डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 11 सर्वश्रेष्ठ किताबें | A.P.J Abdul Kalam Books Hindi
A.P.J. Abdul Kalam Books in Hindi / डॉ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और इंजीनियर के रूप में विख्यात थे। उनका पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम हैं। जो व्यक्ति किसी क्षेत्र विशेष में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है, उसके लिए सब सहज हो जाता है और कुछ भी दुर्लभ नहीं रहता। अब्दुल कलाम इस उद्धरण का प्रतिनिधित्व करते नज़र आते थे। उन्होंने विवाह नहीं किया था। उनकी जीवन गाथा किसी रोचक उपन्यास के नायक की कहानी से कम नहीं है। चमत्कारिक प्रतिभा के धनी अब्दुल कलाम का व्यक्तित्व इतना उन्नत था कि वह सभी धर्म, जाति एवं सम्प्रदायों के व्यक्ति नज़र आते थे। डॉक्टर कलाम ने साहित्यिक रूप से भी अपने विचारों को बहुत सारे पुस्तकों में समाहित किया है। आइये जाने एपीजे अब्दुल कलाम लिखी पुस्तके..
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पुस्तकें – A.P.J. Abdul Kalam Best Seller Books in Hindi
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक महान वैज्ञानिक थे, जिन्हें 30-35 से अधिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हो चुकी है। वह एक ऐसे स्वीकार्य भारतीय थे, जो सभी के लिए ‘एक महान् आदर्श’ बन चुके हैं। विज्ञान की दुनिया से देश का प्रथम नागरिक बनना कपोल कल्पना मात्र नहीं है, क्योंकि यह एक जीवित प्रणेता की सत्यकथा है।
ऐसे जीवन कथा वाक्य प्रेरणा के श्रोत हैं। उनके विचार, उद्धरण उन्होंने किताबो के जरिये व्यक्त किया हैं। एपीजे अब्दुल कलाम की किताबे सच में दिल छू जाती हैं। मैंने खुद उनकी कई किताबे पढ़ी हैं उनके किताबे पढ़ने के बाद जीवन में अलग उत्साह मिलता हैं। यहाँ पर अब्दुल कलाम की कुछ पुस्तकों की सूचि दे रहा हूँ। मैं चाहता आप भी एक बार जरूर पढ़े।
हालांकि ये Books आप कहीं से भी खरीद सकते हैं पर मेरा Personal Experience है कि इन्हे Online Flipkart या Amazon से खरीदना आसान है और सस्ता भी पड़ता है। और यदि आप ये किताबें गिफ्ट करना चाहते हैं तो भी आप buy करते समय कोई भी शिपमेंट एड्रेस दे कर के मनचाही जगह पर किताबें भेज सकते हैं।
A.P.J Abdul Kalam ki Book List in Hindi – एपीजे अब्दुल कलाम की किताबें
1). विंग्स ऑफ फायर (wings of fire) (एपीजे अब्दुल कलाम साहब की जीवनी/autobiography) .
Writer – A.P.J. Abdul Kalam and Arun Tiwari
इस पुस्तक में एपीजे अब्दुल कलाम साहब की आत्मकथा है। इसके सह-लेखक अरुण तिवारी जी हैं। इसमें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन से लेकर लगभग 2000 तक के जीवन सफर के बारे में विस्तार से बताया गया है। यह पुस्तक कई भाषाओ में प्रकाशित हुवा हैं।
यहां से ख़रीदे –
>> buy now from amazon (hindi), >> buy now from amazon (english), >> buy now from flipkart, 2). इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम (india 2020: a vision for the new millennium).
Writer – A.P.J. Abdul Kalam and Y.S. Rajan
अ विज़न फॉर द न्यू मिलेमियम भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा लिखित एक बेस्ट सेलर किताब है। यह किताब उन्होंने अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल से पहले ही लिखी थी। और उनके किताबों में सबसे अच्छी किताब हैं।
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3). इग्नाइटेड माइंड्स: ऑन लीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया (ignited minds: unleashing the power within india).
Writer – A.P.J. Abdul Kalam
इग्नाइटेड माइंड्स: ऑन लीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा लिखी बेस्ट बुक हैं। इस बुक को उन्होंने अपने राष्ट्रपति कार्यालय के समय लिखा था।
4). टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजेस (Turning Points: A Journey Through Challenges)
यह किताब डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की सर्वश्रेष्ठ किताब है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे और इन पाँच वर्षों के चुनौतियों और अनुभवों की कहानी है ‘टर्निंग प्वॉइंट्स’ किताब। रोचक प्रसंगों, संस्मरणों, राजनीतिक मुद्दों, और भारत को 2020 तक विकसित बनाने की योजना का पूरा ब्योरा इस किताब में दिया हैं।
5). द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स (The Luminous Sparks: A Biography in Verse and Colours)
6). गाइडिंग सोल्स: डायलॉग्स ऑन द पर्पस ऑफ लाइफ (guiding souls: dialogues on the purpose of life).
Writer – A.P.J. Abdul Kalam and Arun Tiwari
7). मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथ (Mission of India: A Vision of Indian Youth)
8). इन्स्पायरिंग थॉट्स: कोटेशन सीरिज (inspiring thoughts: quotation series), 9). यू आर बोर्न टू ब्लॉसम: टेक माई जर्नी बियोंड (you are born to blossam: take my journey beyond), 10). फेलियर टू सक्सेस: लीजेंडरी लाइव्स (failure to success: legendary lives), 11). इन्डोमिटेबल स्प्रिट (indomitable spirit), a.p.j abdul kalam books in hindi for students.
- इंडिया 2020: ऐ विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम (India 2020: A Vision for the New Millennium)
- विंग्स ऑफ़ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी (Wings of Fire)
- इग्नाइटेड माइंडस: अन्लेशिंग द पॉवर विथिन इंडिया (Ignited Minds: Unleashing the Power Within India)
- द लुमिनिउस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स (The Luminous Sparks: A Biography in Verse and Colours)
- गाइडिंग सोल्स : डायलॉग्स ओन द पर्पज ऑफ़ लाइफ (Guiding Souls : Dialogues on the Purpose of Life)
- मिशन ऑफ़ इंडिया: ए विज़न ऑफ़ इंडिया यूथ (Mission India: A Vision For Indian Youth)
- यू आर बोर्न टू ब्लॉसम: टेक माय जर्नी बियॉन्ड (You Are Born to Blossom: Take My Journey Beyond)
- द साइंटिफिक इंडिया: ए ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी गाइड टू द वर्ल्ड अराउंड अस (The Scientific Indian : A Twenty-First Century Guide To The World Around Us)
- फेलियर टू सक्सेस: लेजेंडरी लिव्स (Failure to Success)
- टारगेट 3 बिलियन (Target 3 Billion)
- टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजस (Turning Points · A Journey Through Challenges)
- इन्डोमिटेवल स्पिरिट (Indomitable Spirit)
- स्पिरिट ऑफ़ इंडिया (Spirit of India)
- थॉट्स फॉर चेंज: वी कैन डू इट (Thoughts for Change: We Can Do it )
- माय जर्नी : ट्रांस्फोर्मिंग ड्रीम्स इनटू एक्शनस (‘My Journey: Transforming Dreams into Actions)
- गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया (Governance for Growth in India)
- मैनिफेस्टो फॉर चेंज (Manifesto for Change)
- फोर्ज योर फ्यूचर: कैंडिड , फोर्थराईट, इंस्पाइरिंग (Forge your Future)
- ब्योंड 2020: ए विज़न फॉर टुमारो इंडिया (Beyond 2020: A Vision For Tomorrow’s India)
- द गाइडिंग लाइट: ए सिलेक्शन ऑफ़ कोटेशन फ्रॉम माई फेवरिट बुक्स (The Guiding Light: A Selection of Quotations from My Favourite Books)
- रेगनिटेड: साइंटिफिक पाथवेयस टू ए ब्राईटर फ्यूचर (Reignited: Scientific Pathways to a Brighter Future)
- द फैमिली एंड द नेशन (The Family and The Nation)
- ट्रांस्सन्देंस माई स्पिरिचुअल एक्सपीरियंसीस (Transcendence: My Spiritual Experiences)
APJ Abdul Kalam Book Wings of Fire in Hindi
विंग्स ऑफ फायर: एन आटोबायोग्राफी ऑफ एपीजे अब्दुल कलाम, भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की आत्मकथा है। इसके सह-लेखक अरुण तिवारी हैं। इसमें अब्दुल कलाम के बचपन से लेकर लगभग 1999 तक के जीवन सफर के बारे में बताया गया है। मूल रूप में अंग्रेजी में प्रकाशित यह किताब, विश्व की 13 भाषाओ में अनूदित हो चुकी है। यह भारत की बेस्ट सेलर बुक में एक हैं।
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Q. अब्दुल कलाम का पूरा नाम?
अवुल पकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम
Q. अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ?
15 October 1931
Q. अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई?
27 July 2015
Q. एपीजे अब्दुल कलाम किस लिए प्रसिद्ध थे?
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक थे।
और अधिक लेख –
- एपीजे अब्दुल कलाम की प्रेरणादायी जीवनी
- ए पी जे अब्दुल कलाम के सुविचार
- महात्मा गाँधी की प्रेरणादायी जीवनी
- दुनिया की 15 सबसे अच्छी मोटिवेशनल किताबे, एक बार जरूर पढ़े
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1 thought on “डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 11 सर्वश्रेष्ठ किताबें | a.p.j abdul kalam books hindi”.
ये सब बहुत ही अच्छी किताबे है। इन किताबों के बारे में आपने बढ़िया करके बताया है। में एक बार इन किताबो जरूर पडूंगा
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- Jivan Parichay (जीवन परिचय) /
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय
- Updated on
- अक्टूबर 13, 2023
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: भारत रत्न से सम्मानित और ‘भारत का मिसाइल मैन’ कहे जाने वाले मशहूर वैज्ञानिक डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) अपने बेहतरीन कार्यों के लिए आज भी जाने जाते हैं। डॉ कलाम वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति भी बने। डॉ कलाम ने भारत को प्रगतिशील बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था।
क्या आप जानते हैं डॉक्टर कलाम ने ISRO में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल (SLV-III) के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एपीजे अब्दुल कलाम अपने कार्यों और अपनी प्रेरणादायक बातों के लिए आज भी याद किए जाते है। वहीं उनके जन्म दिवस को हर वर्ष ‘ विश्व छात्र दिवस ’ के रूप में मनाया जाता हैं। आइए जानते हैं ए पी जे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय।
This Blog Includes:
डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का प्रारंभिक जीवन, इसरो में निभाई अहम भूमिका , क्यों कहा जाता है डॉ कलाम को मिसाइल मैन , द्वितीय पोखरण परमाणु परीक्षण में दिया अहम योगदान , डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की मिसाइलों के नाम और उनकी विशेषताएं , डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का राजनैतिक सफर , डॉ कलाम का निधन , डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम की उपलब्धियां , डॉ. कलाम द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकें, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर लिखी गई जीवनी , डॉ. कलाम के 10 अनमोल विचार , सम्बंधित ब्लॉग.
