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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (A Visit to Zoo Essay in Hindi)

हम अपने मनोरंजन या घूमने के उद्देश्य से कई जगहों पर जाना पसंद करते हैं। हमारे आस-पास ऐसे कई स्थान हैं जहां हम अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए जाते हैं और उन जगहों का आनंद लेते हैं। इस प्रकार से हमें अपने रोजमर्रा के कार्यों से थोड़ा आराम मिलता है और हम खुद को तरोताजा महसूस करते है। किसी पहाड़ी, धार्मिक स्थल, चिड़ियाघर ऐसे कई मनोरंजन के स्थान हैं। बचपन में सभी ने चिड़ियाघर का आनंद अवश्य लिया होगा। यहाँ जाना सभी के लिए बहुत ही आनंदपूर्ण होता है।

मैं यहां चिड़ियाघर की अपनी एक यात्रा को प्रदर्शित कर रहा हूँ। उम्मीद है इससे आप बहुत ही रोमांचित होंगे।

चिड़ियाघर की सैर पर छोटे तथा बड़े निबंध(Short and Long Essay on A Visit to Zoo in Hindi, Chidiyaghar ki Sair par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250-300 शब्द)-चिड़ियाघर की सैर पर निबंध.

चिड़ियाघर की सैर बहुत आनंददायक और शिक्षाप्रद होता है। हम नए नए पशु पक्षियों से परिचित होते है, जिससे हमें एक अलग अनुभव प्राप्त होता है। हम अपने पसंद के जानवरों के बारे में अधिक से अधिक जानने की इच्छा रखते हैं। विभिन प्रकार के जानवरों और पक्षियों को देखने और उनके बारे में जानने के लिए बच्चे बड़े ही उत्सुक रहते हैं। इसके लिए वो चिड़ियाघर जाने के लिए हमेशा ही तैयार रहते है।

मै पहली बार दिल्ली के चिड़ियाघर में गया था। मै इस सैर पर जाने के लिए बहुत उत्सुक था। मुझे याद है जब मै दिल्ली चिड़ियाघर गया था मैंने पहली बार भालू देखा था। वहां सारस, मोर, हाथी, तोता जैसे पशु पक्षी थे। मैंने वहां एक मादा हाथी को देखा जो अपने बच्चे को प्यार कर रही थी। मैंने वहां पर उन पशु पक्षियों की तस्वीर भी ली। मैंने पूरे चिड़ियाघर में विचरण किया और वहां के प्रत्येक जानवरों व पक्षियों को नजदीक से देखा और उनके बारे में जानकारी प्राप्त किया ।

चिड़ियाघरमें पाये जाने वाले जानवर और पक्षी

चिड़ियाघर में तरह तरह के पशु पक्षी पाए जाते है। जिनमे साइबेरियन पक्षी, ऑस्ट्रेलियन तोता, दरियाई घोडा, कठफोड़वा, बाज़, गेंडा, हाथी, हाइना, पांडा, जिराफ, किंगफ़िशर, पेंगुइन, शुतुरमुर्ग जैसे पशु पक्षी प्रमुख रूप से पाए जाते है। चिड़ियाघर में हिरण, बबून, तेंदुआ आदि जैसे दुर्लभ पशु पक्षी भी पाए जाते है।

हम सभी को चिड़ियाघर की सैर करनी चाहिए। चिड़ियाघर की सैर से हमें प्रकृति से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त होता है। हमें प्रकृति की सुंदरता का आभास होता है।

चिड़ियाघर की सैर पर दीर्घ निबंध – 1600 शब्द

हममें से कईयों ने चिड़ियाघर का दौरा अवश्य किया होगा। उनमें से कई अपने पसंद के जनवरों से प्यार भी करते होंगे। हर किसी को अलग-अलग तरह के जानवर पसंद होंगे। सभी ने अपने पसंद के जानवर को टेलीविजन या चिड़ियाघर के दौरे में अवश्य ही देखा होगा। इन जानवरों को देखना हमारे लिए आनंददायी और रोमांचकारी होता हैं। हम अपने पसंद के जानवरों के बारे में अधिक से अधिक जानने की इच्छा रखते हैं। विभिन प्रकार के जानवरों को देखने और उनके बारे में जानने के लिए बच्चे बड़े ही उत्सुक रहते हैं। इसके लिए वो चिड़ियाघर जाने के लिए हमेशा ही तैयार रहते है।

चिड़ियाघर क्या है ?

चिड़ियाघर एक ऐसी जगह है जिसे सार्वजनिक रूप से लोगों के घूमने के लिए संरक्षित की जाती है। यहां विभिन्न प्रकार के जीव जंतु एक साथ अलग-अलग जगहों पर रखे जाते हैं। जानवरों से लोगों और लोगों से जानवरों की रक्षा के लिए इसे तरह-तरह के सुरक्षा तरीकों से सुरक्षित किया गया होता हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के जानवर एक जगह स्टील के तारों या लोहे की सलाखों की सहायता से अलग-अलग रखे जाते हैं। इनमें जानवरों को अलग-अलग रखा जाता है ताकि वो प्रजनन कर अपने परिवार को और अधिक बढ़ा सके।

जानवरों के रहने के लिए इन्हें प्राकृतिक रूप से प्रकृति जैसी ही सुंदरता और सुविधाजनक बनाई जाती हैं। यहां जानवर सुरक्षित अवस्था में रह सकते है। एक चिड़ियाघर बहुत ही अधिक क्षेत्रफल में होता हैं, जिसमें जानवरों को अलग-अलग हिस्सों में सुरक्षित रखा जाता हैं। इसमें जानवरों के लिए विभिन्न तरीकों से जंगल के जैसा माहौल देने की कोशिश की जाती है ताकि जानवर जंगल जैसा एहसास यहां महसूस कर सकें।

मानवों के अंधा-धुंध जंगलो की कटाई से जानवरों का अस्तित्व खतरे में आ गया हैं। इसके कारण जंगल भी खत्म होते जा रहे है। जंगलों के कटाव के कारण जानवरों के रहने और खाने की समस्या और अधिक बढ़ती जा रही हैं। जिसके उपरांत आजकल जगलों के नजदीक गावों में जानवरों का मानवों पर आक्रमण बढ़ता देखा जा सकता हैं। इसके साथ ही जानवरों की कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर खड़ी हैं। चिड़ियाघर जंगलों की तरह ही माहौल वाला एक बड़ा क्षेत्र होता है जो सरकार के द्वारा जानवरों और पक्षियों के सुरक्षा और देखभाल करने के लिए बनाई जाती है। इस प्रकार से जानवरों की सुरक्षा और उनको विलुप्त होने से बचाये रखने में सहायता मिलती है।

बच्चों को जानवरों के प्रति अधिक प्यार और सम्मोहन होता हैं। वो अपने पसंददीदा जानवर को देखकर बहुत ही प्रसन्न होते है। अपने पसंदीदा जानवर को देखना और उनके बारे में अधिक जानकारी इकठ्ठा करने के लिए उन्हें चिड़ियाघर जाना बहुत ही अच्छा लगता है। बच्चों के लिए यह जगह बहुत रोमांचकारी होती हैं वही बड़ों के लिए यह एक पिकनिक स्थान के तरह होता हैं। जहां घूमने से रोज के कार्यों से वो खुद को तरोताजा महसूस करते है।

भारत में जूलॉजिकल पार्क

भारत के विभिन्न राज्यों के अनेक शहरों में कुल मिलाकर 72 चिड़ियाघर बनाये गए हैं। ये चिड़ियाघर जानवरों के विलुप्त होने से बचाने के लिए बनाये गए हैं। इनमें उनके संरक्षण के लिए जंगलो जैसा माहौल बनाया गया हैं और उनकी पूरी तरह से देखभाल की जाती हैं। ऐसे चिड़ियाघर पर्यटकों/घूमने वालों के लिए एक निश्चित समय के लिए ही खोले जाते हैं, जिससे की जानवरों और इंसानों दोनों की सुरक्षा की जा सकें। बच्चों के लिए ये स्थान सीखने के साथ-साथ आनंद के लिए एक उचित जगह के रूप में होती हैं। यहां पर हम विभिन्न प्रकार के जानवरों को प्रत्यक्ष रूप में देख सकते हैं और उनके बारे में अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

चिड़ियाघर जाने का मेरा अनुभव

मुझे प्रकृति से बहुत प्यार है और मुझे प्राकृतिक जगहों पर घूमना बहुत पसंद हैं। पक्षी और जानवर ही हमारी प्रकृति की सुंदरता को बढ़ाते है और मुझे ऐसा लगता है की इनके बिना प्रकृति अधूरी है। ये सभी प्रकृति की सुंदरता और लोगों की आजीविका को आपस में जोड़ते हैं।

स्कूल के दिनों में मुझे लखनऊ के चिड़ियाघर की यात्रा करने का मौका मिला। इस चिड़ियाघर का नाम नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान था। मैं अपनी इस यात्रा को लेकर बहुत ही उत्साहित था, क्योंकि यह चिड़ियाघर की मेरी पहली यात्रा थी।

चिड़ियाघर जाने वाले दिन हम सभी सुबह स्कूल पहुंचे और अपने सहपाठियों और अपने अध्यापकों के साथ लखनऊ तक बस की यात्रा करने लिए हम सभी इकठ्ठा हुए और हम यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार थे। चिड़ियाघर की यात्रा मेरे लिए बहुत ही उत्साहित और रोमांचित थी। समय बितने के साथ ही चिड़ियाघर के लिए मेरी उत्सुकता और अधिक बढ़ती जा रही थी। इससे पहले मैंने केवल सिनेमा और किताबों में ही चिड़ियाघर के बारे में देखा और पढ़ा था। यह मेरे जीवन का बहुत ही अच्छा पल था की मुझे सर्दियों के मौसम में चिड़ियाघर जाने का मौका मिला। यह मेरे लिए इसलिए अच्छा था क्योंकि सर्दियों के दिनों में जानवर धुप लेने के लिए अपने पिंजरों से बाहर निकल धुप में दिख जाते हैं। जबकि गर्मियों के मौसम में सभी जानवर अपनी पिंजरों या किसी ठंडी छांव की आड़ में बैठे होते है।

कुछ ही घंटो के बाद हम सुरक्षित चिड़ियाघर पहुंच गए और अध्यापकों के कहे अनुसार सभी एक कतार में खड़े हो गए, और अंदर जाने के लिए अपनी बारी का इंतिजार करने लगें। हमारे अध्यापक ने पहले से ही सभी के लिए टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन ही कर ली थी। हम सभी अपनी कतार के अनुसार एक-एक करके अंदर गए।

चिड़ियाघर का प्रवेश द्वार – चिड़ियाघर के प्रवेश द्वार पर एक विशालकाय पेड़ का प्रारूप बनाया गया था, इस पेड़ की शाखाओं पर कोई भी पत्तियां नहीं थी। इस पेड़ पर अलग-अलग जानवरों की आकृति बनाई गई थी, जैसे बंदर, भालू, मोर, तरह-तरह के पक्षी इत्यादि। द्वार के सामने ही एक बड़े शेर की आकृति बनाई गई थी। इस पेड़ के आस-पास ज़ेबरा, गैंडा, जिराफ़ व अन्य जानवरों की आकृति भी बनाई गई थी। यह पूरी तरह से हमें चिड़ियाघर के अंदर का एक परिदृश्य दिखा रहा था। प्रवेश द्वार पर हमें अपनी कई तस्वीरों को भी लिया था।

चिड़ियाघर के अंदर – चिड़ियाघर के अंदर प्रवेश के रास्तें में विभिन्न जानवरों की प्रतिमा जैसे शेर, भालू, हाथी, गैंडा इत्यादि की मूर्तियों से सजी पड़ी थी। शुरू में ही काले हिरण का एक झुण्ड था जो की स्टील की बाड़ों से घिरे हुए थे। सभी हिरन इधर-उधर टहल रहे थे। किसी भी जानवर की पूर्ण जानकारी और सुरक्षा के नियम वहां के संरक्षित क्षेत्र के बाहर बोर्ड पर अंकित की गयी थी।

चिंपांजी का निवास स्थल बहुत ही दिलचस्प दिखाई दे रहा था। हमने देखा की वहां दो चिंपांजी बैठे थे और धुप से गर्मी ले रहे थे। चिंपांजी हमें देखकर विभिन्न प्रकार के चहरे बना रहे थे जिन्हें देखकर हमें हसी आ रही थी। चिंपांजी बहुत ही बुद्धिमान जानवर होते हैं वे बहुत ही ढंग से बैठे हुए थे। हम सभी ने थोड़ी देर वहां रुक कर चिंपांजी की रहने के तरीकों और हरकतों का आनंद लिया। इसके बाद हमने शुतुरमुर्ग को उसके पिंजरे में देखा, वास्तव में यह बहुत ही विशालकाय पक्षी था जैसा की हम सभी ने कितबों में पढ़ा था।

चिड़ियाघर में एक ही कतार में अलग-अलग प्रकार के कई पक्षियों का पिंजरा था। पक्षियों के इतनी मात्रा में देखकर हम मंत्रमुग्ध हो गए। सभी पक्षी विभिन्न रंगों और नश्लों के थे। आगे चलकर हमने शेर और बाघ को भी देखा। शेर दहाड़ते हुए बहुत ही भयानक दिखाई दे रहा था। बाघ अपने बाड़ों में इधर-उधर घूम रहा थे। हमें चिड़ियाघर में तीन हिमालयन भालू को भी देखा, जो अपने बाड़ों में आराम कर रहे थे। वहां हमने सफेद बाघ को भी देखा जो बहुत ही शानदार दिखाई दे रहा था।

इन सभी के अलावा चिड़ियाघर में एक खिलौने वाली ट्रेन भी थी, इसके साथ ही विभिन्न झूलों के साथ एक पार्क भी स्थित था। हम सभी 4-5 घंटे तक चिड़ियाघर के अंदर ही थे। हम सभी पूरे चिड़ियाघर में घूमे और वहां के प्रत्येक जानवरों को नजदीक से देखा और उनके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर पायें।

क्या चिड़ियाघर कुछ सीखने और मनोरंजन का स्थान है ?

