my aim in life essay 150 words in hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – My Aim In Life Essay

My Aim In Life Essay

हर किसी के जीवन के लक्ष्य अलग-अलग होते हैं, कोई किसी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है तो कोई किसी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाना चाहता है और नाम कमाना चाहता है, अर्थात लक्ष्य के द्धारा ही व्यक्ति एक सुखी जीवन का आनंद ले सकता है।

वहीं लक्ष्य एक अतिमहत्वपूर्ण विषय है, जिस पर कई बार स्कूलों में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में अथवा क्लास में बच्चों को “मेरे जीवन का लक्ष्य” पर निबंध (My Aim In Life Essay) लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में ‘मेरे जीवन का लक्ष्य’ पर अलग-अलग शब्दों में निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

My Aim In Life Essay

“मेरे जीवन का लक्ष्य” पर निबंध नंबर – My Aim In Life Essay

जाहिर है कि इस दुनिया में हर व्यक्ति की सोच और उसका लक्ष्य अलग होता है। कोई एक आदर्श शिक्षक बनकर शिक्षित समाज का निर्माण कर देश का कल्याण करना चाहता है, तो कोई इंजीनियर बनकर बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी करना चाहता है, तो कोई समाजसेवी बनकर समाज में फैली कुरोतियों को दूर करना चाहता है और जरूरतमंदों और असहायों की मद्द करना चाहता है।

सभी अपने सामर्थ्य और क्षमता के मुताबिक ही अपने-अपने लक्ष्यों का निर्धारण करते हैं, वैसे ही मैं जब भी किसी रोगी को दर्द से कराहता देखता हूं, या फिर जब किसी अस्वस्थ व्यक्ति की पीड़ा समझने की कोशिश करता हूं, तो अक्सर मेरे दिल और दिमाग में यही ख्याल आता है कि काश मै डॉक्टर होता तो इसकी मद्द कर पाता।

इसलिए मैने यह संकल्प लिया है कि मै डॉक्टर बनने के लिए पूरा प्रयास करूंगा और अपनी क्षमता शक्ति से अधिक मेहनत करूंगा ताकि मै एक सफल डॉक्टर बन सकूं।

आपको बता दूं कि मेरा अन्य लोगों की तरह डॉक्टर बनकर सिर्फ नोट छापने का कोई उद्देश्य नहीं है, बल्कि मैं डॉक्टर बनकर गंभीर रोगों से लड़ रहे गरीब और असहाय लोगों के काम आना चाहता हूं और एक स्वस्थ भारत के निर्माण में अपना सहयोग देना चाहता हूं।

वहीं कई लोग पैसे के अभाव में और कुछ मजबूरियों के चलते डॉक्टर की डिग्री हासिल नहीं कर सकते, लेकिन मैं अक्सर यही सोचता हूं कि अगर मै डॉक्टर बनने का निश्चय किया है तो किसी भी हालत में अपने लक्ष्य को पाकर ही रहूंगा और रोगों से लड़ रहे लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाऊंगा, इसके साथ ही पीडि़त लोगों को उनके रोगों को दूर भगाने के लिए सही सलाह दूंगा। साथ ही उन्हें यह भी बताऊंगा कि वे कैसे स्वस्थ जीवन जीएं।

उपसंहार –

जाहिर है कि ज्यादातर लोग अपने जीवन में बड़े-बड़े सपने देखते हैं और लक्ष्यों का निर्धारण करते हैं, लेकिन कुछ चुनिंदा लोग ही ऐसे होते हैं, जो अपने लक्ष्यों को पाने के लिए निरंतर कोशिश करते हैं, ऐसे लोग ही अपने लक्ष्यों का आसानी से हासिल कर लेते हैं।

इसलिए हमें अपने जीवन के लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए साथ ही इसे पाने के लिए निरंतर कोशिश भी करते रहना चाहिए। तभी हमारा जीवन सार्थक हो सकेगा।

Essay on Mere Jeevan ka Lakshya in Hindi

लक्ष्य को रखने वाला मनुष्य ही अपने जीवन में सही रास्ते पर चल सकता है और अपने परिवार और देश के विकास में सहयोग कर सकता है, वहीं लक्ष्यविहीन मनुष्य उस गेंदबाज की तरह होते हैं, जो गेंद तो फेंकते हैं लेकिन उसने सामने विकेट नहीं होते।

ऐसे मनुष्य को न तो समाज में कोई दर्जा मिलता है और न ही वह अपने जीवन में कभी आगे बढ़ सकता है, इसलिए हर किसी को अपने जीवन में लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए। वैसे ही मैं भी अक्सर एक शिक्षक बनने के बारे में सोचता हूं, और एक आदर्श शिक्षक बनना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है-

मेरे जीवन का लक्ष्य –

मेरे जीवन का लक्ष्य एक शिक्षक बनना है – जाहिर है कि एक शिक्षक, समाज और देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन कर उसे अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के काबिल बनाता है।

इसके साथ ही शिक्षक, शिष्य के अंदर सोचने-समझने की शक्ति विकसित करते हैं, और उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं, वहीं आज मै भी अपने टीचर की बदौलत ही इस काबिल बन पाया हूं कि अपने जीवन के लक्ष्यों का निर्धारण कर सकूं।

वहीं हो सकता है कि कुछ लोग मेरे शिक्षक बनने के इस लक्ष्य को छोटा समझें लेकिन अगर मुझे एक आदर्श शिक्षक बनने का मौका मिला तो यह मेरे लिए बहुत गर्व और सम्मान की बात होगी, क्योंकि मैं शिक्षक बनकर कई छात्रों का सही मार्गदर्शन कर उनके भविष्य को संवारना चाहता हूं, और विकसित राष्ट्र की नींव रखना चाहता हूं।

क्योंकि एक शिक्षक बनकर ही समाज और राष्ट्र के हित के लिए काम किया जा सकता है, शिक्षक, समाज को एक नई दिशा देता है, और विद्यार्थियों को एक नया जीवन प्रदान करता है, इसलिए शिक्षक को भगवान से ऊंचा दर्जा दिया गया है, वहीं इस संदर्भ में कबीर जी का यह दोहा भी काफी प्रसिद्ध है –

गुरु गोबिन्द दोनों खड़े, काके लागू पाय बलिहारी, गुरु आपने, जिन गोबिन्द दियो बताय॥

इसके अलावा भी कई महान कवियों और महान पुरुषों ने शिक्षकों के महत्व को अपने विचारों के माध्यम से व्यक्त किया है। जिसके बारे में गंभीरता से सोचते हुए मैने भी शिक्षक बनने का प्रण लिया है।

एक आदर्श शिक्षक बनने के लिए मै निरंतर प्रयासरत रहता हूं और मैं इसके लिए हिन्दी विषय से पीएचडी की पढ़ाई भी करना चाहता हूं, मै छात्रों को हिन्दी विषय के पूरी जानकारी देना चाहता हूं और मैं इसके हिन्दी साहित्य से लेकर व्याकरण तक का ज्ञान देना चाहता हूं।

इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को उनके कर्तव्यों का बोध करवाना चाहता हूं। और एक आदर्श शिक्षक बनकर समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहता हूं।

वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं कि शिक्षक बनकर सिर्फ चंद पैसे कमाना चाहते हैं, और विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन नहीं करते हैं, मैं इस तरह का शिक्षक बिल्कुल भी नहीं बनना चाहता हूं।

आपको बता दूं कि मेरे जीवन का लक्ष्य एक ऐसा शिक्षक बनना है, जो देश और समाज के कल्याण में काम आ सके और विद्यार्थियों के भविष्य को सुनहरा बना सके।

उपसंहार

शिक्षक को समाज में सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है, क्योंकि शिक्षक ही किसी भी व्यक्ति का उसके जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने में मद्द करता है, और उसके अंदर सामाजिक, मानसिक, आध्यात्मिक ज्ञान देता है। इसलिए मेरे जीवन का लक्ष्य एक आदर्श शिक्षक बनना है।

  • How to achieve goals

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my aim in life essay 150 words in hindi

मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध |Essay on My Aim of Life in Hindi!

मनुष्य का महत्वाकांक्षी होना एक स्वाभाविक गुण है । प्रत्येक व्यक्ति जीवन में कुछ न कुछ विशेष प्राप्त करना चाहता है । कुछ बड़े होकर डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते हैं तो कुछ व्यापार में अपना नाम कमाना चाहते हैं ।

इसी प्रकार कुछ समाज सेवा करना चाहते हैं तो कुछ भक्ति के मार्ग पर चलकर ईश्वर को पाने की चेष्टा करते है । सभी व्यक्तियों की इच्छाएँ अलग-अलग होती हैं परंतु इनमें से बहुत कम लोग ही अपनी इच्छा को साकार रूप में देख पाते हैं । थोड़े से भाग्यशाली अपनी इच्छा को मूर्त रूप दे पाते हैं । ऐसे व्यक्तियों में सामान्यता दृढ़ इच्छा-शक्ति होती है और वे एक निश्चित लक्ष्य की ओर सदैव अग्रसर रहते हैं ।

मनुष्य के जीवन में एक निश्चित लक्ष्य का होना अनिवार्य है । लक्ष्यविहीन मनुष्य क्रिकेट के खेल में उस गेंदबाज की तरह होता है जो गेंद तो फेंकता है परंतु सामने विकेट नहीं होते । इसी भाँति हम परिकल्पना कर सकते हैं कि फुटबाल के खेल में जहाँ खिलाड़ी खेल रहे हों और वहाँ से गोल पोस्ट हटा दिया जाए तो ऐसी स्थिति में खिलाड़ी किस स्थिति में होंगे इस बात का अनुमान स्वत: ही लगाया जा सकता है । अत: जीवन में एक निश्चित लक्ष्य एवं निश्चित दिशा का होना अति आवश्यक है ।

मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर चिकित्सक बनूँ और अपने चिकित्सा ज्ञान से उन सभी लोगों को लाभान्वित करूँ जो धन के अभाव में उचित चिकित्सा प्राप्त नहीं कर पाते हैं । मैं इस बात को अच्छी तरह समझता हूँ कि एक अच्छा चिकित्सक बनना आसान नहीं है ।

अच्छे विद्‌यालय का चयन, उसमें प्रवेश पाना तथा पढ़ाई में होने वाला खर्च आदि अनेक रुकावटें हैं । परंतु मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इन बाधाओं को पार कर सकूँगा । इसके लिए मैंने बहुत कड़ी मेहनत का संकल्प लिया है । उचित मार्गदर्शन के लिए मैं अपने अध्यापक व अनुभवी छात्रों का सहयोग ले रहा हूँ ।

चिकित्सक बनने के बाद मैं भारत के उन गाँवों में जाना चाहता हूँ जहाँ पर अच्छे चिकित्सक का अभाव है अथवा जहाँ पर चिकित्सा केंद्र की व्यवस्था नहीं है । में उन सभी लोगों का इलाज नि:शुल्क करना चाहता हूँ जो धन के अभाव में अपना इलाज नहीं करा पाते हैं । इसके अतिरिक्त मैं उनमें अच्छे स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता लाना चाहता हूँ ।

ADVERTISEMENTS:

वे किस प्रकार जीवन-यापन करें, सफाई, स्वास्थ्य एवं संतुलित भोजन के महत्व को समझें, इसके लिए मैं व्यापक रूप से अपना योगदान देना चाहता हूँ । आजकल कुछ परंपरागत रोगों का इलाज तो आसानी से संभव है लेकिन उचित जानकारी का अभाव, रोग तीव्र होने पर ही इलाज के लिए तत्पर होना जैसी समस्याएँ अशिक्षितों एवं ग्रामीणों की प्रमुख समस्याएँ हैं ।

