व निबंध। Essay on Technical Education in Hindi : जो शिक्षा विशेष व्यावहारिक ज्ञान और कौशल प्रदान करती है, उसे तकनीकी शिक्षा के रूप में जाना जाता है। यह सामान्य पारंपरिक शिक्षा से अलग है। यह छात्रों को कृषि, कम्प्यूटर, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, ड्राइविंग आदि क्षेत्रों में कुशल बनाती देती है। जो लोग विशेष तकनीकी कौशल और ज्ञान रखते हैं, उन्हें तकनीशियन कहा जाता है। बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए तकनीकी शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। कुशल लोग बेरोजगार नहीं हो सकते। यदि वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू करते हैं, तो वे अन्य शिक्षित लोगों को नौकरी के अवसर प्रदान कर सकते हैं। इस प्रकार तकनीकी शिक्षा हमें बेरोजगारी की समस्या की गंभीरता को कम करने में मदद करती है।

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टेक्नोलॉजी पर निबंध सरल भाषा में – Essay on Technology in Hindi

जब हमलोग छोटे होते है तो अपने दोस्तों के साथ जाएदा मस्ती करते है और जो भी स्कूल में होम वर्क दिया जाता है वो अपने दोस्तों के साथ मिल जुलकर होमवर्क कर लेते है कई बार एशा होता है की हमलोग अपना होमवर्क नहीं कर पाते है क्यूंकि हमलोग जानते नहीं है खेर अगर आपको टेक्नोलॉजी पर निबंध सरल भाषा में (Essay On Technology In Hindi) लिखने के लिए मिलता है तो आपको में Technology par nibandh 1500 words point wise में लिखकर बताऊंगा जिससे आपको हेल्प मिलेगी और आप अपने स्कूल में बहेतर मार्क्स लाएंगे।

आज हमारे जिंदगी में हर एक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है। आज हम बिना टेक्नोलॉजी के एक पल नहीं रह सकते।टेक्नोलॉजी ने हमारी जिंदगी को बहुत ही आसान बना दिया है। आज पढ़ाई से लेकर घर के हर एक शाम तक में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है।

Essay on Technology in Hindi

आज से 100 साल पहले हमारी जिंदगी में टेक्नोलॉजी का उतना असर नहीं थी। पर जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास हुआ इसमें हमारी जिंदगी को बदल कर रख दिया। आज हम अपने बहुत ही बड़े बड़े काम को बहुत आसानी से टेक्नोलॉजी की मदद कर सकते हैं जैसे कि आज हम घर बैठे ही मोबाइल फोन के द्वारा विश्व के किसी भी कोने की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं विश्व में भी लोग से बात कर सकते हैं यह सारे चमत्कार टेक्नोलॉजी के कारण हुई है।

आज कपड़े बर्तन धोने के लिए भी हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। Technology ने हमारी जिंदगी को एक नया आयाम दिया है हमारे समय को बचाया है यह साथ ही साथ हर एक काम को करने में बहुत ही सहूलियत प्रदान की। आज घर बैठे ही पढ़ाई कर सकते हैं, घर बैठे ही बैंक के सारे कामों को कर सकते हैं यह सारे काम हम कंप्यूटर मोबाइल फोन के द्वारा करते हैं और यह मोबाइल फोन और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का देन है।

आए दिन जैसे जैसे विज्ञान का विकास होगा टेक्नोलॉजी का विकास भी वैसे ही हो रहा है जैसे कि इलेक्ट्रिक कार, self driving car, smart television, VR,mobile, automatic house appliance, robots, artificial intelligence, bullet train, hydro power, solar power.

देश के विकास में टेक्नोलॉजी का महत्व (Importance of Technology in Hindi)

जिस देश में जितनी अच्छी टेक्नोलॉजी है उस देश को उतना ही विकसित माना जाता है आज किसी देश विकास को हम उसके टेक्नोलॉजी से भी मापते हैं। टेक्नोलॉजी ने हमारे देश की रक्षा पर भी बहुत अहम भूमिका निभाई है आज देश के पास बहुत से ऐसे हथियार हैं जिससे उनकी देश की रक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। शहर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं जिससे लोगों की जान माल की सुरक्षा की जाती है और शहर पर निगरानी की जाती है।

टेक्नोलॉजी ने हमारे आर्थिक विकास को भी पंख दिए हैं Technology के कारण हमारे बहुत सारे प्रोद्योगिकी के काम हो जाते हैं। आज बहुत सी फैक्ट्री में रोबोट का उपयोग किया जा रहा है जो कि ट्रैक्टर के उत्पादन को बढ़ाता है और कामों को बहुत आसानी से करता है। जिस काम को मनुष्य नहीं कर सकते हैं उस काम को टेक्नोलॉजी के द्वारा करते हैं। आज हम स्पेस टेक्नोलॉजी के द्वारा अंतरिक्ष में खोज कर रहे हैं.

Technology ने हमें अपने धरती तक ही सीमित नहीं रखा उसने हमें और भी बहुत कुछ सीखने का मौका दिया है।  कोई भी देश अभी अपनी अधिकतर खर्च अपने देश के टेक्नोलॉजी को विकास करने में  लगा रही है क्योंकि जितनी अच्छी और नई टेक्नोलॉजी उनके देश में होगी उनके देश का विकास उतना अच्छा होगा उनके देश में लोगों को इतनी अच्छी सुविधाएं प्राप्त होगी।

हमारे सामने इजराइल का उदाहरण है इजराइल एक बहुत ही छोटा देश है पर वह टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत ही ज्यादा आगे हैं उसने अपने देश की सुरक्षा के लिए बहुत ही उच्चतम स्तर के हथियार बनाए हैं। आज वह अपने हथियार को एक उद्योग की तरह चला रहा है आज बहुत से देश अपने देश की रक्षा के लिए इजराइल से हथियार खरीदते हैं। इजराइल ने शुरुआत में ही अपने देश के विकास के लिए सबसे अधिक खर्च उसकी टेक्नोलॉजी के रिसर्च पर किए हैं।

दूसरा सबसे बड़ा उदाहरण है जापान दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान पूरी तरह से तबाह हो गया जब उसके ऊपर परमाणु बम से हमला किया गया उसके 2 सबसे बड़े शहर तबाह हो गए पर जापान आज के समय में टेक्नोलॉजी के मामले में सबसे विकसित देश है। आज अधिकतर नई टेक्नोलॉजी का विकास जापान से हो रहा है क्योंकि जापान ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बहुत ज्यादा पैसा इन्वेस्ट किया है.

उसने टेक्नोलॉजी के विकास के लिए अपने देश के विज्ञान के रिसर्च और Technology रिसर्च पर बहुत ज्यादा पैसा invest किया है। हमारा देश प्राचीन समय से ही विज्ञान की छत में बहुत ही आगे था पर जब से हमारा देश गुलाम हुआ उस वक्त हमारे विज्ञान और लोगों का पतन शुरू हुआ पर अब आजादी के बाद से हमारे देश के लोगों ने बहुत मेहनत की और हमारे देश की टेक्नोलॉजी को बहुत आगे बढ़ाया।

आज हमारा देश टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत आगे बढ़ गया हमने सबसे कम खर्च में मंगल मिशन को पूरा किया है। आज हमारे देश में बहुत सारा हाईटेक हथियार हैं जिनसे हम अपने देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं और यह सारे हथियार हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने बनाए हैं। हमारे देश के DRDO, ISRO जैसी रिसर्च संस्थाएं नई टेक्नोलॉजी के विकास पर बहुत अच्छा काम कर रही है। आने वाले कुछ सालों में हमारा देश नई टेक्नोलॉजी का हक बन जाएगा।

  • समाचार पत्र पर निबंध (Essay on Newspaper in Hindi)

टेक्नोलॉजी के फायदे (BENEFITS OF TECHNOLOGY IN HINDI)

टेक्नोलॉजी के अनेकों फायदे हैं आज हमारी जिंदगी बिना टेक्नोलॉजी की पूरी हो ही नहीं सकती। आज हम टेक्नोलॉजी के आदी हो गई। अगर घर का कोई भी काम करना है तो टेक्नोलॉजी कमाल करते हैं। टेक्नोलॉजी शिक्षा स्वास्थ्य मनोरंजन व पर्यटन और क्षेत्रों में बहुत ही महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिसके कारण से आज के क्षेत्र बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आज हम घर बैठे ही पूरे विश्व की जानकारी जुटा सकते हैं। हम घर बैठे अंतरिक्ष के बारे में पढ़ सकते हैं।

आज हम टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपना बहुत समय बचाते हैं टेक्नोलॉजी ने हमारे सारी जरूरतों को बहुत आसानी से पूरा कर कर दिया है. आज बच्चे घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं हम लोग घर बैठे ही हर एक मनोरंजन का लाभ उठा सकते है।

 1  औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन की बढ़ोतरी (Production Growth in Industrial Sector)

आज औद्योगिक क्षेत्र में नए-नए Technology का इस्तेमाल करके उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है। मोबाइल कंपनियां हो या ऑटोमोबाइल कंपनियां अपनी फैक्ट्रियों में रोबोट का उपयोग किया जा रहा है इससे उनके काम में सटीकता आ रही है कि वह मार्केट की मांग को भी बहुत जल्दी पूरा कर पा रहे हैं। जिन कामों को लोग बहुत सटीकता से नहीं कर पाते हैं वही कामों को लोग रोबोट और टेक्नोलॉजी के माध्यम से बहुत ही सटीकता से कर पा रहे हैं।

ऑटोमोबाइल कंपनियों में डिजाइनिंग के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा रहा है। आज हर कंपनियां अपने उत्पादन को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रही है। कंपनी कंप्यूटर रोबोट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके अपने उत्पादन में तेजी ला रही है। रक्षाबंधन पर निबंध आसान भाषा में.