चिड़ियाघर घूमने के लिए एक बहुत ही मनोरंजक और रोचक जगह है। हम इसमें विभिन्न जानवरों को अपनी आखों के सामने देख सकते हैं। हम शेर, भालू, गैंडा, सफेद बाघ इत्यादि जानवरों को चिड़ियाघर में देख सकते हैं जो की केवल जंगलों में ही देखे जा सकते है। हमने इन सभी जानवरों के रहने और उनके व्यवहार करने के तरीकों को बहुत ही नजदीक से देख सकते हैं और इनके बार में अधिक जानकारी इकठ्ठा कर सकते हैं।

चिड़ियाघरों में हमें विभिन्न प्रकार के नए जानवरों को देखने और उनके बारे में भी पता चलता हैं। जिन्हें हमने पहले केवल किताबों या टी.वी. पर ही देखा था। चिड़ियाघर में जाने के बाद हम उनके साथ अधिक समय और उनके बारे में अधिक जानकारी इकठ्ठा करने की सोचते है। वहां से बहार निकलन का हमारा मन नहीं करता है।

मेरी राय में चिड़ियाघर अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनोरंजन और आनंद लेने की एक उत्तम जगह के रूप में है। यहां हमें विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों को देखने और उनके बारे में अनेकों जानकारी एक साथ प्राप्त हो जाती हैं। इस प्रकार से हम यह कह सकते हैं कि चिड़ियाघर सीखने और मनोरंजन करने का एक सम्पूर्ण स्थान है।

इस चिड़ियाघर के दौरे के बाद मैं बहुत ही प्रसन्न था। यह मेरे जीवन के सबसे अच्छे पलों में से एक था जो मैंने चिड़ियाघर के अंदर बिताये थे। मेरे मन में बार-बार चिड़ियाघर घूमने की भावना आती है। हमें चिड़ियाघर घूमते समय वहां दिए गए दिशा-निर्देशों का अवश्य पालन करना चाहिए ताकि हमें किसी भी प्रकार की समस्या या जानवरों के गुस्से का सामना न करना पड़े।

Essay on A visit to Zoo

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10 Lines on Zoo in Hindi। चिड़ियाघर पर 10 लाइन निबंध

10 Lines on Zoo in Hindi

Zoo को हिंदी में चिड़ियाघर कहा जाता है। चिड़ियाघर पशुओ का संग्रह होता है। यहाँ पर पर्यटन की दृष्टि से बहुत सारे जानवर और पक्षिया रखे जाते है। एक ही स्थान पर इतने सारे पशु पक्षियों को देखना लोगो को बहुत अच्छा लगता है। Zoo Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इसलिए आज हम “ चिड़ियाघर पर 10 लाइन निबंध ” लेकर आपके समक्ष आये है इस आर्टिकल में आप “ 10 Lines on Zoo in Hindi ” में पढ़ेंगे।

  • चिड़ियाघर में हम अनेक प्रकार के जानवर एक स्थान पर देख सकते है।
  • सभी जानवरो को अलग अलग पिंजरों में रखा जाता है।
  • चिड़ियाघर में घूमने और जानवरो को देखने का समय निर्धारित होता है।
  • सभी चिड़ियाघरों में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है।
  • चिड़ियाघरों में जानवरो की देखभाल के लिए कर्मचारी काम करते है।
  • चिड़ियाघर में किसी भी जानवर को छूने या पिंजरे में जाना गैर कानूनी है।
  • बच्चो को चिड़ियाघर की सैर करना बहुत अच्छा लगता है।
  • चिड़ियाघर पशुओ के बारे में जानकारी हासिल करने की अच्छी जगह है।
  • आजकल जानवरो के शिकार के कारण बहुत से जानवर लुप्त होते जा रहे है चिड़ियाघर ऐसे जानवरो को भी संरक्षण प्रदान करता है।
  • दिल्ली में प्रगति मैदान स्थित चिड़िया घर 176 acre में फैला हुआ है।

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हमें आशा है आप सभी को Zoo in hindi पर छोटा सा लेख पसंद आया होगा। आप इस लेख को अपने स्कूल में 10 lines about Zoo in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है।

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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध- Essay on Zoo in Hindi

In this article, we are providing information about Zoo in Hindi- Short Essay on Zoo in Hindi Language. चिड़ियाघर की सैर पर निबंध, Chidiya Ghar Ki Sair Essay in Hindi.

चिड़िया घर वह स्थान है जहाँ पर दुनिया के लगभग सभी जीव जंतुओं को रखा जाता है। यहाँ पर सभी प्रकार के पशु पाए जाते हैं और उन्हें उनके अनुकुल वातावरण उपलब्ध कराया जाता है। चिड़ियाघर में सभी जानवरों को प्राकृतिक वातावरण देने के लिए घने जंगल, तालाब और पहाड़ी आदि होते हैं जिससे कि उन्हें अपनापन महसूस हो। सभी जीवों को उनके हिसाब से भोजन दिया जाता है और समय समय पर उनके स्वास्थय की जाँच भी होती है। पशु पक्षियों को पूर्ण रूप से सुरक्षित रखा जाता है कोई भी व्यक्ति उनसे छेड़छाड़ नहीं कर सकता है।

चिड़ियाघर बहुत ही विशाल होता है जिसो घुमने के लिए व्यक्ति को पूरे दिन का समय चाहिए होता है। यहाँ पर हम एक साथ भगवान के बनाए गए जीवों को देख सकते हैं। बच्चों को चिड़ियाघर बहुत ही मनोरम लगता है और यह हमारे ग्यान में भी वृद्धि करता है। आसानी से मिलने वाले पशुओं के अलावा यहाँ पर बहुत सारे ऐसे पशु भी पाए जाते हैं जो बड़ी मुश्किल से देखे जाते हैं। शेर की माँद नीचे खाई में बनाई जाती है ताकि लोग रहे। सफेद शेर चिड़ियाघर की शोभा को बढ़ा देता है। मगरमच्छ को तालाब में रखा जाता है और लोग उसे काफी दुरी से देख सकते हैं। वहाँ पर तरह तरह के बंदर होते हैं जो कर्तब दिखाते हैं और लोगों का मनोरंजन करते हैं। चिड़ियाघर के किसी भी जीव को कुछ भी खिलाना पिलाना मना है। चिड़ियाघर घुमने बहुत से लोग जाते हैं पर हम चाहे कितनी भी कोशिश क्यों न करले लेकिन कुछ न कुछ देखना भूल जाते हैं। बादलों के समय में हमें चिड़ियाघर में मोर को नाचता हुआ देख सकते हैं। चिड़ियाघर बहुत से प्राकृतिक जीव जंतुओं का घर है और भ्रमण का एक स्थान भी है। हर कोई जीवन में एक बार चिड़ियाघर अवश्य देखने जाता है।

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चिड़ियाघर पर निबंध

essay about zoo in hindi

By विकास सिंह

essay on zoo in hindi

एक प्रतिष्ठान जहां जंगली जानवरों की प्रजातियों को बाड़ों के भीतर रखा जाता है और जनता के लिए प्रदर्शित किया जाता है, को एक प्राणी उद्यान या लोकप्रिय शब्दों में ‘चिड़ियाघर’ कहा जाता है।

इन जानवरों के पार्कों ने लुप्तप्राय प्रजातियों के विलुप्त होने से रोकने के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद की है, जिसमें विशाल पांडा, ध्रुवीय भालू, ओरंग-यूतान, घड़ियाल, आदि शामिल हैं। न केवल उन्होंने जंगली जानवरों की तरह का एक आरामदायक और सुरक्षित निवास स्थान बनाया है, लेकिन जानवरों के सामान्य संग्रह का प्रदर्शन करके छोटे बच्चों को शिक्षित किया है।

चिड़ियाघर पर निबंध, short essay on zoo in hindi (200 शब्द)

परिचय.

एक प्रतिष्ठान जहां जंगली जानवरों की प्रजातियों को बाड़ों के भीतर रखा जाता है और जनता के लिए प्रदर्शित किया जाता है, को एक प्राणी उद्यान या लोकप्रिय शब्दों में ‘चिड़ियाघर’ कहा जाता है। ये सुविधाएं दुर्लभ जानवरों की प्रजातियों जैसे कि जवन और ब्लैक राइनो, सुमात्राण हाथी और ओरंग-यूटन, बाघ की विभिन्न प्रजातियां, विशाल पांडा आदि के संरक्षण में मदद करती हैं, जो जंगलों के बड़े पैमाने पर कटाव के कारण विलुप्त हो गए हैं।

चिड़ियाघर – प्राकृतिक पर्यावरण का उद्धारकर्ता :

इन लुप्तप्राय प्रजातियों को पर्याप्त चिकित्सीय ध्यान और उनके प्राकृतिक परिवेश की नकल करने वाला एक सुरक्षित और सुरक्षित निवास स्थान प्रदान करके, इन जानवरों के पार्कों ने “बंदी प्रजनन कार्यक्रमों” का सफलतापूर्वक स्वागत किया है। इसमें जानवरों का प्रजनन और उसके बाद उनके प्राकृतिक आवास में उनका पुन: परिचय शामिल है। इससे जंगली जानवरों की संख्या बढ़ाने में मदद मिली है।

चिड़ियाघर और शिक्षा :

जैसा कि बच्चों के मामले में, चिड़ियाघर उनके प्राकृतिक वातावरण के बारे में उन्हें शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिनमें से वन्यजीव एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। टेलीविजन पर विभिन्न भौगोलिक चैनलों के बावजूद, चिड़ियाघर हर साल लाखों बच्चों को आकर्षित करता है क्योंकि वे वास्तविक जानवरों को देखने के अवसर के साथ बच्चों की मदद करते हैं। इससे इन छोटे बच्चों को इन जंगली जानवरों के व्यवहार और पर्यावरण के बारे में शिक्षित करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष :

इस प्रकार, समय की आवश्यकता है कि चिड़ियाघरों में ’प्रजनन’ कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाए और पशुओं की विभिन्न प्रजातियों के विलुप्त होने से रोकने के लिए अधिक प्राणि उद्यानों के निर्माण को भी बढ़ावा दिया जाए।

चिड़ियाघर पर निबंध, essay on zoo in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

जूलॉजिकल पार्क की यात्रा हमेशा से हम सभी के लिए एक करामाती और मंत्रमुग्ध करने वाला अनुभव रहा है, खासकर हमारे बचपन के दिनों में। हरे-भरे हरियाली और वन्य जीवन के बीच प्राकृतिक वातावरण के साथ एक व्यक्ति की भावना का कोई मेल नहीं है।

एक चिड़ियाघर में स्तनधारियों, पक्षियों और सरीसृपों की गवाही :

जिन प्रतिष्ठानों में जंगली जानवरों की विभिन्न प्रजातियां होती हैं, उन्हें बाड़े के भीतर और सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन के लिए रखा जाता है, जिन्हें आम तौर पर चिड़ियाघरों कहा जाता है। ये न केवल स्तनधारियों, कीड़े, उभयचर, सरीसृप आदि की दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण में मदद करते हैं, बल्कि बच्चों को उनके पर्यावरण के अन्य जीवित प्राणियों के बारे में शिक्षित करने में भी मदद करते हैं।

एशियाई शेर, बंगाल टाइगर और तेंदुए जैसे जंगली जानवरों को देखकर, बच्चे न केवल उनके व्यवहार का निरीक्षण करते हैं, बल्कि उनके खाने की आदतों के बारे में भी ज्ञान प्राप्त करते हैं, जो कि संक्षिप्त शहरी क्षेत्रों में संभव नहीं है। इसके अलावा, बंदर, चिंपांज़ी और संतरे भी अपने लंबे अंगों के कारण न केवल शारीरिक रूप से बल्कि उनके व्यवहार के कारण मनोरंजक प्रतीत होते हैं। कई बार उन्हें एक-दूसरे के साथ खेलते हुए देखा जा सकता है।

इन स्तनधारियों के अलावा, विभिन्न सरीसृप भी हैं जो इन प्राणि उद्यानों में कैद में प्रजनन करते हैं। इनमें मगरमच्छ, मगरमच्छ, कछुआ और विभिन्न प्रकार के सांप शामिल हैं, जो अगर भाग्यशाली होते हैं, तो उन्हें अपने शिकार का शिकार करते देखा जा सकता है, जब उन्हें परिचारिकाओं द्वारा उनके बाड़े में जीवित चूजों और मछलियों को परोसा जाता है। इसके अलावा, लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची में हॉर्नबिल और शिकारा सहित विभिन्न पक्षी हैं जो विभिन्न चिड़ियाघरों में पाले जाते हैं और केवल सफेद बंगाल टाइगर की तरह कैद में देखे जा सकते हैं।

इस प्रकार, इन चिड़ियाघरों की यात्रा एक निरर्थक गतिविधि नहीं है, न ही बच्चों के लिए और न ही वयस्कों के लिए, क्योंकि अफ्रीका और अमेरिका सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों से दुर्लभ जानवरों के दुर्लभ अवशेष किसी भी प्राणी उद्यान में पाए जा सकते हैं, जो किसी भी कोने में स्थित हैं। विश्व।

ऐसी जगहों की यात्राओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए क्योंकि यह न केवल हमें अन्य जीवित प्राणियों के बारे में शिक्षित करती है बल्कि हमें पर्यावरण के साथ एक होने का एहसास कराती है।

चिड़ियाघर दर्शन पर निबंध, essay on visit to a zoo in hindi (400 शब्द)

चूंकि, मेरे बचपन के दिन मुझे हमेशा से मंत्रमुग्ध करते रहे हैं और जानवरों को देखते हुए रोमांचित करते हैं। अपने भयावह रूप के साथ एनिमल प्लैनेट जैसे टेलीविज़न चैनल पर उन्हें देखना, अपने शिकार को पकड़ना, अपने शिशुओं की देखभाल करना आदि मुझे हमेशा रोमांचित करते हैं। इस प्रकार, मैं बेहद रोमांचित था।

दिल्ली मेट्रो के माध्यम से चिड़ियाघर पहुंचने के बाद हमने टिकट खरीदे और अंदर चले गए। पूरी जगह में कई बच्चे थे जो अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ चिड़ियाघर घूमने आए थे। सोचा था कि चिड़ियाघर के अंदर जाने के लिए वाहन की उपलब्धता है, फिर भी हम अधिक रोमांचक अनुभव के लिए पैदल चलने का विकल्प चुनते हैं। इस तरह मैं उन जगहों का अवलोकन करने में अधिक समय बिता सकता था जहाँ मेरे पसंदीदा जानवरों को रखा गया था।

आवारा बंदर :

पहली दृष्टि बंदरों की थी जो विभिन्न किस्मों में मौजूद थे। इनमें हल्के भूरे रंग के चमड़ी वाले बंदर, लंगूर, चिंपैंजी, बबून आदि शामिल थे, वे लंबे और छोटे पूंछ वाले दोनों प्रकार के होते थे। जब मैं वहाँ पहुँचा, तो चिड़ियाघर के अधिकारियों द्वारा बंदरों और उनके पिंजरे में आमों को रखा जा रहा था। यह उन मनुष्यों की तरह खुद को छीलने के बाद उन फलों का सेवन करते हुए देखना एक बहुत ही मनोरंजक दृश्य था।

अद्भुत जल पक्षी :

इसके बाद, हम उस खंड पर चले गए जहाँ पानी के पक्षियों को मानव निर्मित तालाब के साथ कैद में रखा गया था। वे काले और सफेद हंस, बत्तख, क्रेन, पेलिकन, आदि सहित अलग-अलग पंक्तियों के थे, मैं काले हंस को देखकर, अपनी अद्भुत काली छाया और लालित्य जिसके साथ यह तालाब में तैर रहा था, देखकर मैं मंत्रमुग्ध हो गया था।

क्रूर कार्निवोर्स :

इसके बाद, हम एशियाई शेर, तेंदुए, चीता और भालू, जो अन्य शाकाहारी स्तनधारियों से दूर, पिंजरे में रखे गए थे, को देखने के लिए चले गए। झुंड और हिरन जो झुंडों में रखे गए थे, के विपरीत, ये मांसाहारी अलग-अलग रखे गए थे और बहरा कर रहे थे और चिल्लाने की आवाज़ें मुझे रोमांचित कर रही थीं।

सरीसृप वर्ग :

आगे बढ़ते हुए, हमने भूमिगत सरीसृप अनुभाग का दौरा किया जहां जहरीले सांप और अजगर, मगरमच्छ और मगरमच्छ रखे गए थे। यह उनकी खाल पर विभिन्न डिजाइनों का निरीक्षण करने के लिए एक शानदार अनुभव था।

चूंकि, सूर्य की स्थापना के साथ दिन समाप्त हो रहा था; हमने अपने जन्मदिन के केक को काटने के लिए यात्रा और घर पहुंचने का फैसला किया। हालाँकि मैं थक गया था और दिन भर घूमना छोड़ दिया था, यह अभी भी सबसे अच्छा जन्मदिन है जो मैंने कभी भी किया है, पूरा दिन उन जानवरों को देखने में बिताया है जिनके साथ मैं बचपन से मोहित था।

चिड़ियाघर पर निबंध, essay on visit to a zoo in hindi (500 शब्द)

जैसे-जैसे कोई बड़ा होता है, चिड़ियाघर जाने की इच्छा और उत्साह सहकर्मी के दबाव के कारण दब जाता है। हालांकि, एक किशोर अभी भी अपने प्राकृतिक आवास में जंगली जानवरों की दृष्टि से मंत्रमुग्ध और मुग्ध महसूस करता है, जब इसे टेलीविजन स्क्रीन पर चित्रित किया जाता है।

ज़ू परिवार के साथ जाएँ :

मैं ऐसी ही स्थिति में था। लेकिन दूसरों के विपरीत, मुझे अभी भी अपने छोटे भाई की वजह से चिड़ियाघर का दौरा करने का मौका मिला, जो हाल ही में पांच साल के हो गए थे। जानवरों के बारे में उनकी जिज्ञासा और उन्हें शिक्षित करने के मेरे उद्देश्य ने एक आलसी रविवार को पूरे परिवार के साथ चिड़ियाघर का दौरा करने की योजना को ट्रिगर किया। एक होंडा सिटी में पैक, हम चारों सुबह ग्यारह बजे दिल्ली जूलॉजिकल गार्डन पहुंचे। मेरे पिता ने टिकट खरीदे और टिकट काउंटर से चिड़ियाघर का एक गाइड मैप भी लिया और हम चिन्हित पदचिह्नों के साथ दाखिल हुए। हमारे पास घूमने के लिए वैन में सवार होने का विकल्प था, लेकिन हमने इसके बजाय चलने का विकल्प चुना ताकि हम अपने पसंदीदा जानवरों को देखने में अधिक समय दे सकें।

