ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध (Abdul Kalam Essay in Hindi)
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जनसाधारण में डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के रुप में जाने जाते हैं। वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा जावित रहेंगे। वास्तव में वो एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने बहुत सारे आविष्कार किये। वो भारत के एक पूर्व राष्ट्रपति थे जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ (रामेश्वरम्, तमिलनाडु, भारत) और 27 जुलाई 2015 में निधन हुआ था (शिलांग, मेघालय, भारत)। देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में विद्यार्थियों को बताने के लिये हम यहाँ पर बेहद सरल और आसान भाषा में विभिन्न शब्द सीमाओं में कुछ निबंध उपलब्ध करा रहें हैं।
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on APJ Abdul Kalam, Abdul Kalam par Nibandh Hindi mein)
यहाँ बहुत ही आसान भाषा में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध पायें:
निबंध 1 (250 – 300 शब्द)
भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
उन्होंने 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन और 1960 में चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कीपढ़ाई पूरी की।डॉ कलाम ने बहुत सारी किताबें लिखी जैसे विंग्स ऑफ फायर, इग्नीइटेड माइन्ड्स, टारगेट्स 3 बिलीयन इन 2011, टर्निमग प्वॉइंट्स, माई जर्नी आदि।
संघर्ष और सफलता
एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका।वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में, साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया।
भारत देश को सदा ही एपीजे अब्दुल कलाम पर गर्व रहेगा। उनका जीवन देश के युवाओं को कठोर परिश्रम और देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा।वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा विराजमान रहेंगे।
इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Abdul Kalam in Hindi
निबंध 2 (300 शब्द)
डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में भारतीय इतिहास में वो प्रकाशमान सितारे हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। एक वैमानिकी इंजीनियर होने के अपने सपने को पूरा करने के लिये जहाज में उनकी विशाल इच्छा ने उन्हें सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका। डॉ कलाम ने तिरुचिरापल्ली में सेंट ज़ोसेफ़ से विज्ञान में ग्रेजुएशन और 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रुप में उन्होंने डीआरडीओ ज्वॉइन किया जहाँ उनकी अगुवाई में एक छोटी टीम, एक हावरक्राफ्ट के विकास में लगी थी। हावरक्राफ्ट कार्यक्रम से उत्साहजनक परिणाम की कमी के कारण, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ज्वॉइन कर लिया। वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।
वो एक ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति के रुप में भी देश की सेवा की है। 1998 के पोखरन-द्वितीय परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी थी। वो दूरदर्शिता पूर्ण विचारों से युक्त व्यक्ति थे जिसने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य देखा। “भारत 2020” के शीर्षक की अपनी किताब में उन्होंने देश के विकास बारे में कार्य योजना को स्पष्ट किया। उनके अनुसार, देश की असली संपत्ति युवा है इसी वजह से वो हमेशा उनको प्रोत्साहित और प्रेरित करते रहें हैं। वो कहते थे कि “राष्ट्र को नेतृत्व में आदर्श की जरुरत है जो युवाओं को प्रेरित कर सकें”।
निबंध 3 (400 शब्द)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।
उनका व्यवसाय और योगदान
15 अक्टूबर 1931 को जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर में डॉ कलाम का जन्म हुआ। उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी जिसके कारण इन्होंने बहुत कम उम्र में ही आर्थिक सहायता देने के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हालांकि अपने काम करने के दौरान इन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन और मद्रास इंस्टीट्यूट से वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद कलाम एक मुख्य वैज्ञानिक के रुप में डीआरडीओ से जुड़ गये हालांकि बहुत जल्द ही ये भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र के प्रोजेक्ट निर्देशक के रुप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में विस्थापित हो गये। डॉ कलाम ने गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रुप में भी कार्य किया जिसमें मिसाइलों के एक कंपन के एक साथ होने वाले विकास शामिल थे।
डॉ कलाम वर्ष 1992 से वर्ष 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी बने। पोखरन द्वितीय परमाणु परीक्षण के लिये मुख्य प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर के रुप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाने लगा। वो पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे।
उन्होंने बहुत सारी प्रेरणादायक किताबें लिखी जैसे “इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइन्ड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क, इंस्पायरिंग थॉट्स” आदि। डॉ कलाम ने देश में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये “वॉट कैन आई गिव मूवमेंट” नाम से युवाओं के लिये एक मिशन की शुरुआत की। देश (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद और इंदौर, आदि) के विभिन्न इंस्टीट्यूट और विश्वविद्यालयों में उन्होंने अतिथि प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवा दी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी तिरुअनन्तपुरम् में चांसलर के रुप में, जेएसएस यूनिवर्सिटी (मैसूर), एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ऐट अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) आदि। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से नवाज़ा गया जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi) - सभी क्लास के लिए हिंदी में 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध लिखें
Updated On: September 29, 2023 12:17 pm IST
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एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi) - ऐसे तैयार करें
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (essay on apj abdul kalam) - 100 से 500 शब्दों में , एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (essay on apj abdul kalam) - देश के प्रति योगदान , are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard.
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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध
भारत के अनमोल रत्न – डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध essay on apj abdul kalam in hindi.
“यदि आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हो, तो सूर्य की तरह जलना होगा।” –डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
यकीनन डॉ. अब्दुल कलाम ने अपने इस कथन को अपने निजी जीवन में चरितार्थ कर दिखाया। सूर्य की तरह जलकर ही वह सूर्य की तरह चमके और इस देश को अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से आलोकित कर अमर हो गए। साधारण पृष्ठभूमि में पले-बढ़े कलाम तमाम अभावों से दो-चार होने के बावजूद विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए न सिर्फ एक सफल और महान वैज्ञानिक बने, बल्कि देश के सर्वोच्च पद तक भी पहुंचे। वह जीवन की कठिनाइयों के सामने न तो कभी कमजोर पड़े और न ही इनसे घबराए।
उनका जीवन दर्शन कितना व्यावहारिक एवं उच्च था, इसका पता उनके इस कथन से चलता है – “इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी हैं।” सच्चे अर्थों में वह एक उच्च कोटि के राष्ट्रनायक थे।
डॉ. कलाम ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। 15 अक्टूबर, 1931 को भारत के तमिलनाड प्रांत के रामेश्वरम में एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में इस असाधारण प्रतिभा ने जन्म लिया। जन्म के समय शायद ही किसी ने सोचा हो कि यह नन्हा बालक आगे चलकर एक राष्ट्र निर्माता के रूप में भारत को बुलंदी पर ले जाएगा। कलाम के पिता जैनल आबिदीन पेशे से मछआरे थे तथा एक धर्मपरायण व्यक्ति थे।
उनकी माता आशियम्मा एक साधारण गृहिणी थीं तथा एक दयालु एवं धर्मपरायण महिला थीं। मां-बाप ने अपने इस सबसे छोटे बेटे का नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम रखा। जीवन के अभाव कलाम के प्रारंभिक जीवन से ही जुड़े हुए थे। संयुक्त परिवार था और आय के स्रोत सीमित थे। कलाम के पिता मछुआरों को किराए पर नाव दिया करते थे। इससे जो आय होती थी, उसी से परिवार का भरण-पोषण होता था। विपन्नता के बावजूद माता-पिता ने कलाम को अच्छे संस्कार दिए। कलाम के जीवन पर उनके पिता का बहुत प्रभाव रहा। वे भले ही पढ़े-लिखे नहीं थे, किन्तु उनके दिए संस्कार कलाम के बहुत काम आए।
पांच वर्ष की अवस्था में रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्रारंभ की। यहीं उन्हें उनके शिक्षक इयादराई सोलोमन से एक नेक सीख मिली_“जीवन में सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीनों शक्तियों को भली-भांति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित कर लेना चाहिए।” नन्हें कलाम ने इस सीख को आत्मसात कर आगे का सफर शुरू किया। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा के दौरान जिस प्रतिभा का परिचय दिया, उससे उनके शिक्षक बहुत प्रभावित हुए। प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही अर्थाभाव आड़े आया तो उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने एवं परिवार की आय को सहारा देने के लिए अखबार बांटने का काम किया। प्रारंभिक शिक्षा के बाद कलाम ने रामनाथपुरम के एक विद्यालय से हाईस्कूल की शिक्षा पूरी की।
विज्ञान में उनकी गहरी रूचि शुरू से थी। वर्ष 1950 में उन्होंने तिरुचरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया और वहां से बीएससी की डिग्री प्राप्त की। अपने अध्यापकों की सलाह पर उन्होंने स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए ‘मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’, चेन्नई का रुख किया। वहां पर उन्होंने अपने सपनों को आकार देने के लिए एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का चयन किया।
‘मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ से तालीम पूरी करने के बाद एक उदीयमान युवा वैज्ञानिक के रूप में कलाम ने विज्ञान के क्षेत्र में अपने स्वर्णिम सफर की शुरुआत की। वर्ष 1958 में उन्होंने बंगलुरू के सिविल विमानन तकनीकी केन्द्र से अपनी पहली नौकरी की शुरूआत की, जहां उन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते हुए एक पराध्वनिक लक्ष्यभेदी विमान का डिजाइन तैयार किया। कलाम के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब वर्ष 1962 ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) से जुड़ने का मौका मिला। यहां भी उनके काम की खूब सराहना हुई। इसरो में कलाम ने होबरक्राफ्ट परियोजना पर काम शुरू किया। वे कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं से गहराई से जुड़े रहे। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के प्रथम स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान ‘एसएलवी-3’ के निर्माण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्ष 1980 में उन्होंने ‘रोहणी उपग्रह’ को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित करने में केन्द्रीय भूमिका निभाई और इसके साथ ही भारत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बना।
वर्ष 1982 में कलाम को भारत के ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (डीआरडीओ) का निदेशक नियुक्त किया गया तथा इसी वर्ष मद्रास के ‘अन्ना विश्वविद्यालय’ ने उन्हें ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की मानद उपाधि से विभूषित किया। डॉ. कलाम ने ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलों को ईजाद कर भारत की सामरिक शक्ति को बढ़ाया तथा ‘मिसाइलमैन’ के रूप में देश-देशांतर में प्रख्यात हुए। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों ने देश को न सिर्फ ताकतवर बनाया, बल्कि विश्वस्तर पर भारत के मान-सम्मान एवं गौरव को भी बढ़ाया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में डॉ. कलाम ने वर्ष 1998 में एक और गैरमामूली कारनामा कर दिखाया। डॉ. कलाम के कुशल नेतृत्व में पोखरण में भारत ने अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया, जिसकी गूंज सारे विश्व में सुनी गई। इसके बाद भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।
जहां एक वैज्ञानिक के रूप में अपनी उपलब्धियों से डॉ. कलाम ने भारत के गौरव को बढ़ाया, वहीं भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल सराहनीय रहा। वर्ष 2002 में डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उन्हें भारतीय जनता पार्टी समर्थित एनडीए के घटक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया था। 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007 तक वह भारत के राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति भवन एवं महामहिम के भारी-भरकम प्रोटोकाल से बाहर निकल कर डॉ. कलाम ने एक जनप्रिय राष्ट्रपति के रूप में हिन्दुस्तानियों के दिलों पर राज किया। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने न सिर्फ समस्त देश को प्रेरणा प्रदान की, अपितु एक उच्चकोटि के राष्ट्रनायक का उदाहरण पेश किया।
उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में भारतीय राजनीति की दिशा बदलने की हर संभव कोशिश की। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्होंने सांसदों को कर्तव्य पथ पर अडिग रहने की शपथ दिलाई। उन्होंने देश को न केवल महाशक्ति बनाने का मूलमंत्र दिया, बल्कि लोगों में यह विश्वास भी जगाया कि भारत वास्तव में उन्नति के शिखर पर पहुंच सकता है।
उन्होंने देश भर में घूम-घूम कर असंख्य छात्रों को प्रेरित करने, उनके सपने जगाने और उन्हें पूरा करने का जो मंत्र दिया, उसकी मिसाल मिलनी मुश्किल है। उन्होंने यह भी दिखाया कि अपना काम करते हुए विवादों से कैसे दूर रहा जा सकता है। एक अराजनीतिक व्यक्ति होते हुए भी डॉ. कलाम राजनीतिक दृष्टि से सम्पन्न थे। अपनी इसी दृष्टि के बल पर उन्होंने भारत की कल्याण संबंधी नीतियों का जो खाका खींचा, वह अद्भुत है। उनकी सोच राष्ट्रवादी थी। वह एक महान देश हितैषी थे। भारत को एक सबल और सक्षम राष्ट्र बनाना उनका सपना था।
अपनी पुस्तक ‘इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’ में उन्होंने यह रेखांकित किया है कि भारत को वर्ष 2020 तक एक विकसित देश और “नालेज सुपरपॉवर’ बनाना होगा, ताकि वह दुनिया की प्रथम चार आर्थिक शक्तियों में शुमार हो सके। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद वह राष्ट्रीय शिक्षक की भूमिका में थे।
डॉ. कलाम का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वह एक महान वैज्ञानिक एवं राष्ट्रनायक ही नहीं थे, बल्कि एक अच्छे कवि, लेखक एवं संगीत साधक भी थे। अपने जीवनकाल में जहां उन्होंने मर्मस्पर्शी कविताओं का सृजन किया, वहीं एक लेखक के रूप में ‘इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’, मॉय जर्नी, ‘इग्नाइटेड माइंड्स : अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’, ‘एनविजनिंग अनएम्पावर्ड नेशन : टेक्नोलॉजी फॉर सोसायटल ट्रांसफॉर्मेशन’ आदि उनकी चर्चित कृतियां हैं। अरूण तिवारी द्वारा लिखी गई उनकी जीवनी ‘विंग्स ऑफ फायर’ को पढ़ने के लिए युवा और बच्चे आतुर रहते हैं। एक संगीत साधक के रूप में रूद्रवीणा के वादन में उन्हें महारत हासिल थी। डॉ. कलाम का जीवन सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोगों एवं राजनीति तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि सामाजिक जीवन को उच्च स्तर पर लाने के लिए भी वह समर्पित रहे। यही कारण है कि उन्हें अपार लोकप्रियता मिली।
डॉ. कलाम के जीवनकाल में उनकी उपलब्धियों एवं जनसेवा के लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों एवं सम्मानों से नवाजा गया। भारत सरकार द्वारा उन्हें वर्ष 1981 में ‘पद्म भूषण’ तथा वर्ष 1990 में ‘पद्म विभूषण’ की उपाधियों से अलंकृत किया गया। वर्ष 1997 में जहां उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया गया, वहीं इसी वर्ष उन्हें राष्ट्रीय एकता के लिए ‘इंदिरा गांधी पुरस्कार’ से नवाजा गया। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए उन्हें अनेकानेक पुरस्कारों से नवाजा गया।