 2  खाद्य उत्पादन में बढ़ोतरी  (Increase in Food Production)

टेक्नोलॉजी ने खाद्य उत्पादन में भी बढ़ोतरी मैं भी बहुत अहम भूमिका निभाई है। आज कृषि के क्षेत्र में लोग नए नए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे कि ट्रैक्टर, सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम की व्यवस्था, ऑर्गेनिक खेती के इन सब चीजों का इस्तेमाल करके आज बहुत ज्यादा खाद्य उत्पादन किया जा रहा है।

Technology के माध्यम से आज किसान कृषि के नए नए माध्यमों और तकनीकों को सीख रहे हैं जिससे कि वह अपने उत्पादन को बढ़ाने और अपने लिए मुनाफा कमा रहे हैं। आज टेक्नोलॉजी के द्वारा हम अपने खाद्य सामग्री को बहुत दिनों तक सुरक्षित  रख सकते हैं। आज हमारा देश राज आपूर्ति में आत्मनिर्भर हो गया है। 

 3  व्यापार में विकास (Business Development)

टेक्नोलॉजी ने व्यापार को भी बहुत आसान बना दिया है। और इसके विकास को भी पंख दिए हैं आज हम घर बैठे अपने व्यापार को बढ़ा सकते हैं। ऑनलाइन मार्केटिंग के द्वारा हम अपने सामानों को बहुत आसानी से एक जगह से दूसरी जगह के लोगों को दे सकते हैं। पहले जब टेक्नोलॉजी नहीं थी.

तब हम व्यापार सिर्फ कुछ ही जगह तक सीमित रखते थे पर अब टेक्नोलॉजी की वजह से हमारा व्यापार पूरे विश्व में फैल सकता और इसके लिए हमें बहुत कम खर्च भी करना  होता है।

 4  स्वास्थ क्षेत्र में विकास (Health Sector Development)

स्वास्थ्य के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी में सबसे ज्यादा भूमिका निभाई है क्योंकि आज टेक्नोलॉजी के कारण उन सारी बीमारियों का इलाज संभव है। जो कि पहले लाइलाज थी आज Technology के उपयोग से अभी और बहुत सी बीमारियों के इलाज पर Research चल रही है।

टेक्नोलॉजी ने स्वास्थ्य व्यवस्था को सुगम बना दिया है. आज हम घर बैठे हमारे देश के किसी भी डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं. और उनसे अपना चेकअप करवा सकते हैं और उनसे सलाह ले सकते हैं।

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 5  शिक्षा के क्षेत्र में विकास (Development in Education)

टेक्नोलॉजी के विकास में शिक्षा के क्षेत्र को बहुत ही गतिशील बना दिया है। आज हम घर बैठे ही किसी भी कोर्स को आसानी से अपने मोबाइल फोन से कर सकते हैं। आज तकनीकी शिक्षा हर किसी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

टेक्नोलॉजी ने शिक्षा को दूरदराज इलाकों तक बहुत आसानी से पहुंचा दिया है आज हर एक गांव के लोगों के पास शिक्षा के पहुंच है।

 6  यातायात में आसानी (Ease of Traffic)

आज हम Technology के कारण भी एक जगह से दूसरी जगह बहुत कम समय में जा सकते हैं और धीरे-धीरे यह टेक्नोलॉजी और विस्तृत होती जा रही है जिसके कारण आज हम 566 किलोमीटर की दूरी को मात्र 5 घंटे में ही पूरी कर सकते हैं।

यातायात की सुविधा में और भी बहुत ज्यादा विकास हुआ है आज हम घर बैठे ही किसी भी जगह से होटल को बुक कर सकते हैं और यह भी टेक्नोलॉजी के कारण ही मुमकिन है।

 7  संचार की सुविधा (Communication Facilities)

मोबाइल फोन टेलीफोन कंप्यूटर जैसे टेक्नोलॉजी के कारण आज विश्व के हर लोग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं हम घर बैठे अपने मोबाइल फोन के द्वारा किसी से भी बात कर सकते हैं।

 8  मनोरंजन के क्षेत्र में (In Entertainment)

आज हमें मनोरंजन के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती हम अपने मोबाइल फोन टेलीविजन में घर बैठे हर एक मनोरंजन का लुफ्त उठा सकते हैं और यह भी मुमकिन टेक्नोलॉजी के विस्तार के कारण हुआ है।

टेक्नोलॉजी के नुकसान (Disadvantages of Technology in Hindi)

टेक्नोलॉजी के फायदे जितने हैं उतना ही ज्यादा नुकसान है अगर हम टेक्नोलॉजी को सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते हैं तो यह हमारे जिंदगी में बहुत ही बुरा प्रभाव डालती है।

गाड़ी और मोटरसाइकिल के इस्तेमाल के कारण हमारे पर्यावरण में बहुत ज्यादा प्रदूषण बढ़ रहा है आज बहुत ज्यादा केमिकल वेस्ट कार्बन बेस्ट हम अपने पर्यावरण में छोड़ रहे हैं जिसके कारण हमारे पर्यावरण में बहुत अधिक प्रदूषण हो गया है।

अधिक प्रदूषण बढ़ने के कारण लोगों के स्वास्थ्य में भी बहुत अधिक असर पड़ेगा और अधिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के कारण लोग अपने शारीरिक काम को ज्यादा महत्व नहीं दे रहा है जिसके कारण उनकी शारीरिक क्षमता कम हो रही है।

आज हम अपना अधिकतर समय मोबाइल फोन टेलीविजन या कंप्यूटर में बिताते हैं टेक्नोलॉजी के आदत होने के कारण आज हमारे समय भी बहुत ज्यादा बर्बाद हो रहा है अधिकतर युवाओं को मोबाइल फोन और इंटरनेट की लत लग गई है जिस कारण वह अपने पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं।

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको ये आर्टिकल पढ़के बहुत अच्छा लगा होगा और आपको काफी जाएदा हेल्प फूल हुआ होगा आपके स्कूल के होम वर्क में खेर टेक्नोलॉजी पर निबंध सरल भाषा में (Essay On Technology In Hindi) लिखने का प्रयाश किया है अगर आप पूरी आर्टिकल पढ़ते है तो आपको काफी जाएदा ज्ञान मिलेगा होगा और आपके (Essay On Technology In Hindi) में अच्छे तरीके से लिख पाएं होंगे।

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तकनीकी शिक्षा पर निबंध - Essay on Technical Education in Hindi - Technical Education Essay in Hindi - Takniki Shiksha par Nibandh

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रूपरेखा : प्रस्तावना - तकनीकी शिक्षा क्या है - तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता - तकनीकी शिक्षा की समस्याएं - तकनीकी शिक्षा की समस्याओं का समाधान - तकनीकी शिक्षा की विशेषता - तकनीकी शिक्षा के लाभ - तकनीकी शिक्षा का उद्देश्य - तकनीकी शिक्षा का महत्व - उपसंहार।

किसी व्यावसाय के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल एवं अभिवृतियों की शिक्षा देना तकनीकी शिक्षा है। तकनीकी शिक्षा एक विशिष्ट प्रकार का शिक्षा रुप है जिनका व्यक्ति और समाज के साथ अभिन्न समन्वय है। जो शिक्षा विशेष व्यावहारिक ज्ञान और कौशल प्रदान करती है, उसे तकनीकी शिक्षा के रूप में जाना जाता है। यह सामान्य पारंपरिक शिक्षा से अलग है। यह छात्रों को कृषि, कम्प्यूटर, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, ड्राइविंग आदि क्षेत्रों में कुशल बनाती देती है। जो लोग विशेष तकनीकी कौशल और ज्ञान रखते हैं, उन्हें तकनीशियन कहा जाता है जैसे बढ़ई, ड्राइवर, यांत्रिकी, इंजीनियर, डॉक्टर, पायलट आदि तकनीशियन हैं। तकनीकी शिक्षा किसी देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। निर्माण के हर क्षेत्र में तकनीशियनों की जरूरत होती है।

तकनीकी शिक्षा एक विशिष्ट प्रकार का शिक्षा रुप है जिनका व्यक्ति और समाज के साथ अभिन्न समन्वय है। जो शिक्षा विशेष व्यावहारिक ज्ञान और कौशल प्रदान करती है, उसे तकनीकी शिक्षा के रूप में जाना जाता है। यह शिक्षा विशेष प्रकार के वृत्तिमुखी एवं तकनीकी कार्य करने के लिए परिकल्पित मानव संपदा की सृष्टि में भाग लेती है, इसलिए इस शिक्षा को वृत्तिमुखी तथा तकनीकी शिक्षा कहा जाता है। अर्थात जो शिक्षा शिक्षार्थी को किसी विशेष वृत्ति के समन्वय में ज्ञान एवं कुशलता अर्जित करने में सहायक होती है और पूर्व एवं नव अर्जित दक्षता का प्रयोग कर उस वृत्ति को सुंदर ढंग से संपन्न करने में सक्षम होता है, उसे ही वृत्तिमूलक एवं तकनीकी शिक्षा कहते है।

आज हमारा भारत विकास की ओर बढ़ रहा है कई सुख सुविधाएं हमारे देश को मिल चुकी हैं। अब हमारे देश की तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है क्योंकि जिस देश में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाता है वह देश विकास की ओर बढ़ता हैं। हमारे पास ऐसे युवा व्यक्ति नहीं हैं जो इन साधनों का उचित प्रकार से उपयोग कर सके। सिर्फ तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा ही हमें विशेषज्ञ इंजीनियर और तकनीशियन देती है। हमारे देश में बड़ी मात्रा में इनकी आवश्यकता है। तकनीकी शिक्षा के माध्यम से देश के युवाओं को प्रशिक्षण देकर उनको हुनर सीखा कर आगे बढ़ाया जाता है । जब देश के युवा आगे बढ़ेंगे तब हमारे देश का विकास होगा । हमें सभी व्यवसायों में योग्य और प्रशिक्षित कार्य करने वालों की आवश्यकता है। यह तब ही सम्भव हो सकता है जब हम उन्हें व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण दें। सरकार भी इस विषय को गंभीरता से ले रही है क्योंकि सरकार भी जानती है कि हमारे देश में तकनीकी शिक्षा का स्तर बढ़ाने की आवश्यकता है । तकनीकी शिक्षा को बढ़ाने के लिए हमारे देश में कई इंजीनियरिंग कॉलेज भी खोले गए हैं जहां से युवा प्रशिक्षण लेकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकता है ।