शानदार हंस :

चिड़ियाघर में प्रवेश करने के बाद, सबसे पहले हम तालाब के पार आ गए, जिसमें पानी के पक्षी जिसमें बतख, स्टोक, पेलिकन और हंस शामिल थे। बत्तखें आपस में झगड़ रही थीं और खेल रही थीं। और हंसों को, मोती के रूप में सफेद के रूप में, अपने साथियों के साथ तैरते हुए एक शानदार सुरम्य छवि की पेशकश की। उनकी सुंदरता और सुंदरता को देखकर मैं मंत्रमुग्ध हो गया।

रॉयल कैट्स स्पॉट किए गए :

थोड़ी दूर चलने के बाद, हमें शाही बंगाल सफ़ेद बाघ मिला जो हमसे एक खाई से अलग था और खुले बाड़े में चल रहा था। मेरा छोटा भाई इसे देखकर बहुत खुश हुआ और हम सभी ने पेड़ों से छोटे तालाब में बाघ सरपट दौड़ते हुए काफी समय बिताया।

इसके बगल में खाई थी जहाँ दूसरी शाही चित्तीदार बिल्ली को कैद में रखा गया था। हालांकि तीन तेंदुए थे, वे ऊब गए थे क्योंकि सभी किसी पेड़ या अन्य के नीचे आराम कर रहे थे और बाघ  की तरह उत्साही नहीं लग रहे थे। इसके अलावा, अन्य खाई में एशियाई शेर भी खुले बाड़े के अंदर घूम रहा था।

रॉक स्किन वाले गैंडे :

आगे बढ़ते हुए, हम एक सींग वाले गैंडे के पास आए जो कि पास के तालाब में आराम कर रहा था। इसकी त्वचा चट्टान के समान कठोर और पैर छोटे लग रहे थे, इसके विपरीत जिराफ के विपरीत, जिसकी गर्दन और पैर लंबे थे। जिराफ वास्तव में अद्भुत जीव थे, जो चुप थे और पेड़ों से पत्तियों पर कुतर रहे थे; पूरे समय हमने उनका अवलोकन किया।

रंगीन और जीवंत मछलीघर :

तत्पश्चात, हमने एक्वेरियम पर एक नज़र डाली, जिसमें विभिन्न प्रकार की रंगीन मछलियाँ थीं, जिनमें बिल्ली मछली, जोकर मछली, ज़ेबरा मछली आदि शामिल थीं, मेरा छोटा भाई जोकर की मछली को देखने के लिए वास्तव में उत्साहित था, जिसे उसने फिल्म में देखा था। ’मछलीघर में एक छोटा आलसी कछुआ भी था।

चूंकि भूमिगत सरीसृप अनुभाग में कुछ सफाई और नवीकरण हो रहा था, इसलिए इसे बंद कर दिया गया था और इस तरह हम इसे देखने में सक्षम नहीं थे। हमने मनोरंजक बंदरों को देखकर चिड़ियाघर की अपनी यात्रा समाप्त की और निकास द्वार की ओर चल दिए। एक साथ यह मेरे लिए और विशेष रूप से मेरे छोटे भाई के लिए एक बहुत ही सुखद अनुभव था, जो अभी भी शानदार वन्यजीवों से खौफ में था।

चिड़ियाघर पर निबंध, long essay on zoo in hindi (600 शब्द)

सर्दियों की छुट्टियों के लिए टूटने से पहले, मेरे स्कूल ने राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, दिल्ली में एक दौरे का आयोजन किया। सभी छात्र इससे उत्साहित और उत्साहित थे, क्योंकि यह हमारे साथियों के साथ पहली बार था जब से हम चौथे स्तर पर पदोन्नत हुए थे।

खेल के जूते के साथ स्कूल की वर्दी में बड़े करीने से कपड़े पहने, हम स्कूल बस में खुद को इकट्ठा करके यात्रा के लिए निकल पड़े। चिड़ियाघर पहुँचने में हमें लगभग एक घंटा लग गया। टिकट पहले से ही स्कूल अधिकारियों द्वारा खरीद लिए गए थे, इसलिए पहुंचने पर हम सीधे टिकट काउंटर पर कतारों में खड़े अन्य लोगों के विपरीत चिड़ियाघर में प्रवेश कर गए। हमें पहले से ही छोटे समूहों में चलने के निर्देश दिए गए थे, जिनमें से प्रत्येक शिक्षक के नेतृत्व में था ताकि वे गुम न हों।

हमारे बुद्धिमान और चंचल पूर्वजों :

सबसे पहले, हम बंदरों के पार आए जो विभिन्न किस्मों में पेड़ों के साथ एक बहुत बड़े पिंजरे में रखे गए थे ताकि उन्हें कूदने और खेलने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। इनमें लंगूर, बबून, चिंपैंजी, हल्के भूरे रंग के बंदर आदि शामिल थे। जब हम वहाँ पहुँचे, तो चिड़ियाघर के अधिकारियों द्वारा बंदरों को आम और केले खिलाए जा रहे थे।

हम उनकी बुद्धिमत्ता पर चकित थे क्योंकि उन्होंने ध्यान से फलों को छीलकर केवल खाने योग्य भाग का सेवन किया था।हम भी अपने पूर्वज गोरिल्ला के दो पैरों पर चलते हुए आए जैसे कि हम इंसान आज चलते हैं।

भयंकर और भयावह गर्जन :

आगे चलते हुए हमने एक हिमालयी काले भालू को देखा जो शांति से एक खाई में एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था और शहद का सेवन कर रहा था, जो चिड़ियाघर के अधिकारियों द्वारा दिया गया था। उसे केवल शहद पर ध्यान केंद्रित करना और पास के टांके से आने वाली भयंकर गर्जन को पूरी तरह से अनदेखा करना मज़ेदार था। ये दहाड़ें तेंदुओं की थीं जो शायद इसलिए चिढ़ गए थे क्योंकि उन्हें अभी तक चारा नहीं दिया गया है।

इसके बाद, हम अगली खाई में चले गए और शानदार बंगाल टाइगर का अवलोकन किया जो पेड़ों और तालाब में ऊपर और नीचे सरपट दौड़ रहा था। इसके एरोबिक्स विभिन्न राहगीरों को आकर्षित करते थे और यह भी कि हम बच्चों ने इसे देखने में बहुत समय बिताया।

यह सब करते हुए, मैं और मेरे दोस्त बड़े शेर को एक महान अयाल, भयभीत गर्जना और उसके शोक के साथ देखने के लिए बाहर हो गए थे जिसके बारे में हमने चर्चा की थी। हालाँकि, जब हम इसके पार आए, तो एशियाई शेर शांति से पेड़ की छाया में सो रहा था। हम सभी वास्तव में निराश थे।

भूमिगत सरीसृप धारा :

आगे बढ़ते हुए, हमने भूमिगत सरीसृप अनुभाग का दौरा किया जहां विषैले सांप और मगरमच्छ रखे गए थे। हालांकि सांप जहरीले और खतरनाक होते हैं, उनकी चमकदार त्वचा पर बेहद खूबसूरत डिजाइन होते हैं, खासकर एशियाई बेल सांप और श्रीलंकाई पिट वाइपर।

इसके अतिरिक्त, तालाब में बहुत ही चुपके से घूमने वाले मगरमच्छों और मगरमच्छों का निरीक्षण करना एक शानदार अनुभव था।

शानदार और रंगीन पक्षी :

जमीनी स्तर पर वापस आकर, हमें एक बहुत बड़े पिंजरे का सामना करना पड़ा जहाँ हॉर्नबिल, मोर, शिकारा, पतंग आदि सहित पक्षियों को कैद में रखा गया था, जहाँ से उन्हें उड़ान भरने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध कराई गई थी। वे वास्तव में विभिन्न रंगों में सुंदर पक्षी थे, विशेष रूप से मोर जो बेहद खूबसूरत पंखों के जुलूस में थे। मैं और मेरे दोस्त बहुत खुशकिस्मत थे कि मोर को उसके खुले पंखों के साथ देखा।

कुछ पानी के पक्षी भी थे, जो बहुत ऊंची उड़ान भरने में सक्षम नहीं थे, जिसमें विभिन्न तालाबों में बतख, हंस, क्रेन आदि शामिल थे, जिन्हें मानव निर्मित तालाब में रखा गया था। वे सर्दियों के मौसम के बावजूद, पानी में तैर रहे थे और इसका आनंद ले रहे थे।

दौरे को पूरा करने के बाद, स्कूल के अधिकारियों द्वारा चिड़ियाघर में एक दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई थी। यह बुफे था जिसे हमने अपने दिल की सामग्री तक खाया और फिर आइसक्रीम खाई। इसके बाद, हम बस में सवार हुए और शाम चार बजे तक स्कूल परिसर में पहुँच गए। हालांकि मैंने अपने परिवार के साथ चिड़ियाघर का कई बार दौरा किया है, लेकिन मेरे दोस्तों के साथ यह अनुभव वास्तव में मजेदार और यादगार था।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Visit to A Zoo in Hindi And English Language

Essay on Visit to A Zoo in Hindi And English चिड़ियाघर की सैर पर निबंध : Zoo Essay For Students and children in various length, 100, 150, 200, 250, 300, 350, 400, 500 words essay giving blow.

how I spent my last Sunday (visit to zoo essay) describe zoo trip scene in short paragraph helpful for students they read in class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9. the zoo is placed there kept wild animals in cages for visiter.

monkey, lion, bear, tiger, elephant and many spices birds in our city zoo, there I go visit a zoo. read out this Hindi & English Language essay On Zoo.

Essay on Visit to A Zoo in Hindi & English

प्रिय साथियो आपका स्वागत है Essay on Zoo in Hindi में आज हम आपके साथ चिड़ियाघर पर निबंध साझा कर रहे हैं.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 तक के बच्चों को चिड़ियाघर की सैर पर निबंध लिखने को कहा जाता हैं, तो  आप सरल भाषा में लिखे गये इस हिन्दी निबंध को परीक्षा के  लिहाज से याद कर लिख सकते हैं.

अंग्रेजी में निबंध

last Sunday I visited the zoo. my father also went with me. there was a great rush at the booking window. I bought two tickets. then we went inside the zoo.

first of all, we saw birds. they were lovely. then we moved to towards the cage of the monkeys. the jumped and shook the cages.

now we went to another section. there were big animals. there were many kinds of them. they had been bought from all parts of the world.

we saw tigers, lions, and bears. they looked horrible. a lion gave a loud roar. all the people were frightened.

in the end, we went to see the elephants. many children enjoyed rides of them.

we were now very tired. we returned on the way back. we also saw kangaroos. we got into a bus and come back home. we had a good time (or thus I spent my last Sunday)

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (Zoo Essay in Hindi)

लम्बें समय से मुझे चिड़ियाघर की सैर करने का मन कर रहा था. आखिर पिछले रविवार को मै अपने पिताजी के साथ चिड़ियाघर की यात्रा पर गया. वहां टिकट बुकिंग खिड़की पर बहुत भीड़ थी. मैंने दो टिकट खरीदी एवं हम अंदर चले गये.

सर्वप्रथम हम पक्षियों के पिंजरे की तरफ गये. वहां बहुत सुंदर सुंदर पक्षी थी. दूसरी तरफ कुछ बन्दर एक पिंजरे में उछल कूद कर रहे थे. हमने काफी समय उन बंदरों की उछल कूद देखने में बिताया.

अब हम चिड़ियाघर के अगले भाग में पहुच गये. यहाँ पर दुनिया के विभिन्न भागों से लाए गये तरह तरह के जानवर थे. जिनमें बाघ, शेर व भालू आदि थे. तभी शेर ने जोर से दहाड़ मारी, कि सभी लोग अचानक डर गयें.

आखिरी वक्त में हमने हाथियों को देखा. कुछ बच्चों ने इन पर सवारी करने का लुफ्त भी उठाया. काफी समय बिताने के साथ ही हम कुछ थक चुके थे.

आखिर में हमनें कंगारू को देखा और बस पकड़कर घर की तरफ चल दिए. इस तरह पिछला रविवार मेरे लिए काफी अच्छा रहा, जिसमें मैंने मेरे शहर के चिड़ियाघर की सैर की.

चिड़ियाघर पर निबंध | Essay on Zoo in Hindi

मनुष्य द्वारा पशु पक्षियों के लिए निर्मित कृत्रिम आवास को चिड़ियाघर कहा जाता हैं. चिड़ियाघर बनाने का उद्देश्य मनोरंजन के अतिरिक्त पशु पक्षियों का संरक्षण एवं कृत्रिम प्रजनन द्वारा उनकी संख्या में वृद्धि करना भी होता हैं.

चिड़ियाघर की सैर से न केवल मनोरंजन होता हैं, बल्कि विभिन्न प्रकार के पशु पक्षियों के बारे में करीब से जानने का मौका मिलता हैं. यह ऐसी जानकारी है, जिसे किताबों के माध्यम से प्रदान नहीं किया जा सकता. इसलिए स्कूल के बच्चों को विशेष तौर पर चिड़ियाघर की सैर पर ले जाया जाता हैं.

खैर, जीवन में सैर का जो आनन्द हैं, वह शायद ही किसी अन्य कार्य में मिले. सैर के लिए कुछ लोग अपनी ऐतिहासिक स्थान का चयन करते हैं. तो कुछ लोगों को आधुनिक महानगरों की सैर करने में आनन्द आता हैं मुझे चिड़ियाघर की सैर करना अच्छा लगता हैं.

मैं पिछले वर्ष मार्च के महीने में दिल्ली के चिड़ियाघर की सैर करने गया था. वैसे तो इसका नाम नेशनल जुलोजिकल पार्क ऑफ़ इंडिया है, किन्त यह दिल्ली चिड़ियाघर के नाम से प्रसिद्ध हैं. यह दिल्ली के पुराना किला के दक्षिणी छोर पर स्थित हैं. एवं भारत के कुछ बड़े चिड़ियाघरों में से एक हैं.

इसमें पशु पक्षियों एवं सरीस्रपों की एक हजार से अधिक प्रजातियों को उनके कृत्रिम आवास में रखा गया हैं. मैं अपने मित्रों के साथ चिड़ियाघर की सैर पर गया था. सुबह के समय सैर करने का एक अलग ही आनन्द होता हैं तथा दोपहर के बाद चिड़िया घर के सभी प्राणियों को देखना संभव नहीं हो पाता हैं.

इसलिए मैं करीब सुबह नौ बजे ही चिड़ियाघर पहुँच गया था. हम सबने प्रवेश टिकट लेने के बाद चिड़ियाघर में प्रवेश किया. इस चिड़ियाघर के प्रवेशद्वार के पास ही एक खूबसूरत उद्यान हैं. सबसे पहले हम उसी उद्यान में गये, चूँकि चिड़ियाघर के भीतर पीने के पानी को छोड़कर कोई अन्य खाद्य पदार्थ ले जाना मना था.

इसलिए हम लोग उस उद्यान के पास स्थित फ़ूड पार्लर में नाश्ता करने के लिए गये. नाश्ता करने के बाद हम लोग थोड़ी देर तक उद्यान में बनी कुर्सियों पर बैठे. रवि अपने साथ कैमरा भी लेकर आया था. उसने उसी समय फोटोग्राफी करना शुरू कर दिया.

अपने छोटे से फोटो सेशन के समाप्त होने के बाद हम सभी चिड़ियाघर के विभिन्न प्राणियों को देखने के लिए चल दिए. सबसे पहले हम बाघ को देखने पहुंचे.

बाघ अपने लिए निर्मित कृत्रिम आवास में मस्त होकर आराम कर रहा था. उसके बाहर चारों ओर लोहे की बड़ी जाली बनी हुई थी, ताकि वह बाहर न आ सके. बच्चे उसे देखकर खूब खुश हो रहे थे.