डॉ. कलाम देश के लिए ही जिए और देश के लिए ही मरे। अंत तक एक राष्ट्रीय शिक्षक के रूप में वह हमारे पथप्रदर्शक बने रहे। 27 जुलाई, 2015 को उत्तर-पूर्व के शिलांग में जब इस अनमोल रत्न ने अंतिम सांस ली, तो भी वह अपनी इसी भूमिका में थे। वह वहां के एक शिक्षण संस्थान में ‘लिवेबल प्लेनेट अर्थ’ विषय पर व्याख्यान देने गए थे। व्याख्यान के दौरान ही उनकी हालत बिगड़ी और 84 वर्ष की अवस्था में भारतवासियों को ‘उम्मीद’ शब्द का एक नया अर्थ देने वाला यह महान राष्ट्रनायक अलविदा हो गया।
विज्ञान डॉ. कलाम की बुनियाद थी, जबकि उनके चिंतन में शिक्षा, दर्शन और आधुनिकता की अद्भुत त्रिवेणी थी। वह दिमाग से वैज्ञानिक थे तथा दिल से दार्शनिक थे। उनकी आंखों में विकसित भारत का सपना था। उनकी सबसे बड़ी खूबी यह थी कि उन्होंने मूल्यों और मानवता को विज्ञान से जोड़ने का अद्भुत काम किया। आज कलाम साहब हमारे बीच भले ही नहीं हैं, किन्तु वह देश के नन्हें-मुन्नों की चमकती आंखों, युवकों की आंखों में झिलमिलाते सपनों और बुजुर्गों की उम्मीदों में सदा अमर रहेंगे। हम उनके सपनों का भारत बनाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।
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रूपरेखा : परिचय - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जीवन - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पढ़ाई - राष्ट्र के विकास में योगदान - पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ - निष्कर्ष।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था। वे मिसाइल मैन और राष्ट्रपति के रूप में भारतीय इतिहास में एक चमकते सितारे रहे हैं। उन्होंने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं। वह एक ऐसा व्यक्ति था जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम्, तमिलनाडु में हुआ था। उनका परिवार बहुत गरीब था। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमाने हेतु कठिन परिश्रम करना पड़ता था। उन्होंने संत जोसेफ स्कूल में अध्ययन किया और 'मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी' से इंजीनियरिंग की। डॉ. कलाम अपनी बाल्यावस्था से ही एक बहुत मेधावी छात्र थे।
उड़ान में उनकी अत्यधिक रुचि ने उन्हें वैमानिकी इंजीनियरिंग के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा कभी नहीं रोकी। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज। वह वर्ष 1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में DRDO में शामिल हुए और एक प्रोटोटाइप होवरक्राफ्ट विकसित करने के लिए छोटी टीम का नेतृत्व किया।
डॉ. कलाम ने अनेक तरह से देश की सेवा की। उन्होंने सुरक्षाशोध एवं विकास-संस्थान और भारतीय अंतरिक्ष शोध-संस्थान में विभिन्न पदों को सफलतापूर्वक सँभाला। इसरो में वे एस. एल. वी. परियोजना के अनुदेशक थे। इस परियोजना के तहत अभी तक कई प्रक्षेपास्त्रों को प्रक्षेपित किया गया है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।
1982 ई. में शोध एवं विकास-संगठन, हैदराबाद से वे निदेशक के रूप में जुड़े। उन्होंने एकीकृत नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के लिए कार्य किया। उन्होंने विभिन्न प्रक्षेपास्त्रों, जैसे—अग्नि, आकाश, पृथ्वी, नाग, त्रिशूल आदि के प्रक्षेपण-परियोजना का नेतृत्व किया। भारत-जैसे देश के लिए यह कोई आसान कार्य नहीं था। किंतु, डॉ. कलाम ने कभी उम्मीदें नहीं छोड़ी। वे अपने लक्ष्य की ओर काम करते रहे। इसके बाद, उन्होंने सन् 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा की।
डॉ. कलाम बहुत ही सामान्य व्यक्ति थे। उन्हें अध्ययन से प्रेम था। वे शास्त्रीय संगीत और कविताएँ लिखना भी पसंद करते थे। वे बच्चों और युवा छात्रों को प्रोत्साहित किया करते थे। वे भारत को पूर्णतया विकसित देश के रूप में देखना चाहते थे। वे बुद्धिमान् होने के साथ-ही विनम्र थे।
डॉ. कलाम को देश के प्रति अनुपम योगदान के लिए भारत रत्न' प्राप्त हुआ। २७ जुलाई २०१५ को उनकी मृत्यु शिलांग में हो गई। यह देश के लिए भारी क्षति थी। हमलोग उनके योगदान और प्रयासों को कभी नहीं भूल सकते। उनके जादुई उद्धरण हमें देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने हेतु सदा प्रोत्साहित करते रहेंगे।
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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)
In this Article
अब्दुल कलाम पर 10 लाइन (10 Lines On APJ Abdul Kalam In Hindi)
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- आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
ऐसी शख्सियत बहुत कम होती है जिनके होने से देश को उन पर गर्व हो , लेकिन कुछ लोगों के लिए देश प्रेम और उसका सबसे ऊपर होता है। जिस महान व्यक्तित्व की हम बात कर रहे हैं वो है डॉ एपीजे अब्दुल कलाम। इनका पूरा नाम ‘ अवुल पकिर जैनुलाबदीन ‘ अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम , तमिलनाडु में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबुद्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। भारत के लोगों के दिलों में उनकी पहचान हमेशा से ‘ जनता के राष्ट्रपति ‘ और ‘ मिसाइल मैन ‘ के नाम से बनी हुई है। कलाम एक बेहद प्रतिष्ठित वैज्ञानिक थे , जिन्होंने कई तरह के आविष्कार किए हैं। इनका इसरो (ISRO) में बेहतरीन योगदान रहा है और इन्होंने कई तरह की मिसाइल का विकास भी किया था। सबसे प्रसिद्ध मिसाइल ‘ पृथ्वी ‘ और ‘ अग्नि ‘ के विकास में इन्होने अहम भूमिका निभाई थी। इनके इस योगदान की वजह से भारत सरकार द्वारा उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक के रूप में सम्मानित किया गया। ऐसे महान व्यक्ति के बारे आप कैसे निबंध लिखें यह जाने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
एपीजे अब्दुल कलाम बहुत सरल स्वभाव के जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। यह दुनिया भर में युवाओं के लिए प्रेरणा थे और हैं। आप हिंदी में एपीजे अब्दुल कलाम पर शॉर्ट नोट के तौर नीचे दी गए 10 आसान वाक्य से उनके बारे में जान सकते हैं।
- अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुलाब्दीन’ अब्दुल कलाम आजाद है।
- इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 तमिल नाडु में हुआ था।
- इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था
- इन्होंने 1960 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया।
- इन्हें भारत का ‘ मिसाइल मैन ‘ कहा जाता है।
- कलाम एक अच्छे लेखक थे।
- कलाम एयरोनॉटिकल इंजीनियर भी थे।
- अब्दुल कलाम 2002 में देश के 11 वें राष्ट्रपति बने थे।
- इन्हें भारत रत्न , पद्म विभूषण , पद्म भूषण आदि जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
- 27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने से इनकी मृत्यु हो गई।
स्कूल में अक्सर बच्चों ऐसे लोगों निबंध लिखने को खा जाता है , हमारे लिए प्रेरणा है और देश लिए गर्व। बच्चे अगर इन्हे अपना आदर्श मानेगे तो कल वो खुद भी देश कुछ कर सकेंगे। नीचे दिया गया एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में पैराग्राफ उनके बारे में बच्चों को काफी कुछ जानकारी दे सकता है और उन्हें एक अच्छा लेख लिखने में मदद कर सकता है।
डॉ . एपीजे अब्दुल कलाम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है। राष्ट्रपति बनने से पहले उनका नाम एक वैज्ञानिक के तौर पर काफी प्रसिद्ध था। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को भारत के रामेश्वरम में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम बहुत गरीब परिवार से आते थे और अपने पिता की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए वे स्टेशन पर अखबार बेचते थे। इनका बचपन से ही पढ़ाई के प्रति अधिक रुझान था। 25 जुलाई 2002 में वह भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल उन्होंने साल 2002 से 2007 तक संभाला था। अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा करने के बाद कलाम ने ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीओ ‘ जैसे बड़े सरकारी विभाग में कई प्रमुख पदों पर काम किया था। इसके बाद भारत सरकार ने कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का पद नियुक्त किया था। भारत के लोगों ने उन्हें एक महान राष्ट्रपति होने का दर्जा दिया था। कलाम हमेशा से ही बच्चों और युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत थे , हैं और रहेंगे। उन्होंने हमेशा बच्चों को नया सीखने और अपने अंदर की कला तलाशने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया। डॉ कलाम आज भी भारत की जनता के दिलों में एक महान राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के रूप में बसते हैं। 27 जुलाई 2015 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में अपने लेक्चर के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा , जिसकी वजह से उनका निधन हो गया।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। युवाओं के लिए कलाम किसी प्रेरणा से कम नहीं थे , शायद यही वजह थी वह उनके लोकप्रिय राष्ट्रपति थे। डॉ कलाम एक प्रख्यात वैज्ञानिक थे , जिन्होंने भारत सरकार की नामी संस्था जैसे ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीडो ‘ के साथ कार्य किया था। इन्होंने देश के लिए कई मिसाइल बनाई है , जिसमे सबसे लोकप्रिय ‘ अग्नि ‘ और ‘ पृथ्वी ‘ थीं। काम को लेकर इनकी इस लगन और देश के लिए किए गए कई योगदानों की वजह से भारत सरकार ने इन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी नवाजा है। भारत के वैज्ञानिक विकास में इनका योगदान काबिले तारीफ है।
एपीजे अब्दुल कलाम का शुरूआती जीवन और बचपन (Early Life and Childhood of APJ Abdul Kalam)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम जी के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था जो कि एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थें और उनकी माता का नाम आशियम्मा था। कलाम के 4 भाई – बहन थे , जिनमें वह सबसे छोटे थें। इनका बचपन बहुत ही कठिनाई में बिता है क्योंकि यह एक गरीब परिवार से थें। घर के खर्चों और अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जमा करने के लिए कलाम जी ने अखबार बेचने का काम भी किया था। बचपन में वह पढ़ाई में एक औसत छात्र थे , लेकिन इनके अंदर कुछ नया सीखने और बड़ा कर दिखाने की ललक हमेशा से थी। इनकी इस लगन को देखते हुए इनके शिक्षक भी उन्हें पसंद करते थे। यह पढ़ाई करने में बहुत समय बिताते थें , खासकर की गणित में क्योंकि यह उनका पसंदीदा विषय था। इनकी शुरूआती शिक्षा रामनाथपुरम के श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई , जिसके बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में पढ़ाई की। वहां से उन्होंने 1954 में भौतिकी ( फिजिक्स ) विषय में स्नातक किया। इसके बाद साल 1960 में अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया था।
अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक करियर (Scientific career of Abdul Kalam)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने बाद डीआरडीओ ( रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ) में एक वैज्ञानिक के तौर पर काम करने लगे थें। इस बीच इन्होने प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया था। साल 1969 में डॉ कलाम डीआरडीओ को छोड़कर इसरो (ISRO) में शामिल हो गए। इसरो में इनको प्रोजेक्ट डायरेक्टर का पद दिया गया था। इसी पद पर काम करते समय साल 1980 में भारत ने अपना पहला सैटेलाइट ( रोहिणी ) पृथ्वी के ऑर्बिट पर स्थापित किया था। इसरो में शमिल होने के बाद डॉ कलाम बेहद खुश थें क्योंकि उनका मानना था कि जिस उद्देश्य से वह अपना जीवन जी रहे हैं , वह अब थोड़ा – थोड़ा कर के पूरा हो रहा है। साल 1963-64 में अब्दुल कलाम ने अमेरिकी संस्था नासा (NASA) में भी दौरा किया। भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने पहले परमाणु परिक्षण में डॉ कलाम को बुलाया था। ऐसे करते करते वह देश के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक के तौर पर उभर कर सबके सामने आने लगे।
एपीजे अब्दुल कलाम का राजनीतिक जीवन (Political Life of APJ Abdul Kalam)
राजनीती में आने से पहले ही डॉ कलाम देश में अपने कार्यों से मशहूर थें। पहली बार जून 2002 में रूलिंग पार्टी एनडीए ( राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ) ने कलाम का नाम भारत के राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया था। कलाम की इस उम्मीदवारी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समर्थन भी मिला था। भारत के पूर्व राष्ट्रपति के . आर . नारायणन ने डॉ कलाम के लिए जगह बनाने के लिए फिर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। कलाम के विपरीत सिर्फ एक विरोधी लक्ष्मी सहगल थीं। लेकिन कलाम जी की कौशलता और लोकप्रियता के कारण यह चुनाव एक तरफा रहा जिसमे कलाम की विजय हुई। 25 जुलाई 2002 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और वह देश के 11 वें राष्ट्रपति बने।
एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कार ( APJ Abdul Kalam Awards)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं , उनकी इस काबिलियत को समझते हुए उन्हें कई पुरस्कार और उपलब्धियों से नवाजा गया है। भारत सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कार ये रहें –
- पद्म भूषण (1981)
- पद्म विभूषण (1990)
- भारत रत्न (1997)
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1997)
- वीर सावरकर (1998)
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु (Death Of APJ Abdul Kalam)
27 जुलाई 2015 को डॉ कलाम ने शिलांग के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 84 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। कॉलेज में अपने लेक्चर के दौरान डॉ कलाम को दिल का दौरा पड़ा और वह वहीँ बेहोश हो गए। अस्पताल ले जाने के कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गयी। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रामेश्वरम में 30 जुलाई 2015 को हुआ था। इस में देश के प्रधानमंत्री और कई जाने – माने मंत्री आदि शामिल हुए थे।
- डॉ अब्दुल कलाम ने कभी भी शादी नहीं की थी।
- कलाम को 40 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी।
- पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण में कलाम का अहम योगदान था।
- मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद डॉ कलाम शाकाहारी थे।
- यह भारत के पहले अविवाहित राष्ट्रपति बने थे।
- इनसे प्रेरित होकर साल 2011 में ‘ आई एम कलाम ‘ नाम की फिल्म रिलीज हुई थी।
- इनके अंतिम संस्कार में लगभग साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।
आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से ? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक प्रख्यात और प्रतिभा से भरे वैज्ञानिक और बेहतरीन राजनीतिज्ञ थे , जो हमेशा से भारत के विकास के बारें में सोचते थे। भारत के वैज्ञानिक विभाग में इनका योगदान बेमिसाल रहा है। डॉ कलाम बच्चों को बहुत पसंद करते थें और उन्हें हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित भी किया करते थे। बच्चे भी इन्हें अपना आदर्श मानते थें , हैं और रहेंगे। ऐसे में डॉ कलाम के इस निबंध से बच्चे और भी ज्यादा प्रेरित होंगे और उनके जैसा बनने का प्रयास करेंगे। हमारे देश के इस प्रतिभाशाली पुरुष के बारें में हर किसी को ज्ञान होना जरूरी।
1. डॉ कलाम द्वारा लिखी गई उनकी आत्मकथा का क्या नाम है ?
डॉ कलाम की आत्मकथा का नाम ‘ विंग्स ऑफ फायर ‘ है।
2. मृत्यु के दौरान कलाम ने कौन सा व्याख्यान दिया था ?
डॉ कलाम द्वारा उनकी मृत्यु के दिन दिया गया व्याख्यान ‘ क्रिएटिंग अ लिवेबल प्लैनेट अर्थ ‘ था।
3. एपीजे अब्दुल कलाम ने कौनसा ई – पेपर लॉन्च किया था ?
कलाम ने ‘ बिलियन बीट्स ‘ नाम का ई – पेपर का नाम लॉन्च किया था।
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबन्ध | APJ Abdul Kalam Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi
By: savita mittal
अब्दुल कलाम का जीवन परिचय | डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबन्ध | APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
वैज्ञानिक के रूप मे कलाम, राष्ट्रपति के रूप में कलाम, एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध | essay on apj abdul kalam in hindi | abdul kalam par nibandh hindi mein video.
