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Stephen Hawking Biography in Hindi: विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय
- Updated on
- जनवरी 4, 2024
मशहूर व महान वैज्ञानिकों में से एक स्टीफन हॉकिंग किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है। उन्होंने अपनी काबिलियत के बल पर दुनिया को अपने ऊपर गर्व करने के कई बार अवसर दिए हैं। अपनी शारीरिक परेशानियों के बावजूद उन्होंने ऐसे काम किेए, जिसकी लोग बस कल्पना ही कर सकते हैं। उनकी कई खोज ऐसी की जो नामुमकिन सी लगती थी। आइए, ले चलते हैं आपको इनके जीवन सफ़र की ओर। जानिए Stephen Hawking Biography in Hindi में उनके बारे में।
The Blog Includes:
जीवन की सफल शुरुआत (stephen hawking biography in hindi ), शिक्षा में बनाया कीर्तिमान, कैसे बिगड़ी थी सेहत, स्टीफन हॉकिंग का बेमिसाल करियर, स्टीफन हॉकिंग की महत्वपूर्ण खोजें, stephen hawking in hindi के पुरस्कार और सम्मान, स्टीफन हॉकिंग का निजी जीवन, स्टीफन हॉकिंग द्वारा लिखीं पुस्तकें, द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग, स्टीफन हॉकिंग के अद्भुत विचार.
Stephen Hawking Biography in Hindi में स्टीफन हॉकिंग का जन्म इंग्लैंड में 8 जनवरी 1942 में हुआ था। हॉकिंग ने जब जन्म लिया था, स्टीफन के पिता एक चिकित्सा शोधकर्ता थे, उनका नाम फ्रेंक था। वहीं इनकी माता का नाम इसोबेल था और जो चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में एक सचिव थीं। हॉकिंग के पिता के 3 बच्चे और थे. स्टीफन हॉकिंग एक संपन्न परिवार से थे।
स्टीफन जब आठ वर्ष के थे तब उनके परिवार वाले सेंट अल्बान में आकर रहने लगे और यहां के ही एक स्कूल में स्टीफन का दाखिला करवा दिया गया। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद स्टीफन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और यहां पर इन्होंने भौतिकी (Physics) विषय पर अध्ययन किया। कहा जाता है कि स्टीफन को गणित में रुचि थी और वो इसी विषय में अपनी पढ़ाई करना चाहते थे। लेकिन उस वक्त ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में गणित नहीं था. बाद में उन्होंने फिजिक्स को चुना।
फिजिक्स में प्रथम श्रेणी में डिग्री हासिल करने बाद इन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी आगे की पढ़ाई की। साल 1962 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में डिपार्टमेंट ऑफ एप्लाइड मैथेमैटिक्स एंड थ्योरिटिकल फिजिकल (डीएएमटीपी) में इन्होंने ब्रह्माण्ड विज्ञान पर रिसर्च किया। Stephen Hawking Biography in Hindi में शिक्षा के बल पर ही स्टीफन हॉकिंग ने इतनी ख्याति प्राप्त की।
1963 में 21 वर्षीय स्टीफन हॉकिंग की सेहत बिगड़ने लगी थी। स्टीफन की बिगड़ती हालत देख उनके पिता उन्हें अस्पताल ले गए जहां पर उनकी जांच की गई और जांच में पाया गया कि स्टीफन को एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (amyotrophic lateral sclerosis (ALS) नामक बीमारी है। इस बीमारी के कारण शरीर के हिस्से धीरे-धीरे कार्य करना बंद कर देते हैं और इस बीमारी का कोई भी इलाज नहीं है। उस वक्त स्टीफन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन उन्होंने अपनी इस बीमारी को अपने सपनों के बीच नहीं आने दिया। बीमार होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई को पूरा किया और 1965 में उन्होंने अपनी पीएचडी की डिग्री हासिल की। पीएचडी में इनके थीसिस का शीर्षक ‘प्रॉपर्टीज ऑफ एक्सपांडिंग यूनिवर्स‘ था।
कैंब्रिज से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी हॉकिंग इस कॉलेज से जुड़े रहे और इन्होंने एक शोधकर्ता के रूप में यहां कार्य किया। जानिए, Stephen Hawking Biography in Hindi में कैसा रहा उनका करियर।
- 1972 में डीएएमटीपी में बतौर एक सहायक शोधकर्ता अपनी सेवाएं दी और इसी दौरान इन्होंने अपनी पहली अकादमिक पुस्तक, ‘द लाज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ स्पेस-टाइम’ लिखी थी।
- 1974 में इन्हें रॉयल सोसायटी (फैलोशिप) में शामिल किया गया।
- 1975 में डीएएमटीपी में बतौर गुरुत्वाकर्षण भौतिकी रीडर के तौर पर भी कार्य किया।
- 1977 में गुरुत्वाकर्षण भौतिकी के प्रोफेसर के रूप में भी यहां पर अपनी सेवाएं दी। 1979 में इन्हें कैम्ब्रिज में गणित के लुकासियन प्रोफेसर (Lucasian Professor) नियुक्त किया गया था, जो कि दुनिया में सबसे प्रसिद्ध अकादमी पद है और इस पद पर इन्होंने साल 2006 तक कार्य किया।
Stephen Hawking Biography in Hindi में उनके द्वारा 6 महत्वपूर्ण खोजें की गयी है जो इस प्रकार है-
सिंगुलैरिटी का सिद्धांत (Theory of Singularity) – 1970
आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत भी सिंगुलैरिटी के बारे में बताते हैं। उनका सिद्धांत यह है कि टाइम और स्पेस में किसी भी भारी पिंड की वजह से जो झोल पड़ जाता है, वही गुरुत्वाकर्षण है। फिर हॉकिंग को शोध के दौरान पता चला कि बिग-बैंग दरअसल ब्लैक होल का उलटा पतन ही है। उन्होंने पेनरोज़ के साथ मिलकर 1970 में एक शोधपत्र प्रकाशित किया और दर्शाया कि सामान्य सापेक्षता का अर्थ ये है कि ब्रह्मांड ब्लैक होल के केंद्र (सिंगुलैरिटी) से ही शुरु हुआ होगा।
ब्लैक होल का सिद्धांत – 1971-74
- पहले सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल का कुल सतह क्षेत्र कभी भी छोटा नहीं होगा। इसे Hawking area theorem के रूप में भी जाना जाता है।
- एक अन्य सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल गर्म होता है। लेकिन यह शास्त्रीय भौतिकी का एक विरोधाभास है जिसमें कहा गया है कि ब्लैक होल से गर्मी का विकीर्ण नहीं होता हैं।
- एक और ब्लैक होल का सिद्धांत है “no hair” theorem। जिसमें कहा गया है कि ब्लैक होल में विशेषताएं हो सकती है; उनका द्रव्यमान (mass), कोणीय गति (angular momentum) और चार्ज (charge)।
- ब्लैक होल विकिरण का उत्सर्जन करता है, जो तब तक जारी रख सकते हैं जब तक कि वे अपनी ऊर्जा को समाप्त नहीं करते और वाष्पन करते हैं। इसे हॉकिंग विकिरण भी कहा जाता है।
- जनवरी 1971 में, उन्होंने “ब्लैक होल्स” नामक अपने निबंध के लिए प्रतिष्ठित ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन पुरस्कार जीता था।
कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी – 1982
यह सिद्धांत साल 1980 में एलन गुथ (Alan Guth) द्वारा दिया गया था और वह था कि भौतिक कोस्मोलोजी में, कॉस्मिक इन्फ्लेशन वह सिद्धांत है जिसमें ब्रह्मांड महाविस्फोट के बाद शीघ्र ही फैल जाता है। इसके अलावा, हॉकिंग पहले वैज्ञानिक है जिन्होंने क्वांटम में उतार-चढ़ाव (quantum fluctuations) की गणना की है।
4. यूनिवर्स का वेव फ़ंक्शन पर मॉडल – 1983
स्टीफन हॉकिंग गुरुत्वाकर्षण के एक क्वांटम थ्योरी की स्थापना में रुचि रखते थे लेकिन जेम्स हार्टले (James Hartle) के साथ उन्होंने 1983 में हार्टले-हॉकिंग स्टेट (Hartle-Hawking state) मॉडल प्रकाशित किया था। यह सिद्धांत कहता है कि समय महाविस्फोट (Big Bang) से पहले मौजूद नहीं था और इसलिए ब्रह्मांड की शुरुआत की अवधारणा अर्थहीन है। ब्रह्मांड में समय या स्थान मंं कोई प्रारंभिक सीमा नहीं होती है।
5. स्टीफन हॉकिंग की ब्रह्मांड विज्ञान पर आधारित टॉप-डाउन थ्योरी – 2006
थॉमस हर्टोग (Thomas Hertog) के साथ उन्होंने 2006 में एक सिद्धांत “top-down cosmology” को प्रस्तावित किया जिसमें कहा गया है कि ब्रह्मांड में एक अनूठी प्रारंभिक अवस्था नहीं थी, लेकिन कई संभावित प्रारंभिक स्थितियों की अतिपवित्रता शामिल थी। हॉकिंग का कहना है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है इसलिए वह नई रचनाएँ कर सकता है उसके लिए उसे ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता नहीं है।
स्टीफन हॉकिंग के पास 13 डिग्रियां थीं। Stephen Hawking Biography in Hindi में जानते हैं उन्हें प्राप्त पुरस्कार और सम्मान।
- 1966 में स्टीफन हॉकिंग को एडम्स पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद इन्होंने 1975 में एडिंगटन पदक और 1976 में मैक्सवेल मेडल एंड प्राइज मिला था।
- हेइनीमान पुरस्कार (Heineman Prize) हॉकिंग को 1976 में मिला था। इस पुरस्कार को पाने के बाद इन्हें 1978 में अल्बर्ट आइंस्टीन मेडल भी मिला था।
- 1985 में हॉकिंग को आरएएस गोल्ड मेडल और 1987 डिराक मेडल ऑफ द इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल भी दिया गया था। इसके बाद 1988 में इस महान वैज्ञानिक को वुल्फ पुरस्कार भी दिया गया था।
- 1989 में प्रिंस ऑफ अस्टुरियस अवार्ड भी हॉकिंग ने अपने नाम किया था। इस अवार्ड को मिलने के कुछ समय बाद इन्होंने एंड्रयू जेमेंट अवार्ड (1998), नायलोर पुरस्कार और लेक्चरशिप (1999) भी दिया गया था।
- 1999 में जो अगला पुरस्कार इन्हें मिला था उसका नाम लिलाइनफेल्ड पुरस्कार (Lilienfeld Prize) था और रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट की तरफ से इसी साल इन्हें अल्बर्ट मेडल भी दिया गया था।
- ऊपर बताए गए अवार्ड के अलावा इन्होंने कोप्ले मेडल (2006), प्रेसिडेंटियल मेडल ऑफ फ्रीडम (2009), फंडामेंटल फिजिक्स प्राइज (2012) और बीबीवीए फाउंडेशन फ्रंटियर्स ऑफ नॉलेज अवार्ड (2015) भी दिया गया हैं।
1965 में हॉकिंग ने जेन वाइल्ड से शादी कर ली थी। जेन और हॉंकिग के कुल तीन बच्चे थे और इनके नाम रॉबर्ट, लुसी और तीमुथियस है। 1995 में हॉकिंग ने दूसरी शादी इलेन मेसन से की थी।
स्टीफन हॉकिंग ने कई किताबें लिखी थीं और उनकी ये किताब अंतरिक्ष के विषय में ही लिखी गई थीं। Stephen Hawking Biography in Hindi में हम जानेंगे उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों के बारे में।
- ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’– हॉकिंग द्वारा लिखी गई सबसे पहली किताब थी. यह बिग बैंग और ब्लैक होल के विषय पर आधारित थी और 1988 में प्रकाशित हुई ये किताब 40 भाषाओं में उपलब्ध है।
- ‘द यूनिवर्स इन ए नटशेल’ – यह 2001 में प्रकाशित की गई थी और हॉकिंग द्वारा लिखी गई इस किताब को 2002 में एवेंटिस प्राइस ऑफ साइंस बुक्स मिला था।
- “द ग्रैंड डिज़ाइन”- यह 2010 में प्रकाशित हुई थी और इस किताब में भी अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारी दी गई थी. ये काफी सफल किताब साबित हुई थी।
- ‘ब्लैक होल और बेबी यूनिवर्स’ – यह 1993 में आई थी और इस पुस्तक में हॉकिंग द्वारा ब्लैक होल से संबंधित लिखे गए निबंधों और व्याख्यानों का जिक्र था।
- 2011 में हॉकिंग ने बच्चों के लिए ”जॉर्ज और द बिग बैंग” लिखी थी।
2014 में हॉकिंग पर एक मूवी बनाई गई थी, जिसका नाम नाम “द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग’। इस फिल्म में उनकी जिंदगी के संघर्ष को दिखाया गया था और बताया गया था कि किस तरह से इन्होंने अपने सपनों के पूरा किया था। इसे हॉलीवुड के डायरेक्टर जेम्स मार्श ने डायरेक्ट किया था।
स्टीफन हॉकिंग का निधन 14 मार्च 2018 को 76 वर्ष की आयु में हुआ था।
Stephen Hawking Biography in Hindi में हम जानेंगे हॉकिंग के वो महत्वपूर्ण विचार जो आपको ज़िन्दगी जीने का एक नया ढंग देंगे।
- “ऊपर सितारों की तरफ देखो अपने पैरों के नीचे नहीं। जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो और आश्चर्य करो कि क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाए हुए है। उत्सुक रहो।”
- “चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।”
- “मैंने देखा है वो लोग भी जो ये कहते हैं कि सब कुछ पहले से तय है, और हम उसे बदलने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते, वे भी सड़क पार करने से पहले देखते हैं।”
- “बुद्धिमत्ता बदलाव के अनुरूप ढलने की क्षमता है।”
- “विज्ञान केवल तर्क का अनुयायी नहीं है, बल्कि रोमांस और जूनून का भी।”
- “यदि आप हमेशा गुस्सा या शिकायत करते हैं तो लोगों के पास आपके लिए समय नहीं रहेगा।”
- “अतीत, भविष्य की तरह ही अनिश्चित है और केवल सम्भावनों के एक स्पेक्ट्रम के रूप में मौजूद है।”
साल 2001 की जनवरी में स्टीफन हॉकिंग भारत आए थे और यह 16 दिन का दौरा था। इस दौरे से लौटने के बाद उन्होंने अपनी भारत यात्रा को शानदार बताया था।
स्टीफन हॉकिंग को मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी थी। इस बीमारी में मनुष्य का नर्वस सिस्टम धीरे-धीरे खत्म हो जाता है और शरीर के मूवमेंट करने और कम्युनिकेशन पावर समाप्त हो जाती है।
स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल की भौतिकी पर काम किया था। उन्होंने प्रस्तावित किया कि ब्लैक होल उप-परमाणु कणों का उत्सर्जन करेंगे जब तक कि वे अंततः विस्फोट न करें। उन्होंने सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबें भी लिखीं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम: फ्रॉम द बिग बैंग टू ब्लैक होल्स (1988) थी।
स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड में फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग दंपत्ति के घर में हुआ था।
उनकी पत्नी का नाम जेन विल्डे था।
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देवांग मैत्रे
स्टडी अब्रॉड फील्ड के हिंदी एडिटर देवांग मैत्रे को कंटेंट और एडिटिंग में आधिकारिक तौर पर 6 वर्षों से ऊपर का अनुभव है। वह पूर्व में पोलिटिकल एडिटर-रणनीतिकार, एसोसिएट प्रोड्यूसर और कंटेंट राइटर रह चुके हैं। पत्रकारिता से अलग इन्हें अन्य क्षेत्रों में भी काम करने का अनुभव है। देवांग को काम से अलग आप नियो-नोयर फिल्म्स, सीरीज व ट्विटर पर गंभीर चिंतन करते हुए ढूंढ सकते हैं।
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Kaphi full jankari best……
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बहुत अच्छा लेख है जिससे हम सभी एक महान वैज्ञानिक के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। आपको धन्यवाद।।
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स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen hawking biography in hindi
- Post author: HariOm
- Post published: March 20, 2021
- Post category: Hindi Biographies
नमस्कार दोस्तों, जैसे कि आपको टाइटल से पता चल गया होगा कि इस लेख में आप महान एवं अदभुत वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen hawking biography in hindi के बारे में पढने जा रहे हैं। इसके अलावा हमारे द्वारा इस लेख में सर स्टीफन से जुडी सभी प्रकार की छोटी-बड़ी जानकारी दी गई है। हम उम्मीद करते हैं कि आप इस लेख को अंत तक पढ़कर सर स्टीफन हॉकिंग से जुडी सभी प्रकार की जरूरी जानकारी को जरूर पढेंगें।
बता दें कि सर स्टीफन का एक समय पर शरीर का कोई भी बाहरी हिस्सा काम नहीं करता था। जिस कारण वह चल और बोल नहीं सकते थे और शारीरिक रूप से आम इंसानों की तरह काम नहीं कर सकते थे लेकिन फिर भी वह जीना चाहते थे। यानिकी पूर्ण-रूप से विकलांग होने के बावजूद स्टीफन हॉकिंग (Stephen hawking in hindi) ने साबित कर दिया कि यदि इंसान की ख़ुद पर पूर्ण-विश्वास और इच्छा-शक्ति हो तो वह कुछ भी कर सकता है। इसी विकलांगता के साथ हॉकिंग ने अपने जीवन-काल में ब्रहमांड के कई अकल्पनीय रहस्यों से परदा उठाया।
बेजान शरीर लिए व्हीलचेयर पर बैठे सर हॉकिंग ने कहा था – “मुझे मौत से कोई डर नहीं लगता लेकिन मुझे मरने की भी कोई जल्दी नहीं है क्योंकि मरने से पहले ज़िन्दगी में मुझे बहुत कुछ करना बाकी है । ”
स्टीफन हॉकिंग का शुरूआती जीवन – Stephen hawking early life in hindi
स्टीफन विलियम हॉकिंग के शुरूआती जीवन की बात करें तो स्टीफन का जन्म 8 जनवरी, 1942 को यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के ऑक्सफ़ोर्ड शहर में हुआ था। इनके जन्म के दौरान दूसरा विश्व-युद्ध चल रहा था; इसी कारण इनके माता-पिता को हाईगेट (Highgate) शहर से ऑक्सफ़ोर्ड मे जाकर बस गए थे।
इनके पिता का नाम फ्रैंक हॉकिंग (Frank Howking) जोकि एक डॉक्टर थे और माँ इसोबेल एलीन हॉकिंग (Isobel Eileen Hawking) जोकि एक गृहणी थीं। इनके अलावा स्टीफन के तीन भाई-बहन और थे।
हॉकिंग जब ‘ कैम्ब्रिज़ विश्वविधालय’ में डोक्टरेट की पढाई कर रहे तो विश्वविधालय के एक प्रोग्राम के दौरान उनकी मुलाकात जेन वाइल्ड (Jane Wilde) से हुई। जेन एक साहित्य (Literature) की छात्रा थी जबकि हॉकिंग ‘ ख़गोल भौतिकी’ (Astrophysics) के छात्र थे।
इसके अलावा इन दोनों की भगवान (ईश्वर) प्रति बिलकुल अलग-अलग राय थी। जिसमे जेन भगवान में विश्वास करती थी तो वहीँ स्टीफन का भगवान में बिलकुल भी विश्वास नहीं था। इसके बाबजूद भी दोनों में दोस्ती हो गई और बाद में प्रेम भी हो गया।
कॉलेज के दौरान एक दिन जब स्टीफन को अपने शरीर में शून्यता महसूस हुई और वह कॉलेज में ही बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया; उस दौरान स्टीफन को पता चला कि उन्हें ‘ मोटर न्यूरोन’ नामक ला-इलाज बीमारी है। जिसके कारण आने वाले समय में उनके शरीर की माशपेशियों का का नियंत्रण उनके कण्ट्रोल से बाहर हो जायेगा।
बता दें कि इस बीमारी का पता चलने के बाद स्टीफन ने जेन से अलग होने के फैसला कर लिया था लेकिन जेन स्टीफन से बहुत प्यार करती थी। और जब जेन को स्टीफन की बीमारी के बारे में पता चला तो जेन जोकि स्टीफन से बहुत प्यार करती थीं, इसीलिए उन्होंने स्टीफन से शादी करने का फैसला कर लिया।
इसके बाद इन दोनों ने 14 जुलाई, 1965 को शादी कर ली। शादी के कुछ समय बाद इन दोनों के एक बेटा हुआ; जिसका नाम इन्होंने रोबर्ट हॉकिंग (Robert Hawking) रखा था। इसी दौरान स्टीफन डोक्टरेट के लिए अपनी थीसिस (Thesis) पर काम करते रहे और उन्होंने सफ़लतापूर्वक अपनी डोक्टरेट की उपाधि हाशिल कर ली।
लेकिन स्टीफन का शरीर बीमारी के कारण कमज़ोर होता चला गया। इसके कुछ समय बाद उन्होंने चलने की ताक़त भी खो दी, जिसके बाद जेन स्टीफन के लिए एक व्हीलचेयर ले आयीं; जिससे कि उन्हें चलने-फिरने में आसानी हो सके।
समय बीतता रहा और स्टीफन के दूसरे बच्चे के रूप एक बेटी पैदा हुई; जिसका नाम उन्होंने लूसी हॉकिंग (Lucy Hawking) रखा था। लेकिन धीमे-धीमे स्टीफन का शरीर साथ छोड़ता चला गया।
बता दें कि जेन वाइल्ड डॉ. स्टीफन और अपने बच्चों के साथ बहुत व्यस्त हो गईं थीं। जिस कारण जेन को अपनी डोक्टरेट के लिए थीसिस पूरी करने का बिलकुल भी समय नहीं मिलता था।
इसी दौरान जेन की मुलाक़ात जोनाथन (Jonathan) से हुई जोकि एक म्यूजिक टीचर थे। जिसके बाद जोनाथन स्टीफन के घर आकर उनके बच्चों को पियानो (Piano) सिखाने लगे और स्टीफन के परिवार की भी मदद करने लगे।
जोनाथन का डॉ. स्टीफन के परिवार के साथ काफी समय गुजारने के बाद वह जेन के बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। इसके कुछ समय के बाद जेन के तीसरे बेटे टिमोथी हॉकिंग (Timothy Hawking) का जन्म हुआ। टिमोथी के जन्म के बाद लोग कहने लगे कि यह स्टीफन हॉकिंग का नहीं वल्कि जोनाथन का बेटा है। लेकिन जेन के मुताबिक यह तीसरा बेटा डॉ. स्टीफन का ही बेटा था।
इसके बाद स्टीफन अपने सौध कार्यों में लगातार व्यस्त रहे लेकिन एक बार डॉ. स्टीफन बहुत बीमार (निमोनिया) हो गए। जिसके बाद उन्हें की बहुत गंभीर परिस्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया। हॉकिंग की स्थिति में सुधार के लिए उनकी पत्नी (जेन) के कहने पर डॉक्टर्स ने स्टीफन के गले में छेद कर दिया। जिसके बाद डॉ. स्टीफन ने बोलने और मुँह से भोजन करने की क्षमता को खो दिया था।
कुछ समय बाद डॉ स्टीफन की पत्नी जेन बहुत व्यस्त होने लगी। इसी कारण स्टीफन हॉकिंग की देख-रेख के लिए एक नर्स को नियुक्त किया गया; जिसका नाम एलेन मेसन (Elaine Mason) था और वह हर समय स्टीफन के साथ रहती थी। नर्स एलेन डॉ. स्टीफन को स्पेल्लिंग बोर्ड की सहायता से बोलने में मदद करती थी और इन दोनों के एक दूसरे के साथ बहुत अधिक समय गुजारने के बाद यह दोनों बहुत जल्द घुल-मिल गए थे।
स्पेल्लिंग बोर्ड के बाद जल्द ही डॉ. स्टीफन के लिए वॉइस सिंथेसाइजर का प्रबंध कर दिया गया। जिसकी सहायता से स्टीफन अपने हाथ में मौजूद रिमोट से स्क्रीन पर टाइप कर सकते थे , जिससे कि वह टेक्स्ट को रोबोटिक फॉर्म कि वॉइस में बदल देता था। जिससे कि लोग स्टीफन को सुन सकते थे।
जिसके बाद स्टीफन ने एक किताब (A Brief history of time) लिखी जोकि अंतराष्ट्रीय लेवल पर बेस्ट सेलर रही थी।
इस किताब की सफलता के बाद ‘सयुंक्त राज्य अमेरिका’ ने स्टीफन को पुरुष्कार के लिए अपने देश बलाया। जिसके बाद स्टीफन ने यह बात अपनी पत्नी को बताई और साथ में उन्होंने यह भी बताया कि वह अपनी नर्स एलेन को भी अमेरिका ले जाना चाहते हैं। जिसके बाद जेन को लगा कि मेरा और स्टीफन के बीच पति-पत्नी का रिश्ता पहले जैसा नहीं रहा मतलब जेन समझ गईं कि अब हमारी शादी नाम-मात्र की ही रह गई है।
इस घटना के बाद दोनों दुखी हुए क्योंकि उन दोनों को भी मालूम था कि अब यही सच है और कुछ दिनों के बाद दोनों ने तलाक लेने का फैसला कर लिया था।
इसके बाद जेन ने जोनाथन से शादी कर ली और अपनी डोक्टरेट भी पूरी कर ली, वहीं डॉ. स्टीफन ने अपनी नर्स एलेन से शादी कर ली थी। बता दें कि तलाक के बाद भी जेन और उनके बच्चे डॉ. स्टीफन से जुड़े रहे थे।
स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा – Stephen hawking education in hindi
हॉकिंग (Stephen Hawking) ने शुरूआती पढाई सेंट अलबन्स स्कूल से की थी। स्टीफन ने अपने कई इंटरव्यू में माना था कि वह शुरूआती पढाई में एक कमजोर छात्र थे और वह 8 साल की उम्र तक पढना भी नहीं सीख पाए थे और यूनिवर्सिटी में जाने तक वह एक आलसी छात्र थे।
लेकिन एक आलसी छात्र होने के बाबजूद भी स्टीफन को स्कूली दिनों में अलबर्ट आइंस्टीन कहा जाता था क्योंकि वह स्पेस-टाइम और यूनिवर्स के बारे बचपन से ही ग़जब की जानकारी रखने लग गए थे।
स्कूलिंग ख़तम करने के बाद स्टीफन ने स्कॉलर से दाखिला लेकर यूनिवर्सिटी कॉलेज (ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय) में भौतिकी में ग्रेजुएशन पूरा किया।
इसके बाद स्टीफन डॉक्टरेट (Ph.D.) के लिए ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज़ में आ गए। जहाँ इन्हें पहली बार अपनी ALS मतलब ‘ एम्योट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस’ बीमारी के लक्षण दिखे। लेकिन इन्होने इस बीमारी को दर-किनार कर 1966 में भौतिकी में डोक्टरेट (पीएचडी) पूरी कर ली।
आपको बता दें कि अपने पढाई पूरी करने तक स्टीफन हॉकिंग अन्य छात्रों की तरह ही जानकारी रखते थे न कि वह वैज्ञानिक तौर पर जानकारी रखते थे। लेकिन इस बीमारी के बारे में पता चलने के बाद इनके परिवार और पत्नी के सहयोग (सपोर्ट) के कारण इन्होने अपना समय पूरी तरह से पढाई को समर्पित कर दिया।
स्टीफन की इसी महनत के कारण आज इन्हें पूरी दुनिया इनकी अदभुत खोजों और वैज्ञानिक तौर पर महत्वपूर्ण योगदान के कारण महान वैज्ञानिक के रूप में जानती है।
स्टीफन हॉकिंग की खोजें – Stephen hawking invention in hindi
महान वैज्ञानिक एवं कोस्मोलोजिस्ट स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) ने अपने जीवन-काल में कई खोजें की। जिसमे कि बिग-बेंग थ्योरी की खोज जो बताती है कि हमारे ब्रह्माण्ड (ग्रहों, सोरमंडल और आकाश-गंगा) का जन्म कैसे हुआ था? मतलब इन्होने बिग-बेंग सिद्धात के द्वारा यह बताया था कि समय (Time) कैसे शुरू हुआ था?