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: डॉ कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। लेकिन उन्हें डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम और मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। उनके पिता का नाम ‘ जैनुलाब्दीन’ था, जो एक नाविक थे और उनकी माता का नाम ‘ असीम्मा ‘ था, जो एक गृहणी थी। डॉ कलाम के पांच भाई बहन थे।
डॉ कलाम का शुरूआती जीवन संघर्षों से भरा रहा था। उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था। उन्हें बचपन से ही सिखने की बहुत इच्छा थी। रामनाथपुरम, तमिलनाडु से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ कलाम वर्ष 1955 में वे मद्रास चले गए वहाँ उन्होंने ‘ मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ , चेन्नई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। क्या आप जानते हैं डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम एक लड़ाकू पायलट बनना चाहते थे लेकिन उन्हें ‘भारतीय वायु सेना’ (IAF) की प्रवेश परीक्षा में नौवां स्थान मिला था। जबकि IAF ने केवल 8वीं रैंक तक ही रिजल्ट की घोषणा की थी इसलिए वह पायलट नहीं बन सके।
यह भी पढ़ें – डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम का शिक्षा में योगदान
डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने ‘ हावरक्राफ्ट परियोजना’ पर काम किया। डॉ कलाम ने कुछ समय तक प्रसिद्ध वैज्ञानिक ‘ विक्रम साराभाई’ के साथ भी काम किया था। इसके बाद वह वर्ष 1962 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ ( ISRO) में आ गए, यहाँ उन्होंने प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते हुए सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने ISRO में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल SLV-III के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस प्रथम सैटेलाइट व्हीकल से भारत ने वर्ष 1980 में रोहिणी सैटेलाइट सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था। इस मिसाइल को बनाने में डॉ कलाम में अपना अहम योगदान दिया था, जिस वजह से उन्हें ‘ मिसाइल मैन’ की उपाधि से नवाजा गया। इसके बाद डॉ कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में कार्य किया और देश के लिए कई मिसाइलें बनाई।
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इसके बाद डॉ. कलाम ने वर्ष 1992 से 1999 तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में सेक्रेटरी के रूप में कार्य किया। वह प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी थे। वर्ष 1998 में दूसरे परमाणु परीक्षण में डॉ. कलाम ने महत्वपूर्ण तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाई थी। इस सफल परमाणु परिक्षण के बाद ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को एक पूर्ण विकसित परमाणु देश घोषित किया और भारत विश्व में एक महाशक्ति के रूप में उभरा।
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi में अब हम उनकी कुछ प्रमुख मिसाइलों और उनकी विशेषताओं के बारे में बता रहे है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम 18 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। क्या आप जानते हैं कि डॉ कलाम भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ भारत रत्न’ प्राप्त करने वाले भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे। बता दें कि डॉ कलाम से पहले वर्ष 1954 में “ डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ” और वर्ष 1963 में “ डॉ. जाकिर हुसैन ” को यह सम्मान प्रदान किया गया था। डॉ कलाम वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति पद पर आसीन रहे और इसके बाद उन्होंने फिर से राष्ट्रपति चुनाव ना लड़ने का फैसला किया। राष्ट्रपति के पद से मुक्त होने के बाद डॉ कलाम ने देश के विभिन्न कॉलेज-संस्थानों में अध्यापन कार्य किया और कई पुस्तकें लिखी
यह भी पढ़ें – ‘फादर ऑफ ग्रीन रिवॉल्यूशन’ कहे जाने वाले एम.एस. स्वामीनाथन के बारे में कितना जानते हैं आप?
डॉ. कलाम ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान दिया है, जिसकी वजह से उन्हें वर्ष 1997 में भारत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने जीवन के बहुत से वर्ष रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के लिए काम करते हुए बिताए थे।
देश का सर्वोच्च पद पर रहने के बाद भी डॉ. कलाम हमेशा अपना जीवन सादगी के साथ जीते रहे उनका स्वभाव बेहद सहज, सरल और विनम्र था। वे हमेशा खुद को एक वैज्ञानिक और शिक्षक की तरह ही देखा करते थे। लेकिन 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) शिलांग में व्याख्यान देते समय हृदय गति रुकने से अचानक उनका निधन हो गया।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने अपने जीवन में बहुत सी विपरीत परिस्थितियों का सामना किया था। लेकिन जीवन में उन्होंने कभी भी कठिन परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी। यही वजह रही है कि उनका जीवन आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहा हैं। डॉ. कलाम को उनके कार्यों के लिए बहुत से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। जिन्हें नीचे दिए गए टेबल में बताया जा रहा हैं:-
यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) का जीवन परिचय के साथ ही उनके द्वारा लिखित कुछ पुस्तकों के बारे में बताया जा रहा है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-
यह भी पढ़ें – लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi में अब हम डॉ. कलाम के जीवन पर लिखी गई कुछ प्रमुख जीवनी के बारे में बता रहे है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन परिचय (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi) के साथ ही उनके कुछ अनमोल विचारों के बारे में भी बताया जा रहा है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-
- शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा।
- महान शिक्षक ज्ञान, जूनून और करुणा से निर्मित होते हैं।
- अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।
- सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।
- महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।
- मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।
- अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
- शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत की जरूरत होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।
- किसी भी मिशन की सफलता के लिए, रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक हैं।
- जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती हैं।
- APJ Abdul Kalam Full Name in Hindi: जानिए क्या है ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम?
- Books of APJ Abdul Kalam: ये हैं प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम की किताबें
- जानिए क्या था एपीजे अब्दुल कलाम के माता-पिता का नाम? – Leverage Edu
- पढ़िए एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 10 लाइन, जो कि आपको प्रेरित करेंगी – Leverage Edu
- क्या आप जानते हैं कि अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई? – Leverage Edu
- डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम का शिक्षा में योगदान | Leverage Edu
- Dr. A.P.J. Abdul Kalam: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 20 लाइन
- अब्दुल कलाम के शिक्षा पर विचार | Leverage Edu
- क्या आप जानते हैं कि एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ था?
- जानिए एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न कब मिला? – Leverage Edu
- जानिए डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है? – Leverage Edu
आशा है आपको डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। नीरज को स्टडी अब्रॉड प्लेटफाॅर्म और स्टोरी राइटिंग में 2 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में upGrad Campus, Neend App और ThisDay App में कंटेंट डेवलपर और कंटेंट राइटर रह चुके हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविधालय से बौद्ध अध्ययन और चौधरी चरण सिंह विश्वविधालय से हिंदी में मास्टर डिग्री कंप्लीट की है।
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A.P.J. Abdul Kalam Biography: प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, करियर, किताबें, पुरस्कार और अधिक
A.p.j. abdul kalam biography: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक भारतीय वैज्ञानिक और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रमों के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई. आइये इस लेख के माध्यम से डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के प्रांभिक जीवन, करियर, शिक्षा, पुरस्कार, इत्यादि के बारे में अध्ययन करते हैं..
A.P.J. Abdul Kalam Biography: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की भारत में परमाणु ऊर्जा में भागीदारी ने उन्हें "भारत का मिसाइल मैन" की उपाधि दी. उनके योगदान के कारण, भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया.
आपको बता दें कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 9 फरवरी 2020 को नई दिल्ली में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की बायोपिक का फर्स्ट लुक जारी किया था. फिल्म का शीर्षक ए.पी.जे. अब्दुल कलाम : द मिसाइल मैन (APJ Abdul Kalam: The Missile Man) है.
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था. उनकी जयंती को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. वह 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे. उन्हें 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. उनका जन्म धनुषकोडी, रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था और उन्होंने भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन किया था.
नाम: अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम) राष्ट्रीयता: भारतीय व्यवसाय: इंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ जन्म: 15-अक्टूबर -1931 जन्म स्थान: धनुषकोडी, रामेश्वरम, तमिलनाडु, भारत निधन: 27 जुलाई 2015, शिलांग, मेघालय, भारत के रूप में प्रसिद्ध: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति रहे
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वर्ष 2002 में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ राष्ट्रपति चुने गए थे. भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के साथ एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में काम किया था. देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम, प्रक्षेपण यान और बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ नाम की उपाधि दी गई. इसके अलावा, 1998 में, उन्होंने भारत के पोखरण-II परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण योगदान भी दिया था. क्या आप जानते हैं कि डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने अपना करियर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में एक वैज्ञानिक के रूप में शुरू किया था? उन्होंने ISRO में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च वाहन (SLV-III) के के एक प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भी काम किया था.
1990 के दशक में उन्होंने 2002 में भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कार्य किया था. आइये अब, इस लेख के माध्यम से डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बारे में विस्तार से अध्ययन करते हैं.
डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के प्रसिद्द कथन
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: पारिवारिक इतिहास और प्रारंभिक जीवन
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था, जो एक नावक थे. उनकी माता का नाम असीम्मा था और वह एक गृहणी थीं. ये कुल पांच भाई बहिन थे, तीन बड़े भाई और एक बड़ी बहन.
उनकी सबसे बड़ी बहन जिसका नाम आसिम ज़ोहरा और तीन बड़े भाई, अर्थात् कासीम मोहम्मद, मुस्तफा कमल, मोहम्मद मुथु मीरा लेबाई मारिकायर था. वह अपने परिवार के करीब थे और हमेशा उनकी मदद करते थे, हालांकि वह पूरी जिंदगी कुंवारे रहे.
अब्दुल कलाम के पूर्वज कई संपत्तियों और भूमि के बड़े ट्रैक्ट के साथ धनी व्यापारी और ज़मींदार थे. वे मुख्य भूमि और द्वीप के बीच और श्रीलंका से किराने का सामान व्यापार करते थे और मुख्य भूमि से पामबन द्वीप तक तीर्थयात्रियों के लिए नौका विहार करते थे. तो, उनके परिवार को "Mara Kalam Iyakkivar" (लकड़ी की नाव चलाने वाले) और बाद में "माराकियर" (Marakier) के नाम से जाना गया.
लेकिन 1920 के दशक तक, उनके परिवार के व्यवसाय विफल हो गए और जब तक अब्दुल कलाम का जन्म हुआ तब तक वे गरीबी से जूझ रहे थे. परिवार की मदद करने के लिए, कलाम ने कम उम्र में अखबार बेचना शुरू किया था.
स्कूल के दिनों में वे पढ़ाई लिखाई में सामान्य थे पर नै चीजें सिखने के लोए हमेशा तत्पर और तैयार रहते थे. वे चीजों को सीखना चाहते थे और अपनी पढ़ाई पर घंटो ध्यान देते थे. गणित में उनकी मुख्य रुचि थी.
उन्होंने Schwartz Higher Secondary स्कूल, रामनाथपुरम, तमिलनाडु से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की थी और बाद में उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज में दाखिला लिया और सं 1954 में भौतिक विज्ञान में स्नातक किया.1955 में वे मद्रास चले गए जहां से उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की उनका सपना एक लड़ाकू पायलट बनना था, परन्तु परीक्षा में उन्होंने नौवा स्थान प्राप्त किया, जबकि आईएएफ ने केवल आठ परिणाम ही घोषित किये थे. अतः वह उसमें सफल नहीं हो पाये.
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: शिक्षा और करियर
वर्ष 1960 में स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद, डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हो गए.
उन्होंने इनकोस्पार (भारतीय राष्ट्रीय समिति) की समिति के हिस्से के रूप में प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया था. उन्होंने DRDO में एक छोटा होवरक्राफ्ट डिजाइन करके अपने करियर की शुरुआत की थी. अपने करियर की शुरुआत में, उन्होंने भारतीय सेना के लिए एक छोटा सा हेलीकॉप्टर तैयार किया था. वर्ष 1963 से 1964 तक, डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने रक्षा मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में स्थित गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर, वर्जीनिया के पूर्वी तट पर स्थित वालप्स फ्लाइट दक्षता और वर्जीनिया के हैम्पटन में स्थित नासा के लैंगली रिसर्च सेंटर का दौरा किया.
उन्होंने 1965 में DRDO में स्वतंत्र रूप से एक विस्तार योग्य रॉकेट परियोजना पर स्वतंत्र रूप से काम करना शुरू कर किया था. वह DRDO में अपने काम से बहुत संतुष्ट नहीं थे और जब उन्हें 1969 में इसरो को स्थानांतरण आदेश मिले तो वे खुश हो गए. वहां उन्होंने SLV-III के परियोजना निदेशक के रूप में कार्य किया. जुलाई 1980 में, उनकी टीम पृथ्वी की कक्षा के पास रोहिणी उपग्रह को स्थापित करने में सफल रही थी. यह भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित उपग्रह प्रक्षेपण यान है.
अब्दुल कलाम जी ने 1969 में सरकार की स्वीकृति प्राप्त की और अधिक इंजीनियरों को शामिल करने के लिए कार्यक्रम का विस्तार किया. 1970 के दशक में, उन्होंने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) को विकसित करने के उद्देश्य से एक प्रयास किया था ताकि भारत अपने भारतीय रिमोट सेंसिंग (IRS) उपग्रह को Sun-Synchronous कक्षा में लॉन्च कर सके, PSLV परियोजना सफल रही और 20 सितंबर 1993 को, यह पहली बार लॉन्च किया गया था.
वर्ष 1970 से 1990 तक एसएलवी -3 और ध्रुवीय एसएलवी की परियोजनाओं के विकास में डॉ कलाम के प्रयास काफी सफल साबित हुए थे.
डॉ कलाम ने परियोजना वालिएंट और प्रोजेक्ट डेविल को निर्देशित किया था जिसका उद्देश्य एसएलवी कार्यक्रम की तकनीक का उपयोग करके बैलिस्टिक मिसाइलों को विकसित करना था, जो सफल भी रहा था.
DRDO द्वारा प्रबंधित एक भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अन्य सरकारी संगठनों के साथ मिलकर 1980 के दशक की शुरुआत में Integrated Guided Missile Development Program(IGMDP) का शुभारंभ किया. अब्दुल कलाम को इस परियोजना का नेतृत्व करने के लिए कहा गया और इसलिए वह आईजीएमडीपी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में डीआरडीओ में लौट आए. उन्हीं के निर्देशों से ही अग्नि मिसाइल, पृथ्वी जैसे अन्य मिसाइलों का बनाना सफल हुआ.