बाघ के पिजरे से थोड़ी ही दूर पर बंदरों का आवास हैं. बंदरों की शरारत पिंजरे के भीतर भी कम नहीं थी. बाहर से लोग उन्हें केले एवं अन्य खाद्य पदार्थ दे रहे थे.

बंदरों की सभी प्रजातियों को एक के बाद एक क्रमिक रूप से बने पिंजरों में रखा गया था. वन मानुष, लंगूर एवं गोरिल्ला सभी के लिए अलग अलग पिंजरें बने थे.

बंदरों को देखने के बाद हम हिरणों के आवास के पास पहुंचे. लगभग छः फुट ऊँचे बाड़े के भीतर उनके रहने की व्यवस्था की गयी थी. उन्मुक्त विचरण के ध्येय से उनके लिए एक बड़ा मैदान बनाया गया था. मैदान के बीच में कई प्रकार के छायादार वृक्ष लगे हुए थे.

उन पेड़ों के नीचे हिरण दोपहर में आराम करते नजर आते हैं. हिरणों के बाड़े से कुछ दूर जाने पर हमें चिड़ियों की चहचाहट सुनाई पड़ी. हम लोग उस ओर बढ़ गये. देखा कई बड़े बड़े पिंजरों के भीतर रंग बिरंगी चिड़ियाँ इस तरह जोर जोर से चहचहा रही थी, मानों आपस में बातें कर रही हो.

हर पिंजरे के बाहर भीतर रखे पक्षी के विवरण के रूप में पक्षी का नाम, उसका वैज्ञानिक नाम एवं उसकी प्रजाति के बारे में लिखा था. राकेश अपने साथ एक नोटबुक ले गया था.

जन्तु विज्ञान का छात्र होने के कारण उसे पक्षियों से बहुत लगाव हैं. हम पक्षियों के इन विवरणों को अपनी नोटबुक में लिखता जा रहा था.

रवि हर कोण से सभी पक्षियों के फोटो लेने में व्यस्त था. मेरी नजर इन पक्षियों के एक एक क्रियाकलाप पर थी. मैं ये देख रहा था कि ये कैसे उड़ते हैं और इनकी क्या विशेषता हैं.

इस चिड़ियाघर में सरीसृप प्राणियों के लिए भी एक विशेष प्रकार का कृत्रिम आवास बनाया गया हैं. घड़ियाल एवं मगरमच्छों के लिए ऐसे जलाशय बनाए गये हैं. जिनके माध्यम से सैलानियों को भी उनका दर्शन सुलभ होता हैं.

यहाँ साँपों की लगभग पचास प्रजातियों को रखा गया है. इन साँपों के आवास को एक ओर से शीशे से ढका गया हैं. जिनके माध्यम से दर्शक उन्हें देखते हैं.

नाग, अजगर, करैत इत्यादि के अतिरिक्त कुछ विदेशी साँपों को भी यहाँ प्रदर्शन के लिए रखा गया हैं. इनके लिए विशेष प्रकार की व्यवस्था भी की गई हैं. साँपों को इतने नजदीक से देखना वास्तव में बहुत रोमांचक था.

सांपो को देखने के बाद हम सफेद बाघ को देखने को पहुचे. सफेद बाघ को मैंने पहली बार यहाँ देखा था. दुनियां में बाघों की संख्या काफी कम हैं. विश्वभर में सफेद बाघों की कुल संख्या मुश्किल से बीस या पच्चीस के आस पास ही होगी.

बाघ के आवास के पास ही तेंदुएं का भी आवास हैं. हम जिस समय वहां थे, उस समय तेंदुआ अपने एक साथी के साथ पेड़ पर बैठा हुआ था. रवि के लिए यह अच्छा मौका था. उसने अपना कैमरा निकाला और विभिन्न कोणों से तेंदुए के फोटो खीचना शुरू कर दिया.

अब तक हम लोग काफी थक चुके थे. इसलिए हम लोग पास ही बने एक उद्यान में एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गये. वहीँ पर एक छोटा सा रेस्तरा बना था.

मैं चिप्स एवं कुछ अन्य खाद्य पदार्थ वहां से ले आया. खाने के बाद हमने फलों का जूस पिया. थोड़ी देर में ही हमारी थकान दूर हो गई और फिर हम सैर को निकल पड़े.

हमने अभी तक जिराफ, भालू, हाथी, लकडबग्घा एवं गैंडे जैसे जानवरों को नहीं देखा था. हम उनकी खोज में आगे निकल पड़े. सबसे पहले हमें भालुओं का एक झुण्ड दिखाई पड़ा. उसके बाद थोड़ा आगे बढ़ने पर हमें जिराफ के भी दर्शन हो गये.

चिड़ियाघर के ही एक कर्मचारी ने बताया कि गैंडे का जलाशय घड़ियाल के जलाशय से ही नजदीक हैं. हम घड़ियाल को देख चुके थे. हम उसके जलाशय की ओर बढ़ गये.

गैंडे अपने बच्चों के साथ कीचड़ में अठखेलियाँ करने में व्यस्त थे. गैंडों को देखने के बाद हम चिड़ियाघर के अन्य प्राणियों को देखने पहुंचे.

दिनभर चिड़ियाघर की सैर करने के बाद शाम को हम लोग घर के लिए चल पड़े. चिड़ियाघर की मेरी यह सैर कई अर्थों में मेरे लिए रोमांचक एवं अविस्मरणीय साबित हुई.

आज भी जब मैं चिड़ियाघर में रवि द्वारा खीची गई, तस्वीरों को देखता हूँ तो लगता हैं जैसे वह कल की ही बात हो. इस सैर में हम सभी को खूब आनन्द आया.

  • गांव की यात्रा पर निबंध
  • पहाड़ी स्थल की यात्रा
  • मेरा बगीचा पर निबंध
  • ऐतिहासिक स्थल की सैर पर निबंध

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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Visit to A Zoo in Hindi

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Visit to A Zoo in Hindi

इस लेख में आप चिड़ियाघर की सैर पर निबंध हिंदी में (Essay on Visit of The Zoo in Hindi) पढेंगे। जिसमें चिड़ियाघर क्या है? मेरी पहली सैर, विविध जानवर और पक्षी, अनुभव और 10 वाक्यों को आकर्षक रूप से शामिल किया गया है। 

Table of Contents

प्रस्तावना (चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Visit to A Zoo in Hindi)

दुनिया में जीव-जंतुओं की करोड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं। यह प्रजातियां दुनिया भर के विभिन्न जंगलों में फैली हुई हैं।

वर्तमान समय में वन्यजीवों पर होने वाले अत्याचार के कारण उनके लिए सुरक्षित उद्यान और राष्ट्रीय उद्यान का निर्माण किया गया है। विभिन्न प्रकार के उद्यानों में पशु पक्षियों को उचित और अनुकूल वातावरण में इनकी रक्षा की जाती है।

चिड़ियाघर अथवा प्राणी उपवन में पशु-पक्षियों को बड़ी संख्या में संग्रहित किया जाता है। चिड़ियाघर में वन्यजीवों को जंगल की तरह ही अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाता है जहां वे बिना किसी भय के रहते हैं।

चिड़ियाघर के वन्य प्राणियों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यह बच्चों के मनोरंजन के लिए उत्तम स्थान होता है।

यह  नाना प्रकार के पशु पक्षियों से भरा होता है। यह न केवल बच्चों के मनोरंजन अपितु विद्यार्थियों के लिए  महत्वपूर्ण स्थान होता जहां से वे विभिन्न प्रकार की जानकारियां इकट्ठी कर सकते हैं।

वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए चिड़ियाघर का निर्माण किया जाता है ताकि पशु पक्षियों की लुप्त होती प्रजातियों का संरक्षण किया जा सके।

चिड़ियाघर क्या है? What is Zoo in Hindi?

वन्यजीवों  के संरक्षण के लिए जहाँ उन्हें रखा जाता है तथा आम लोगों के लिए खुला होता है, उसे चिड़िया घर कहा जाता है। दूसरे शब्दों में इसे वन्य जीव उद्यान भी कहा जाता है।

आधुनिकरण के कारण ऐसी कई वन्यजीवों की प्रजातियां विलुप्त होती जा रही है जिनका होना आवश्यक है। इसीलिए ऐसे दुर्लभ जीव जंतु तथा पशु पक्षियों को चिड़ियाघर में रखा जाता है।

जंगल के जैसे ही वातावरण तथा खान-पान सभी वन्यजीवों को दिया जाता है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो।

चिड़ियाघर में प्रत्येक पशु पक्षियों को रखने का स्थान अलग अलग होता है। जीवो के स्वभाव और प्रकृति के समान ही उनकी रहने की व्यवस्था भी की जाती है।

यहां पर अलग-अलग आकार के वन्य जीवों का पालन किया जाता है जिन्हें देखने के लिए कई दर्शक आते हैं।

यहां पर कई ऐसे खूंखार पशु पक्षियों का भी पालन किया जाता है जो दर्शकों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं इसलिए उन्हें अलग तरह के पिंजरे अथवा गड्ढे में रखा जाता है।

चिड़ियाघर एक ज्ञानवर्धक सैर Visiting Zoo in Hindi

चिड़ियाघर को प्राणी उद्यान भी कहा जाता है। यह विशेषकर बच्चों के लिए यह मनोरंजन का स्थान होता है तथा बड़े लोग और विद्यार्थियों के लिए वन्यजीवों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का उत्तम स्थान होता है।

वन्यजीवों को उचित वातावरण देने के लिए यहां पूरी तरह से हरियाली होती है। चिड़ियाघर में प्रवेश करने के  बाद ऐसा लगता है कि हम किसी जंगल में आ गए हो।

यह स्थान अत्यंत ज्ञानवर्धक होता है जहां हम अपनी रोजमर्रा जिंदगी से अलग वन्यजीवों के रहन सहन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

चिड़ियाघर का निर्माण हमेशा ऐसे स्थान पर होता है जहां पूरी तरह से हरियाली हो। यहां वन्यजीवों के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता भी देखने को मिलती है।

सभी पशु पक्षियों को खुले मैदान में रखा जाता है तथा बाहर से मोटा पिंजरा बना दिया जाता है जिससे  वे बाहर न भाग जाएं तथा दर्शकों को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचा सके।

चिड़ियाघर में शेर, बाघ, हाथी , जेब्रा, जिराफ, नीलगाय, हिरण, गेंडा, रेगिस्तानी ऊंट, आदि जैसे कई जमीन पर रहने वाले पशुओं का संग्रह किया जाता है।

यहां बंदरों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें चिंपैंजी दर्शकों को सबसे अधिक मनोरंजीत करते हैं। इसके अलावा पक्षियों में छोटी तथा बड़े आकार के सभी पक्षियों का भी संग्रह किया जाता है।

विशेषकर मोर की अनेकों प्रकार की प्रजातियां यहां पाई जाती हैं जो दिखने में बहुत सुंदर होती हैं। मोर की सुंदरता के कारण ही इसे सभी लोग बहुत पसंद करते हैं।

यहां विदेशी जानवरों की प्रजातियां भी बड़ी संख्या में पाई जाती हैं, जो दर्शकों के मनोरंजन का केंद्र होती हैं।

चिड़ियाघर की मेरी पहली सैर My First Visit of the Zoo in Hindi

मैं पहली बार चिड़ियाघर अपने माता-पिता के साथ गया था। यहां जाने से पहले मैं वन्यजीवों की प्रजातियां को देखने के लिए बेहद उत्सुक था।

चिड़ियाघर में प्रवेश करने के लिए सबसे पहले एक टिकट कार्यभाग होता है, जहां हमने टिकट लिया था इसके बाद बेहद उत्सुकता से  हमने यहां पर प्रवेश किया।

यहां पर प्रवेश करने के बाद मैंने रंग-बिरंगे फूलों से भरे मैदानों को देखा जो बेहद आकर्षक था। थोड़ी दूर चलने के बाद हमने एक बड़े से पिंजरे को देखा जिसमें बहुत सारे रंग बिरंगे तोते , कबूतर, मैना, गौरैया आदि आपस में  क्रीड़ा कर रहे थे।

वहां पर मगरमच्छ से भरे तालाब को देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक इकट्ठे हुए थे। तालाब के आसपास मगरमच्छ के खाने के लिए कुछ मांस के टुकड़े फेंके गए थे।

शेर को  बहुत बड़े से मैदान में रखा गया था जो जमीन से लगभग कई मीटर नीचे बनाई गई थी। दर्शकों की सुरक्षा के लिए  मैदान के चारों ओर गहरी खाई बनाई गई थी। इस मैदान में दो से तीन शेर है जो आराम कर रहे थे।

खुले मैदान वाले पिंजरें में हिरण को रखा गया था जो उछल कूद करके आपस में ही खेल रहे थे। इसके थोड़ी दूर पर जेब्रा, नीलगाय, और कंगारू के लिए अलग से पिंजरे बनाए गए थे।

चिड़ियाघर में बंदरों को देख आनंद आया जहां काले लंगूर और चिंपैंजी को देखने के लिए कई लोग भीड़ लगाए खड़े थे।

मेरी पहली  चिड़ियाघर की सैर बेहद यादगार रही जहां मुझे मनोरंजन के साथ-साथ विभिन्न पशु पक्षियों के बारे में बहुत सारी जानकारी मिली।

चिड़ियाघर के जानवर और पक्षी Birds and Animals of the Zoo in Hindi

चिड़ियाघर में कई सारे पशु पक्षियों को रहने के लिए को अलग-अलग आकार के पिंजरे कि व्यवस्था की गई होती है। 

जहाँ सभी वन्यजीवों का अच्छी तरह से ख्याल रखा जाता है और खाने पीने के लिए उनकी प्रकृति अनुसार भोजन दिया जाता है।

यहां कई प्रकार के वन्यजीवों का पालन किया जाता है, जिन्हें देखने में मात्र एक दिन पर्याप्त नहीं होता है। क्योंकि इतने सारी जीवो को एक बार में देखा तो जा सकता है, पर मनोरंजन अधुरा रह जाता है, इसलिए यहां पर बार-बार आने की इच्छा होती है।

चिडियाघर की सैर का अनुभव Zoo Visit Experience in Hindi

चिड़ियाघर की सैर का मेरा अनुभव बहुत मजेदार रहा जहां मैंने वन्यजीवों के बारे में बहुत सारी बातें जानी।

यहां हमने सांपों के पिंजरे को भी देखा जहां अलग-अलग आकार और रंग के सांप है। यह सभी  सांप कांच के एक बड़े से पिंजरे में रखे गए थे जो बेहद डरावने दिख रहे थे।

मैं अपने साथ कुछ फ़ल भी लेकर गया था जिन्हें मैंने बंदरों को खिलाया। वैसे तो यहां पर किसी भी वन्यजीव को कुछ खिलाना मना होता है लेकिन बंदर अधिक आक्रामक नहीं होता है।

हमने  बड़े से पिंजरे में  जंगल के राजा शेर को देखा जो दिखने में बहुत विशाल था तथा उसके पीठ पर बहुत सारे बाल लहरा रहे थे। मैंने पहली बार अपने जीवन में शेर को देखा था  इसलिए यह पल मेरे लिए बहुत याद कर रहा है।

चिड़ियाघर में घूम घूम कर हमने बहुत सारे पशु पक्षियों को दिखा जिसके बाद हमने एक छायादार पेड़ के नीचे बैठकर कुछ आराम करने के बाद फिर से एक मजेदार सैर पर  निकल पड़े।