तकनीकी शिक्षा की कई समस्याएं हमें देखने को मिलती है जैसे

  • अनुचित दृष्टिकोण की समस्या

हमारे देश में इस शिक्षा के प्रति लोगों का दृष्टिकोण उचित नहीं है। यहाँ मानसिक श्रम की अपेक्षा शारीरिक श्रम को हेय दृष्टि से देखा जाता है।

  • शिक्षा में अनुपयुक्त माध्यम की समस्या

तकनीकी शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी है। इससे छात्रों को विषय समझने में कठिनाई होती है।

  • संकीर्ण पाठ्यक्रम की समस्या

इस तरह के विद्यालय का पाठ्यक्रम संकीर्ण होता है। ऐसी शिक्षा ग्रहण करने वाले व्यक्तियों के दृष्टिकोण प्राय: भौतिकवादी हो जाता है और वे समाज की विभिन्न रुचियों, प्रवृतियों तथा आवश्यकताओं को नहीं समझ पाते हैं।

  • विद्यालयों का अभाव

स्वतंत्र भारत में अनेक तकनीकी शिक्षा संस्थान स्थापित किये जा चुके हैं। फिर भी व्यापक माँग की अपेक्षा उनकी संख्या कम है। शिक्षा प्राप्त नवयुवक तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने में विशेष रुप से इच्छुक होते हैं, किन्तु विद्यालयों की कमी के कारण उन्हें प्रवेश नहीं मिल पाता है।

  • प्रशिक्षित अध्यापकों का अभाव

तकनीकी शिक्षा संस्थाओं के लिए सुयोग्य प्रशिक्षित अध्यापक नहीं मिल पा रहे हैं जिससे इस शिक्षा के विस्तार-कार्य को काफी धक्का पहुँच रहा है। तकनीकी शिक्षा में जिन विद्यार्थीयों को अच्छे अंक प्राप्त होते हैं, वे आर्थिक कारणों से अन्य संस्थाओं में चले जाते हैं। जिसके कारण औसत मान के विद्यार्थी ही शिक्षकीय पेशा को अपनाते हैं।

  • प्रायोगिक शिक्षा की उपेक्षा

तकनीकी शिक्षा में प्रयोगों का विशेष महत्व है, किन्तु विद्यालयों में सैद्धांतिक शिक्षा पर ही विशेष बल दिया जाता है। तकनीकी विषयों को श्यामपट (ब्लैकबोर्ड) पर ही समझा दिया जाता है। प्रायोगिक शिक्षा के अभाव में विद्यार्थी विषय को अच्छी तरह नहीं समझ पाते और शिक्षा समाप्ति के पश्चात उन्हें व्यावहारिक क्षेत्र में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य की सुविधाओं का अभाव है।

तकनीकी शिक्षा की समस्याओं के समाधान के लिए प्रमुख सुझाव कुछ इस प्रकार है -

  • दृष्टिकोण में परिवर्तन (Change in attitude)

शारीरिक श्रम के प्रति जनता का दृष्टिकोण बदलना आवश्यक है। इसके लिए सरकार एवं समाज संस्थाओं का कर्तव्य है कि वे जनता को शारीरिक श्रम के महत्व से अवगत कराएं।

  • पर्याप्त संख्या में विद्यालयों की स्थापना (Increase in the number of Vocational schools)

सरकार को विभिन्न स्तर की तकनीकी शिक्षा संस्थाओं का स्थापना करनी चाहिए। जिससे की तकनीकी शिक्षा की महत्वता को लोग जान सके।

  • विद्यालयों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों का प्रोत्साहन (Encouragement to the teachers for teaching in Vocational schools)

तकनीकी विद्यालयों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करना चाहिए। इस शिक्षा के अभाव की समस्या तभी हल की जा सकती है, जब सरकार इन विद्यालयों के शिक्षकों के वेतन में सुधार लाकर उनके समस्याओं का समाधान करे। इन्हें सुधारने से शिक्षकों को प्रोत्साहन मिलेगा।

  • पाठ्यचर्या में सामान्य शिक्षा का स्थान (General Education in curriculum)

तकनीकी शिक्षा के पाठ्यचर्या में सामान्य शिक्षा को भी उचित स्थान देना चाहिए। पाठ्यचर्या का जीवन के साथ सामंजस्य होना आवश्यक है।

  • राष्ट्रीय भाषा एवं मातृभाषा शिक्षा का माध्यम (National language or Mother tongue is the medium of the instruction)

हिंदी को तकनीकी शिक्षा का माध्यम बनाया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि हिन्दी भाषा में समस्त तकनीकी पुस्तकों का अनुवाद कराया जाए।

  • प्रायोगिक शिक्षा का तकनीकी विद्यालयों में महत्वपूर्ण स्थान (Importance place of Technical education in technical school)

तकनीकी विद्यालयों में प्रायोगिक शिक्षा पर विशेष बल देना चाहिए।

  • इस शिक्षा का आधार मनोवैज्ञानिक है। यह बालक की रुचि, प्रवृति एवं व्यक्तित्व का ध्यान रखती है। इस शिक्षा योजना में शिक्षक एवं पुस्तक के स्थान पर बालक को विशेष महत्व दिया जाता है।
  • जीवन से संवंधित-यह शिक्षा जीवन से संबंधित है। यह शिक्षा परिवार, श्रम तथा कार्य से संबंधित है।
  • इस शिक्षा का आधार व्यक्तित्व का विकास करना है।
  • तकनीकी शिक्षा एक विशिष्ट शिक्षा है।
  • तकनीकी शिक्षा का रुप स्थिर नहीं रहता है। समय की गति एवं सभ्यता के विकास के साथ इसके रुप में परिवर्तन आता है।
  • यह शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान न प्रदान कर जीवन के हर क्षेत्र के लिए उपयोगी होती है। यही तकनीकी शिक्षा की विशेषता है।

बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए तकनीकी शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। कुशल लोग बेरोजगार नहीं हो सकते। यदि वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू करते हैं, तो वे अन्य शिक्षित लोगों को नौकरी के अवसर प्रदान कर सकते हैं। इस प्रकार तकनीकी शिक्षा हमें बेरोजगारी की समस्या की गंभीरता को कम करने में मदद करती है। तकनीकी शिक्षा किसी देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। निर्माण के हर क्षेत्र में तकनीशियनों की जरूरत होती है। कारखानों, सड़कों, पुलों, नहरों, भवनों, हवाई अड्डों आदि को बनाने के लिए तकनीशियनों की आवश्यकता होती है। तकनीकी शिक्षा निर्विवाद रूप से राष्ट्र की आर्थिक स्थिति को बढ़ावा देती है। यदि किसी देश में माल का अधिक उत्पादन होता है, तो वह अपने लोगों को आसानी से खिला सकता है। अन्य देशों को अतिरिक्त उत्पादन बेचकर विदेशी मुद्रा अर्जित की जा सकती है। इसी प्रकार और भी कई तकनीकी शिक्षा के लाभ होते है।

  • इस शिक्षा का आधार मनोवैज्ञानिक होना चाहिए

यह बालक की रुचि, प्रवृति एवं व्यक्तित्व को ध्यान में रखते हुए शिक्षा योजना में शिक्षक एवं पुस्तक के स्थान पर बालक को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए।

  • स्थायी ज्ञान की प्राप्ति

इस शिक्षा प्रणाली में प्रत्येक कार्य को वैज्ञानिक ढ़ंग से सिखाया जाता है। विभिन्न क्रियाओं में सक्रिय भाग लेने तथा क्रियाओं के रुचि के अनुकूल होने से इससे प्राप्त ज्ञान स्थायी होता है।

  • व्यक्ति को आर्थिक दृष्टि से स्वावलम्बन एवं आत्मनिर्भर बनाना

इस शिक्षा प्रणाली में स्वावलम्वन एवं आत्मनिर्भरता के सिद्धान्त को अपनाया जाता है।

  • सर्वागीण विकास

यह शिक्षा बालक के सर्वागीण विकास पर बल देता है।

  • जीवन से संबंधित

यह शिक्षा जीवन से संबंधित है। यह शिक्षा परिवार,श्रम तथा कार्य से संबंधित है।

  • देश की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना तकनीकी शिक्षा का उद्देश्य है।

तकनीकी शिक्षा का मानव जीवन में अत्यधिक महत्व है। दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इस शिक्षा के महत्व का आभास होता है और होना भी चाहिए। आधुनिक युग में तो किसी विशेषधर्मी शिक्षा के अभाव में जीवन निर्वाह ही कठिन है। यातायात वाहनों के प्रयोग, विभिन्न वेश-भूषा की संरचना, रोगों के उपचार, रहन-सहन, सांस्कृतिक परिवेश का संरक्षण, मानसिक विकास, संगीत नृत्य नाट्य, चित्राकंन जैसे कार्य के लिए यह शिक्षा अनिर्वाय है। जीविकोपार्जन सम्बन्धी कार्य करने के लिए यह शिक्षा प्रशिक्षण देता है। कहा जाता है कि मनुष्य रोटी के बिना नहीं रह सकता। रोटी कपड़ा और मकान अनिर्वाय है। इसके लिए मनुष्य को कार्य करना ही पड़ता है। किन्तु बिना समुचित प्रशिक्षण के यह कार्य कठिन है।