अब्दुल कलाम जी के नेतृत्व में, IGMDP की परियोजना 1988 में पहली पृथ्वी मिसाइल और फिर 1989 में अग्नि मिसाइल जैसी मिसाइलों का उत्पादन करके सफल साबित हुई। उनके योगदान के कारण, उन्हें "भारत के मिसाइल मैन" के रूप में जाना जाता है. उन्होंने, जुलाई 1992 से दिसंबर 1999 तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के सचिव के रूप में कार्य किया था और प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे थे.
अब्दुल कलाम जी ने इस अवधि में हुए पोखरण द्वितीय परमाणु परीक्षण में डॉ. कलाम ने एक महत्वपूर्ण तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाई थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को एक पूर्ण विकसित परमाणु राज्य घोषित किया.
क्या आप जानते हैं कि 1998 में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सोमा राजू के साथ अब्दुल कलाम जी ने एक कम लागत वाली कोरोनरी स्टेंट विकसित की थी? जिसे बाद में “कलाम-राजू स्टेंट” नाम दिया गया था. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में इन दोनों लोगों ने स्वास्थ्य देखभाल के लिए टैबलेट पीसी भी डिजाइन किया गया था जिसे "कलाम-राजू टैबलेट" नाम दिया गया था.
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम: सामान्य ज्ञान प्रश्न और उत्तर
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल (2002 से 2007)
- 10 जून 2002 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने राष्ट्रपति पद के लिए डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का नाम विपक्ष की नेत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रस्तावित किया था.
- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था. वह राष्ट्रपति भवन में रहने वाले पहले अविवाहित और वैज्ञानिक थे.
- क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें लगभग 922,884 वोट मिले थे और विपक्ष के लक्ष्मी सहगल को हराकर चुनाव जीता था?
- के.आर. नारायणन के बाद डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने.
- वे सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्राप्त करने वाले भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे. इनसे पहले वर्ष 1954 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वर्ष 1963 में डॉ. जाकिर हुसैन को यह सम्मान प्रदान किया गया था.
- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में भी जाना जाता था.
- उनके अनुसार, राष्ट्रपति के रूप में उनके द्वारा लिया गया सबसे कठिन निर्णय ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के बिल पर हस्ताक्षर करने का था.
- अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान, वह भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के अपने दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध रहे.
- हालांकि, 21 में से 20 लोगों की दया याचिकाओं के भाग्य का फैसला करने की निष्क्रियता के लिए उन्हें एक राष्ट्रपति रूप में आलोचित भी होना पड़ा था, जिसमें कश्मीरी आतंकवादी अफजल गुरु भी शामिल थे, जिन्हें दिसंबर 2001 में संसद हमलों के लिए दोषी पाया गया था.
- उन्होंने 2007 में फिर से राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और 25 जुलाई 2007 को राष्ट्रपति के रूप में पद छोड़ दिया.
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का निधन
27 जुलाई 2015 को, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम IIM शिलॉन्ग में एक व्याख्यान दे रहे थे, जहां उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी स्थिति गंभीर हो गई, इसलिए, उन्हें बेथानी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां बाद में कार्डियक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई. श्रीजन पाल सिंह को उनके कहे गए अंतिम शब्द थे "Funny guy! Are you doing well?"
30 जुलाई 2015 को, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार उनके पैत्रक गाँव रामेशवरम के पास हुआ. क्या आप जानते हैं कि लगभग 350,000 लोग कलाम जी के अंतिम अनुष्ठान में शामिल हुए थे, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल और कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल थे?
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: पुरस्कार और उपलब्धियां
- 1981 में, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया. - 1990 में, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. - 1997 में, भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया. - 1998 में, वीर सावरकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. - 2000 में, अलवरस रिसर्च सेंटर, चेन्नई ने उन्हें रामानुजन पुरस्कार प्रदान किया. - 2007 में, ब्रिटेन रॉयल सोसाइटी द्वारा किंग चार्ल्स द्वितीय मेडल से सम्मानित किया गया. - 2008 में, उन्हें सिंगापुर के नान्यांग तकनीकी विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग (ऑनोरिस कौसा) की उपाधि प्रदान की गई थी. - 2009 में, अमेरिका एएसएमई फाउंडेशन (ASME Foundation) द्वारा हूवर मेडल से सम्मानित किया गया - 2010 में, वाटरलू विश्वविद्यालय ने डॉ. कलाम को डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग के साथ सम्मानित किया. - 2011 में, वह आईईईई (IEEE) के मानद सदस्य बने. - 2013 में, उन्हें राष्ट्रीय अंतरिक्ष सोसाइटी द्वारा वॉन ब्रौन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. - 2014 में, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ब्रिटेन द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस उपाधि से नवाजा गया था. - डॉ. कलाम लगभग 40 विश्वविद्यालयों के मानद डॉक्टरेट के प्राप्तकर्ता थे. - 2015 में, संयुक्त राष्ट्र ने डॉ. कलाम के जन्मदिन को “विश्व छात्र दिवस” के रूप में मान्यता दी - डॉ. कलाम की मृत्यु के बाद, तमिलनाडु सरकार द्वारा 15 अक्टूबर जो कि उनका जन्म दिवस है को राज्य भर में युवा पुनर्जागरण दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई. इसके अलावा, राज्य सरकार ने उनके नाम पर “डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कार” की स्थापना की. इस पुरस्कार के तहत 8 ग्राम का स्वर्ण पदक और 5 लाख रुपये नगद दिया जाता है. यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जो वैज्ञानिक विकास, मानविकी और छात्रों के कल्याण को बढ़ावा देने का काम करते हैं. - यही नहीं, 15 अक्टूबर, 2015 को डॉ. कलाम के जन्म की 84वीं वर्षगांठ पर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नई दिल्ली में डीआरडीओ भवन में डॉ. कलाम की याद में डाक टिकट जारी किया.
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकें - इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम (India 2020: A Vision for the New Millennium) (1998) - विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी (Wings of Fire: An Autobiography) (1999) - इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया (Ignited Minds: Unleasing the Power Within India) (2002) - द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स (The Luminous Sparks: A Biography in Verse and Colours) (2004) - मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथ (Mission of India: A Vision of Indian Youth) (2005) - इन्स्पायरिंग थॉट्स: कोटेशन सीरिज (Inspiring Thoughts: Quotation Series) (2007) - यू आर बोर्न टू ब्लॉसम: टेक माई जर्नी बियोंड (You Are Born to Blossam: Take My Journey Beyond) (सह-लेखक: अरूण तिवारी) (2011) - द साइंटिफिक इंडियन: ए ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी गाइड टू द वर्ल्ड अराउंड अस (The Scientific India: A Twenty First Century Guide to the World Around Us) (सह-लेखक: वाई. एस. राजन) (2011) - टारगेट 3 बिलियन (Target 3 Billion) (सह-लेखक: श्रीजन पाल सिंह) (2011) - टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजेस (Turning Points: A Journey Through Challenges) (2012) - माई जर्नी: ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इन्टू एक्शंस (My Journey: Transforming Dreams into Actions) (2013) - मैनीफेस्टो फॉर चेंज (Manifesto For Change) (सह-लेखक: वी. पोनराज) (2014) - फोर्ज योर फ्यूचर: केन्डिड, फोर्थराइट, इन्स्पायरिंग (Forge Your Future: Candid, Forthright, Inspiring) (2014) - बियॉन्ड 2020: ए विजन फॉर टुमोरोज इंडिया (Beyond 2020: A Vision for Tomorrow’s India) (2014) - गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया (Governance for Growth in India) (2014) - रिग्नाइटेड: साइंटिफिक पाथवेज टू ए ब्राइटर फ्यूचर (Reignited: Scientific Pathways to a Brighter Future) (सह-लेखक: श्रीजन पाल सिंह) (2015) - द फैमिली एंड द नेशन (The Family and the Nation) (सह-लेखक: आचार्य महाप्रज्ञा) (2015) ट्रांसेडेंस माई स्प्रिचुअल एक्सपीरिएंसेज (Transcendence My Spiritual Experiences) (सह-लेखक: अरूण तिवारी) (2015)
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: आत्मकथाएँ
- इटरनल क्वेस्ट: जीवन और टाइम्स ऑफ डॉ कलाम ( Eternal Quest: Life and Times of Dr. Kalam ) (लेखक: एस चंद्र) - राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (President A.P.J. Abdul Kalam) (लेखक: आरके प्रूथी) - महात्मा अब्दुल कलाम के साथ मेरे दिन (My Days With Mahatma Abdul Kalam) (लेखक: फ्रेट ए.के. जॉर्ज) - डॉ. ए. पी.जे अब्दुल कलाम: भारत के विजनरी ( A.P.J.Abdul Kalam: The Visionary of India) (लेखक: के. भूषण और जी कैट्याल) - ए लिटिल ड्रीम (A Little Dream) (Documentary film) (पी. धनपाल द्वारा) - कलाम प्रभाव: राष्ट्रपति के साथ के मेरे वर्ष ( The Kalam Effect: My Years with the President) (लेखक: पी.एम. नायर)
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एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय
By विकास सिंह
नाम: अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम)
निक नेम: मिसाइल मैन
राष्ट्रीयता: भारतीय
व्यवसाय: इंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ
जन्म: 15-अक्टूबर -1931
जन्म स्थान: धनुषकोडि, रामेश्वरम, तमिलनाडु, भारत
निधन: 27 जुलाई 2015
निधन के समय आयु: 83 वर्ष
मृत्यु का स्थान: शिलांग, मेघालय, भारत
प्रसिद्ध का कारण: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति रहे
इससे पहले: कोचरिल रमन नारायणन (1997-2002 से राष्ट्रपति)
उत्तराधिकारी: प्रतिभा पाटिल (2007-2012 से राष्ट्रपति)
अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम को डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम (A P J Abdul Kalam) के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म धनुषकोडी, रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था और उन्होंने भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन किया था।
वह भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे और 2002 में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ जीत हासिल की। भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में काम किया।
देश के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता था। इसके अलावा, 1998 में, उन्होंने भारत के पोखरण -2 परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
क्या आप जानते हैं कि A.P.J अब्दुल कलाम ने अपना करियर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में एक वैज्ञानिक के रूप में शुरू किया था? उन्होंने ISRO में भारत के पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) के परियोजना निदेशक के रूप में भी काम किया था।
“अगर मेरी परिभाषा पर्याप्त रूप से मजबूत है तो असफलता मुझे कभी नहीं पछाड़ेगी”।
1990 के दशक में उन्होंने 2002 में भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले प्रधान मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कार्य किया था। अब, इस लेख के माध्यम से डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम के बारे में विस्तार से अध्ययन करते हैं।
अब्दुल कलाम: प्रारंभिक जीवन
डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था, तब यह ब्रिटिश भारत के मद्रास प्रेसीडेंसी में और अब तमिलनाडु में आता है। उनके पिता का नाम जैनुलबदीन था, जो एक नाव के मालिक थे और एक स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। उनकी माँ का नाम आशियम्मा था, जो एक गृहिणी थीं।
अब्दुल कलाम पाँच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे, सबसे बड़ी एक बहन थी, जिसका नाम आसिम ज़ोहरा था और तीन बड़े भाई, अर्थात् मोहम्मद मुथु मीरा लेबाई मराय्यार, मुस्तफा कलाम और कासिम मोहम्मद थे। वह अपने परिवार के बहुत करीब थे और बहुत मदद करते थे हालांकि वे अपने जीवन भर कुंवारे रहे।
उनके पूर्वज कई संपत्तियों और भूमि के बड़े ट्रैक्ट के साथ धनी व्यापारी और ज़मींदार थे। वे मुख्य भूमि और द्वीप के बीच और श्रीलंका से किराने का सामान व्यापार करते हैं और मुख्य भूमि से पाम्बिया द्वीप के तीर्थयात्रियों को भी पार करते हैं। तो, उनके परिवार को “मारा कलाम इयक्किवर” (लकड़ी की नाव चलाने वाले) और बाद में “मारकियर” के रूप में जाना जाता था।
शिक्षा आपको उड़ान भरने के लिए पंख देती है। उपलब्धि हमारे अवचेतन मन में जीतने की आग प्रज्वलित करती है।
लेकिन 1920 के दशक तक, उनके परिवार ने अपने भाग्य को खो दिया था; उनके व्यवसाय विफल हो गए और जब तक अब्दुल कलाम का जन्म हुआ तब तक वे गरीबी से जूझ रहे थे। परिवार की मदद करने के लिए, कलाम ने कम उम्र में अखबार बेचना शुरू कर दिया।
अपने स्कूल के दिनों में, कलाम के पास औसत ग्रेड थे लेकिन उन्हें एक उज्ज्वल और मेहनती छात्र के रूप में वर्णित किया गया था, जिसमें सीखने की तीव्र इच्छा थी। गणित उनकी मुख्य रुचि थी।
बिना कर्म के ज्ञान बेकार और अप्रासंगिक है। कार्रवाई के साथ ज्ञान प्रतिकूलता को समृद्धि में परिवर्तित करता है।
उन्होंने श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल, रामनाथपुरम से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की थी और बाद में वे सेंट जोसेफ कॉलेज चले गए जहाँ वे भौतिकी स्नातक बन गए। 1955 में, वे मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए मद्रास गए।
अपने स्नातक के तीसरे वर्ष के दौरान, उन्हें कुछ अन्य छात्रों के साथ मिलकर एक निम्न-स्तर के हमले के विमान को डिजाइन करने के लिए एक परियोजना सौंपी गई थी। उनके शिक्षक ने उन्हें परियोजना को पूरा करने के लिए एक तंग समय सीमा दी थी, यह बहुत मुश्किल था। कलाम ने अपार दबाव में कड़ी मेहनत की और अंत में निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना प्रोजेक्ट पूरा किया। शिक्षक कलाम के समर्पण से प्रभावित थे।
परिणामस्वरूप कलाम एक फाइटर पायलट बनना चाहते थे लेकिन उन्हें क्वालीफायर सूची में 9 वां स्थान मिला और भारतीय वायुसेना में केवल आठ स्थान ही उपलब्ध थे।
अब्दुल कलाम की शिक्षा और उपलब्धियां:
ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने 1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अपना स्नातक पूरा किया था और 1958 में एक वैज्ञानिक के रूप में वे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में शामिल हुए थे।
1960 के दशक की शुरुआत में, उन्होंने प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के अधीन इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च के साथ काम किया।
उन्होंने DRDO में एक छोटा होवरक्राफ्ट डिजाइन करके अपने करियर की शुरुआत की थी। हैम्पटन, वर्जीनिया में नासा के लैंग्ली रिसर्च सेंटर का दौरा करने के बाद; 1963-64 में ग्रीनबेल्ट, मैरीलैंड और वॉलॉप्स फ्लाइट सुविधा में गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर, उन्होंने 1965 में DRDO में स्वतंत्र रूप से एक विस्तार योग्य रॉकेट परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया था।
वह डीआरडीओ में अपने काम से बहुत संतुष्ट नहीं थे और जब उन्हें 1969 में इसरो को स्थानांतरण आदेश मिले तो वे खुश हो गए। वहां उन्होंने SLV-III के परियोजना निदेशक के रूप में कार्य किया, जिसने जुलाई 1980 में रोहिणी उपग्रह को निकट-पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक तैनात किया। यह भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित उपग्रह प्रक्षेपण यान है।
कलाम ने 1969 में सरकार की स्वीकृति प्राप्त की और अधिक इंजीनियरों को शामिल करने के लिए कार्यक्रम का विस्तार किया। 1970 के दशक में, उन्होंने भारत में अपने भारतीय रिमोट सेंसिंग (IRS) उपग्रह को सूर्कयक्षा में लॉन्च करने की अनुमति देने के उद्देश्य से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) को विकसित करने का प्रयास किया था, PSLV परियोजना सफल रही और 20 सितंबर 1993 को, यह पहली बार लॉन्च किया गया था।
सपना वह नहीं है जो आप सोते समय देखते हैं यह कुछ ऐसा है जो आपको सोने नहीं देता है।
राजा रामन्ना ने अब्दुल कलाम को टीबीआरएल के प्रतिनिधि के रूप में देश के पहले परमाणु परीक्षण स्माइलिंग बुद्धा के साक्षी के रूप में आमंत्रित किया, भले ही उन्होंने इसके विकास में भाग नहीं लिया था।
1970 के दशक में, अब्दुल कलाम ने प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलियंट नामक दो परियोजनाओं का निर्देशन किया। क्या आप प्रोजेक्ट डेविल के बारे में जानते हैं? यह एक कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बनाने के उद्देश्य से एक प्रारंभिक तरल-ईंधन मिसाइल परियोजना थी।
यह परियोजना सफल नहीं थी और 1980 के दशक में इसे बंद कर दिया गया था और बाद में इसने पृथ्वी मिसाइल का विकास किया। दूसरी ओर प्रोजेक्ट वैलेन्ट ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के विकास के उद्देश्य से किया। यह भी सफल नहीं था।
डीआरडीओ द्वारा प्रबंधित एक भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अन्य सरकारी संगठनों के साथ मिलकर 1980 के दशक की शुरुआत में एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) का शुभारंभ किया। अब्दुल कलाम को इस परियोजना का नेतृत्व करने के लिए कहा गया और 1983 में वह आईजीएमडीपी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में डीआरडीओ में लौट आए।
कार्यक्रम में चार परियोजनाओं के विकास के लिए नेतृत्व किया गया, जिसका नाम है शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-सतह मिसाइल (पृथ्वी), शॉर्ट रेंज लो-लेवल सरफेस-टू-एयर मिसाइल (त्रिशूल), मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (आकाश) और थर्ड -विस्फोट रोधी मिसाइल (नाग)।
दुनिया आज चार रैपिड कनेक्टिविटी के माध्यम से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। वे पर्यावरण, लोग, अर्थव्यवस्था और विचार हैं।
अब्दुल कलाम के नेतृत्व में, IGMDP की परियोजना 1988 में पहली पृथ्वी मिसाइल और फिर 1989 में अग्नि मिसाइल जैसी मिसाइलों का उत्पादन करके सफल साबित हुई। इसके कारण उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता था।
1992 में, उन्हें रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। कैबिनेट मंत्री के पद के साथ, 1999 में, उन्हें भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया।
अब्दुल कलाम ने मई 1998 में पांच परमाणु बम परीक्षण विस्फोटों की एक श्रृंखला पोखरण -2 का संचालन करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई। इन परीक्षणों की सफलता के साथ उन्हें राष्ट्रीय नायक का दर्जा मिला और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को पूर्ण घोषित किया ।
इतना ही नहीं, ए.पी.जे. 1998 में अब्दुल कलाम ने भारत को वर्ष 2020 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए टेक्नोलॉजी विजन 2020 नामक एक देशव्यापी योजना का प्रस्ताव रखा और परमाणु सशक्तिकरण, विभिन्न तकनीकी नवाचारों, कृषि उत्पादकता में सुधार आदि का सुझाव दिया।
2002 में, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सत्ता में था और डॉ. ए.पी.जे. भारत के राष्ट्रपति पद पर अब्दुल कलाम। एक लोकप्रिय राष्ट्रीय व्यक्ति होने के नाते, उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव आसानी से जीत लिया। क्या आप जानते हैं कि 1998 में हृदय रोग विशेषज्ञ सोमा राजू के साथ अब्दुल कलाम ने “कलाम-राजू स्टेंट” नाम से एक कम लागत वाली कोरोनरी स्टेंट विकसित की थी। इसके अलावा 2012 में, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक बीहड़ टैबलेट कंप्यूटर को डिज़ाइन किया गया था जिसे “कलाम-राजू टैबलेट” नाम दिया गया था।
राष्ट्रपति के पद पर एपीजे अब्दुल कलाम:
- 10 जून 2002 को एनडीए सरकार ने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की नेता का सुझाव दिया, साथ में कांग्रेस ने अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिया।
- डॉ. अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वह राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने वाले पहले वैज्ञानिक और पहले स्नातक थे।
- क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें लगभग 922,884 वोट मिले थे और उन्होंने लक्ष्मी सहगल को हराया था।
- के आर नारायणन के बाद वे भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने। उन्होंने प्रतिष्ठित भारत रत्न प्राप्त किया और 1954 में डॉ. सर्वपाली राधाकृष्णन के बाद सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले तीसरे राष्ट्रपति बने, 1963 में डॉ जाकिर हुसैन को भी यह मिला था।
- डॉ. अब्दुल कलाम को जनवादी राष्ट्रपति के रूप में भी जाना जाता था।
- डॉ कलाम के अनुसार, राष्ट्रपति के रूप में उनके द्वारा लिया गया सबसे कठिन निर्णय ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के बिल पर हस्ताक्षर करने का था।
- अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान, वह भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के अपने दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध रहे।
- हालांकि, 21 में से 20 दया याचिकाओं के भाग्य का फैसला करने में उनकी अक्षमता के लिए उनकी आलोचना की गई, जिसमें कश्मीरी आतंकवादी अफजल गुरु भी शामिल थे, जिन्हें दिसंबर 2001 में संसद हमलों के लिए दोषी ठहराया गया था।
- उन्होंने 2007 में फिर से राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और 25 जुलाई 2007 को राष्ट्रपति के रूप में पद छोड़ दिया।
ए पी जे अब्दुल कलाम: राष्ट्रपति के बाद का जीवन
कार्यालय छोड़ने के बाद, डॉ. अब्दुल कलाम ने शैक्षणिक क्षेत्र को चुना और भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर, भारतीय विज्ञान संस्थान के मानद साथी के रूप में विजिटिंग प्रोफेसर बने।
उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुवनंतपुरम के चांसलर, अन्ना विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर और भारत भर में कई अन्य शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में सहायक के रूप में भी कार्य किया।
सूचना प्रौद्योगिकी को उनके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद में भी पढ़ाया गया और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय में प्रौद्योगिकी पढ़ाई। 2011 में, उन्होंने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर अपने रुख को लेकर नागरिक समूहों द्वारा आलोचना की थी क्योंकि उन्होंने परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना का समर्थन किया था और स्थानीय लोगों के साथ बात नहीं करने का आरोप लगाया था।
व्हाट कैन आई मूवमेंट ’एक कार्यक्रम है जिसे भारत के युवाओं के लिए डॉ. अब्दुल कलाम ने भ्रष्टाचार को हराने के एक केंद्रीय विषय के साथ शुरू किया था।
मौत:
27 जुलाई 2015 को, डॉ. अब्दुल कलाम IIM शिलॉन्ग में एक व्याख्यान दे रहे थे, जहां उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी स्थिति गंभीर हो गई, इसलिए, उन्हें बेथानी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां बाद में कार्डियक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई।
30 जुलाई, 2015 को पूर्व राष्ट्रपति को राजकीय सम्मान के साथ रामेश्वरम के पेई करुम्बु मैदान में आराम करने के लिए रखा गया था। क्या आप जानते हैं कि कलाम के अंतिम अनुष्ठान में लगभग 350,000 लोग शामिल हुए, जिनमें भारत के प्रधानमंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल और कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल थे?