चिड़ियाघर की सैर पर 10 लाइन Best 10 Lines on the Zoo Visit in Hindi

  • दुनिया भर में हज़ारों अग्रणी पशु संग्रहालय हैं जिनमे हर रोज हजारों लोग जाते हैं।
  • प्राचीन समय से ही जीवित पशु पक्षियों के संग्रह को रखने की परिपाटी चली आ रही है।
  • अरिनगर अन्ना जूलॉजिकल पार्क भारत के दक्षिण में चेन्नई शहर में स्थित सबसे बड़ा चिड़ियाघर है।
  • चिड़ियाघर में वन्यजीवों के चिकित्सा के लिए विभिन्न प्रबंध किये गए हैं।
  • चिड़िया घर में विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी और जीव-जंतुओं की प्रजातियां का संरक्षण किया जाता  है।
  • चिड़ियाघर में किसी भी पशु पक्षी को कुछ भी खिलाना सख्त मना होता है।
  • शेर के लिए चिड़ियाघर में एक अलग तरह का पिंजरा बनाया जाता है जो जमीन से कुछ गहराई पर होता है।
  • बच्चों के लिए यह मनोरंजन का स्थान होता है और विद्यार्थी के लिए चिड़ियाघर वन्यजीवों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्थान होता है।
  • चिड़ियाघर में दर्शकों को मार्गदर्शन देने के लिए  गाइड भी उपस्थित रहते हैं।
  • विलुप्त होते वन्यजीवों को सुरक्षित रखने के लिए चिड़ियाघर की स्थापना की जाती है। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (Essay on Visit of the Zoo in Hindi) पढ़ा। आशा है यह निबंध आपको अच्छा लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay About Zoo Park Visit in Hindi

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay about Zoo Park Visit in Hindi

इस लेख में आप चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay about zoo park visit in hindi हिन्दी में पढ़ेंगे। चिड़ियाघर एक ऐसी जगह है, जहाँ बच्चे बड़े सब जाकर विभिन्न अनमोल पशु पक्षियों को देख सकते है और उन्हें उनके बारे में नई-नई जानकारी दे सकते है।

आधुनिक चिड़ियाघर न केवल लोगों के मनोरंजन के लिए, बल्कि शिक्षा , शोध और जानवरों के संरक्षण के लिये भी होते हैं। आज इस लेख में हमने अपने चिडियाघर गुमने के अनुभव को एक निबंध के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत किया है।

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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay about Zoo Park Visit in Hindi

कई चिड़ियाघर ऐसे केंद्र हैं, जहां दुर्लभ जानवरों को बचाया जाता है , जब वे मरने के खतरे में होते हैं। ये आधुनिक चिड़ियाघर जानवरों को एक प्राकृतिक जीवन देना चाहते हैं , ताकि वे स्वस्थ और सामान्य व्यवहार करें। यह जानवरों के लिए बनाये जाते है , और यहाँ आकर लोग जानवरों को देख भी सकते हैं कि वे प्रकृति में किस तरह से रहते है।

चिड़ियाघर हमेशा खुली जगह में बनाये जाते है। चिड़ियाघर में जाने के लिये हमें सर्वप्रथम एक टिकट लेना होता है, इसके बाद ही हम अंदर प्रवेश कर सकते है। अंदर हमें भरपूर प्राकृतिक वातावरण देखने को मिलता है, वहां हमें कुछ इस तरह प्रतीत होता है जैसे हम किसी जंगल में आ गये हो।

चिड़िया घर में जीव जंतुओं के साथ-साथ प्रकृति की सुंदरता भी देखने को मिलती है। प्रत्येक जानवर और पक्षी के रहने के लिए यहाँ एक ख़ास अलग जगह होती है। जिससे वहां आने बाले लोग इन्हें आसानी से देख सकते हैं और उनके विषय में जान सकते हैं।

चिड़ियाघर में अंदर हमने सबसे पहले एक तालाब देखा जिसमें कई मगरमच्छ थे कुछ पानी में तैर रहे थे, तो कुछ आसपास पड़ी मिट्टी में लेटे हुए थे। उनको देखने के लिए ऊंचाई पर व्यवस्था की गई थी ताकि ये लोगों को नुकसान न पहुंचा सके।

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay about Zoo Park Visit in Hindi - Chidiya Ghar Ki Sair Essay for Kids

पास ही कुछ दूरी पर कई बड़े-बड़े पिंजरे थे जहाँ कई अलग-अलग पक्षियों की प्रजातियाँ थी। जैसे अलग-अलग रंग के तोते, मैना, पंखों को फैलाते हुए नाचती मोर, चहचहाती गौरया, गुंटरगूं करते हुए कबूतर और अन्य रंगबिरंगी छोटी बड़ी चिड़ियां थी।

उल्लू की प्रजातियों को एक अँधेरी गुफा में रखा गया था क्योंकि उन्हें अँधेरा पसंद होता है और वे अँधेरे में ही अच्छी तरह देख पाते है। आगे एक पुल बना हुआ था जिसके नीचे पानी में हंस और बतख मस्ती में तैर रहे थे।

बाघ को भी एक बड़े बाड़े में रखा गया था उस जगह के बाहर लोहे का जाली बनाया गया था ताकि लोग सुरक्षा पूर्वक उनकी सारी क्रियाये देख सके। बाघ पीले और सफ़ेद दोनों रंग के वहां हमें देखने को मिले। वे देखने में बहुत खूबसूरत लग रहे थे।

मैदान में हमने जंगली बिल्ली, नील गाय, ज़ेबरा, हिरन भी देखा, ये सब देखकर हम सब बहुत उत्साहित और खुश थे । कही-कही पर बड़े-बड़े डायनासोर बने थे जिसके पास लोग जाकर अपने बच्चों के साथ उनकी तस्वीर और सेल्फी ले रहे थे।

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay about Zoo Park Visit in Hindi - Chidiya Ghar Ki Sair Essay for Kids

इसके बाद हमने साँपों की एक बड़ी संख्या को देखा जो विभिन्न आकार और रंगों के थे। वे कांच के पिंजरों में रखे गए थे और वे बहुत डरावने लग रहे थे। हमने कुछ पानी के सांपों को भी देखा और वहां के एक गाइड ने बताया था कि कुछ सांप बेहद जहरीले है।

मैंने कुछ हरे रंग के साँप को देखा जो एक हरी पौधे की झाड़ियों की तरह दिखते रहे थे। वहां हमने अजगर को पहली बार देखा। ये बहुत ही काले और मोटे थे और देखने में बहुत डरावने थे।

बंदरों के लिए रहने का स्थान कई सारे पेड़ थे जो एक बड़ी जगह में फैले थे और चारों तरफ से ये पेड़ बंद थे ताकि बंदर भाग ना जाये या लोगों को हानि ना पहुंचाएं। इनमें छोटे बड़े बंदरों के साथ कुछ लाल मुँह के बंदर थे तो कुछ काले मुँह के थे तो कुछ अपने बच्चों को लेकर इधर-उधर भाग रहे थे। वे नई-नई कलाबाजियां करते हुए उछल कूंद कर रहे थे।

जंगल का राजा शेर को देखा जो कि भूरे रंग का था। शेर को एक ऐसी जगह रखा गया था जहाँ उसके चारों ओर कुछ गहराई थी। वह हमें दूर सूरज की रोशनी में बैठे बड़ा ही उग्र दिखाई पड़ रहा था। वह बहुत विशालकाय था और उसकी गर्दन पर बड़े-बड़े बाल थे।

White Tiger / सफ़ेद बाघ, चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay about Zoo Park Visit in Hindi - Chidiya Ghar Ki Sair Essay for Kids

उसकी बड़ी बड़ी आँखों में एक अजीव सी चमक थी। वहां स्थित सभी लोग उसकी एक दहाड़ सुनने के लिए बेचेन थे। उसके आसपास खाने के लिए मांस के कुछ टुकड़े डाले हुए थे। मछलीयों के लिए वहां एक मछलीघर था, जिसमें अनेको रंग की छोटी बड़ी मछलियाँ थी । ये मछलियाँ बड़ी सुन्दर दिखाई दे रही थी।

फिर हम बड़े बाड़े के पीछे एक गेंडा देखा वह विशाल ताक़तवर लग रहा था जिसकी मोटी त्वचा थी और ये बहुत भारी था। हमने एक जगह जिराफ , ज़ेबरा , कंगारू , शुतुरमुर्ग और हाथियों को भी देखा।

रेतीले मैदान में कई ऊंट भी दिखाई पड़े। पूरे चिड़ियाघर में घूमने के लिये एक छोटी ट्रेन की व्यवस्था की गई थी, जिसपर बैठकर कई लोग चिड़ियाघर के जानवरों को देखने का मज़ा ले रहे थे, तो कुछ लोग पैदल चलकर वहां घूम रहे थे।

थोड़ी-थोड़ी दूरी पर हर जगह पानी पीने का इंतजाम था तथा बैठने के लिए व्यवस्था थी और कुछ खाने पीने के लिए केनटीन भी थी इसके अलावा कचरा फेंकने के लिए कूड़ेदान भी रखे गये थे। हर जगह पर जाने के रस्ते के संकेत बने हुए थे। 

चिडिया घर घूमने का हमारा अनुभव बहुत ही सुन्दर रहा और हमें और बच्चों को बहुत मज़ा। चिड़ियाघर हम सभी को जीवन में एक ना एक बार ज़रूर घुमने जाना चाहिए क्योंकि इससे हमें जानवरों के जीवन के विषय में करीब से जानने का मौका मिलता है और बच्चों को भी कुछ नया सिखने-देखने को मिलता है।

आशा करते हैं आपको चिडियाघर पर निबंध अच्छा लगा होगा। अगर आप भी कभी चिडियाघर घुमने गए हैं तो अपना अनुभव कमेंट के माध्यम से हमें ज़रूर बताएं।

चिड़ियाघर के बारे में पांच वाक्य 5 Lines on Zoo in Hindi

  • चिड़िया घर बच्चों को घूमने का बहुत मन करता है।
  • बच्चों और बड़ों सबको चिड़िया की सैर करने से जानवरों के विषय में ज्ञान मिलता है।
  • चिड़िया घर पर कई प्रकार के जीव-जन्तु तथा पशु-पक्षियों को देखने का मौका मिलता है।
  • साल मे एक बार समय निकाल कर चिड़िया घर की सिर करने जरूर जाना चाहिए।
  • चिड़िया घर में कुछ ऐसे जानवर भी होते हैं जो बहुत ही दुर्लभ जानवर होते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

चिड़िया घर की सिर करने का एक अलग ही सुंदर अनुभव होता है। बच्चों और बड़ों सबको चिड़िया घर जीवन में एक बार तो जरूर घूमने जाना चाहिए।

आशा करते हैं आपको चिड़ियाघर पर निबंध (Essay About Zoo Park Visit in Hindi) अच्छा लगा होगा।

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Hindi Essay On Zoo | चिड़ियाघर पर निबंध

Hindi Essay On Zoo : पशु और पक्षियों को जानने के लिए बच्चों में हमेशा कौतूहलता बनी रहती है। यही कारण है कि वे चिड़ियाघर जाने को लेकर काफी उत्सुक रहते हैं। वे यहां पर कई तरह के जानवरों और पक्षियों से मिलते हैं और उनकी हरकतों पर खूब खुश होते हैं। दरअसल, इन जानवरों को लेकर उनके मन में कई तरह के सवाल होते हैं और यह चिड़ियाघर उनके सवालों का जवाब देता है।

Hindi Essay On Zoo

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चिड़ियाघर पर निबंध (Hindi Essay On Zoo)

चिड़ियाघर वह जगह है, जहां जीवित पशु पक्षियों को बहुत बड़ी संख्या में संग्रहित कर रखा जाता है। लोग इन संग्रहित पशु-पक्षियों को सुविधा और सुरक्षापूर्वक देखभाल करते हैं। यहां पर उनके प्रजनन और चिकित्सा आदि की भी व्यवस्था होती है। चिड़ियाघर का उद्देश्य यह होता है कि सभी जानवरों को उनको प्राकृतिक आवास मिल सके और मनुष्य भी उससे जुड़ सके। चिड़ियाघर में कई लुप्त जानवरों को संरक्षित कर रखा भी जाता है।

चिड़ियाघर का इतिहास

चीन के चाऊ वंश के प्रथम शासक के पास पशु-पक्षियों का संग्रहालय था। ईसा के 2000 वर्ष पूर्व के मिस्रवासियों की कब्रों के आसपास पशुओं की हड्डियां पाई गई है, जिससे पता लगता है कि वे लोग मनोरंजन के लिए अपने आसपास पशुओं को रखा करते थे। रोमन लोग भी पशुओं को पकड़कर अपने पास रखते थे। प्राचीन रोमनों और यूनानियों के पास ऐसे संग्रह थे, जिनमें सिंह, बाघ, चीता, तेंदुए आदि रहते थे। आज भी संसार के प्रत्येक देश में बड़े शहरों में बड़े-बड़े चिड़ियाघर मौजूद है।

चिड़ियाघर का उद्देश्य

आज के समय चिड़ियाघर के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं- मनुष्य का मनोरंजन करना, पशु पक्षियों के आचरण, व्यवहार, चालढाल, प्रकृति आदि का अध्ययन करना और उनपर कुछ ऐसे प्रयोग करना जिनसे प्राप्त ज्ञान को मानव हित में प्रयुक्त किया जा सके। अंतिम उद्देश्य की पूर्ति के कारण ही हम अनेक नई-नई ओषधियों के आविष्कार करने में समर्थ हुए हैं। इन ओषधियों से अनेक असाध्य रोगों की चिकित्सा आज सफलता से की जा रही है। कुछ पशुओं की शारीरिक क्रिया मनुष्य से बहुत मिलती जुलती है। इस कारण नए औषधियों का पशुओं पर जो प्रभाव होता है, उसी प्रकार का प्रभाव मानव शरीर पर भी होता है।

यह भी पढ़ें: मछली पर निबंध

देश के प्रमुख चिड़ियाघर

  • दिल्ली का चिड़ियाघर: दिल्ली का चिड़ियाघर सबसे दिलचस्प पर्यटन स्थलों में से एक है। इस चिड़ियाघर को 1959 में बनाया गया था। यह एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों की सूची में भी शामिल है। यह चिड़ियाघर दिल्ली के पुराने किले के पास स्थित हैं। यह चिड़ियाघर दुनियाभर के करीब 1,350 पशुओं और 130 पक्षियों की प्रजातियों को आश्रय प्रदान करता है।
  • कोलकाता का चिड़ियाघर: अलीपुर जू जिसे कलकत्ता चिड़ियाघर या अलीपुर का प्राणी उद्यान भी कहा जाता है, भारत में स्थापित सबसे पुराना चिड़ियाघर है और कोलकाता का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है । 46.5 एकड़ के क्षेत्र में फैला, चिड़ियाघर 1876 से संचालित हो रहा है जो बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। इसमें रॉयल बंगाल टाइगर, हाथी, वन-सींग वाले गैंडे, व्हाइट टाइगर, ज़ेबरा, मृग, हिरण जैसे प्राणियों का घर है।
  • चेन्नई का चिड़ियाघर: चेन्नई में स्थित अरिनगर अन्ना जुलॉजिकल पार्क भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह देश का सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध चिड़ियाघर है और इसे देश का पहला पब्लिक जू भी कहा जाता है। इस चिड़ियाघर को पहले मद्रास जू के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर तमिल नेता अरिनगर अन्ना के नाम पर कर दिया गया।
  • हैदराबाद का चिड़ियाघर: हैदराबाद का चिड़ियाघर 380 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 1963 में हुई थी। इसे नेहरू जियोलॉजिकल पार्क कहा जाता है। यहाँ बहुत सारे पशु पक्षियों की भरमार है। इस चिड़ियाघर में एक बड़ी झील भी है जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। यहाँ आप खुद की गाड़ी में घूमने का भी लुत्फ उठा सकते हैं। कहा जाता हैं कि यह चिड़ियाघर निशाचर जानवर जैसे फ्रूट बैट्स, वुड उल्लू, ग्रेट हॉर्न्ड उल्लू का घर है।
  • असम का चिड़ियाघर: असम के गुवाहाटी में स्थित यह चिड़ियाघर पूर्व भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर हैं जो कि 432 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। इसकी स्थापना 1957 में हुई थी। यहाँ पर बंगाल टाइगर, एशियाटिक लायन, हिमालनीय काला भालू, भारतीय गैंडे के अलावा कई अन्य देशी और विदेशी पशु और पक्षी हैं। इस चिड़ियाघर में पिग्मी हॉग का संरक्षण भी किया जा रहा है।

इसके अलावा कई शहरों में कई तरह के चिड़ियाघर हैं, जहां आप घूम सकते हैं और पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं।