तकनीकी शिक्षा के द्वारा व्यक्ति विभिन्न प्रशिक्षण माध्यम से अपना आवश्यकता को पूर्ण कर सकती है। सांस्कृतिक अभिरुचि की पूर्ति के लिए यह शिक्षा आवश्यक है। संस्कृति ही उसे आत्मिक सौंदर्य एवं उल्लास प्रदान करती है। संगीत साहित्य कला के माध्यम से व्यक्ति सुसंस्कृत एवं सभ्य बनता है। उनका रचनात्मक प्रभाव मानवीय आचार-विचार पर पड़ता है। इस शिक्षा का महत्व इसलिए भी है कि यह व्यक्ति की उन्नति का साधन मात्र न होकर समाज एवं राष्ट्र की उन्नती, राष्ट्रीय एकता, अंतर्राष्ट्रीय बंधुत्व जैसे कार्यों में भी योगदान देती है। समाज, जाति तथा राष्ट्र तभी विकास करती है जब उसमें ड़ाक्टर, इंजीनियर, तकनीशियन, कारीगर आदि हों क्योंकि इन लोगों का विशेष ज्ञान , दक्षता एवं अभिज्ञता ही समाज एवं जाति अथवा राष्ट्र की उन्नति के कारण बन जाते हैं। कला-कौशल, वाणिज्य-व्यवसाय तथा तकनीकी इंजीनियरिंग दृष्टि से विकसित राष्ट्र सहज ही आधुनिक विश्व मंच पर महत्वपूर्ण प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं। इसीलिए तकनीकी शिक्षा का अधिक महत्व माना जाता है।

तकनीकी शिक्षा, ज्ञान और अनुभव से परिपूर्ण प्रशिक्षित प्रतिभा का सृजन करने का एक स्वच्छंद, स्थिर एवं अपरंपरागत माध्यम है। यह प्रसन्नता का संकेत है कि सरकार इस समस्या को लेकर गंभीर हैं। स्वतंत्रता से लेकर अब तक हजारों तकनीकी शिक्षण संस्थान खोले जा चुके हैं। किसी भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति कुशल लोगों के हाथों पर निर्भर करती है। राष्ट्र की समृद्धि के उत्थान के लिए हर देश को तकनीकी शिक्षा पर उच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। देश में बढ़ती बेरोजगारी, युवाओं में जन्मती दुष्प्रवृत्तियाँ तथा उनका असामाजिक कृत्यों की ओर झुकाव देश को अराजकता की ओर भधकेल रहा है। इसलिए अनिवार्य है कि हमारी शिक्षा का तकनीकी के साथ सामंजस्य हो, संतुलन हो।

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प्रौद्योगिकी पर निबंध 10 lines (Technology Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, words

importance of technology in education essay in hindi

प्रौद्योगिकी पर निबंध (Technology Essay in Hindi) – शब्द “प्रौद्योगिकी” और इसके उपयोग 20वीं शताब्दी के बाद से बहुत बदल गए हैं, और समय के साथ, यह तब से विकसित होना जारी है। हम प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित दुनिया में रह रहे हैं। प्रौद्योगिकी की उन्नति ने सांस्कृतिक परिवर्तनों के साथ-साथ मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रौद्योगिकी विभिन्न स्मार्ट और नवीन साधनों के माध्यम से कार्य करने के नवीन तरीके प्रदान करती है। 

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, गैजेट्स, संचार के तेज़ तरीके और परिवहन ने हमारे जीवन में आराम कारक को जोड़ा है। इसने व्यक्तियों और विभिन्न व्यावसायिक उद्यमों की उत्पादकता में सुधार करने में मदद की है। प्रौद्योगिकी ने कई परिचालन क्षेत्रों में एक क्रांति ला दी है। वर्षों से मानव जाति ने जो प्रगति की है, उसमें निस्संदेह इसने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

प्रौद्योगिकी पर 10 लाइनें (10 Lines on Technology in Hindi)

  • 1) प्रौद्योगिकी सभी के कल्याण के लिए वैज्ञानिक ज्ञान का उपयोग है।
  • 2) प्रौद्योगिकी उद्योग और आजीविका का एक अभिन्न अंग बन गई है।
  • 3) यहां तक ​​कि एक छोटा पिन और एक बड़ा जेटलाइनर, सभी प्रौद्योगिकी के उत्पाद हैं।
  • 4) मानव द्वारा विकसित प्रारंभिक तकनीकी उपकरण एक छड़ी से बंधा एक पत्थर का भाला था।
  • 5) सबसे पहले मिस्र के लोगों ने नौकायन नौकाओं में पवन ऊर्जा का दोहन किया।
  • 6) पहियों का आविष्कार लगभग 4000 ईसा पूर्व मेसोपोटामिया में हुआ था।
  • 7) 12वीं शताब्दी लीवर, स्क्रू और चरखी जैसे सरल उपकरणों की उम्र थी, जो व्हीलबारो, पवन चक्कियों और घड़ियों जैसे जटिल उपकरणों के रूप में संयोजित होते थे।
  • 8) 19वीं सदी की सफलता ने टेलीग्राफ, टेलीफोन, रेडियो और टेलीविजन लाए।
  • 9) 20वीं सदी उत्पादन से लेकर अंतरिक्ष तक हर क्षेत्र में तकनीक में उछाल थी।
  • 10) इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) के आगमन के साथ, उपकरण अधिक कॉम्पैक्ट और कुशल हो गए हैं।

प्रौद्योगिकी पर 100 शब्दों में लघु निबंध (Short Essay on technology in 100 words in Hindi)

टेक्नोलॉजी एक बहुत ही आश्चर्यजनक चीज है जिसे वैज्ञानिक बनाते हैं। वैज्ञानिक उन सभी चीजों पर ध्यान देते हैं जिनकी हमें मनुष्य के रूप में अपने जीवन में आवश्यकता होगी, फिर एक अच्छा गैजेट या वस्तु बनाएं। उदाहरण के लिए, वैज्ञानिक जानते थे कि हमें एक दूसरे के साथ संवाद करने का एक तरीका चाहिए, भले ही हम एक साथ न हों। इस वजह से उन्होंने एक ऐसा टेलीफोन बनाया जिसका इस्तेमाल हम दूसरे लोगों के साथ न होते हुए भी बात करने के लिए कर सकते हैं।

प्रौद्योगिकी हमारे जीवन को बहुत आसान और समस्या-मुक्त बनाने के लिए इस तरह के कई अलग-अलग विचारों का उपयोग करती है। यह हमारे काम को कम करके हमारी मदद करता है क्योंकि तकनीक हमारे लिए बहुत सारे काम करती है।

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प्रौद्योगिकी पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on technology in 150 words in Hindi)

प्रौद्योगिकी आपके चारों ओर है – आपके गेमिंग गैजेट्स जैसे वाईआई, प्लेस्टेशन, एक्सबॉक्स इत्यादि में और आपके मोबाइल फोन, आईपैड, कंप्यूटर इत्यादि में। हमारे रसोईघर में माइक्रोवेव, टोस्टर, फ्रिज जैसी अधिकांश चीजें हैं। आदि सभी विभिन्न प्रकार की तकनीक हैं। प्रौद्योगिकी तब होती है जब हम विज्ञान की दुनिया से कुछ लेते हैं और फिर इसे ऐसी चीज़ में बनाते हैं जिसका मनुष्य उपयोग करते हैं।

हमें अपने भोजन को ठंडा रखना चाहिए ताकि गर्म मौसम में बाहर रहने से यह खराब न हो। विज्ञान की इस अवधारणा ने वैज्ञानिकों को हमारे भोजन को ठंडा रखने के लिए तकनीक विकसित करने में मदद की जब हम फ्रिज का उपयोग करके इसे नहीं खा रहे थे। वैसे तो हम सभी गर्म खाना खाना पसंद करते हैं। इसलिए, भोजन को तुरंत गर्म करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक माइक्रोवेव बनाया। इस प्रकार, वैज्ञानिकों ने हमारे दैनिक जीवन में हम सभी की मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया। तकनीक हमारे दैनिक जीवन में बहुत उपयोगी है।

प्रौद्योगिकी पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on technology in 200 words in Hindi)

जब हम अपने चारों ओर देखते हैं, तो हमें प्रौद्योगिकी के बहुत से उदाहरण दिखाई देते हैं। हमारे हाथों में मोबाइल फोन, संगीत सुनने के लिए हम जो हेडफोन लगाते हैं, माइक्रोवेव जो हम अपने भोजन को गर्म करने के लिए उपयोग करते हैं, और यहां तक ​​कि हम जिस भवन में रहते हैं उसका निर्माण भी – सभी किसी न किसी प्रकार की तकनीक का उपयोग करते हैं।

आज की दुनिया में तकनीक इतनी महत्वपूर्ण है कि इसके बिना जीवन की कल्पना करना लगभग असंभव है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यदि आप हर बार टेलीविजन नहीं देख पाते तो आप क्या करते? या अगर आप अपनी दादी से बात नहीं कर पाते जो आपसे दूर रहती हैं तो आप क्या करेंगे?