इस दिशा में मैं कुछ सार्थक कदम जरूर उठाना चाहूँगा । मेरे लक्ष्य में देश और समाज की सेवा का भाव निहित है । सभी लोगों, विशेषकर निर्धन लोगों को चिकित्सा तथा अच्छे स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देकर मैं निश्चय ही आत्म-संतुष्टि प्राप्त करूँगा ।

समाचार-पत्रों व दूरदर्शन अथवा अन्य माध्यमों से जब मुझे इस बात की जानकारी प्राप्त होती है कि देश के गाँवों में प्रतिवर्ष हजारों लोग कुपोषण के कारण तथा उचित चिकित्सा के अभाव में मृत्यु के शिकार हो जाते हैं तो मुझे वास्तव में बहुत दु:ख होता है ।

यह निश्चय ही देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी कि मैं अपने देश और देशवासियों के लिए अपना योगदान कर सकूँगा । दूसरी ओर एड्‌स जैसी कई बीमारियाँ ऐसी हैं जिनके बारे में समाज को जागरूक बनाना अत्यावश्यक है ।

मुझे विश्वास है कि मेरे इस जीवन के लक्ष्य में गुरुजनों, सहपाठियों व माता-पिता सभी का सहयोग प्राप्त होगा । ईश्वर मेरे इस नेक कार्य व मेरे लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में मेरी सहायता करेंगे इसका मुझे पूर्ण विश्वास है । मैं खुद भी अपने लक्ष्य की प्राप्ति में कोई कसर नहीं छोड़ूँगा ।

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मेरा परिचय पर निबंध 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे (Myself Essay in Hindi) 10 Lines

my aim in life essay 150 words in hindi

myself essay in Hindi – अपना परिचय देना अपने आप में दिलचस्प होने के साथ-साथ सबसे मुश्किल काम भी हो सकता है। हम सभी अद्वितीय हैं और अपने गुणों को अधिक मज़बूती से खोजने के लिए अपने बारे में लिखना एक अनिवार्य पहलू है। अपने गुणों की खोज करने से हमें अपने बारे में जानने में बहुत मदद मिलती है। यह किसी के व्यक्तित्व के निर्माण का एक अनिवार्य तत्व है। हालांकि, उन्हें दुनिया के साथ साझा करना क्षमता की बात है।

myself essay in Hindi – मनुष्य निंदक के लिए प्रवृत्त होते हैं, और बहुत बार हम अपने नकारात्मक गुणों को एक उच्च नोट पर प्रतिबिंबित करके खुद को नीचे खींचते हैं। हमें वास्‍तव में जो करने की आवश्‍यकता है, वह यह है कि हमने जिन चीजों के बारे में योजना बनाई है और जिन चीजों की हम आशा कर रहे हैं, उन पर अधिक चिंतन करें। कोई अपनी मेधावी क्षमताओं का पता लगाने का विकल्प चुन सकता है, जो शौक विकसित करने से लेकर पॉलिश की गई प्रतिभाओं तक हो सकती है। यह बदले में आपके द्वारा अपने लिए निर्धारित किसी भी लक्ष्य के प्रति आपकी प्रेरणा को बढ़ावा देने के लिए भी काम करेगा।

अपने बारे में 10 वाक्य लिखो (myself essay 10 lines in Hindi)

मेरा परिचय हिंदी में 10 लाइनें नीचे दी गई है

  • 1) मेरा नाम अमन रानाडे है, और मेरी उम्र 8 साल है।
  • 2) मैं चौथी कक्षा में बीएवी पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूं।
  • 3) मेरे पिता का नाम श्री रामू रानाडे और माता का नाम श्रीमती उमा रानाडे है।
  • 4) मेरी एक छोटी बहन है जो उसी स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ती है।
  • 5) मुझे कार्टून देखना पसंद है, और मेरा पसंदीदा कार्टून चरित्र डोरेमोन है।
  • 6) मुझे आउटडोर गेम खेलना भी पसंद है, और मुझे अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना पसंद है।
  • 7) मैं एक बहुत ही ईमानदार और आज्ञाकारी लड़का हूँ और अपने माता-पिता और शिक्षकों के सभी निर्देशों का पालन करता हूँ।
  • 8) मैं नियमित रूप से अपना गृहकार्य पूरा करता हूँ और मुझे कभी स्कूल नहीं जाने देता।
  • 9) मैं हमेशा अपने बड़ों का सम्मान करता हूं और उनकी सलाह का सख्ती से पालन करता हूं।
  • 10) मैं हमेशा अपने माता-पिता के साथ खेलने के बाद सभी खिलौनों को सही जगह पर रखकर उनकी मदद करने की कोशिश करता हूं।

अपने बारे में 20 वाक्य लिखो (myself essay 20 lines in Hindi)

  • 1) मेरा नाम अमन है और मेरी उम्र 13 साल है।
  • 2) मैं कुर्ला डिवीजन में उपनगरीय मुंबई में अपने परिवार के साथ रहता हूं।
  • 3) मेरे पिता एक बहुराष्ट्रीय फर्म में काम करते हैं, और मेरी माँ एक गृहिणी हैं।
  • 4) मेरे माता-पिता दोनों सप्ताह में पाँच दिन अपने कार्यक्रम में बहुत व्यस्त हैं।
  • 5) सप्ताहांत मनोरंजन के लिए हैं, और हम सप्ताहांत पर पिकनिक पर जाते हैं।
  • 6) मेरा शौक क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना है।
  • 7) मैं सुबह जल्दी उठता हूँ ताकि समय पर स्कूल पहुँच जाऊँ।
  • 8) सुबह मुझे ज्यादा ट्रैफिक का सामना नहीं करना पड़ता है, जबकि लौटने पर ट्रैफिक थोड़ा व्यस्त हो जाता है।
  • 9) जब मैं घर पर दोपहर का भोजन करता हूं, तो कुछ देर आराम करता हूं और अपनी पढ़ाई शुरू करता हूं।
  • 10) जब मेरे पिता अपने कार्यालय से लौटते हैं तो हम हमेशा साथ में खाना खाते हैं।
  • 11) मेरा नाम राहुल चिनप्पा है, और मेरी उम्र 15 साल है।
  • 12) मैं अपने माता-पिता और बड़ी बहन के साथ चेन्नई में रेलवे स्टेशन के पास रहता हूँ।
  • 13) मेरे पिता एक व्यवसायी हैं और परिवार चलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
  • 14) मेरी माँ घर और परिवार के सदस्यों की ज़रूरतों की देखभाल करती है।
  • 15) मेरे घर का अपना एक छोटा सा बगीचा है, जिसमें तरह-तरह के फूल हैं।
  • 16) छुट्टियों के दौरान, हम अपने दादा-दादी से मिलने जाते हैं, जो हमारे पैतृक गाँव में रहते हैं।
  • 17) चेन्नई की जलवायु गर्मियों में गर्म और आर्द्र हो जाती है।
  • 18) चेन्नई एक तटीय क्षेत्र है, इसलिए चेन्नई की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में समुद्र मुख्य भूमिका निभाता है।
  • 19) चेन्नई एक महानगरीय शहर है जहां विभिन्न जातीय और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोग रहते हैं।
  • 20) मैं अपने शहर और उसके लोगों से प्यार करता हूं क्योंकि वे मेरी पहचान और मेरा गौरव हैं।

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खुद पर निबंध 100 शब्द (myself essay 100 words in Hindi)

मेरा नाम ओल्विया है और मेरी उम्र 7 साल है। मेरा जन्मदिन 11 अप्रैल को है। मेरी 1 बड़ी बहन और 1 छोटा भाई है। मैं अपने माता-पिता, भाई-बहनों और अपने दादा-दादी के साथ बंगलौर में रहता हूँ। मैंने कैंडी नाम का एक पालतू कुत्ता पाला है जो 1 साल का है। हर सुबह उठने के बाद, मैं अपने पालतू जानवर को टहलने के लिए ले जाऊँगा। उसके बाद मैं फ्रेश हो जाऊंगा और अपने स्कूल के लिए तैयार हो जाऊंगा। स्कूल जाने से पहले मैं अपना बैग और टिफिन पैक कर लूंगा। स्कूल का समय समाप्त होने के बाद, मैं अपना समय अपने दोस्तों के साथ खेलने में बिताऊंगा। शाम को मैं अपना पसंदीदा कार्टून कुंग फू पांडा देखूंगा। उसके बाद, मैं अपना होमवर्क पूरा करूंगा और अपने परिवार के साथ डिनर करूंगा। रात के खाने के बाद, मैं अपनी दादी द्वारा सुनाई गई सोने की कहानियाँ सुनूँगा। मैं हमेशा खुश और शांतिपूर्ण माहौल में प्यार करता हूं।

मेरा परिचय निबंध 150 शब्द (myself essay 150 words in Hindi)

मेरा नाम रैंड है मैं एबीसी स्कूल, बैंगलोर में पढ़ रहा हूँ। मेरा जन्म और पालन-पोषण बैंगलोर में हुआ था और मुझे बैंगलोर शहर बहुत पसंद है। मैं अपने माता-पिता के साथ रहता हूं और मैं अपने माता-पिता से बहुत प्यार करता हूं। मेरी सबसे अच्छी दोस्त का नाम टीना है और हम दोनों एक ही स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ते हैं। 

मुझे उसके साथ समय बिताना अच्छा लगता है। मेरे पसंदीदा कार्टून चरित्र टॉम एंड जेरी हैं और मुझे शो देखना बहुत पसंद है। मुझे हरे पौधे बहुत पसंद हैं, इसलिए मेरा पसंदीदा रंग हरा रंग है। मैं अपना ज्यादातर समय शतरंज खेलने और किताबें पढ़ने में देता हूं। मेरा शौक नाचना और गाना है। मेरी महत्वाकांक्षा डॉक्टर बनने और गरीब लोगों की सेवा करने की है। मैं एक डॉक्टर बनने का सपना देखता हूं और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए एक बहुत बड़ा अस्पताल बनाना चाहता हूं। मुझे अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ, स्वस्थ और खुश रखना अच्छा लगता है।

खुद पर निबंध 200 शब्द (myself essay 200 words in Hindi)

हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और दादा-दादी से जुड़े हुए हैं। मेरे पास दोस्तों का एक समूह है लेकिन सनिका मेरी सबसे अच्छी और सच्ची दोस्त है।

मैं उसके साथ कुछ भी साझा कर सकता हूं और वह भी हम एक ही स्कूल में पढ़ते हैं लेकिन अलग-अलग कक्षाओं में। मुझे स्कूल के समय के बाद बस में अपने दोस्तों को चुटकुले सुनाना अच्छा लगता है।

मेरा एक अनोखा परिवार है। मेरे परिवार के सभी सदस्य व्यापक और खुले विचारों वाले हैं। वे हमेशा मुझे हर क्षेत्र में अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

वे मुझे कभी पीछे नहीं खींचते और हमेशा मुझे प्रेरित करते हैं। मैं इस परिवार में जन्म लेकर बहुत खुश हूं।

मेरा परिवार एक क्रॉस-सांस्कृतिक विस्तारित परिवार है जहाँ मेरे चाचा, चाची, दादा-दादी, चचेरे भाई आदि एक साथ रहते हैं।