तमिलनाडु मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले एक बालक का यह सपना था कि वह एक दिन पायलट बनकर आसमान की अनन्त ऊँचाइयों को नापे। अपने इस सपने को साकार करने के लिए उसने समाचार-पत्र तक बेचे, गरीबी में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार आर्थिक तंगियो से संघर्ष करते हुए यह बालक उच्च शिक्षा हासिल कर पायलट के लिए होने बाली भर्ती परीक्षा में सम्मिलित हुआ।
उस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद भी उसका चयन नहीं हो सका, क्योंकि उस परीक्षा के द्वारा केवल आठ पायलटों का चयन होना था और सफल अभ्यर्थियों की सूची में उस बालक का स्थान नौवाँ था। इस घटना से उसे थोड़ी निराशा हुई, पर उसने हार नहीं मानी। उसके दृढनिश्चय का ही कमाल था कि एक दिन उसने सफलता की ऐसी बुलन्दियाँ हासिल की, जिनके सामने सामान्य पायलटों की उड़ाने अत्यन्त तुच्छ नज़र आती हैं।
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उस व्यक्ति ने भारत को अनेक मिसाइले प्रदान कर इसे सामरिक दृष्टि से इतना सम्पन्न कर दिया कि पूरी दुनिया उसे ‘मिसाइल मैन’ नाम से जानने लगी। इसके बाद एक दिन ऐसा भी आया जब यह व्यक्ति भारत के सर्वोच्च पद पर आसीन हुआ। चमत्कारी प्रतिभा का घनी वह व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति रह चुके डा एपीजे अब्दुल कलाम थे, जिनकी जीवनगाथा किसी रोचक उपन्यास की कथा से कम नहीं थी।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिनका पूरा नाम अबूल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य में स्थित रामेश्वरम् के धनुषकोडी नामक स्थान पर एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। ये अपने पिता के साथ मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हुए रास्ते में पड़ने वाले शिव मन्दिर में भी माथा टेक कर अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते थे। इसी गंगा-जमुनी संस्कृति के बीच कलाम ने धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ा।
उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने एवं घर के खर्च में योगदान के लिए समाचार-पत्र बेचने पड़ते थे। इसी तरह, संघर्ष करते हुए प्रारम्भिक शिक्षा रामेश्वरम् के प्राथमिक स्कूल से प्राप्त करने के बाद उन्होंने रामनाथपुरम् * ज्वार्ज हाईस्कूल से मैट्रिकुलेशन किया। इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए तिरुचिरापल्ली चले गए। वहाँ के सेण्ट डोसेफ कॉलेज से उन्होंने बीएससी की उपाधि प्राप्त की।
वर्ष 1957 में एमआईटी से वैमानिकी इंजीनियरी में डिप्लोमा प्राप्त किया। अन्तिम वर्ष में उन्हें एक परियोजना दी गई, जिसमें उन्हें 30 दिनों के अन्दर विमान का एक डिजाइन तैयार करना था, अन्यथा उनकी छात्रवृत्ति रुक जाती। कलाम ने इसे निर्धारित अवधि में पूरा किया। उन्होंने तमिल पत्रिका ‘आनन्द बिकटन’ में ‘अपना विमान स्वयं बनाएं’ शीर्षक से एक लेख लिखा, जिसे प्रथम स्थान मिला। बीएससी के बाद वर्ष 1958 में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ. कलाम ने हावरक्राफ्ट परियोजना एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया। इसके बाद वर्ष 1962 में वे भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन में आए, जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहाँ रहकर उन्होंने थुम्बा में रॉकेट इंजीनियरी डिविजन की स्थापना की। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें ‘नासा’ में प्रशिक्षण हेतु भेजा गया।
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नासा से लौटने के पश्चात् वर्ष 1963 में उनके निर्देशन में भारत का पहला रॉकेट ‘नाइक अपाचे’ छोड़ा गया। 20 नवम्बर, 1967 को ‘रोहिणी-75’ रॉकेट का सफल प्रक्षेपण उन्हीं के निर्देशन में हुआ। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी प्रक्षेपण यान से जुलाई, 1980 में रोहिणी उपग्रह का अन्तरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।
वर्ष 1982 में वे भारतीय रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन में वापस निदेशक के तौर पर आए तथा अपना सारा ध्यान गाइडेड मिसाइल के विकास पर केन्द्रित किया। अग्नि मिसाइल एवं पृथ्वी मिसाइल के सफल परीक्षण का श्रेय उन्हें दिया जाता है। जुलाई, 1992 में ये भारतीय रक्षा मन्त्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुए। उनकी देख-रेख में भारत ने 11 मई, 1998 को पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ। वैज्ञानिक के रूप में कार्य करने के दौरान अलग-अलग प्रणालियों को एकीकृत रूप देना उनकी विशेषता थी। उन्होंने अन्तरिक्ष एवं सामरिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नए उपकरणों का निर्माण भी किया।
डॉ. कलाम की उपलब्धियों को देखते हुए वर्ष 1981 में भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया, इसके बाद वर्ष 1990 में उन्हें ‘पद्म विभूषण’ भी प्रदान किया गया। उन्हें विश्वभर के 30 से अधिक विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया। वर्ष 1997 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया। उन्हें एस्ट्रोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इण्डिया का आर्यभट्ट पुरस्कार तथा राष्ट्रीय एकता के लिए इन्दिरा गाँधी पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। वे ऐसे तीसरे राष्ट्रपति हैं, जिन्हें यह सम्मान राष्ट्रपति बनने से पूर्व ही प्राप्त हुआ है। अन्य दो राष्ट्रपति हैं- सर्वपल्ली राधाकृष्णन एवं डॉक्टर जाकिर हुसैन।
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वर्ष 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन सरकार ने डॉक्टर कलाम को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी उनका समर्थन किया और 18 जुलाई, 2002 को उन्हें 90% बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया। इस तरह उन्होंने 25 जुलाई, 2002 को ग्यारहवें राष्ट्रपति के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया।
उन्होंने इस पद को 25 जुलाई, 2007 तक सुशोभित किया। ये राष्ट्रपति भवन को सुशोभित करने वाले प्रथम वैज्ञानिक है। साथ ही वे प्रथम ऐसे राष्ट्रपति भी हैं, जो अविवाहित रहे। राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल में उन्होंने कई देशों का दौरा किया एवं भारत का शान्ति का सन्देश विश्व को दिया। इस दौरान उन्होंने पूरे भारत का भ्रमण किया एवं अपने व्याख्यानों द्वारा देश के नौजवानों का मार्गदर्शन करने एवं उन्हें प्रेरित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया।
सीमित संसाधनों एवं कठिनाइयों के होते हुए भी उन्होंने भारत को अन्तरिक्ष अनुसन्धान एवं प्रक्षेपास्त्रों के क्षेत्र में ऊँचाई प्रदान की। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्होंने तमिल भाषा में अनेक कविताओं की रचना भी की है, जिनका अनुवाद विश्व की कई भाषाओं में हो चुका है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कई प्रेरणास्पद पुस्तकों की भी रचना की है। ‘भारत 2020 : नई सहस्राब्दि के लिए एक दृष्टि’, ‘इग्नाइटेड माइण्ड्स: अनलीशिंग द पावर विदिन इण्डिया’, ‘इण्डिया माइ ड्रीम’, ‘विंग्स ऑफ फायर’, ‘माइ जर्नी’, ‘महाशक्ति भारत’, ‘अदम्य साहस’, ‘छुआ आसमान’, ‘भारत की आवाज’, ‘टर्निंग प्वॉइण्ट’ आदि उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं। डॉ. कलाम की याद में रामेश्वरम् में एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल मेमोरियल बनाया गया है, जिसका उद्घाटन प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई, 2017 में किया।
‘विंग्स ऑफ फायर’ उनकी आत्मकथा है, जिसे उन्होंने भारतीय युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करने वाले अन्दाज में लिखा है। उनकी पुस्तकों का अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उनका मानना है कि भारत तकनीकी क्षेत्र में पिछड़ जाने के कारण ही अपेक्षित उन्नति के शिखर पर नहीं पहुँच पाया है, इसलिए अपनी पुस्तक ‘भारत 2020 : नई सहस्राब्दि के लिए एक दृष्टि’ के द्वारा उन्होंने भारत के विकास स्तर को वर्ष 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए देशवासियों को एक विशिष्ट दृष्टिकोण प्रदान किया।
यही कारण है कि वे देश की नई पीढ़ी के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं। 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में इनकी मृत्यु हो गई। कलाम का जीवन प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत है। कलाम की कल्पना का नए भारत बनाने में प्रत्येक भारतीय अपना योगदान दे तो उनका सपना साकार किया जा सकता है।
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reference APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।
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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi
क्या आप एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Apj Abdul Kalam in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।
जो कि इस लेख में हमने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर बेहतरीन निबंध लिखा है। डॉक्टर कलाम पर निबंध परीक्षाओं में कक्षा 5 से 12 तक विभिन्न रूपों में पूछा जाता है।
Image Credit – Tulane Public Relations, CC BY 2.0 , via Wikimedia Commons
Table of Contents
प्रस्तावना (एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi)
भारतीय इतिहास में ऐसे लाखों लोगों ने जन्म लिया है उन्होंने अपने ज्ञान व कुशलता के माध्यम से भारतवर्ष को महान बनाने में अपना अप्रतिम योगदान दिया है।
आजाद भारत में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। जब भारत को दुनिया में गरीब कह कर संबोधित किया जाता था तब मिसाइल मैन कलाम जी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का झंडा बुलंद किया था।
डॉ कलाम का जीवन बहुत ही साधारण स्तर का रहा। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी धन को ज्यादा महत्व नहीं दिया। भारत को दुश्मनों से सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने मिसाइल की तकनीकों का निजात किया।
जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी तथा जब वे उच्च पद पर आसीन हुए तब भी सामान्य बच्चों के बीच जाकर शिक्षा पर जोर देते रहे।
मात्र मिसाइल ही नहीं बल्कि भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कलाम को हजारों- लाखों भारतीय आदर्श की दृष्टि से देखते हैं तथा उनके योगदान की भरपूर सराहना करते हैं। रॉकेट साइंटिस्ट कलाम को अपना भगवान भी मानते हैं।
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मेरे प्रिय वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम My Favorite Scientist A. P. J. Abdul Kalam
दुनिया भर में ऐसे हजारों वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने अपने ज्ञान और खोज के माध्यम से मनुष्य के जीवन को सरल बनाया है। चाहे वह जेम्स वाट हो जिन्होंने इंजन का आविष्कार किया। चाहे वह चार्ल्स बेबेज हों जिन्होंने कंप्यूटर का आविष्कार किया।
किसी भी वैज्ञानिक की तुलना उनकी उपलब्धियों से नहीं की जाती इसलिए हर किसी का योगदान अप्रतिम होता है।
मेरे प्रिय वैज्ञानिक डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम है क्योंकि उन्होंने ना सिर्फ मध्यम वर्ग में जन्म लेकर ऊंचाइयों तक पहुंचे बल्कि सफलता के बाद भी हजारों गरीब लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया।
डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर सन 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था।
जहां एक तरफ भारत अंग्रेजों से आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था वहीं दूसरी ओर गरीबी, बेरोजगारी और छुआछूत अपने चरम पर था। इसलिए ऐसे माहौल में योगदान तो दूर ज्ञानार्जन भी बहुत मुश्किल से हो पाता था।
कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था उनके पिता जी मछुवारों को नाव किराए पर देकर घर का गुजारा करते थे इसलिए कलाम भी बेहद कम उम्र में अपने पिताजी की सहायता करने के लिए काम करने लगे थे।
लेकिन कलाम ने इतनी मजबूरियों के बाद भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। कई बार उन्होंने जातिगत भेदभाव के कारण प्रताड़ना भी सहा लेकिन वे शिक्षा ग्रहण करने के मार्ग पर डटे रहे।
उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे तथा अपने पिताजी की मदद किया करते थे।
तमाम तकलीफों के बावजूद भी कलाम ने पढ़ाई को हमेशा आगे रखा और वैमानिकी विज्ञान में अभिरुचि बनाए रखें और भारत के लिए तमाम मिसाइल का आविष्कार किया। आगे चलकर जो भारत के 11 वे राष्ट्रपति बने।
प्रारंभिक जीवन Early life of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi
कलाम का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था उनके पिता जी एक कट्टर मुस्लिम थे। जिसके कारण वे बचपन से ही कलाम को मस्जिद ले जाना तथा नमाज में शामिल करना शुरू कर दिए थे।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू, मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे। इसलिए उन्होंने कभी भी धार्मिक भेदभाव को मन में पनपने नहीं दिया।
उनके प्रारंभिक जीवन में बड़ी कठिनाइयां आई जब विद्यालय में उनके साथ धार्मिक भेदभाव तथा अन्याय पूर्ण बर्ताव किया जाने लगा।
उनका परिवार बेहद ही गरीब था उनके पिताजी चाहते थे कि कलाम पढ़ाई लिखाई छोड़ कर उनके साथ काम में हाथ बटाएं लेकिन कलाम ने कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ी और संघर्ष करते रहे।
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शिक्षा Education of Abdul Kalam in Hindi
मध्यम वर्ग में जन्म लेने के कारण उनके पास इतना पैसा नहीं हुआ करता था कि वे महंगी किताबें खरीद सके इसलिए वे पुस्तक की दुकान में छोटा मोटा काम कर किताबें पढ़ने के लिए मांग लेते थे।
- डॉ कलाम कि शुरुआती पढ़ाई तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ स्कूल में हुई। शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने विज्ञान में मद्रास इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही वे अपने भाइयों को पढ़ाया करते थे।
पढ़ाई में तेज होने के कारण वह पूरे कॉलेज में पसंद किए जाने लगे थे। उनकी तीव्र बुद्धि के आगे अंग्रेज प्रोफेसर भी आश्चर्यचकित रह जाते थे।
प्रारंभिक कैरियर Starting Carrier of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi
डॉ कलाम ने अच्छे नंबरों से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में वे एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ से जुड़े ।
उनकी अगुवाई में कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में जरूरी दिशा निर्देशन प्राप्त हुआ। उनकी टीम ने एक हेलीकॉप्टर और होवरक्राफ्ट का मॉडल तैयार किया जिसमें कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान था।
उनके उत्साह और समर्पण भाव के कारण उन्हें बहुत जल्द डीआरडीओ और इसरो में मुख्य पहचान मिली। परिणाम स्वरुप उन्हें भारत के बड़े-बड़े अनुसंधान कार्यक्रमों में शामिल किया जाने लगा।
वैज्ञानिक के रूप में कार्य Work as a Scientist
इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनकी कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उनका बहुत ही बड़ा योगदान रहा है।
डॉ कलाम ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक और इंजीनियर थे जिनके मार्गदर्शन में परमाणु परीक्षण और कई रॉकेट टेक्नोलॉजी का विकास हुआ।
उनके कार्य के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनकी सराहना की जाती है। ऑक्सफर्ड जैसे विशाल विश्वविद्यालयों में उनके संबोधन को आज भी याद किया जाता है।
डॉ कलाम मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी रहे। पोखरण परमाणु कार्यक्रम में उन्होंने एक मुख्य कोऑर्डिनेटर के रूप में अपनी भूमिका निभाई।
एक मुख्य वैज्ञानिक रहने के साथ वह एक कुशल लेखक तथा वक्ता भी थे। उन्हें संगीत से काफी लगाव था तथा छोटे बच्चों को सलाह देना उन्हें बहुत ही अच्छा लगता था।
उनके मुख्य किताबों में इंडिया 2020, इगनाइटेड माइंड्स, मिशन इंडिया, द लुमिनस स्पार्क और इंस्पायरिंग थॉट्स शामिल है।
निजी जीवन A. P. J. Abdul Kalam Personal Life in Hindi
अब्दुल कलाम राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण भाव को जारी रखना चाहते थे इसके फलस्वरूप उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया।
उनका मानना था कि राष्ट्र की सेवा के लिए अपना सर्वस्व त्याग देना ही मुख्य राष्ट्र धर्म है। व्यक्तिगत जीवन में उन्हें बच्चों के साथ घुलना मिलना बेहद ही पसंद था।
इसलिए जब भी उन्हें समय मिलता तो छोटे बच्चों और युवाओं को संबोधित करने अवश्य ही जाते थे। डॉ कलाम अपने धन का एक बड़ा हिस्सा जरूरतमंद लोगों में बांट दिया करते थे।
डॉ कलाम को पुस्तकें पढ़ने का बहुत ही शौक था वे अन्य धर्मों में बिल्कुल भी भेदभाव नहीं रखते थे इसलिए वे नमाज पढ़ने के साथ गीता भी पढ़ा करते थे।
उन्हें संगीत के प्रति गहरा लगाव था जिसके कारण वे अक्सर खाली समय में वीणा बजाया करते थे। जब वे राष्ट्रपति पद पर रहे तब उनका एक कमरा पुस्तकों से भरा रहता था।
राष्ट्रपति के पद पर कार्य Work as President of India
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 1992 से 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी रहे जिसके बाद सन 2002 में वे निर्विवाद राष्ट्रपति के पद पर चुन लिए गए।
राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने व्हाट कैन आई गिव मोमेंट मिशन की शुरुआत की जिसमें युवाओं को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक करना उनका मुख्य उद्देश्य था।
कलाम बेहद ही उदार स्वभाव के व्यक्ति थे इसलिए राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने कई गुनहगारों की फांसी पर रोक लगाया था तथा उन्हें सुधारने का मौका दिया था।
उन्होंने राष्ट्रपति के पद पर रहकर भारत की बहुत ही अधिक सेवा की जिसके कारण उन्हें पद्मभूषण, पद्म विभूषण, इंदिरा गांधी अवॉर्ड, अवार्ड वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवॉर्ड और भारत का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
मृत्यु Death
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के बच्चों और युवाओं को भारत की असली संपत्ति मानते थे इसलिए वे अक्सर ही विद्यार्थियों को संबोधित करते रहते थे और 2015 में ऐसे ही एक संबोधन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया।
अस्पताल में अपनी आखरी सांसो के साथ उन्होंने यह आग्रह किया कि उनकी मृत्यु के बाद एक दिन की बेफिजूल की छुट्टी ना दी जाए बल्कि एक दिन अतिरिक्त पढ़ाई की व्यवस्था हो। 27 जुलाई 2015 के दिन डॉ कलाम जैसे सितारे का अस्त हो गया।
एपीजे अब्दुल कलाम जी पर 10 लाइन Few Lines on A. P. J. Abdul Kalam ji in Hindi
- जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी।
- भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
- डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था।
- कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशीयम्मा था।
- उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे
- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे।
- उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
- पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में उन्होंने एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ ज्वाइन किया।
- इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनके कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में अपने एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारियों से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।
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APJ Abdul Kalam Essay in Hindi- ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध
In this article, we are providing APJ Abdul Kalam essay in Hindi. In this essay, you get to know about APJ Abdul Kalam in Hindi. इस निबंध में आपको हमारे आदर्श राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। APJ abdul kalam par nibandh.
खुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तकदीर से पहले।
खुदा बन्दे से यह पूछे, बता, तेरी रजा क्या है।
भूमिका : किसी प्रसिद्ध उर्दू कवि की ऊपर लिखी पंक्तियों में व्यक्ति की लगन, परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और स्वाभिमान ये सभी विशेषताएँ झलक रही हैं। यह ठीक है कि इन विशेषताओं वाले व्यक्तियों ने ही इस संसार की शक्ल बनाई है और सँवारी है। तभी तो कवि की कल्पना यहाँ तक पहुँच गई है कि उस व्यक्ति का भाग्य विधाता स्वयं उससे पूछ कर लिखता है। संसार में गिने-चुने नाम ही ऐसे हैं जो कवि की कसौटी पर खरे उतरते हैं-अमेरिका के बाइसवें राष्ट्रपति इब्राहम लिंकन, भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, स्वर्गीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, उपन्यास सम्राट् मुंशी प्रेम चन्द कुछ ऐसी विभूतियाँ हैं जिन्होंने धरती पर अंकुरित, पुष्पित और पल्लवित होकर आकाश को छू लिया है। इस गुदड़ी के लालों ने सिद्ध कर दिया है कि मानव की दृढ़ इच्छा शक्ति के सामने विधाता भी झुक गया है। भारत के वर्तमान राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम उन्हीं विभूतियों की श्रृंखला की एक कड़ी हैं।
परिचय : भारत के आकाश का सितारा, जो आज चमकता हुआ विश्व को प्रकाश प्रदान कर रहा है, मछुआरों के एक निर्धन मुस्लिम परिवार से संबंधित है। डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ और 27 जुलाई 2015 में निधन हुआ था। जीवन में आने वाले व्यवधानों को हटाते हुए एक निर्धन बालक अपनी प्रतिभा, और लगन से आज ‘भारत रत्न’, ‘मिसाइल मैन’, ‘राकेट वैज्ञानिक’ के रूप में सारे विश्व में जाना जाता है। डॉ. कलाम ने भारत के सर्वोच्च पद पर आसीन होकर भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को एक बार फिर उजागर कर दिया है। साथ ही यह भी सिद्ध कर दिया है कि महानता और सर्वोच्च पद किसी विशेष वर्ग की बपौती नहीं हैं।
विशेष घटना : जैसा कि भारत में पुरातन काल से छूत-छात का भाव चलता आया है, अब्दुलकलाम के साथ भी बचपन में ही साम्प्रदायिक संकीर्णता की घटना हुई, परन्तु उसके साथ एक चमत्कार भी हुआ। पाँचवी कक्षा में पढ़ने वाले दो मित्र रामानन्द शास्त्री और अब्दुल कलाम कक्षा में सबसे आगे एक ही साथ बैठते थे। स्कूल में नियुक्त हुए एक नए अध्यापक ने देखा कि एक मुस्लिम लड़का रामेश्वरम मन्दिर के प्रधान पुजारी पंडित लक्ष्मण शास्त्री के बेटे के साथ बैठता है। यह तो अनर्थ है, धर्मभ्रष्ट होने वाली बात है। उस अध्यापक ने शास्त्री जी का कृपा-पात्र बनने के लिए अब्दुल कलाम को उठाकर सब से पीछे बिठा दिया। अब बच्चे इस भेद-भाव को क्या जानें। रामान्द ने यह बात अपने पिता जी को बताई। पिता ने मानव-प्रेम दर्शाते हुए अध्यापक से कहा’अब्दुल कलाम आगे रामानन्द के साथ ही बैठेगा। आप कैसे अध्यापक हैं! मानवता के स्थान पर बच्चों को संकीर्णता सिखा रहे हैं। भविष्य में यदि ऐसा हुआ तो आपको स्कूल छोड़ना पड़ेगा।” कलाम इस निर्णय से इतना प्रभावित हुआ कि तब से लेकर आज तक वे मानव को केवल मानव ही समझते आ रहे हैं। परिश्रम, लगन, ईमानदारी की शिक्षा तो डॉ. साहब को अपने माता-पिता से ही मिल चुकी थी। पिता धार्मिक विचारों के पंच नमाजी व्यक्ति थे। इस का प्रभाव छोटे ‘अबु’ पर भी पड़ा। बचपन से ही मेहनत की आदत ‘अबु’ को पड़ गई थी। पढ़ाई के साथ-साथ वे कमाई भी करने लगे थे भले काम अखबारों के बंडल ढोना ही हो।
उच्च शिक्षा : 1950 में अब्दुल कलाम ने सेंट जोजेफ़ कालिज में प्रवेश प्राप्त किया। यहाँ से उनके जीवन का एक नया अध्याय आरंभ होता है। यहीं से इनका परिचय विज्ञान से हुआ। प्रोफेसर श्रीनिवास के सम्पर्क में आने पर प्रोफेसर साहब ने इन्हें एक प्रौजैक्ट में शामिल कर लिया। डॉ. कलाम ने एम. प्राइमरी की परीक्षा पास कर ली। इस के परिणामस्वरूप उन्हें हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स बंगलौर में एक प्रशिक्षक के रूप में नौकरी मिल गई। यहाँ से उन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियर की डिग्री प्राप्त की। इस पर डा. कलाम ने वायुसेना में इंजीनियर के रूप में प्रवेश पाने का मन बनाया। साथ ही उन्होंने प्रौद्योगिकी विकास और उत्पादन विभाग मेंD.T.D.&P (Air) का फ़ार्म भी भर दिया था। वायुसेना इंजीनियर के लिए उन्हें अयोग्य करार दिया गया। वे बहुत दु:खी हुए। वे हरिद्वार चले गए। वहाँ वे स्वामी शिवानन्द जी से मिले और अपना दुख बताया। स्वामी जी ने उन्हें ढारस बँधाया और आशीर्वाद दिया कि बेटा, तुम्हारा भविष्य उज्ज्वल है। वस, पुरुषार्थ करो। ‘अबु’ ने अणु, परमाणु और रॉकेट के विज्ञान का अध्ययन करना प्रारंभ कर दिया। आज डॉ. अब्दुल कलाम विश्व के गिने चुने वैज्ञानिकों में से एक हैं।
विशेषताएँ : इतने ऊँचे पद पर आसीन होकर भी डॉ. कलाम को अहंकार छू तक नहीं गया है। मिसाइल विज्ञान में डॉ. कलाम ने ‘नाग’, ‘पृथ्वी’, ‘आकाश’, ‘त्रिशूल’, ‘अग्नि’ मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इतना होने पर भी इन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने सहयोगियों को ही दिया है। इन सभी परियोजनाओं में ‘अग्नि’ मिसाइल का प्रक्षेपण डा. कलाम की महानतम् उपलब्धि है।
भारत के सर्वोच्च पद ‘राष्ट्रपति’ को प्राप्त करने पर भी वे निरहंकारी ही रहे हैं। महात्मा गाँधी की समाधि ‘राज घाट’ पर प्रणाम करने जब वे पहुँचे, तो पूर्व सभी राष्ट्रपतियों के विपरीत उन्होंने अपने बूटों के तस्मे स्वयं खोले और बाँधे। डा. कलाम को बच्चों से विशेष लगाव रहा है। क्योंकि उनकी मान्यता है कि बच्चे ही किसी राष्ट्र का भविष्य होते हैं। उनकी देख भाल अपने राष्ट्र की ही देख-भाल है।
उपसंहार : वास्तव में डा. ए. पी. जे. अब्द-उल-कलाम पहले भी वैज्ञानिक थे। राष्ट्रपति बनने पर भी वे विज्ञानी ही हैं और भविष्य में भी राष्ट्रपति पद की तुलना में | डा. कलाम एक वैज्ञानिक के रूप में अधिक जाने जाएँगे। जैसे भारत में एक परम्परा रही है कि राष्ट्रपति के पद पर आसीन होने वाला व्यक्ति राजनीति में रुचि लेने वाला, राजनैतिक गतिविधियों में अग्रणी रहने वाला, राजनैतिक कारणों से जेल काटने वाला, सत्याग्रह, अनशन आदि को अपनाने वाला व्यक्ति ही रहा है। परन्तु डा. कलाम इसके अपवाद हैं। उन्हें राजनीति से नहीं, राष्ट्र की बहुमुखी प्रगति से अनुराग है, राष्ट्र की जनता के विकास से अनुराग है, राष्ट्र की वैज्ञानिक दृष्टि से अनुराग है, राष्ट्र के बच्चों से अनुराग है, भेदभाव हीन मानव-सेवा से अनुराग है। वास्तव में ऐसा व्यक्ति ही राष्ट्र का पति होना चाहिए।
Essay on Mahatma Gandhi in Hindi
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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध
By विकास सिंह
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, short essay on apj abdul kalam in hindi (100 शब्द)
एपीजे अब्दुल कलाम को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाता है। वह मिसाइल मैन ऑफ इंडिया और पीपल्स पीपल्स प्रेसिडेंट के रूप में भारतीय लोगों के दिल में रहते हैं। दरअसल वे एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने कई नए आविष्कार किए।
वह भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे, जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को (रामेश्वरम, तमिलनाडु में) हुआ था, हालांकि उनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 को (शिलांग, मेघालय, भारत में) हुई थी। उनके पिता का नाम जैनुलबुदेने और माता का नाम आशियम्मा था।
उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्होंने कभी किसी से शादी नहीं की। वह एक महान व्यक्ति थे जिन्हें भारत रत्न (1997 में), पद्म विभूषण (1990 में), पद्म भूषण (1981 में), राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार (1997 में), रामानुजन पुरस्कार (2000 में) जैसे पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है। ), किंग चार्ल्स II मेडल (2007 में), अंतर्राष्ट्रीय वॉन कर्मन विंग्स अवार्ड (2009 में), हूवर मेडल (2009 में), आदि से नवाजा गया।
ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on abdul kalam in hindi (150 शब्द)
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वास्तव में देश के युवाओं के लिए एक महान किंवदंती थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन, करियर, कामकाज और लेखन के माध्यम से देश की नई पीढ़ी को प्रेरित किया है। वह अभी भी भारतीय लोगों के दिल में पीपल्स प्रेसिडेंट और मिसाइल मैन के रूप में रहते है।
वह एक वैज्ञानिक और एक एयरोस्पेस इंजीनियर थे, जो भारत के मिसाइल कार्यक्रम से निकटता से जुड़े थे। बाद में उन्होंने 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था।
उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था और 27 जुलाई को 2015 में भारत के मेघालय के शिलांग में उनका निधन हो गया। मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद, वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए।
उन्होंने विक्रम अंबालाल साराभाई (भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक) के साथ एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तहत काम किया है। बाद में वे भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, SLV-III के 1969 में प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने।
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on dr apj abdul kalam in hindi (200 शब्द)
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्हें भारत के मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को ब्रिटिश भारत (वर्तमान में रामनाथपुरम जिला, तमिलनाडु) के तहत मद्रास प्रेसीडेंसी के रामनाड जिले के रामेश्वरम में हुआ था।
वह एक महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के बाद, वे लेखन, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा के नागरिक जीवन में लौट आए। उन्होंने ISRO और DRDO में विभिन्न प्रमुख पदों पर काम किया और फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार बने।
उन्हें कम से कम 30 विश्वविद्यालयों के साथ-साथ देश के तीन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (पद्म भूषण 1981, पद्म विभूषण 1990 और भारत रत्न 1997) से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। वे देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे जिन्होंने 27 जुलाई 2015 को अचानक कार्डियक अरेस्ट के कारण IIM, मेघालय में अपनी अंतिम सांस ली।
वह हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है लेकिन उनके महान कार्य और योगदान हमेशा के लिए हमारे साथ होंगे। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम” में भारत को एक विकसित देश बनाने के अपने सपने का उल्लेख किया है।
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में, essay on apj abdul kalam in hindi (250 शब्द)
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक मिसाइल मैन थे। उन्हें लोकप्रिय रूप से भारत के जनप्रतिनिधि के रूप में जाना जाता है। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह एक महान वैज्ञानिक और भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलुबुदेने और आशियम्मा के यहां हुआ था।
उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का आर्थिक रूप से साथ देना शुरू कर दिया था। उन्होंने 1954 में सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चेन्नई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से अपना स्नातक पूरा किया।
वह DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए जहाँ उन्होंने भारतीय सेना के लिए एक छोटा हेलीकॉप्टर तैयार किया। उन्होंने डॉ. विक्रम साराभाई के साथ INCOSPAR समिति के हिस्से के रूप में भी काम किया। बाद में, वह 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) के परियोजना निदेशक के रूप में शामिल हुए।
भारत में बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास के लिए उनके महान योगदान के कारण, उन्हें हमेशा “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है। 1998 के सफल पोखरण- II परमाणु परीक्षणों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वह भारत के तीसरे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने भारत रत्न (प्रथम डॉ. सर्वपाली राधाकृष्णन 1954 और द्वितीय डॉ. जाकिर हुसैन 1963) से सम्मानित किया।
उन्हें 1981 में पद्म भूषण और 1990 में ISRO और DRDO के साथ-साथ भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने 2011 में विंग्स ऑफ फायर, इग्नेटेड माइंड्स, टारगेट 3 बिलियन, टर्निंग पॉइंट्स, इंडिया 2020, माई जर्नी, आदि कई किताबें लिखी हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on apj abdul kalam in hindi (300 शब्द)
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह भारतीय इतिहास में मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में चमकदार सितारे रहे हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु में हुआ था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं।
वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। जिसके लिए उन्होंने उद्धृत किया है कि “आपको अपने सपने सच होने से पहले सपने देखने होंगे”। उड़ान में उनकी भारी रुचि ने उन्हें एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग होने के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बना दिया।
एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने अपनी शिक्षा कभी बंद नहीं की। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। वह 1958 में DRDO में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में शामिल हुए, जहाँ एक छोटी सी टीम, जिसने एक प्रोटोटाइप होवर-क्राफ्ट विकसित किया था, की अगुवाई कर रही थी।
होवरक्राफ्ट कार्यक्रम से रोमांचक प्रतिक्रिया की कमी के कारण, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हो गए। वह व्यापक रूप से “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के रूप में प्रसिद्ध हैं क्योंकि उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइलों और अंतरिक्ष रॉकेट प्रौद्योगिकी को विकसित करने में बहुत योगदान दिया।
वह रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में देश के पीछे की ताकत थी। उनके महान योगदान ने हमारे देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में लाया है। वह एक उल्लेखनीय वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। 1998 के पोखरण -2 परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी है।
वह दूरदृष्टि वाले और विचारों से भरे व्यक्ति थे जिन्होंने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य रखा। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया-2020” के रूप में 2020 तक देश के विकास के बारे में कार्य योजनाओं पर प्रकाश डाला है। उनके अनुसार, देश की वास्तविक संपत्ति इसके युवा हैं, इसलिए उन्होंने हमेशा उन्हें प्रेरित और प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि, “राष्ट्र को नेतृत्व में रोल मॉडल की आवश्यकता होती है जो युवाओं को प्रेरित कर सके”।
अब्दुल कलाम पर निबंध, 400 शब्द:
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक थे, जो बाद में भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने और 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वह देश के सबसे सम्मानित व्यक्ति थे, क्योंकि उन्होंने एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए बहुत योगदान दिया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनके नेतृत्व में कई परियोजनाएं थीं जैसे कि रोहिणी -1, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलेन्ट का प्रक्षेपण, मिसाइल (मिशन अग्नि और पृथ्वी के तहत), आदि। भारत की परमाणु शक्ति को बढ़ाने में उनके महान योगदान के लिए, उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” लोकप्रिय के रूप में जाना जाता है। उन्हें उनके समर्पित कार्यों के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति के रूप में भारत सरकार के लिए अपनी सेवा पूरी करने के बाद, उन्होंने विभिन्न मूल्यवान संस्थानों और विश्वविद्यालयों में एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में देश की सेवा की।
उनका कैरियर और योगदान:
उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलदेबेन और आशियम्मा के घर हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति थोड़ी खराब थी, इसलिए उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए पैसा कमाना शुरू कर दिया लेकिन अपनी शिक्षा को कभी नहीं छोड़ा।
उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, वह एक मुख्य वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में शामिल हो गए।
जल्द ही वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के परियोजना निदेशक के रूप में स्थानांतरित हो गए। उन्होंने एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रूप में भी काम किया, जो मिसाइलों के एक साथ विकास में शामिल है।
वह 1992 से 1999 तक प्रधान मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सचिव भी बने। पोखरण II परमाणु परीक्षणों के लिए मुख्य परियोजना समन्वयक के रूप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा गया। वह पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
उन्होंने कई प्रेरणादायक पुस्तकें लिखीं जैसे कि “इंडिया 2020”, “इग्नाइट्ड माइंड्स”, “मिशन इंडिया”, “द ल्युमिनस स्पार्क्स”, “प्रेरणादायक विचार”, आदि। देश में भ्रष्टाचार को मात देने के लिए उन्होंने युवाओं के नाम से एक मिशन शुरू किया।
उन्होंने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों (भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद और इंदौर, आदि) में प्रोफेसर के रूप में काम किया, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुवनंतपुरम, जेएसएस विश्वविद्यालय (मैसूर), अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के चांसलर के रूप में कार्य किया। ), आदि उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी पुरस्कार, वीर सावरकर पुरस्कार, रामानुजन पुरस्कार और कई और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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Very nice information!!