इसके अलावा इन्होने दुनिया को ब्लैक हॉल जैसी सम्भावना से वाकिफ़ कराया और गणना कर सिद्ध भी किया कि ब्लैक-हॉल का सिद्धांत एग्जिस्ट (मौजूद) करता है। जिसमे स्टीफन ने ब्लैक हॉल को क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics) के द्वारा अध्यन किया और इसी कारण इन्होने ‘हॉकिंग रेडिएशन प्रक्रिया’ की भी ख़ोज की। इनके अलावा इन्होने दुनिया को समय यात्रा (Time Travel) करने का विचार और कई अन्य खोजें और सिद्दांत दिए।
स्टीफन हॉकिंग की किताबें – Stephen hawking hindi book
सर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) ने अपने जीवन-काल में कई किताबें लिखीं, लेकिन सबसे ज्यादा ख्याति उन्हें अपनी पहली किताब ‘ ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम (A Brief History of Time from The Big Bang to Black holes)’ से मिली। जोकि इन्होंने 1988 में प्रकाशित की; जिसमे हॉकिंग ने विज्ञान के प्रति अपने विचार बहुत ही सरलता से रखे थे। इस किताब ने विज्ञान की दुनिया में तहलका मचा दिया था क्योंकि इससे पहले किसी भी वैज्ञानिक ने विज्ञान को इस लेवल पर आज तक नहीं समझाया था।
यह किताब अपने समय की बेस्ट सेलर रही थी और इसने कई सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। इस किताब की आज तक तकरीबन 10 करोड़ कॉपीज बेकी जा चुकी हैं।
इस किताब के प्रकाशित होने के बाद डॉ हॉकिंग ने कहा था कि मेरा हमेशा से सपना था कि मैं विज्ञान पर ऐसी किताब लिखूं; जिसे आम लोग भी बहुत ही आसानी से समझ सकें।
‘ ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम किताब के प्रकाशित होने के बाद स्टीफन ने कहा था कि इस किताब के पब्लिश होने के बाद मेरा वर्षों पुराना सपना पूरा हो गया।
बता दें कि स्टीफन ने यह किताब अपने पूरी तरह से अपंग होने के बाद लिखी थी। यह किताब कोस्मोलोजी पर आधारित है; जिसमे उन्होंने समय की शुरुआत कहाँ से हुई ? बिग-बेंग थ्योरी और ब्लैक-हॉल जैसे विषयों को समझाया है।
इसके अलावा स्टीफन हॉकिंग की कुछ मशहूर किताबों की बात करें तो इसमें –
- ब्लैक होल्स एंड बेबी उनिवेर्सेस एंड अदर एसेज – 1993
- द यूनिवर्स इन ए नटशैल – 2001
- ऑन द शोल्डर ऑफ़ जाईन्ट्स – 2002
- गॉड क्रिएटेड द इन्टेज़र्स – 2005
- माय ब्रीफ हिस्ट्री – 2013
- ब्रीफ आंसर टू द बिग क्वेशन्स – 2018
स्टीफन हॉकिंग को कौन सी बीमारी थी – Stephen hawking disease in hindi
महान वैज्ञानिक सर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) जिन्होंने ब्रहमांड के रहस्यों को समझने में दुनिया की बहुत मदद की थी। जिनका जीवन एक आम इंसान की तरह तो बिलकुल भी नहीं रहा क्योंकि वह 21 वर्ष की आयु मे मोटर न्यूरोन (Motor neurone) या ALS मतलब A myotrophic L ateral S clerosis नामक ला-इलाज बीमारी से पीड़ित हो गए थे।
इस बीमारी के बारे में पता चलने के बाद डॉक्टर्स ने स्टीफन के परिवार को बताया था कि स्टीफन लगभग 2 से 3 वर्ष ही जीवित रह सकते हैं। लेकिन इस बीमारी से डरने के बजाय स्टीफन ब्रहमांड को समझने के लिए अपनी पढाई और सौध-कार्यों में जुट गए।
बता दें कि इस बीमारी से पीड़ित रोगी का उसकी माशपेशियों से नियंत्रण छूटने लगता है और धीरे-धीरे वह अपंग हो जाता है और अंततः उसकी म्रत्यु हो जाती है।
लेकिन स्टीफन ने अपनी द्रढ इच्छा-शक्ति से डॉक्टर्स को गलत साबित कर दिया और इस बीमारी के पता चलने के बाद वह 50 साल से भी ज्यादा जीवित रहे। हालांकि धीरे-धीरे वह इस बीमारी के कारण पूरी तरह से अपंग हो गए लेकिन उनका दिमाग एक आम इन्सान से कई गुना ज्यादा ताक़तवर बना रहा।
जब हॉकिंग (Stephen Hawking) का शरीर इस बीमारी के कारण (एक गले की सर्जरी) पूरी तरह से विकलांग हो गया था तब वह न बोल सकते थे और न ही लिख सकते थे। इसके बाबजूद उन्होंने कई किताबे लिखीं, वैज्ञानिक खोजें की और दुनियाभर में लोगों को संबोधित किया । यह सभी चीजें इन्होंने स्पीच सिंथेसाइज़र की मदद से की क्योंकि स्पीच सिंथेसाइज़र उनकी स्पीच जेनेरेटिंग डिवाइस था। जिसकी मदद से वह अपनी गाल की माशपेशियों के कंपन्न के द्वारा शब्दों को टाइप करते थे। इस तकनीक में अधिक विकास होने के कारण वह लोगों से बात भी कर पाते थे।
स्टीफन हॉकिंग की मूवी – Stephen hawking hindi movie
सर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) की मूवी की बात करें तो इनके जीवन पर आधारित 2015 में ‘ द थ्योरी ऑफ़ एवरीथिंग (The Theory of Everything)’ मूवी बनी थी। डॉ. स्टीफन के जीवन पर आधारित यह मूवी लोगों के बीच काफ़ी सफल रही क्योंकि दुनियाभर के लोगों को इस मूवी के माध्यम से हॉकिंग के जीवन को समझने का मौका मिला था।
स्टीफन हॉकिंग की म्रत्यु कब हुई – Stephen hawking death in hindi
स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) के चलने-फिरने में असमर्थ होने के बाबजूद भी उन्होंने दुनियाभर का भ्रमण किया और लोगों को संबोधित किया । दुनियाभर में मशहूर कोस्मोलिस्ट और भौतिक-शास्त्री और एक वैज्ञानिक सर स्टीफन हॉकिंग का 14 मार्च, 2018 सुबह को 76 वर्ष की आयु मे कैंब्रिग (Cambridge), यूनाइटेड किंगडम में निधन हो गया।
विज्ञान के क्षेत्र में अधिक योगदान देने वाले महान वैज्ञानिक सर स्टीफन विलियम हॉकिंग को दुनिया कभी नहीं भूल पाएगी और वह आज भी वैज्ञानिक-जगत में अमर हैं।
स्टीफन हॉकिंग के द्वारा की गईं भयानक भविष्यवाणियाँ
विज्ञान जगत में महान योगदान देने वाले डॉ. स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणियों की बात करें तो यह एक दम सच लगती हैं और इस सच को झुटलाना बहुत मुश्किल है।
डॉ. स्टीफन (Dr. Stephen Hawking) का जीवन अन्य लोगों से जुड़ने के लिए पूरी तरह से टेक्नोलॉजी और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर निर्भर था। जिसमे स्टीफन की व्हीलचेयर पूरी तरह से आधुनिक थी। इसके बाबजूद भी स्टीफन ने कहा कि अत्यधिक तकनीक और AI (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) एक दिन मानव-जाति का अंत का कारण बन सकती है।
अपनी भविष्यवाणियों में सर स्टीफन हॉकिंग ने कहा था –
- हॉकिंग इस बात से पूरी तरह सहमत थे कि प्रथ्वी से दूर दूसरे ग्रहों और अनंत ब्रहमांड में अनैकों जीव (एलियन) हो सकते हैं। जिसमें उन्होंने यह भी कहा था कि हमें एलियन से संपर्क करने की कोशिश बिलकुल भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह प्रथ्वी-वासियों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
- हॉकिंग ने दुनिया के अंत के बारे में बात करते हुए कहा था कि दुनिया का अंत जलवायु-परिवर्तन , बढती जनसँख्या , परमाणु युद्ध और AI मतलब आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसे कारणों से होगा।
- हॉकिंग ने भविष्यवाणी करी थी कि प्रथ्वी का अंत आपस में हुए परमाणु युद्दों के द्वारा भी हो सकता है।
- हॉकिंग ने कहा था कि भविष्य में प्रथ्वी पर AI या आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (रोबोट्स) का कब्ज़ा होगा। और यदि यह हुआ तो मानव AI से कभी नहीं जीत सकता है। क्योंकि वह कहते थे कि मानव द्वारा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का बहुत अधिक विकास करने के बाद AI ख़ुद को बेहतर बनाने में लग जाएगी। इसके बाद यह इंसानों के साथ ठीक वही व्यवहार करेगी जोकि आज हम खुद से कम बुद्धि वालों (जानवर, मशीन आदि) के साथ करते हैं।
- हॉकिंग के मुताबिक 600 वर्षों के अंतराल में प्रथ्वी का तापमान बहुत अधिक बढ जाएगा और प्रथ्वी पर अम्लीय वर्षा होगी। जिसके बाद प्रथ्वी जीवन जीने योग्य नहीं रह जाएगी। जिस कारण मजबूरन मावन-बस्ती को किसी अन्य गृह पर जाकर बसना ही होगा और इसी कारण हमें दूसरे ग्रहों पर बसने की तैयारी अभी से कर देनी चाहिए।
इन भयंकर जलवायुवीय-परिवर्तन से लेकर एलियन-आक्रमण तक सभी बाते सच लगती हैं। बता दें कि समय के साथ इन सभी बातों पर मानव द्वारा गौर नहीं किया गया तो जीवन का अंत होना लगभग तय है।
इसे भी जाने: दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवनी?
स्टीफन हॉकिंग के बारे में कुछ रोचक तथ्य – Interesting facts about Stephen hawking in hindi
- महान स्टीफन हॉकिंग (Stephen hawking in hindi) कहते थे कि “म्रत्यु निश्चित है लेकिन जन्म और म्रत्यु के बीच कैसे जीना है? वह केवल हम पर निर्भर करता है।“
- स्टीफन जोकि शारीरिक रूप से विकलांग होने के बाबजूद अपने आत्मविश्वास के बल पर दुनिया के सबसे अनूठे वैज्ञानिक बने जो सामान्यतया सभी लोगों को दर्शाता है कि यदि अपने काम के प्रति अधिक महनत की जाए तो आप जरूर सफ़ल होते हैं।
- स्टीफन हॉकिंग का शरीर पूरी तरह से अपंग हो चुका था। इसी कारण वह बेजान शरीर के साथ व्हीलचेयर रहते थे लेकिन उनका दिमाग एक आम इंसान से कई गुना ज्यादा ताक़तवर था।
- स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) के जन्म और म्रत्यु के साथ एक रोचक सयोंग जुड़ा हुआ है। जिसमे जिस दिन महान वैज्ञानिक गैलिलियो गेलीली (Galileo Galilei) की म्रत्यु हुई थी; उसके पूरे तीन सौ वर्ष बाद हॉकिंग (Stephen Hawking) का जन्म था। और दूसरा सयोंग मे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) के जन्म-दिन वाले दिन हॉकिंग की म्रत्यु हुई थी।
- हॉकिंग हमेशा कहते थे कि हम जिस पर भी चाहे उस पर विश्वास करने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं। जिसमे मेरा स्पष्ट विचार है कि कोई ईश्वर (भगवान) नहीं है और न ही ईश्वर ने ब्रहमांड बनाया है और न ही यह हमारा भाग्य लिखता है।
- प्रोफ़ेसर हॉकिंग की विचारधारा को दुनियाभर में मौजूद कई धार्मिक गुरु बिलकुल भी समर्थन नहीं करते थे क्योंकि उनकी विचारधारा हॉकिंग की विचारधारा से बिलकुल भी मेल नहीं खाती थी।
- हॉकिंग कहते थे कि इसमें कोई मत (विचार) नहीं होना चाहिए कि यह ब्रहमांड कैसे बना? लेकिन यह साफ़ है कि इसे केवल विज्ञान के द्वारा ही समझा जा सकता है।
- उन्होंने (Stephen Hawking) हमेशा कहा कि प्रथ्वी पर मौजूद मानवजाति के बजूद को भौतिकी के सिद्धांतो का आभार मानना चाहिए न कि ईश्वर (भगवान) जैसी किसी सत्ता का यकीन करना चाहिए।
- जब कोई व्यक्ति सर स्टीफन हॉकिंग से मिलने जाता था तो वह यह सोचता था कि वह एक ऐसे विकलांग (मरगिल्ले) व्यक्ति से मिलने जा रहा है, जिसे केवल दिमाग ही कहा जा सकता है। लेकिन जब वह हॉकिंग के सामने पहुँचता था तो उसका विचार पूरी तरह से बदल जाता था क्योंकि हॉकिंग को किसी की मदद, सहानुभूति और दया की जरूरत नहीं पड़ती थी वल्कि व्हीलचेयर पर बैठकर स्टीफन सभी काम खुद कर सकते थे।
- स्टीफन को दुनियाभर में अनैकों सम्मान और मानद-उपाधियों से सम्मानित किया गया था।
स्टीफन हॉकिंग के विचार – Stephen hawking hindi quotes | Stephen hawking thoughts in hindi
“इंसान की प्रयास करने की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए क्योंकि जब तक ज़िन्दगी है तब तक उम्मीद है।”
“कुछ भी हमेशा के लिए मौजूद नहीं रहता है।”
“शायद भगवान हो सकता है! लेकिन ब्रहमांड को केवल विज्ञान के द्वारा ही समझा जा सकता है।”
“ब्रहमांड से बड़ा और पुराना कुछ भी नहीं है।”
“यदि आप ब्रहमांड को समझने की ओर अग्रसर होते तो समझलें कि आप इसे नियंत्रित करने जा रहे हैं।”
“बुद्दिमत्ता अनुकूल परिवर्तन होने की क्षमता है।”
“यदि आपको हमेशा गुस्सा और शिकायत रहती है तो समझलें कि लोगों के पास आपके लिए बिलकुल भी समय नहीं है।”
“महिलाएं एक पहेली सामान होती हैं।”
“मुझे पता है कि मेरे पास बर्बाद करने के लिए बिलकुल भी समय नहीं है।”
“मुझे मालूम है कि कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आएगा लेकिन मैं एक नास्तिक हूँ।”
FAQs – अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर – महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का पूरा नाम डॉ स्टीफन विलियम हॉकिंग था।
उत्तर – स्टीफन हॉकिंग को मोटर न्यूरोन या ALS (एम्योट्रोफिल लेटरल स्क्लेरोसिस) नामक बीमारी थी।
उत्तर – सर स्टीफन हॉकिंग ने भौतिकी में स्नातक एवं भौतिकी में ही डॉक्टरेट यानिकी Ph.D की थी।
उत्तर – सर स्टीफन हॉकिंग ने अधिक विकशित टेक्नोलॉजी और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस द्वारा मानव-जाति को खतरा, जलवायु-परिवर्तन, बढ़ती जनसँख्या एवं अन्य ग्रहों पर रह रहे संभवत: एलियन्स द्वारा खतरों की संभावना जतायी थी ।
निष्कर्ष: The Conclusion
इस लेख में इतना ही जिसमे हमने स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen hawking biography in hindi के अलावा स्टीफन हॉकिंग की कहानी (Stephen hawking story in hindi), स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा (Stephen hawking hindi education), स्टीफन हॉकिंग की खोज (Stephen hawking hindi invention), स्टीफन हॉकिंग के सिद्धांत (Stephen hawking theory), स्टीफन हॉकिंग की किताबें (Stephen hawking books in hindi), स्टीफन हॉकिंग की बीमारी (Stephen hawking disease in hindi), स्टीफन हॉकिंग की म्रत्यु (Stephen hawking death in hindi), स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणी (Stephen hawking prediction) और स्टीफन हॉकिंग से जुड़े रोचक तथ्यों (Stephen hawking interesting facts in hindi), Stephen hawking quotes in hindi को भी विस्तारपूर्वक समझाया है।
यदि इस लेख को यहाँ तक पूरा पढने के बाद इस लेख से सम्बंधित आपका किसी भी प्रकार का सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके अवश्य बताएँ। इसके अलावा यदि आपको यह ब्लॉग पोस्ट जानकारीपूर्ण लगी हो और कुछ नया सीखने को मिला हो तो इसे अन्य लोगों के साथ भी नीचे दिए गए बटन्स के माध्यम से जरूर शेयर करें।
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स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen Hawking Biography in Hindi
August 13, 2023 by Editor Leave a Comment
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Stephen Hawking एक महान भौतिकविज्ञानी, लेखक और विचारवंत थे जिनका जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। उनके पिता फ़्रैंक हॉकिंग एक तकनीकी अधिकारी और माता ईज़ाबेल हॉकिंग एक वित्तीय सहायक थीं। उनका बचपन और शैक्षिक जीवन बहुत सामान्य था, लेकिन उनके अद्भुत ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने उन्हें दुनिया के सबसे प्रमुख भौतिकविज्ञानियों में से एक बना दिया।
स्टीफन हॉकिंग जन्म, परिवार और शिक्षा (Stephen Hawking Birth, Family and Education)
Stephen का जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। उनके पिता का नाम फ़्रैंक हॉकिंग था जो एक तकनीकी अधिकारी थे, और माता का नाम ईज़ाबेल हॉकिंग था जो वित्तीय सहायक थीं। स्टीफन के परिवार में एक भाई और बहन थे। उनके भाई का नाम एडवर्ड और बहन का नाम मैरीन था। उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें हमेशा समर्थन और प्रेरणा दी जो उन्हें उनके जीवन के कठिन समय में आगे बढ़ने के लिए मजबूत बनाया।
शिक्षा की बात करें, स्टीफन हॉकिंग ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में फिजिक्स पढ़ना शुरू किया। उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरू की, जहां उन्हें भौतिकशास्त्र में दिलचस्पी हुई। उनके शैक्षिक योग्यता और अद्भुत वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण, उन्हें विभिन्न विश्वविद्यालयों से छात्रवृत्ति मिली और उन्होंने भौतिकशास्त्र में उच्चतम शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने डॉक्टरेट किया और विश्वविद्यालय से विशिष्ट सम्मान भी प्राप्त किया।
स्टीफन हॉकिंग करियर (Stephen Hawking Career)
स्टीफन हॉकिंग का करियर भौतिकशास्त्र और कॉस्मोलॉजी के क्षेत्र में उन्होंने विश्वभर में उच्च प्रतिष्ठा हासिल की थी। उनके करियर की शुरुआत में उन्हें कई अवसर मिले जिनसे उन्होंने अपने दृढ़ शोधी वैज्ञानिक होने की पहचान बनाई। यहां कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी है:
1. ब्लैक होल की सिद्धांत की खोज: स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल के रिडियसियुन और सम्मान्य भौतिकी के बीच संबंध स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने ब्लैक होल के चक्रवर्ती भौतिक विश्व में भौतिकशास्त्रीय गणना के नए तरीके और सिद्धांत विकसित किए।
2. बिग बैंग के सिद्धांत में योगदान: हॉकिंग के साथी वैज्ञानिक रॉजर पेनरोज और फ्रेड हॉयल ने बिग बैंग के सिद्धांत में योगदान दिया, जिसमें उन्होंने ब्रह्मांड की उत्पत्ति के संबंध में नए विचार प्रस्तुत किए।
3. समय-धारा का सिद्धांत: स्टीफन हॉकिंग के सिद्धांतों में समय-धारा की एक महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने ब्रह्मांड के उत्पन्न होने के पीछे अस्तित्व में समय की महत्वपूर्ण भूमिका को समझा। इससे पूर्व समय को केवल एक अवधि माना जाता था, लेकिन हॉकिंग के द्वारा समय का एक नया संदर्भ स्थापित किया गया।
4. बेस्टसेलर पुस्तकें और व्याख्यान: स्टीफन हॉकिंग के लेखन और व्याख्यान ने उन्हें विश्वभर में लोकप्रिय बनाया। उनकी पुस्तक “ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम” और “ए स्कीम ऑफ़ द अनिवर्स” ने विज्ञान के जगत में धूम मचाई। उनके विशेष व्याख्यानों ने लोगों को विज्ञान के क्षेत्र में उत्साहित किया और उनके अद्भुत विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने में मदद की।
5. विश्वविद्यालयों और संस्थानों में प्रसिद्धि: स्टीफन हॉकिंग को विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने अपने विद्यार्थियों और छात्रों को उनसे शिक्षा प्राप्त करने के लिए बुलाया।
स्टीफन हॉकिंग की पत्नी (Stephen Hawking wife)
स्टीफन हॉकिंग की पत्नी का नाम जेनी विल्ड हॉकिंग था। उन्होंने 1965 में शादी की थी, जब वे अपने कॉलेज के दिनों में थे। शादी के बाद जेनी ने स्टीफन के साथ उनके विज्ञानिक यात्रा में उन्हें साथ दिया।
जेनी ने अपने पति के साथ उनके शारीरिक दिक्कतों का सामना किया और उन्हें उनके जीवन के हर कदम पर साथ दिया। उनकी बड़ी मदद से ही स्टीफन हॉकिंग ने अपने शोधी और विज्ञानिक करियर को समर्थन और प्रेरणा से जिंदा रखा।
स्टीफन हॉकिंग शारीरिक दिक्कतों से सामना
स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन के बाद मॉटर न्यूरोन रोग (एमएलए) से सामना किया। यह एक गंभीर रोग है जिसमें सेंट्रल नर्वस सिस्टम के भीतर न्यूरोन (नर्व सेल्स) की क्षति होती है जिससे शारीरिक दिक्कतें हो सकती हैं। इस रोग के कारण, स्टीफन हॉकिंग के शरीर के विभिन्न हिस्सों का नियंत्रण कम हो गया था।
एमएलए के कारण स्टीफन हॉकिंग की शारीरिक दिक्कतें बढ़ती गईं। उनकी चाल, बोलने की क्षमता, और हाथों की गतिविधियां प्रभावित हो गईं। उनके शरीर में कमजोरी होने के कारण वे सामान्य तरीके से चलने या बोलने में समर्थ नहीं थे।
इसके बावजूद, स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन में अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया और विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान जारी रखा। उन्होंने विशेष उपकरणों का उपयोग करके अपने विचारों को संबोधित किया और लोगों को विज्ञान और ब्रह्मांड के रहस्यों के पीछे की खोज में प्रेरित किया।
भौतिकशास्त्रीय योगदान
स्टीफन हॉकिंग भौतिकशास्त्र के क्षेत्र में अपने अनमोल योगदान के लिए विख्यात हैं। उनके विज्ञानिक योगदान ने विश्वभर में उच्च सम्मान और प्रशंसा हासिल की। यहां कुछ महत्वपूर्ण भौतिकशास्त्रीय योगदान हैं:
1. ब्लैक होल के रिडियसियुन और भौतिक संबंध: स्टीफन हॉकिंग के योगदान में सबसे महत्वपूर्ण था ब्लैक होल के रिडियसियुन (Hawking Radiation) का सिद्धांत। उन्होंने ब्लैक होल के पास विद्यमान धारिता के बारे में सिद्धांत स्थापित किया, जिसमें ब्लैक होल के पास विद्यमान वैक्यूम में एक उत्पादक जोड़ के कारण विद्युत धारिता बनी रहती है। इससे ब्लैक होल से बाहर फोटों के उत्पन्न होने की संभावना हुई जिसे हॉकिंग रेडिएशन के नाम से जाना जाता है।
2. ब्रह्मांड का प्रारंभ: हॉकिंग के साथी वैज्ञानिक रॉजर पेनरोज के साथ वे ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में नए सिद्धांत प्रस्तुत करने में योगदान दिया। इनके सिद्धांतों के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति एक बिग बैंग के माध्यम से हुई, और यहां समय का आदि हुआ। इससे पूर्व ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में विज्ञानिक समझ थी, लेकिन हॉकिंग के सिद्धांत ने इसे नए दृष्टिकोण से देखा।
3. क्वैंटम वैक्यूम में बाधाओं के सिद्धांत: स्टीफन हॉकिंग के ने क्वैंटम वैक्यूम में बाधाओं (barriers) के सिद्धांत को प्रस्तुत किया। इसके अनुसार, क्वैंटम वैक्यूम में नानोस्केल बाधाओं के कारण एक प्रतिस्पर्धी अणु भौतिक विश्व के अंतर्गत विद्यमान रह सकता है। यह सिद्धांत उन्हें ब्रह्मांड की संरचना और विकास के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
स्टीफन हॉकिंग ने अपने भौतिकशास्त्रीय योगदानों के माध्यम से विज्ञान की दुनिया में नए दरवाज़े खोले और ब्रह्मांड की रहस्यमयी दुनिया को समझने में मदद की। उनके सिद्धांतों ने विज्ञान के शिखरों को छूने में मदद की और उन्हें विज्ञानिक समुदाय में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया।
विदेशी भ्रमण और विचारधारा Stephen Hawking Biography in Hindi
स्टीफन हॉकिंग ने विदेशी भ्रमण किए बिना भी विश्वभर में अपनी विचारधारा को प्रसारित किया। उन्होंने अपने शोध, लेखन और व्याख्यानों के माध्यम से वैज्ञानिक समुदाय में अपनी पहचान बनाई। हॉकिंग ने भौतिकशास्त्र के क्षेत्र में अपने नए सिद्धांतों को प्रस्तुत करके विश्वभर में चर्चा का विषय बनाया।
उनकी विचारधारा का मुख्य फोकस था ब्रैन, ब्लैक होल, ग्रेविटेशन, और ब्रह्मांड के रहस्यों पर। उन्होंने ब्रैन के कार्य की विस्तृत अध्ययन किया और उसमें क्वांटम तथा कोस्मोलॉजी के सिद्धांतों को संयोजित किया। उनके द्वारा ब्लैक होल के रिडियसियुन का सिद्धांत विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ और उन्हें भौतिकशास्त्र के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक बना दिया।
स्टीफन हॉकिंग के विचार Stephen Hawking Biography in Hindi
स्टीफन हॉकिंग एक महान भौतिकविज्ञानी थे और उनके विचारधारा वैज्ञानिक समुदाय को प्रभावित करते रहे हैं। उनके विचार निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर केंद्रित थे:
1. ब्रैन और ब्रह्मांड के रहस्य: हॉकिंग ने ब्रैन के कार्य और उसके रहस्यों का अध्ययन किया और इसे क्वांटम फिजिक्स, कॉस्मोलॉजी और भौतिकविज्ञान के साथ जोड़कर ब्रह्मांड की उत्पत्ति और उसके कारणों को समझने का प्रयास किया। उनके विचारों में ब्रह्मांड के रहस्य को खोजने की उत्सुकता दिखाई देती थी और वे इसे धरोहरी रूप से विश्वभर में उपलब्ध कराने के लिए काम करते रहे।
2. ब्लैक होल और हॉकिंग रेडिएशन: स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल के रहस्यों के पर्दाफाश के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने ब्लैक होल की भावना और उसके चारित्रिक विशेषताओं पर विचार किया। उन्होंने इसके साथ ही हॉकिंग रेडिएशन का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जो ब्लैक होल से फोटों के उत्पन्न होने का सिद्धांत है।
3. धरोहरी सिद्धांत: हॉकिंग ने धरोहरी सिद्धांत का प्रवर्तन किया, जो क्वांटम वैक्यूम में बाधाओं के कारण क्वांटम अणु को प्रतिस्पर्धी विश्व से जुड़े रहने की संभावना को सुझाता है। इससे पूर्व, भौतिकवादी वैज्ञानिक सिद्धांतों में यह समझना मुश्किल था कि विद्युत धारिता क्यों विद्युतीय विकीर्णन के साथ एक विशिष्ट मान का होती है।
4. विश्वविद्यालयों में शोध: हॉकिंग ने विश्वभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोध किया और उनके सिद्धांतों को लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय के साथ नई उपलब्धियों को साझा करने के लिए सेमिनार, कार्यशाला, और व्याख्यान आयोजित किए।
स्टीफन हॉकिंग के विचार और सिद्धांत भौतिकविज्ञान में अद्भुत योगदान रखते हैं और उन्हें विश्वभर के लोगों के बीच एक प्रेरणा स्त्रोत के रूप में स्थान मिलता है। उनके विचारधारा ने भौतिकविज्ञान के नए सारे मुद्दे और रहस्यों को समझने के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त किया।
स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणी
स्टीफन हॉकिंग एक महान भौतिकविज्ञानी थे, लेकिन भविष्यवाणी करना वैज्ञानिकों के लिए संभव नहीं होता। वैज्ञानिक भविष्यवाणी का मूल अभिप्रेत विज्ञान के आधार पर किया जाता है जिसमें पूर्वानुमान और आधारभूत तत्वों के साथ सिद्धांतों का उपयोग होता है। हॉकिंग के द्वारा किए गए शोध और योगदान ने भौतिकविज्ञान में बड़े उधार किए हैं, लेकिन भविष्यवाणी करना उनकी क्षमता से बाहर है। स्टीफन हॉकिंग ने भौतिकविज्ञान के क्षेत्र में ब्रेन-ब्रह्मांड और ब्लैक होल के रहस्यों पर अपनी शोधों के माध्यम से महत्वपूर्ण ज्ञान दिया। उन्होंने भौतिकविज्ञान को एक नए स्तर पर ले जाने का संघर्ष किया और उनके विचारधारा ने विज्ञान के शिखरों को छूने में मदद की।
हालांकि, उनके शोध और सिद्धांतों का अभ्यास और विश्लेषण विज्ञान को एक नया दिशा देने में महत्वपूर्ण है। स्टीफन हॉकिंग के द्वारा प्रस्तुत किए गए विचार और उनके शोधों का अध्ययन विज्ञानिक समुदाय के लिए नए रहस्यों और समस्याओं को हल करने में सहायक साबित हो सकता है।
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स्टीफन हॉकिंग की जीवनी Stephen Hawking Biography in Hindi
इस लेख में आप हिंदी में स्टीफन हॉकिंग की जीवनी (Stephen Hawking Biography in Hindi) पढ़ेंगे। इसमें स्टीफन हॉकिंग का परिचय, प्रारम्भिक जीवन, शिक्षा, उनकी बीमारी, शोध कार्य, निजी जीवन और मृत्यु इत्यादि के बारे में संक्षिप्त में जानकारी दी गई है।
Table of Content
दुनिया में दो प्रकार के लोग होते हैं, पहले वह जो मुश्किलों के आगे घुटने टेक देते हैं और दूसरे जो मुश्किलों को खुद के आगे झुकने पर मजबूर कर देते हैं।
स्टीफन हॉकिंग जो एक विश्व प्रसिद्ध साइंटिस्ट हैं, उनका जीवन उपरोक्त पंक्तियों के लिए बिल्कुल ठीक बैठता है। स्टीफन हॉकिंग ने उपलब्धियों की ऐसी अद्भूत श्रृंखला प्रस्तुत की है, जो किसी भी आम इंसान द्वारा इतिहास में आज तक नहीं हुआ है।
जिस समय स्टीफन हॉकिंग के जीवन की शुरुआत हुई थी, उसी दौर में वे एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए थे। जिसके कारण कुछ समय के अंदर ही उनका पूरा शरीर लकवा ग्रस्त हो गया था।
यह वह दौर था जब कोई इंसान जीने की उम्मीद छोड़ देता है, लेकिन स्टीफन हॉकिंग थोड़े जिद्दी प्रकृति के थे जिन्होंने अपनी बीमारी को ढाल बनाकर जीवन में एक के बाद एक सफलताएं प्राप्त की।
स्टीफन हॉकिंग शुरुआती जीवन में एक मध्यमवर्गीय छात्र थे, जिन्हें विज्ञान और गणित में बेहद दिलचस्पी थी। एक सामान्य विद्यार्थी से एक ब्रिलियंट साइंटिस्ट बनने का फासला तय करने के लिए उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। एक वैज्ञानिक के तौर पर स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया के लिए बहुत सारे महत्वपूर्ण खोज किए।
उन्होंने तारों के विषय में दुनिया को बताया की जब तारे पुराने हो जाते हैं, तबी यह ठंडे पड़ जाते हैं और अंत में वह ब्लैक होल का रूप लेते हैं। इसके अलावा सर स्टीफन हॉकिंग ने कई सिद्धांत विश्व के सामने पेश किए जिससे पूरे विज्ञान जगत को एक बड़ा लाभ पहुंचा।
स्टीफन हॉकिंग जन्म व प्रारंभिक जीवन Stephen Hawking Birth and Early Life in Hindi
8 जनवरी 1942 के दिन इंग्लैंड के कैंब्रिज में स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम फ्रैंक हॉकिंग और मां का नाम इसोबेल हॉकिंग था। स्टीफन हॉकिंग के पिता एक इंग्लिश बायोलॉजिस्ट थे और माता फिलॉसफी, पॉलिटिक्स और इकोनॉमी में ग्रेजुएट थीं।
उनका पूरा परिवार पढ़ाई लिखाई पर ज्यादा ध्यान देता था, जिसके वजह से स्टीफन हॉकिंग बचपन से ही दिन भर किताबों में ही खोए रहते थे।
हालांकि स्टीफन का परिवार बहुत ज्यादा अमीर नहीं था और टीचिंग करके घर का गुजारा चलता था। शिक्षा के माहौल के कारण स्टीफन जब छोटे थे तब वह दूसरे बच्चों के साथ खेलकूद करने से ज्यादा किताबों के साथ पाए जाते।
ज्ञानवर्धक किताबें स्टीफन हॉकिंग को एक वैज्ञानिक बनाने में बड़ी सहायक साबित हुई। कहा जाता है कि वे इतने ब्रिलियंट थे कि उन्होंने एक बार घर में खराब पड़ी हुई मशीन से एक छोटा सा कंप्यूटर बना दिया था।
स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा Stephen Hawking’s Education in Hindi
स्टीफन हॉकिंग की प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही माता-पिता के देखभाल में संपन्न हुई। जब वह 8 साल के थे, तब परिवार सहित सभी सेंट अल्बान में आकर बस गए थे। यही के एक स्थानीय स्कूल में स्टीफन का दाखिला करवाया गया। 17 वर्ष की आयु में स्टीफन हॉकिंग ने नेचुरल साइंस में स्कॉलरशिप जीता।
स्कॉलरशिप की मदद से उन्होंने अपने लिए कई किताबें और अच्छे टीचर्स से ट्यूशन प्राप्त किया। स्कूल के बाद स्टीफन हॉकिंग भौतिक ने विज्ञान के विषय पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण की।
हालांकि स्टीफन के पिता शुरुआत से ही उन्हें मेडिकल की पढ़ाई करवाना चाहते थे, लेकिन इस विषय में स्टीफन को जरा भी रुचि नहीं थी। इसलिए उन्होंने अपने मनपसंद विषय पर ही आगे की पढ़ाई करना प्रारंभ किया।
भौतिक विज्ञान के अलावा स्टीफन को गणित में भी गहरी रुचि थी। लेकिन वहां गणित का विकल्प नहीं था, जिसके कारण उन्होंने भौतिक विज्ञान को चुना।
ए ग्रेड से परीक्षा में पास होने के बाद स्टीफन ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में वर्ष 1962 में डिपार्टमेंट ऑफ़ अप्लाइड मैथमेटिक्स एंड थ्योरिटिकल फिजिकल से ब्रह्मांड विज्ञान पर रिसर्च किया।
स्टीफन हॉकिंग की बीमारी Stephen Hawking’s Disease in Hindi
स्टीफन हॉकिंग की काबिलियत पर उनके माता-पिता के साथ सभी शिक्षकों को भी फक्र होता था। लेकिन अपने जीवन के सबसे मुश्किल भाग को देखना अभी बाकी था। स्टीफन हॉकिंग अपने स्कूल और कॉलेज में अच्छे नंबर से हमेशा आवल आते थे।
लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। बीए ऑनर्स की पढ़ाई के दरमियान वह फर्स्ट ईयर सेकंड, ईयर में कई रिकॉर्ड बना चुके थे। लेकिन तीसरा साल आते ही उनकी तबीयत अचानक से खराब होने लगे।
कुछ दिनों के अंदर स्टीफन की दशा ऐसी हो गई कि वह बोलते बोलते अचानक से रुक जाते और चलते हुए अपने आप जमीन पर गिर कर बेहोश हो जाते थे। पहले तो लोग उनके बिगड़ते तबीयत की वजह को कमजोरी बताया।
लेकिन जब डॉक्टर को दिखाया गया तब स्टीफन एक ऐसे गंभीर रोग एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) से ग्रसित पाए गए, जिसका उस समय में कोई भी इलाज नहीं था। इस बिमारी में मसल्स तथा नर्वस सिस्टम के बीच तालमेल बंद हो जाता है, जिससे पूरा शरीर धीरे-धीरे स्थिर पड़ने लगता है।
डॉक्टर ने यह भी कहा की उनके पास मात्र 2 वर्ष का समय बचा है, उसके बाद उनकी मौत हो जाएगी। स्टीफन ने कभी भी अपने बीमारी को अपने पढ़ाई के मार्ग का कांटा नहीं बनने दिया और कैसे भी करके 1965 में प्रॉपर्टीज ऑफ एक्स्पांडिंग यूनिवर्स के थीसिस से पीएचडी की डिग्री अपने नाम कर ली।
जो समय उनके करियर की शुरुआत का समय था, वहीं से उनकी जिंदगी बद से बदतर होना शुरू हो गई थी। स्टीफन हॉकिंग अपने इस रोग से दुखी तो बहुत हुए लेकिन उन्होंने हार न मानकर आगे बढ़ते रहने की ठान ली और आज उसका परिणाम दुनिया के सामने है।
स्टीफन हॉकिंग का निजी जीवन Stephen Hawking’s Personal Life in Hindi
एक आशावादी जीवन की आस में स्टीफन हॉकिंग हमेशा आगे बढ़ने की राह पर चलते थे। लेकिन अपने मोटर न्यूरॉन बीमारी के कारण स्टीफन डिप्रेशन में चले गए थे। एक अपाहिज व्यक्ति के स्थिति को देखकर हर कोई दया भाव दिखाता था, जो कि स्टीफन हॉकिंग को अच्छा नहीं लगता था। उन्होंने कभी भी अपनी बीमारी को अपनी लाचारी की वजन नहीं बनने दे।
हालांकि किसी भी अपंग अपाहिज व्यक्ति के लिए एक अच्छा जीवनसाथी ढूंढ पाना बड़े भाग्य की बात होती है। वे जब प्रोफ़ेसर थे तब उनकी मुलाकात जेन वाइल्ड से हुई, जिसके बाद दोनों ने कुछ समय बाद शादी कर ली जिससे उनके 3 बच्चे हुए। आपसी मतभेद के कारण दोनों का तलाक हो गया।
तलाक़ के कुछ सालों बाद ही स्टीफन और एलेन मेशन ने वर्ष 1995 में शादी कर ली। दुर्भाग्यवश यह रिश्ता भी अधिक समय तक नहीं चल पाया और 2016 में दोनों ने अलग रहने का फैसला कर लिया।
अब हॉकिंग के शरीर का आधा भाग पैरालाइज हो चुका था। स्टूडेंट्स को पढ़ाने और अपने विचारों तथा रिसर्च को दुनिया के सामने रखने के लिए इशारों में बात करने लगे थे।
स्टीफन हॉकिंग के शोध कार्य Stephen Hawking’s Research Work in Hindi
स्टीफन हॉकिंग ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी यहां पर अपना शोध काम जारी रखा। डिपार्टमेंट ऑफ़ अप्लाइड मैथमेटिक्स एंड थ्योरिटिकल फिजिकल में 1972 में उन्होंने अपनी सेवाएं प्रदान की। इसी दरमियान द लार्ज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ़ स्पेस टाइम नामक अपनी पहली एकेडमीक पुस्तक लिखी।
1974 में रॉयल सोसायटी का फेलोशिप स्टीफन को दिया गया, जो एक बड़ी सफलता थी। अगले वर्ष 1975 में उन्होंने गुरुत्वाकर्षण भौतिकी रीडर के रूप में अपना अनुसंधान जारी रखा, जिसके बाद वे उस विषय के प्रोफेसर बन गए।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध एकेडमिक गणित के लुकासियन प्रोफ़ेसर का पद 1979 में स्टीफन हॉकिंग को प्रदान किया गया जहां उन्होंने वर्ष 2006 तक अपनी सेवाएं प्रदान किया।
स्टीफन हॉकिंग सबसे महत्वपूर्ण खोजों को निम्नलिखित दिया गया-
ब्टॉप डाउन थिअरी 2006
वर्ष 2006 में स्टीफन हॉकिंग ने टॉप डाउन कॉस्मोलॉजी के सिद्धांत को प्रस्तुत किया। ब्रह्मांड विज्ञान पर आधारित यह अनुसंधान में स्टीफन हॉकिंग ने कहा की ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण की शक्ति मौजूद है, जिसके कारण ही वह नवीनतम रचनाएं करता रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके पीछे किसी ईश्वरीय शक्ति का हाथ नहीं है।
ब्लैक होल सिद्धांत 1971 -74
सर स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल पर आधारित कई सिद्धांत दिए हैं। पहले अनुसंधान में उन्होंने बताया की ब्लैक होल का क्षेत्रफल कभी भी छोटा नहीं होगा। यह रिसर्च हॉकिंग एरिया थ्योरम के नाम से जाना जाता है। उन्होंने यह भी कहा बताया कि ब्लैक होल गर्म होता है, लेकिन इससे गर्मी का विकर्ण नहीं होता है।
नो हेयर थ्योरम ब्लैक होल पर आधारित थी। उन्होंने अपने अनुसंधान में बताया की ब्लैक होल में द्रव्यमान, चार्ज, कोणीय गति इत्यादि जैसी कई विशेषताएं मौजूद है। स्टीफन हॉकिंग के मुताबिक ब्लैक होल द्वारा विकरण का उत्सर्जन तब तक होता रहता है, जब तक की उसकी पूरी ऊर्जा नष्ट नहीं हो जाती।
इस सिद्धांत को हॉकिंग विकिरण के नाम से जाना जाता है। 1971 में ब्लैक होल्स को शीर्षक बनाकर उन्होंने एक लेख लिखा। जिसके कारण सुप्रसिद्ध ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन पुरस्कार स्टीफन हॉकिंग को प्रदान किया गया।
कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी 1982
साल 1980 में पहली बार एलन गुथ ने सिद्धांत प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि ब्रह्मांड में महा विस्फोट के पश्चात आकाशगंगाओं का निर्माण होता है, जो बहुत ही शीघ्र फैल जाता है। स्टीफन हॉकिंग ने क्वांटम थ्योरी को भी प्रस्तुत किया। इस अनुसंधान के बाद स्टीफन हॉकिंग की प्रसिद्धि पूरे दुनिया में और भी बढ़ गई।
यूनिवर्स का वेव फंक्शन मॉडल 1983
वर्ष 1983 में स्टीफन हॉकिंग और जेम्स हार्टले ने साथ मिलकर हार्टले- हाकिंग स्टेट मॉडल प्रस्तुत किया। जिसमें यह बताया गया कि बिग बैंग के पहले समय शून्य था, अर्थात नहीं मौजूद था। इसलिए ब्रह्मांड के प्रारंभ की पूर्वधारणा गलत है। क्योंकि ब्रह्मांड में जगह या समय में कोई भी प्रारंभिक सीमा नहीं है।
सिंगुलेरिटी का सिद्धांत 1970
आइंस्टाइन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत से सहायता लेकर स्टीफन हॉकिंग ने 1970 के दशक में सिंगुलेरिटी सिद्धांत को प्रस्तुत किया। अपने इस अनुसंधान में उन्होंने बताया कि बिग बैंग होने का मुख्य कारण एक विशाल ब्लैक होल का पतन था। 1970 में प्रकाशित किए गए एक लेख में स्टीफन हॉकिंग ने कहा की ब्रह्मांड की उत्पत्ति ब्लैक होल के केंद्र से ही हुई है।
स्टीफन हॉकिंग के जीवन पर आधारित फिल्म Film Based on The Life of Stephen Hawking in Hindi
स्टीफन हॉकिंग जैसे महान विज्ञानिक सदियों में एक बार जन्म लेता है। इंसानो के इतिहास में आज तक जो संभव नहीं हो पाया वह स्टीफन हॉकिंग ने कर दिखाया है।
उन्होंने दुनिया को स्वयं के ऊपर गर्व करने के लिए बहुत सारे मौके दिए हैं। जिस प्रकार स्टीफन हॉकिंग ने मुश्किल परिस्थितियों में संघर्ष किया ऐसे परिस्थिति की कल्पना भी कोई सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता।
सन 2014 में हॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर जेम्स मार्श द्वारा स्टीफन हॉकिंग के जीवनी पर एक फिल्म बनाई गई थी, उसका नाम है “द थिअरी ऑफ एवरीथिंग”। इस फिल्म में स्टीफन हॉकिंग के शुरुआती जीवन से लेकर उनके तमाम संघर्षों और उपलब्धियों को दिखाया गया है।
स्टीफन हॉकिंग के पुरस्कार Stephen Hawking Awards in Hindi
अपने महान अनुसंधानो के बल पर सर स्टीफन हॉकिंग ने कई बड़े-बड़े पुरस्कार हासिल किए। शिक्षा के प्रति स्टीफन हॉकिंग का झुकाव कुछ इस प्रकार हुआ कि उन्होंने शिक्षा को शस्त्र बनाकर दस से भी अधिक विश्व प्रसिद्ध डिग्रियां प्राप्त की। स्टीफन हॉकिंग के प्रदान किए गए कुछ महत्वपूर्ण पुरस्कार निम्न लिखित दिए गए हैं।
- एडम्स पुरस्कार- (1966)
- एडिंगटन पदक- (1975)
- मैक्सवेल मेडल एंड प्राइज- (1976)
- हेइनीमान पुरस्कार- (1976)
- अल्बर्ट आइंस्टीन मेडल- (1978)
- आरएएस गोल्ड मेडल- (1985)
- डिराक मेडल ऑफ द इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल- (1987)
- वुल्फ पुरस्कार- (1988)
- प्रिंस ऑफ अस्टुरियस अवार्ड- (1989)
- एंड्रयू जेमेंट अवार्ड 1998
- नायलोर पुरस्कार और लेक्चरशिप- (1999)
- लिलाइनफेल्ड पुरस्कार- (1999)
- अल्बर्ट मेडल by रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट- (1999)
- कोप्ले मेडल- (2006)
- प्रेसिडेंटियल मेडल ऑफ फ्रीडम- (2009)
- फंडामेंटल फिजिक्स प्राइज- (2012)
- बीबीवीए फाउंडेशन फ्रंटियर्स ऑफ नॉलेज अवार्ड- (2015)
स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु Stephen Hawking’s Death in Hindi
76 वर्ष की आयु में 14 मार्च 2018 में स्टीफन हॉकिंग का निधन हो गया। उनकी राख को दुनिया के महान वैज्ञानिक सर चार्ल्स डार्विन और आइंस्टाइन न्यूटन के पास सुरक्षित रखा गया है।
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स्टीफन हॉकिंग: इंसानियत पर फ़िदा एक महामानव
स्टीफन हॉकिंग की बात करें तो वह विज्ञान की चाशनी से सराबोर वास्तविक वैज्ञानिक थे, जिन्होंने विज्ञान को सच्चे दिल से अपनाया. स्टीफन हॉकिंग एक सच्चे वैज्ञानिक थे. ऐसा इसलिए कि उनहोंने अंधविश्वास, कूपमंडूकता, धार्मिक कट्टरता, रूढ़िवाद, अतार्किक परम्पराओं का तहे दिल से त्याग किया था.