मैं अपने परिवार के साथ बहुत अच्छा समय बिताता हूं क्योंकि हम हर त्योहार एक साथ मनाते हैं। मैं घर के अन्य बच्चों को हर दिन घर के काम करने में मदद करता हूं।

खुद पर निबंध 250 शब्द (myself essay 250 words in Hindi)

मेरा नाम रानी है लेकिन मेरे पालतू जानवर का नाम सारा है। मेरे माता-पिता और दादा-दादी आमतौर पर मुझे मेरे पालतू नाम से बुलाते हैं। मेरे माता-पिता मेरे स्वास्थ्य के प्रति बहुत सचेत हैं।

वे मुझे हर सुबह 5 बजे जगाते हैं और मुझसे सभी दैनिक दिनचर्या करने के लिए कहते हैं। मेरी माँ मुझे रोज सुबह एक सेब देती हैं और एक घंटे के बाद स्वस्थ नाश्ता करती हैं।

मैं स्कूल बस से सही समय पर स्कूल जाता हूँ। मुझे कभी देर नहीं होती है मेरा स्कूल सुबह 8 बजे शुरू होता है और दोपहर 2 बजे समाप्त होता है।

मेरी माँ मुझे नाश्ते के लिए स्वस्थ फल और दोपहर के भोजन के दौरान स्वस्थ भोजन देती हैं। मैं 8वीं कक्षा में पढ़ता हूं। मेरे स्कूल का नाम शिवाजी महाराजा जूनियर पब्लिक स्कूल है।

मैं 13 साल का हूं और अपने माता-पिता के साथ गाजियाबाद में रहता हूं। मैं नृत्य और पियानो कक्षाओं में शामिल हुआ क्योंकि मुझे नृत्य और पियानो सीखना पसंद है।

मैं अपने दोस्तों और अपने प्यारे माता-पिता और दादा-दादी के साथ घर पर अपने स्कूल के समय का पूरा आनंद लेता हूं। मेरे अच्छे पड़ोसी हैं, वे एक-दूसरे को समझते हैं और कभी झगड़ा नहीं करते।

मुझे पिकनिक बहुत पसंद है और हम सभी सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में पिकनिक की योजना बनाते हैं। मैं अपने स्कूल में बहुत अच्छा छात्र हूँ।

मैं स्कूलों की सभी पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेता हूं और अच्छा प्रदर्शन करता हूं। मैं अकादमिक और खेल गतिविधियों में बहुत अच्छा हूं।

मेरे स्कूल में एक बड़ा बगीचा है और एक बड़ा खेल का मैदान खेल के लिए सभी सुविधाएं प्रदान करता है। मेरे विद्यालय में स्वस्थ, अच्छा और शांतिपूर्ण वातावरण है।

खुद पर निबंध 300 शब्द (myself essay 300 words in Hindi)

मेरा नाम सुनील है; मैं दिल्ली में 9वीं कक्षा में पढ़ता हूं। मैं एक स्व-प्रेरित छात्र हूं जो हमेशा अपने स्कूल के दोस्तों को प्रेरित करना और उनके कठिन समय में उनकी मदद करना पसंद करता है।

मैं अपने स्कूल में एक होनहार छात्र हूं और अकादमिक और खेल गतिविधियों में अच्छा करता हूं। मैं किसी भी तनावपूर्ण स्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हूं।

मैं अपने स्कूल में एक बहुत ही कुशल और ज्ञानी छात्र हूँ, बहुत मेहनत से लम्बे समय तक पढ़ाई करता हूँ। मैंने अपना गृहकार्य और कक्षा का काम कभी अधूरा नहीं छोड़ा और सोने से पहले खत्म करना पसंद किया।

मेरी अच्छाई और समय की पाबंदी के कारण मेरे शिक्षक मुझे बहुत पसंद करते हैं। मैं कभी नहीं थकता और कड़ी मेहनत करता हूं क्योंकि मेरे माता-पिता हमेशा मेरा ख्याल रखते हैं, वे हमेशा मेरे स्वास्थ्य और आहार के प्रति सचेत रहते हैं।

मेरे शैक्षणिक कार्यकाल के कारण, मुझे हमेशा अच्छे अंक और ग्रेड मिलते हैं। मैं अपने विद्यालय में एक योग्यता छात्रवृत्ति धारक हूँ।

मैं अपने स्कूल में कंप्यूटर बहुत अच्छी तरह से सीखता हूँ और कंप्यूटर के बारे में सब कुछ जानता हूँ। मैं सब कुछ अपने संगठित कार्य के अनुसार करता हूं।

मैं अपने किसी भी कार्य से कभी नहीं बचता, चाहे वह घर पर हो या स्कूल में। मैं हमेशा अपने माता-पिता का सम्मान करता हूं और अपनी मां को उनके घर के कामों में और अपने पिता को उनके ऑफिस प्रोजेक्ट्स में मदद करता हूं।

मैं अपनी मां की तारीफ और व्यंजनों को साझा करता हूं। मैं अपने कमरे को हमेशा साफ रखता हूं और हर रविवार को आकर्षक ढंग से सजाता हूं।

मैं अपने और अपने परिवार के प्रति अपनी सभी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझता हूं। मैं हमेशा अपने दिलचस्प चुटकुलों और अच्छी बातचीत के जरिए अपने दोस्तों और सहपाठियों को खुश करने की कोशिश करता हूं।

मैं उन्हें उनकी मुश्किलों से उबारने के लिए सलाह और सुझाव देने के लिए हमेशा तैयार रहता हूं। मुझे लड़की से बहुत सहानुभूति है और मैं अपनी कॉलोनी में या रास्ते में बूढ़े लोगों और बच्चों का समर्थन करने की कोशिश करता हूं।

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खुद पर निबंध 500 शब्द (myself essay 500 words in Hindi)

इस धरती पर सात अरब लोग हैं, और हर कोई बाकियों से अलग है। इस दुनिया में बिना उद्देश्य के कुछ भी नहीं है। हर चीज का कोई न कोई मकसद होता है। मनुष्य सबसे अच्छी रचना है, और प्रत्येक व्यक्ति अनन्य है। इस प्रकार, अपने बारे में लिखते हुए, मैं यहां अपने आप को व्यक्त करने के लिए हूं कि मैं क्या देखता हूं, मैं क्या अनुभव करता हूं और मैं अपने जीवन के लिए क्या योजना बनाता हूं। मैं खुद को विनम्र, भावुक, समर्पित, मेहनती और ईमानदार बनने की कोशिश करता हूं।

मेरा परिवार और मेरा बचपन

मैं बिहार के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं, मैं नरेश शुक्ला हूं। इस दुनिया में कोई भी परिवार और दोस्तों के समर्थन के बिना नहीं आता है। दरअसल, आप जो कुछ भी होंगे वो सिर्फ आपके परिवार की वजह से है। मेरे पिता हमारे समुदाय में एक सम्मानित व्यवसायी हैं।

मेरी मां एक डॉक्टर है। वे दोनों अपने व्यवसाय से प्यार करते हैं। यही मैंने अपने माता-पिता से समय का मूल्य, ईमानदारी, कड़ी मेहनत और उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में सीखा है।

हम तीन भाई-बहन हैं। सबसे बड़ा होने के नाते मैं अपने भाइयों और बहनों में से सबसे अधिक उत्तरदायी हूं। मैं अपने अन्य भाई-बहनों का मार्गदर्शन और देखभाल करना चाहता हूं। हम सब एक ही स्कूल में हैं। पढ़ना मेरा जुनून है।

मैं उपन्यासों और इतिहास की किताबों का उत्सुक पाठक हूं क्योंकि मुझे भारतीय इतिहास और शास्त्रीय वास्तुकला में गहरी दिलचस्पी है। मुझे प्राचीन भारत के समृद्ध इतिहास और सभ्यता का उल्लेख करने वाली किताबें पढ़ना अच्छा लगता है। बचपन से मैं अपनी दादी माँ की कहानियाँ सुनता था और इसका मुझ पर लंबे समय तक प्रभाव रहता है।

मेरी शिक्षा

मैं अपने शहर के सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ रहा हूँ। मैं इस समय 10वीं कक्षा में हूँ। अच्छे दोस्तों, मददगार और प्यार करने वाले शिक्षक और अच्छे स्कूल प्रशासन के साथ इस महान स्कूल का हिस्सा बनकर मुझे खुशी हो रही है। मेरे पास कुछ विषयों में असाधारण कौशल है जबकि कुछ में मैं बहुत कमजोर हूं।

मेरी शक्तियां

पढ़ाई की तुलना में मैं खेलकूद में अच्छा हूं। इसलिए मैं अपनी कक्षा फुटबॉल टीम का कप्तान हूं। मैं अपने स्कूल का सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ी हूं। इसके अलावा, मैं एक तेज धावक भी हूं और मुझे एथलेटिक्स पसंद है। मैं विशेषज्ञ तैराकी में हूं।

मेरे माता-पिता की सलाह का मेरी आदतों पर गहरा प्रभाव पड़ा। मैं सच बोलने में विश्वास रखता हूं और पूरी कोशिश करता हूं कि झूठ न बोलूं। मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे सलाह दी कि अगर मैं कोई गलती करता हूं, तो मुझे उसे स्वीकार करना चाहिए। मैं ऐसा करने की पूरी कोशिश करता हूं। मैं हर हाल में खुश रहना जानता हूं। क्योंकि मेरा मानना ​​है कि: “खुशी बाहर नहीं है; यह आप में है।”

मैं भी बहुत साहसी व्यक्ति हूं और जोखिम उठाना पसंद करता हूं। पुरानी चीजों को बार-बार करने के अलावा मुझे क्रिएटिव काम करना अच्छा लगता है। नई चीजें सीखना एक ऐसी चीज है जिसका मैं हमेशा आनंद लेता हूं। मैं हमेशा खुद को खबरों से अपडेट रखता हूं।

इसके साथ ही मुझे कुछ बाल पत्रिकाएं पढ़ने का भी शौक है जिनमें अलग-अलग प्रेरक कहानियां हैं। उन्होंने मुझे एक उच्च नैतिक पाठ पढ़ाया। मैं बहुत आत्मविश्वासी व्यक्ति हूं और बात करना जानता हूं। मैं हमेशा हर व्यक्ति से उसकी आवश्यकता के अनुसार बात करने की कोशिश करता हूं इसलिए मैं लोगों को समझता हूं।

मेरी कमजोरियां

जैसे हर आदमी में कमजोरियां होती हैं, वैसे ही उनमें भी कमजोरियां होती हैं। मैं कुछ जगहों पर थोड़ा आलसी हूं जो मुझे पसंद नहीं है। समय खेलने के दौरान मैं अपना काफी समय वहीं गुजारता हूं जो अच्छी आदत नहीं है, लेकिन मैं अपनी कमजोरियों को दूर करने की पूरी कोशिश करता हूं।

जीवन में मेरी महत्वाकांक्षाएं

जीवन में हर किसी की एक महत्वाकांक्षा होती है। लक्ष्य या महत्वाकांक्षा मनुष्य की आंतरिक अभीप्सा है। संसार में कोई भी मनुष्य बिना लक्ष्य के कुछ नहीं कर सकता। इसलिए, हम सभी को जीवन में अपने लक्ष्य के बारे में बहुत दृढ़ संकल्प होना चाहिए।

अच्छी करियर योजना के बिना, शुरुआत से ही, कोई भी सही रास्ते पर नहीं जा सकता है। व्यक्ति को अपने व्यापक करियर लक्ष्यों के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करने होते हैं।

मैंने जीव विज्ञान का अध्ययन किया है और मैं प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा में बैठूंगा। मैं एक अच्छा और ईमानदार छात्र बनने की कोशिश करूंगा। तब मैं एक योग्य चिकित्सक बनूंगा। मैं एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए वह सब कुछ करूंगा और इसके प्रति ईमानदार रहूंगा।

ये सभी चीजें हैं जो मुझे व्यक्त करती हैं। हालांकि वाक्यों के कुछ सेटों में किसी का वर्णन नहीं किया जा सकता है। अपने जीवन के बारे में कुछ भी लिखने से पहले व्यक्ति को स्वयं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है। जीवन अपने साथियों के लिए अच्छा करने के लिए उत्साह से और कल्पना के साथ जीने के लिए है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, मैंने हमेशा अपने लोगों की सेवा करने की इच्छा की है कि मैं जिस भी क्षमता से कर सकता हूं।

मेरा परिचय पर निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

निबंध ‘अबाउट माईसेल्फ’ में आप कौन सी चीजें लिख सकते हैं.