Very useful for today’s generation kids!!!
This is very useful for students to get information about APJ Abdul Kalam THANK YOU
I AM VERY IMPRESED WITH DR APJ ABDUL KALAM I MISS SO MUCH
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Join telegram, डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (dr. apj abdul kalam essay in hindi).
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Dr. APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)- मैं जब स्कूल में पढ़ा करती थी, तो उस समय सभी बच्चों को क्लास में यही पूछा जाता था कि वह बड़े होकर क्या बनना पसंद करेंगे। किसी का उत्तर होता था डाॅक्टर, इंजीनियर, पायलट, सैनिक आदि। लेकिन मेरे जवाब पर सभी को हंसी आ जाया करती थी। मैं कहती थी कि मुझे बड़ा होकर राष्ट्रपति बनना है। खैर वो तो बचपन की बात थी। लेकिन आज सोचती हूं कि राष्ट्रपति बनना कितना चुनौतीपूर्ण कार्य है। राष्ट्रपति बनने के लिए ढेरों गुण चाहिए होते हैं।
Essay On APJ Abdul Kalam In Hindi
हम सभी भारत के नागरिक कहलाए जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत का प्रथम नागरिक कौन कहलाता है? भारत का प्रथम नागरिक भारत का राष्ट्रपति होता है। प्रथम नागरिक का तात्पर्य यह है कि वह देश का सबसे सम्मानीय नागरिक होता है। राष्ट्रपति को पांच साल के लिए कार्यकाल संभालना होता है। प्रधानमंत्री के बाद सबसे पहली राय राष्ट्रपति से ली जाती है। भारत के राष्ट्रपति का निवास स्थल राष्ट्रपति भवन कहलाता है। भारत के सर्वप्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। उन्होंने 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रपति का पदभार संभाला था।
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डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध
हमारे वर्तमान राष्ट्रपति का नाम द्रौपदी मुर्मू है। वह भारत की 15वीं राष्ट्रपति हैं। आज का हमारा विषय भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन कहे जाने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर आधारित है। आज हम भारत के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध पढ़ेंगे। तो आइए हम निबंध पढ़ना शुरू करते हैं।
रामेश्वरम शहर को पूरी दुनिया में रामेश्वरम मंदिर के लिए जाना जाता है। रामेश्वरम मंदिर को भारत के चारों धामों में से एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। रामेश्वरम को एक और वजह से भी जाना जाता है। दरअसल जैनुलाब्दीन एक साधारण सा मछुआरा था। इनकी पत्नी भी साधारण गृहिणी थी। दोनों बहुत मेहनती थे। दोनों के पांच बच्चे थे। एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के लिए इतना बड़ा परिवार संभालना थोड़ा मुश्किल होता है।
लेकिन जैनुलाब्दीन ने कभी भी अपने परिवार को बोझ नहीं समझा। उन्हीं पांच बच्चों में से एक था अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम। जैनुलाब्दीन का यह पुत्र पढ़ाई लिखाई में बहुत होशियार था। वह बचपन से ही दूसरे बच्चों से बिल्कुल अलग था। उसके परिवार की परिस्थितियां अच्छी नहीं थी। लेकिन फिर भी उसने समझदारी के साथ अपने परिवार को संभाले रखा।
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डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन
जैनुलाब्दीन के घर 15 अक्टूबर 1931 को डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। अब्दुल कलाम को मिलाकर कुल पांच भाई-बहन थे। इन सभी भाई-बहन में अब्दुल कलाम कुशाग्र बुद्धि के इंसान थे। बचपन से ही वह अपने परिवार के लिए बड़ी सोच रखते थे। अब्दुल कलाम के पिता एक साधारण से मछुआरे थे। उनके पिता को अपने सभी बच्चों का पेट पालना था। अब्दुल कलाम ने अपने पिता का साथ दिया। अब्दुल कलाम बचपन में पढ़ाई भी किया करते थे। और साथ ही साथ वह आर्थिक स्तिथि को संभालने के लिए अखबार भी बेचा करते थे। अब्दुल कलाम ने अपने पिता को संघर्ष करते देख लिया था, इसलिए वह पढ़-लिखकर एक बड़ा इंसान बनना चाहते थे। वह अपने परिवार की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी संभालना चाहते थे।
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा
एपीजे अब्दुल कलाम के पिता अपने बेटे को एक मछुआरे के रूप में काम करते हुए नहीं देखना चाहते थे। वह चाहते थे कि उनका बेटा नामी डॉक्टर या इंजीनियर बने। जैनुलाब्दीन ने अपने बेटे का Schwartz Higher Secondary School में दाखिला करवाया। बाद में अब्दुल कलाम ने जब मैट्रिक की परीक्षा पास की तो उनका एडमिशन सेंट जोसेफ कॉलेज में हुआ। वहां पर उन्होंने भौतिक विज्ञान में ग्रेजुएशन किया। बाद में उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में आगे की पढ़ाई पूरी की।
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम और वैज्ञानिक उपलब्धियां
जब अब्दुल कलाम ने अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली तो कलाम ने सोचा कि अब आगे क्या किया जाए। अब्दुल कलाम की यह उलझन तब सुलझी जब वर्ष 1962 में अब्दुल कलाम ने भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन में दाखिला लिया। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन को हम इसरो (ISRO) के नाम से जानते हैं। इसरो में रहते हुए कलाम ने साथी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एसएलवी-III का प्रक्षेपण किया। बाद में अब्दुल कलाम के ही नेतृत्व में पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों पर भी काम किया गया।
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम का देश प्रेम
“सपने वे नहीं जो हम सोते हुए देखते हैं, सपने वे हैं जो हमें सोने नहीं देते।” यह प्रसिद्ध वाक्य अब्दुल कलाम ने कहा था। एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के प्रति अति लगाव था। वह अपने देश और देश के नागरिकों का सम्मान करते थे। वह देश के गरीबों को लेकर चिंतित रहते थे। वह देश के युवाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए देखना चाहते थे। अब्दुल कलाम ने युवाओं को हर पल प्रेरित किया। यही एक वजह थी कि वह सभी बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए थे।
एपीजे अब्दुल कलाम का वैवाहिक जीवन
अब्दुल कलाम ने शादी नहीं की थी। वह ताउम्र कुंवारे रहे थे। वह नहीं चाहते थे कि उनकी शादी हो क्योंकि वह अपना जीवन देश को समर्पित कर चुके थे। जब उनकी शादी की उम्र हुई थी तब उन्होंने हर आने वाले रिश्ते को ठुकरा दिया था। वह सोचते थे कि शादीशुदा जीवन देश की प्रगति में बाधा बन सकता है। उनको विज्ञान से प्रेम था। एक बार अब्दुल कलाम ने कहा था कि उनकी पत्नी तो मिसाइल है।
डाॅ. अब्दुल कलाम द्वारा लिखित किताबें
(1) इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम (2) विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी (3) इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया (4) द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स (5) मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथ (6) द लाइफ ट्री, पोयम्स (7) इनडोमिटेबल स्पिरिट (8) हम होंगे कामयाब (9) अदम्य साहस (10) इन्स्पायरिंग थॉट्स: कोटेशन सीरिज (11) यू आर बॉर्न टू ब्लॉसम (सहलेखन – अरुण तिवारी) (12) द फैमिली एंड द नेशन (सहलेखन – महाप्रज्ञ) (13) स्प्रिट ऑफ इंडिया (14) फोर्ज योर फ्यूचर: केन्डिड, फोर्थराइट, इन्स्पायरिंग (15) बियॉन्ड 2020: ए विजन फॉर टुमोरोज इंडिया (16) गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया (17) ट्रांसडेंस: माई स्प्रीचुअल एक्स्पीरिएंस विद प्रमुख स्वामीजी (सहलेखन – अरुण तिवारी) (18) लर्निंग हाउ टू फ्लाई (19) एनलाइटेंड माइंड्स (20) फेलियर इस द बेस्ट टीचर
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम को मिले सम्मान
(1) पद्म भूषण (1981) (2) पद्म विभूषण (1990) (3) भारत रत्न (1997) (4) इंदिरा गांधी पुरस्कार (1997) (5) वीर सावरकर पुरस्कार (1998) (6) किंग चार्ल्स द्वितीय मेडल (2007) (7) डॉक्टर ऑफ साइंस (2014)
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम के अनमोल वचन
- अगर कोई देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो और सारे लोग अच्छी शुद्ध मानसिकता वाले हों, मैं दावे से कह सकता हूँ कि केवल तीन लोग ही ऐसे देश का निर्माण कर सकते हैं और वो हें- माता, पिता और गुरु।
- आसमान की ओर देखो हम अकेले नहीं हैं, जो लोग सपने देखते हैं और कठिन मेहनत करते हैं, पूरा ब्रह्माण्ड उनके साथ है।
- युवाओं को मेरा सन्देश है कि अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, अपना रास्ता खुद बनायें, असंभव को हासिल करें।
- जब तक पूरा भारत उठ कर खड़ा नहीं होगा, संसार में कोई हमारा आदर नहीं करेगा। इस दुनिया में डर की कोई जगह नहीं है, केवल शक्ति की पूजा होती है।
- शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।
- यदि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलना सीखें।
- मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।
- किसी भी मिशन की सफलता के लिए रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक है।
- नौकरी तलाशने वालों से नौकरी जनरेटर बनने के लिए युवाओं को सक्षम होने की जरूरत है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का निधन
एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने पूरे जीवनकाल में देश के लिए उल्लेखनीय कार्य किए। वह देश के लिए बहुत कुछ कर गए। लेकिन 27 जुलाई वर्ष 2015 को एपीजे अब्दुल कलाम इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए। अब्दुल कलाम को साइलेंट हार्ट अटैक आ गया था। जब उनका निधन हुआ, तो वह 83 साल के थे। उनके अचानक चले जाने से पूरी दुनिया को गहरा धक्का लगा। भारत ने एक महान रत्न को हमेशा के लिए खो दिया।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर 200 शब्दों में निबंध
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रपति में से एक माना जाता है। वह बहुत ही समझदार और प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। उनके मन में भारत को लेकर हमेशा प्रेम बना रहा। अब्दुल कलाम जमीन से जुड़े हुए इंसान थे। वह आम इंसान के संघर्ष को अच्छे से जानते थे। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनका निवास स्थान धनुषकोडी गाँव था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था। आशियम्मा उनकी माता का नाम था।
अब्दुल कलाम के पिता साधारण मछुआरे थे। और उनकी माता कुशल गृहणी। अब्दुल कलाम ने अपने बचपन के दिनों को खूब संघर्ष में बिताया। उनका दिमाग बहुत तेज था। उनको देश से इतना ज्यादा प्रेम था कि उन्होंने ताउम्र कुंवारा रहने की ठानी। ऐसा करके वह देश के उत्थान के लिए काम करना चाहते थे। 18 जुलाई 2002 एपीजे अब्दुल कलाम के लिए एक सुनहरे दिन की तरह था। इसी दिन वह भारत के 11वें राष्ट्रपति के तौर पर चुन लिए गए। अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के रूप में भी जाना जाता है।
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम पर 10 लाइनें
(1) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था।
(2) डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था।
(3) अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था। और उनकी माता का नाम आशियम्मा था।
(4) अब्दुल कलाम कई समय तक इसरो से जुड़े रहे थे और वे भारत के 11वें राष्ट्रपति थे।
(5) विंग्स ऑफ फायर उनकी सबसे प्रसिद्ध किताबों में से एक मानी जाती है।
(6) अब्दुल कलाम को पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी नवाजा गया था।
(7) उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।
(8) उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के तौर पर भी काम किया।
(9) 27 जुलाई वर्ष 2015 को एपीजे अब्दुल कलाम इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए।
(10) अब्दुल कलाम को युवाओं के प्रेरणास्रोत के रूप में भी जाना जाता है।
उत्तर- अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम।
उत्तर- अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था। और माता का नाम आशियम्मा था।
उत्तर- अब्दुल कलाम को पद्म भूषण (1981), पद्म विभूषण (1990), भारत रत्न (1997), इंदिरा गांधी पुरस्कार (1997), वीर सावरकर पुरस्कार (1998), किंग चार्ल्स द्वितीय मेडल (2007), डॉक्टर ऑफ साइंस (2014) जैसे पुरस्कारों से नवाजा गया था।
उत्तर- अब्दुल कलाम को 25 जुलाई, 2002 को भारत का 11वां राष्ट्रपति बनाया गया था।
उत्तर- 1962 में अब्दुल कलाम ने भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन में दाखिला लिया। इसरो में रहते हुए कलाम ने साथी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एसएलवी-III का प्रक्षेपण किया। बाद में अब्दुल कलाम के ही नेतृत्व में पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों पर भी काम किया गया।
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ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध | APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 1000 Words | PDF
Essay on apj abdul kalam in hindi.
Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi (Download PDF) | ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध – एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था, वह भारत के राष्ट्रपति थे। भारत के राष्ट्रपति के साथ एक व्यापक रूप से ज्ञात वैज्ञानिक थे। वह एक इंजीनियर थे और इसके अलावा इंजीनियरिंग के बाद वैज्ञानिक जीवन में आगे बढ़े।
एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के नागरिक क्षेत्र कार्यक्रम में और सेना की मिसाइलों के विकास में एक आवश्यक कार्य किया। इन्हें आमतौर पर भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। वह 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने, 5 साल की सेवा के बाद, उन्होंने प्रशिक्षण लेखन और सार्वजनिक सहायता में अपना कार्य किया। डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
बचपन और जन्म
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका जन्म एक तमिल मुस्लिम घराने में हुआ था। अब्दुल कलाम 5 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। कलाम ने कम उम्र से ही अपने परिवार की मदद की। वह बचपन से ही अनुसंधान के दायरे में थे, मुख्यतः अंकगणित में। स्कूल के दिनों से कलाम को एक उज्ज्वल और मेहनती छात्रों में से एक के रूप में वर्णित किया गया था।
अब्दुल के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था और वह पड़ोस की एक मस्जिद में नाव के मालिक थे। उनकी माँ का नाम आशियम्मा था और वह एक गृहिणी थी। अब्दुल के 4 अतिरिक्त भाई-बहन थे और वह उनमें से 5 में सबसे छोटे थे | उनके नाम हैं मोहम्मद मुथु मीरा लेब्बाई मराइकयार, मुस्तफा कलाम, कासिम मोहम्मद और एक बहन जिसका नाम असीम ज़ोहरा है।
उनके पूर्वजों के पास सम्पूर्ण धन और सम्पूर्ण सम्पत्ति थी। उनका घर कभी पंबन द्वीप के सदृश विभिन्न द्वीपों में मुख्य रूप से श्रीलंका की मुख्य भूमि के बीच एक विशिष्ट व्यापारी में से था। इसलिए “मर कलाम इयाकिवर” और “मारकियर” शीर्षक उनके घराने को दिया गया था।
लेकिन 1920 के करीब उनका घरेलू उद्यम विफल हो गया था, जब अब्दुल कलाम का जन्म हुआ, तब तक उनका परिवार वास्तव में अस्वस्थ था।
कलाम अपने शोध जीवन में बहुत ही आलोचनात्मक और मेहनती थे, उन्होंने अपने संकाय शिक्षाविदों द्वारा बताई गई जरूरतों का अध्ययन किया था। उन्होंने अपने मैट्रिकुलेशन का अनुसरण एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामनाथपुरम में श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल से किया । 1955 में, वह तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से भौतिकी स्नातक के लिए बढ़े।
उसके बाद, वह अतिरिक्त शोध के लिए मद्रास चले गए, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। फाइटर पायलट बनने का उनका सपना पूरा नहीं हुआ क्योंकि भारतीय वायुसेना में कुल आठ रिक्त स्थान थे और वह नौवें स्थान पर थे,
ये भी देखें – Essay on Bhaghat Singh in Hindi
असफलता और सफलता
कलाम ने हमारे राष्ट्र के लिए बहुत कुछ किया राष्ट्रपति और वैज्ञानिक के रूप में। जब वह “INCOSPAR” समिति का हिस्सा थे, तो उन्होंने विक्रम साराभाई नाम के क्षेत्र वैज्ञानिक के नीचे काम किया। 1969 में कलाम को इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) में स्थानांतरित कर दिया गया था।
उपक्रम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) जो देश के कई आवश्यक उपक्रमों में से एक था, का नेतृत्व अब्दुल कलाम ने किया था, वह उपक्रम का शिखर था। पीसी के लिए “रोहिणी” सैटेलाइट को जुलाई 1980 में कलाम के प्रबंधन के नीचे पृथ्वी के निकट कक्षा में SLV-III द्वारा कुशलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
1970 में “प्रोजेक्ट वैलेंट” और “प्रोजेक्ट डेविल” लाभदायक नहीं थे, लेकिन “प्रोजेक्ट डेविल” ने एक बहुत बड़ा प्रदर्शन किया। 1980 में “पृथ्वी मिसाइल” का आधार। वह “इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम” (IGMDP) के भीतर प्रमुख बनने के लिए बढ़े, जिसके लिए उन्हें 1983 में DRDO के प्रमुख बनने की आवश्यकता थी।
इस मिशन में पृथ्वी और अग्नि का विकास हो चुका था उनके द्वारा |उन्होंने मई 1998 में अपने जीवन में कई बड़ी सफलताओं में से एक हासिल की, भारत द्वारा “पोखरण -2” परमाणु परीक्षा में, उन्होंने एक आवश्यक कार्य किया और चालक दल का नेतृत्व किया। वह परीक्षा की सफलता के बाद एक राष्ट्रव्यापी नायक बन गए |
2002 में भारत के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और बाद में वे राष्ट्रपति बने। उन्होंने पच्चीस जुलाई 2007 तक 5 साल राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, वह भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति बने।
व्यक्ति के अनुसार, “ऑफिस ऑफ प्रॉफिट बिल” पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य रूप से उनके कार्यकाल का सबसे कठिन काम था। उन्हें अपने द्वारा किए गए कुछ विकल्पों के लिए कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने पर वह विवादों में घिर गए। एक बार जब उन्होंने दया याचिकाओं पर कोई प्रस्ताव नहीं लिया, तब उन्होंने आलोचना का सामना किया, उन्होंने केवल 21 दया याचिकाओं में से 1 पर हस्ताक्षर किए।
अब्दुल कलाम अपने राष्ट्रपति काल की समाप्ति के बाद एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए। वह “भारतीय प्रबंधन संस्थान” (IIM) अहमदाबाद, “भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) इंदौर,” भारतीय प्रबंधन संस्थान “(IIM) शिलांग में एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए।
उन्होंने बैंगलोर और तिरुवनंतपुरम के “भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान” (IISc) के भीतर कुछ साल सेवा की। इसके अलावा उन्होंने “अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान” (IIIT) हैदराबाद और केले हिंदू विश्वविद्यालय में सूचना विशेषज्ञता सिखाई।
उन्होंने अपनी जानकारी को पूरे भारत में कई अलग-अलग ट्यूटोरियल में साझा किया। कलाम द्वारा युवाओं के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया गया था जिसमें भ्रष्टाचार और प्रभाव को पराजित किया गया था जिसे 2012 में “व्हाट कैन आई मूव मूवमेंट” नाम दिया गया था।
भारत के लिए यो गदान
वैज्ञानिक योगदान से लेकर राष्ट्रपति के योगदान तक, उन्होंने भारत के लिए कई अच्छे मुद्दों पर काम किया | उनके नेतृत्व में भारत का पहला स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल बनाया गया था। डॉ। कलाम उस समय निर्देशक थे जब प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलेन्ट का विकास किया गया था,
हालांकि यह लाभदायक नहीं था कि इससे हमें अग्नि और पृथ्वी ने कलाम की अगुवाई में विकसित मिसाइल का टो दिया। वह पोखरण II परमाणु पर एक नज़र रखने के पीछे दिमाग था, जिसके लिए भारत अब एक परमाणु हथियार राज्य है।
2012 में कलाम द्वारा चिकित्सा आपात स्थिति के लिए ग्रामीण अंतरिक्ष के भीतर कर्मचारियों के लिए बनाया गया था, जो बीहड़ गोली लैपटॉप है।
ये भी देखें – Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi
उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें
उन्होंने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखीं, जिनमें से कुछ प्रसिद्ध हैं, अग्नि की उडन (1999), भारत 2020 (1998), इग्नाइट्ड माइंड्स (2002), ना जीवन गमनम (2013), टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी बाय वे (2012), इंडोमिनेट स्पिरिट (2006), यू आर बॉर्न टू बोर्न टू ब्लॉसम (2008)।
और एक अन्य लेखकों ने उनके ऊपर कुछ किताबें समर्पित कीं, जो श्री अरुण तिवारी द्वारा लिखित एपीजे अब्दुल कलाम, श्रीनिवास पाल सिंह द्वारा लिखित एडवांटेज ऑफ इंडिया के नाम से हैं।
पुरस्कार और उपलब्धियाँ
कलाम को उनके पूरे जीवनकाल में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 1981 के वर्ष में, उन्हें “पद्म भूषण” से सम्मानित किया गया, जो कि भारतीय गणराज्य में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। फिर 1990 में, उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जो भारत गणराज्य के भीतर दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है।
वर्ष 1997 में भारत के अधिकारियों ने अब्दुल कलाम को “भारत रत्न” से सम्मानित किया, जो भारतीय गणतंत्र का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है और इसके अतिरिक्त समान रूप से उन्हें “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस” द्वारा “राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। जो पूर्व राष्ट्रपति इंदिरा गांधी की उपाधि के बाद दिया गया।
1998 में निम्नलिखित वर्ष के बाद, उन्हें “वीर सावरकर पुरस्कार” मिला। फिर 2000 के वर्ष के भीतर, उन्हें SASTRA (शानमुघा कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान अकादमी) द्वारा “रामानुजन पुरस्कार” पुरस्कार मिला। कंपनियों के साथ उत्कृष्ट व्यक्तियों को दिया गया है।
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FAQs. APJ Abdul Kalam in Hindi
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ था.
उत्तर – एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था जो रामेश्वरम तमिलनाडु में स्थित है। उनके पिता का नाम ज़ैनुलाब्दीन था
कलाम की सफलता की कुंजी क्या थी?
उत्तर – एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्हें भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 1998 में भारत के पोखरण परमाणु परीक्षण में 1974 में भारत के पहले परमाणु परीक्षण के बाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
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ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi
Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi
देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद, भारत के एक प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक होने के साथ-साथ भारत के 11वें एवं पहले गैर राजनीतिज्ञ राष्ट्रपति थे, जिन्हें “मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता था।
डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद का प्रभावशाली व्यक्तित्व और प्रेरणात्मक विचार हमेशा ही युवाओं के अंदर आगे बढ़ने का जोश भरते हैं, वहीं अब्दुल कलाम जी के महान जीवन के महत्व को समझने के लिए और उनकी उपलब्धियों एवं देश के लिए दिए गए योगदान के बारे में बच्चों को बताने के लिए अक्सर स्कूल/कॉलेजों में आयोजित परीक्षाएं अथवा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।
इसलिए हम अपने इस लेख में ‘डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद’ जी के विषय पर अलग-अलग शब्द सीमाओं में निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका आप अपनी जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं –
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi 500 Words
प्रस्तावना
देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं ‘अग्नि’ मिसाइल को उड़ान देने वाले भारत के प्रख्यात और मशहूर वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनके द्धारा देश के विकास में किए गए महत्वपूर्ण योगदान और विशिष्ट कामों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वे लोगों के बीच ‘जनता के प्रिय राष्ट्रपति’ और ‘भारत के मिसाइल मैन’ के रुप में हमेशा जीवित रहेंगे।
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का परिचय एवं प्रारंभिक जीवन
15 अक्टूबर, साल 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मछुआरे के घर में जन्में ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का शुरुआती जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा था। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। वे जैनुलअबिदीन और अशिअम्मा की सबसे छोटी संतान थे।
बेहद गरीब घर में पैदा होने की वजह से उन्हें अपनी शिक्षा ग्रहण करने में काफी संघर्ष करना पड़ा। वहीं अब्दुल कलाम जी अखबार बेचकर जो भी पैसे कमाते थे, वे उससे अपनी स्कूल की फीस भरते थे, कठिन परिस्थितियों में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी, और बाद में देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के पद पर शोभायमान हुए और भारत के सबसे मशहूर वैज्ञानिक के रुप में अपनी पहचान बनाई।
एपीजे अब्दुल कलाम जी का सरल स्वभाव एवं प्रेरक व्यक्तित्व
भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम आजाद विलक्षण एवं बहुमुखी प्रतिभा के बेहद सौम्य एवं सरल स्वभाव वाले व्यक्ति थे। जिन्होंने अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व का प्रभाव दुनिया के हर व्यक्ति पर छोड़ा था।
अपने जीवन में तमाम संघर्षों के बाबजूद भी वे कभी कमजोर नहीं पढ़े, और अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहे और अपने जीवन में तरक्की के पथ पर आगे बढ़ते चले गए। कलाम जी के महान विचार और प्रखर वाकशक्ति हर किसी को मंत्र-मुग्ध करती थी और नौ जवानों के दिल में कुछ नया करने का जोश भरती थी। उनकी दूरगामी सोच का अंदाजा उनके द्दारा लिखी गईं किताबों और उनके महान कामों द्धारा लगाया जा सकता है। उनका कहना था कि –
“सपने वो नहीं है जो आप सोते वक्त देखें, बल्कि सपने वो हैं जो आपको नींद नहीं आने दें”
इसके अलावा भी उनके कई ऐसे महान विचार थे, जिन्हें पढ़ने के बाद आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
अब्दुल कलाम आजाद के जीवन की सफलताएं एवं योगदान
अब्दुल अलाम आजाद एक पायलट बनकर आसमान की अनन्त ऊंचाइयों का नापना चाहते थे, वे अपने इस सपने को तो सच नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने अपने तमाम असफलताओं से सीख लेकर अपने जीवन में कई ऐसी सफलताएं हासिल की, जिनके सामने कई सामान्य पायलटों की उड़ान भी बहुत छोटी नजर आती है।
आपको बता दें कि एपीजे अब्दुल कलाम आजाद साल 1992 में एक भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में नियुक्त किए गए, जिसके बाद उन्होंने देश के सबसे बड़े संगठन डीआरडीओ और इसरो के साथ काम किया।
वहीं साल 1998 में उनकी देखरेख में पोखरण में दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया गया, जिसके बाद भारत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की लिस्ट में शुमार हो गया।
इसके अलावा उन्होंने साल 1963-64 के दौरान अमेरिका के अंतरिक्ष संगठन नासा की यात्रा की। यही नहीं वैज्ञानिक के तौर पर कलाम जी भारत के तमाम अंतरिक्ष कार्यक्रम और विकास कार्यक्रमों से भी जुड़े रहे। भारत की अग्नि मिसाइल को उड़ान देने की वजह से उन्हें मिसाइल मैन भी कहा गया।
डॉ. एपीजे अब्दुल अलाम आजाद ने तकनीकी एवं विज्ञान में अपना विशेष योगदान दिया, जिसके लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न समेत पदम भूषण, पदम विभूषण आदि से सम्मानित किया गया। और दुनिया में करीब 30 से ज्यादा विश्वविद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा।
यही नहीं उनके इस महत्पूर्ण योगदान की वजह से ही साल 2002 में उन्हें भारत का राष्ट्रपति चुना गया, वे देश के पहले वैज्ञानिक और गैरराजनीतिज्ञ राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति के रुप में उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई देशों का दौरा किया और अपने प्रभावशाली व्याख्यानों के माध्यम से भारत के नौजवानों का मार्गदर्शन किया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
उपसंहार
वे भारत के ऐसे इकलौते राष्ट्रपति थे, जो राजनीति बैकग्राउंड से नहीं थे। भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्र बनाने और विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान देने की वजह से उन्होंने राष्ट्रपति के पद को सुशोभित किया। और अपने दूरगामी सोच से भारत के विकास को एक नई दिशा दी और लोगों के प्रेरणास्त्रोत बन गए।
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – APJ Abdul Kalam Nibandh
मिसाइल मैन अब्दुल कलाम आजाद ने एक वैज्ञानिक से लेकर राष्ट्रपति के पद तक का शानदार सफर को तय किया है। और लोगों के बीच एक जमीन से जुड़े राष्ट्रनेता, शिक्षक और लेखक के तौर पर अपनी पहचान विकसित की है। खास बात तो यह है कि उनके अंदर सीखने की जिज्ञासा इतनी थी कि वे अपनी जिंदगी के अंतिम क्षणों तक खुद को एक लर्नर बताते रहे।
देश के सबसे पहले गैरराजनीतिज्ञ राष्ट्रपति के रुप में अब्दुल कलाम आजाद
भारत की ‘अग्नि’ मिसाइल को उड़ान देने वाले मशहूर वैज्ञानिक अब्दुल कलाम आजाद के विज्ञान एवं भारतीय अनुसंधान एवं रक्षा के क्षेत्र में दिए गए अपूर्व योगदान और भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने की बदौलत उनकी ख्याति पूरी दुनिया में फैलने लगी और अपने विशिष्ट कामों की बदौलत उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई, इसके साथ ही अपने नाम का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया।
वहीं इसे देख राजनीतिक पार्टियां भी उनके नाम को भुनाने की जुगत में लग गई और फिर साल 2002 में डॉ. एपीजे अब्दुल अलाम आजाद को बीजेपी द्धारा समर्थित NDA घटक दलों ने राष्ट्रपति चुनाव के वक्त उन्हें अपना उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया, जिसका विपक्ष ने भी खुलकर समर्थन किया, इसके बाद 18 जुलाई, साल 2002 में एपीजे अब्दुल कलामजी ने देश के 11वें राष्ट्रपति के पद की शपथ ले ली।
कलाम साहब देश के ऐसे राष्ट्रपति बने जिनका राष्ट्रपति बनने से पहले राजनीति से कोई वास्ता नहीं था,इसके साथ ही वे देश के पहले वैज्ञानिक थे, जो इस पद पर शोभायमान हुए। उनकी जिंदगी में सुख-सुविधाओं की कमी होने के बाबजूद भी वे अपने दृढ़संकल्पों के साथ आगे बढ़ते रहे, और भारत के सर्वोच्च पद पर विराजमान हुए, उनके आदर्श जीवन से हम सभी को प्रेरणा मिलती है।
वहीं अगर उनके बताए गए विचारों को हम सभी अपने जीवन में उतार लें तो अपनी जिंदगी में असीम सफलता हासिल कर सकते हैं।
राष्ट्रपति पद छोड़ने का बाद का सफर
भारत के 11वें राष्ट्रपति के तौर पर 5 साल तक देश की सेवा करने के बाद भी वे अपने काम के प्रति समर्पित रहे और राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होते ही वे फिर से शिक्षण, लेखन, और सार्वजनिक सेवा में लौट आए। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम के चांसलर और अन्ना यूनिवर्सिटी के एरोस्पेस इंजीनियरिंग कॉलेज में टीचर बनकर अपनी जीवन की आखिरी सांस तक काम करते रहे।
देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ भारत रत्न ‘ से सम्मानित एपीजे अब्दुल कलाम जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत है, उन्होंने जिस तरह अपने जीवन में तमाम संघर्ष कर देश के सबसे ऊंचे पद का गौरव हासिल किया, उससे हम सभी को सीखने की जरूरत है।
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – essay on apj abdul kalam in hindi 100 words
वे भारत के ऐसे राष्ट्रनेता थे, जिनके ऊपर कभी किसी तरह के कलंक नहीं लगा और हर जाति,धर्म, समुदाय के लोगों के दिल में उनके लिए सम्मान की भावना थी, यही अब्दुल कलाम जी की महानता का विशिष्ट प्रमाण है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद के जीवन की कुछ दिलचस्प बातें इस प्रकार हैं –
• डॉक्टर अब्दुल कलाम जी पायलट बनना चाहते थे, लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हो सका, फिर भी वो हिम्मत नहीं हारे और जो भी मौका मिला उसे न सिर्फ पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ स्वीकार किया बल्कि उस पर वे खरे भी उतरे और अपने बुंलद हौसलों के चलते पूरी दुनिया के सामने एक मशहूर वैज्ञानिक, चहेते राष्ट्रपति और प्रख्यात टीचर के रुप में अपनी पहचान बनाई।
• अपनी गरीबी को उन्होंने कभी अपनी शिक्षा के आड़े नहीं आने दिया और अखबार बेचकर उन्होंने हायर एजुकेशन प्राप्त की। आपको बता दें कि अब्दुल कलाम जी ने सेंट जोसेफ कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।
• अब्दुल कलाम जी ने कभी भी अपने पद और प्रसिद्धता का घमंड नहीं किया और वे आम लोगों के साथ भी काफी अच्छे संबंध बनाकर रखते थे, इसलिए उन्हें “पीपुल्स प्रेसिडेंट” अर्थात ‘जनता के राष्ट्रपति’ भी कहा जाता है।
• अब्दुल कलाम जी को पढ़ने-लिखने का बेहद शौक था, वे किताबों को ही अपना प्रिय मित्र मानते थे, इसलिए उन्होंने अपने घर में एक निजी लाइब्रेरी भी बना रखी थी, जिसमें हजारों किताबें थी।
• डॉ. कलाम को छात्रों से बेहद लगाव था, एक अच्छे अध्यापक के रुप में वे हमेशा विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास करते थे। यहां तक की अपनी जीवन के अंतिम पलों में भी IIM Shillong में स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे। वहीं विद्यार्थियों के प्रति उनके अत्याधिक प्रेम और स्नेह को देखकर संयुक्त राष्ट्र ने उनके जन्मदिवस को विद्यार्थी दिवस के रुप में भी बनाने का फैसला लिया है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी जैसे महान शख्सियत का जन्म लेना भारत के लिए गौरव की बात है। मिसाइल मैन की महान सोच और विशिष्ट कामों की वजह से ही आज भारत एक परमाणु रुप से संपन्न और शक्तिशाली राष्ट्र बन सका है।
- Essay in Hindi
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2 thoughts on “ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi”
Thank you, bahut help ayi hei,
Bahut hi inspire karne wali APJ sir Ki biography likhne ke liye thanks..