दुनिया को अपने वैज्ञानिक खोज व विचारों से प्रभावित करने वाले महामानव स्टीफन हॉकिंग, भारतीय वैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के भाँती, कई विषयों पर पर अपने विचार रखने के लिए जाने जाते है. हालाँकि, कलाम का विचार जहाँ भारत व मानव विकास पर केंद्रित है, वहीं स्टीफन हाकिंग ने मानवता को झकझोरने वाले ब्यान देकर पुरे दुनिया को प्रभावित किया.
हम स्टीफन हॉकिंग के कार्यों को अलबर्ट आइंस्टीन के अधिक करीब पाते है. दोनों ने विज्ञान के साथ-साथ कई सामाजिक व राजनैतिक पहलुओं पर भी गहरी छाप छोड़ी थी.
स्टीफन हॉकिंग का आरंभिक जीवन (Initial Life of Stephen Hawking in Hindi)
महान खगोल वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग का जन्म ऑक्सफ़ोर्ड, ग्लासगो, स्कॉटलैंड (यूके) में 8 जनवरी 1942 को हुआ था. उनके पिता, फ्रैंक एक चिकित्सा विज्ञानी थे;,जबकि मां इसाबेल एलेन हॉकिंग, दर्शनशास्त्र में स्नातक थी.
शुरुआत में स्टीफन हॉकिंग मंदबुद्धि समझे जाते रहे. लेकिन हकीकत में ये सही नहीं था. पढ़ाई की जगह हॉकिंग्स अपना समय आसपास के चीजों को समझने में लगा देते थे. जैसे, वे घर के सामन, घडी, रेडियो व अन्य छोटी मशीन को खोलकर देखते थे. लेकिन, वे इन्हें वापस जोड़ नहीं पाते थे. ये उनके जिज्ञासु प्रवृति का पहचान था, जो आगे चलकर साबित भी हो गया.
स्टीफन हॉकिंग का उच्च शिक्षा (Higher Education of Stephen Hawking in Hindi)
प्रारंभिक शिक्षा लंदन के पास स्थित संत अलबांस स्कूल से पूरा करने के बाद, स्टीफन हॉकिंग के पिता उन्हें चिकित्सा विज्ञानं की शिक्षा दिलवाना चाहते थे. पिता चाहते थे कि वे ऑक्सफ़ोर्ड में पढ़े. लेकिन, उनके खराब अंकों ने पिता को चिंतित कर दिया.
परिवार के आर्थिक तंगी के कारण पिता ने उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का छात्रवृति पास करने को कहा. इसमें, वे सफल रहे. स्टीफन गणित में रूचि रखते थे. लेकिन, यहाँ गणित का पाठ्यक्रम उपलब्ध न था, लिहाजा उनहोंने भौतिकी को चुना.
इस तरह, 17 साल के उम्र में 1959 को स्टीफन हॉकिंग ने यूनिवर्सिटी शिक्षा में कदम रखा. उन्होंने ऑक्सफोर्ड से भौतिकी में प्रथम श्रेणी में बीए की डिग्री प्राप्त की. अक्टूबर 1962 में, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपना स्नातक शुरू किया. कैंब्रिज से मार्च 1966 में, उन्होंने सामान्य सापेक्षता और ब्रह्मांड विज्ञान में विशेषज्ञता वाला अनुप्रयुक्त गणित और सैद्धांतिक भौतिकी में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की.
कैंब्रिज में उनका मुलाकात आधुनिक ब्रह्मांडशास्त्र (कॉस्मोलॉजी) के जनक डेनिस स्किआमा से हुआ. यहीं से स्टीफन हॉकिंग का रुझान ब्रह्माण्ड की गुत्थियां सुलझाने में हुआ. साल 1962 में उन्होंने अपना शोध-कार्य आरम्भ कर दिया था.
एम्योट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (Amyotrophic Lateral Sclerosis)
1963 में 21 साल के उम्र में स्टीफन हॉकिंग को पता चला कि वे एम्योट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) बिमारी से ग्रस्त हैं. इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति का मौत दो से तीन साल में हो जाता है. लेकिन हैरत की बात ये है कि स्टीफन 55 साल तक इस बीमारी के साथ जीते रहे.
यह बीमारी दिमाग और स्पाइन कॉर्ड (मेरूरज्जू) के मोटर नर्व सेल्स पर हमला करती है. इससे मांशपेशियों व दिमाग का सम्पर्क टूट जाता है; जो लकवा का कारण बनता है.
इस बीमारी में पहले मांसपेशी अकड़कर कमजोर पड़ने लगती है. फिर, शरीर का कई हिस्सा काम करना बंद कर देता है. यहाँ तक की सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. चलना-फिरना व बोलना बंद होना इसका सामान्य सा लक्षण है. इस बीमारी को मोटर न्यूरॉन भी कहा जाता है.
स्टीफन हॉकिंग इसी बिमारी के कारण विशेष रूप से बनाए गए व्हील चेयर पर बैठे रहते थे. इसमें एक ख़ास यंत्र उनके तंत्रिका तंत्र से जुड़ा था, जो उन्हें मशीन की सहायता से बोलने में मदद करता था.
ब्रह्माण्ड और स्टीफन हॉकिंग (Universe and Stephen Hawking in Hindi)
स्टीफन हॉकिंग ने भौतिकी के सामान्य नियमों पर आधारित ब्रह्माण्ड का कई जानकारी दुनिया को दिया. 1988 में प्रकाशित, ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम’, पुस्तक के माध्यम से उन्होंने ब्रह्माण्ड का रहस्य आम लोगों तक पहुंचाया.
उन्होंने अपनी खोज के दौरान भौतिकी के गुरुत्वाकर्षण, ब्रह्मांड विज्ञान, क्वांटम थ्योरी, सूचना सिद्धांत और थर्मोडायनमिक्स जैसे सामान्य सिद्धांत को एक साथ ला दिया. हॉकिंग्स ने ब्लैक हॉल, बिग बैंग, क्वांटम थ्योरी, जनरल रिलेटीविटी, थियोरी ऑफ़ एवरीथिंग जैसे विषयों पर काम किया था.
डॉ. स्टीफन हॉकिंग के कुछ मुख्य सिद्धांत है-
ब्लैक हॉल का सिंगुलरिटी सिद्धांत (Singularity Theory of Black Hole in Hindi)
स्टीफन हॉकिंस के अनुसार, ब्लैक हॉल सभी वस्तुओं को खुद में समाहित करता है. इस तरह इसका द्रव्यमान और आकार घटता नहीं है, बल्कि गुब्बारे की तरह बढ़ता ही जाता है.
उन्होंने ये भी कहा कि ब्रह्माण्ड एक बिंदु के ब्लैक होल के रूप में मौजूद था. इसी से ब्रह्माण्ड का निर्माण हुआ. इसी सिद्धांत को सिंगुलरिटी का सिद्धांत भी कहा जाता है.
क्वांटम और सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत (Quantum and General Theory of Relativity in Hindi)
स्टीफन हॉकिंग को क्वांटम व जनरल रिलेटिविटी सिद्धांत को एक साथ लाने के लिए जाना जाता है. ऐसा खोज उनके बाद अभी तक कोई करने में सम्भव नहीं हो पाया है.
क्वांटम सिद्धांत जहाँ परमाणु जैसे मौलिक कणों से जुड़ा है; वहीं सापेक्षता का सिद्धांत, ब्रह्माण्ड से जुड़ा है. बिग बैंग सिद्धांत को समझने में यह जुड़ाव काफी काम आया.
थ्योरी ऑफ़ एवरीथिंग (Theory of Everything in Hindi)
स्टीफन हॉकिंग का यह सिद्धांत ब्रह्माण्ड को क्वांटम सिद्धांत से जोड़ता है. इसके अनुसार, ब्रह्माण्ड का कोई भी स्थान शून्य या निर्वात नहीं है. सभी जगह कण पैदा होते है और मिट जाते है.
इसके अनुसार, ब्रह्माण्ड में पदार्थ का एक कण और प्रतिपदार्थ का एक कण एक साथ पैदा हो जाता है. ये दोनों पुनः एक साथ मिलकर एक दूसरे को नष्ट कर देते है.
यदि ब्लैक होल के पास ऐसे कण पैदा हो और एक कण ब्लैक हॉल में समा जाए तो दूसरा कण मुक्त रह जाएगा. साथ ही, ब्लैक होल में खिंचा गया कण विकिरण के रूप में बाहर आ जाएगा, चूँकि उसे संतुलित करने के लिए उसका दूसरा हिस्सा मौजूद नहीं होगा.
इस तरह ब्लैक हॉल का वजन कम होता जाएगा. इस सिद्धांत में, स्टीफन हॉकिंग ने अपने पुराने, सिंगुलरिटी के सिद्धांत में संसोधन कर दूसरा नियम जोड़ दिया. यह यूँ कहे की पुराने सिद्धांत के जगह नया सिद्धांत अपना लिया.
उन्होंने अपने पुराने सिद्धांत में कहा था कि ब्लैक होल खुद में सभी वस्तुओं को सिर्फ समाहित करता है, बाहर नहीं आने देता. लेकिन, नवीन सिद्धांत में विकिरण बाहर आ रहा था. इस विकिरण को हॉकिंग्स विकिरण का नाम भी दिया गया है.
अपनी बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने ये भी कहा था कि उन्होंने 1976 में बताया कि इवेंट होराइजन के किनारे एक गर्म विकिरण भी मौजूद है। इनके किनारों से काफी गर्म कण टूट-टूट कर ब्रह्मांड में बिखरते रहते हैं। काफी समय अंतराल के बाद ब्लैक होल भी अपना पूरा द्रव्यमान हल्का कर देगा और खत्म हो जाएगा।
ईश्वर का अस्तित्व नहीं होता है- स्टीफन हॉकिंग (God does not exist in Hindi)
स्टीफन हॉकिंगदुनिया के उन गिने-चुने महान शख्सियत में शामिल है जो वास्तविकता पर भरोसा करते थे. स्टीफन हॉकिंग ने अपनी पुस्तक ‘ब्रीफ आंसर टू द बिग क्विश्चन ‘में कई सवालों के जवाब दिए.
उनके अनुसार ब्रह्मांड स्वत: स्फूर्त है. इसका कोई निर्माणकर्ता यानी ईश्वर नहीं है. उनके अनुसार, ब्रह्माण्ड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है, जो ब्रह्माण्ड को जन्म दे सकता है. उन्होंने एक ब्लैक होल्स को नए ब्रह्मांड का रास्ता होना भी स्वीकार किया है. अंततः सितम्बर 2014 में उन्होंने खुद को ‘नास्तिक’ घोषित कर दिया.
एक लेख में उन्होंने स्पष्ट कहा था कि स्वर्ग-नर्क की बातें सिर्फ मिथक और परिकथा हैं.
स्टीफन हॉकिंग्स: विचारों को न दबाने वाला आदमी (Stephen Hawking: a vocal personality in Hindi)
सामान्यतः कोई भी सिलिब्रिटी अपने क्षेत्र से इतर, अपना राय जाहिर करने से बचते है. लेकिन, स्टीफन हॉकिंग इसके अपवाद थे. वे जहाँ आंदोलन में शरीक हुए, वहीं दुनिया के समकालीन मुद्दों पर भी अपनी राय रखी. धर्म और पर्यावरण पर बेबाक राय के लिए भी जाने जाते है. आइए उनके कुछ ख़ास मुद्दों पर राय से उनके व्यक्तित्व को समझने की कोशिश करते है.
वियतनाम युद्ध (Vietnam War)
1968 का दौर दुनिया में उथल-पुथल का दौर था. इस वक्त साम्यवाद और पूंजीवाद में जोरदार टकराहट चल रही थी. वियतनाम के खिलाफ अमेरिका ने हमला किया हुआ था. धन और मानव संसाधन के इस बर्बादी पर युवा और छात्र जगह-जगह आंदोलन कर रहे थे. तारिख अली इनमें मुख्य थे. स्टीफन हॉकिंग ने भी तारीख के साथ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.
सीरिया युद्ध (Stephen Hawking on Syria War)
स्टीफन हॉकिंग ने सीरिया में छिड़े जंग पर कहा था कि जब आधुनिक तकनीक प्राचीन आक्रमण से मिलती है, तो पूरी मानव जाति और पृथ्वी पर शेष जीवन खतरे में आ जाता है. आज सीरिया में आधुनिक तकनीक के बम, रसायन और अन्य हथियारों का इस्तेमाल तथाकथित बुद्धिमान राजनीतिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है.
लेकिन यह बुद्धिमानी नहीं लगती, क्योंकि 100,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है. मानवीय आपूर्ति को क्लीनिकों तक पहुंचने से रोकना सर्वथा मूर्खतापूर्ण और बदतर है. बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण बच्चों के अंग काटे गए और नवजात शिशु बिजली की कमी के लिए इनक्यूबेटर में मर रहे हैं.
सीरिया में जो हो रहा है वह घृणित है, जिसे दुनिया दूर से ही ठिठुरन से देख रही है. हमारी भावनात्मक बुद्धि, सामूहिक न्याय की हमारी भावना कहाँ है?
वस्तुतः, वाशिंगटन पोस्ट में छपे इस लेख में उन्होंने सीरिया नरसंहार को युद्ध-अपराध घोषित किया था. उन्होंने सीरिया में बच्चों का नरसंसार रोकने के लिए, दुनिया को एकजुट होने को भी कहा था.
अंत में जोर देते हुए उन्होंने कहा, सीरिया में युद्ध मानवता के अंत का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है. लेकिन हर अन्याय उस चीज के खिलाफ है, जो हमें एक साथ रखता है. न्याय का सार्वभौमिक सिद्धांत भले ही भौतिकी में निहित न हो, लेकिन यह हमारे अस्तित्व के लिए कम मौलिक नहीं है. क्योंकि इसके बिना, बहुत पहले ही, मनुष्यों का अस्तित्व निश्चित रूप से समाप्त हो जाएगा.
ईरान हमले पर (Stephen Hawking of Iran Attack)
साल 2004 में लन्दन में ईराक युद्ध के विरोध में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने हिस्सा लिया था. उन्होंने, इसके युद्ध अपराधों का जिक्र करते हुए कहा था कि यह दो बुनियादी झूठ पर आधारित है. पहला, ईराक में मानवता के सामूहिक विनाश के हथियार बनाए जा रहे है. दूसरा, ईराक का 11 सितम्बर के हमले में शामिल होना.
उन्होंने कहा था कि इस युद्ध का इन दोनों से संबंध आज गलत साबित हो चुके हैं. यह युद्ध के मृतकों के लिये किसी त्रासदी की तरह रहा है. यदि यह युद्ध अपराध नहीं है तो और क्या है?
पर्यावरण पर स्टीफन हॉकिंग के विचार (Stephen Hawking’s Thought on Environment in Hindi)
नासा के अनुसार, आज से चार अरब साल पहले, शुक्र ग्रह भी पृथ्वी के भाँती वासयोग्य था. लेकिन, आज शुक्र का तापमान काफी बढ़ गया है. यह आज आग का गोले के समान तपता है. ऐसा, ग्रीन हाउस गैसों के कारण हुआ. इसलिए, स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को पर्यावरण के प्रति चेताया है. उन्होंने कहा था कि प्रदुषण पर नियंत्रण नहीं किया गया तो, शुक्र की तरह पृथ्वी को भी ग्रीन हॉउस गैस जलाकर राख कर देगी.
एलियन पर (Stephen Hawking on Alien)
स्टीफन हॉकिंग एलियन के अस्तित्व को स्वीकार करते थे. उन्होंने ब्रह्माण्ड का रेडियो तरंगों को पढ़ने वाले प्रोजेक्ट के बंद किए जाने पर खेद जताया था. उनके अनुसार, जल्द ही एलियन और हमारा संपर्क होगा. लेकिन, यह मिलान मानवता के लिए दुःखदायी होगा. ठीक उसी प्रकार, जैसा कोलम्बस का अमेरिका में आगमन यहाँ के मूलनिवासियों के लिए था.
उनके अनुसार, बाहरी लोगों ने अमेरिका में आकर मूलनिवासियों का संसाधन, समृद्धि, शांति और सुख-चैन छीन लिया. एलियन भी धरती पर आकर हमारे साथ ऐसा ही करेंगे. इसलिए, अगले 100 साल से पहले, हमे धरती छोड़कर किसी अन्य ग्रह पर बसने की तैयारी कर लेना चाहिए.