कुछ चीजें हैं जो आप निबंध लिखते समय अपने बारे में लिख सकते हैं। आप अपने शौक, प्रतिभा, शिक्षा और सपनों के करियर के बारे में लिख सकते हैं।

आप किसके बारे में लिख सकते हैं?

जब आप अपने बारे में लिख रहे होते हैं तो आप अपने परिवार के बारे में लिख सकते हैं क्योंकि परिवार आपको वह बनाता है जो आप आज हैं।

निबंध लिखना कैसे शुरू करें?

निबंध शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि लेख लिखना अपना परिचय देकर शुरू करना है।

आप अपने आप को बेहतर तरीके से कैसे व्यक्त कर सकते हैं?

अपने आप को व्यक्त करने का सबसे अच्छा तरीका है अपने अनुभवों के बारे में लिखना।

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मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध-My Aim In Life Essay In Hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (my aim in life essay in hindi) :.

भूमिका : मनुष्य का महत्वकांक्षी होना एक स्वभाविक गुण होता है। हर व्यक्ति जीवन में कुछ विशेष प्राप्त करने की इच्छा रखता है। मनुष्य अनेक प्रकार की कल्पनाएँ करता है। वह खुद को ऊपर उठाने के लिए योजनाएँ बनाता है। कल्पना तो सबके पास होती हैं लेकिन कल्पना को साकार करने की शक्ति केवल किसी-किसी के पास ही होती है। सपनों में तो सभी घूमते हैं।

सभी लोग महत्वकांक्षाओं के मोती प्राप्त करना चाहते हैं। मनुष्य कभी भी बिना उद्देश्य के कोई काम नहीं करता है मनुष्य का हर कार्य सोद्देश्य पूर्ण होता है। एक मनुष्य भी बिना उद्देश्य के कोई काम नहीं करता है। कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को सामने रखकर ही कार्य करता है। हमारा जीवन एक यात्रा की तरह होता है।

अगर यात्री को पता होता है कि उसे कहाँ पर जाना है तो वह अपने लक्ष्य की तरफ बढना शुरू कर देता है लेकिन जब यात्री को अपने लक्ष्य का ही पता नहीं होता है तो उसकी यात्रा निरर्थक हो जाती है। उसी तरह यदि एक विद्यार्थी को पता होता है कि उसे क्या बनना है तो वह उसी दिशा में प्रयत्न करना शुरू कर देता है और अपने लक्ष्य में सफल भी हो जाता है। जब एक विद्यार्थी का कोई उद्देश्य ही नहीं होता है तो उसका जीवन उसको कहीं पर भी नहीं ले जाता है।

बाल्यावस्था की समस्या :  जब बच्चा छोटा होता है तो वह विद्यालय में प्रवेश करता है। उस समय में बच्चों के सामने अनेक लक्ष्य होते हैं। वह जैसे-जैसे लोगों के संपर्क में आता है वैसे-वैसे उस पर प्रभाव पड़ता है। कभी तो वह सोचने लगता है कि वह डॉक्टर बनेगा और कभी वह सोचने लगता है कि वह अध्यापक बनेगा और कभी इंजीनियर बनेगा।

अलग-अलग लोगों के लक्ष्य भी अलग-अलग होते हैं। कभी वह डॉक्टर बनकर रोगियों की सेवा करना चाहता है, कभी इंजीनियर बनकर इमारतें बनाना चाहता है, कभी नेता बनकर देश की सेवा करना चाहता है, कभी सैनिक बनकर देश की रक्षा करना चाहता है।

माँ-बाप भी यह कल्पना करते हैं कि वे अपने बच्चे को यह बनायेंगे, वह बनायेंगे लेकिन वास्तव में निर्णय तो बच्चों को खुद ही लेना पड़ता है। माँ-बाप को बच्चों पर अपनी मर्जी नहीं थोपनी चाहिए। विद्यार्थीकाल मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह मानव जीवन की आधारशिला के बराबर होता है।

यदि विद्यार्थी इस काल में अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित कर लेते हैं तो वे जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण बना लेता है और अपने देश और समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होता है। सभी लोगों की इच्छाएं अलग-अलग होती हैं लेकिन कुछ ही लोगों की इच्छाएं साकार हो पाती हैं।

डॉक्टर बनने का उद्देश्य :  मैं अक्सर अपने दोस्तों को बात करते हुए सुनता हूँ की वे क्या बनना चाहते हैं लेकिन मैंने तो पहले से ही अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। मेरा जीवन में एक ही लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा। मैं डॉक्टर बनकर देश और समाज की रोगों से रक्षा करूंगा।

कुछ विद्यार्थी डॉक्टर इसलिए बनना चाहते हैं जिससे वे अधिक-से-अधिक धन कमा सकें लेकिन मेरा उद्देश्य यह नहीं है। मैं डॉक्टर बनकर गरीबों और पीड़ितों की सेवा करना चाहता हूँ। कुछ लोग अपने उद्देश्य को पाकर भी गलत रास्ते पर चल देते हैं वे अपने कर्तव्य को अच्छी तरह नहीं निभाते हैं।

मैं अपने लक्ष्य पर पहुंचने के बाद अपने कर्तव्य से नहीं भटकूँगा। मैं ऐसा चिकित्सा ज्ञान प्राप्त करना चाहता जिसे लोग पैसा के अभाव की वजह से प्राप्त नहीं कर पाते हैं। मैं डॉक्टर इसलिए बनना चाहता हूँ जिससे मैं गरीब लोगों की रोगों से रक्षा कर सकूं।

मैं उन्हें स्वस्थ रहने के लिए अनेक प्रकार के तरीके बताऊंगा जैसे- वे किस प्रकार जीवन-यापन करें, स्वास्थ्य और संतुलित भोजन के महत्व को समझें, किस प्रकार रोगों से खुद की रक्षा करें इन सब में मैं अपना पूरा योगदान दूंगा। मैं डॉक्टर बनकर अपने देश और समाज की सेवा करना चाहता हूँ।

शिक्षकों एवं डॉक्टर का महत्व :  प्राचीनकाल के धार्मिक ग्रंथ भी घोषणा करते हैं कि दो वर्ग के मनुष्यों का समाज पर बहुत ज्यादा उपकार है। पहला वर्ग शिक्षकों का है जो लोगों के अंदर से अज्ञान को निकालकर ज्ञान का दीपक जलाकर उनके जीवन को सार्थक कर देते हैं।

दूसरा वर्ग डॉक्टर या चिकित्सक का होता है जो रोगी के रोगों को दूर करके उसे नया जीवन देता है। शिक्षा देना और रोगियों का इलाज करना दोनों ही पवित्र काम होते हैं और मैंने अपने जीवन के लक्ष्य के लिए इनमें से एक पवित्र लक्ष्य को चुन लिया है।

हमारे देश में जितने भी लोग डॉक्टरी की परीक्षा में पास होते हैं वे नगरों या शहरों में अपने अलग क्लीनिक खोल लेते हैं और धन जमा करना शुरू कर देते हैं और विदेशों की तरफ भागते है। ऐसे डॉक्टर कभी भी समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को नहीं समझते हैं।

वे अपना लक्ष्य सिर्फ धन कमाना मानते हैं। आज के समय में नगरों में ऐसे असंख्य नर्सिंग होम खुल चुके हैं। यहाँ पर जो डॉक्टर काम करते हैं वे मरीजों को गुमराह कर रहे हैं। यह अपने देश और देश में रहने वाले निवासियों के साथ विश्वासघात है।

ग्रामीणों के उपचार की आवश्यकता :  मैं दूसरे लोगों की तरह नगर में क्लीनिक न खोलकर नगर से दूर गाँव में एक छोटा सा अस्पताल स्थापित करूं जिससे गाँव के लोगों को रोगों से बचने और रोग से मुक्त होने की सुविधा मिल सके। मैं रोगियों से पैसे लूटने की जगह उनसे केवल उतने ही पैसे लूँगा जिससे अस्पताल सुचारू रूप से चल सके।

जो लोग गरीब और अभावग्रस्त होंगे उनका इलाज मैं मुफ्त में करूंगा। मैं भी एक गाँव का रहने वाला हूँ। मैंने कई बार गाँव के लोगों को दवा और इलाज के अभाव की वजह से मरते हुए देखा है और देख रहा हूँ। मैं डॉक्टर बनकर उन लोगों की सेवा करना चाहता हूँ जो न ही तो बड़े डॉक्टर को मोटी फीस दे सकते हैं और न ही मरीज को बड़े नगरों में ले जा सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की अधिक-से-अधिक जरूरत है। हम अक्सर रेडियो, समाचार पत्र और अखबारों में पढ़ते हैं कि हर साल हजारों लोग कुपोषण का शिकार हो रहे है और उन्हें ठीक इलाज न मिलने की वजह से उनकी मौत हो जाती है इस बात को पढकर बहुत दुःख होता है।

उद्देश्य पूर्ति के लिए प्रयत्न :  मैं यह बात अच्छी तरह से जानता हूँ कि एक सफल डॉक्टर बनना आसान नहीं है इसके लिए बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है। डॉक्टर के ह्रदय में मरीजों के प्रति दया, करुणा, और सहानुभूति की भावना होना बहुत ही जरूरी होता है। मैंने अपने इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए अभी से प्रयास करने शुरू कर दिए हैं।

मेरे माता-पिता का आशिर्वाद सदैव मेरे साथ है। उनका भी सपना है कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूँ। मैं डॉक्टर बनकर सही अर्थों में उन लोगों को पाठ पढ़ाना चाहता हूँ जो लोगों से पैसे कमाने के लिए डॉक्टर बनते हैं। मैं किसी ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे नर्सिंग होम की स्थापना करना चाहता हूँ जिसमें गरीब और अभावग्रस्त लोगों का उचित फीस पर इलाज कर सकूं।

आज के समय में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बहुत जरूरत है। यह काम भारत सरकार कर रही है लेकिन उसकी अपनी सीमाएं हैं। मैं अपने उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए बहुत कठिन परिश्रम करूंगा। मैं जब तक डॉक्टर नहीं बन जाता तब तक चैन से नहीं बैठूँगा।

उपसंहार :   मेरी यह इच्छा है कि मैं अपने लक्ष्य को पूरा करूं। मैं इस काम को पूरा करने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ समाज-सेवा संस्थाओं का भी सहयोग लूँगा। मैं कोशिश करूंगा कि गाँव में स्थित मेरा नर्सिंग होम गाँव के लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकें।

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मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध – My Life Aim Essay in Hindi Language