ए पी जे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय स्मारक:
दिवंगत राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम की याद में भारत के तमिलनाडु के रामेश्वरम के द्वीप शहर में पेई करम्बु में उनके नाम पर एक स्मारक बनाया गया था। 27 जुलाई, 2017 को इसका उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।
क्या आप जानते हैं कि इस स्मारक का निर्माण किसने कराया था? इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा बनाया गया था। स्मारक में रॉकेट और मिसाइलों की विभिन्न प्रतिकृति रखी गई है जो डॉ. अब्दुल कलाम के काम को दर्शाता है। साथ ही, उनके जीवन के बारे में कुछ एक्रिलिक चित्रों को भी सैकड़ों चित्रों के साथ प्रदर्शित किया गया है जो डॉ. कलाम के जीवन को दर्शाते हैं।
स्मारक के प्रवेश द्वार पर डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को उन्हें वीणा एक वाद्य यंत्र बजाते हुए दिखाया गया था। इसके साथ दो और प्रतिमाएँ बैठी और खड़ी मुद्रा में हैं।
ए पी जे अब्दुल कलाम: पुरस्कार और उपलब्धियां
- 1981 में, डॉ. कलाम को भारत सरकार से पद्म भूषण प्राप्त हुआ।
- 1990 में, डॉ. कलाम को भारत सरकार से पद्म विभूषण प्राप्त हुआ।
- 1994 और 1995 में, इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स इंडिया और नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज द्वारा प्रतिष्ठित फेलो और मानद फैलो का पुरुस्कार मिला।
- 1997 में, उन्होंने भारत सरकार से भारत रत्न और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार प्राप्त किया था।
- 1998 में, भारत सरकार की ओर से वीर सावरकर पुरस्कार।
- 2000 में, अलवरस रिसर्च सेंटर, चेन्नई से रामानुजन पुरस्कार।
- 2007 में, उन्हें रॉयल सोसाइटी, U.K द्वारा किंग चार्ल्स II मेडल से सम्मानित किया गया और ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ वॉल्वरहैम्प्टन से डॉक्टरेट ऑफ साइंस किया।
- 2008 में, उन्होंने एएसएमई फाउंडेशन, यूएसए द्वारा दिए गए हूवर मेडल जीते और नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर द्वारा डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग प्राप्त किया।
- 2009 में, द कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, U.S.A ने कलाम को इंटरनेशनल वॉन कर्मन विंग्स अवार्ड, एएसएमई फाउंडेशन, अमेरिका के हूवर मेडल और ओकलैंड यूनिवर्सिटी द्वारा मानद डॉक्टरेट प्रदान किया।
- 2010 में, वाटरलू विश्वविद्यालय द्वारा इंजीनियरिंग के डॉक्टर। 2011 में, IEEE ने कलाम को IEEE मानद सदस्यता से सम्मानित किया।
- 2012 में, साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ लॉज़। 2013 में, नेशनल स्पेस सोसाइटी द्वारा वॉन ब्रौन पुरस्कार।
- 2014 में, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ब्रिटेन द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस। डॉ. कलाम 40 विश्वविद्यालयों के मानद डॉक्टरेट के प्राप्तकर्ता थे। साथ ही, डॉ. कलाम के 79 वें जन्मदिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व छात्र दिवस के रूप में मान्यता दी गई थी। उन्हें 2003 और 2006 में MTV यूथ आइकन ऑफ़ द ईयर के लिए भी नामांकित किया गया था।
- उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें 15 अक्टूबर को तमिलनाडु राज्य सरकार की तरह कई श्रद्धांजलि मिलीं, जो उनके जन्मदिन पर राज्य भर में “युवा पुनर्जागरण दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की गई हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम पुरस्कार की स्थापना की, जिसमें 8 ग्राम स्वर्ण पदक, एक प्रमाण पत्र और 500,000 रूपए थे।
- 2015 से एक स्वतंत्रता दिवस पर, राज्य के निवासियों को वैज्ञानिक विकास, मानविकी या छात्रों के कल्याण को बढ़ावा देने में उपलब्धियों के साथ प्रतिवर्ष पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
- साथ ही, डॉ. कलाम के जन्म की सालगिरह पर CBSE ने CBSE पाठ्यक्रम या अभिव्यक्ति श्रृंखला में उनके नाम पर कुछ विषय निर्धारित किए।
- यही नहीं, 15 अक्टूबर, 2015 को कलाम के जन्म की 84 वीं वर्षगांठ पर, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में DRDO भवन में कलाम की स्मृति में डाक टिकट जारी किया।
ए पी जे अब्दुल कलाम: विरासत
जैसा कि हम जानते हैं कि डॉ अब्दुल कलाम अपने परिवार में सबसे छोटे बच्चे थे और अपने माता-पिता और भाइयों और बहनों के करीबी थे। उन्होंने कभी शादी नहीं की और अपने रिश्तेदारों की पूरी जिंदगी सेवा की। इसमें कोई शक नहीं कि वह सरल जीवन शैली वाले एक बहुत ही सरल व्यक्ति थे। उनके पास वीना और पुस्तकों के संग्रह सहित कुछ संपत्ति थी। वह एक दयालु दिल का आदमी था, शाकाहारी और सादा भोजन करता था।
डॉ अब्दुल कलाम के करीबी एसएम खान के अनुसार एक किताब द पीपुल्स प्रेसिडेंट अब्दुल कलाम कहते हैं, “वह एक सच्चे मुसलमान का जीवन जीते थे लेकिन अन्य सभी धर्मों के लिए उच्च सम्मान रखते थे और उनका मानना था कि मानवतावाद मानव का सबसे बड़ा गुण है।
वह रोजाना नमाज अदा करते हैं लेकिन भागवत गीता भी पढ़ते हैं। वीणा बजाने का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उनके लिए धर्म एक व्यक्तिगत मामला था और इस बात पर जोर दिया करते थे कि किसी को इसे धूमधाम और दिखावे का मामला नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने इसका इस्तेमाल किया।”
27 जुलाई 2015 को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट शिलांग में एक व्याख्यान देते हुए, वह गिर गया और बेथानी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें कार्डियक अरेस्ट से मृत होने की पुष्टि हुई और 30 जुलाई 2015 को रामेश्वरम के पीयू करुम्बु द्वीप में अंतिम संस्कार किया गया।
ए पी जे अब्दुल कलाम: शैक्षिक और वैज्ञानिक संस्थान
क्या आप जानते हैं कि विभिन्न शैक्षिक, वैज्ञानिक संस्थानों और कुछ स्थानों का नाम डॉ। अब्दुल कलाम के सम्मान में रखा गया है। वे इस प्रकार हैं:
- कलाम के अंतिम संस्कार के दिन, बिहार राज्य सरकार द्वारा किशनगंज, बिहार में एक कृषि कॉलेज का नाम बदलकर “डॉ. कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज” रखा गया।
- उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय (UPTU) का नाम बदलकर “A.P.J. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय” कर दिया गया।
- ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेमोरियल त्रावणकोर इंस्टीट्यूट ऑफ डाइजेस्टिव डिजीज, कोल्लम शहर, केरल में एक नया शोध संस्थान है, जो त्रावणकोर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से जुड़ा हुआ है।
- सितंबर 2014 में, भारत और अमेरिका ने फुलब्राइट-कलाम क्लाइमेट फेलोशिप लॉन्च की है। फेलोशिप का संचालन फुलब्राइट कार्यक्रम के तहत बिनेशनल यूएस-इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन (USIEF) द्वारा किया जाएगा।
- केरल टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम में है, जहां कलाम वर्षों तक रहे, उनका नाम बदलकर उनकी मृत्यु के बाद अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय रख दिया गया।
ए पी जे अब्दुल कलाम किताबें
- इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम (यज्ञस्वामी सुंदरा राजन के साथ सह-लेखक, (1998))
- विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी (1999)
- इग्नाइटेड माइंड: अनलीशिंग द पॉवर ऑफ़ इंडिया (2002)
- द लुमिनस स्पार्क्स (2004)
- मिशन इंडिया (2005)
- इंस्पायरिंग थॉट्स (2007)
- यू बोर्न टू ब्लॉसम: टेक माई जर्नी बियॉन्ड (अरुण तिवारी के साथ सह-लेखक, 2011)
- परिकल्पना और सशक्त राष्ट्र
- लक्ष्य 3 बिलियन ए.पी.जे. कलाम और श्रीजन पाल सिंह (दिसंबर 2011)
- टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजेज (2012)
- माई जर्नी: ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इन एक्शन (2013)
- मेनिफेस्टो फॉर चेंज: ए सीक्वल टू इंडिया 2020 (वी। पोनराज के साथ सह-लेखक, 2014)
- शासनकाल: ए.पी.जे द्वारा एक उज्जवल भविष्य के लिए वैज्ञानिक रास्ते (2015)
- ट्रान्सेंडेंस: माई स्पिरिचुअल एक्सपीरियंस विद प्रमख स्वामीजी (अरुण तिवारी के साथ सह-लेखक, 2015)
- एडवांटेज इंडिया: चैलेंज टू अपॉर्चुनिटी टू ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और श्रीजन पाल सिंह (2015)
- गवर्नेंस ऑफ़ ग्रोथ इन इंडिया (2014)
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की आत्मकथाएं
- इटरनल क्वेस्ट: लाइफ एंड टाइम्स ऑफ डॉ. कलाम (2002)
- राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा (2002)
- ए.पी.जे अब्दुल कलाम: द विजनरी ऑफ़ इंडिया (2002)
- द कलाम इफेक्ट: माई इयर्स विद प्रेसिडेंट (2008)
ए पी जे अब्दुल कलाम: प्रसिद्ध विचार
– “सपने देखें। सपने विचारों में बदल जाते हैं और विचार कार्रवाई में परिणत होते हैं।”
– “यदि आप असफल होते हैं, तो कभी हार न मानें क्योंकि असफल का अर्थ है” सीखने में पहला प्रयास “।
– “अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं। पहले सूरज की तरह जलो। ”
– “हम सभी के पास समान प्रतिभा नहीं है। लेकिन, हम सभी के पास अपनी प्रतिभा विकसित करने का समान अवसर है।”
– “सभी पक्षी बारिश के दौरान आश्रय पाते हैं। लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उड़कर बारिश से बच जाता है।”
– “उत्कृष्टता एक निरंतर प्रक्रिया है और दुर्घटना नहीं है।”
– “क्या हमें एहसास नहीं है कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है?”
– “भारत के लिए मेरा 2020 का विजन इसे एक विकसित राष्ट्र में बदलना है। वह सार नहीं हो सकता; यह एक जीवन रेखा है। ”…… आदि।
https://www.youtube.com/watch?v=dVOmq9bcMfM
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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bahut he acha biography hai… keep it up…
bahut acha lga bro
Great post really like it a lot.
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एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय | APJ Abdul Kalam Biography in Hindi
Table of Contents
एपीजे अब्दुल कलाम कौन थें ?
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति थें। इन्हें भारत का मिसाइल मैन भी कहा जाता है। भारत के एक कुशल नेता के अलावा Abdul Kalam को एक महान वैज्ञानिक और प्रोफेसर के रूप में भी ख्याति प्राप्त है।
जन्म (Birth)
APJ Abdul Kalam (एपीजे अब्दुल कलाम) का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम (तमिलनाडु) के धनुषकोडी नामक गाँव में हुआ था।
परिवार (Family)
अब्दुल कलाम एक मुस्लिम परिवार में जन्में थें। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन मराकायर जबकि माँ का नाम अशिअम्मा जैनुलाब्दीन था। कलाम के पिता मछुआरों को किराए पर नाव देने का काम किया करते थें जो इनके परिवार की आजीविका का मुख्य साधन था। हालांकि इनके पूर्वज एक कुशल व्यापारी थें लेकिन 1920 के आसपास में इस क्षेत्र में नुकसान के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बुरी हो गयी थी। कलाम के जन्म के समय उनके पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नही थी। परिवार की बुरी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कलाम को अपने बचपन के दिनों में अखबार तक बेचना पड़ा था।
Abdul Kalam कुल 4 भाई और 1 बहन में सबसे छोटे थें । एपीजे अब्दुल कलाम के भाई-बहन के नाम निम्नलिखित है :
- मोहम्मद मुथु मीरा लेब्बाई मरैकयर
- कासिम मोहम्मद
- मुस्तफा कलाम
वर्ष 2021 में कलाम साहब के बड़े भाई मोहम्मद मुथु मीरा लेब्बाई मरैकयर की 104 साल की उम्र में मृत्यु हो गयी थी। (संदर्भ :- ABP News )
पढ़ाई (Education)
कलाम अपने बचपन से हीं एक मेहनती छात्र थें , और गणित विषय में उनकी विशेष रुचि थी। हायर एजुकेशन की पढ़ाई स्च्वार्त्ज़ हाईयर सेकंडरी विद्यालय (Schwartz Higher Secondary School) से पढ़ने के बाद अब्दुल कलाम ने Saint Joseph’s College, Tiruchirappalli से 1954 में भौतिकी (Physics) से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
फिजिक्स से ग्रेजुएशन करने के बाद कलाम ने अंतरिक्ष इंजीनियरिंग की पढ़ाई हेतु 1955 में मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, अन्ना युनिवर्सिटी (Madras Institute of Technology, Anna University) में स्कॉलरशिप से दाखिला करवाया। यहीं पर शिक्षा पूरी होने के बाद अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) से जुड़े थें।
राजनैतिक जीवन (Political Career)
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वे राष्ट्रपति थें। यह पद भारत का सर्वोच्च पद है जिसपर कलाम 25 जुलाई 2002 से लेकर 25 जुलाई 2007 तक रहे थें। इस पद के लिए उन्हें NDA (National Democratic Alliance) द्वारा मनोनीत किया गया था जो उस वक़्त केंद्र की सत्ता में थी।
इस चुनाव में अब्दुल कलाम को 922,884 वोट्स मिले थें जबकि दूसरे नंबर पर रहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की प्रत्याशी लक्ष्मी सहगल को 107,366 वोट प्राप्त हुए थें।
अपने राष्ट्रपतिकाल में कलाम ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लियें जिनमे से Office of Profit Bill पर हस्ताक्षकर करना सबसे मुश्किल फैसलों में से एक माना जाता है। कलाम साहब ने अपने समयकाल में यूनिफार्म सिविल कोड का भी समर्थन किया था ।
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु कब और कैसे हुई ?