हमारे जीवन में तकनीक नहीं होने से हमें ऐसा महसूस होगा कि हमारे जीवन में कुछ कमी है। हां, अगर हम इसके बारे में गहराई से सोचें तो हमारे जीवन में तकनीक कितनी बड़ी भूमिका निभाती है।

प्रौद्योगिकी के सबसे अच्छे और सबसे सुलभ रूपों में से एक मोबाइल फोन या अधिक सटीक रूप से स्मार्टफोन है। एक स्मार्टफोन एक फोन है जो इंटरनेट से जुड़ सकता है। उनके पास एक फोन में कई उन्नत सुविधाएं हैं और प्रौद्योगिकी का एक बहुत अच्छा उदाहरण हैं।

प्रौद्योगिकी पर 250 शब्दों में निबंध (Essay on technology in 250 words in Hindi)

“प्रौद्योगिकी” – हमारे जीवन को आसान बनाने के साथ हमारी दक्षता बढ़ाने के लिए एक यांत्रिक, विद्युत, जैविक और सूचना प्रणाली को डिजाइन करने के लिए सामग्री, विज्ञान, प्रकृति के तकनीकी पहलुओं का अध्ययन और अनुप्रयोग। प्रौद्योगिकी का इतिहास नवपाषाण युग या उससे पहले का है। नवपाषाण युग में या उससे पहले के लोगों ने अपने कौशल, संसाधनों और विकसित तकनीकों का उपयोग अपने इष्टतम उपयोग के लिए किया। तब से, प्रौद्योगिकी ने मानव जीवन में बहुत प्रगति की है।

प्रौद्योगिकी की भूमिका

व्यापक स्तर पर प्रौद्योगिकी का पहला दृश्यमान उपयोग 18वीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति के रूप में शुरू हुआ, जहां मानव हाथों को मशीन टूल्स द्वारा प्रतिस्थापित किया गया। उसके बाद कई शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने तकनीक को इंसानों के करीब लाने की कोशिश की है। मनुष्य और प्रौद्योगिकी के इस बंधन ने हमारे जीवन को प्रौद्योगिकी पर अधिक निर्भर और केक की तरह आसान बना दिया है।

प्रौद्योगिकी हमारे दैनिक जीवन के परमाणु स्तर से स्थूल स्तर तक प्रवेश कर चुकी है। तकनीक के बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन ने हमारे लिए कई प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित अन्य ग्रहों को देखना संभव बना दिया है।

प्रौद्योगिकी ने हमारी अर्थव्यवस्था को भी गतिशील बनाया है। लोग अपनी मर्जी से अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, दूर और करीबियों के साथ आसानी से घूम सकते हैं। प्रौद्योगिकी इस ग्रह की 360 डिग्री प्रणाली बन गई है। चाहे वह खरीदारी, स्वचालन, आईटी, चिकित्सा, अंतरिक्ष, शिक्षा, संचार आदि के बारे में हो, आप आसानी से प्रौद्योगिकी की उपस्थिति का पता लगा सकते हैं।

संक्षेप में ‘प्रौद्योगिकी हमारी नई डिजिटल युग की जीवन रेखा है’। दिन-ब-दिन, प्रौद्योगिकी का विस्तार और विकास हो रहा है। प्रौद्योगिकी को रीढ़ की हड्डी के रूप में उपयोग करते हुए नए आविष्कार, दृष्टि, शोध किए जाते हैं।

प्रौद्योगिकी पर 300 शब्दों में निबंध (Essay on technology in 300 words in Hindi)

प्रौद्योगिकी पर निबंध (Technology Essay in Hindi) – प्रौद्योगिकी सामान्य आबादी के लिए विज्ञान का सबसे उपयोगी रूप है। सरल शब्दों में, प्रौद्योगिकी तब होती है जब हम विज्ञान की अवधारणाओं को लेते हैं और उन्हें गैजेट्स और उपकरणों में बदलते हैं जो मनुष्य के रूप में हमारे लिए उपयोगी होते हैं। जब हम अपने चारों ओर देखते हैं, तो लगभग सब कुछ प्रौद्योगिकी का परिणाम या एक रूप है।

उदाहरण के लिए, अभी आप जिस उपकरण का उपयोग कर रहे हैं वह संचार के लिए बनाई गई तकनीक का एक रूप है, या आपकी रसोई में रेफ्रिजरेटर विज्ञान का एक उपयोग है जो आपके भोजन को ताज़ा और ठंडा रखने में मदद करता है। इन उदाहरणों से हम देखते हैं कि हम तकनीक पर कितने निर्भर हैं और हमारे दैनिक जीवन में यह हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है।

किसी भी प्रकार की तकनीक का उपयोग किए बिना हमारे जीवन की कल्पना करना आसान नहीं है। संचार के सबसे छोटे संचार के लिए, हम अपने मोबाइल फोन की ओर रुख करते हैं। यहां तक ​​कि हमारे द्वारा खाए जाने वाले अधिकांश भोजन को विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके कारखानों में पैक किया जाता है। इस प्रकार, प्रौद्योगिकी के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है। यह न केवल जीवन का एक तथ्य है बल्कि हम सभी के लिए एक आवश्यकता भी है।

वास्तव में, स्मार्टफोन, यानी एक मोबाइल फोन जो इंटरनेट से जुड़ सकता है, दुनिया भर में प्रौद्योगिकी के सबसे तेजी से बढ़ने वाले और सबसे सुलभ रूपों में से एक बन रहा है। स्मार्टफोन पर आप तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं, इंटरनेट ब्राउज़ कर सकते हैं, संगीत सुन सकते हैं और सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं। स्मार्टफोन प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ, न केवल आपके दोस्तों के साथ संवाद करने का व्यावहारिक उद्देश्य पूरा हो गया है, बल्कि कई अन्य लोगों के साथ भी, जैसा कि उल्लेख किया गया है।

इस प्रकार, आज की दुनिया में, जैसे-जैसे वर्ष बीतते हैं, प्रौद्योगिकी का महत्व अधिक से अधिक होता जाता है। वैज्ञानिकों ने प्रौद्योगिकी का उपयोग करके मनुष्यों को आगे बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया है, और हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है।

प्रौद्योगिकी पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on technology in 500 words in Hindi)

प्रौद्योगिकी पर निबंध (Technology Essay in Hindi) – प्रौद्योगिकी पर इस निबंध में, हम चर्चा करने जा रहे हैं कि प्रौद्योगिकी क्या है, इसके उपयोग क्या हैं, और यह भी कि तकनीक क्या कर सकती है? सबसे पहले, प्रौद्योगिकी, मशीनरी बनाने, निगरानी और डिजाइन करने के लिए तकनीकी और वैज्ञानिक ज्ञान के उपयोग को संदर्भित करती है। साथ ही, प्रौद्योगिकी अन्य वस्तुओं को बनाने में मदद करती है जो मानव जाति की सहायता करती हैं।

प्रौद्योगिकी पर निबंध – एक वरदान या अभिशाप?

विशेषज्ञ इस विषय पर वर्षों से बहस कर रहे हैं। साथ ही, तकनीक ने मानव जीवन को आसान बनाने के लिए एक लंबा रास्ता तय किया है लेकिन इसके नकारात्मक पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वर्षों से तकनीकी प्रगति ने प्रदूषण में गंभीर वृद्धि की है। साथ ही, प्रदूषण कई स्वास्थ्य समस्याओं का एक प्रमुख कारण बन गया है। साथ ही इसने लोगों को जोड़ने के बजाय समाज से काट दिया है। सबसे ऊपर, इसने श्रमिक वर्ग से कई नौकरियां छीन ली हैं।

प्रौद्योगिकी और विज्ञान के बीच परिचित

चूंकि वे पूरी तरह से अलग-अलग क्षेत्र हैं लेकिन वे एक-दूसरे पर अन्योन्याश्रित हैं। साथ ही, विज्ञान के योगदान के कारण ही हम नए इनोवेशन और नए तकनीकी उपकरणों का निर्माण कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रयोगशालाओं में किए गए शोध प्रौद्योगिकियों के विकास में बहुत योगदान देते हैं। दूसरी ओर, प्रौद्योगिकी विज्ञान के एजेंडे का विस्तार करती है।

हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा

नियमित रूप से विकसित हो रही तकनीक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। इसके अलावा, नई प्रौद्योगिकियां बाजार में तूफान ला रही हैं और लोग कुछ ही समय में उनके अभ्यस्त हो रहे हैं। इन सबसे ऊपर, तकनीकी प्रगति ने राष्ट्रों के विकास और विकास को प्रेरित किया है।

प्रौद्योगिकी का नकारात्मक पहलू

हालांकि तकनीक एक अच्छी चीज है, लेकिन हर चीज के दो पहलू होते हैं। टेक्नोलॉजी के भी दो पहलू होते हैं एक अच्छा और दूसरा बुरा। यहां तकनीक के कुछ नकारात्मक पहलू हैं जिन पर हम चर्चा करने जा रहे हैं।

नई तकनीक के साथ औद्योगीकरण बढ़ता है जो हवा, पानी, मिट्टी और शोर जैसे कई प्रदूषणों को जन्म देता है। साथ ही, वे जानवरों, पक्षियों और मनुष्यों में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का कारण बनते हैं।

प्राकृतिक संसाधनों की समाप्ति

नई तकनीक के लिए नए संसाधनों की आवश्यकता होती है जिसके लिए संतुलन बिगड़ जाता है। आखिरकार, इससे प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन होगा जो अंततः प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ देगा।

एक मशीन कई मजदूरों की जगह ले सकती है। साथ ही, मशीनें कई घंटों या दिनों तक बिना रुके एक समान गति से काम कर सकती हैं। इसके कारण, कई श्रमिकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा जो अंततः बेरोजगारी को बढ़ाता है।

प्रौद्योगिकी के प्रकार

आमतौर पर हम तकनीक को एक ही पैमाने पर आंकते हैं लेकिन वास्तव में तकनीक को विभिन्न प्रकारों में बांटा गया है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी, औद्योगिक प्रौद्योगिकी, वास्तु प्रौद्योगिकी, रचनात्मक प्रौद्योगिकी और कई अन्य शामिल हैं। आइए इन तकनीकों पर संक्षेप में चर्चा करें।

औद्योगिक प्रौद्योगिकी

यह तकनीक मशीनों के निर्माण के लिए इंजीनियरिंग और विनिर्माण प्रौद्योगिकी का आयोजन करती है। साथ ही, यह उत्पादन प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक बनाता है।

रचनात्मक तकनीक

इस प्रक्रिया में कला, विज्ञापन और उत्पाद डिजाइन शामिल हैं जो सॉफ्टवेयर की मदद से बनाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें 3डी प्रिंटर, आभासी वास्तविकता, कंप्यूटर ग्राफिक्स और अन्य पहनने योग्य प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।

सूचान प्रौद्योगिकी

इस तकनीक में सूचना भेजने, प्राप्त करने और संग्रहीत करने के लिए दूरसंचार और कंप्यूटर का उपयोग शामिल है। इंटरनेट सूचना प्रौद्योगिकी का सबसे अच्छा उदाहरण है।

आज हम अपने दैनिक जीवन में जो कुछ भी उपयोग करते हैं वह प्रौद्योगिकी का उपहार है और जिसके बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। साथ ही, हम इस तथ्य से भी इनकार नहीं कर सकते कि इसने हमारे आसपास के वातावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

प्रौद्योगिकी निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs)

Q.1 तकनीक का मूल शब्द क्या है.