October 6, 2017 by essaykiduniya

Essay on My Aim in Life in Hindi Language. Here you will get Paragraph, Short and Long My Life Aim Essay in Hindi Language for students of all Classes in 200, 300, 450 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध मिलेगा।

My Life Aim Essay in Hindi Language – मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

My Life Aim Hindi Essay in Hindi

Short Essay on my aim in life in hindi Language – मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध ( 200 words )

प्रत्येक व्यक्ति का अपने जीवन में कोई न कोई लक्ष्य होता है। मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर बनना है जिसके लिए मैं कढ़ी मेहनत करता हूँ। इस दुनिया में केवल डॉक्टर ही वह व्यक्ति है जो किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है इसलिए लोग डॉक्टर को भगवान का दुसरा रूप भी कहते हैं। मैं डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहता हूँ और गरीब रोगियों का इलाज मुफ्त में करना चाहता हूँ ताकि किसी भी व्यक्ति को पैसों के अभाव में अपनी जान न गवानी पड़े और सभी लोग स्वस्थ रह सके।

कहा जाता है कि डॉक्टर का पेशा बहुत ही पवित्र होता है और मैं डॉक्टर बनकर इसकी पवित्रता को बनाए रखना चाहता हूँ। मैं लोगों के जटिल से जटिल रोगों को दूर करने का हर संभव प्रयास करूँगा। मेरे लिए मेरा काम, रोगी और उसका स्वास्थय सबसे बढ़कर होंगे। मैं डॉक्टर बनने का मुख्य उद्देश्य यह है कि मैं सभी की सेवा कर सकूँ और देश की स्वास्थय दर में वृद्धि कर सकूँ। डॉक्टर दिन रात अपने मरीजों की सेवा में लगा रहता है। मैं भी एक डॉक्टर बनकर संपूर्ण रूप से खुद को देश की और समाज की सेवा के लिए समर्पित कर देना चाहता हूँ।

Essay on my aim in life in hindi Language – मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध ( 300 words )

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और वह जीवन यापन के लिए अपना कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करता है जिसे प्राप्त करने के लिए वह कढ़ी मेहनत करता है। मेरे जीवन का उद्देश्य डॉक्टर बनना है। डॉक्टर का पेशा बहुत ही पवित्र माना जाता है और डॉक्टर के भगवान के बाद जीवन दान देने वाला कहा जाता है। डॉक्टर के लिए उसके रोगी उसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी होते हैं और उनका इलाज करना उनका परम कर्तव्य होता है।

मेरा लक्ष्य डॉक्टर बनने का होने का कारण यह है कि मैं अपने समाज की सेवा करना चाहता हूँ और प्रत्येक व्यक्ति को अच्छा स्वास्थय प्रदान करना चाहता हूँ। डॉक्टर किसी भी देश की नींव को मजबूती प्रदान करने में अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि स्वस्थ नागरिक ही देश का सबसे बड़ा धन है। मैं डॉक्टर बनकर गरीब लोगों का इलाज मुफ्त में करूँगा ताकि कोई भी व्यक्ति धन के अभाव में इलाज से वंचित न रह जाए और उसकी मृत्यु न हो जाए। डॉक्टर बनकर मेरा मुख्य उद्देश्य पैसे कमाना नहीं होगा बल्कि अपने कर्तव्य को पूरी ईमानदारी से निभाना होगा और लोगों को बेहतर स्वास्थय प्राप्त करने में उनकी मदद करना होगा। मैं नगर में क्लीनिक खोलने की बजाय किसी पास के गाँव में क्लीनिक खोलूँगा ताकि गाँव के लोगों को भी चिकित्सा की सभी सुविधाएँ मिल सके और वह किसी भी सुविधा से वंचित न रहे। मेरे लिए मेरा काम सबसे पहलो होगा चाहे उसके लिए मुझे लगातार काम क्यों न करना पड़े।

एक आदर्श नागरिक और आदर्श डॉक्टर बनना मेरे जीवन का मुख्य उद्देश्य है। मैं इसके लिए कढ़ी मेहनत करूँगा और अपने कार्य की पवित्रता को बनाए रखूँगा। मेरा सामने सिर्फ मेरा लक्ष्य है और उन लाखों लोगों का ख्याल है जो पैसे के अभाव में जान खो देते हैं। मुझे डॉक्टर के पद को प्राप्त करना लोक सेवा करनी है।

My Life Aim Essay in Hindi Language – मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध ( 450 words )

भूमिका – कहते हैं कि जिनका लक्ष्य नहीं जीवन में, ऐसे वे खो जाते हैं। जैसे लाख हज़ारों पत्ते पानी में बह जाते हैं। अर्थात बिना लक्ष्य के जीवन निराधार है। जीवन का कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होना चाहिए। उस उद्देश्य को पाने के लिए मनुष्य को अथक प्रयास करना चाहिए। दृढ़ निश्चय के साथ किया गया प्रयास अवश्य सफलता प्रदान करता है। अतः हमें जीवन का लक्ष्य सामने रख कर जीवन रथ को आगे बढ़ाना चाहिए।

मेरा लक्ष्य –

दसवीं की परीक्षा के बाद विद्यार्थी को अपने जीवन का लक्ष्य अवश्य निश्चित कर लेना चाहिए। उसी के अनुसार विषयों का चुनाव करना चाहिए। मेरे जीवन का लक्ष्य वायुयान चालक बनना है। उसी के अनुसार मेरे प्रिय विषय हिन्दी, अंग्रेजी के साथ इतिहास और भूगोल हैं। विश्व के देशों की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए ही मैंने यही लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी के अनुसार मैंने विषयों का चुनाव किया है जो देशों के बारे में जानकारी देने में मेरी सहायता करेंगे। गणित और विज्ञान में विशेष रुचि न होने के कारण मैंने गणितज्ञ, वैज्ञानिक, अभियंता और चिकित्सक बनने के बारे में सोचा ही नहीं। हाँ सैनिक बन कर अपने देश की सेवा करने की कामना मेरे मन में अवश्य उठी। यदि ईश्वर ने चाहा तो वायुयान चालक बन कर मैं देश की सेवा अवश्य करना चाहूँगा।

ऐसी कामना क्यों –

वायुयान चालक बनकर वास्तव में मैं संसार के देशों के लोगों के बारे में जानना चाहता हूँ । वे लोग कैसे रहते हैं ? उनकी सभ्यता और संस्कृति क्या है तथा उनमें समानता और असमानता कहाँ पर है ? संसार के विभिन्न देश कहाँ कहाँ पर स्थित हैं और उनके दर्शनीय स्थान कौन से हैं आदि जानने की मेरी जिज्ञासा वायुयान चालक बन कर पूरी हो सकती है।

प्रेरणा स्रोत –

मेरे मामा जी वायुसेना में हैं। वे बड़े चुस्त और कर्मठ हैं। बचपन में उन्हें सुन्दर पोशाक में देखकर मेरे मन में कई विचार उठते थे। अतः मैंने निश्चय किया कि मैं बड़ा होकर वायुयान चालक बनूंगा।

लक्ष्य मैंने अवश्य निश्चित किया है। परीक्षाओं में अच्छे अंक भी प्राप्त कर रहा हूँ। वायुयान का प्रशिक्षण भी लेना होगा। मैं अभी से ‘ग्लाईडर कलब’ का सदस्य भी बन गया हूँ। सुखों का त्याग कर के तप और त्याग का जीवन व्यतीत कर रहा हूँ। उत्साह, धैर्य और आत्मविश्वास मेरे सम्बल हैं । कर्म करना मेरा धर्म है और फल देना ईश्वर का काम है। अतः मैं आशा करता हूँ कि भगवान मेरी अवश्य सहायता करेंगे क्योंकि कहा गया है कि –

“भगवान उनकी सहायता करते हैं जो अपनी सहायता आप करते हैं।”

हम आशा करेंगे कि आपको यह अनुच्छेद ( My Life Aim Essay in Hindi Language – मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध ) पसंद आएगा।

essay on mere jeevan ka lakshya in hindi|

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My Aim In Life Essay In Hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – My Aim In Life Essay In Hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – essay on my aim in life in hindi.

संकेत बिंदु:

  • लक्ष्य का निर्धारण
  • लक्ष्य अध्यापक बनना
  • लक्ष्य प्राप्ति हेतु किए गए संघर्ष का वर्णन
  • अध्यापक बनने का उपत्य

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

निरुद्देश्य घूमना सफलता की राह से हमें दूर ले जाता है, इसलिए व्यक्ति को कोई-न-कोई लक्ष्य अवश्य निर्धारित कर लेना चाहिए। जिस प्रकार पथिक घर से निकलने से पूर्व ही अपनी मंजिल तय कर लेता है कि उसे कहाँ जाना है, और वह मंजिल की ओर कदम बढ़ा देता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने की ओर कदम बढ़ा देना चाहिए। मैंने अपने जीवन में अध्यापक बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मैंने बचपन में ही अपने अध्यापक को संत कबीर का यह दोहा पढ़ाते हुए देखा-सुना था

“गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपनो, गोबिंद दियो बताया।”

इस दोहे का भावार्थ यह है कि गुरु ने ही भगवान से परिचय कराया अतः उसका स्थान ईश्वर से भी ऊँचा है। बस तभी से मेरे मन में अध्यापक बनने की धुन सवार हो गई।

अध्यापक बनने के लिए मैंने अभी से सभी विषयों की गहन पढ़ाई शुरू कर दी है। मैं बारहवीं परीक्षा ‘ए’ ग्रेड में उत्तीर्ण करना चाहता हूँ। मैं ग्रेड के साथ-साथ विषयों का गहन अध्ययन करूँगा ताकि चाहे अंकों के आधार पर चयन हो या प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर अध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम में अवश्य प्रवेश ले सकूँ और सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा कर चयन के लिए होने वाली परीक्षा उत्तीर्ण कर अध्यापक बन सकूँ।

अध्यापक को राष्ट्र-निर्माता कहा जाता है। ऐसे में उसका कार्य और दायित्व दोनों ही महत्त्वपूर्ण बन जाते हैं। वह अपने व्यक्तित्व को आदर्श बनाकर छात्रों को उच्च चरित्र निर्माण और अच्छे संस्कार अपनाने के लिए प्रेरित कर सकता है। मैं विद्यार्थियों को उच्चकोटि के साहित्यकारों और विचारकों की रचनाएँ और लेख पढ़ने के लिए प्रेरित करूँगा ताकि वे भी चरित्रवान बन सकें, उनमें देश-प्रेम, देशभक्ति की उत्कट भावना विकसित हो और वे सुयोग्य नागरिक बन सकें।

अध्यापक बनकर भी मैं पढ़ने से अपना नाता बनाए रखूगा ताकि स्वयं को नित नए परिवर्तनों से अवगत रख सकूँ और अपने छात्रों को अवगत कर सकूँ। मैं उनके स्तर पर उतरकर उनको रुचिकर पद्धति से पढ़ाऊँगा ताकि वे पढ़ाई में रुचि लें। मैं कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान देकर उनकी समस्याओं पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दूंगा। मैं आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की यथासंभव सहायता करके आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहूँगा।

एक आदर्श अध्यापक के रूप में मेरा लक्ष्य धन कमाना न होकर राष्ट्र-सेवा तथा निष्ठा एवं ईमानदारीपूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वाह करना होगा। मैं ऐसा करके एक सफल एवं योग्य अध्यापक बनने का प्रयास करूँगा।

  • निबंध ( Hindi Essay)

my aim in life essay 150 words in hindi

Essay on my life goal | मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

Essay on my life goal

Essay on my life goal: इस दुनियाँ में जो भी जन्म लेता है उसे कुछ न कुछ कर्म करना ही होता है। कर्मविहीन जीवन का मतलब है हमारे जीवन की कोई दिशा नही है।

लेकिन कर्म का संबंध भी हमारी सोच और सपनों से है। इसलिए हर किसी को अपने जीवन मे अच्छे सपने देखने चाहिए तभी तो वह उन्हें हासिल करने के लिए प्रयास कर सकता है।

कई विद्यार्थी मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध की खोज करते हैं ताकि परीक्षाओं में उसे लिख सकें। आज हम आपको मेरे जीवन का लक्ष्य के ऊपर निबंध दे रहे हैं।

इस निबंध को बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है ताकि आप इसे समझ सकें और याद कर सकें।

Table of Contents

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on my life goal) – 200 शब्द (Words)

प्रस्तावना.