चिड़ियाघर के फायदे

अक्सर किसी भी जानवर जैसे-बंगाल टाइगर, शेर, भालू या फिर किसी विलुप्त पशु-पक्षी को देखना होता है तो नेशनल पार्क की तरफ जाते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि ये जानवर सिर्फ नेशनल पार्क में ही देखने को मिलेंगे। भारत में आज हजारों चिड़ियाघर या फिर जूलॉजिकल पार्क मौजूद हैं जहां इन्हें आसानी से देखा जा सकता है। इसके अलावा चिड़ियाघर में परिवार के साथ पिकनिक मनाने भी जाया जा सकता है। इससे हमें काफी सुकून मिलता है। ऐसा महसूस होता है कि हम प्रकृति की गोद में खुद को पा रहे हैं। इससे हमें मानसिक शांति और सुकून भी मिलता है।

चिड़ियाघर के नुकसान

चिड़ियाघर जहां मनोरंजन के लिए एक बेहतरीन जगह है, वहीं यह बहुत शोषणकारी भी है। यह गरीब जानवरों का फायदा उठाकर उनसे लाभ कमाता है। चिड़ियाघरों में जानवरों को बहुत बुरी स्थिति में रखा जाता है। यह सिर्फ राजस्व पैदा करने के लिए अनैतिक तरीके अपनाता है। कई बार उन्हें अनुकूल जगह नहीं मिलने के कारण उनकी मौत हो जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चिड़ियाघर विदेशी जानवरों की उचित देखभाल नहीं करते हैं।

अंततः हम कह सकेत हैं कि चिड़ियाघर एक हद तक इंसानों और जानवरों के लिए बहुत मददगार है। हालांकि पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि जानवर वहां पर सुरक्षित हैं और उनकी लगातार निगरानी की जा रही है। जानवरों की और अधिक हानि को रोकने के लिए अनैतिक चिड़ियाघरों को तुरंत बंद कर देना चाहिए। सरकार को इस दिशा में हमेशा ध्यान देना चाहिए। इससे हम इंसान भी चिड़ियाघर से लाभ उठा सकेंगे और उन निरीह प्राणियों को भी कोई नुकसान नहीं होगा।

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Home » Essay Hindi » चिड़ियाघर पर निबंध लेखन | Long Essay On Zoo In Hindi

चिड़ियाघर पर निबंध लेखन | Long Essay On Zoo In Hindi

चिड़ियाघर वह स्थान है जहां पर तरह तरह के जीव जंतुओं, पक्षियों को रखा जाता है। Long Essay On Zoo In Hindi पोस्ट में चिड़ियाघर पर निबंध लेखन का प्रयास है। लोग सैर सपाटे और मनोरंजन के लिये चिड़ियाघर देखने जाते है। खासकर बच्चों के लिए तो यह मौज मस्ती के साथ ज्ञानवर्धक भी है।

शेर, जिराफ, बन्दर, भालू जैसे जानवरों के अलावा दुनियाभर के पक्षी भी चिड़ियाघर में पाए जाते है। एक ही स्थान पर सभी तरह के जानवरों को देखने का अलग ही आनन्द है। तो आइए मित्रों, चिड़ियाघर पर निबंध लेखन ( Zoo Essay In Hindi ) का प्रयास करते है।

चिड़ियाघर पर निबंध लेखन Essay On Zoo In Hindi Language

गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को चिड़ियाघर की सैर पर ले जाना एक अच्छा विचार है। इससे उनमें प्रकृति और पशु प्रेम पैदा होता है। बच्चों को जानवरों के बारे में सीखने को मिलता है। आजकल के बच्चें यूट्यूब पर जीव जंतुओं को देख लेते है। चिड़ियाघर में जानवरों को प्रैक्टिकली देखना ज्यादा उपयोगी है। Essay On Zoo In Hindi ज़ू की जानकारी दी गई है। चिड़ियाघर में जंगल जैसा अनुभव होता है। हर तरफ पेड़ पौधे और जंगली जानवर मिलते है।

चिड़ियाघर में प्रत्येक जानवर के लिए रहने और खाने की समुचित व्यवस्था होती है। वहा पर जानवरों की देखभाल के लिए स्टाफ रहता है। हर एक जानवर को उसकी पसंद का खाना दिया जाता है। जैसे कि शेर को मांस और बन्दर को केला!

जानवरों को चिड़ियाघर में प्राकृतिक आवास दिया जाता है जिससे उन्हें घर जैसा अनुभव रहता है। शेर, चीता के लिए मांद या गुफा की व्यवस्था रहती है। पेड़ पौधे भी भरपूर होते है जिनपर चिड़ियाओं का वास होता है। कई जानवरों के लिए पिंजरे की भी व्यवस्था रहती है। शेर जैसे जानवरों के लिए मजबूत लोहे की सलाखों का ऊंचा बाड़ा होता है। प्रत्येक जीव के आवास के बाहर एक पट्टिका होती है जिस पर जीव का नाम लिखा रहता है।

चिड़ियाघर में तालाब भी होते है जिनमें दरियाई घोड़ा, मगरमच्छ जैसे जानवर भी होते है। छोटे तालाबों में सारस, बत्तख, मछली इत्यादि जीव रहते है। आपकी जानकारी के लिए बता देते है कि चिड़ियाघर में जानवरों की सेहत का ध्यान रखने के लिए डॉक्टर्स की टीम भी होती है। समय समय पर जानवरों का मेडीकल टेस्ट किया जाता है।

चिड़ियाघर क्या है? What Is Zoo In Hindi

सबसे पहला प्रश्न ही यह है कि चिड़ियाघर क्या होता है ( Essay On Zoo In Hindi )? चिड़ियाघर को परिभाषित किया जा सकता है एक स्थान के रूप में जिसमें जानवरों को पब्लिक शो के लिए रखा जाता है। नाम से तो यह चिड़िया का घर प्रतीत होता है लेकिन यहां पर कई सारे जानवर भी मिलते है। इसे प्राणी उद्यान कहना ज्यादा उचित होगा।

चिड़ियाघर देखने के लिए क्या करे?

दोस्तों, फ्री में चिड़ियाघर नही देखा जा सकता है। इसे देखने के लिए टिकट की आवश्यकता रहती है। चिड़ियाघर एक निश्चित टाइमिंग पर ओपन होता है। उसी समय इसे देखने की अनुमति रहती है।

चिड़ियाघर कहां है? Where Is Zoo In India

यह भी एक अच्छा प्रश्न है कि चिड़ियाघर कहा है? दोस्तों अगर आप गांव या छोटे शहर में रहते है तो आपको पता ही होगा कि वहां पर चिड़ियाघर नही है। ज्यादातर चिड़ियाघर केवल बड़े शहरों में ही होते है।

भारत के प्रसिद्ध चिड़ियाघर के नाम

  • नेशनल चिड़ियाघर पार्क, न्यू दिल्ली
  • नन्दनकानन चिड़ियाघर पार्क, भुवनेश्वर (उड़ीसा)
  • अलीपुर चिड़ियाघर पार्क, कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
  • गुलाब बाग और चिड़ियाघर, उदयपुर (राजस्थान)
  • भिवानी चिड़ियाघर, भिवानी (हरियाणा)
  • जयपुर चिड़ियाघर, राजस्थान
  • राजीव गांधी चिड़ियाघर पार्क, पुणे (महाराष्ट्र)

इनके अलावा भी कई सारे चिड़ियाघर है, सभी को बताना यहां सम्भव नही है क्योंकि इस आर्टिकल Long Essay On Zoo In Hindi में चिड़ियाघर की सैर पर निबंध है।

चिड़ियाघर के जानवर Zoo Animals Names

चिड़ियाघर में ज्यादातर जंगली जानवर ही पाए जाते है या फिर दुर्लभ जानवर। तो दोस्तों, Essay On Zoo In Hindi में चिड़ियाघर के जानवर के नाम जानते है।

थल पर पाए जाने वाले जीव –

शेर, चीता, टाइगर, गोरिल्ला, भालू, बन्दर, खरगोश, लँगूर, जिराफ, कंगारू, हिरण इत्यादि कई तरह के स्थलीय जानवर ज़ू में देखने को मिलते है।

जल में पाए जाने वाले जीव –

मगरमच्छ, हिप्पो, कछुआ इत्यादि जलीय जीव भी चिड़ियाघर में पाए जाते है। चिड़ियाघर में बने एक्वेरियम में कई रंग बिरंगी छोटी मछलियां भी पायी जाती है।

यह भी पढ़े – जानवरों के नाम की सूची

विभिन्न प्रकार के पक्षी –

तोता, मैना, हमिंग बर्ड, कबूतर, कोयल, बया, इत्यादि पक्षी भी चिड़ियाघर में मिलते है।

यह भी पढ़े – सुंदर रोचक पक्षियों के नाम

चिड़ियाघर में कई ऐसे जानवर और पक्षी भी पाए जाते है जिन्हें आमतौर पर देखना दुर्लभ होता है। कई जानवर और पक्षी ऐसे है जो लुप्तप्राय श्रेणीं में आते है, उन्हें चिड़ियाघर में संरक्षित किया जाता है। चिड़ियाघर सफेद भालू, गिर्द, पांडा इत्यादि कई संकटग्रस्त प्राणियों का घर है।

चिड़ियाघर के बारे में जानकारी पर निबंध (Essay On Zoo In Hindi)

चिड़ियाघर का सबसे बढ़िया फायदा यह है कि सभी तरह के जीव एक ही जगह पर मिल जाते है। आपको शेर, हाथी इत्यादि देखने के लिए जंगलो में जाने की जरूरत नही है। बस अपने पास के ही चिड़ियाघर चले जाइये, वहां पर सभी देखने को मिल जाते है।

जानवरों के लिए चिड़ियाघर एक सुरक्षित निवास स्थान है। यहाँ पर दुर्लभ या संकटग्रस्त जानवरों का प्रजनन भी किया जाता है। इससे उनकी संख्या में इजाफा होता है।

चिड़ियाघर बच्चों के लिए शिक्षा और प्राकृतिक व्यवहार को समझने की बेहतर जगह है। टीवी या मोबाइल पर वन्यजीवों को देखने से बेहतर चिड़ियाघर में प्रैक्टिकल रूप में देखना है।

चिड़ियाघर में ध्यान रखने योग्य बाते

दोस्तों, चिड़ियाघर में जानवरों को परेशान नही करना चाहिए। कई शरारती तत्व जानवरों पत्थर मारकर परेशान करते है। ऐसा बिल्कुल भी नही करना चाहिए। हां एक और बात चिड़ियाघर के जानवरों को कुछ भी खाने को मत दीजिये क्योंकि हो सकता है कि जो खाना आप दे रहे हो वह उन्हें बीमार कर दे। चिड़ियाघर का स्टाफ जानवरों के लिए उनके अनुकूलित खाने की व्यवस्था करता है।

वैसे दोस्तों चिड़ियाघर में कई जानवर होते है लेकिन सबसे ज्यादा उत्सुकता शेर देखने की रहती है। सही कहां ना।

अन्य उपयोगी निबंध – 

  • पुस्तक पर निबंध
  • स्कूल पर निबंध

दोस्तों, आपको चिड़ियाघर पर निबंध लेखन का यह आर्टिकल Long Essay On Zoo In Hindi पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करे।

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चिड़ियाघर की सैर हिंदी निबंध | Essay on zoo in Hindi

नमस्कार दोस्तों हाल ही में हमारी पाठशाला की सैर में हमें चिड़िया घर ले जा रहा था। वह चिड़ियाघर काफी सुंदर प्राणियों से भरा था और हमें वहां बहुत कुछ सीखने मिला। आज हम इसी चिड़िया घर पर हिंदी निबंध लाए है।

Chidiyaghar essay image of lion in cage

चिड़ियाघर की सैर।

हमारे पाठशाला में हर वर्ष में एक बार छात्रों को सर पर लेकर जाते है, जिससे कि हम छात्रों को नई जगह देखने मिले, मनोरंजन हो और कुछ नया सीखने को मिले। ऐसे ही इस बार हमारी पाठशाला ने चिड़ियाघर ले जाने का निर्णय लिया था, हम सभी विद्यार्थी चिड़ियाघर में मौजूद प्राणियों को देखने के लिए काफी उत्साहित है।

फिर वह दिन आएगा जब हम चिड़ियाघर की सैर के लिए निकल पड़े। हमारे स्कूल बस से हम चिड़िया घर जा रहे थे सभी बच्चों में काफी उत्साह था क्योंकि मेरी तरह सभी बच्चे पहली बार प्राणियों को देखने वाले थे। बस में सभी प्राणियों के बारे में बातें कर रहे थे।

हमारी बस चिड़िया घर पहुची वहां हम सभी बच्चे इकट्ठा हुए वह हमें चिड़ियाघर की जानकारी देने वाले एक "गाइड" थे। उन्होंने हमें चिड़ियाघर के अंदर जाने से पहले जानकारी दी और बताया कोई भी किसी भी जानवर को कुछ भी खाने को नहीं देगा और ना ही किसी प्राणी को किसी भी प्रकार से परेशान करेगा। गाइड की जानकारी के बाद हमारी चिड़ियाघर की सैर शुरू हुई।

जहां से अंदर प्रवेश करते है वहां प्राणियों की काफी सुंदर मूर्तियां बनाई गई थी और वहां मोगली कार्टून का दृश्य बनाया गया था जिसमें मोगली, गुफा और जानवर थे उसके ऊपर "वेलकम टू झू' ऐसा लिखा गया था। बाहर का इतना सुंदर दृश्य देखकर हम सभी चिड़ियाघर के अंदर का नजारा देखने के लिए और भी उत्साहित हो गए थे।

अंदर काफी बड़े-बड़े पिंजरे बनाए गए थे जहां प्राणियों को काफी घूमने की जगह थी उन्हें बिल्कुल जंगल जैसे वातावरण में रखा गया था। पिंजरे में होने के बावजूद उन प्राणियों का पूरी तरीके से खयाल रखा जाता है उन्हें खाने की और पानी की कोई भी कमी नहीं होती। हमें गाइड ने बताया कि जानवरों की देखभाल के लिए डॉक्टर भी हमेशा मौजूद रहते है।

हमने वहां बंदर देखे वहां अलग-अलग प्रकार के बंदर मौजूद थे उनमें से लंगूर नामक बंदर काफी सुंदर दिखाई देते थे। कुछ बंदर अतरंगी हरकतें कर रहे थे तो कुछ एक जगह से दूसरे जगह पर छलांग मार रहे थे। हमने एक बड़ा गोरिल्ला देखा वह देखने में काफी डरावना था परंतु उसका स्वभाव शांता था। एक तरफ जिराफ था जो अपनी उचि गर्दन लिए पेड़ों के पत्ते खा रहा था, दूसरी तरफ काफी सारे हिरण पानी पी रहे थे वह काफी चौकन्ना रहते हैं थोड़ी भी हरकत या आवाज से तुरंत भाग जाते है उनकी रफ्तार भी काफी तेज होती है।

वह काफी सारे प्राणी थे पर सबसे ज्यादा लोग शेर और बाघ को देखकर खुश हुए पर शेर और बाघ दोनों पिंजरे में बस सोए थे उन्हें लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। हमने दो सींग वाला गेंडा भी देखा उसे देख कर काफी डर लग रहा था ऐसा लग रहा था जैसे कि वह आराम से उस पिंजरे को तोड़ सकता है क्योंकि उसका शरीर काफी मजबूत था। उसके बाद हमने दरियाई घोड़ा यानी कि हिप्पोपोटामस भी देखा वह पानी में एक बड़ी भेस जैसा दिखाई दे रहा था पर जब उसका मुंह खुला तो हक्के बक्के रह गए। हमने बड़े दांत वाले हाथी भी देखें वे काफी विशाल थे।

चिड़ियाघर में एक एक्वेरियम भी बनाया गया था वहां पर अलग-अलग प्रकार की मछलियां थी और कुछ कछुए भी थे। इस तरह हमने चिड़ियाघर में काफी सारे प्राणी देखें और उनके बारे में काफी कुछ जाना। जिस उत्साह के साथ हम चिड़िया घर आए थे उसी उत्साह के साथ और अच्छी यादों के साथ हमने पूरे चिड़ियाघर की शेर की।

समाप्त।

दोस्तों क्या आपने भी किसी चिड़ियाघर की सैर की है हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताइए।

चिड़ियाघर की सैर यह हिंदी निबंध class १,२,३,४,५,६,७,८,९ और १०वि के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • मैंने देखा हुआ चिड़ियाघर।
  • मैंने देखा हुआ प्राणी संग्रहालय।
  • चिड़ियाघर पर निबंध।

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चिड़ियाघर की सैर Visit to A Zoo in Hindi 

जानवर और पक्षी.