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- Jivan Parichay (जीवन परिचय) /
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय
- Updated on
- अक्टूबर 13, 2023
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: भारत रत्न से सम्मानित और ‘भारत का मिसाइल मैन’ कहे जाने वाले मशहूर वैज्ञानिक डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) अपने बेहतरीन कार्यों के लिए आज भी जाने जाते हैं। डॉ कलाम वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति भी बने। डॉ कलाम ने भारत को प्रगतिशील बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था।
क्या आप जानते हैं डॉक्टर कलाम ने ISRO में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल (SLV-III) के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एपीजे अब्दुल कलाम अपने कार्यों और अपनी प्रेरणादायक बातों के लिए आज भी याद किए जाते है। वहीं उनके जन्म दिवस को हर वर्ष ‘ विश्व छात्र दिवस ’ के रूप में मनाया जाता हैं। आइए जानते हैं ए पी जे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय।
This Blog Includes:
डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का प्रारंभिक जीवन, इसरो में निभाई अहम भूमिका , क्यों कहा जाता है डॉ कलाम को मिसाइल मैन , द्वितीय पोखरण परमाणु परीक्षण में दिया अहम योगदान , डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की मिसाइलों के नाम और उनकी विशेषताएं , डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का राजनैतिक सफर , डॉ कलाम का निधन , डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम की उपलब्धियां , डॉ. कलाम द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकें, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर लिखी गई जीवनी , डॉ. कलाम के 10 अनमोल विचार , सम्बंधित ब्लॉग.
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: डॉ कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। लेकिन उन्हें डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम और मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। उनके पिता का नाम ‘ जैनुलाब्दीन’ था, जो एक नाविक थे और उनकी माता का नाम ‘ असीम्मा ‘ था, जो एक गृहणी थी। डॉ कलाम के पांच भाई बहन थे।
डॉ कलाम का शुरूआती जीवन संघर्षों से भरा रहा था। उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था। उन्हें बचपन से ही सिखने की बहुत इच्छा थी। रामनाथपुरम, तमिलनाडु से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ कलाम वर्ष 1955 में वे मद्रास चले गए वहाँ उन्होंने ‘ मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ , चेन्नई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। क्या आप जानते हैं डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम एक लड़ाकू पायलट बनना चाहते थे लेकिन उन्हें ‘भारतीय वायु सेना’ (IAF) की प्रवेश परीक्षा में नौवां स्थान मिला था। जबकि IAF ने केवल 8वीं रैंक तक ही रिजल्ट की घोषणा की थी इसलिए वह पायलट नहीं बन सके।
यह भी पढ़ें – डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम का शिक्षा में योगदान
डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने ‘ हावरक्राफ्ट परियोजना’ पर काम किया। डॉ कलाम ने कुछ समय तक प्रसिद्ध वैज्ञानिक ‘ विक्रम साराभाई’ के साथ भी काम किया था। इसके बाद वह वर्ष 1962 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ ( ISRO) में आ गए, यहाँ उन्होंने प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते हुए सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने ISRO में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल SLV-III के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस प्रथम सैटेलाइट व्हीकल से भारत ने वर्ष 1980 में रोहिणी सैटेलाइट सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था। इस मिसाइल को बनाने में डॉ कलाम में अपना अहम योगदान दिया था, जिस वजह से उन्हें ‘ मिसाइल मैन’ की उपाधि से नवाजा गया। इसके बाद डॉ कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में कार्य किया और देश के लिए कई मिसाइलें बनाई।
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इसके बाद डॉ. कलाम ने वर्ष 1992 से 1999 तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में सेक्रेटरी के रूप में कार्य किया। वह प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी थे। वर्ष 1998 में दूसरे परमाणु परीक्षण में डॉ. कलाम ने महत्वपूर्ण तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाई थी। इस सफल परमाणु परिक्षण के बाद ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को एक पूर्ण विकसित परमाणु देश घोषित किया और भारत विश्व में एक महाशक्ति के रूप में उभरा।
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi में अब हम उनकी कुछ प्रमुख मिसाइलों और उनकी विशेषताओं के बारे में बता रहे है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम 18 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। क्या आप जानते हैं कि डॉ कलाम भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ भारत रत्न’ प्राप्त करने वाले भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे। बता दें कि डॉ कलाम से पहले वर्ष 1954 में “ डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ” और वर्ष 1963 में “ डॉ. जाकिर हुसैन ” को यह सम्मान प्रदान किया गया था। डॉ कलाम वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति पद पर आसीन रहे और इसके बाद उन्होंने फिर से राष्ट्रपति चुनाव ना लड़ने का फैसला किया। राष्ट्रपति के पद से मुक्त होने के बाद डॉ कलाम ने देश के विभिन्न कॉलेज-संस्थानों में अध्यापन कार्य किया और कई पुस्तकें लिखी
यह भी पढ़ें – ‘फादर ऑफ ग्रीन रिवॉल्यूशन’ कहे जाने वाले एम.एस. स्वामीनाथन के बारे में कितना जानते हैं आप?
डॉ. कलाम ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान दिया है, जिसकी वजह से उन्हें वर्ष 1997 में भारत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने जीवन के बहुत से वर्ष रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के लिए काम करते हुए बिताए थे।
देश का सर्वोच्च पद पर रहने के बाद भी डॉ. कलाम हमेशा अपना जीवन सादगी के साथ जीते रहे उनका स्वभाव बेहद सहज, सरल और विनम्र था। वे हमेशा खुद को एक वैज्ञानिक और शिक्षक की तरह ही देखा करते थे। लेकिन 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) शिलांग में व्याख्यान देते समय हृदय गति रुकने से अचानक उनका निधन हो गया।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने अपने जीवन में बहुत सी विपरीत परिस्थितियों का सामना किया था। लेकिन जीवन में उन्होंने कभी भी कठिन परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी। यही वजह रही है कि उनका जीवन आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहा हैं। डॉ. कलाम को उनके कार्यों के लिए बहुत से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। जिन्हें नीचे दिए गए टेबल में बताया जा रहा हैं:-
यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) का जीवन परिचय के साथ ही उनके द्वारा लिखित कुछ पुस्तकों के बारे में बताया जा रहा है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-
यह भी पढ़ें – लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi में अब हम डॉ. कलाम के जीवन पर लिखी गई कुछ प्रमुख जीवनी के बारे में बता रहे है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन परिचय (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi) के साथ ही उनके कुछ अनमोल विचारों के बारे में भी बताया जा रहा है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-
- शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा।
- महान शिक्षक ज्ञान, जूनून और करुणा से निर्मित होते हैं।
- अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।
- सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।
- महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।
- मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।
- अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
- शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत की जरूरत होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।
- किसी भी मिशन की सफलता के लिए, रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक हैं।
- जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती हैं।
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- अब्दुल कलाम के शिक्षा पर विचार | Leverage Edu
- क्या आप जानते हैं कि एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ था?
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आशा है आपको डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। नीरज को स्टडी अब्रॉड प्लेटफाॅर्म और स्टोरी राइटिंग में 2 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में upGrad Campus, Neend App और ThisDay App में कंटेंट डेवलपर और कंटेंट राइटर रह चुके हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविधालय से बौद्ध अध्ययन और चौधरी चरण सिंह विश्वविधालय से हिंदी में मास्टर डिग्री कंप्लीट की है।
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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम है और उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। वह भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे और वह 2002 से 2007 तक इस पद पर कार्यरत रहें। उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था और वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी कुशल थे। उन्होंने पहले फिजिक्स की पढ़ाई की और फिर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग किया।
अब्दुल कलाम ने अपने 40 साल के करियर में काफी मेहनत से काम किया। उन्होंने डीआरडीओ और इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (इसरो) में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने भारत की सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए मिसाइल के डेवलपमेंट में बहुत ज्यादा योगदान दिया। उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। वह 1998 में भारत में न्यूक्लियर टेस्ट सफलतापूर्वक कराने में काफी सहयोग दिए।
अब्दुल कलाम 2002 तक काफी लोकप्रिय हो चुके थे और उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि वे 2002 में भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए। वह भारत के 11वें राष्ट्रपति थे और इस पद पर 2007 तक रहे। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने भारत में बहुत ज्यादा सहयोग दिया। वह एक लोकप्रिय राष्ट्रपति के रूप में जाने जाते हैं। बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी लोग उनसे काफी प्रेरणा लेते हैं।
27 जुलाई 2015 में 83 साल की उम्र में उनका निधन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट शिलोंग में लेक्चर देते समय हो गया। वे एक सच्चे देशभक्त के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे। अब्दुल कलाम इतने बड़े पद पर रहने के बाद भी जीवन बिल्कुल सादगी में व्यतीत करते थे।
(word count: 250)
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Apj abdul kalam essay in hindi.
Hello guys today we are going to discuss an APJ Abdul Kalam essay in Hindi. Who was APJ Abdul Kalam? We have written an APJ Abdul Kalam essay in Hindi. Now you can take an example to write APJ Abdul Kalam essay in Hindi in a better way. APJ Abdul Kalam essay in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में। Read Long and Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi.
APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 300 Words
अब्दुल कलाम पर निबंध
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में रामेश्वर जिले के धनुषकोडि गाँव में 15 अक्टूबर सन् 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पाकीर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम है। एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय इतिहास के 11वें सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति हैं। भारतीय लोग के दिलों में डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारत के “मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं। वह एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन था जो एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। उनकी माता का नाम अशीयामा जैनुल्लाब्दीन था जो एक गृहिणी थीं।
डॉ. कलाम रामनाथपुरम के स्क्वार्टज मिशनरी हाईस्कूल से अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी की और सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से बीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। डॉ. अब्दुल कलाम ने मद्रास तकनीकी संस्थान से एक वैमानिकी अभियंता के रूप में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने 1958 में डीआरडीओ (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में अपना करियर शुरू किया।
सन् 1963 में वे भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल हुए और उन्हें एसएलवी-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया। उन्होंने स्वदेशी उपग्रह रॉकेट के डिजाइनिंग, विकास और प्रबंधन पर काम किया और कुछ समय बाद उपग्रह ‘रोहिणी’ को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। डॉ. कलाम ने महत्वपूर्ण मिसाइल जैसे पृथ्वी, अग्नि, आकाश, आदि को विकसित एवं प्रक्षेपण करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत का नाम तकनीकी के क्षेत्र में आगे किया। डॉ. कलाम को अपने काम के लिए पद्मा श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वर्ष 1997 में उन्हें महानतम भारतीय पुरस्कार “भारत रत्न” प्रदान किया गया था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें जैसे ‘इंडिया 2020’ और ‘विंग्स ऑफ़ फायर’ लिखी हैं।
27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में एक व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ और वे बेहोश हो कर गिर पड़े। लगभग 6:30 बजे गंभीर हालत में उन्हें बेथानी अस्पताल में आईसीयू में ले जाया गया और दो घंटे के बाद इनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी गई। हमने भारत के महान बेटे को खो दिया है जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपनी मातृभूमि के कल्याण के लिए समर्पित की। उनका जीवन और काम दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा साबित हुआ। डॉ एपीजे अब्दुल का जीवन एक इतिहास है जो सभी युवाओं के लिए सदेव एक प्रेरणा की कहानी होगी।
APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 325 Words
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो जनसाधरण में जनता के राष्ट्रपति के रुप में मशहूर हैं। उनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर 15 अक्टूबर 1931 को एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में तमिलनाडु के रामेश्वरम् में हुआ था।
वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” भी कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में। एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।
डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था। हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। डॉ कलाम के निधन से समाज को जो अपूरणीय क्षति हुई है उसे भर पाना नामुमकिन है, परन्तु उनके आदशों पर चलकर हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अवश्य दे सकते हैं। ऐसे युगपुरूष, महान वैज्ञानिक, दार्शनिक, कर्मयोगी और खुशहाल भारत के स्वप्नदृष्टा को हम शत शत नमन करते हैं।
APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 400 Words
डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 में रामेश्वरम् में हुआ था। इनका परिवार बहुत साधारण था। इनकी आर्थिक स्थिति दयनीय थी। इनके पिता रामेश्वरम् और धनुषकोटि के बीच नाव चलाकर अपनी जीविका चलाते थे। अब्दुल कलाम स्वयं अखबार बांटकर अपने पिता और परिवार की आर्थिक सहायता करते थे। परन्तु कलाम में अद्भुत लग्न, परिश्रम-क्षमता और दृढ़ता इच्छाशक्ति शुरू से ही रही है। आपने मद्रास (चेन्नई) के टेक्नॉलाजी इंस्टीट्यूट से इंजिनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया और फिर साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र में सेवारत हो गये। आगे चलकर वे इसरो और परमाणु शक्ति अनुसंधान केन्द्र से जुड़कर निरन्तर प्रगति करते गये और इनकी गणना भारत के उच्चतम वैज्ञानिकों में होने लगी।
आज वे भारत के प्रथम नागरिक और ग्यारहवें राष्ट्रपति हैं। इस महान पद पर पहुंचने के लिए इन्होंने कठोर परिश्रम, तपस्या तथा त्याग किया। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन कलाम है। राष्ट्रपति बनने से पहले वे प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार थे। डॉ. कलाम भारतीय मिसाइलों के जनक कहे जाते। हैं। मिसाइल मैन के रूप में आपने ‘‘अग्नि” तथा ‘पृथ्वी” जैसे प्रक्षेपास्त्रों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारी सुरक्षा के लिए प्रक्षेपास्त्र बहुत आवश्यक हैं। इनके विकास ने भारत को एक विश्वशक्ति बना दिया है।
सन् 1998 में पोखरण में किए गये परमाणु परीक्षण की सफलता में डॉ. कलाम की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। डॉ कलाम अविवाहित हैं और इन पर कुरान के अतिरिक्त भगवद् गीता का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। ये सच्चे कर्मयोगी हैं। सादा जीवने और उच्च विचार में इनकी गहरी आस्था है। इन्हें कविता लिखने और वीणा बजाने का शौक है। कलाम चाहते हैं कि देश तेजी से विकास करे और आने वाले दशक में विश्व के विकसित देशों में गिना जाने लगे।
उन्हें भारत के युवावर्ग से बड़ी आशाएं हैं। सन् 1997 में इनकी बहुमूल्य राष्ट्रीय सेवाओं के लिए इनको देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित किया गया। धर्म से मुसलमान होते हुए भी वह पूर्ण शाकाहारी हैं और धूम्रपान तक भी नहीं करते। सादगी, सदाचरण व उत्कृष्ट राष्ट्र भक्ति के एक श्रेष्ठ उदाहरण डॉ. कलाम का जीवन सर्वथा अनुकरणीय है। उनकी दृष्टि में राष्ट्र सर्वोपरि है। एक सुदृढ़, समृद्ध, पूर्णत: शिक्षित, शक्तिसम्पन्न और विकसित भारत का सपना वे यथाशीघ्र साकार करना चाहते हैं। उन्होंने अपनी सारी शक्ति, चेतना और बुद्धि इसी कार्य के लिए लगा रखी है। आपको बच्चों से बहुत प्यार है क्योंकि ये ही भविष्य के कर्णधार हैं।
APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 500 Words
“मिसाइल मैन” के नाम से प्रसिद्ध भारत के बारहवें राष्ट्रपति डॉ. अबुल पाकीर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (ए. पी. जे अब्दुल कलाम) थे।
तामिलनाडु के प्रसिद्ध धर्मस्थान रामेश्वर के धनुषकोटी गांव में माँ आशियम्मब, पिता जैनुलाबदीन के घर में इनका जन्म 15 अक्तूबर 1931 ई. को एक मुस्लिम परिवार में हुआ। पिता नौका बनाने का काम करते थे, आमदनी अधिक नहीं थी। बचपन से ही वह तीव्र बुद्धि के बालक थे। वह तीन किलोमीटर की दूरी से अख़बार के बंडल लाकर शहर में अख़बार बाँटते। अपनी मेहनत एवं लगन से स्कूल एवं कॉलेज की शिक्षा शानदार ढंग से प्राप्त की। मद्रास इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नालॉजी में एरोनोटिकल इंजीनिरिंग में दाखिला लेकर अपने सपनों को सच करने लगे। यहीं से उन्होंने एक रॉकेट इंजीनियर एयरोस्पेस इंजीनियर व तकनीक वैज्ञानिक की कुशलता प्राप्त की। बाद में उन्हें विज्ञान में सर्वोच्च उपाधि ‘डाक्टरेट’ मिली। राष्ट्रपति बनने से पूर्व कॉलेज में विज्ञान के शिक्षक रहे। बाद में वे कई उच्च सरकारी पदों पर कार्य करते रहे। उन्हें प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार का पद भी प्रदान किया गया।
सन् 1963 में भारत के पहले राकेट-उड़ान व अन्य उड़ानों में इनके योगदान को देखते हुए, सन् 1975 में आप डी. आर. डी. ओ. के रॉकेट विशेषज्ञ बन गए। एस. एल. वी. की सफलता के बाद आप प्रधानमंत्री के विज्ञान और तकनीकी सलाहकार बन गए। उनकी सफलताओं में प्रमुख है-अग्नि, नाग, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल आदि शामिल शक्तिशाली मिसाइलों की सफलता ने तो आपको “मिसाइल मैन” बना दिया। सन् 1990 में आपको “पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया।
वह सादा जीवन, उच्च विचार की जीती-जागती मूर्ति थे। वे जब खाली होते थे तो कविताएँ लिखकर या वीणा बजाकर अपना मन बहलाते। “मेरा देश किसी भी देश से तकनीक न खरीदे, यही उनका उद्देश्य था।” उन्हीं के परिश्रम के कारण ही भारतीय सेना की गणना दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं में होती है। विभिन्न सफलताओं के कारण उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत-रत्न’ से 1997 में सम्मानित किया गया। नोबल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमण के बाद सर्वोच्च सम्मान पाने वाले ये दूसरे वैज्ञानिक हैं। डॉ.कलाम के योगदान स्वरूप सन् 1998 में भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो विश्व के विकसित राष्ट्रों की आँखें चुंधिया गई और भारत के गौरव के प्रति चकित हो गए।
“सपना वह नहीं है जो आपने नींद में देखा, सपना वह है जो आपको नींद ही न आने दे।”
मिसाइलों में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख धातु कार्बन की खोज डॉ. कलाम ने की। उसी धातु का प्रयोग हैदराबाद के निज़ाम इंस्टीच्यूट ऑफ मैडिकल साइंस में अपंग बच्चों की छड़ी बनाने में हो रहा है जो अपंग बच्चों को तेज़ भागने में सहायक सिद्ध हुई है।
डॉ. अब्दुल कलाम ने अपनी मेहनत, लगन एवं इच्छा शक्ति से फर्श से अर्श तक जीवन की उड़ान भरी किन्तु अपनी सरलता, सादगी, संस्कार नहीं छोड़े। राष्ट्रीय वृक्ष बरगद की तरह अपनी संस्कृति से सदैव जुड़े रहे इसलिए इनका जीवन अनुकरण के योग्य है।
एक वैज्ञानिक हृदय में अध्यात्म, कवि हृदय संगीत-प्रियता सचमुच उन्हें महान व्यक्तित्व की गरिमा देती है। उनको अपने काम से इतना लगाव था कि निजी जीवन के विषय में उन्हें सोचने तक का समय नहीं मिला। इनका अविवाहित जीवन इसका प्रमाण है किन्तु कोमल मानवीय गुणों से भरपूर ये बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। शिक्षक के तौर पर इनके ये वचन बहुत प्रेरणादायक हैं जो प्रत्येक छात्र को धारण करना चाहिए : “इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।”
27 जुलाई 2015 की शाम मेघालय की राजधानी शिलांग में भारतीय प्रबन्ध संस्थान में भाषण दे रहे थे कि अचानक हृदयघात होने से देहान्त हो गया। इनका संस्कार 30 जुलाई 2015 को सैन्य सम्मान के साथ रामेश्वरम् नगर में किया गया।
हमें अपने पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक “मिसाइल मैन” और डॉ. ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम पर गर्व है, वे हमेशा छात्रों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे। इसलिए वे भारत के “युवा प्रतिरूप” (Youth Icon) हैं। देश के युवा अगर उनके बताए गए मार्ग पर चलें, तो सन् 2025 तक भारत विकसित देश कहलाएगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है।
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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
by StoriesRevealers | May 8, 2020 | Essay in Hindi | 1 comment
Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi : एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को पूर्व मद्रास राज्य के द्वीप शहर रामेश्वरम में एक मध्यम-वर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन के पास ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं थी, लेकिन उनके पास महान ज्ञान का मोती था।
उनकी माँ आशियम्मा एक देखभाल करने वाली और प्यार करने वाली गृहिणी थीं। एपीजे अब्दुल कलाम घर के कई बच्चों में से एक थे। वह उस पैतृक घर में रहते थें और अपने बड़ें परिवार के एक छोटे से सदस्य थे।
Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एपीजे अब्दुल कलाम लगभग 8 वर्ष के बच्चे थे। वह युद्ध की जटिलता को नहीं समझ सकते थे। लेकिन उस दौरान बाजार में अचानक इमली के बीज की मांग बढ़ने लगी। और उस अचानक मांग के लिए, कलाम बाजार में इमली के बीज बेचकर अपनी पहली मजदूरी अर्जित करने में सक्षम हुए। उन्होंने अपनी आत्मकथा में उल्लेख किया है कि वह इमली के बीज एकत्र करते थे और उन्हें अपने घर के पास एक प्रावधान की दुकान में बेचते थे।
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युद्ध के दिनों के दौरान उनके बहनोई जल्लालुद्दीन ने उन्हें युद्ध की कहानियों के बारे में बताया। बाद में कलाम को दिनामनी नामक अखबार में युद्ध की उन घटनाओं का पता चला। अपने बचपन के दिनों में, एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने चचेरे भाई समसुद्दीन के साथ समाचार पत्र बाटने का काम भी किए।
एपीजे अब्दुल कलाम बचपन से ही एक प्रतिभाशाली बच्चे थे। उन्होंने शवार्ट्ज हायर सेकेंड्री स्कूल, रामनाथपुरम से हाई स्कूल पास किया और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाख़िला लिया। और वहाँ से उन्होंने अपनी विज्ञान में ग्रेजुएशन कि डिग्री प्राप्त की। और 1958 में वह DRDO में काम करने लगे। बाद में वह ISRO में चले गए। जहाँ वह SLV3 प्रोजेक्ट के मुख्य प्रशिक्षक बन गए। यह उल्लेख करने के लिए उपयुक्त है कि अग्नि, आकाश, त्रिशूल, पृथ्वी आदि मिसाइलें उस परियोजना का हिस्सा थी।
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एपीजे अब्दुल कलाम को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2011 में IEEE Honorary सदस्यता से सम्मानित किया गया। 2010 में वाटरलू विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। सिवाय इसके एपीजे कलाम को 2009 में यूएसए के एएसएमई फाउंडेशन से हूवर मेडल भी मिला, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएसए से उन्हें (2009) में इंटरनेशनल वॉन कॉरमैन विंग्स अवार्ड मिला और, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर से उन्हें डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग (2008) में सम्मानित किया गया, किंग चार्ल्स 2 मेडल, यूके 2007 में और इसके इलावा और भी बहुत कुछ। उन्हें भारत सरकार द्वारा द भारतरत्न, पदम् विभूषण, पदम् भूषण से भी सम्मानित किया गया है।
एपीजे अब्दुल कलाम का यह लेख अधूरा रहेगा यदि मैं देश के युवाओं के प्रति उनके योगदान का उल्लेख नहीं करता। डॉ। कलाम ने हमेशा देश के युवाओं को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रेरित करके उनके जिवन को सफल बनाने का प्रयास किया। अपने जीवनकाल के दौरान डॉ कलाम ने कई शिक्षण संस्थानों का दौरा किया और छात्रों के बीच अपना बहुमूल्य समय दिया।
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दुर्भाग्य से, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गया। एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु को हमेशा भारतीयों के लिए सबसे दुखद क्षणों में से एक माना जाएगा। वास्तव में, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। अगर आज एपीजे अब्दुल कलाम होते तो भारत और तेजी से विकसित होता।
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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर छोटा व बड़ा निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए। Short and Long Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi Language. Abdul Kalam par Nibandh Hindi mein.
Essay on Dr. APJ Abdul Kalam. Written By. सम्बंधित जानकारी. आज है एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि. डॉक्टर अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि : जानिए 7 बड़ी बातें. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन की प्रेरणा थीं ये दो महिलाएं. APJ Abdul kalam : मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम को देश का सलाम. आज कारगिल विजय दिवस : इन 10 बातों से जानिए, कारगिल युद्ध की वीरता भरी कहानी.
Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi 100 शब्दों में. ए पी जे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। वे एक महान वैज्ञानिक और इंजीनियर थे, जिन्होंने भारत को एक मजबूत मिसाइल कार्यक्रम विकसित करने में मदद की। उन्हें "मिसाइल मैन ऑफ इंडिया" के रूप में जाना जाता है।.
अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (अंग्रेज़ी: A P J Abdul Kalam), जो ...
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi) - सभी क्लास के लिए हिंदी में 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध लिखें | कॉलेजदेखो. डॉ. एपीजे अब्दुल ...
भारत के अनमोल रत्न - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध. Essay on APJ Abdul kalam in hindi. "यदि आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हो, तो सूर्य की तरह जलना होगा।". -डॉ ...
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम्, तमिलनाडु में हुआ था। उनका परिवार बहुत गरीब था। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमाने हेतु कठिन परिश्रम करना पड़ता था। उन्होंने संत जोसेफ स्कूल में अध्ययन किया और 'मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी' से इंजीनियरिंग की। डॉ. कलाम अपनी बाल्यावस्था से ही एक बहुत मेधावी छात्र थे।.
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi 400-500 Words). डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। युवाओं के लिए कलाम किसी प्रेरणा से कम ...
कलाम जी का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में १५ अक्टूबर १९३१ को हुआ। उनका पूरा नाम डॉक्टर अबूर पाकिर जैनुल्लाब्दिन अब्दुल कलाम था। कलाम जी अपने घर में उनके पाँच भाई और पाँच बहनों के साथ रहते जो एक संयुक्त परिवार का हिस्सा थे। परिवार में सबसे छोटे होने के कारण उन्हे परिवार के सभी सदस्यों का प्यार मिलता। उनके पिता का मछुवारों को नाव किराये पर देने का...
In this article, we are providing an Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Nibandh। Essay in 200, 300, 500, 800 words For Class 7,8,9,10,11,12 Students. Dr. APJ Abdul Kalam information in Hindi essay & Speech.
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबन्ध | APJ Abdul Kalam Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi
April 27, 2021 by Kiran Sao. क्या आप एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Apj Abdul Kalam in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।. जो कि इस लेख में हमने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर बेहतरीन निबंध लिखा है। डॉक्टर कलाम पर निबंध परीक्षाओं में कक्षा 5 से 12 तक विभिन्न रूपों में पूछा जाता है।.
In this essay, you get to know about APJ Abdul Kalam in Hindi. इस निबंध में आपको हमारे आदर्श राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। APJ abdul kalam par nibandh. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi- ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध. खुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तकदीर से पहले।. खुदा बन्दे से यह पूछे, बता, तेरी रजा क्या है।.
By विकास सिंह. Jul 25, 2019 #हिंदी निबंध. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, short essay on apj abdul kalam in hindi (100 शब्द) एपीजे अब्दुल कलाम को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाता है। वह मिसाइल मैन ऑफ इंडिया और पीपल्स पीपल्स प्रेसिडेंट के रूप में भारतीय लोगों के दिल में रहते हैं। दरअसल वे एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने कई नए आविष्कार किए।.
Short Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में. डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद - डॉ.
Essay On APJ Abdul Kalam In Hindi. हम सभी भारत के नागरिक कहलाए जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत का प्रथम नागरिक कौन कहलाता है?
Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi (Download PDF) | ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध - एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था, वह भारत के राष्ट्रपति थे। भारत के राष्ट्रपति के साथ एक व्यापक रूप से ज्ञात वैज्ञानिक थे। वह एक इंजीनियर थे और इसके अलावा इंजीनियरिंग के बाद वैज्ञानिक जीवन में आगे बढ़े।.
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध - Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi 500 Words. प्रस्तावना. देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं 'अग्नि' मिसाइल को उड़ान देने वाले भारत के प्रख्यात और मशहूर वैज्ञानिक डॉ.
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय. नीरज. Updated on. अक्टूबर 13, 2023. 1 minute read.
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम है और उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। वह भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे और वह 2002 से 2007 तक इस पद पर कार्यरत रहें। उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था और वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी कुशल थे। उन्होंने पहले फिजिक्स की पढ़ाई की और फिर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग क...
APJ Abdul Kalam essay in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में। Read Long and Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi.
Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi : एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को पूर्व मद्रास राज्य के द्वीप शहर रामेश्वरम में एक मध्यम-वर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन के पास ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं थी, लेकिन उनके पास महान ज्ञान का मोती था।.
Dr. APJ Abdul Kalam is a famous name in the whole world. He is counted among the greatest scientists of the 21st century. Even more, he becomes the 11th president of India and served his country. In this APJ Abdul Kalam Essay, we have discusses his life in brief and simple words.