हर कोई अपने जीवन मे कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करके रखता है। ठीक इसी तरह मैंने भी अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है।

मुझे बचपन से बड़ों के द्वारा यह सिखाया गया है कि जीवन का कोई एक लक्ष्य होना चाहिए, ताकि आप उसके लिए मेहनत कर सकें और अपनी जिंदगी सुधार सकें।

मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है?

मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर बनना है। मैंने बचपन में ही यह सोच लिया था कि मुझे बड़ा होकर डॉक्टर बनना है। डॉक्टर बनने की प्रेरणा मुझे मेरे पापा से मिली है।

वो हमेशा ही कहते हैं कि सबसे बड़ा काम लोगो की सेवा करना है, क्योंकि मरीजों की सेवा करना, भगवान की सेवा करने के समान है। इसलिए हमेशा दीन दुखियों की सेवा करना चाहिए।

अपना लक्ष्य प्राप्ति करने का तरीका.

मुझे पता है कि मेरा लक्ष्य बहुत बढ़ा है और इसे पाना कठिन भी है लेकिन मैं अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी कोशिश करूँगा।

मैं खूब मेहनत से पढ़ाई करूँगा, अच्छे नंबर लाऊंगा ताकि किसी अच्छी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल सके।

इसके बाद 5 वर्ष का कोर्स करूँगा जिसमें मैं मेडिकल से सम्बंधित सभी विषयों की जानकारी हासिल करूँगा और बाद में एक खुद की क्लीनिक खोलूंगा, जहाँ मैं हर रविवार को सभी गरीब लोगों का मुफ्त इलाज करूँगा।

मेरे जीवन का यही लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगो को स्वस्थ कर सकूं। इस लक्ष्य की प्राप्ति तक मैं अथक परिश्रम करूँगा और अपने लक्ष्य को हासिल करके रहूँगा।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on my life goal) – 400 शब्द (Words)

इस दुनियाँ में कोई ऐसा व्यक्ति जिसके जीवन का कोई लक्ष्य नही है वह ठीक उसी प्रकार है, जैसे ऑक्सीजन के बिना जीवन है। दुनियाँ के हर एक व्यक्ति का कोई न कोई लक्ष्य जरूर होता है।

कुछ लक्ष्य छोटे होते हैं, कुछ लक्ष्य बड़े होते हैं, लेकिन सभी लक्ष्य जीवन मे महत्वपूर्ण होते हैं। हर किसी का सपना होता है। कोई डॉक्टर बनना चाहता है, कोई इंजीनियर या कोई एक्टर या लेखक।

हर कोई अपने सपने को पूरा करने के लिए खूब मेहनत भी करता है। मेरे भी जीवन का एक लक्ष्य है। मैं बढ़ा होकर शिक्षक बनना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि देश की भावी पीढ़ी को शिक्षित करूँ।

मेरे जीवन का लक्ष्य

जब मैं 10 वर्ष का था तभी से मुझे शिक्षक बनने का शौक था। मुझे शिक्षा और शिक्षण का काम बहुत अच्छा लगता है। आज भी मैं अपने छोटे भाई बहनों को पढ़ाता हूँ और उन्हें हर विषय अच्छे से समझा पाता हूँ.

शिक्षण से मेरा गहरा लगाव हैं। एक बार कक्षा में हिंदी के शिक्षक ने हम सबको एक कबीरदास जी का लिखा एक दोहा सुनाया था.

गुरु गोबिन्द दोनों खड़े, काके लागू पाय बलिहारी, गुरु आपने, जिन गोबिन्द दियो बताय॥

इसमे उन्होंने बताया कि खुद भगवान भी कहते हैं कि गुरु का दर्जा मुझसे बड़ा है, क्योंकि गुरु ही वह इंसान है जो हमें ज्ञान देते हैं।

गुरु की महिमा कई अन्य कवियों के द्वारा भी की गई है। सभी ने एक स्वर में गुरु को जीवन में सबसे महत्वपूर्ण बताया है।

मैं शिक्षक क्यों बनना चाहता हूं?

शिक्षक बनने के पीछे मेरा एक उद्देश्य है। मैं चाहता हूं कि भावी समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकू और शिक्षक वह पहली सीढ़ी है, जिसके कंधे पर देश का भविष्य सबसे पहले पैर रखता है।

यदि शिक्षक कमजोर होगा तो वह उनका बोझ नही सह पाएगा। इसलिए आज देश और समाज को योग्य शिक्षकों की बहुत ज्यादा जरूरत है,और यदि मैं इसमे कुछ योगदान कर पाया तो खुद को बहुत सौभाग्यशाली समझूंगा।

आज अधिकतर लोगों की यह मानसिकता है कि शिक्षक के पेशा वो ज्यादा पसंद महत्व नही देते, क्योंकि इसमें जिम्मेदारी अधिक और पैसा कम होता है।

लेकिन इन सब बातों को जानने के बावजूद भी मैं अपना निर्णय नही बदलूंगा और बाकी लोगो के लिए एक मिसाल बनूंगा, ताकि मेरे काम से प्रेरित होकर और भी लोग शिक्षक बनने का सपना देखें।

शिक्षक वह इंसान है जो किसी बच्चे को गढ़ता है और सभ्य व्यक्ति बनाता है। इसीलिए शिक्षक का स्थान समाज मे सबसे ऊंचा है। शिक्षक की इज्जत सभी कोई करते हैं। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखकर मैंने शिक्षक बनने का फैसला किया है।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on my life goal) – 500 शब्द (Words)

यदि किसी व्यक्ति को यह पता ही न हो वह कहा जाना चाहता है तो कभी वह सही बस में नहीं बैठ पाएगा। पहले यह निर्धारित करना होता है कि हमें जाना कहाँ है, फिर प्रश्न उठता है कि उधर तक जाना कैसे है।

यात्रा के इस नियम से जीवन का गहरा नाता है, क्योंकि देखा जाए तो जीवन भी रख यात्रा है। यदि हम अपने जीवन की दिशा नही निर्धारित करेंगे तो यह दिशाहीन हो जाएगा और हम कही भी नही पहुँच पाएंगे।

इसलिए जीवन मे किसी लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। लक्ष्य के बिना जीवन उसी तरह है जैसे नदी में फसी एक नाव जिसको दिशा देने वाला कोई भी नही है।

जिस व्यक्ति को यह पता होता है कि उसे जीवन मे क्या करना है, तो उसकी हर कोशिश भी उसी दिशा में जाने की होती है। उस व्यक्ति का जीवन और वक़्त भटकाव के भवर में नही गुजरता है। ऐसे में जीवन का कोई एक लक्ष्य होना बहुत जरूरी है

बचपन की समस्या.

हमारी सबसे बड़ी समस्या होती है कि बचपन से हमें लक्ष्य के बारे में पता नही होता। हम कई लोगो को देखते हैं और उनके जीवन को देखकर अपने लक्ष्य निर्धारित करते हैं।

लेकिन जब तक एक सटीक लक्ष्य नही मिल जाता, जब तक बाल मन मे कई लक्ष्य पलते रहते हैं। कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो इंजीनियर बनना चाहता है।

किसी के मन मे पायलेट बनने का ख्वाब है तो कोई वैज्ञानिक बनना चाहता है। सपनो की कोई सीमा नही है। हर एक सपना पूरा हो सकता है, बस अपने सपने पर यकीन होना चाहिए और जी तोड़ मेहनत करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

मेरे जीवन का लक्ष्य.

मैं बड़ा होकर एक डॉक्टर बनना चाहता हूं। मेरे मन मे ये सपना बहुत वक़्त से पल रहा है। मैंने खुद को कई अलग अलग पेशों से जब जोड़कर देखा तो समझ आया कि मुझे सबसे ज्यादा खुशी डॉक्टर बनने में मिलेगी।

आजकल लोग डॉक्टर का पेशा इस वजह इस वजह से चुनते है कि इसमें पैसा बहुत ज्यादा है। लेकिन मेरा असली मकसद पैसा कमाना नही बल्कि लोगो की सेवा करना है।

डॉक्टर एक ऐसा पेशा है जिसमें सेवाभाव सबसे ज्यादा जरूरी है। मैं लोगो की पूरे दिल से सेवा करना चाहता हूं। एक अच्छा डॉक्टर बनना चाहता हूं और गरीब लोगों को बेहतर सेहत देना चाहता हूं।

आज हमारे देश अच्छे डॉक्टर की बहुत जरूरत है। खासकर गरीब लोगों के लिए अच्छे डॉक्टर से इलाज कराना बहुत मुश्किल है, क्योंकि इलाज का खर्च बहुत ज्यादा पड़ जाता है।

लेकिन मैं एक ऐसा क्लीनिक खोलना चाहता हूं, जहाँ गरीब लोगों का इलाज हफ्ते में 2 दिन मुफ्त में कर सकूं।

समाज मे डॉक्टर का महत्व.

डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। लेकिन कई डॉक्टर इसी भावना का फायदा भी उठाते हैं। अधिकतर डॉक्टर्स शहरों में ही काम करना चाहते हैं क्योंकि सुविधाएं ज्यादा रहती है।

लेकिन एक अच्छा डॉक्टर गाँव मे भी बहुत जरूरी है। क्योंकि असली भारत तो गाँव मे बसता है।

देश मे अच्छे डॉक्टर्स की भारी कमी है, इसी के चलते कई बार इलाज के आभाव में मरीज दम तोड़ हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि एक डॉक्टर के अंदर सेवा भाव हो ताकि भगवान के दर्जे के साथ वह न्याय कर सके।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on my life goal) – 600 शब्द (Words)

हम सबने अपने दादा परदादा की जुबानी सुनी है कि इंसानी तन बड़ी तपस्या से मिलता है। लाखों सालों के इंतजार के बाद कुछ सालों की यह जिंदगानी मिलती है।

लेकिन फिर भी हम इस जिंदगी के अनमोल वक़्त को इस तरह बर्बाद कर देते हैं जैसे इसका कोई मोल ही न हो। हमारे जीवन सफल हो सके इसके लिए जरूरी है कि जीवन का लक्ष्य हो।

लक्ष्य के बिना जीवन ठीक उसी तरह हो जाता है जैसे बिन पतवार के नौका। जीवन मे के लक्ष्य होने से यह तो सुनिश्चित हो जाता है कि भले ही हम ठीक उस मंजिल तक न पहुचे जो हमने निर्धारित किया है, लेकिन उसके आसपास तक तो पहुँच ही सकते हैं।

इसलिए बड़े हमेशा यह सलाह देते हैं कि कुछ काम करने से पहले एक लक्ष्य बना लो, ताकि काम करने कज प्रेरणा मिलती रहे।

लक्ष्य का महत्व.