स्टीफन हॉकिंग का दर्शन (Philosophy of Stephen Hawking in Hindi)
सही अर्थों में, स्टीफन हॉकिंग ने विज्ञान का उपयोग कर हौसले के उड़ान को सही साबित कर दिया था. उनके ही प्रयास से विकलांगों के प्रति लोगों की सोच में बदलाव आई. उन्होंने विकलांगों के लिए वैश्विक चार्टर बनाने समेत कई अन्य काम किए.
2014 में उन्होंने अचानक घोषणा कर दिया था कि दुनिया में दर्शन विशेषज्ञ समाप्त हो गए है. अब विज्ञान सबसे नया दर्शन उपलब्ध करवा रहा है और वैज्ञानिक इसके नए विशेषज्ञ है.
विनाशक हथियारों को वे मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते थे; ठीक वैसे ही जैसे प्रदुषण को. उन्होंने चेताया था कि दुनिया में कभी भी परमाणु युद्ध छिड़ सकता है. इस स्तिथि से मानव सभ्यता को बचाने के लिए एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर सुरक्षित यात्रा का साधन उपलब्ध होना चाहिए.
वे दुनिया से अज्ञानता मिटाने के लिए हमेशा तत्पर रहे. उन्होंने कट्टरता, अंधविश्वास व युद्धोन्माद का हमेशा विरोध किया. दुनिया में अज्ञानता का काला परत हटाने में, स्टोफन हॉकिंग्स का विचार काफी सहायक है.
स्टीफन हॉकिंग फ़िल्मी दुनिया में (Fimls & Movies on Stephen Hawking)
दुनिया के कई निर्देशकों ने स्टीफन हॉकिंग पर फिल्म या डॉक्यूमेंट्री का निर्माण किया है. साल 2013 के ऐसे ही एक डाक्यूमेंट्री में खुद स्टीफन हॉकिंग ने अभिनय किया था.
इनपर बनी बायोपिक है ‘ए थियरी ऑफ एव्रीथिंग’ काफी फेमस है. इसे जेम्स मार्श ने निर्देशित किया है. एडी रेडमैन के अभिनय ने स्टीफन हॉकिंग के कठिन परिस्तिथियों से लड़ते हुए सफलता का, मर्मस्पर्शी ढंग से परदे पर उतारा है.
स्टीफन हॉकिंग लगभग पूरी तरह विकलांग थे. फिर भी एक के बाद एक विचार और नए जानकारी दुनिया को देते रहे.
फिल्म में उनके इस जिजीविषा और जटिलता को पूरी जीवंतता के साथ प्रस्तुत किया गया है. उनके लिखित पुस्तकों, लेखों के साथ यह फिल्म भी उन्हें समझने में मददगार है.
स्टीफन हॉकिंग से जुड़े कुछ रोचक जानकारी (Important Facts about Stephen Hawking in Hindi)
- बचपन में स्टीफन हॉकिंग एक औसत छात्र थे. शोध के दौरान उनके कौशल का पता उनके परिचितों को चला.
- उन्होंने बचपन में घर के कई सामान खोलकर ख़राब कर दिए थे. वजह था वे पुर्जों को दोबारा जोड़ नहीं पाते थे. इसलिए उन्हें मेकेनिक के पास लेजाकर ठीक करवाना पड़ता था.
- कैंब्रिज में उन्हें परमाणु पार्टिकल्स या कॉस्मोलॉजी में से एक विषय को चुनना था. उन्होंने कॉस्मोलॉजी को चुना. फिर उसके बाद जो हुआ, उससे आप वाकिफ है.
- ऑक्सफ़ोर्ड में उन्होंने पहला साल अकेले व एकांत में बिताया. दूसरे साल कॉलेज के नौकायन टीम का हिस्सा बनने पर, उनकी दोस्ती अन्य सहपाठियों से हुई.
स्टीफन हॉकिंग के कुछ उल्लेखनीय विचार (Ideas of Stephen Hawking in Hindi)
- जो लोग कहते है कि सबकुछ पहले से ही तय होता है. इसे बदला नहीं जा सकता. वे भी सड़क पार करते वक्त नियत पर नहीं, वास्तविकता पर भरोसा करते है. दोनों तरफ वाहन का काफिला देखने के बाद ही वे सड़क पार करते है.
- उनका मानना था कि अधिक जरुरी काम पहले व कम जरूरी काम बाद में करना चाहिए.
- आक्रमकता इंसानो की सबसे बुरी आदत है जो उनकी सभ्यता का विनाश करती है. हम अपनी मूर्खता और लालच से खुद का ही विनाश करने में लगे हुए है.
- मेरे पास करने के लिए बहोत कुछ है, व्यर्थ समय गवाने से मुझे नफरत है.
- बुद्धिमत्ता अपनाने की काबिलियत है.
- ऊपर सितारों की तरफ देखो, अपने पैरों के नीचे नहीं. जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो. आश्चर्य करो की वह क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाये हुए है. उत्सुक रहो.
- मेरे सेलिब्रिटी होने का सबसे बड़ा नुकसान यह है की मैं किसी को बताये बिना दुनिया में कही भी नही जा सकता.
- चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं.
- मैं सिर्फ एक बच्चा हूँ, जो कभी बड़ा नही हुआ. मैं आज भी ‘क्यों’ और ‘कैसे’ जैस प्रश्न पूछता हूँ. और परिणामतः मुझे इसके जवाब भी मिलते है.
- जिन लोगों से आप प्यार करते हैं, अगर वो नहीं हैं तो ये दुनिया फिर किस काम की है. हम उन्हें हमेशा ताउम्र मिस करेंगे.
फेसबुक पर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking on Facebook)
साल 2014 में वे पहली बार फेसबुक के माध्यम से लोगों से जुड़े. उन्होंने लिखा, “मैं हमेशा से ही सृष्टि की रचना पर हैरान रहा हूँ. समय और अंतरिक्ष हमेशा के लिए रहस्य बने रह सकते हैं. लेकिन इससे मेरी कोशिशें नहीं रुकी हैं.
उन्होंने आगे कहा, “एक-दूसरे से हमारे संबंध अनंत रूप से बढ़े हैं. अब मेरे पास मौका है और मैं इस यात्रा को आपके साथ बांटने के लिए उत्सुक हूं. जिज्ञासु बनें. मैं जानता हूँ कि मैं हमेशा जिज्ञासु बना रहूंगा.”
दरअसल, उन्होंने लोगों से जिज्ञासु बनने का अपील किया था.
निधन (Death of Stephen Hawking in Hindi)
14 मार्च, 2018 को स्टीफन हौकिंग्स ने जीवन का त्याग कर दिया. उनके बच्चों, लुसी, रॉबर्ट और टिम ने सम्मिलित रूप से इसकी घोषणा की. बच्चों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, उनके ‘प्रतिभा और मज़ाकिया अंदाज़’ ने पुरे दुनिया को प्रेरित किया.
स्टीफन हॉकिंग के सिद्धांत कई बार आम लोगों को आसानी से समझ नहीं आते थे. लेकिन, विज्ञान जगत में इसकी खूब तारीफ़ होती थी. ऐसी विकटता में अपना लोहा मनवाने वाला व्यक्ति, भला कैसे विकलांग हो सकता है?
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स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को बताए थे ये सिद्धांत, इस बीमारी थे पीड़ित
दुनिया के जाने माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का निधन आज ही के रोज हुआ था. आइए जानते हैं उन्होंने दुनिया को क्या-क्या बताया है..
- 14 मार्च 2020,
- (अपडेटेड 14 मार्च 2020, 10:26 AM IST)
दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक स्टीफन हॉकिंग का निधन आज ही रोज 76 साल की उम्र में 14 मार्च 2018 को हुआ था. 21 साल की उम्र में स्टीफन हॉकिंग एक भयानक बीमारी की चपेट में आ गए थे. जिसके बाद उनके डॉक्टरों ने कह दिया था कि वो दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे, लेकिन 50 से ज्यादा साल जीने के दौरान हॉकिंग ने अपने डॉक्टरों की भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया था.
आपको बता दें, वे अपनी शारीरिक अक्षमता के बावजूद विश्व के सबसे बड़े वैज्ञानिक थे. उन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी थी. इस बीमारी में मनुष्य का नर्वस सिस्टम धीरे-धीरे खत्म हो जाता है और शरीर के मूवमेंट करने और कम्यूनिकेशन पावर समाप्त हो जाती है. स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था.
स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था. उन्होंने अपने जीवन में स्पेस-टाइम को लेकर कई शोध किए. उन्होंने कई सिद्धांतों को समझाया है, जिसमें बिंग बैंग थ्योरी और ब्लैक होल थ्योरी आदि शामिल है. उनकी जिंदगी पर आधारित एक फिल्म 'द थिअरी ऑफ एवरीथिंग' भी रिलीज हुई थी.
आइए जानते हैं उनके कुछ शोध के बारे में...
ब्लैक होल का सिद्धांत (1971-74)- स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल को लेकर कई शोध किए. उनके पहले सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल का कुल सतह क्षेत्र कभी भी छोटा नहीं होगा. एक अन्य सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल गर्म होता है.
कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी (1982)- यह सिद्धांत साल 1980 में एलन गुथ (Alan Guth) द्वारा दिया गया था. बाद में उन्होंने बताया कि पदार्थ के वितरण में कम बदलाव होता है अर्थात इन्फ्लेशन के दौरान यह ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं के प्रसार को जन्म दे सकता है.
यूनिवर्स का वेव फंक्शन पर मॉडल (1983)- स्टीफन हॉकिंग गुरुत्वाकर्षण के एक क्वांटम थ्योरी की स्थापना में रुचि रखते थे, लेकिन जेम्स हार्टले के साथ उन्होंने 1983 में हार्टले-हॉकिंग स्टेट मॉडल प्रकाशित किया था. यह सिद्धांत कहता है कि समय महाविस्फोट से पहले मौजूद नहीं था और इसलिए ब्रह्मांड की शुरुआत की अवधारणा अर्थहीन है.
टॉप-डाउन थ्योरी (2006)- हॉकिंग का कहना है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है इसलिए वह नई रचनाएं कर सकता है उसके लिए उसे ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता नहीं है.
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विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen Hawking Biography in Hindi
Stephen Hawking Biography in Hindi : विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग को कौन नहीं जानता है। उन्होंने अपने नए-नए आविष्कारों से दुनिया को एक नई दिशा दी। अपनी शारीरिक विकलांगता से लड़ते हुए उन्होंने वो हर चीज़ पाई। जिसकी लोग बस कल्पना ही कर सकते हैं। कई खोज ऐसी की जो नामुमकिन सी लगती थी।
आइए, ले चलते हैं आपको इनके जीवन सफ़र की ओर। आज इस लेख Stephen Hawking Biography In Hindi के माध्यम से हम स्टीफन हॉकिंग के जीवनी के बारे में जानेंगे।
स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen Hawking Biography in Hindi
स्टीफन हॉकिंग का प्रारंभिक जीवन (Stephen Hawking Earlier Life)
मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जन्म इंग्लैंड में 8 जनवरी 1942 में हुआ था। हॉकिंग ने जब जन्म लिया था तब स्टीफन के पिता एक चिकित्सा शोधकर्ता थे। उनका नाम फ्रेंक था। वहीं इनकी माता का नाम इसाबेल था और जो चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में एक सचिव थीं। हॉकिंग के पिता के 3 बच्चे और थे। स्टीफन हॉकिंग एक संपन्न परिवार में जन्म लिए थे।
स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा (Stephen Hawking’s Education)
स्टीफन जब 8 वर्ष के थे तब उनके परिवार वाले सेंट अल्बान में आकर रहने लगे और यहां के ही एक स्कूल में स्टीफन का दाखिला करवा दिया गया। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद स्टीफन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और यहां पर इन्होंने भौतिकी विज्ञान (Physics) पर अध्ययन किया।
कहा जाता है कि स्टीफन को गणित में रुचि थी और वो इसी विषय में अपनी पढ़ाई करना चाहते थे। लेकिन उस वक्त ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में गणित नहीं था। इसलिए बाद में उन्होंने फिजिक्स को चुना।
भौतिकी विज्ञान में प्रथम श्रेणी में डिग्री हासिल करने बाद हॉकिंग ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी आगे की पढ़ाई की। साल 1962 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में डिपार्टमेंट ऑफ एप्लाइड मैथेमैटिक्स एंड थ्योरिटिकल फिजिकल (DAMTP) में इन्होंने ब्रह्माण्ड विज्ञान ( cosmology ) पर रिसर्च किया। शिक्षा के बल पर ही स्टीफन हॉकिंग ने इतनी ख्याति अर्जित की।
जानिए स्टीफन हॉकिंग का कैरियर (Stephen Hawking’s Carrier)
कैंब्रिज से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी हॉकिंग इस कॉलेज से जुड़े रहे और इन्होंने एक शोधकर्ता के रूप में यहां कार्य किया।
- 1972 में DAMTP में बतौर एक सहायक शोधकर्ता अपनी सेवाएं दी और इसी दौरान इन्होंने अपनी पहली अकादमिक पुस्तक, ‘द लाज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ स्पेस-टाइम’ लिखी थी।
- 1974 में इन्हें रॉयल सोसायटी (फैलोशिप) में शामिल किया गया।
- 1975 में डीएएमटीपी में बतौर गुरुत्वाकर्षण भौतिकी रीडर के तौर पर भी कार्य किया।
- 1977 में गुरुत्वाकर्षण भौतिकी के प्रोफेसर के रूप में भी यहां पर अपनी सेवाएं दी।
- 1979 में इन्हें कैम्ब्रिज में गणित के लुकासियन प्रोफेसर (Lucasian Professor) नियुक्त किया गया था, जो कि दुनिया में सबसे प्रसिद्ध अकादमी पद है और इस पद पर इन्होंने साल 2006 तक कार्य किया।
जानिए कैसे खराब हुई हॉकिंग की सेहत
1963 में 21 वर्षीय स्टीफन हॉकिंग की सेहत बिगड़ने लगी थी. स्टीफन की बिगड़ती हालत देख उनके पिता उन्हें अस्पताल ले गए जहां पर उनकी जांच की गई और जांच में पाया गया कि स्टीफन को एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस(ALS) नामक बीमारी है। इस बीमारी के कारण शरीर के हिस्से धीरे-धीरे कार्य करना बंद कर देते हैं और इस बीमारी का कोई भी इलाज नहीं है।
उस वक्त स्टीफन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन उन्होंने अपनी इस बीमारी को अपने सपनों के बीच नहीं आने दिया। बीमार होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई को पूरा किया और 1965 में उन्होंने अपनी Phd की डिग्री हासिल की। पीएचडी में इनके थीसिस का शीर्षक ‘प्रॉपर्टीज ऑफ एक्सपांडिंग यूनिवर्स‘ था।
स्टीफन हॉकिंग की महत्वपूर्ण खोजें (Important discoveries of Stephen Hawking)
स्टीफन हॉकिंग ने कई महत्वपूर्ण खोजें की। जिनमें कुछ महत्वपूर्ण खोजों के बारे में हम आपको बताएंगे।
1. ब्लैक होल का सिद्धांत: 1971-74
- पहले सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल का कुल सतह क्षेत्र कभी भी छोटा नहीं होगा। इसे Hawking area theorem के रूप में भी जाना जाता है।
- एक अन्य सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल गर्म होता है। लेकिन यह शास्त्रीय भौतिकी का एक विरोधाभास है जिसमें कहा गया है कि ब्लैक होल से गर्मी का विकीर्ण नहीं होता हैं।
- एक और ब्लैक होल का सिद्धांत है “no hair” theorem। जिसमें कहा गया है कि ब्लैक होल में विशेषताएं हो सकती है; उनका द्रव्यमान (mass), कोणीय गति (angular momentum) और चार्ज (charge)।
- ब्लैक होल विकिरण का उत्सर्जन करता है, जो तब तक जारी रख सकते हैं जब तक कि वे अपनी ऊर्जा को समाप्त नहीं करते और वाष्पन करते हैं। इसे हॉकिंग विकिरण भी कहा जाता है।
- जनवरी 1971 में, उन्होंने “ब्लैक होल्स” नामक अपने निबंध के लिए प्रतिष्ठित ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन पुरस्कार जीता था।
2. कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी: 1982
यह सिद्धांत साल 1980 में एलन गुथ द्वारा दिया गया था,और वह था कि भौतिक कोस्मोलोजी में, कॉस्मिक इन्फ्लेशन वह सिद्धांत है जिसमें ब्रह्मांड महाविस्फोट के बाद शीघ्र ही फैल जाता है। इसके अलावा, हॉकिंग पहले वैज्ञानिक है जिन्होंने क्वांटम में उतार-चढ़ाव की गणना की है।
3. यूनिवर्स का वेव फ़ंक्शन पर मॉडल: 1983
स्टीफन हॉकिंग गुरुत्वाकर्षण के एक क्वांटम थ्योरी की स्थापना में रुचि रखते थे लेकिन जेम्स हार्टले के साथ उन्होंने 1983 में हार्टले-हॉकिंग स्टेट मॉडल प्रकाशित किया था। यह सिद्धांत कहता है कि समय महाविस्फोट (Big Bang) से पहले मौजूद नहीं था और इसलिए ब्रह्मांड की शुरुआत की अवधारणा अर्थहीन है। ब्रह्मांड में समय या स्थान में कोई प्रारंभिक सीमा नहीं होती है।
4. सिंगुलैरिटी का सिद्धांत: 1970
आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत भी सिंगुलैरिटी के बारे में बताते हैं। उनका सिद्धांत यह है कि टाइम और स्पेस में किसी भी भारी पिंड की वजह से जो झोल पड़ जाता है, वही गुरुत्वाकर्षण है। फिर हॉकिंग को शोध के दौरान पता चला कि बिग-बैंग दरअसल ब्लैक होल का उलटा पतन ही है। उन्होंने पेनरोज़ के साथ मिलकर 1970 में एक शोधपत्र प्रकाशित किया और दर्शाया कि सामान्य सापेक्षता का अर्थ ये है कि ब्रह्मांड ब्लैक होल के केंद्र से ही शुरु हुआ होगा।
5. स्टीफन हॉकिंग की ब्रह्मांड विज्ञान पर आधारित टॉप-डाउन थ्योरी: 2006
थॉमस हर्टोग के साथ उन्होंने 2006 में एक सिद्धांत “top-down cosmology” को प्रस्तावित किया जिसमें कहा गया है कि ब्रह्मांड में एक अनूठी प्रारंभिक अवस्था नहीं थी, लेकिन कई संभावित प्रारंभिक स्थितियों की super-purity शामिल थी।
हॉकिंग का कहना है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है इसलिए वह नई रचनाएँ कर सकता है उसके लिए उसे ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता नहीं है।
आइए स्टीफन हॉकिंग के व्यक्तिगत जीवन के बारे में जानते हैं (Stephen Hawking’s Personal Life)
स्टीफन हॉकिंग ने 1965 में जेन वाइल्ड से शादी कर ली थी। जेन और हॉंकिग के कुल 3 बच्चे थे और इनके नाम रॉबर्ट, लुसी और तीमुथियस है। 1995 में हॉकिंग ने दूसरी शादी इलेन मेसन से की थी।
स्टीफन हॉकिंग द्वारा लिखी गईं पुस्तकें (Books written by Stephen Hawking)
स्टीफन ने कई किताबें लिखी थीं और उनकी ये किताब अंतरिक्ष के विषय में ही लिखी गई थीं। आइए जानते हैं,उनकी कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों के बारे में।
- ‘ ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम ’– हॉकिंग द्वारा लिखी गई सबसे पहली किताब थी. यह बिग बैंग और ब्लैक होल के विषय पर आधारित थी और 1988 में प्रकाशित हुई ये किताब 40 भाषाओं में उपलब्ध है।
- ‘ द यूनिवर्स इन ए नटशेल ’ – यह 2001 में प्रकाशित की गई थी और हॉकिंग द्वारा लिखी गई इस किताब को 2002 में एवेंटिस प्राइस ऑफ साइंस बुक्स मिला था।
- “ द ग्रैंड डिज़ाइन ”- यह 2010 में प्रकाशित हुई थी और इस किताब में भी अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारी दी गई थी. ये काफी सफल किताब साबित हुई थी।
- ‘ ब्लैक होल और बेबी यूनिवर्स ’ – यह 1993 में आई थी और इस पुस्तक में हॉकिंग द्वारा ब्लैक होल से संबंधित लिखे गए निबंधों और व्याख्यानों का जिक्र था।
- 2011 में हॉकिंग ने बच्चों के लिए ” जॉर्ज और द बिग बैंग ” लिखी थी।
स्टीफन हॉकिंग के ऊपर बनी फिल्म (Films on Stephen Hawking)
2014 में हॉकिंग पर एक मूवी बनाई गई थी, जिसका नाम नाम “ द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग’। इस फिल्म में उनकी जिंदगी के संघर्ष को दिखाया गया था और बताया गया था कि किस तरह से इन्होंने अपने सपनों को पूरा किया था। इसे हॉलीवुड के डायरेक्टर जेम्स मार्श ने डायरेक्ट किया था।
स्टीफन हॉकिंग को प्राप्त सम्मान और पुरस्कार (Honors and awards received by Stephen Hawking)
अब हम जानेंगे, हॉकिंग को प्राप्त सम्मान के बारे में।
- 1966 में स्टीफन हॉकिंग को एडम्स पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद इन्होंने 1975 में एडिंगटन पदक और 1976 में मैक्सवेल मेडल एंड प्राइज मिला था।
- हेइनीमान पुरस्कार हॉकिंग को 1976 में मिला था। इस पुरस्कार को पाने के बाद इन्हें 1978 में अल्बर्ट आइंस्टीन मेडल भी मिला था।
- 1985 में हॉकिंग को आरएएस गोल्ड मेडल और 1987 डिराक मेडल ऑफ द इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल भी दिया गया था। इसके बाद 1988 में इस महान वैज्ञानिक को वुल्फ पुरस्कार भी दिया गया था।
- 1989 में प्रिंस ऑफ अस्टुरियस अवार्ड भी हॉकिंग ने अपने नाम किया था। इस अवार्ड को मिलने के कुछ समय बाद इन्होंने एंड्रयू जेमेंट अवार्ड (1998), नायलोर पुरस्कार और लेक्चरशिप (1999) भी दिया गया था।
- 1999 में जो अगला पुरस्कार इन्हें मिला था उसका नाम लिलाइनफेल्ड पुरस्कार था, और रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट की तरफ से इसी साल इन्हें अल्बर्ट मेडल भी दिया गया था।
- ऊपर बताए गए अवार्ड के अलावा इन्होंने कोप्ले मेडल (2006), प्रेसिडेंटियल मेडल ऑफ फ्रीडम (2009), फंडामेंटल फिजिक्स प्राइज (2012) और बीबीवीए फाउंडेशन फ्रंटियर्स ऑफ नॉलेज अवार्ड (2015) भी दिया गया हैं।
स्टीफन हॉकिंग का निधन
स्टीफन हॉकिंग का निधन 14 मार्च 2018 को 76 वर्ष की आयु में हुआ था। स्टीफन हॉकिंग दुनिया से चले गए, लेकिन उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
Stephen Hawking Biography in Hindi – FAQ’s
स्टीफन ने क्या खोज की थी .
स्टीफन ने ब्लैक होल की खोज की थी।
स्टीफन हॉकिंग को कौन सी बीमारी थी?