उत्तर. टेक्नोलॉजी शब्द दो ग्रीक शब्दों से बना है जिसका अर्थ है कला और शिल्प और लोगो का अर्थ है शब्द।

प्र.2 तकनीक क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर. प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने हमारे जीवन को अधिक सुविधाजनक और आसान बना दिया है।

Q.3 तकनीक अच्छी है या बुरी?

उत्तर. तकनीक अच्छी या बुरी नहीं होती, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करती है कि हम इसे अपने जीवन में किस तरह इस्तेमाल करते हैं।

Q.4 प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पहला आविष्कार क्या था?

उत्तर. प्रारंभिक मनुष्य द्वारा उपयोग किए जाने वाले पत्थर के औजारों को प्रौद्योगिकी का पहला आविष्कार माना जाता था।

Q.5 तकनीक का आविष्कार करने वाला दुनिया का पहला देश कौन सा था?

उत्तर. तकनीक का आविष्कार करने वाला मिस्र दुनिया का पहला देश था।

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उच्च शिक्षा में आई.सी.टी. की भूमिका (Role of ICT in Higher Education)

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अवलोकित संदर्भ

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कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध | Essay on Computer Education In Hindi

Essay on Computer Education In Hindi  प्रिय विद्यार्थियों आज हम आपके साथ  कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध आपके साथ शेयर कर रहे हैं.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए आज हम छोटा बड़ा हिंदी भाषा  Computer Education Essay In Hindi साझा कर रहे हैं.

इन्हें 5, 10 लाइन, 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में कंप्यूटर के महत्व एवं उपयोगिता पर एस्से साझा कर रहे हैं.

कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध | Essay on Computer Education In Hindi

Get Free Pdf Essay For Students & Kids Essay on Computer Education In Hindi Language

अंग्रेजी की कंप्यूट क्रिया से कंप्यूटर शब्द बनता है. जिसका शाब्दिक अर्थ होता है. संगणक या गणनाकार. टेलीविजन के आविष्कार के बाद वैज्ञानिकों ने जटिलतम गणितीय कार्य को ध्यान में रखकर कंप्यूटर का मानव मस्तिष्क रूप में आविष्कार किया

प्रारम्भ में कंप्यूटर द्वारा 2/18 अंको को 300 से 400 नैनों सेकंड्स में गिन सकते थे. परन्तु अब नवीनतम तीव्र प्रोसेसिंग वाले सुपर कंप्यूटर बन जाने से ये एक सेकंड्स में एक करोड़ से अधिक की गणना कर सकते है. इस कारण गणित सांख्यिकी की दृष्टि से कंप्यूटर का आविष्कार आश्चर्यजनक है.

कंप्यूटर शिक्षा का प्रसार (The Spread Of Computer Education In India)

कंप्यूटर एक ऐसा यंत्र है जो अत्यधिक तीव्र गति से विद्युत इलेक्ट्रोन द्वारा सांख्यिकी प्रोसेसिंग करता है. इसकी गति की माप माइक्रो सैकंड में की जाती है.

यह जटिल यांत्रिकी संरचना सूक्ष्म तकनिकी सिद्धांतो पर आधारित है. इसी कारण कंप्यूटर का आविष्कार होते ही इंजीनियरिंग और तकनिकी शिक्षा के रूप में कंप्यूटर शिक्षा का स्वतंत्र पाठ्यक्रम बनाया गया और इसकी शिक्षा का सभी देशों में अत्यधिक प्रसार हुआ.

अब कंप्यूटर शिक्षा का बहुउद्देशीय रूप सामने आया है. क्योकि इससे गणितीय कार्य तो सरल होता ही है साथ ही विभिन्न भाषाओं में मुद्रण, ध्वनि सम्प्रेष्ण, शब्द भंडारण एवं प्रत्यक्ष चित्र संयोजन जैसे जटिल कार्य भी होने लगे है.

इन सभी के ज्ञान के लिए अभी कंप्यूटर शिक्षा का प्रसार अनिवार्य रूप से होने लगा है. और प्राथमिक विद्यालयों से लेकर विश्वविधालयों तक में इसके शिक्षण परिक्षण के अनेक स्तरीय पाठ्यक्रम चल रहे है.

कंप्यूटर का विविध क्षेत्रों में उपयोग (use of computer in hindi)

कंप्यूटर का सामान्य प्रयोग तो प्राय सभी जानते है. परन्तु कंप्यूटर शिक्षा प्राप्त कर चुका व्यक्ति इसका अनेक प्रकारों से उपयोग कर सकता है. वह कंप्यूटर से टेलीविजन चैनलों के पसंदीदा प्रसारित कार्यक्रम देख सकता है.

एफएम रेडियों सुन सकता है. एनालोग वीडियों को डिजिटल विडियो में बदल सकता है. पसंदीदा फिल की रिकॉर्डिंग कर सकता है. तथा सॉफ्टवेयर डाकार संगीत वाद्य आदि का मिश्रण कर सकता है.

इसी प्रकार कंप्यूटर से विडियो कोंफ्रेसिंग, साक्षात्कार करना, मौसम की पूर्व सुचना देना, तूफ़ान तरंगों का पूर्वानुमान लगाना, तूफान के बाद समुद्र में उत्पन्न भयानक ज्वारीय तरंगो की भविष्यवाणी करना, दूरसंचार का प्रसार करना, इन्टरनेट, ई कॉमर्स आदि का संचालन करना तथा अनेक क्षेत्रों में इसका प्रयोग कुशलता के साथ किया जा रहा है.

रेल हवाई जहाज के टिकिटों का वितरण आरक्षण, दूरसंवेदी उपकरणों का संचालन, परमाणु आयुधों का निर्माण, जटिल यांत्रिकी इकाइयों का पर्यवेक्षण एवं व्यवस्थापन, बड़ी मात्रा में समाचार पत्रों एवं पुस्तकों का मुद्रण,

पानी बिजली और टेलीफोन के लाखों बिलों और परीक्षा परिणामों का सगठन प्रतिफलन करने में कंप्यूटर का उपयोग आज निर्बाध गति से हो रहा है. वास्तु डिजायन के क्षेत्र में इसका विशेष महत्व है.

कंप्यूटर शिक्षा से लाभ (Benefits of Computer Education In Hindi)

जैसा कि कंप्यूटर की विविध क्षेत्रों में उपयोगिता उपर दिखाई गई है. यह सब कंप्यूटर शिक्षा से ही संभव है. कंप्यूटर शिक्षा से जटिलतम प्रश्नों तथा समस्याओं का हल आसानी से किया जा सकता है.

व्यावसायिक क्षेत्र की सफलता के लिए कंप्यूटर का ज्ञान अति आवश्यक बन गया है. इसी से वर्तमान में दूरस्थ शिक्षा तथा ऑनलाइन एजुकेशन के कार्यक्रम चल रहे है. फलस्वरूप इससे बौद्धिक शारीरिक श्रम समय तथा धन की बचत हो रही है.

कंप्यूटर शिक्षा का वर्तमान में सर्वाधिक महत्व है. इससे सभी क्षेत्रों में उपयोगिता बढ़ी है. इससे अनेक समस्याओं को सुलझाने में अत्यल्प समय लगता है.

वैज्ञानिक युग में इस अर्थ प्रधान एवं व्यस्ततम जीवन में कंप्यूटर से प्रत्येक सामान्य शिक्षित व्यक्ति लाभान्वित हो रहा है. अब कंप्यूटर केवल संगणक न रहकर सर्व कार्य सम्पादक बन गया है.

कंप्यूटर पर निबंध Essay on Computer Education In Hindi In 600 Words For Kids

एक महान आविष्कार

यदि विज्ञान के सबसे अधिक उपयोगी आविष्कारों की गणना की जाये तो निश्चय ही कंप्यूटर को उनमें प्रथम स्थान प्राप्त होते हैं.

आज ज्ञान, विज्ञान, साहित्य, व्यवसाय, सुरक्षा, ज्योतिष, शिक्षा, खेल आदि कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहाँ कंप्यूटर ने अपनी अपनी उपयोगिता प्रमाणित न की हो. कंप्यूटर के बिना सामाजिक जीवन की कल्पना भी कठिन प्रतीत होती हैं.

कंप्यूटर के बढ़ते चरण

आज जीवन के हर क्षेत्र में कंप्यूटर का प्रवेश होता जा रहा हैं. शिक्षा, परीक्षा, अनुसंधान, व्यवसाय, अन्तरिक्ष अभियान, उद्योग संचालन, शस्त्र परीक्षण, युद्ध संचालन आदि विविध क्षेत्रों में कंप्यूटर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई हैं.

इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर घर बैठे सारी जानकारी उपलब्ध करवा रहा हैं. वैज्ञानिक कंप्यूटर को निरंतर अधिक उपयोगी तथा सक्षम बनाने में जुटे हुए हैं.

भारत में कंप्यूटर का विस्तार

हमारे देश में भी कंप्यूटर का विस्तार बड़ी तेजी से हो रहा हैं. बैंक, व्यवसाय, विद्यालय, कार्यालय सभी स्थानों पर कंप्यूटर का प्रवेश निरंतर हो रहा हैं.

कंप्यूटर पर आधारित व्यवसाय देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं. देश से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का निर्यात और आउटसोर्सिंग लाखों लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं.

कंप्यूटर के लाभ

कंप्यूटर विज्ञान का अभूतपूर्व चमत्कार हैं. इसने मानव समाज की जीवन शैली को ही बदल डाला हैं. कंप्यूटर से मनुष्य की कार्य क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई हैं. सैकड़ों व्यक्ति का कार्य अकेला कंप्यूटर कर देता हैं.