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु 27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने के कारण हो गयी। इस समय वह भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग में “Creating a Livable Planet Earth” टॉपिक पर भाषण दे रहे थें जिस दौरान वह एकाएक गिर पड़ें और बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
भारत के सर्वाधिक पसंद किए जाने वाले व्यक्तित्व में से एक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद भारत में सरकारी अवकाश व 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया था। हालांकि कलाम का कहना था कि “मेरे निधन पर छुट्टी मत करना, बल्कि एक दिन अतिरिक्त काम करना।”
पुरस्कार (Awards)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इस सूची में पद्म भूषण , पद्म विभूषण सहित स्वयं भारत रत्न भी शामिल है। कलाम साहब का विज्ञान व शिक्षण के क्षेत्र में भी शानदार योगदान रहा था जिस कारण उन्हें इस से संबंधित कई अवार्ड्स भी प्राप्त हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कारों की सूची
अनेकों विश्वविद्यालयों ने अब्दुल कलाम को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया था। इसके अलावा कलाम के 79 वे जन्मदिवस के दिन संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा विश्व विद्यार्थी दिवस मनाया गया था जबकि उनके आगमन के उपलक्ष्य में स्विट्जरलैंड में वहाँ की सरकार द्वारा26 मई 2005 को विज्ञान दिवस की घोषणा की गई थी ।
फोटो (Photos)
FAQ – APJ Abdul Kalam
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या था .
अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम
अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई ?
27 जुलाई 2015
अब्दुल कलाम का जन्म कहां हुआ था ?
रामेश्वरम (तमिलनाडु) के धनुषकोडी नामक गाँव में
एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न कब मिला ?
वर्ष 1997 में
डॉक्टर अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति कब बने ?
25 जुलाई 2002 के दिन
अब्दुल कलाम का पहला आविष्कार क्या था?
नंदी होवरक्राफ्ट
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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की संपूर्ण जीवनी |APJ Abdul Kalam Biography In Hindi
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम,(APJ Abdul Kalam ) जिन्हें “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित भारतीय वैज्ञानिक और राजनेता थे जिन्होंने देश के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी। 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे, वह साधारण शुरुआत से उठकर भारत की सबसे प्रिय शख्सियतों में से एक बन गए। डॉ. कलाम के शानदार करियर में भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों, विशेष रूप से सफल पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण योगदान शामिल था। 2002 में, उन्होंने 11वें राष्ट्रपति के रूप में भारत में सर्वोच्च संवैधानिक पद ग्रहण किया, जहाँ उनकी सादगी, विनम्रता और प्रेरणादायक भाषणों ने उन्हें देश का प्रिय बना दिया। अपनी राजनीतिक भूमिका से परे, डॉ. कलाम एक विपुल लेखक और एक प्रेरणादायक वक्ता थे, जिनकी “विंग्स ऑफ फायर” और “इग्नाइटेड माइंड्स” जैसी किताबें अनगिनत व्यक्तियों, विशेष रूप से युवाओं को अपने सपनों को आगे बढ़ाने और देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करती हैं। उनकी विरासत विज्ञान, शिक्षा और समाज की भलाई के प्रति अटूट समर्पण की है और उनका प्रभाव पीढ़ियों को प्रेरित करता रहता है। डॉ. कलाम का 27 जुलाई 2015 को एक व्याख्यान देते समय निधन हो गया, लेकिन उनकी विरासत उनके शब्दों, कार्यों और उनके द्वारा अपनाए गए सिद्धांतों के माध्यम से जीवित है।
डॉ . ए . पी . जे एक वैज्ञानिक के रूप में अब्दुल कलाम का करियर | Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s career as a scientist
- अंतरिक्ष अनुसंधान : डॉ. कलाम इसरो में शामिल हुए और भारत के उपग्रह प्रक्षेपण यान कार्यक्रमों में योगदान दिया।
- उल्लेखनीय भूमिका : उन्होंने भारत के पहले उपग्रह, रोहिणी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मिसाइल विकास : अब्दुल कलाम बाद में डीआरडीओ में शामिल हो गए, जहां उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के विकास में प्रयासों का नेतृत्व किया, जिससे उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” उपनाम मिला।
डॉ . ए . पी . जे . पोखरण – द्वितीय परमाणु परीक्षण में अब्दुल कलाम की भागीदारी | Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s involvement in the Pokhran-II nuclear tests
- परमाणु परीक्षण : डॉ. कलाम ने 1998 में पोखरण में भारत के सफल परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- ऐतिहासिक क्षण : इन परीक्षणों ने भारत के परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र के रूप में उद्भव को चिह्नित किया।
- राष्ट्रीय महत्व : पोखरण-द्वितीय परीक्षणों का भारत की रक्षा क्षमताओं और वैश्विक परमाणु राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा।
डॉ . ए . पी . जे . मिसाइल विकास में अब्दुल कलाम का योगदान |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s contributions to missile development
- नेतृत्व : डॉ. कलाम ने विभिन्न बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों के विकास में नेतृत्व प्रदान किया।
- “ मिसाइल मैन ऑफ इंडिया “: उनके प्रयासों से उन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” की उपाधि मिली।
- उ ल्लेखनीय मिसाइलें : उन्होंने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाते हुए अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास में योगदान दिया।
डॉ . ए . पी . जे . भारत के राष्ट्रपति के रूप में अब्दुल कलाम का कार्यकाल |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s tenure as President of India
- निर्वाचित राष्ट्रपति : डॉ. कलाम 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गये।
- लोकप्रिय व्यक्ति : वह भारत के इतिहास में सबसे लोकप्रिय और सम्मानित राष्ट्रपतियों में से एक बन गए।
- सादगी और प्रेरणा : अपनी सादगी और प्रेरणादायक भाषणों के लिए जाने जाने वाले उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।
डॉ . ए . पी . जे . अब्दुल कलाम का लेखन और प्रेरणा | Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s writing and inspiration
- विपुल लेखक : डॉ . कलाम ने कई किताबें लिखीं, जिनमें “विंग्स ऑफ फायर” और “इग्नाइटेड माइंड्स” शामिल हैं।
- प्रेरक साहित्य : उनकी पुस्तकों ने अनगिनत व्यक्तियों, विशेषकर छात्रों को अपने सपनों को साकार करने और देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया है।
- प्रेरक वक्ता : वह एक प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता थे, जो लोगों को उत्कृष्टता हासिल करने और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रोत्साहित करते थे।
डॉ . ए . पी . जे . अब्दुल कलाम का राष्ट्रपति पद के बाद का कार्य |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s post-presidential work
- निरंतर संलग्नता : अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद, डॉ. कलाम विभिन्न शैक्षिक और वैज्ञानिक पहलों में सक्रिय रूप से लगे रहे।
- परामर्शदाता : उन्होंने विशेषकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं को प्रेरित करना और मार्गदर्शन करना जारी रखा और कई लोगों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य किया।
- विरासत निर्माण : डॉ. कलाम ने भावी पीढ़ियों के लिए शिक्षा, नवाचार और आत्मनिर्भरता की एक स्थायी विरासत छोड़ने की पहल पर काम किया
ए . पी . जे . अब्दुल कलाम की विरासत |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s legacy
- प्रेरक व्यक्तित्व : डॉ. कलाम सभी उम्र के लोगों, विशेषकर युवाओं के लिए प्रेरणा के स्थायी स्रोत बने हुए हैं।
- दूरदर्शी नेता : उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने शिक्षा, नवाचार और आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया।
- वैज्ञानिक प्रगति : भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति में उनका योगदान देश की प्रगति को प्रभावित करता रहा है।
- लोकप्रिय लेखक : उनकी किताबें और भाषण व्यक्तियों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और समाज में योगदान देने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
- शैक्षिक पहल : शिक्षा और मार्गदर्शन में डॉ. कलाम के काम ने भारत के शैक्षिक परिदृश्य पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है।
डॉ . ए . पी . जे . अब्दुल कलाम की मृत्यु |Dr. A.P.J. Abdul Kalam death
- निधन : डॉ . ए.पी.जे. 27 जुलाई 2015 को अब्दुल कलाम का निधन हो गया।
- स्थान : भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ।
- अंतिम क्षण : डॉ . कलाम व्याख्यान के दौरान गिर पड़े और उन्हें तुरंत बेथनी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
- सार्वजनिक शोक : उनकी मृत्यु पर भारत और दुनिया भर के लोगों ने शोक और संवेदना व्यक्त की।
- विरासत जारी है: हालाँकि वह अब हमारे साथ नहीं हैं, डॉ. कलाम की विरासत उनके लेखन, भाषणों और भारत के वैज्ञानिक और शैक्षिक परिदृश्य पर उनके प्रभाव के माध्यम से जीवित है।
- राष्ट्रीय शोक : भारत में सात दिन का राजकीय शोक मनाया गया और उनके अंतिम संस्कार में विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग शामिल हुए।
अब्दुल कलाम के सबसे प्रसिद्ध उद्धरण एक |A.P.J. Abdul Kalam most famous quotes presented .
- “सपने देखो, सपने देखो, सपने देखो। सपने विचारों में बदल जाते हैं और विचार कार्य में परिणित होते हैं।”
- “अपने सपने सच होने से पहले आपको सपने देखना होगा।”
- “अपनी पहली जीत के बाद आराम न करें क्योंकि अगर आप दूसरी जीत में असफल हो जाते हैं, तो अधिक लोग यह कहने के लिए इंतज़ार कर रहे होते हैं कि आपकी पहली जीत सिर्फ किस्मत थी।”
- “यदि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलें।”
- “उत्कृष्टता संयोग से नहीं होती। यह एक प्रक्रिया है।”
- “हम सभी में समान प्रतिभा नहीं है, लेकिन हम सभी के पास अपनी प्रतिभा विकसित करने का समान अवसर है।”
- “रचनात्मकता भविष्य में सफलता की कुंजी है, और प्राथमिक शिक्षा वह जगह है जहां शिक्षक उस स्तर पर बच्चों में रचनात्मकता ला सकते हैं।”
- “देश का सबसे अच्छा दिमाग कक्षा की आखिरी बेंचों पर पाया जा सकता है।”
- “सीखना रचनात्मकता देता है, रचनात्मकता सोच की ओर ले जाती है, सोच ज्ञान प्रदान करती है और ज्ञान आपको महान बनाता है।”
- “मनुष्य को अपनी कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि सफलता का आनंद लेने के लिए वे आवश्यक हैं।”
प्रेरक विचार | Motivatinal Thoughts
- अपने आप पर यकीन रखो : आत्मविश्वास आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने की कुंजी है। अपनी क्षमताओं पर विश्वास करें, और दूसरे भी करेंगे।
- विफलता को गले लगाओ : असफलता अंत नहीं है; यह सफलता की ओर एक सीढ़ी है। अपनी गलतियों से सीखें और आगे बढ़ते रहें।
- स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें : अपने लक्ष्यों को स्पष्टता के साथ परिभाषित करें। उद्देश्य की स्पष्ट समझ होने से आपको प्रेरित और केंद्रित रहने में मदद मिलती है।
- कार्यवाही करना : कार्रवाई के बिना सपने सिर्फ कल्पनाएँ हैं। अपने लक्ष्यों की ओर लगातार और उद्देश्यपूर्ण कदम उठाएँ।
- लगातार बने रहें : सफलता के लिए अक्सर दृढ़ता की आवश्यकता होती है। बाधाओं का सामना होने पर भी चलते रहें।
- लचीला बनें : जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है। लचीलापन असफलताओं से उबरने की क्षमता है।
- अपने आप को सकारात्मकता से घेरें : आप जिस संगति में रहते हैं और जिस जानकारी का आप उपभोग करते हैं, वह आपकी मानसिकता पर बहुत प्रभाव डाल सकती है। अपने आप को सकारात्मकता और प्रेरणा से घेरें।
- लगातार सीखना : कभी सीखना मत छोड़ो। जितना अधिक आप जानेंगे, आप चुनौतियों पर विजय पाने के लिए उतने ही अधिक सुसज्जित होंगे।
- वर्तमान पर ध्यान दें : हालाँकि भविष्य के लिए योजना बनाना महत्वपूर्ण है, लेकिन वर्तमान में जीना न भूलें। आज के कार्य कल के परिणामों को आकार देते हैं।
- छोटी जीत का जश्न मनाएं : अपनी उपलब्धियों को पहचानें और उनका जश्न मनाएं, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हों। यह आपको प्रेरित रखता है और प्रगति को सुदृढ़ करता है।
- दूसरों की मदद करें : दयालुता और दूसरों की मदद करने के कार्य अत्यंत संतुष्टिदायक और प्रेरक हो सकते हैं।
- सफलता की कल्पना करें : अपने लक्ष्यों और सफलता की कल्पना करने से उन्हें अधिक प्राप्य महसूस हो सकता है और आप प्रेरित रह सकते हैं।
- आभारी रहें : आपके पास जो कुछ भी है उसके प्रति कृतज्ञता से अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण और प्रेरणा में वृद्धि हो सकती है।
- जोखिम लें : अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने और परिकलित जोखिम लेने से व्यक्तिगत विकास और नए अवसर मिल सकते हैं।
- सकारात्मक बने रहें : एक सकारात्मक दृष्टिकोण चुनौतियों पर काबू पाने और सफलता प्राप्त करने में एक शक्तिशाली शक्ति हो सकता है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम कौन थे?