 Zoo in Hindi

दिलचस्प जानवर

ज्ञानवर्धक सैर .

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आजकल चिड़ियाघर में भी सारे जानवर देखने को नहीं मिलते.

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चिड़ियाघर | Essay on Zoo in Hindi

चिड़ियाघर | Zoo in Hindi | Hindi Essay | Zoo Essay in Hindi.

Essay on Zoo in Hindi

चिड़ियाघर एक ऐसी जगह है जहां पर कई सारे पशु पक्षी और जानवर रहते हैं। इस जगह पर सार्वजनिक रूप से लोगों के घूमने के लिए सुरक्षित किया जाता है। चिड़ियाघर बच्चों, बूढ़ों और सभी के लिए घूमने के लिए एक अच्छी जगह है। चिड़ियाघर में कई ऐसे जानवर होते हैं जो हमने कभी नहीं देखे हुए होते हैं। कई लोगों को चिड़ियाघर की सैर करना बहुत पसंद है। बहुत लोग अपने पसंद जानवरों से प्यार भी करते हैं। चिड़ियाघर में जानवरों और पक्षियों को देखना यह बहुत ही आनंददायी और रोमांचक होता है। हमारे देश में कई ऐसे शहर है जहां चिड़ियाघर है। पूरे भारत में कुल मिलाकर 72 चिड़ियाघर बनाए गए हैं। चिड़ियाघर बनाने का उद्देश्य यह है कि कई जानवर दिन प्रतिदिन विलुप्त होते जा रहे हैं उन्हें बचाने और उनका संगोपन करने के लिए , आजकल के बच्चों को जानवर के नाम पर कुत्ता या गाय ही दिखते हैं उन्हें बाकी सारे बडे और जंगली जानवर नहीं दिखते इस वजह से जानवर के बारे में कुछ पता नहीं होता है, यदि वह बच्चे चिड़ियाघर घूमने आ जाए तो उन्हें कितने सारे पशुओं के बारे में जानकारी हो जाती है। चिड़ियाघर की बनावट जानवरों और पशु पक्षियों के हिसाब से बनाई जाती है। जानवरों के संरक्षण के लिए चिड़ियाघर में जंगलों जैसा माहौल बनाया जाता है। उन पशुओं की देखभाल करने के लिए अलग-अलग लोग रखे जाते हैं। चिड़िया घर में घूमने के लिए जानवरों के हिसाब से एक समय निश्चित किया जाता है। जिससे जानवरों और इंसानों की सुरक्षा बनी रहे। चिड़ियाघर का स्थान बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि चिड़ियाघर में आकर आनंद तो होता ही है पर इसके साथ ही उन्हें सीखने के लिए भी बहुत कुछ मिल जाता है, चिड़ियाघर में कई ऐसे जानवर होते हैं जिन्हें देखकर हम उनके बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बच्चों का छुट्टियों में सबसे मनपसंद स्थान होता है चिड़ियाघर। सभी चिड़ियाघर का प्रवेश द्वार विशाल होता है। चिड़ियाघर में कई सारे पशु पक्षी कई तरह के आवाज निकालते हैं। जो हमें मनोरंजीत करते हैं। चिड़ियाघर में कई जानवर के अलग-अलग निवास स्थान बनाए जाते हैं। और जो जानवर किसी को हानी पहुंचा सकते हैं वह जानवर स्टील के तारों और लोहे की सलाखों की सहायता से अलग-अलग रखे जाते हैं। चिड़ियाघर मेरा सबसे पसंदीदा पसंदीदा जगह है।

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चिड़ियाघर की सैर पर निबन्ध |Essay on Visit to A Zoo in Hindi

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चिड़ियाघर की सैर पर निबन्ध | Essay on Visit to A Zoo in Hindi!

कहा जाता है कि मन चंचल घोड़े के समान होता है । सही कहा गया है कि मन की गति वायु से भी अधिक तेज है । दूसरे शब्दों में यह कि , कभी भी यह एक स्थिति में स्थिर नहीं रहता है । अस्थिरता हीइसका सबसे बड़ा गुण है ।

इस तरह निरन्तर गतिमान रहते हुए यह तरह-तरह की उड़ाने भरता रहता है । फिर भी यह तनिक भी नहीं थकता है । इस प्रक्रिया में यह कभी आनन्द से खिल उठता है तो कभी निराशा में डूब भी जाता है । अपनी निराशा को दूर करने के लिए अपनी पूर्व स्थिति में सुधार बदलाव लाता है । इसके लिए इसे अपेक्षित प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है ।

मई का महीना था । गर्मी की छुट्‌टी चल रही थीं । हम अपनी मित्र मण्डली के साथ गपशप कर रहे थे । उस गपशप का विषय था, कि गर्मी की छुट्‌टी में कुछ और सैर-सपाटा करना चाहिए । गपशप बढ़ती-बढ़ती उस बिन्दु पर आ गयी कि कहीं सैर के लिए चला जाए । कहाँ चला जाए इस प्रश्न को सुनते ही मैंने अबानक कहा “क्यों न चिड़ियाघर की सैर के लिए चला जाए ।” 

मेरा यह सुझाव सबको पसन्द आया, और सभी इस पर सहमत हो गए । फिर क्या, हम चारों मित्र अपने निश्चय के अनुसार दूसरे दिन ही चिड़ियाघर की सैर के लिए अपने- अपने घर से रवाना हुए । हम लोग दिल्ली का चिड़ियाघर देखने के लिए एक साथ बस में बैठकर चिड़ियाघर पहुँच गए ।

ADVERTISEMENTS:

दिल्ली का चिड़ियाघर दिल्ली के पुराने किले के पास ही है । दिल्ली का पुराना किला अर्थात कौरव-पाण्डवों का किला के साथ ही दिल्ली का चिड़ियाघर नजर आने लगता है तथा लगभग गोलाकार रूप में दिखाई देता है । इस तरह यह चिड़ियाघर लगभग कई किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है । इसकी सीमा चारदीवारी से घिरी हुई है ताकि कोई जानवर इससे बाहर न जा सके । जानवरों की सुरक्षा देखभाल और उनसे होने वाले खतरों से बचाने की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी और महत्त्वपूर्ण सिद्ध होती है ।

चिड़ियाघर के मुख्य द्वार पर हमने और लोगों की तरह प्रवेश टिकट लिए । इसके बाद चिड़ियाघर में प्रवेश किया । सभी लोगों की तरह हम लोगों ने भी परम्परागत ढंग से, एक ओर से चिड़ियाघर के जानवरों को देखने का सिलसिला शुरू किया । सबसे पहले हमने विभिन्न प्रकार के जल-जीव देखे ।

हमने देखा कि, तालाब में तैरती हुई बत्तखें बड़ी ही स्वतंत्रतापूर्वक दर्शकों का ध्यान अपनी ओर बार-बार आकर्षित कर रही हैं । उसी तरह हमने देखा कि रंग-बिरंगी मछलियाँ सबके मन को लुभा रही हैं । हमने और जल जीवों को देखा । एक-दूसरे से काफी भिन्न थे ।

मगरमच्छ को भी निकट से देखा । हमने देखा कि, यह जल में और जमीन पर बड़ी खुशी के साथ रह लेता है । कुछ आगे बढ़ने पर हमने देखा कि, हरी भरी जमीन पर शाकाहारी जानवर विचरण कर रहे हैं । उनमें गाय, घोड़ा, चमरी गाय, नील गाय, हाथी, व ऊँट तथा हिरन आदि प्रमुख थे । इस प्रकार के शाकाहारी जानवरों में गैंडा बड़ा ही अद्‌भुत और आकर्षक जानवर था । इस जानवर की यह खास विशेषता होती है कि यह हमेशा पानी के गढ्‌ढे में ही रहता है ।

चिड़ियाघर की सैर के अंतिम समय में हमने वनमानुष को देखा । इसे देखकर हमने अनुभव किया, कि किस तरह मनुष्य प्राचीनकाल में अज्ञानता से ढका हुआ था । शाम होते-होते हम चिड़ियाघर की पूरी सैर कर चुके थे । घर आते- आते रात हो गयी । शाम को बड़े अजीब – अजीब और रोचक सपने आए जो चिड़ियाघर की सैर से प्रभावित थे । हमने केवल सैर ही नहीं की ज्ञान भी अर्जित किया । हम आज भी उस सैर को नहीं भूल पाए हैं ।

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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Zoo in Hindi @ 2018

हेलो दोस्तों आज फिर मै आपके लिए लाया हु Essay on Zoo in Hindi पर पुरा आर्टिकल। सभी के पास अपने बचपन में चिड़ियाघर जाने की यादे होंगी तो आज हम आप सभी को फिर चिड़ियाघर की सैर करवाने जा रहे है। अगर आप चिड़ियाघर के ऊपर essay ढूंढ रहे है तो यह आर्टिकल आपकी बहुत मदद करेगा । आईये पढ़ते है Essay on Zoo in Hindi पर बहुत कुछ लिख सकते है।

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Zoo in Hindi @ 2018 1

गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थीं। मैंने तथा मेरे कुछ मित्रों ने चिड़ियाघर की सैर का कार्यक्रम बनाया। हम लोग पटना के संजय गाँधी जैविक उद्यान में सुबह साढ़े दस बजे पहुँच गएवहाँ काफी चहलपहल थी। सर्वप्रथम हम लोगों ने गजराज के दर्शन किएवे ठंड का संचालन कर पीपल के हरे पत्तों का स्वाद ले रहे थे। हाथी पर सवार बच्चे फूले नहीं समा रहे थे। आगे बढ़े तो बंदरों और लंगूरों की उछलकूद का नजारा देखा। अब शीशे के घरों में कैद नागों की बारी थी। नागराज कुंडली मारे ध्यानमग्न मुद्रा में थे तो अजगर कुंभकर्णी निद्रा में सोया हुआ था। वहाँ कुछ जहरीले बिच्छू भी थे।

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उन्हें देखकर हम सिहर उठे। उद्यान में भालू, चीता, शेर, हिरन, गुंडा जेबरा और विचित्र रंगों वाले पक्षी भी थे। हमने उन सबको देखा। मादा जेबरे ने एक शिशु को जन्म दिया था। उस शिशु की उछलकूद आगंतुकों को बेहद लुभा रही थी। अंत में हमने उद्यान में विश्राम किया और साथ लाया हुआ नाश्ता कियातत्पश्चात् हम लोग घर की ओर रवाना हो गए ये ही थे

जब मेरे स्कूल की दशहरे की 10 दिन की छुट्टियाँ पड़ींतो मैं अपने माता-पिता के साथ कोलकाता (कलकत्ता) का चिड़ियाघर देखने गया। पिताजी ने बताया कि चिड़ियाघर में हर प्रकार के-जलथल और वायु में रहने वाले जीवजन्तु तथा पशु-पक्षी देखने को मिलते हैं। कोलकाता में हम अपने मामा के यहाँ ठहरे थे। मैंने कोलकाता में चिड़ियाघर देखने से पहले और भी प्रमुख स्थानों का भ्रमण किया। कोलकाता का चिड़ियाघर देश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह बहुत प्रसिद्ध चिड़ियाघर है। चिड़ियाघर वह स्थान है जहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षी और पशु होते हैं। ये पशु-पक्षी विश्व के विभिन्न स्थानों से लाए जाते हैं।

विश्व का सबसे बड़ा और सबसे अच्छा चिड़ियाघर लंदन में है। भारत में दिल्ली, जयपुर, लखनऊजोधपुर और कोलकाता में चिड़ियाघर सुविख्यात हैं। दूर-दूर से लोग इन्हें देखने आते हैं। हम सुबह 9 बजे चिड़ियाघर देखने पहुँचे। वहाँ प्रत्येक वयस्क का 10 रुपए और बच्चे का 5 रुपए प्रवेश शुल्क था। पहले हमने टिकट खरीदे और फिर मुख्य द्वार से प्रवेश कियाचिड़ियाघर बहुत लंबे-चौड़े विशाल क्षेत्र में फैला हुआ था। हमने वहाँ बहुत सारे विशिष्ट और अजनबी पशु-पक्षी देखेतत्पश्चात् हम जंगली जानवरों को देखने दूसरी ओर मुड़ गए।

हमने वहाँ चीता, शेरतेंदुआ, पैंथर और भालू देखेजो लोहे के बने बड़ेबड़े पिंजरों में बंद थे। वहाँ काले, भूरे और सफेद रंग के भालू थे। एक अन्य अहाते (बाड़ा) में हमने घोड़े, गधे, खच्चर, ऊंटहिरण, भेड़, हाथी और अन्य जंगली जानवर देखेबहुत लंबी गरदन वाले शतुरमुर्ग देखे, तीन कंगारू और गुरिल्ला देखे। वहाँ एक अन्य कमरे में हमने अनेक प्रकार के साँपबिच्छू, रंगीन मछलियाँ और सैंकड़ों बंदर देखेकुछ बंदरों के मुंह लाल , तो कुछ के मुंह काले थे। तालाब में एक पेड़ देखाजिस पर तोता, कुक्कू, कबूतर, मोर, सारस, गौरैया, बतख आदि अनेक पक्षी चहचहा रहे थे और कुछ तालाब में तैर रहे थे। कुछ विदेशी पक्षी थे, जो वहाँ मैंने पहली बार देखे थे।

मेरा चिड़ियाघर देखना बहुत ज्ञानवर्धक रहा। मुझे अनेक पशु-पक्षियों का ज्ञान हो गया और जंगली जानवरों ने मेरे विज्ञान के ज्ञान में बढ़ोतरी की, साथ ही बहुत आनंद भी आया। मैंने वहाँ खूब उछलकूद और मौजमस्ती की। वो चिड़ियाघर की सैर मुझे सदैव स्मरण रहेगी।

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चिड़ियाघर वह स्थान होता है जहां तरहतरह के पशु और पक्षी रखे जाते हैं । यह देखने योग्य जगह होती है। बालक बालिकाएँ बड़े चाव से चिड़ियाघर की सैर को जाते हैं। पिछले महीने मुझे दिल्ली के चिड़ियाघर की सैर का अवसर मिला। हमारी कक्षा के सभी विद्यार्थी हमारे साथ थे । हमारे बेल अध्यापक हमारे दल के संरक्षक थे । हम बस द्वारा चिड़ियाघर के निकट पहुंचे। मुख्य द्वार पर पहुँचकर हमने अपनीअपनी टिकट खरीदी। उसके बाद हम गेट में से चिड़ियाघर के अन्दर प्रविष्ट हुए। मैं यह कहे बिना नहीं रह सकता कि चिड़ियाघर देखने योग्य है । यह छोटावन है । इसके कई विभाग हैं ।

पहले हम पक्षियों के विभाग में गए। वहाँ मोर अपने पंख फैलाकर नाच रहा था। मोरनी उसके पास खड़ी नाच देख रही थी। आगे चले तो जालीदार कमरे में सफेद, काले आदि रंगों के कबूतर दिखाई दिये । वे ‘गुटरगूं बोल रहे थे। इसके आगे रंगबिरंगी चिड़िया दिखाई दीं। आगे हमने तोता, मैना, चील कबूतर, खुटबढ़ईबाज और उल्लू देखे। दिन के के समय सोये हुए उल्लुओं को देखकर हमें बहुत हंसी आयी। एक बनावटी झील थी। इसमें बतखें तैर रही थीं। किनारे पर कुछ बगुले एक टाँग पर खड़े थे। एक हंसों का जोड़ा तट पर किलोल कर रहा था। कुछ छोटेबड़े मेढ़क टर्र रहे थे । वे कभी पानी से बाहर आते और कभी फिर पानी में छलाँग मार जाते थे।