जीवन मे लक्ष्य का बहुत महत्व होता है। यदि हमारे जीवन का कुछ लक्ष्य है तो हम अपनी सारी ऊर्जा उस लक्ष्य के लिए लगाएंगे। पर लक्ष्य के अभाव में यह ऊर्जा व्यर्थ के कामों में बर्बाद होती है।

लक्ष्य का अभाव ही युवाओं के आपराधिक प्रवृत्ति का कारण बनता है। स्वामी विवेकानंद का लक्ष्य था अपने गुरु के ज्ञान का पूरे विश्व में प्रचार-प्रसार करना, सुभाष चंद्र बोस के लक्ष्य था एक ऐसी सेना तैयार करना जो अंग्रेजों से मुकाबला कर सकें।

भले ही इन दोनों महान व्यक्तित्व का लक्ष्य अधूरा रहा हो लेकिन इनके प्रयास की झलक पूरे विश्व को दिखी। यदि सुभाषचंद्र बोस ऐसा लक्ष्य नही सोचते तो वो कभी भी विदेशी धरती पर जाकर लोगो को जोड़ने का साहस नही जुटा पाते। लेकिन उनको यह करने की प्रेरणा अपने लक्ष्य से मिली।

लक्ष्य कैसे बनाएं?

हम में से कई लोग यह सोचते हैं कि आखिर कोई कैसे तय करे कि उसके जीवन का लक्ष्य क्या है। कुछ लोग सौभाग्यशाली होते हैं जो उनके अंदर बचपन से ही हुनर दिखने लगता है और लक्ष्य भी निर्धारित हो जाता है।

लेकिन अधिकतर लोगों के साथ ऐसा नही होता। सबसे पहले हमको यह पता करना चाहिए कि आखिर हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है।

जब हमें अपने जीवन के उद्देश्य का ज्ञान हो जाएगा तब दूसरा प्रश्न यह करना है कि आखिर यह उद्देश्य पूरा कैसे होगा।

यह प्रश्न करने से आपको अपने जीवन का लक्ष्य भी पता चल जाएगा। फिर बस आपको वह लक्ष्य पाने के लिए जरूरी चीज़े करनी है।

मेरे जीवन का लक्ष्य (essay on my life goal)

मैं वैज्ञानिक बनना चाहता हूँ। बचपन मे जब मैं रात के वक़्त साफ आकाश में देखता था तो सोचता था कि यह कितना बड़ा होगा, इसका कही तो अंत होगा। लेकिन अब पता चल रहा है कि यह तो अंतहीन है। साथ ही हमारी पृथ्वी भी ठीक उसी तरह है जैसे बाकी तारे।

लेकिन ये सब पता चलते ही उत्सुकता इस बात में बढ़ गई कि और कही भी हमारे जैसे इंसान हैं। मुझे इन सब विषयों में बहुत रुचि है।

मैं अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी कई बार पढ़ चुका हूं। मेरे लिए उनसे बड़ा कोई प्रेरणाश्रोत नही है। उन्होंने जिस तरह से मुश्किल माहौल में इतनी बड़ी बड़ी खोजें की है, वह करना बहुत मुश्किल है।

मेरे लक्ष्य की चुनौतियां.

मेरे और लक्ष्य के बीच चुनौतियों का अंबार लगा है लेकिन मैं यह मानता हूं कि मेहनत करने से सब कुछ हासिल किया जा सकता है, बस मेहनत सही दिशा में होना जरूरी है।

मैं आगे चलकर फिजिक्स विषय मे पीएचडी करूँगा, और कोशिश करूंगा कि किसी किसी अच्छे रिसर्च इंस्टीट्यूट में मेरा सिलेक्शन हो सके ताकि मैं अपना काम आगे कर सकूं।

समाज को आगे बढ़ाने में वैज्ञानिकों का भी बहुत अहम योगदान है। एक अच्छा वैज्ञानिक अपने शोधकार्य से देश का नाम रोशन करता है। मैं भी कुछ ऐसा करना चाहता हूं जिससे देश का नाम विश्वपटल पर ऊँचा हो और शोध के क्षेत्र में भारत का भी योगदान रहे।

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My Aim in Life Essay in Hindi | जीवन में मेरा लक्ष्य पर निबंध

My aim in life essay in hindi.

जीवन में मेरा लक्ष्य पर निबंध (My Aim in Life Essay in Hindi) बच्चों और छात्रों के लिए सरल हिंदी और आसान शब्दों में लिखा गया है। यह (My Aim in Life Essay in Hindi) हिंदी निबंध लक्ष्य के बारे में बताता है कि लक्ष्य हमारे लिए क्या है और यह हमारे लिए क्यों खास है। छात्रों को अक्सर उनके स्कूलों और कॉलेजों में जीवन में मेरा लक्ष्य पर निबंध (My Aim in Life Essay in Hindi) लिखने के लिए कहा जाता है। और यदि आप भी यही खोज रहे हैं, तो हमने जीवन में मेरा लक्ष्य पर 100 – शब्दों, 150 – शब्दों, 250 – शब्दों और 500 – शब्दों में निबंध दिया है।

हम सभी के जीवन में कुछ लक्ष्य होते हैं जिसे हम प्राप्त करना चाहते है और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमे कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है क्योंकि लक्ष्य हम सभी को समाज में अपना मूल्य प्राप्त करने में मदद करते हैं। यही कारण है कि सही लक्ष्य का चयन व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जाता है। इसलिए हमे अपने जीवन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करना और उसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कि आवश्यकता होती है।

Short & Long My Aim in Life Essay in Hindi (जीवन में मेरा लक्ष्य पर निबंध)

निबंध – 100 शब्द.

हम सभी के जीवन में अलग-अलग लक्ष्य होते हैं। जहां कुछ लोग डॉक्टर बनना चाहते हैं तो वहीं कुछ लोग इंजीनियर बनना चाहते हैं जबकि कुछ लोग शिक्षक बनना चाहते हैं। हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करते समय बहुत सतर्क रहना चाहिए क्योंकि कुछ लक्ष्य उचित होते हैं, जबकि कुछ आपको गुमराह करते हैं। लक्ष्य प्राप्ति में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन उसे हार नहीं माननी चाहिए।

मेरे जीवन का लक्ष्य एक डॉक्टर बनना, ताकि मैं उन लोगों को मुफ्त इलाज प्रदान कर सकू जो इसका खर्च वहन नहीं कर सकते। यह एक कठिन उद्देश्य है लेकिन इसे पूरा करने के लिए मुझे कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। एक सकारात्मक दृष्टिकोण, उचित योजना और लक्ष्य का क्रियान्वयन हमे सफलता तक पहुँचने में मदद करेगा।

निबंध – 150 शब्द

शिक्षा एक ऐसा पेशा है जो व्यक्ति कि सोच को बदलने की शक्ति देता है। एक असाधारण शिक्षक अपने छात्रों को पढ़ाता है और एक बेहतर शिक्षक प्रदर्शन करता है जबकि सबसे उत्कृष्ट शिक्षक अपने विद्यार्थियों के समझ को विकसित करता है।

इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि जीवन में मेरा लक्ष्य एक शिक्षक बनना है और विद्यार्थियों के दिमागों को विकसित करना है। एक शिक्षक दुनिया के दृष्टिकोण को बदलने और उसमें सुधार करने की क्षमता रखता है। एक शिक्षक विद्यार्थी के जीवन के पहलुओं को प्रभावित करते हैं और वे अपने शिक्षण के माध्यम से किसी छात्र का जीवन बिगाड़ और बना सकते हैं।

एक शिक्षक के रूप में मेरा व्यावसायिक और व्यक्तिगत दोनों तरह के लक्ष्य को प्राप्त करना है। साथ ही, प्रत्येक छात्र को जीवन में एक बेहतर स्थान प्राप्त करने के लिए प्रभावित और प्रेरित करना है।

संक्षेप में, एक लक्ष्य निर्धारित करने से आगे बढ़ने और सफलता तक पहुंचने में मदद मिलती है। साथ ही सकारात्मक सोच के साथ समय पर क्रियान्वयन करना भी जरूरी है।

निबंध – 200 शब्द

हम सभी को जीवन में सफल होने के लिए लक्ष्य का चयन करना जरुरी है ताकि हम अपना जीवन अच्छे से व्यतीत कर सके। इसलिए मेरा लक्ष्य एक सफल उद्यमी बनना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मुझे कई चुनौतियो और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए उन्हें वास्तविकता में बदलने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत करता हूं।

मेरी हमेशा से एक उद्यमि बनने कि रुचि रही है। मेरा लक्ष्य एक ऐसी कंपनी बनाने का है जो एक सकारात्मक कार्य वातावरण तैयार करे और कर्मचारियों के बीच रचनात्मकता और सहयोग को बढ़ावा दे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मैं वर्तमान में व्यवसाय प्रबंधन का अध्ययन कर रहा हूं। यह मुझे वित्त, विपणन और मानव संसाधन प्रबंधन जैसे विभिन्न पहलुओं कि जानकारी प्राप्त करने में सहायक होगा।

हालाँकि, एक उद्यमी बनना कोई आसान काम नहीं है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में कई चुनौतियाँ हैं जैसे पूंजी जुटाना होगा। इस चुनौती से निपटने के लिए मैं वर्तमान में एक विस्तृत व्यवसाय योजना विकसित कर रहा हूँ। इसके अलावा मेरे सामने दूसरी चुनौती प्रतिस्पर्धा है। किसी भी व्यवसाय में अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है। इस चुनौती को समाप्त करने के लिए मैं एक विक्रय प्रस्ताव विकसित करने पर काम कर रहा हूं जो मेरी वयवसाय को प्रतिस्पर्धा से अलग करेगा।

संक्षेप में, मेरे व्यवसायिक बनने का अर्थ है कि ग्राहकों को अच्छी गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और सेवाएं प्रदान करना है।

निबंध – 250 शब्द

कोई भी व्यक्ति जीवन में लक्ष्य निर्धारित किये बिना आगे नहीं बढ़ सकता। हर किसी का अपना लक्ष्य होता है और दूसरों से अलग होता है। जीवन में एक सकारात्मक लक्ष्य होने से आपको आगे बढ़ने में एक दिशा मिलेगी जो आप के बेहतर जीवन बनाने में सहयोग करेगा। ठीक उसी प्रकार मेरे जीवन का भी एक लक्ष्य है।

जीवन में मेरा लक्ष्य

सभी लोगों के जीवन में अलग-अलग लक्ष्य होते हैं। मैंने भी अपना लक्ष्य निर्धारित किया है कि मैं एक लेखक बनुगा क्योंकि मुझे बचपन से ही लिखना पसंद है। एक लेखक के पास शब्दों का संग्रह होता है जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। मुझे भिन्न प्रकार कि किताबें और उपन्यास पढ़ने का भी बहुत शौक है जिसने मेरे विचार और समझ को विकसित किया है। इसी विकसित विचार के कारण मैंने स्कूल में कई लेखन प्रतियोगिताएँ जीती हैं। इसने मेरी कल्पना शक्ति को बढ़ाया है जो मुझे लिखने में मदद करती है।

एक बार जब मैंने कहानी लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया, तो मुझे एहसास हुआ कि मैं लेखक के रूप में इसे अपना पेशा बना सकता हूँ। मैंने अपने अपने लक्ष्य को अपने माता और पिता के सामने रखा, तो सभी ने मेरा समर्थन किया और अधिक मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस विषय में मेरे शिक्षक भी मेरा समर्थन करते हैं और मेरा मार्गदर्शन करते हैं।