स्टीफन हॉकिंग को एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस(ALS) नाम की बीमारी थी।
स्टीफन हॉकिंग ने कितनी शादियां की थी?
स्टीफन हॉकिंग ने दो शादियां की थी।
स्टीफन हॉकिंग भारत में कब आए थे?
स्टीफन हॉकिंग 2001 में भारत आए थे।
स्टीफन हॉकिंग की आखिरी किताब का नाम क्या है?
स्टीफन हॉकिंग की आखिरी किताब का नाम ” Is There a God ” हैं।
क्या स्टीफन हॉकिंग भगवान में विश्वास करते थे?
नहीं, स्टीफन हॉकिंग भगवान में विश्वास नहीं करते थे।
ब्लैक होल की खोज कब हुई?
स्टीफन हॉकिंग ने 1971 में पहली बार ब्लैक होल की खोज की।
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दोस्तों इस आर्टिकल Stephen Hawking biography in Hindi में आपको स्टीफन हॉकिंग के जीवन के बारे में सबकुछ जानने को मिल गया होगा। स्टीफन हॉकिंग के जीवन की ये कठिनाइयों से भरी कहानी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
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स्टीफन हॉकिंग की जीवनी – Stephen Hawking Biography Hindi
आज इस आर्टिकल में हम आपको स्टीफन हॉकिंग की जीवनी – Stephen Hawking Biography Hindi के बारे में बताएगे।
स्टीफन हॉकिंग की जीवनी – Stephen Hawking Biography Hindi
स्टीफन हॉकिंग प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक वैज्ञानिक थे। उन्होने 1962 में उन्होने भौतिक विज्ञान की डिग्री ली।
1963 में कैब्रिज विश्वविद्यालय में ब्रह्मांड विज्ञान में रिसर्च की।
इसी साल उन्हे एंयोट्रोफिक लैटरल सेलेरोसिस नाम की बीमारी हो गई, जिसमें अंग धीरे – धीरे काम करना बंद कर देते है।
1974 में रॉयल सोसायटी के सबसे कम उम्र के सदस्य बने।
1988 में उनकी पुस्तक ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम प्रकाशित हुई।
उन्होने ब्लैक होल्स और बिग बैंग सिद्धान्त को समझाने में अहम भूमिका निभाई है।
स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड में हुआ था। उनका पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग था। उनके पिता का नाम फ्रेंक हॉकिंग था, स्टीफन के पिता एक चिकित्सा शोधकर्ता के रूप में कार्य करते थे तथा उनकी माता का नाम इसोबेल था और जो चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में बतौर एक सचिव के रूप में काम करती थी।
उनकी पत्नी का नाम जेने वाइल्ड, एलेन मेसन है 1995 में स्टीफन हॉकिंग को उनकी पहली पत्नी जेन वाइल्ड ने तलाक दे दिया। इस तलाक की वजह उनके नास्तिकता सम्बंधी विचारों को माना जाता है। वे तर्कशील वैज्ञानिक थे और अपने तर्कों से ईश्वर की सत्ता को चुनौती देते रहते थे, जो जेन वाइल्ड को पसंद नहीं थे।
इसके बाद इलियाना मेसन नामक नर्स से उनकी दूसरी शादी हुई। लेकिन यह शादी भी लम्बी नहीं चली और 2007 में फिर उनका तलाक हो गया। तथा उनके बच्चों के नाम लूसी, रॉबर्ट और टिम है।
स्टीफन हॉकिंग ने अपनी शुरुआती शिक्षा सेंट एलबेंस स्कूल में की।
फिर वे ऑक्सफोर्ड के यूनिवर्सिटी कॉलेज चले गए।
उनकी रुचि बचपन से गणित में थी, लेकिन पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे।
चूंकि उनके पिता खुद एक डॉक्टर थे और इसीलिए वे ऐसा चाहते थे। पर संयोगवश उनकी आगे की पढ़ाई भौतिकी विषय में हुई क्योंकि उन दिनों कॉलेज में गणित की पढ़ाई उपलब्ध नहीं थी और धीरे-धीरे इसी विषय से कॉस्मोलॉजी सेक्शन में पढ़ाई की।
उन्होने 1962 में उन्होने भौतिक विज्ञान की डिग्री ली। 1963 में कैब्रिज विश्वविद्यालय में ब्रह्मांड विज्ञान में रिसर्च की। इसी साल उन्हे एंयोट्रोफिक लैटरल सेलेरोसिस नाम की बीमारी हो गई, जिसमें अंग धीरे – धीरे काम करना बंद कर देते है।
करियर – स्टीफन हॉकिंग की जीवनी
1974 में रॉयल सोसायटी के सबसे कम उम्र के सदस्य बने। उन्होंने अपने रिसर्च का ज्यादातर समय ब्लैक होल और स्पेस-टाइम के सिद्धान्तों पर शोध में बिताया। इस संबंध में उन्होंने कई पत्र भी प्रकाशित किए जिससे वैज्ञानिक दुनिया में उनका एक बड़ा नाम हुआ। उनकी सबसे प्रसिद्ध खोज थी जब उन्होंने साबित किया था कि ब्लैक होल से भी कुछ मात्रा में रेडिएशन निकलती है जिसे उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन कहा।
साल 1998 में उनकी किताब A brief History of Time प्रकाशित हुई। इस किताब में उन्होंने महाविस्फोट का सिद्धांत (Big Bang Theory) और ब्लैक होल के बारे में लिखा है। हॉकिंग भौतिक विज्ञान के कई अलग-अलग लेकिन समान रूप से मूलभूत क्षेत्र जैसे गुरुत्वाकर्षण, ब्रह्मांड विज्ञान, क्वांटम थ्योरी, सूचना सिद्धांत और थर्मोडायनमिक्स को एक साथ ले आए थे। क्या आप जानते हैं कि 2014 में स्टीफन हॉकिंग की प्रेरक जिंदगी पर आधारित फिल्म ‘द थिअरी ऑफ एवरीथिंग’ रिलीज हुई थी।
स्टीफन हॉकिंग द्वारा की गई महत्वपूर्ण खोज –
- सिंगुलैरिटी का सिद्धांत (1970) – आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत भी सिंगुलैरिटी के बारे में बताते हैं। हालांकि हॉकिंग के शोध के दौरान पता चला कि बिग-बैंग दरअसल ब्लैक होल का उलटा पतन ही है।
- ब्लैक होल का सिद्धांत (1971-74) – स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल को लेकर कई शोध किए। उनके पहले सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल का कुल सतह क्षेत्र कभी भी छोटा नहीं होगा। एक अन्य सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल गर्म होता है।
- कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी (1982) – यह सिद्धांत साल 1980 में एलन गुथ (Alan Guth) द्वारा दिया गया था। बाद में उन्होंने बताया कि पदार्थ के वितरण में कम बदलाव होता है अर्थात इन्फ्लेशन के दौरान यह ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं के प्रसार को जन्म दे सकता है।
- यूनिवर्स का वेव फंक्शन पर मॉडल (1983 )- स्टीफन हॉकिंग गुरुत्वाकर्षण के एक क्वांटम थ्योरी की स्थापना में रुचि रखते थे, लेकिन जेम्स हार्टले के साथ उन्होंने 1983 में हार्टले-हॉकिंग स्टेट मॉडल प्रकाशित किया था। यह सिद्धांत कहता है कि समय महाविस्फोट से पहले मौजूद नहीं था और इसलिए ब्रह्मांड की शुरुआत की अवधारणा अर्थहीन है।
- टॉप-डाउन थ्योरी (2006) – हॉकिंग का कहना है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है इसलिए वह नई रचनाएँ कर सकता है उसके लिए उसे ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता नहीं है।
- ऊपर सितारों की तरफ देखो अपने पैरों के नीचे नहीं। जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो और आश्चर्य करो की क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाये हुए है। उत्सुक रहो।चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।
- मैंने देखा है वो लोग भी जो ये कहते हैं कि सब कुछ पहले से तय है, और हम उसे बदलने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते, वे भी सड़क पार करने से पहले देखते हैं।
- बुद्धिमत्ता बदलाव के अनुरूप ढलने की क्षमता है।
- विज्ञान केवल तर्क का अनुयायी नहीं है, बल्कि रोमांस और जूनून का भी।
- यदि आप हमेशा गुस्सा या शिकायत करते हैं तो लोगों के पास आपके लिए समय नहीं रहेगा।अन्य विकलांग लोगों के लिए मेरी सलाह होगी , उन चीजों पर ध्यान दें जिन्हे अच्छी तरह से करने से आपकी विकलांगता नहीं रोकती , और उन चीजों के लिए अफ़सोस नहीं करें जिन्हे करने में ये बाधा डालती है। आत्मा और शरीर दोनों से विकलांग मत बनें।
- अतीत, भविष्य की तरह ही अनिश्चित है और केवल सम्भावनों के एक स्पेक्ट्रम के रूप में मौजूद है।
- हम अपने लालच और मूर्खता के कारण खुद को नष्ट करने के खतरे में हैं। हम इस छोटे, तेजी से प्रदूषित हो रहे और भीड़ से भरे ग्रह पर अपनी और अंदर की तरफ देखते नहीं रह सकते।
पुरस्कार – स्टीफन हॉकिंग की जीवनी
- उन्हे 1978 में अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार से नवाजा गया।
- 1988 में वॉल्फ प्राइज़ से सम्मानित किया गया।
- 1989 में प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवाडर्स से नवाजा गया।
- 2006 में कोप्ले मेडल से सम्मानित किया गया।
- 2009 में उन्हे प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
- स्टीफन हॉकिंग को 2012 में विशिष्ट मूलभूत भौतिकी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- The Large Scale Structure of Space-Time – 1973
- General Relativity; an Einstein Centenary Survey – 1979
- Is the End in Sight for Theoretical Physics? An Inaugural Lecture Stephen Hawking – 1980
- A Brief History of Time – 1988
- The Illustrated a Brief History of Time – 1988
- Black Holes and Baby Universes and Other Essays – 1993
- Hawking on the big bang and black holes – 1993
- The Nature of Space and Time – 1996
- The Universe in a Nutshell – 2001
- On the Shoulders of Giants (book) – 2002
- The Future of Spacetime – 2002
- The Theory of Everything: The Origin and Fate of the Universe – 2004
- A Briefer History of Time – 2005
- God Created the Integers – 2005
- A Breif History of Time and the Universe in a Nutshell Stephen Hawking – 2007
- George’s Secret Key to the Universe – 2007
- George’s Cosmic Treasure Hunt – 2009
- The Grand Design – 2010
- The Dreams That Stuff Is Made Of: The Most Astounding Papers of Quantum Physics and How They Shook the Scientific World Stephen Hawking – 2011
- George And The Big Bang – 2011
- My Brief History – 2013
- George and the Unbreakable Code – 2014
- George and the Blue Moon – 2016
- Black Holes: The Reith Lectures – 2016
- Properties of Expanding Universes – 2017
- Brief History/Universe BindUp International-PROP-EXP Stephen Hawking – 2017
- Brief Answers to the Big Questions – 2018
- Unlocking the Universe
हॉकिंग को असली प्रसिद्धी उनकी पुस्तक ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ (A Briefer History of Time) से मिली। 1988 में उनकी पुस्तक ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम प्रकाशित हुई। पुस्तक का पहला संस्करण 1988 में प्रकाशित हुआ और लगातार 237 सप्ताह तक संडे टाइम्स का बेस्ट सेलर रहने के कारण इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में शामिल किया गया।
इस पुस्तक की एक करोड़ प्रति बिकी और 40 अलग-अलग भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ।
मृत्यु – स्टीफन हॉकिंग की जीवनी
स्टीफन हॉकिंग की 14 मार्च 2018 को मृत्यु हो गई।
इसे भी पढ़े – गिप्पी ग्रेवाल की जीवनी – Gippy Grewal Biography Hindi
Sonu Siwach
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स्टीफन हॉकिंग की प्रेरणादायी जीवनी | Stephen Hawking Biography in Hindi
Stephen Hawking Biography & Life History in Hindi / स्टीफन हॉकिंग, एक विश्व प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक विज्ञानी, ब्रह्माण्ड विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान केन्द्र (Centre for Theoretical Cosmology) के शोध निर्देशक हैं। स्टीफन हाकिंग एक ऐसा नाम है जिन्होंने शारीरिक रूप से विकलांग होने के बावजूद अपने आत्मविश्वास के बल पर विश्व का सबसे अनूठा वैज्ञानिक बनाया है जो विश्व में ना केवल अदभुत लोगो बल्कि सामान्य लोगो की प्रेरणा बने है। उन्हें लुकासियन प्रोफेसर ऑफ मैथेमेटिक्स भी कहा जाता है। नब्बे फीसदी विकलांग होने के बावजूद उनकी क्षमता का लोहा पूरी दुनिया मानती है।
स्टीफन हॉकिंग का परिचय – Stephen Hawking Biography in Hindi
शारीरिक रूप से विकलांग होने के बावजूद जीने की चाह ने उन्हें एक महान व्यक्ति के रूप में दुनिया के सामने ला दिया जिसका कोई मुकाबला नही है। महान् वैज्ञानिक स्टीफन विलियम हॉकिंग मोटर न्यूरॉन डिजीज से पीड़ित होकर भी न्यूटन और आइंस्टाइन की बिरादरी में शामिल हो गए हो गये। आज समाज में ऐसे कम ही लोग मिलते हैं, जिन्होंने अपनी इंद्रियों पर विजय पाई हो।
स्टीफन हॉकिंग का जन्म – Stephen Hawking Born
विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी सन् 1942 मे इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड शहर में एक अच्छे शिक्षित परिवार फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग दंपत्ति के यहाँ हुआ, गौरतलब है कि विश्व के एक अन्य महान वैज्ञानिक गलीलियो गेलीली और स्टीफन हॉकिंग की जन्म तिथि एक ही है। बचपन से ही हॉकिंग असीम बुद्धिमत्ता से भरे हुए थे जो लोगो को चौका देती थी। हॉकिंग अपने पिता फ्रेंक द्वारा लिए एक दत्तक पुत्र और अपनी दो बहनों में सबसे बड़े थे। उनके पिता डॉक्टर थे और माँ एक हाउस वाइफ थीं। स्टीफन हॉकिंग की बुद्धि का परिचय इसी बात से लगाया जा सकता है की बचपन में लोग उन्हें “आइंस्टीन” कह के पुकारते थे।
स्टीफन हॉकिंग का बचपन – Early Life of Stephen Hawking
द्वितीय विश्व युद्ध का समय आजीविका अर्जन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था और एक सुरक्षित जगह की तलाश में उनका परिवार ऑक्सफोर्ड आ गया। हॉकिंग की शुरुआती शिक्षा यही से हुई।आप को यह जानकार अचरज होगा कि जो Stephen Hawking आज इतने महान ब्रह्मांड विज्ञानी है, उनका स्कूली जीवन बहुत उत्कृष्ट नहीं था। बचपन से ही स्टीफन गणित विषय में गहरी रूचि थी वे शुरू में अपनी कक्षा में औसत से कम अंक पाने वाले छात्र थे, किन्तु उन्हें बोर्ड गेम खेलना अच्छा लगता था।
उन्होंने बचपन मे ही गणितीय समीकरणों को हल करने के लिए कुछ लोगों की मदद से पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के हिस्सों से कंप्यूटर बना दिया था। लेकिन उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। खैर उस समय गणित विषय न होने के कारण उन्होंने आगे की पढाई भौतिकी विषय लेकर शुरू की और आगे जा के भारतीय वैज्ञानिक “जयंत नार्लीकर “ के सलाह से उन्होंने अपने मनपसंद विषय गणित को ध्यान में रख कर कोस्मोलोजी विषय का चयन किया। उन्होंने अपनी पी.एच.डी के लिए ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की परीक्षा पास की और अपनी आगे की पढाई शुरू की।
स्टीफन हॉकिंग का विकलांगता और खोज – Stephen Hawking Career
स्टीफन हॉकिंग जब 21 साल के थे तो एक बार छुट्टिय मानाने के लिए अपने घर पर आये हुए थे, वो सीढ़ी से उतर रहे थे की तभी उन्हें बेहोशी का एहसास हुआ और वो तुरंत ही नीचे गिर पड़े। उन्हें डॉक्टर के पास ले जायेगा शुरू में तो सब ने उसे मात्र एक कमजोरी के कारण हुई घटना मानी पर बार-बार ऐसा होने पर उन्हें बड़े डोक्टरो के पास ले जाया गया, जहाँ ये पता लगा कि वो एक अनजान और कभी न ठीक होने वाली बीमारी से ग्रस्त है जिसका नाम है Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) । इस बीमारी में शारीर के सारे अंग धीरे धीरे काम करना बंद कर देते है। और अंत में श्वास नली भी बंद हो जाने से मरीज घुट घुट के मर जाता है।
उस समय, डॉक्टरों ने कहा कि स्टीफन हॉकिंग दो वर्ष से अधिक नहीं जी पाएंगे और उनकी जल्द ही मृत्यु हो जाएगी। लेकिन हॉकिंग ने अपनी इच्छा शक्ति पर पूरी पकड़ बना ली थी और उन्होंने कहा की मैं 2 नहीं 20 नहीं पूरे 40 सालो तक जियूँगा। उस समय सबने उन्हें दिलासा देने के लिए हाँ में हाँ मिला दी थी, पर आज दुनिया जानती है की हॉकिंग ने जो कहा वो कर के दिखाया। अपनी इसी बीमारी के बीच में ही उन्होंने अपनी पीएचडीपूरी की और अपनी प्रेमिका जेन वाइल्ड से विवाह किया तब तक हॉकिंग का पूरा दाहिना हिस्सा ख़राब हो चूका था वो stick के सहारे चलते थे। धीरे-धीरे हॉकिंग की शारीरिक क्षमता में गिरावट आना शुरू हो गयी। उन्होंने बैसाखी का इस्तेमाल शुरू कर दिया और नियमित रूप से व्याख्यान देना बंद कर दिया। उनके शरीर के अंग धीरे धीरे काम करना बंद हो गये और उनका शरीर धीरे धीरे एक जिन्दा लाश समान बन गया।
लेकिन उन्होंने इन सब चीजों पे ध्यान न देकर अपनी विज्ञान की दुनिया पे ही ध्यान दिया। बीमारी बढ़ने पर उन्हें व्हील चेयर की जरूरत हुई, उन्हें वो भी दे दी गयी और उनकी ये चेयर तकनिकी रूप से काफी सुसज्जित थी।जब हर किसी ने आशा खो दी तब स्टीफन अपने अटूट विश्वास और प्रयासों के दम पर इतिहास लिखने की शुरुआत कर चुके थे| उन्होंने अपनी अक्षमता और बीमारी को एक वरदान के रूप में लिए। उनके ख़ुद के शब्दों में “वह कहते हैं,
“मेरी बिमारी का पता चलने से पहले, मैं जीवन से बहुत ऊब गया था। ऐसा लग रहा था कि कुछ भी करने लायक नहीं रह गया है।”
बावजूद इसके कि स्टीफन हॉकिंग का शरीर एक जिन्दा लाश की तरह हो गया था लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी| वे यात्राएं करते है, सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेते है और आज लगभग 74 वर्ष की उम्र में निरंतर अपने शोध कार्य में लगे हुए है। उन्होंने विश्व को कई महत्वपूर्ण विचारधाराएँ प्रदान की और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना अतुल्य योगदान दिया।
उन्होंने ब्लैक होल का कांसेप्ट दुनिया को दिया, उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन का विचार भी दुनिया को दिया। और उनकी लिखी गयी किताब “A BRIEF HISTORY OF TIME“ ने दुनिया भर के विज्ञान जगत में तहलका मचा दिया। उनके ख़ुद के शब्दों में
”हालांकि मैं चल नहीं सकता और कंप्यूटर के माध्यम से बात करनी पड़ती है, लेकिन अपने दिमाग से मैं आज़ाद हूँ।“
स्टीफन हॉकिंग का विवाह – Personal Life of Stephen Hawking
हॉकिंग ने पहली सादी अपनी प्रेमिका जेन वाइल्ड से 1965 मे किए जिन्होने 1995 मे तलाक़ दे दिया हॉकिंग की दूसरी शादी ऐलेन मैसन से 1995 मे हुवी जिन्होंने उन्हें 2006 में तलाक दिया। कहा जाता है उनकी पहली पत्नी जेन वाइल्ड बहुत धार्मिक थी जबकि हॉकिंग हमेशा से भगवान के अस्तित्व को चुनौती देते थे। जिसके कारण दुनिया भर में हॉकिंग की काफी किरकिरी भी हुई लेकिन इन सब से दूर हॉकिंग अपनी खोजो पे आगे बढ़ते गये और दुनिया को बता दिया की अपंगता तन से होती है मन से नहीं।
स्टीफन हॉकिंग का IQ – Stephen Hawking IQ
स्टीफन हॉकिंग का IQ 160 है जो किसी जीनियस से भी कहीं ज्यादा है। उन्होंने 2007 में अंतरिक्ष की सैर भी की। जिसमे वो शारीरिक तौर पे “फिट“ पाए गए। आज उन्हें भौतिकी के छोटे बड़े कुल 12 पुरस्कारों से नवाज़ा जा चूका है। लेकिन आज भी वो बस अपनी इच्छा शक्ति के दम पे अपनी जिन्दगी जिए जा रहे है और हमारी यही दुआ है की वो ऐसे ही लंबी जिंदगी जीते रहे और हमे नयी खोजों से अवगत कराते रहें।
“हम ख़ुद को मुश्किलों से घिरा पाकर निराशावादी नज़रिया लेकर मृत्यु का इंतज़ार कर सकतें या जीने की इच्छा और चुनौतियों को स्वीकार कर ख़ुद को अपने सपनों के प्रति समर्पित करके एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सकते है|”
स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु – Stephen Hawking Death in Hindi
विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने 76 की उम्र में अंतिम सांस ली। एक परिवार के प्रवक्ता के मुताबिक, 14 मार्च 2018 की सुबह सुबह अपने घर कैंब्रिज में ‘हॉकिंग की मृत्यु हो गई थी। उनके परिवार ने उनके दुःख व्यक्त करने वाले एक बयान जारी किया था।
ये भी जाने :-
- स्टीफन हॉकिंग के अनमोल विचार
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10 thoughts on “स्टीफन हॉकिंग की प्रेरणादायी जीवनी | stephen hawking biography in hindi”.
bahut achi info hai sir. Agar aap is blog ko wordpress me convert kare to iski seo ache se ho jayegi or aap earn bhi karenge. Thanks. WordPress ki Informatioan ke liye yahan par jaye hindisehelp.com
thanx inf krne k liye
Bahut achi or motivational jivani di apne. Or esme shi kha hai ki apngta keval sarir se hoti hai mn se nhi. Agr ham me majbut echha skti hai to ham kuch bhi kr skte hai dosto.
Es jivni ko prd kr ma motivate ho gya AGR Stephen hawking etni BRI bimari ka baad bhi itna aga phuch skta ha or world ka bra vigyanic bn skta ha to ham to but kuCh kr skta ha apna life ko acha bnana ka lya salute ha Stephen hawking Ji ko thanx sir and Stephen hawking
Thanks for write,its better .i want knew this also, that he is alive or has dead .
Thanks again to Wikipedia
Bahut hi Inspire krne wali biography…….