अब कंप्यूटर की स्क्रीन पर बिना जोखिम के घातक अस्त्रों का परीक्षण और उसका परिणाम देखा जा सकता हैं. आज जीवन के हर क्षेत्र में कंप्यूटर एक आवश्यक अंग बन गया हैं.

कंप्यूटर से हानियाँ

कंप्यूटर से जहाँ अनेक सुविधाएं प्राप्त हुई हैं. वही अनेक अनेक हानियाँ भी सामने आई हैं. अकेले ही सैकड़ों का कार्य करने की क्षमता के कारण कंप्यूटर ने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न की हैं.

कंप्यूटर के प्रयोग से मनुष्य की शारीरिक और मानसिक क्षमताएं क्षीण होती जा रही हैं. निरंतर कंप्यूटर पर काम करने वाले व्यक्ति की आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं.

और सिरदर्द मानसिक समस्याओं भी उत्पन्न होती हैं. कंप्यूटर खेलों ने बच्चों और युवाओं को अध्ययन से विमुख और एकांतजीवी बना दिया हैं.

कंप्यूटर ने मनुष्य के हाथों में एक ऐसी क्षमता दे दी हैं. जो प्रगति व सुख सुविधा के साथ ही अनेक अमंगलों की आशंका उत्पन्न कर रही हैं. गलत लोगों के द्वारा धोखाधड़ी और आतंकवादी घटनाओं को भी कंप्यूटर द्वारा अंजाम दिया जा रहा हैं.

फिर भी कंप्यूटर का हमारे दैनिक जीवन में अधिकाधिक प्रवेश होते जाना अनिवार्य प्रतीत होता हैं. हर पेशे और व्यवसाय के अलावा अब तो हर गृहिणी के लिए भी कंप्यूटर शिक्षा आवश्यक बनती जा रही हैं.

  • कंप्यूटर का परिचय
  • इंटरनेट पत्रकारिता
  • इंटरनेट क्या है पूरी जानकारी

उम्मीद करता हूँ दोस्तों  Essay on Computer Education In Hindi अर्थात कंप्यूटर शिक्षा पर हिंदी निबंध आपकों पसंद आया होगा. यदि आपकों यह निबंध पसंद आया हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे. आपका कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेंट कर जरुर बताएं.

isme benefits of computer education bhut short me hai long me hona chahiye

we will improve this thanks sir

benefits of computer education shrt hai

Thanks jeenat khan khatri for your suggestion

yeh ek achha eassy hai jo bacho ko computer k bare mai sahi aur galat ki jankari deta hai

Hii computer photo kisi bana te hai

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Importance of Education in Hindi | शिक्षा का महत्व पर निबंध: जानिए 300, 500 और 750 शब्दों में

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 31, 2023

शिक्षा का महत्व पर निबंध

मनुष्य के जीवन में जितना महत्त्व भोजन, कपड़े, हवा और पानी का है, उससे कहीं अधिक महत्त्व शिक्षा का है इसीलिए हमेशा ये ही कहा जाता है कि शिक्षा का मानव जीवन में बहुत महत्त्व है। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे मनुष्य में ज्ञान का प्रसार होता है। इंसान की बुद्धि का विकास शिक्षा अर्जित करने से ही होता है। शिक्षा मानव जीवन की एक महत्त्वपूर्ण इकाई है। शिक्षा न हो तो मनुष्य के जीवन की कल्पना भी मुश्किल है। शिक्षा ही हमें आगे कुछ करने के लिए आवश्यक होती है। इस ब्लॉग में हमने शिक्षा के महत्व पर निबंध (Importance of education in Hindi) दिए हैं।

This Blog Includes:

शिक्षा क्या है, शिक्षा का महत्व, शिक्षा क्यों हैं जरूरी, शिक्षा सर्वश्रेष्ठ धन है, शिक्षा की मुख्य भूमिका, विकास का एक मूल मंत्र: शिक्षा, शिक्षा का महत्व पर 10 मुख्य लाइन, शिक्षा का महत्व पर 10 महान लोगों द्वारा कहे गए कोट्स.

नॉलेज, सही व्यवहार, टेक्निकल स्किल्स, विद्या आदि को प्राप्त करने की प्रक्रिया को शिक्षा कहते हैं। शिक्षा में नॉलेज, सही व्यवहार, टेक्निकल स्किल्स, टीचिंग और विद्या प्राप्ति आदि शामिल हैं। इस प्रकार यह स्किल्स, व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और एस्थेटिक के उत्कर्ष पर केंद्रित है।

शिक्षा का महत्व पर निबंध (300 शब्द)

यहां 300 शब्दों में शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of education in Hindi) दिया गया है- 

जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा सभी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण साधन है। यह हमें जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करती है। शहरों में शिक्षा प्राप्त कर पाना आसान है, लेकिन क्या आपने ग्रामीण क्षेत्रों की उन नन्हीं बेटियों का सोचा है, जो कम उम्र में ही शिक्षा से वंचित कर दी जाती हैं। भारत ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा बहुत से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यह समाज में सभी व्यक्तियों में समानता की भावना लाती है और देश के विकास और वृद्धि को भी बढ़ावा देती है। शिक्षा के जरिए ही भावी राष्ट्र का निर्माण होता है।

सबसे पहले, शिक्षा पढ़ने और लिखने की क्षमता सिखाती है। पढ़ना -लिखना शिक्षा की पहली सीढ़ी है। अधिकांश जानकारी लिखित रूप में होती है, यदि आप में शिक्षा का अभाव है या लेखन कौशल की कमी है, तो आप समाज से दूर हैं, समाज में होने वाली गतिविधियों से दूर हैं। नतीजतन, शिक्षा लोगों को साक्षर बनाती है। सबसे बढ़कर, रोजगार के लिए शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह निश्चित रूप से एक सभ्य जीवन जीने का एक शानदार अवसर है। जब नौकरी की बात आती है तो अशिक्षित लोगों को शायद भारी नुकसान होता है। बेहतर संचार शिक्षा का एक और महत्व है। शिक्षा व्यक्ति की वाणी को सुधारती और परिष्कृत करती है। इसके अलावा, व्यक्ति शिक्षा के साथ संचार के अन्य साधनों में भी सुधार करते हैं। शिक्षा व्यक्ति को प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोगकर्ता बनाती है। शिक्षा निश्चित रूप से प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल प्रदान करती है इसलिए, शिक्षा के बिना, आधुनिक मशीनों को संभालना शायद मुश्किल होगा।

आज के समाज में शिक्षा का महत्व काफी बढ़ चुका है। शिक्षा के उपयोग तो अनेक हैं परंतु उसे नई दिशा देने की आवश्यकता है। शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि एक व्यक्ति अपने परिवेश से परिचित हो सके। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। हम अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों की सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। इन्हीं सब कारणों की वजह से शिक्षा हमारे जीवन में इतना महत्व रखती है।

शिक्षा का महत्व पर निबंध

शिक्षा का महत्व पर निबंध (500 शब्द)

यहां 500 शब्दों में शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of education in Hindi) दिया गया है- 

शिक्षा ही जीवन का सार है। शिक्षा स्त्री और पुरुषों दोनों के लिए समान रुप से आवश्यक है, क्योंकि स्वास्थ्य और शिक्षित समाज का निर्माण दोनों के द्वारा मिलकर ही किया जाता हैं। यह उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक यंत्र होने के साथ ही देश के विकास और प्रगति में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस तरह, उपयुक्त शिक्षा व्यक्तियों  के साथ ही राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करती है। वो केवल शिक्षित नेता ही होते हैं, जो एक राष्ट्र का निर्माण करके, इसे सफलता और प्रगति के रास्ते की ओर ले जाते हैं। 

अच्छी शिक्षा जीवन में बहुत से उद्देश्यों को प्रदान करती है जैसे व्यक्तिगत उन्नति को बढ़ावा, सामाजिक स्तर में बढ़ावा, सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार, आर्थिक प्रगति, राष्ट्र की सफलता, जीवन में लक्ष्यों को निर्धारित करना, हमें सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक करना और पर्यावरण समस्याओं को सुलझाने के लिए हल प्रदान करना और अन्य सामाजिक मुद्दे आदि। लेकिन यह भी ध्यान देने वाली बात है कि किताबी शिक्षा के साथ- साथ समाजिक शिक्षा भी अत्यंत जरूरी है। दिमागी और सामाजिक रूप से अशिक्षित मनुष्य ही बलात्कार जैसे कुकर्मों को करते हैं। एक राष्ट्र के नागरिक के रूप में शिक्षा अत्यन्त जरूरी है, ताकि राष्ट्र प्रगति की ओर अग्रसर हो सके।

शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे ना तो कोई चुरा सकता है और ना ही कोई छीन सकता। यह एक मात्र ऐसा धन है जो बाँटने पर कम नहीं होता, बल्कि इसके विपरीत बांटने पर बढ़ता ही जाता है। हमने देखा होगा कि हमारे समाज में जो शिक्षित व्यक्ति होते हैं उनका एक अलग ही मान सम्मान होता है और लोग उन्हें हमारे समाज में इज्जत भी देते हैं। इसलिए हर व्यक्ति चाहता है कि वह एक साक्षर हो प्रशिक्षित हो इसीलिए आज के समय में हमारे जीवन में पढ़ाई का बहुत अधिक महत्व हो गया है। इसीलिए आपको यह याद रखना है कि शिक्षा हमारे लिए बहुत जरूरी है इसकी वजह से हमें हमारे समाज में सम्मान मिलता है जिससे हम समाज में सर उठा कर जी सकते हैं।