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम, एक भारतीय वैज्ञानिक और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
डॉ. कलाम का भारत के लिए क्या योगदान था?
डॉ. कलाम भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं, विशेष रूप से देश के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान और बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों के विकास में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पृष्ठभूमि क्या है?
उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनकी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पृष्ठभूमि थी और उन्होंने भारत के अंतरिक्ष और रक्षा संगठनों में विभिन्न वैज्ञानिक और प्रशासनिक पदों पर कार्य किया।
डॉ. कलाम की प्रसिद्ध पुस्तक कौन सी है?
भारत के लिए डॉ. कलाम का दृष्टिकोण क्या है, डॉ. कलाम को कौन से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए.
डॉ. कलाम को कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जिनमें भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न और इंजीनियरिंग पुरस्कार हूवर मेडल शामिल हैं।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का निधन कैसे हुआ?
डॉ. कलाम का 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय निधन हो गया। उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और उन्हें बचाया नहीं जा सका।
अब्दुल कलाम राष्ट्रीय स्मारक क्या है?
अब्दुल कलाम राष्ट्रीय स्मारक तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक संग्रहालय है, जो डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन और उपलब्धियों को समर्पित है।
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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पुस्तकें | Apj Abdul Kalam Books in Hindi
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पुस्तकें – Apj Abdul Kalam Books : एक महान विद्वान, विज्ञानविद और विचारक भारत के 11 वें राषट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम , जिन्हें दुनिया मिसाइलमैन के नाम से भी जानती है। एक ख्याती प्राप्त वैज्ञानिक इंजीनियर जिन्होने भारत को उन्नत देशों के समूह में सबसे आगे लाने के लिये मिसाइल प्रऔद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
डॉक्टर कलाम ने साहित्यिक रूप से भी अपने विचारों को बहुत सारे पुस्तकों में समाहित किया है, जिसमें से कुछ : Wings Of Fire , India 2020 – ‘ इण्डिया 2020 ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम’, तथा ‘ इग्नाटिड माइंड्स – अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’। इन पुस्तकों का कई भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पुस्तकें – Apj Abdul Kalam Books in Hindi
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक महान वैज्ञानिक थे, जिन्हें 30-35 से अधिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हो चुकी है। तो आज डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की कुछ बुक्स पर नजर डालते हैं।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम साहब की कुछ प्रमुख पुस्तकें निम्नवत हैं:
Wings Of Fire / विंग्स आफ फायर :
भारत के 11 वें राषट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आत्मकथा है। इसके सह-लेखक अरुण तिवारी जी हैं। इसमें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन से लेकर लगभग 2000 तक के जीवन सफर के बारे में विस्तार से बताया गया है। मूल रुप में अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित यह किताब, अबतक विश्व की १३ और भाषाओ में अनूदित हो चुकी है। जिसमे भारत की कुछ भाषाएँ हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, मलयालम, तेलगु, के साथ-साथ चीनी, कोरियन, और ब्रेल लिपि भी शामिल है।
India 2020 / इंडिया 2020 :
अ विज़न फॉर द न्यू मिलेमियम भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध किताब है। यह किताब उन्होंने अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल से पहले ही लिखी थी। और उनके किताबों में सबसे अच्छी किताब हैं।
Turning Points: A journey through challenges / टर्निंग प्वॉइंट्स :
भारत के ‘मिसाइल मैन’ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की सर्वश्रेष्ठ किताब है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे और इन पाँच वर्षों के चुनौतियों और अनुभवों की कहानी है ‘टर्निंग प्वॉइंट्स’ किताब। रोचक प्रसंगों, संस्मरणों, राजनीतिक मुद्दों, और भारत को 2020 तक विकसित बनाने की योजना का पूरा ब्योरा इस किताब में दिया हैं।
More Apj Abdul Kalam Books List
- Inspiring thoughts.
- Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji.
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- My Journey: Transforming Dreams into Actions.
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और अधिक लेख:
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4 thoughts on “डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पुस्तकें | Apj Abdul Kalam Books in Hindi”
india 2020 book very interesting book very good article dr a.p.j abdul kalam
India 20 20 ke bare me thoda detail milta to best hota
unke sawad se inspiration he. I like it the machine man
Sanghrsh se chunauti tak unki last book h bhai uske bare me kuchh to btao
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एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय | APJ Abdul Kalam Biography in Hindi
एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय, पूरा नाम, विचार, के बारे में, जन्मदिन, अवार्ड, इतिहास, एजुकेशन, (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi, age, quotes, Pura Naam, achievements, awards, books, full name, wife, anniversary, childhood, college, cast, death date, dream quotes, death reason, early life)
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति रह चुके है लेकिन ऐसे राष्ट्रपति थे जिनका राजनीतिज्ञ से कोई लेना देना नही था. कलाम साहब की छवि राजनेता से ज्यादा तो एक वैज्ञानिक के तौर पर रही है और इन्हें विज्ञान क्षेत्र में दिए अनेक योगदान की वजह से जाना जाता है और इसलिए हम इन्हें मिसाइल मेन के नाम से भी जानते है. अब्दुल कलाम साहब 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति भी रह चुके है. तो चलिए आज के इस लेख में हम एपीजे अब्दुल कलाम साहब की जिंदगी के बारे में जानते है और ये भी जानते है कि भारत के लिए उनका कितना योगदान रहा है.
Table of Contents
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म, प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Apj Abdul Kalam Early life and education)
कलाम साहब का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को धनुषकोडी गाँव ,तमिलनाडु एक मुस्लिम परिवार में हुआ. कलाम साहब के पिता का नाम जैनुलाब्दीन मराकायर था और वो भी खुद ज्यादा पढ़े लिखे नही थे. कलाम साहब का पूरा नाम डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम है जो तमिल मुसलमान से ताल्लुक रखते थे. उनके घर की माली हालत ठीक ठाक थी उनके पिता नाव मछुआरों को किराये पर देते थे और एक स्थानीय मस्जिद के इमाम थे. उनकी माता का नाम अशिअम्मा जैनुलाब्दीन था, जो गृहिणी थीं. कलाम साहब पांच भाई बहन में से सबसे छोटे बेटे थे. कलाम साहब चार भाई और एक बहन थी. कलाम साहब को अपने बालक अवस्था में अपनी शिक्षा के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. वे कुछ पैसो के लिए घर घर जाकर अखबार बाटते थे जिन पैसों से वो अपनी स्कूल की फीस चुकाते थे. itne इतने कम संसाधन होने के बावजूद भी कलाम साहब के उस समय के जीवन में और आने वाले समय पर काफी गहरा प्रभाव था.
कलाम साहब की आरंभिक शिक्षा रामेश्वरम में ही स्थिति सरकारी स्कूल से और रामेश्वरम एलेमेंट्री स्कूल में हुई. इसके बाद कलाम साहब ग्रेजुएशन की पढ़ाई St. Joseph’s College, तिरुचिरापल्ली से पूरी की और 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से एरोनिटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की।
एपीजे अब्दुल कलाम का करियर (APJ Abdul Kalam career)
1960 में ग्रेजुएशन करने के बाद कलाम साहब रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के साथ वैज्ञानिक के रूप में काम करने लगे. उन्होंने अपने करियर की शुरुवात में एक छोटा सा होवरक्राफ्ट डिजाईन किया. 1962 में कलाम साहब ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) को छोड़ भारत के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) में कार्य करने लगे. इसके साथ ही कलाम साहब INCOSPAR यानी इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च में विक्रम साराभाई के अधीन काम किया. कलाम साहब के नेतृत्व में 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी के निकट कक्षा में सफलतापूर्वक तैनात किया था. कलाम साहब 1969 में ISRO में भारत के पहले SLV-III (Rohini) प्रोजेक्ट के स्वतंत्र रूप से हेड बने. ISRO को अंतराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का श्रेय कलाम साहब को ही जाता है.
1982 में वे फिर से DRDO के Director बन गए. कलाम साहब ने लक्ष्य भेदी (गाइडेड मिसाइल्स) को डिजाइन किया जिसके बाद इन्हें मिसाईल मैन के नाम से जाने जाना लगा. कलाम साहब द्वारा ब्रह्मोस, पृथ्वी , अग्नि, त्रिशूल, आकाश, नाग जैसी मिसाईल बनाया था. भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिकों की लिस्ट में कलाम साहब का नाम शामिल है. कलाम साहब को सन 1997 में विज्ञान एवं भारतीय रक्षा के क्षेत्र में “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया.
कलाम साहब 1992 -1999 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सचिव के रूप में काम भी किया. और 1998 में दूसरा परमाणु परीक्षण पोखरण में कलाम साहब की देखरेख में किया गया.
एपीजे अब्दुल कलाम का राष्ट्रपति सफ़र (APJ Abdul Kalam President Life)
राजनैतिक जीवन की बात करें तो वर्ष 2002 में एन.डी.ए. ने कलाम साहब को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया था जिसका समाजवादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी दोनों ने इनका समर्थन किया. 18 जुलाई 2002 को कलाम साहब को 90 % बहुमत के साथ देश के 11व़े राष्ट्रपति के तौर पर चुना गया और कलाम साहब ने 25 जुलाई 2002 को शपथ ली. हालाँकि कलाम साहब कभी भी राजनीतिक से नही जुड़े थे लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी देश के राष्ट्रवादी सोच और नीतियों पर इनके विचारों के कारण आप इन्हें राजनीतिक दृष्टि से सम्पन्न मान सकते है.
एपीजे अब्दुल कलाम की पुस्तकें (APJ Abdul Kalam books )
- इंडिया 2020 – अ विजन फॉर द न्यू मिलेनियम
- विंग्स ऑफ फायर- ऑटोबायोग्राफी
- इग्नाइटेड माइंड्स – अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया
- मिशन इंडिया
- इंडोमिटेबल स्पिरिंट
- ए मेनिफेस्टो फॉर चेंज
- एडवांटेज इंडिया
- यू आर बोर्न टू ब्लॉसम
- दी लुमीनस स्पार्क
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पुरस्कार एवं सम्मान
एपीजे अब्दुल कलाम की म्रत्यु (a.p.j. abdul kalam death) .
27 जुलाई 2015 की शाम को जब कलाम साहब IIM शिलॉंग में लेक्चर दे रहे थे उसी दौरान उनकी तबियत ख़राब हो गई और बेहोश होकर निचे गिर गए थे जिसके बाद उन्हें शिलॉंग के बेथानी अस्पताल के ICU में गंभीर हालत में एडमिट किया गया. जहां पर डॉक्टर की काफी कोशिश के बाद कलाम साहब को बचाया नही जा सकता और 84 साल की उम्र में उन्होंने दुनियाँ को अलविदा कह दिया .
- डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जीवनी
30 जुलाई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को राजकीय सम्मान के साथ उनके पैत्रक गाँव रामेश्वरम के पी करूम्बु ग्राउंड में मुस्लिम रीति रिवाज से अंतिम संस्कार हुआ. अंतिम संस्कार में तक़रीबन 3 लाख से ज्यादा लोगो थे.
एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें
- कलाम साहब से प्रेरित होकर I AM Kalam फिल्म बनी.
- स्विट्जरलैंड ने कलाम साहब की यात्रा के सम्मान में 26 मई को साइंस डे के रूप में घोषित किया है क्योकि एपीजे अब्दुल कलाम 26 मई 2006 में स्विट्जरलैंड की यात्रा की थी.
- बोटैनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के वैज्ञानिकों ने कलाम साहब के सम्मान में एक नई पाई गई पौधों की प्रजाति का नाम ड्रायपेट्स कलामी रखा है.
- वर्ष 2015 में दिल्ली की औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया.
- वर्ष 2015 में ओडिशा में एक नेशनल मिसाइल टेस्ट का नाम बदलकर अब्दुल कलाम द्वीप कर दिया गया.
- एपीजे अब्दुल कलाम के के नाम पर एक स्कूल, तीन इंस्टिट्यूट, चार कॉलेज और तीन यूनिवर्सिटी है.
- हिमाचल प्रदेश में बड़ा शिगरी ग्लेशियर के पास एक 6,180 मीटर ऊंची चोटी का नाम कलाम पर्वत रखा गया है.
- बंगाल की खाड़ी में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर एक द्वीप है.