Noted cosmologist of this century Stephen Hawking passed away. He is standing in line with Scientist Albert Einstein. He was not Noble Laureate but my gut feeling is that the Noble committee missed opportunity. Really he was larger than life.
महान वैज्ञानिक को श्रद्धा सुमन अर्पित
Great Men. Is Article ko padhke motivate ho gaya
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स्टीफन हॉकिंग जीवन परिचय।Stephen Hawking Biography in Hindi
स्टीफन हॉकिंग का पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग है। Stephen Hawking विश्व के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं जिनका जन्म 8 जनवरी 1942 को इंग्लैंड में हुआ था। स्टीफन विलियम हॉकिंग को विज्ञान की दुनिया में किसी भी परिचय की जरूरत नहीं है। स्टीफन हॉकिंग ने ऐसी ऐसी नई खोज की है जिनके बारे में सोचना और उन्हें साबित करना मानव दिमाग के लिए असंभव लगता था।
चलिए जानते हैं स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय – अब क्या करूं लेख में उनके जीवन के बारे में।
स्टीफन हॉकिंग के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
Stephen Hawking Biography in Hindi
स्टीफन हॉकिंग का जन्म और शुरुआती जीवन.
स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को ऑक्सफोर्ड इंग्लैंड में हुआ था। स्टीफन हॉकिंग के पिता का नाम फ्रैंक और माता का नाम इसाबेल एलएन हॉकिंग था। स्टीफन हॉकिंग के पिता दवा के विशेषज्ञ थे और उनकी माता दर्शन शास्त्र अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र की ज्ञाता थी और उनके माता-पिता में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में किसका अध्ययन किया।
स्टीफन हॉकिंग की दो बहने थी जिनका नाम फिलीपा और मैरी था। स्टीफन हॉकिंग के माता-पिता ने एक लड़का भी गोद लिया था जिसका नाम एडवर्ड फ्रैंक डेविड था। स्टीफन हॉकिंग का परिवार काफी पढ़ा-लिखा और किताबों के साथ समय बिताने वाला था।
स्टीफन हॉकिंग का भौतिकी विषय का चयन
स्टीफन हॉकिंग ने अपने स्कूल की शिक्षा सेंट अल्बान में पूरी की और उसके पश्चात उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भौतिकी विषय (Physics) पर अध्ययन किया।
स्टीफन हॉकिंग की स्कूल के समय से ही गणित में अत्यधिक रूचि थी, परंतु ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में गणित विषय नहीं था इसीलिए उन्होंने फिजिक्स को चुना। फिजिक्स में स्टीफन हॉकिंग ने प्रथम श्रेणी से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की और कैंब्रिज विश्वविद्यालय में डीएएमटीपी (डिपार्टमेंट ऑफ़ अप्लाइड मैथमेटिक्स एंड थियोरेटिकल फिजिकल) में ब्रह्मांड पर रिसर्च किया।
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स्टीफन हॉकिंग की हालत कैसे बिगड़ी.
जन्म के समय स्टीफन हॉकिंग सही थे और 21 वर्ष का होते होते उनकी हालत बिगड़ने लगी। पिता ने टिफन हॉकिंग की यह हालत देखकर उन्हें अस्पताल ले गए जहां पर डॉक्टरों द्वारा की गई जांच में यह पता लगा कि स्टीफन विलियम वाकिंग को ए एल एस (एमयूट्रॉफिक लैटरल स्क्लेरोसिस) बीमारी है।
ए एल एस बीमारी में शरीर के हिस्से धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं और इस बीमारी का कोई भी इलाज मौजूद नहीं है। उस समय स्टीफन विलियम हॉकिंग कैंब्रिज विश्वविद्यालय में ब्रह्मांड के विज्ञान का अध्ययन कर रहे थे। इस बीमारी के बावजूद उन्होंने सन 1965 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की और इस पीएचडी में स्टीफन विलियम हॉकिंग द्वारा लिखे गए थे इसका शीर्षक “प्रॉपर्टीज ऑफ एक्सपेंडिंग यूनिवर्स” था।
स्टीफन हॉकिंग द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्य
स्टीफन हॉकिंग ने बिग बैंग सिद्धांत और ब्लैक होल को समझाने में एक अहम भूमिका निभाई है। स्टीफन हॉकिंग को 12 डिग्रियां और अमेरिका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान भी प्राप्त हुआ है।
स्टीफन हॉकिंग ने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिकता के कारण पूरे विश्व में छाती प्राप्त की और उनकी लिखी गई किताब “समय का संक्षिप्त इतिहास” एक बहुत ही लोकप्रिय पुस्तक है जो सन 1988 में प्रकाशित हुई थी और जिसकी लगभग 10 लाख से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं।
स्टीफन विलियम हॉकिंग द्वारा की गई खोजें
- थ्योरी ऑफ सिंगुलेरिटी – इस सिद्धांत में स्टीफन विलियम हॉकिंग ने यह बताया कि किसी भी भारी पिंड की वजह से टाइम और स्पेस में जो झूल बन जाता है वही गुरुत्वाकर्षण बल है। बाद में उन्होंने सन 1970 में एक शोध पत्र प्रकाशित किया जिसमें पेनरोज ने उनका साथ दिया था और जिसमें बताया गया कि ब्रह्मांड की शुरुआत ब्लैक होल के केंद्र से हुई थी।
- ब्लैक होल का सिद्धांत – ब्लैक होल के पहले सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल किस्त है कभी भी छोटी नहीं होती। ब्लैक होल सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल का तापमान बहुत गर्म होता है लेकिन यह भौतिकी शास्त्र का एक विरोधाभास है जिससे ब्लैक होल से निकलने वाली गर्मी बाहर नहीं आती।ब्लैक होल सिद्धांत के नो हेयर थेओरम में कहा गया कि ब्लैक होल में द्रव्यमान, चार्ज, कोणीय गति आदि विशेषताएं हो सकती हैं। सन 1971 में ब्लैक होल पर लिखे गए निबंध के लिए स्टीफन ने ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन पुरस्कार जीता था।
- स्टीफन विलियम हॉकिंग ऐसे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने क्वांटम में उतार-चढ़ाव की गणना की थी।
- जेम्स हार्टले के साथ सन 1983 में एक मॉडल प्रकाशित किया गया जिसका नाम हार्टले-हॉकिंग स्टेट रखा गया। इसमें यह बताया गया कि बिगबैंड यानी महा विस्फोट से पहले ब्रह्मांड की मौजूदगी नहीं थी और ब्रह्मांड की शुरुआत बिग बैंग यानी महा विस्फोट के बाद हुई।
- सन 2006 में स्टीफन हॉकिंग ने ब्रह्मांड विज्ञान पर आधारित top-down चोरी दी जिसके अनुसार ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण शक्ति किसी भी नई रचना को करने में सक्षम है। और इसके लिए किसी अलौकिक शक्ति की आवश्यकता नहीं है।
स्टीफन के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएं
- सन 1966 में स्टीफन हॉकिंग को ऐडम्स पुरस्कार से नवाजा गया।
- सन 1972 में ‘द लाज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ स्पेस-टाइम’ पुस्तक लिखी।
- सन 1974 में रॉयल सोसाइटी में स्टीफन हॉकिंग को शामिल किया गया।
- सन 1975 में गुरुत्वाकर्षण भौतिकी रीडर के तौर पर डी ए एम टी पी में कार्य।
- 1975 में एडिंगटन पदक।
- सन 1976 में मैक्सवेल मॉडल एंड प्राइस और हेयिनीमान पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- भौतिकी के प्रोफेसर के रूप में 1977 में कार्य किया।
- सन 1988 में वुल्फ पुरूस्कार। इसी साल उन्होंने अपनी किताब ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ प्रकाशित की थी जो 40 भाषाओं में उपलब्ध है।
- सन 1989 में गणित के लुकासियन प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया। इसी साल प्रिंस ऑफ अस्तुरियस अवार्डne नवाजा गया।
- सन 1993 में ‘ब्लैक होल और बेबी यूनिवर्स’ पुस्तक का प्रकाशन किया जिसमें ब्लैक होल और उससे संबंधित जानकारियां का विज्ञान था।
- सन 1998 में एंड्रयू जेमेंट अवार्ड।
- सन 1999 में नायल और पुरस्कार और कल्चर शिप। इसी साल लीलाइनफील्ड पुरस्कार और रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट की तरफ से अल्बर्ट मेडल दिया गया था
- सन 2001 में ‘द यूनिवर्स इन नट शेल’ नामक किताब प्रकाशित की गई।
- सन 2002 में ‘द यूनिवर्स इन नट शेल’ किताब को अवेंटिस प्राइस ऑफ साइंस बुक्स प्राप्त हुआ।
- 2006 में कोप्ले मेडल।
- 2009 में प्रेसिडेंटियल मेडल ऑफ फ्रीडम।
- 2010 में ‘द ग्रैंड डिजाइन’ नामक किताब प्रकाशित की जिसमें अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारियां शामिल थी।
- सन 2011 में ‘जॉर्ज एंड द बिग बैंग’ बच्चों के लिए किताब का प्रकाशन।
- सन 2012 में फंडामेंटल फिजिक्स प्राइस।
- 2015 में बी बी बी ए फाउंडेशन फ्रंटियर ऑफ नॉलेज अवार्ड।
स्टीफन विलियम हॉकिंग की पत्नी
स्टीफन विलियम हॉकिंग की पत्नी का नाम जैन वाइल्ड था और उन्होंने फॉकिंग का साथ उनके बुरे वक्त में दिया। जब स्टीफन को 21 साल की उम्र में अपनी बीमारी के बारे में पता चला उसी साल उनकी मुलाकात उनकी पत्नी जैन वाइल्ड से हुई।
सन 1965 में हाकिंग में जैन वाइल्ड से शादी कर ली जिसके पश्चात उनके 3 बच्चे हुए जिनका नाम रॉबर्ट, लूसी और तिमोथियस है।
सन 1995 में फॉकिंग ने अपनी पत्नी जैन वाइल्ड से तलाक लिया और उसके पश्चात फॉकिंग ने अपनी दूसरी पत्नी एलन मेंसन से सन 1995 में शादी की। सन 2016 में इन्होंने अपनी दूसरी पत्नी एलन मेंसन से तलाक़ ले लिया।
स्टीफन विलियम हॉकिंग की मृत्यु
स्टीफन काफी समय से बीमार चल रहे थे और 14 मार्च 2018 को अपने घर कैंब्रिज में उन्होंने अंतिम सांस ली। स्टीफन विलियम हॉकिंग ने 53 साल व्हीलचेयर पर बिताए और इनकी मृत्यु के समय इनकी आयु 76 वर्ष की थी।
स्टीफन विलियम हॉकिंग जीवन परिचय- Stephen Hawking Biography in Hindi पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद! यदि आपके स्टीफन विलियम हॉकिंग के बारे में कुछ विचार हैं तो आप कमेंट बॉक्स में इन्हें व्यक्त कर सकते हैं।
जरूर पढ़ें:
- विज्ञान क्या है? – महत्व, चमत्कार, प्रकार, लाभ और हानि
- पिंगबैक: गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं? - Gravity in Hindi
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Stephen Hawking Biography In Hindi – स्टीफन हॉकिंग की जीवनी
नमस्कार दोस्तों आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है , आज आपको हम Stephen Hawking Biography उन्होंने पुरे विस्व को अपनी रिसर्च के जरिये बहुत बड़ी और मूल्यवान खोजे करके देदी और अपना नाम महान वैज्ञानिको में लिखवा दिया है।
आज इस पोस्ट में आपको stephen hawking wife का नाम क्या था ? , महान वैज्ञानिक stephen hawking education कहा से प्राप्त की थी और stephen hawking deat रीज़न क्या था जैसे कई सवालों के जवाब आज इस आर्टिकल में मिलने वाले है। कई इंसान ऐसे होते है जो अपना काम ही कुछ ऐसे अच्छे और महत्व पूर्ण हुआ करते है की उसका फायदा पुरे विश्व को मिलता है ,ऐसे ही स्टीफन हॉकिंग ने विज्ञान क्षेत्र में बहुत ही महत्ब पूर्ण योगदान दिया है।
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स्टीफन हॉकिंग जिन्होंने मौत को मात दे दी – Inspirational Life Story of Stephen Hawking
8 जनवरी 1942, को स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) का जन्म हुआ था। हालांकि वे एक अच्छे शिक्षित परिवार में पैदा हुए थे, परन्तु उनके परिवार की आर्थिक अवस्था ठीक नहीं थी। द्वितीय विश्व युद्ध का समय आजीविका अर्जन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था और एक सुरक्षित जगह की तलाश में उनका परिवार ऑक्सफोर्ड आ गया।
आप को यह जानकार अचरज होगा कि जो Stephen Hawking आज इतने महान ब्रह्मांड विज्ञानी है, उनका स्कूली जीवन बहुत उत्कृष्ट नहीं था|
वे शुरू में अपनी कक्षा में औसत से कम अंक पाने वाले छात्र थे, किन्तु उन्हें बोर्ड गेम खेलना अच्छा लगता था| उन्हें गणित में बहुत दिलचस्पी थी, यहाँ तक कि उन्होंने गणितीय समीकरणों को हल करने के लिए कुछ लोगों की मदद से पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के हिस्सों से कंप्यूटर बना दिया था|
ग्यारह वर्ष की उम्र में स्टीफन, स्कूल गए और उसके बाद यूनिवर्सिटी कॉलेज, ऑक्सफोर्ड गए| स्टीफन गणित का अध्ययन करना चाहते थे लेकिन यूनिवर्सिटी कॉलेज में गणित उपलब्ध नहीं थी, इसलिए उन्होंने भौतिकी अपनाई।
विकलांगता – Disability
ऑक्सफोर्ड में अपने अंतिम वर्ष के दौरान हॉकिंग अक्षमता के शिकार होने लगे| उन्हें सीढ़ियाँ चढ़ने और नौकायन में कठिनाइयों का समाना करना पड़ा| धीरे-धीरे यह समस्याएं इतनी बढ़ गयीं कि उनकी बोली लड़खड़ाने लगी। अपने 21 वें जन्मदिन के शीघ्र ही बाद, उन्हें Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) नामक बीमारी से ग्रसित पाया गया| इस बीमारी के कारण शरीर के सारे अंग धीरे धीरे काम करना बंद कर देते है और अंत में मरीज की म्रत्यु हो जाती है।
उस समय, डॉक्टरों ने कहा कि स्टीफन हॉकिंग दो वर्ष से अधिक नहीं जी पाएंगे और उनकी जल्द ही मृत्यु हो जाएगी|
धीरे-धीरे हॉकिंग की शारीरिक क्षमता में गिरावट आना शुरू हो गयी| उन्होंने बैसाखी का इस्तेमाल शुरू कर दिया और नियमित रूप से व्याख्यान देना बंद कर दिया। उनके शरीर के अंग धीरे धीरे काम करना बंद हो गये और उनका शरीर धीरे धीरे एक जिन्दा लाश समान बन गया |
लेकिन हॉकिंग ने विकलांगता को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया। उन्होंने अपने शोध कार्य और सामान्य जिंदगी को रूकने नहीं दिया|
जैसे जैसे उन्होंने लिखने की क्षमता खोई, उन्होंने प्रतिपूरक दृश्य तरीकों का विकास किया यहाँ तक कि वह समीकरणों को ज्यामिति के संदर्भ में देखने लगे।
विकलांगता पर विजय
जब हर किसी ने आशा खो दी तब स्टीफन अपने अटूट विश्वास और प्रयासों के दम पर इतिहास लिखने की शुरुआत कर चुके थे| उन्होंने अपनी अक्षमता और बीमारी को एक वरदान के रूप में लिए । उनके ख़ुद के शब्दों में “वह कहते हैं,
“मेरी बिमारी का पता चलने से पहले, मैं जीवन से बहुत ऊब गया था| ऐसा लग रहा था कि कुछ भी करने लायक नहीं रह गया है।”
लेकिन जब उन्हें अचानक यह अहसास हुआ कि शायद वे अपनी पीएचडी भी पूरी नहीं कर पायेंगे तो उन्होंने, अपनी सारी ऊर्जा को अनुसंधान के लिए समर्पित कर दिया।
अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी उल्लेख किया है –
“21 की उम्र में मेरी सारी उम्मीदें शून्य हो गयी थी और उसके बाद जो पाया वह बोनस है ।”
उनकी उनकी बीमारी ठीक नहीं हुयी और उनकी बीमारी ने उन्हें व्हीलचेयर पर ला दिया और उन्हें एक कंप्यूटर मशीन के माध्यम से बात करने के लिए मजबूर कर दिया, लेकिन वे कभी रुके नहीं|
उनके ख़ुद के शब्दों में
” हालांकि मैं चल नहीं सकता और कंप्यूटर के माध्यम से बात करनी पड़ती है , लेकिन अपने दिमाग से मैं आज़ाद हूँ “ । “
बावजूद इसके कि स्टीफन हॉकिंग का शरीर एक जिन्दा लाश की तरह हो गया था लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी| वे यात्राएं करते है, सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेते है और आज लगभग 74 वर्ष की उम्र में निरंतर अपने शोध कार्य में लगे हुए है। उन्होंने विश्व को कई महत्वपूर्ण विचारधाराएँ प्रदान की और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना अतुल्य योगदान दिया|
वे अंतरिक्ष में जाना चाहते है और वे कहते है कि उन्हें ख़ुशी होगी कि भले ही उनकी अंतरिक्ष में मृत्यु हो जाए|
जीने की इच्छा और चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तत्परता से स्टेफन हाकिंग ने यह साबित कर दिया कि मृत्यु निश्चित है, लेकिन जन्म और मृत्यु के बीच कैसे जीना चाहते हैं वह हम पर निर्भर है|
हम ख़ुद को मुश्किलों से घिरा पाकर निराशावादी नज़रिया लेकर मृत्यु का इंतज़ार कर सकतें या जीने की इच्छा और चुनौतियों को स्वीकार कर ख़ुद को अपने सपनों के प्रति समर्पित करके एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सकते है|
Posted by Abhishek
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स्टीफन हॉकिंग की जीवनी | Stephen Hawking Biography In Hindi
स्टीफन हॉकिंग की जीवनी (विचार, कहानी, पुस्तकें, खोज, बीमारी, फोटो, पत्नी, बच्चे, मृत्यु, सम्पति, पुरस्कार, उपलब्धियां) (Stephen Hawking Biography In Hindi, birthday, Film, Age, wife, Net Worth, Husband, Family, Child, Death, Theory, Inventions, award, quotes )
आज के पोस्ट में हम आपको महान साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग की जीवनी (Stephen Hawking Biography In Hindi) के बारे में पूरी जानकारी साझा करने वाले हूं। इसके साथ ही आप जानेंगे कि शुरू से ही परेशानियों का सामना कर कैसे सटीफन हॉकिंग ने अपने साइंटिस्ट बनने के ख्वाब को पूरा किया था। ये एक ऐसे साइंटिस्ट थे जिन्होंने विज्ञान की दुनिया में अपनी तरफ से काफी योगदान किया है। तो चलिए बगैर वक्त गवाए जानते हैं स्टीफन हॉकिंग के जीवन के बारे में
Table of Contents
स्टीफन हॉकिंग की जीवनी (Stephen Hawking Biography In Hindi)
स्टीफन हॉकिंग का शुरुआती जीवन (stephen hawking early life).
यदि हम स्टीफन हॉकिंग की बात करें तो इनका जन्म साल 8 जनवरी 1942 में इंग्लैंड देश में हुआ था। एक विशेष बात तो यह है कि जिस समय दुनिया में दूसरी विश्व युद्ध चल रही थी तब इनका जन्म हुआ था। यही नहीं इनके माता और पिता का घर नॉर्थ लंदन में था। परंतु इस युद्ध की वजह से इनके माता पिता के घर को चेंज करना पड़ा था। जिसके पश्चात उन्होंने अपने पुराने घर को चेंज कर वे लंदन में ही एक सेफ स्थान पर रहने लगे।
जानकारी के मुताबिक स्टीफन हॉकिंग के पिता एक मेडिकल रिसर्चर के रूप में काम करते थे। जिनका नाम फ्रेंक हॉकिंग और माता का नाम इसोबेल हॉकिंग था। इसोबेल हॉकिंग एक सचिव के रूप में कार्य करती थी। यही नहीं कहा जाता है कि स्टीफन के मां और पिता दोनों ही मेडिकल अनुसंधान संस्थान में ही मिले थे। मिलने के बाद इन्होंने शादी करने का फैसला किया और इन्होंने विवाह भी कर लिया। जिसके पश्चात इन दोनों के 4 बच्चे थे।
स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा (Stephen Hawking education)
जब स्टीफन हॉकिंग की उम्र केवल 8 साल की थी तब उनके फैमिली वालों ने सेंट अल्बान नाम के जगह पर जाकर रहने का फैसला किया और वही के पास में ही एक स्कूल भी था जहां पर स्टीफन के परिवार ने उनका एडमिशन कराया। स्टीफन हॉकिंग ने जब अपनी स्कूल की शिक्षा पूर्ण कर किया तब उसके बाद इन्होंने ऑक्सफोर्ड हाई स्कूल में एडमिशन लिया था। इस हाई स्कूल में इन्होंने फिजिक्स सब्जेक्ट की पूरी पढ़ाई की। जब स्टीफन ने हाई स्कूल में एडमिशन लिया तब इसका उम्र केवल 17 साल ही था। एक सर्वे के मुताबिक स्टीफन हॉकिंग को मैथ्स सब्जेस्ट ज्यादा पसंद थी और वे अपनी पढ़ाई इस सब्जेक्ट से ही पूरा करने के बारे में सोच रहे थे लेकिन समस्या ये रह थी कि जिस हाई स्कूल में उनका एडमिशन हुआ था वहां पर ये सब्जेक्ट नही पढ़ाया जाता था। और यही वजह था जब स्टीफन हॉकिंग को अपने पसंद के सब्जेक्ट के बजाए फिजिक्स सब्जेक्ट का चयन करना पड़ा। स्टीफन हॉकिंग पढ़ाई में काफी तेज थे और उन्होंने फिजिक्स में फर्स्ट डिग्री हासिल कर इस बात को साबित भी कर दिखाया। इसके पश्चात इन्होंने कैम्ब्रिज हाई स्कूल में साल 1962 में अपनी आगे की शिक्षा प्राप्त की।
1963 में स्टीफन हॉकिंग की बिगड़ी सेहत (Stephen Hawking Disease)
एक समय था जब स्टीफन हॉकिंग भी एक नॉर्मल व्यक्ति की तरह अपनी जिंदगी गुजार रहे थे लेकिन किस्मत को यह मंजूर नहीं था और सन् 1963 में इनकी सेहत अचानक से बिगड़ने लगी। जब इन्ही सेहत खराब हुई तब इनकी आयु केवल 21 साल थी और उनकी सेहत से परेशान स्टीफन हॉकिंग के पिता ने इन्हें हॉस्पिटल भी ले गए।
हॉस्पिटल में इनकी जांच कराई गई और इस चेकअप के दौरान एक बहुत बड़ी बीमारी सामने आया जिसका नाम एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस था। यह एक ऐसा रोग था जिसमें स्टीफन हॉकिंग के शरीर के भाग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं और समस्या वाली बात तो यह है कि इस रोग का कोई उपचार नहीं है।
जानकारी के मुताबिक जब स्टीफन हॉकिंग को इस रोग की जानकारी हुई उस समय वे कैम्ब्रिज हाई स्कूल से अपने शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। परंतु पढ़ने की चाह और कुछ कर गुजरने की क्षमता इनमें इतनी ज्यादा थी की इन्होंने अपने ख्वाब के बीच में किसी रोग को नहीं आने दिया।
इतना गंभीर रोग होने के बाद भी इन्होंने अपनी पढ़ाई बंद नहीं की और अपनी पढ़ाई पूरी शिद्दत से भी पूरा किया। यही नहीं इस बीमारी के दौरान ही इन्होंने अपनी मेहनत से पीएचडी जैसे डिग्री को भी हासिल कर लिया।
स्टीफन हॉकिंग की वाइफ (Stephen Hawking Wife)
स्टीफन हॉकिंग ने दो शादी कर रखी थी। जब स्टीफन हॉकिंग को अपने गंभीर रोग के बारे में मालूम हुआ तब वे उसी वर्ष अपनी पहली पत्नी से मिले। उनकी पहली पत्नी यानी कि जेन वाइल्ड को इस रोग के बारे में पता चला तो वे स्टीफन की बुरी कंडीशन में भी इनका साथ दिया और वर्ष 1965 में स्टीफन ने इनसे शादी भी कर लिया।
आपको बता दूं कि स्टीफन और जेन वाइल्ड के टोटल तीन बच्चे थे। स्टीफन और जेन दोनों ने ही इस शादी के बंधन में 30 वर्ष साथ रहें और वर्ष 1995 में दोनों ने डिवोर्स ले लिया। इसी वर्ष स्टीफन ने दूसरी शादी ऐलेन मेसन से कर लिया और इनकी शादी वर्ष 2006 तक चली।
स्टीफन हॉकिंग को मिले पुरस्कार (Stephen Hawking Awards)
स्टीफन हॉकिंग की खोज (stephen hawking discoveries), स्टीफेन हॉकिंग की फिल्म (stephen hawking life movie).