शिक्षा अंधकार में प्रकाश की किरण है। यह निश्चित रूप से एक अच्छे जीवन की आशा है। इस ग्रह पर शिक्षा प्रत्येक मनुष्य का मौलिक अधिकार है और इस अधिकार को नकारना सही नहीं है। अशिक्षित युवा मानवता के लिए काफी खराब है। इन सबसे ऊपर, सभी देशों की सरकारों को शिक्षा का प्रसार सुनिश्चित करना चाहिए और जन जन तक शिक्षा की लहर पहुंचानी चाहिए क्योंकि विकास तभी संभव है जब राष्ट्र शिक्षित है।

शिक्षा का महत्व पर निबंध

शिक्षा का महत्व पर निबंध (750 शब्द)

यहां 750 शब्दों में शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of education in Hindi) दिया गया है- 

आज के आधुनिक तकनीकी संसार में शिक्षा काफी अहम है। आजकल के समय में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत सारे तरीके अपनाये जाते हैं। वर्तमान समय में शिक्षा का पूरा तंत्र अब बदल चुका है। हम अब 12वीं कक्षा के बाद डिस्टेंस एजूकेशन के माध्यम से भी नौकरी के साथ ही पढ़ाई भी कर सकते हैं। शिक्षा बहुत महंगी नहीं है, कोई भी कम धन होने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानी से किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में बहुत कम शुल्क में प्रवेश ले सकते हैं। अन्य छोटे संस्थान भी किसी विशेष क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। शिक्षा के महत्व को सरकार भी अब समझ रही है और सभी नागरिकों की शिक्षा के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

यह लोगों की सोच को सकारात्मक विचार लाकर बदलती है और नकारात्मक विचारों को हटाती है। बचपन में ही हमारे माता-पिता हमारे मस्तिष्क को शिक्षा की ओर ले जाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्था में हमारा दाखिला कराकर हमें अच्छी शिक्षा प्रदान करने का हरसंभव प्रयास करते हैं। यह हमें तकनीकी और उच्च कौशल वाले ज्ञान के साथ ही पूरे संसार में हमारे विचारों को विकसित करने की क्षमता प्रदान करती है। अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने का सबसे अच्छे तरीके अखबारों को पढ़ना, टीवी पर ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों को देखना, अच्छे लेखकों की किताबें पढ़ना आदि हैं। शिक्षा हमें अधिक सभ्य और बेहतर शिक्षित बनाती है। यह समाज में बेहतर पद और नौकरी में कल्पना की गए पद को प्राप्त करने में हमारी मदद करती है।

आधुनिक तकनीकी संसार में शिक्षा मुख्य भूमिका को निभाती है। आजकल, शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत तरीके हैं। शिक्षा का पूरा तंत्र अब बदल दिया गया है। हम अब 12वीं कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम (डिस्टेंस एजूकेशन) के माध्यम से भी नौकरी के साथ ही पढ़ाई भी कर सकते हैं। शिक्षा बहुत महंगी नहीं है, कोई भी कम धन होने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानी से किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में बहुत कम शुल्क पर प्रवेश ले सकते हैं। अन्य छोटे संस्थान भी किसी विशेष क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

शिक्षा लोगों के मस्तिष्क को उच्च स्तर पर विकसित करने का कार्य करती है और समाज में लोगों के बीच सभी भेदभावों को हटाने में मदद करती है। यह हमारी अच्छा अध्ययन कर्ता बनने में मदद करती है और जीवन के हर पहलू को समझने के लिए सूझ-बूझ को विकसित करती है। यह सभी मानव अधिकारों, सामाजिक अधिकारों, देश के प्रति कर्तव्यों और दायित्वों को समझने में भी हमारी सहायता करता है।

शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में एक अलग स्तर और अच्छाई की भावना को विकसित करती है। 

Importance of education in Hindi किसी भी बड़ी पारिवारिक, सामाजिक और यहाँ तक कि राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को भी हर करने की क्षमता प्रदान करती है। हम से कोई भी जीवन के हरेक पहलू में शिक्षा के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकता। यह मस्तिष्क को सकारात्मक ओर मोड़ती है और सभी मानसिक और नकारात्मक विचारधाराओं को हटाती है। सबसे पहले शिक्षा समाज में ज्ञान के प्रसार में मदद करती है। यह शायद शिक्षा का सबसे उल्लेखनीय पहलू है। शिक्षित समाज में ज्ञान का तेजी से प्रसार होता है। इसके अलावा, शिक्षा द्वारा ज्ञान का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरण होता है।

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of education in Hindi) जानने के बाद अब इससे जुड़े 10 मुख्य लाइन जानने चाहिए, जो इस प्रकार हैं:

  • आज के आधुनिक समय में हर किसी के लिए अच्छा जीवन जीने के लिए शिक्षा एक अत्यंत आवश्यक आवश्यकता है।
  • शिक्षा हमें टेक्निकल सिस्टम्स और सेवाओं का उपयोग करने में सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • अच्छी तरह से शिक्षित लोग विभिन्न नौकरियां कर सकते हैं और आगे अपने-अपने जीवन में सफल हो सकते हैं।
  • अच्छी शिक्षा के बिना, व्यक्ति अच्छी कमाई के शानदार अवसरों से वंचित रह जाते हैं।
  • शिक्षा हमें दूसरों द्वारा शोषण होने से बचाती है।
  • शिक्षित लोगों की एक बड़ी आबादी देश के लिए एक असीम धन है।
  • समाज को आगे बढ़ने और सोच और आचरण के पुराने और अनप्रोडक्टीव तरीकों को त्यागने में शिक्षा हर संभव मदद करती है।
  • इकॉनमी के गरीब तबके के लोगों के विकास के लिए शिक्षा आवश्यक है।
  • शिक्षा व्यक्ति के साथ-साथ उसके परिवार और समुदाय का भी भला करेगी और उन्होंने अच्छी आजीविका कमाने के लिए भी तैयार करती है।
  • अपनी शिक्षा को हमें महत्व देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज के हर वर्ग के बच्चों को शिक्षा का समान अवसर मिले।

Importance of education in Hindi 10 महान लोगों द्वारा कहे गए कोट्स इस प्रकार हैं:

  • “शिक्षा अँधेरे से रौशनी की ओर ले जाती है।” -एलन ब्लूम
  • “किसी मनुष्य को एक मछली दो और तुम उसे एक दिन के लिए भोजन खिलाओ; एक आदमी को मछली पकड़ना सिखाएं और आप उसे जीवन भर खाना खिलाएंगे”- मैमोनाइड्स
  • “परिवर्तन सभी सच्ची शिक्षा का आखिरी परिणाम है।” -लियो बुस्काग्लिया
  • “उन लोगों से दूर रहें जो आपकी महत्वाकांक्षाओं को कम करने की कोशिश करते हैं। छोटे लोग हमेशा ऐसा करते हैं, लेकिन वास्तव में महान लोग आपको यह महसूस कराते हैं कि आप भी महान बन सकते हैं।”- मार्क ट्वेन
  • “या तो आप दिन को चलाते हैं या दिन आपको चलाता है।” – जिम रॉन
  • “शिक्षा एक लौ जलाने जैसा है, किसी बर्तन को भरना नहीं।” – सोक्रेटस
  • “शिक्षा सबसे शक्तिशाली माध्यम है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।” – नेल्सन मंडेला
  • “अपने भविष्य की भविष्यवाणी करने का सबसे अच्छा तरीका इसे बनाना है।” – अब्राहम लिंकन
  • “सीखना संयोग से प्राप्त नहीं होता; इसे उत्साह और परिश्रम के साथ खोजा जाना चाहिए।” – अबीगैल एडम्स
  • “जिस किसी ने कभी गलती नहीं की उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।” – अल्बर्ट आइंस्टीन

शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है।

शिक्षा मनुष्य के अंदर अच्छे विचारों को भरती है और अंदर में प्रविष्ठ बुरे विचारों को निकाल बाहर करती है। शिक्षा मनुष्य के जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। यह मनुष्य को समाज में प्रतिष्ठित करने का कार्य करती है। इससे मनुष्य के अंदर मनुष्यता आती है।

शिक्षा हमें किसी भी चीज़ के बारे में ज्ञान प्रदान करती है और शारीरिक व्यक्तित्व और मानसिक शक्ति के साथ-साथ हमारी जीवन शैली को बेहतर बनाती है। शिक्षा के माध्यम से हम अपने भविष्य में आने वाले अच्छे या बुरे सभी परिस्थितियों को आसानी से संभाल सकते हैं।

शिक्षा एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो हर किसी के जीवन में बहुत उपयोगी है। शिक्षा वह है जो हमें पृथ्वी पर अन्य जीवित प्राणियों से अलग करती है। यह मनुष्य को पृथ्वी का सबसे चतुर प्राणी बनाती है। यह मनुष्यों को सशक्त बनाती है और उन्हें जीवन की चुनौतियों का कुशलता से सामना करने के लिए तैयार करती है।

व्यापक अर्थ में शिक्षा किसी समाज में सदैव चलने वाली सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास, उसके ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि एवं व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है और इस प्रकार उसे सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाया जाता है।

आशा करते हैं कि आपको इस ब्लॉग के माध्यम से शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of education in Hindi) की जानकारी मिली होगी। इसी तरह अन्य ब्लॉग्स के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

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The Importance of Technology in Education: Benefits for Students and Educators

  • Categories: Impact of Technology Technology in Education

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Words: 1490 |

Published: May 24, 2022

Words: 1490 | Pages: 3 | 8 min read

Table of contents

Introduction, importance of technology in education (essay).

  • Himmelsbach, V. (2019). How Does Technology Impact Student Learning? Retrieved November 26, 2020, from https:tophat.combloghow-does-technology-impact-student-learningDikusar, A. (2018).
  • How Important is Technology in Education? Retrieved October 22, 2020, from https:xbsoftware.combloghow-important-is-technology-in-educationCox, J. (2019).
  • Benefits of Technology in the Classroom. Retrieved November 4, 2020, from https:www.teachhub.comtechnology-in-the-classroom201911benefits-of-technology-in-the-classroom

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