Q : ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ ? Ans : 15 अक्टूबर1931
Q : अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या है ? Ans : अबुल पाकिर जैनुलआबिदीन अब्दुल कलाम
Q : डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म कहाँ हुआ? Ans : रामेश्वरम शहर
Q : एपीजे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति कब बने? Ans : 18 जुलाई 2002
Q : ए पी जे अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई थी? Ans : 27 जुलाई 2015
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एपीजे अब्दुल कलाम जीवन परिचय | APJ Abdul Kalam Biography in Hindi
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) भारतीय वैज्ञानिक, शिक्षाविद और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर में हुआ था। उन्होंने फिजिक्स में उच्चतर शिक्षा प्राप्त की और भारतीय वैज्ञानिक संगठनों में अपने प्रशिक्षण का सारांश कियाअब्दुल कलाम ने भारतीय मिसाइल और नाविक राष्ट्रीय परमाणु प्रोग्राम के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया । उन्हें उनके समर्पण, योगदान, उदारता, और विद्वत्ता के लिए भारत और विश्व भर के लोगों द्वारा बहुत प्रशंसा प्राप्त हुई। उन्हें “मिसाइल मैन” और “पीपुल्स प्रेसिडेंट” के रूप में भी जाना जाता था।
Table of Contents
एपीजे अब्दुल कलाम जीवन परिचय | APJ Abdul Kalam Biography PDF in Hindi
एपीजे अब्दुल कलाम का शुरुआती जीवन परिचय परिवार तथा जन्म स्थान (abdul kalam birth place early life).
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु के मुस्लिम परिवार में हुआ था इनका पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन था इनके पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन था वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से थे इनके पिता एक मछुआरे को देखकर अपना घर चलाते थे अब्दुल कलाम अपनी शिक्षा के लिए बहुत ही ज्यादा संघर्ष किए और वह घर से कुछ दूर पर घर-घर अखबार बांटते और उस पैसों से अपने स्कूल की फीस भरते थे तथा अब्दुल कलाम जी ने अपने जीवन में बहुत ही ज्यादा संघर्ष किया है अब्दुल कलाम जी ने अपने पिता के अनुसार ईमानदारी एवं उधर सौभाग्य में रहना सीखा इनकी माता का नाम असीम था अब्दुल कलाम जी के 3 बड़े भाई एवं एक बड़ी बहन थे।
अब्दुल कलाम शिक्षा | APJ Abdul Kalam Education
अब्दुल कलाम जी का प्रारंभिक शिक्षा एक छोटे से स्कूल रामेश्वरम के एलिमेंट्री स्कूल में 1950 में कलाम जी ने बी एस सी की परीक्षा St Joseph’s College से पूरी की इसके बाद 1954 से 1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट आप टेक्नोलॉजी से इन्होंने (MIT) से एरोनिटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद बचपन से उनका सपना था की फाइटर प्लेन बनाने का लेकिन समय के साथ-साथ यह अपने सपना बदल गया।
एपीजे अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन तथा योगदान | APJ Abdul Kalam science
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को 1980 में रोहिणी को सफलतापूर्वक पृथ्वी के निकट स्थापित कर दिया गया इनके इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए इनको 1981 में भारत सरकार के द्वारा इनको पुरस्कार भारत के राष्ट्रीय में एक पद्म भूषण से सम्मानित किया गया डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी हमारे अपने सफलता का श्रेणी अपने माता-पिता के दोनों को देते थे उनका कहना था कि उनकी माता पिता उन्हें अच्छे बुरे को समझाने अच्छा तथा व्यवहार पढ़ाई के प्रति मेरा रुचि को देखते हुए मेरी मां ने मेरे लिए एक बहुत छोटा सा लैंप खरीद कर हमको पढ़ने के लिए दीया और जिससे मैं 11:00 बजे रात तक पढ़ता था अगर मेरे मां-बाप साथ नहीं दिए होते तो एपीजे अब्दुल कलाम का कहना था कि आज मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता और सबको अपने से बड़ों को सम्मान तथा आदर देना चाहिए
एपीजे अब्दुल कलाम जी को पुरस्कार से सम्मानित किया गया
एपीजे अब्दुल कलाम को क्या आप जानते हैं कि भारत रत्न पदम भूषण और पदम विभूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है और इसके अलावा बहुत सारे अन्य पुरस्कार एवं समस्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जिनके बारे में हम आपको पूरी जानकारी देंगे नीचे।
एपीजे अब्दुल कलाम का करियर | Dr APJ Abdul Kalam Biography
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी का करियर का शुरुआत 1958 मैं अब्दुल कलाम जी D.T.D and p. मैं तकनीकी केंद्र के वैज्ञानिक के रूप में कार्य करने लगे हैं या रहते हुए इन्होंने Prototype hover craft के लिए तैयारी वैज्ञानिक टीम का नेतृत्व किया कलाम जी का कैरियर का शुरुआत मैं अब्दुल कलाम जी उन्होंने इंडिया आर्मी के लिए एक इस्तेमाल हेलीकॉप्टर डिजाइन किया 1962 में अब्दुल कलाम अनुसंधान को छोड़कर भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में कार्य करने लगे। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अपना कैरियर की शुरुआत एक वैज्ञानिक के रूप में किए लेकिन वैज्ञानिक नहीं बल्कि इंडियन एयर फोर्स के रूप में फाइटर पायलट बनाना चाहते थे।
एपीजे अब्दुल कलाम जि का स्वभाव | APJ Abdul Kalam Nature
एपीजे अब्दुल कलाम को बच्चों से बहुत ही ज्यादा स्नेह और प्रेम रहता था वह हमेशा अपने देशवासियों के प्रति और युवाओं के प्रति अच्छा सीख देते थे उनका कहना था कि युवाओं चाहे तो पूरी देश बदल सकते हैं और देशवासियों के सभी लोग उन मिसाइल मैन के नाम से संबंधित कर सकते हैं डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भारतीय मिसाइल मैन के नाम से जाने जाते थे कलाम जी भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो अविवाहित होने के साथ-साथ वैज्ञानिक पृष्ठभूमि के राजनीति में आए हैं राष्ट्रपति बनते ही डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के एक नए युग की शुरुआत।
एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी पर हिंदी में निबंध Essay APJ Abdul Kalam Biography in Hindi
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, भारतीय वैज्ञानिक, शिक्षाविद, और भारत के 11वें राष्ट्रपति, एक अमूल्य व्यक्तित्व थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर में हुआ था। उनके पिता एक अध्यापक और वकील थे, और मां एक घरेलू महिला थीं अब्दुल कलाम ने अपने शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम स्तर प्राप्त किया। उन्होंने फिजिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
उनकी पढ़ाई में उन्हें वैज्ञानिक सोच और अध्ययन करने का शौक था डॉ. कलाम ने अपने जीवन के दौरान भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें भारतीय मिसाइल और नाविक राष्ट्रीय परमाणु प्रोग्राम के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध किया जाता है 2002 में, उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया और इस दौरान उन्होंने एक प्रेरणादायक और नेतृत्वपूर्ण कार्यकाल बिताया। उनके शौर्य और समर्पण की वजह से वे “मिसाइल मैन” और “पीपुल्स प्रेसिडेंट” के रूप में लोकप्रिय हुए।
राष्ट्रपति और योगदान
अब्दुल कलाम ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में चयन होने के बाद देश को एक नये दिशा में ले जाने के लिए कई पहल की। उन्होंने शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी विकास पर जोर दिया।
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु तिथि | APJ Abdul kalam Death date
(1931-2015)27 जुलाई 2015 को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 84 साल की उम्र में भारतीय प्रबंधन स्थान(IIM) शिलांग मे रहने योग्य ग्रह पर अपना विचार व्यक्त कर रहे थे जब उन्हें कार्डियक अटैक हुआ और वह वही दिवस होकर लगभग शाम को 7:30 बजे उन्हें बेथानी अस्पताल में ICU मेले गए जहां 2 घंटे के बाद उनका मृत घोषित कर दिया गया 30 जुलाई 2015 को पैतृक गांव रामेश्वरम के पास उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया उन्हें अंतिम अनुष्ठान के समय उनका काम से 4,50,000 लोग शामिल थे जिनमें भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और सभी तमिलनाडु के राज्यपाल कर्नाटक केरल और आंध्र प्रदेश जैसे सभी राज्यों के मुख्यमंत्री आदि लोग शामिल थे। अगर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी को व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात की जाए तो कलाम पूरी तरह अनुशासन का पालन करते थे कलाम जी श्रीमद्भागवत गीता और कुरान दोनों का अध्ययन करते थे अब्दुल कलाम बच्चों और युवाओं के हमेशा प्रेरणा रहेगा इस प्रकार आज हम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के अंतिम जीवन के बारे में बताते हुए आशा करते हैं की आपको कलाम जी की बायोग्राफी पसंद आई होगी और आप अपने दोस्तों के पास शेयर करेंगे।
Q.1 एपीजे अब्दुल कलाम कौन थे?
उत्तर- एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक राजनीतिक और वैज्ञानिक थे।
Q.2 एपीजे अब्दुल कलाम का मृत्यु कब हुआ था?
उत्तर- एपीजे अब्दुल कलाम का मृत्यु 27 जुलाई 2015 को हार्ट अटैक से हुआ।
Q.3 एपीजे अब्दुल कलाम कब बने राष्ट्रपति?
उत्तर- अब्दुल कलाम भारत के 11 वे में राष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल 2002 से 2007 तक रहा।
Q.4 अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या था?
उत्तर- (अब्दुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम)
Q.5 एपीजे अब्दुल कलाम किसके लिए ज्यादा प्रसिद्ध थे?
उत्तर-एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय वैज्ञानिक और राजनीतिक के लिए वह काफी प्रसिद्ध थे।
Q.6 एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न कब दिया गया था?
उत्तर- एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न 1997 मैं भारत रत्न से नवाजा गया।
Q.7 अब्दुल कलाम जी ने कितने मिसाइल है बनाएं?
उत्तर- अब्दुल कलाम भारत के पृथ्वी आकाश समेत कई मिसाइल बनाई।
Q.8 अब्दुल कलाम के पिता का नाम क्या था?
उत्तर- अब्दुल कलाम के पिता जी का नाम (जैनुल्लाब्दीन) कलाम था।
Q.9 भारतीय वैज्ञानिक मिसाइल मैन से जान जाता था कौन थे?
उत्तर- अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन तथा भारतीय वैज्ञानिक के नाम से जाना जाता था।
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डॉ अब्दुल कलाम आजाद बुक्स / Dr. APJ Abdul Kalam Books Hindi Pdf
डॉ Apj अब्दुल कलाम आजाद को हम भारत के पूर्व राष्ट्रपति, एक महान वैज्ञानिक और एक अच्छे अनुवभी शिक्षक और एक लेखक के रूप में जानते है।
एक सामान्य मध्य वर्गीय परिवार से निकला बच्चा कैसे न केवल शिक्षा के उच्चतम स्तर को प्राप्त करता है, बल्कि अपने जीवन मे अपनी मेहनत और सादगी से ऐसे ऐसे मुकाम हासिल करता है जिसकी कोई कल्पना भी न कर सके। वही एक व्यक्ति कलाम हो सकता है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का आज 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम साहब ने अपना पूरा जीवन अपने प्यारे देश भारत की सेवा में समर्पित कर दिया।
अपने जीवन मे कलाम साहब ने कई उचाईयों को तो छुआ ही, इसके साथ वो अपनी सादगी को नही भूलें, ओर अपने अनुभवों को, अपने ज्ञान भंडार को नवयुवकों की भलाई के लिए किताबों में उतार दिया।
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APJ Abdul Kalam Biography Avul Pakir Jainulabdeen Dr APJ Abdul Kalam's birth anniversary is celebrated on 15 October as World Students Day. This year the 92st birth anniversary of Dr APJ Abdul Kalam will be celebrated on 15 October 2023. Born on 15 October 1931 in Rameswaram, Tamil Nadu, Dr APJ Abdul Kalam was the 11th President of India.
Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam BR (/ ˈ ɑː b d əl k ə ˈ l ɑː m / ⓘ; 15 October 1931 - 27 July 2015) was an Indian aerospace scientist and statesman who served as the 11th president of India from 2002 to 2007. Born and raised in a Muslim family in Rameswaram, Tamil Nadu, he studied physics and aerospace engineering.He spent the next four decades as a scientist and science ...
A.P.J. Abdul Kalam (born October 15, 1931, Rameswaram, India—died July 27, 2015, Shillong) was an Indian scientist and politician who played a leading role in the development of India's missile and nuclear weapons programs. He was president of India from 2002 to 2007. Kalam earned a degree in aeronautical engineering from the Madras ...
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