आपका लक्ष्य आपके भविष्य का निर्णय करता है। इसलिए, कम उम्र ही अपने भविष्य के लिए जागरूक रहे और उचित लक्ष्य का निर्धारण करे। लक्ष्य का रास्ता चुनना वाकई मुश्किल हो सकता है। यह संभव हो सकता है कि कोई निश्चित समय के बाद अपने लक्ष्य तक पहुंचने में विफल हो जाए। लेकिन अपने गलती को सुधरे और उसी क्षण सही निर्णय ले।

निबंध – 500 शब्द

लक्ष्य व्यक्तियों को बेहतर इंसान बनने और अपनी दिशा प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक लक्ष्यहीन व्यक्ति दिशाहीन होता है जो अनियंत्रित पतंग कि तरह है जिसकी डोर टूटने पर दिशाहिन् होकर इधर-उधर भटकने लगता है जबकि लक्ष्य निर्धारित करना पतंग में धागा बांधने जैसा है जो पतंग को उद्देश्यपूर्ण ढंग से ऊंची उड़ान भरने में मदद करता है। मेरा जीवन का लक्ष्य पर निबंध आपके जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने की आवश्यकता को समझने में मदद करेगा।

मेरा जीवन का लक्ष्य

हम सभी अपने जीवन में कभी न कभी यह लक्ष्य निर्धारित करते है कि उसे क्या बनना है। इसलिए आज के समय कि मांग के अनुसार मेरा लक्ष्य डॉक्टर बनने का है। सिर्फ इसलिए नहीं कि मेरे पिताजी एक डॉक्टर हैं बल्कि यह एक नेक पेशा है।

जैसा कि हम देखते है कि बहुत से लोग आर्किटेक्ट, इंजीनियर, डांसर, व्यसायिक, आदि बनने की इच्छा रखते हैं। लेकिन डॉक्टर बनने की मेरी प्राथमिकता के पीछे कुछ विशेष कारण हैं।

अगर डॉक्टर न हो तो इस दुनिया में कोई भी बीमारी से ठीक नहीं हो पाएगा। इसलिए मेरी दृष्टि में डॉक्टर वह व्यक्ति होता है जो किसी भी परिस्तिथि में दूसरों का इलाज करके उनकी जान बचाता है। डॉक्टर लोगों को आवश्यक दवा देकर या विभिन्न अन्य प्रक्रियाओं के माध्यम से  बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं। वे कठिनाई के समय में रोगी और उसके परिवार को आशा और खुशी भी प्रदान करते है।

हालाँकि, डॉक्टर बनना उतना आसान नहीं है। डॉक्टर बनने के लिए मुझे कई बाधाओं को पार करना होगा। पहले मुझे कड़ी मेहनत से अध्ययन करना होगा और फिर मुझे मेडिकल कॉलेज उत्तीर्ण होकर दाखिला लेना होगा।

मैं यह पेशा अपनाना चाहता हूं ताकि मैं उन लोगों की मदद कर सकू जो कई कठिन बीमारियों के इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते। मैं अपना खुद का एक अस्पताल खोलना चाहता हूँ जो सभी आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित होगा। जहाँ पर गरीब जो इलाज का खर्चा वहन नहीं कर सकते उनका मुफ्त इलाज हो। यह एक लंबी यात्रा है लेकिन मैं काफी महत्वाकांक्षी हूं और मैं अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए खूब मेहनत करूँगा।

जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना क्यों महत्वपूर्ण है?

जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना जरुरी है क्योंकि ये किसी व्यक्ति को जीवन में सही उद्देश्य खोजने में सहायता करेगा। व्यक्ति अपने जीवन में कई लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ काम कर सकते हैं। लक्ष्य निर्धारित करने से आप को ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। यह हमें प्रेरित रहने और हमारी प्रगति को मापने में मदद करते हैं। इसके माध्यम से कोई भी आसानी से अपनी यात्रा का विश्लेषण कर सकता है और अपनी कमियों को दूर करके इसे अधिक तेज़ बनाने के लिए प्रयास कर सकता है।

सभी अपने जीवन में क्या करना चाहते है यह लक्ष्य निर्धारित करते है। हालाँकि, लक्ष्य हासिल करना इतना आसान नहीं है। बहुत से लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में असफल हो जाते हैं और नोराश हो जाते हैं। लेकिन हमें इस असफलता से सिखने कि जरुरत है और यह समझना चाहिए कि असफलता सफलता का एक हिस्सा है। लगातार प्रयत्न और कड़ी मेहनत एक दिन आप का लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करती है।

ये भी देखें –

  • Essay on G20 Summit in Hindi
  • Essay on Animals in Hindi
  • Essay on Agriculture in Hindi

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My Aim in Life | मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध

Table of Contents

My Aim in Life essay in hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस नए पोस्ट में हम लोग My Aim in Life यानी कि मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध (Mera jeevan lakshya par nibandh) लेखन करेंगे तो इसे आप अंत तक पढ़े समझे जाने और खुद से लिखने का प्रयास करें इस तरह निबंध लेखन के प्रयास से आप अच्छे निबंध लिख पाएंगे।

my aim in life essay in hindi

परिचय : My Aim in Life | मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक उद्देश्य होता है, एक दिशा जिसमें वह आगे बढ़ना चाहता है।  कुछ लोगों को अपने जीवन का लक्ष्य कम उम्र में ही मिल जाता है, जबकि कुछ को बाद में पता चलता है।  जो भी हो, जीवन में एक लक्ष्य होने से हमें दिशा और उद्देश्य का बोध होता है।

यह हमें केंद्रित और प्रेरित रहने में मदद करता है, और हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है।  इस निबंध में, मैं अपने जीवन के उद्देश्य और उसके पीछे के कारणों को साझा करूँगा।

 जीवन में एक लक्ष्य होने का महत्व

 व्यक्तिगत विकास और सफलता के लिए जीवन में एक लक्ष्य होना महत्वपूर्ण है।  यह हमें लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने की दिशा में काम करने में मदद करता है।  जब हमारा कोई उद्देश्य होता है, तो हम अधिक प्रेरित होते हैं और सफल होने के लिए प्रेरित होते हैं।

हम अधिक केंद्रित और संगठित हो जाते हैं, और हम अपने समय और संसाधनों का अधिक कुशलता से उपयोग कर सकते हैं।  इसके अलावा, जीवन में एक स्पष्ट लक्ष्य होने से हमें बेहतर निर्णय लेने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सही रास्ता चुनने में मदद मिलती है।

 जीवन में मेरा लक्ष्य

 मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर बनना है।  बहुत कम उम्र से ही मुझे चिकित्सा के क्षेत्र से लगाव रहा है। मुझे हमेशा मानव शरीर और उसके कार्यों के बारे में दिलचस्पी रही है, और मुझे उन लोगों की मदद करने की गहरी इच्छा है जो बीमारियों से पीड़ित हैं। डॉक्टर बनना सिर्फ एक पेशा नहीं है;  यह एक पुकार है। मेरा मानना ​​है कि डॉक्टर बनने से मुझे मानवता की सेवा करने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का अवसर मिलेगा।

 मेरे उद्देश्य के पीछे कारण

 मेरे डॉक्टर बनने के कई कारण हैं।  सबसे पहले, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, मैं हमेशा मानव शरीर और उसके कार्यों से मोहित रहा हूं।  मुझे यह आश्चर्यजनक लगता है कि कैसे अलग-अलग अंग हमें जीवित रखने के लिए एक साथ काम करते हैं और बीमारियां उन्हें कैसे प्रभावित कर सकती हैं।

दूसरे, मुझे उन लोगों की मदद करने की प्रबल इच्छा है जो बीमारियों से पीड़ित हैं।  मेरा मानना ​​है कि एक डॉक्टर होने के नाते मुझे लोगों के दर्द और पीड़ा को कम करने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का अवसर मिलेगा।  तीसरा, मैं अनुसंधान करके और नए उपचार विकसित करके चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान देना चाहता हूं।  मेरा मानना ​​है कि एक डॉक्टर होने के नाते मुझे चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करने का मौका मिलेगा।

 मुझे जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है

 डॉक्टर बनना कोई आसान काम नहीं है, और इस रास्ते में मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।  सबसे पहले, डॉक्टर बनने की प्रक्रिया लंबी और चुनौतीपूर्ण होती है।  इसके लिए बहुत मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है और इसे पूरा होने में कई साल लग सकते हैं। 

दूसरा, मेडिकल स्कूल बहुत प्रतिस्पर्धात्मक है, और इसे स्वीकार करना मुश्किल हो सकता है।  तीसरा, डॉक्टर होना भावनात्मक और शारीरिक रूप से कठिन हो सकता है।  डॉक्टर अक्सर लंबे समय तक काम करते हैं और उन्हें कठिन मामलों से निपटना पड़ता है, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है।

 मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना कैसे बनाऊं

 डॉक्टर बनने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी और फोकस्ड रहना होगा।  सबसे पहले, मेरी योजना स्कूल में कड़ी मेहनत करने और अच्छे ग्रेड बनाए रखने की है।  मेरा मानना ​​है कि मेडिकल स्कूल में प्रवेश के लिए एक मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि आवश्यक है।

दूसरे, मैं व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और चिकित्सा के क्षेत्र के बारे में अधिक जानने के लिए अस्पतालों और क्लीनिकों में स्वयंसेवा करने की योजना बना रहा हूं।  तीसरा, मैं चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम विकास पर अद्यतन रहने के लिए अनुसंधान परियोजनाओं में भाग लेने और सम्मेलनों में भाग लेने की योजना बना रहा हूँ। अंत में, मेरी योजना मेडिकल कॉलेज प्रवेश परीक्षा (एमसीएटी) के लिए अच्छी तैयारी करने और प्रतिष्ठित मेडिकल स्कूलों में आवेदन करने की है।

 निष्कर्ष : जीवन लक्ष्य पर निबंध

 अंत में, व्यक्तिगत विकास और सफलता के लिए जीवन में एक लक्ष्य होना आवश्यक है। मेरे जीवन का उद्देश्य डॉक्टर बनना है और मुझे विश्वास है कि यह पेशा मुझे मानवता की सेवा करने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का अवसर देगा। 

इसे अवश्य पढ़ें:

  • दहेज प्रथा पर निबंध
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध

हालाँकि रास्ते में चुनौतियाँ हो सकती हैं, मैं कड़ी मेहनत करने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्रित रहने के लिए दृढ़ संकल्पित हूँ।  मेरा मानना ​​है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और लगन से मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता हूं और चिकित्सा के क्षेत्र में सकारात्मक योगदान दे सकता हूं।

अगर आपको “मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध” का यह लेखन पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच अवश्य शेयर करें और हां कोई सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें बताएं।

12 thoughts on “My Aim in Life | मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध”

Essay on mera Priya khel

OK bahut jald post kr denge.

हम जल्द ही हमारे प्रिय खेल पर निबंध पोस्ट करेंगे सलाह देने के लिए धन्यवाद.

essey on mere jivan ka priya khel

Done…ek baar check kr lo aap…thank you.

essay on my favourite game

YES,We will soon post.

nibandh on mera priya khel

done…thank you for suggestion

Sabhi nibandh

Ok hmlog or bhi nibandh post krenge.

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  5. मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध-My Aim In Life Essay In Hindi

    समय के महत्व पर निबंध-Value Of Time Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words) पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध-Environmental Pollution Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)

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