स्टीफन हॉकिंग के ऊपर फिल्म भी बन चुका है। जी हां जानकारी के मुताबिक साल 2014 में स्टीफन हॉकिंग के ऊपर द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग नाम की फिल्म बनाई गई थी। द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग नाम के इस मूवी में स्टीफन हॉकिंग के जीवन के संघर्ष के ऊपर बनाया गया था। इसके अलावा इस फिल्म में यह भी दिखाया गया कि इतनी सारी परिशानियां होने के बावजूद स्टीफन हॉकिंग ने अपने ख्वाब को पूरा कर एक मिशाल कायम कर दिया।
स्टीफन हॉकिंग की कुल संपत्ति (Stephen Hawking Net Worth)
एक रिपोर्ट के मुताबिक स्टीफन हॉकिंग ने अपने अवार्ड एवं किताबों के जरिए काफी संपत्ति कमाए हैं। देखा जाए तो स्टीफन हॉकिंग का लंदन में कैम्ब्रिज नाम के क्षेत्र में इनका खुद का मकान भी है। इस समय इनके पास लगभग $ 20 मिलियन की दौलत है।
स्टीफन हॉकिंग का निधन (Stephen Hawking dies)
दोस्तों काफी लंबे टाइम से स्टीफन हॉकिंग काफी बीमार चल रहे थे। लेकिन जैसा कि मैंने आपको इनके संघर्ष के बारे में बताया कि जब स्टीफन हॉकिंग को इस बीमारी का पता चला था तब उनकी आयु केवल 21 साल था लेकिन उन्होंने इस बीमारी को अपने सपने के बीच नही आने दिया और एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस नाम के इस बीमारी को स्टीफन हॉकिंग ने काफी लंबे समय तक झेला भी है। काफी संघर्ष के बाद आखिर में इनकी मौत लंदन में 14 मार्च 2018 में हुआ और इन्होंने दुनिया को अलविदा कर दिया। परंतु भले ही ये दुनिया में नहीं है लेकिन आज भी इनका नाम दुनिया भर में लिया जाता है।
स्टीफन हॉकिंग के उद्धरण ( Stephen Hawking Quotes)
- हमें सबसे अधिक जरुरी काम सबसे पहले करना चाहियें
- जो लोग ये बात बोलते है कि सब कुछ पहले से ही तय है हम लोग कुछ भी नही बदल सकते, लेकिन वो लोग सड़क पार करने के लिए भी पहले इधर उधर देखते है.
- अगर आप लोगो से हमेशा शिकायत करते रहोगे तो वही लोग आपके लिए समय नही निकालेंगे
- मैं मृत्यु से बिल्कुल नही घबराता हूं, लेकिन मुझे मरने की भी कोई जल्दी नही है, मेरे पास पहले ही करने के लिए बहुत कुछ काम है।
- आप शरीर रूप से विकलांग हो सकते है, लेकिन आत्मा से नही
निष्कर्ष – दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैंने आपको स्टीफन हॉकिंग की जीवनी (Stephen Hawking Biography In Hindi) से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा किया है और उम्मीद है कि स्टीफन हॉकिंग की संघर्ष की कहानी आपको काफी उत्साहित करेगा। यदि आप भी स्टीफन हॉकिंग जैसे कई महान व्यक्तियों के जीवन के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे वेबसाइट पर आते रहें।
Q : स्टीफन का जन्म कब हुआ था ? Ans : स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को हुआ था।
Q : स्टीफन का जन्म स्थान कहां है ? Ans : कैम्ब्रिज, इंग्लैंड नाम के इस स्थान पर इनका जन्म हुआ था।
Q : स्टीफन हॉकिंस को कौन सी बीमारी थी? Ans : मोटर न्यूरॉन
Q : स्टीफन हॉकिंग ने किसकी खोज की थी? Ans : ब्लैक होल और महाविस्फोट का सिद्धांत
Q : स्टीफन हॉकिंग को कौन सा रोग हुआ था ? Ans : स्टीफन हॉकिंग को मोटर न्यूरॉन नाम का रोग था जिसका कोई उपचार नहीं है।
Q : स्टीफन हॉकिंग का निधन कब हुआ था? Ans : 14 मार्च 2018
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स्टीफन हॉकिंग के बारे में रोचक तथ्य - Interesting facts about Stephen Hawking
स्टीफन हॉकिंग के बारे में रोचक तथ्य - Interesting Facts About Stephen Hawking
- स्टीफन हाकिंग (Stephen Hawking) का जन्म 8 जनवरी 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड में हुआ था जब स्टीफन हाकिंग का जन्म हुआ तो वो बिलकुल स्वास्थ्य और सामान्य थे
- स्टीफन हाकिंग (Stephen Hawking) के पिता का नाम फ्रेंक और माता का नाम इसोबेल था दोनों ही ऑक्सफ़ोर्ड में पढ़े थे जब स्टीफन हाकिंग का जन्म हुआ तब द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था
- स्टीफन हाकिंग (Stephen Hawking) के पिता बहुत गरीब परिवार से आये थे जिनके वंशज खेती करके जीवन यापन करते थे स्टीफन की माँ इसोबेल के पिता डॉक्टर थे
- स्टीफन हाकिंग (Stephen Hawking) के पिता को उनकी गणित के प्रति रूचि बिलकुल अच्छी नही लगती थी फिर उन्होंने पिता की बात रखने के लिए गणित के साथ रसायन विज्ञान और पदार्थ विज्ञान की पढाई करने का विचार किया इसलिए 17 साल की उम्र में उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड में प्रवेश ले लिया
- स्टीफन हाकिंग (Stephen Hawking) दिन में केवल एक घंटा पढाई करते थे वो पुस्तके नही पढ़ते थे बल्कि कक्षा में पढ़कर उनके नोट्स बनाते थे फिर पुस्तको में उन नोट्स से कमिया निकालते थे
- स्टीफन हाकिंग (Stephen Hawking) ने 1962 में कैम्ब्रिज में दाखिला ले लिया
- स्टीफन हॉकिंग को लोग बचपन में आइंस्टीन कहकर पुकारा करते थे क्योकि ये बचपन से ही पढाई में अव्वल थे
- आमतौर पर आम लोगो का IQ 100 के आसपास होता है लेकिन स्टीफन हॉकिंग के IQ की जॉच की गयी तो 160 से ज्यादा पाया गया जो किसी भी बेहतर जीनियस से ज्यादा होता है
- स्टीफन हॉकिंग अपने बचपन के दिनों में ही पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों एक कंप्यूटर बना दिया था
- स्टीफन हॉकिंग ने मात्र 17 साल की उम्र में ही oxford university में प्रवेश ले लिया था
- स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन में 2 बार शादी (पहली वर्ष 1965 में जेन वाइल्ड नाम की लडकी से और दूसरी 1995 में ऐलेन मेसन नाम की लडकी से) की जिनसे इनके 3 बच्चे भी है
- स्टीफन हॉकिंग को सन 1978 में आइंस्टीन अवार्ड से भी नवाजा गया
- स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन काल में कुल 12 डिग्रीयां प्राप्त की
- स्टीफन हॉकिंग ने A Brief Histroy of Time नाम की किताब लि खी जिसने पुरे विज्ञान जगत में तहलका मचा दिया
- स्टीफन हॉकिंग वर्ष 2007 में अंतरिक्ष में भी जाकर आ चुके है
- जब स्टीफन मात्र 21 वर्ष के थे तब इन्हे न्यूरॉन मोर्टार डीसीस नामक बीमारी हो गयी थी जिसके कारण इनका शरीर लगभग 90 प्रतिशत शरीर को अपंग गया था
- डॉक्टर्स के अनुसार स्टीफन हॉकिंग सिर्फ 2 साल ही जीवित रह सकते थे इसके अलावा 5 प्रतिशत लोग केवल 20 वर्ष तक ही जीवित रह पाते है और वे 55 वर्ष तक व्हील चेयर पर ही जिन्दा रहे
- हॉकिंग को कभी नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया क्योंकि इनके द्वारा की गई खोजों को सैद्धांतिक रूप से तो साबित किया गया लेकिन इनका कोई अनुभवजन्य साक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका
- इन्होंने अपने लिए एक विशेष प्रकार की व्हील चेयर डिजायन कराई थी जो उनके हाथों और उनकी ऑखों के कंपन से बता देती थी कि वो क्या बोलना चाहते हैं
- स्टीफन हॉकिंग एक भौतिक विज्ञानी, ब्रम्हाण्ड विज्ञानी, लेखक एवं केम्ब्रिज विश्ववि धालय में सैद्वान्तिक ब्रम्हाण्ड विज्ञान केन्द्र (Center for theoretical cosmology) के शोध निर्देशक थे
- आपको जानकर आश्चर्य होगा कि स्टीफन हॉकिंग का जन्म से ठीक 300 वर्ष पूर्व 8 जनवरी 1642 को महान वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली का निधन हुआ था और स्टीफन हॉकिंग के निधन से ठीक 139 वर्ष पहले 14 मार्च 1879 को एक और महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म हुआ था
- स्टीफन हॉकिंग को भौतिकी के छोटे - बडे कुल 12 पुरस्कारों से नावाजा गया
- स्टीफन हॉकिंग को अमेरिका के राष्ट्रपति श्रीमान बराक ओवामा के द्वारा अमेरिका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा गया
- स्टीफन हॉकिंग की प्रसिद्व खोजो में ब्लेक होल और हॉकिंग रेडिएशन का विचार शामिल था
- इस महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 14 मार्च 2018, 76 साल की उम्र में निधन हो गया
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स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen Hawking Biography In Hindi
स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय, जन्म, शिक्षा, करियर, शादी, पुरस्कार, मृत्यु , कई किताबें लिखी गई, नेटवर्क ( Stephen Hawking Biography In Hindi, Birth, career , Marriage , Awards, Death, Books net worth)
Stephen Hawking Biography In Hindi : नमस्कार दोस्तों, आज की इस लेख में हम दुनिया के ऐसे महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के बारे में बताएंगे। जिनके बारे में जानकारी आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होगा।
मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने विज्ञान के क्षेत्र में काफी ज्यादा योगदान दिया है। अपनी काबिलियत के दम पर उन्होंने कई ऐसे कारनामे भी किए हैं। की दुनिया को अपने ऊपर गर्व करने के लिए उन्होंने कई बार आप सर दिए हैं।
वैसे तो इस महान वैज्ञानिक का जीवन काफी कठिनाइयों से भरा हुआ था लेकिन अपने दम और मेहनत के 7 वैज्ञानिक बनने का सपना भी पूरा किया था। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में ऐसे अनगिनत योगदान दिए हैं। जिनके बारे में जितना भी बताया जाए उतना कम है।
उनके योगदान के चलते हैं सब चीजों की भी खोज हुई है जिसकी वर्तमान समय में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। उन्होंने अपने जन्मदिन पर कहा था कि “ मैं अभी और जीना चाहता हूं” यह कथन विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का है।
जिसे सुनने के बाद पूरा विश्व एक पल के लिए अचंभित हो गया. स्टीफन हॉकिंग की भौतिक के क्षेत्र में बात की जाए तो उन्हें 12 बड़े पुरस्कारों से नवाजा गया है आइए हम आपको ले चलते हैं इनके जीवन सफर की ओर जानिए कुछ महत्वपूर्ण बातें अतः आपसे अनुरोध है कि इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
Table of Contents
स्टीफन हॉकिंग का जन्म ( stephen hawking birth ) .
स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 में इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। इनका पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग है। जब स्टीफन हॉकिंग का जन्म हुआ था। तब दुनिया में द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था लंदन में स्टीफन हॉकिंग के माता-पिता का घर हुआ करता था।
फ्रेंक हॉकिंग उनके पिता का नाम था। जो चिकित्सा शोधकर्ता के रूप में काम करते थे। उनकी माता का नाम इसोबेल था। और वह भी बताओ और सचिव के रूप में चिकित्सा अनुसंधान संस्था में काम करती थी।
चिकित्सा अनुसंधान संस्था में काम करते समय इनके माता-पिता की मुलाकात हुई थी। जिसके बाद उन्होंने शादी कर ली और इनके को चार बच्चे थे जिनका नाम फिलीपा, स्टीफन, मेरी, एडवर्ड था एडवर्ड इनके द्वारा लिया गया गोद बेटा था उनकी दो पत्नी थी जिनका नाम जेने वाइल्ड, एलेन मेसन था।
स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा (Stephen Hawking’s education)
स्टीफन हॉकिंग जब 8 वर्ष के थे तब उनके परिवार वाले सैंडल 1 में आकर रहने लगे और यहीं पर स्टीफन हॉकिंग की शुरुआती शिक्षा सेंट एलबेंस स्कूल में की थी। उसके बाद वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय में दाखिला करवा लिया था।
जब इन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एडमिशन करवाया था। तब यह मैच 17 वर्ष के थे।उनकी रूचि बचपन से गणित में थी। लेकिन उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। क्योंकि उनके पिता खुद चिकित्सा अनुसंधान संस्था में काम करते थे इसी के कारण वे चाहते थे कि स्टीफन हॉकिंग डॉक्टर बने।
जब स्टीन हॉकिंग ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एडमिशन करवाया था। जब वह गणित विषय उपलब्ध नहीं था तो उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई भौतिक विषय से की और धीरे-धीरे इसी विषय में कॉस्मोलॉजी सेक्शन में इन्होंने पढ़ाई की थी और उसके बाद 1962 में इन्होंने भौतिक विज्ञान की डिग्री प्राप्त कर ली।
भौतिक विज्ञान की डिग्री लेने के बाद इन्होंने आगे की पढ़ाई कैंब्रिज विश्वविद्यालय से की और 1963 में इन्होंने ब्रह्मांड विज्ञान में रिसर्च अनुसंधान किया। संयोगवश इसी साल उन्हें एक बीमारी हो गई जिसका नामएंयोट्रोफिक लैटरल सेलेरोसिस था इस बीमारी के कारण इनकी अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं।
स्टीफन हॉकिंग का करियर (Stephen Hawking career)
दोस्तों अब हम बात करते हैं स्टीफन हॉकिंग की करियर की कैसे उन्होंने इतने संघर्षों के बावजूद इस मुकाम तक पहुंचे कैम्ब्रिज से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने शोधकर्ता के रूप में कार्य किया था। साल 1972 में डीएएमटीपी मैं सहायक शोधकर्ता के रूप में अपनी सेवा दी थी।
वह रॉयल सोसायटी के सबसे कम उम्र के सदस्य थे। उन्होंने अपना अधिक समय ब्लैक होल और space-time की सिद्धांतों पर शोध के लिए बताया था और अपने इसी शोध के संबंध में उन्होंने कई पत्र प्रकाशित किए। जिससे विज्ञानिक की दुनिया में उनका एक बड़ा नाम हुआ।
हालांकि उनके जीवन की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध खोज यह थी। कि उन्होंने साबित कर दिया था कि ब्लैक होल में कुछ मात्रा में रेडिएशन निकलती है जिसे उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन कहा था।
स्टोरी ऑफ टाइम उनके द्वारा सन 1998 को पुस्तक प्रकाशित हुई थी इस किताब मैं उन्होंने मां विस्फोट का सिद्धांत और ब्लैक होल के बारे में बड़े ही सरल और सुंदर शब्दों में लिखा था।
स्टीफन हॉकिंग की पत्नी (Stephen Hawking Wife)
जब स्टीफन हॉकिंग को अपनी बीमारी का पता चला तो उसी साल उनकी मुलाकात जैन वाइल्ड से हुई और इस विपरीत परिस्थिति में जैन वाइल्ड ने स्टीफन हॉकिंग का साथ दिया और इन दोनों ने साल 1965 में शादी कर ली स्टीफन हॉकिंग और जैन वाइल्ड के कुल 3 बच्चे थे। जिनका नाम लूसी, रॉबर्ट और तीमुथियस था।
आपको बता दूं यह शादी की जोड़ी ज्यादा दिन नहीं चली लगभग 3 साल साथ रहने के बाद मैं साल 1995 में फॉकिंग और जैन का तलाक हो गया हॉकिंग ने तलाक लेने के बाद ऐलेन मेसन से शादी कर ली और इन दोनों की जोड़ी भी साल 1995 से 2016 तक चली इस प्रकार स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन में दो शादी की थी।
स्टीफन हॉकिंग का परिवार | Stephen Hawking Family
स्टीफन हॉकिंग के पुरस्कार (stephen hawking awards), स्टीफन हॉकिंग की खोज (stephen hawking discoveries), स्टीफन हॉकिंग की कुल संपत्ति (stephen hawking net worth).
आपको बता दूं कि एक रिपोर्ट के मुताबिक स्टीफन हॉकिंग पर कुल $20 मिलियन की संपत्ति है उनका इंग्लैंड में कैम्ब्रिज शहर में एक खुद का घर है यह सभी संपत्ति उन्हें अपनी मेहनत के दम पर कमाई है पुरस्कारों किताबों ,नए-नए इस कार के जरिए कमाई है।
स्टीफन हॉकिंग पर बनीं फिल्म ( Stephen Hawking’s Life Movie )
दोस्तों आपको यह सुनकर बहुत ही ज्यादा अटपटा लग रहा होगा की स्टीफन हॉकिंग के ऊपर फिल्म बनी लेकिन यह सत्य है कि 2014 में दुनिया के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के ऊपर एक मूवी बनी जिसका नाम “ द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग ” था। इस मूवी में स्टीफन हॉकिंग इन्हें कैसे अपने मेहनत और संघर्षों के कारण अपने सपनों को पूरा किया इस दृश्य को इस मूवी में दिखाया गया है।
इस तरह उन्हें कड़ी मेहनत और परिश्रम करके इस मुकाम को हासिल किया था और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर कैसे लोग अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं इस मूवी में बड़े ही सरल ढंग से बातों का उल्लेख किया गया।
स्टीफन हॉकिंग के विचार (Stephen Hawking Quotes)
दोस्तों अब हम आपको स्टीफन हॉकिंग के विचारों के बारे में बताएंगे उनके द्वारा कहे गए सभी विचार आज की युवा पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है आइए जानते हैं उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष करने के बाद कई ऐसी बातें बोली है जो हमारे लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है आइए जानते है
- वे कहते हैं कि जीवन दुर्भाग्यपूर्ण होगा यदि उसमें रोचक और रोमांस भरा ना हो तो।
- वे कहते हैं कि अज्ञानता का कोई दुश्मन नहीं है जबकि दुश्मन वह भ्रम है कि जो यह कहे कि मुझे सब कुछ आता है।
- आप यदि अपने जीवन में हमेशा दूसरों की बुराई करते हैं तो दूसरों के पास आपके लिए समय नहीं रहेगा।
- बुद्धिमान व्यक्ति समय के साथ अपने आप को बदल लेता है।
स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु ( Stephen Hawking death )
दोस्तों काफी लंबे समय से स्टीफन हॉकिंग स्वास्थ्य नहीं थे। हालांकि हमने आपको बताया था। कि उनको जब यह बीमारी पता चली तब उनकी उम्र 21 साल थी। लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने इस बीमारी को अपने सपने के बीच नहीं आने दिया।
एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस बीमारी के कारण उन्हें अपने जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने 53 साल व्हीलचेयर पर बिताए थे और आखिरकार काफी संघर्षों के बाद 14 मार्च 2018 लंदन जैसे देश में इनका निधन हो गया और पूरी दुनिया को अलविदा करके चले गए।
आपको बता दें स्टीफन हॉकिंग का निधन जरूर हो गया है। लेकिन दुनिया आज भी उन्हें महान वैज्ञानिक के रूप में याद करती है। क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में इतना संघर्ष किया है जो आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।
Q. स्टीफन हॉकिंग का निधन कब हुआ था?
14 मार्च 2018 (76 वर्ष)
Q. स्टीफन हॉकिंग भारत कब आए थे?
साल 2001 की जनवरी में स्टीफन हॉकिंग भारत आए थे
Q. स्टीफन हॉकिंग की वाइफ का क्या नाम था?
उनकी पत्नी का नाम जेन विल्डे था।
Q. स्टीफन का जन्म कब हुआ था ?
8 जनवरी, 1942
Q. स्टीफन स्टीफन को कौन सी बीमारी थी
मोटर न्यूरॉन
Q. स्टीफन का जन्म स्थान कहां है ?
कैम्ब्रिज, इंग्लैंड
अंतिम शब्दों में
दोस्तों इस लेख में हमने आपको विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के बारे में बताया है उन्होंने अपने जीवन में इतना संघर्ष किया है कि ऐसा संघर्ष शायद ही कोई कर पाए जब वह 21 साल के थे।
तब उनको बहुत बड़ी बीमारी हो गई थी और इस बीमारी को ना देखते हुए उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया इस लेख में हमने आपको उनके जीवन से जुड़ी बहुत सी बातें हो का उल्लेख किया है।
हमारे द्वारा Stephen Hawking Biography In Hindi के बारे में बताया है आशा करते हैं यह लेख आपको बहुत अच्छा लगा होगा इसी प्रकार की और भी कुछ जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट जरुर करें और ऐसा भी जानकारी आप अपने मित्रों को जरुर शेयर करें।
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