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आगे चलने पर हमें पिंजरों में सिंहबाघचीते, भालू आदि भयंकर जीव दीखे। इसके आगे बन्दर और लंगूर चिल्ला रहे थे । लोग उनके आगे चने डाल रहे थे। सबसे चकित हम तब हुए जब हमने शुतुरमुर्गकंगारू और बेबरा देखे। शुतुरमुर्ग बास्ट्रेलिया का पक्षी है, जिसकी ऊंचाई ऊंट जितनी है । मादा कंगारू के पेट में फैली थी, जिसमें उसने बच्चा रखा हुआ था। जेबरा के शरीर पर ऐसी धारियाँ थीं । कि मानो चित्रकार ने कूची से चित्रित की हों। अब हम यक चुके थे। एक जगह हरी घास पर बैठकर हमने वह खाने का सामान खाया जो हम घर से लाये थे। चिड़ियाघर की यह सैर हम कभी न भूलेंगे ।

पिछले रविवार को मौसम बहुत अच्छा था। आकाश में बादल छाये हुये थे। मैं अपने मित्रों के साथ चिड़ियाघर की सैर करने गया। चिड़ियाघर के मुख्य द्वार पर बहुत भीड़ थी। लोग प्रवेश के लिए टिकट खरीद रहे थे। कुछ अन्य छायादार वृक्षों के नीचे गप-शप कर रहे थे और कुछ मौसम का आन्नद ले रहे थे। जैसे ही हमने चिड़ियाघर में प्रवेश किया हमें एक झील देखने को मिली जिसमें बतखें तैर रही थीं। सफेद बतखों को पानी में अठखेलियां करते देखने में बहुत अच्छा लगता है। जब हम आगे बढ़े हमने कुछ उड़ने वाली मुर्गियाँ देखीं। इसके अतिरिक्त वहाँ बहुत प्रकार के एवं विभिन्न रंगों की चिड़िया, कबूतरएवं तोते देखे। चिड़ियाँ चहचहा रही थीं। जिससे एक सुखदायी संगीत उत्पन्न हो रहा था। हमने इसका भरपूर आन्नद उठाया।

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आगे शेरतेंदुआ एवं चीतों का रहने का स्थान था। शेर एवं शेरनी के गुरने की आवाजें दूर तक आ रही थीं। हम जाली के पास गये। एक शेर को तेजी से अपनी ओर आता देख हम डर गये। उनको देखने के पश्चात हमने पेड़ों के झुरमुट में हिरन एवं बारहसिंहों को घूमते देखा। इनकी सुन्दरता ने मन को मोह लिया। एक अन्य कोने में बन्दरों के पिंजरे थे। बन्दरों एवं लंगूरों ने पेड़ों पर उछलकुछ मचाई हुई थी। उनके करतब बहुत मनोरंजक थे। कुछ लोग उन्हें खाने का सामान देते थे और वह पेड़ो से कूदकूद कर खाते थे। कुछ बच्चे उन्हें मुंह बना-बना कर चिढ़ा रहे थे। हमारा अगला पड़ाव अक्वेरियम (मछली घरजल जीव शाला) था जिसमें हमें सबसे अधिक रुचि थी। उसमें बहुत से जलचर रखे गये थे। वहाँ बहुत से रंगों एवं विभिन्न प्रकार की मछलियां थीं। उन्हें पानी में चुहल करते देख कर बहुत अच्छा लगता है वहाँ बहुत से अन्य जलचर भी थे। इसके साथ ही एक पोलर भालू भी रखा गया था किन्तु उसको देखकर ऐसा लगा कि वह यहाँ उदास और अकेला है। काले भालू के पिंजरे के बाहर बहुत से लोग जमा हुये हुये थे। भालू बहुत से करतब दिखा रहा था। जिससे देखने वाले रोमांचित हो रहे थे। कुछ लोगों ने उसे खाने का सामान दिया जो उसने एक बार में निगल लिया।

दिल्ली का चिड़ियाघर इतना बड़ा है कि उसके प्रत्येक हिस्से एवं जानवरों को देख पाना एवं उसके बारे में बताना बहुत कठिन है। जब हमने पूरा चिड़ियाघर देख लिया तो हम वहीं पर एक बगीचे में सुन्दर सा स्थान देख कर बैठ गये। सुन्दर फूल और उनकी मोहक सुगन्ध से स्वर्गिक आन्नद की अनुभूति हुई। तत्पश्चात हमने थोड़ा-बहुत कुछ खाया-पिया। जिससे हमें नयी स्फूर्ति आयी। शाम हो चुकी थी एवं सूरज ढ़ल रहा था। बहुत से अन्य दर्शकों के साथ हम भी चिड़ियाघर से बाहर आयेचिड़िया घर एक तरफ पुराने किले की दीवार से घिरा हुआ है जो इसके सौन्दर्य एवं वैभव में वृद्धि करता है। हम वापिस आने के लिये बस पर सवार हुये एवं एक अन्तिम दृष्टि चिड़ियाघर पर डाल उससे विदा ली। मुझे चिड़ियाघर का यह रोमांचक अनुभव सदैव याद रहेगा।

दिल्ली का चिड़ियाघर भारत भर में मशहूर है। यह भी एक पर्यटक-स्थल है। इसे प्रतिदिन हज़ारों देशीविदेशी पर्यटक देखने आते हैं। यह पुराने किले के नज़दीक मथुरा रोड पर हैयह शुक्रवार को छोड़कर प्रतिदिन खुला रहता है। इसमें व्यस्कों का प्रवेश शुल्क 10 रुपए और बच्चों का प्रवेश शुल्क 5 रुपए है। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का टिकट नहीं लगता है। चिड़ियाघर में यदि कोई व्यक्ति कैमरा या वीडियो कैमरा ले जाना चाहे, तो इसका भी शुल्क देना पड़ता है। व्यक्तिगत प्रयोग के लिए 50 रुपए और कमर्शियल (व्यापारिक) प्रयोग के लिए 500 रुपए शुल्क लगता है।

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हम चिड़ियाघर बसतिपहिया (ऑटोरिक्शा), टैक्सी या मैट्रो रेल से जा सकते हैं। यह निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के नज़दीक है। इसलिए रेल से आने वालों के लिए भी चिड़ियाघर देखना सुविधाजनक है। इसके नज़दीक केन्द्रीय सचिवालय का मैट्रो स्टेशन भी है। इसके अतिरिक्त इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (हवाई अड्डा) भी इसके नज़दीक है। अत: यातायात की सुविधा की दृष्टि से दिल्ली का चिड़ियाघर देखना अत्यंत सुविधाजनक है। दिल्ली के चिड़ियाघर में हज़ारों प्रकार के पशु-पक्षी और सर्प आदि हैं।

देश में पाए जाने वाले सभी प्रकार के हिरन हैं। रेवा के श्वेत बाघ हैं, तेंदुआ है, सियार हैं, गेंडा हाथी हैं, हिप्पो (दरियाई घोड़ा) है, काले हिरन हैं, बब्बर शेर हैं, शतुरमुर्ग हैं, कई प्रकार के तोते, बंदर एवं लंगूर हैं। सामान्य हाथियों के अलावा लम्बे-लम्बे दाँत वाले विशालकाय हाथी भी हैं, ज़ेब्रा, जिराफ और विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर हैं।

दिल्ली के चिड़ियाघर में प्रवेश करते ही छोटे-छोटे तालाबों में बतखें बगुले एवं अन्य प्रकार के जल के पक्षी देखने को मिल जाएँगे। जाड़ों में तो यहाँ विदेशी पक्षियों का बसेरा हो जाता है। यहाँ सैंकड़ों तरह के पेड़पौधे हैं। प्रत्येक वृक्ष पर उसका नाम भी लिखा हुआ है। यहाँ एक कल्पवृक्ष का पेड़ भी है। कहते हैं कि इसे छूकर हम जो भी इच्छा करते हैं, वह पूरी हो जाती है।

सभी जीवजन्तुओं के लिए अलग-अलग अहाते (बाड़ा) अथवा पिंजरे हैं। अधिकांश लोग पैदल ही चिड़ियाघर देखते हैं, परंतु पर्यटकों के लिए यहाँ बैटरी से चलने वाली छोटी गाड़ियाँ भी उपलब्ध रहती हैं, जो थोड़ा-सा शुल्क देकर हमें मिल जाती हैं। हम पूरा चिड़ियाघर पैदलपैदल दो घंटे में देख सकते हैं। यहाँ एक कैंटीन भी है जहाँ पर्यटकों के लिए खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था है।

चिड़ियाघर में दर्शकों के लिए पानी जैसी सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं। चिड़ियाघर में दर्शकों के लिए पानी के अलावा अन्य खाद्य पदार्थ ले जाने की अनुमति नहीं है। यहाँ जानवरों को कुछ खिलाने और उन्हें छेड़ने की भी अनुमति नहीं है। पर्यटकों को चाहिए कि वे दोपहर से पहले चिड़ियाघर देखने आएँ क्योंकि दोपहर के बाद, अक्सर गर्मी के महीनों में, जानवर आराम करने के लिए इधर-उधर छिप जाते हैं। उस समय उन्हें देख पाना कठिन होता है। सप्ताहांत में (शनिवार-रविवार) चिड़ियाघर में बहुत भीड़ रहती है। इसलिए स्थानीय लोग सप्ताहांत में चिड़ियाघर देखने नहीं आत। चिड़ियाघर बच्चों के लिए अति प्रिय पर्यटनस्थल है। दुर्लभ पशु-पक्षियों के कारण यह सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है। सभी सोचते हैं कि वे कम से कम एक बार दिल्ली का चिड़ियाघर अवश्य देखें

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Essay On Animals in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में जानवरों पर निबंध 

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 3, 2023

Essay On Animals in Hindi

सभी जानवर हमारे जीवन में बहुत महत्व रखते हैं। वे मनुष्यों को भोजन और कई अन्य चीजें प्रदान करते हैं।  उदाहरण के लिए, हम मांस, अंडे, डेयरी उत्पाद खाते हैं।  इसके अलावा, हम जानवरों को पालतू जानवर के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं। वे विकलांगों के लिए बहुत मददगार हैं। जानवरों पर निबंध के माध्यम से हम इन प्राणियों और उनके महत्व पर एक नज़र डालेंगे। Essay On Animals in Hindi के बारे में अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

Essay On Animals in Hindi (100 शब्दों में)

मानव सभ्यता की शुरुआत से ही मानव का वन्यजीवों के साथ संपर्क रहा है। औद्योगीकरण और शहरीकरण के युग से पहले, मानव जीवन जानवरों पर निर्भर था।  बड़े जानवर हमारे पूर्वजों के लिए खतरा थे जो कभी गुफाओं में रहते थे और खानाबदोश थे।  अंततः, उन्होंने जीवित रहना, लड़ना और जानवरों की खाल को कपड़ों के रूप में, मांस को भोजन या चारे के रूप में और हाथी दांत के तत्वों को बर्तनों या आभूषणों के रूप में उपयोग करना सीख लिया। जैसे-जैसे मनुष्य विकसित हुआ, जानवरों ने परिवहन, अर्थव्यवस्था, सामाजिक जीवन आदि जैसे विभिन्न पहलुओं में योगदान दिया है। जानवरों पर मनुष्यों की बढ़ती निर्भरता ने उनके अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर दिया है। इसलिए, उनका संरक्षण और किसी भी दुरुपयोग से सुरक्षा हमारी ज़िम्मेदारी है।

यह भी पढ़ें: दिवाली पर निबंध

Essay On Animals in Hindi (200 शब्दों में)

जानवरों पर निबंध 200 शब्दों में कुछ इस प्रकार है –

देखा जाए तो जानवर पृथ्वी पर मौजूद सबसे प्यारे और प्यारे प्राणी हैं।  भले ही जानवर बोलने में सक्षम न हों, लेकिन वे समझ सकते हैं। उनके पास बातचीत का एक अनोखा तरीका है जो मानवीय समझ से परे है। जानवर दो प्रकार के होते हैं: घरेलू और जंगली जानवर।

घरेलू पशु:   कुत्ते, गाय, बिल्ली, गधे, खच्चर और हाथी जैसे घरेलू जानवर वे हैं इन सभी जानवरों का उपयोग पालतू बनाने के उद्देश्य से किया जाता है।  जंगली जानवरों से तात्पर्य उन जानवरों से है जो आम तौर पर पालतू नहीं होते हैं। जंगली जानवर आम तौर पर जंगलों में रहते हैं। वे अपने आर्थिक, अस्तित्व, सौंदर्य और वैज्ञानिक मूल्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

जंगली जानवर: जंगली जानवर विभिन्न उपयोगी पदार्थ और पशु उत्पाद जैसे शहद, चमड़ा, हाथी दांत, दांत आदि प्रदान करते हैं। वे मानव जाति के लिए सांस्कृतिक संपत्ति और सौंदर्य मूल्य के हैं। मानव जीवन प्राथमिक आवश्यकताओं जैसे कि हमारे द्वारा उपभोग की जाने वाली दवाओं और हमारे द्वारा दैनिक पहनने वाले कपड़ों के लिए काफी हद तक जंगली जानवरों पर निर्भर करता है।

प्रकृति और वन्य जीवन भावनात्मक और सामाजिक मुद्दों जैसे कई कारणों से बड़े पैमाने पर मनुष्यों से जुड़े हुए हैं।  जीवमंडल की संतुलित कार्यप्रणाली सूक्ष्मजीवों, पौधों और जानवरों के बीच अंतहीन बातचीत पर निर्भर करती है। इससे जानवरों के संरक्षण और उन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिए मनुष्यों द्वारा अनगिनत प्रयास किए गए हैं। दुनिया भर की विभिन्न संस्कृतियों में जानवरों ने संरक्षण और सम्मान का एक विशेष स्थान बना लिया है।

Essay On Animals in Hindi (500 शब्दों में)

Essay On Animals in Hindi 500 शब्दों में यहां दिया गया है:

जानवर असंख्य कोशिकाओं से बने होते हैं जो गति कर सकते हैं, समझ सकते हैं और प्रजनन कर सकते हैं। वे प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भूमि के साथ-साथ पानी में भी अनेक पशु प्रजातियाँ मौजूद हैं, और प्रत्येक के अस्तित्व का एक उद्देश्य है।

जानवरों के प्रकार

सबसे पहले, सभी प्रकार के जीवित जीव जो यूकेरियोट्स हैं और कई कोशिकाओं से बने होते हैं और यौन रूप से प्रजनन कर सकते हैं, जानवरों के रूप में जाने जाते हैं। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में सभी जानवरों की बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

भूमि और जल दोनों में बहुत सारी पशु प्रजातियाँ मौजूद हैं।  परिणामस्वरूप, उनमें से प्रत्येक के अस्तित्व का एक उद्देश्य है। जीव विज्ञान में जानवरों को विशिष्ट समूहों में विभाजित किया जाता है। एंफीबियंस वे हैं जो ज़मीन और पानी दोनों पर रह सकते हैं।

रेप्टाइल्स ठंडे खून वाले जानवर हैं जिनके शरीर पर शल्क होते हैं।  इसके अलावा, मैमल्स वे हैं जो गर्भ में अपनी संतान को जन्म देते हैं और उनमें स्तन ग्रंथियाँ होती हैं। पक्षी ऐसे जानवर हैं जिनके अगले पैर पंखों में बदल जाते हैं और उनका शरीर पंखों से ढका होता है।

वे बच्चे को जन्म देने के लिए अंडे देते हैं। मछलियों के पंख होते हैं, अंग नहीं। वे पानी में गलफड़ों से सांस लेते हैं। इसके अलावा, कीड़े अधिकतर छह पैरों वाले या उससे अधिक होते हैं। इस प्रकार, ये पृथ्वी पर मौजूद जानवरों के प्रकार हैं।

जानवरों का महत्व

जानवर मानव जीवन और ग्रह पृथ्वी में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं। आदिकाल से ही मनुष्य अपने फायदे के लिए जानवरों का इस्तेमाल करता रहा है।  पहले, वे परिवहन उद्देश्यों के लिए उपयोग में आते थे।

इसके अलावा, वे भोजन, शिकार और सुरक्षा के लिए भी उपयोग में आते हैं।  मनुष्य खेती के लिए बैलों का उपयोग करते हैं।  जानवर इंसानों के साथी के रूप में भी काम आते हैं।  उदाहरण के लिए, कुत्ते शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के साथ-साथ वृद्ध लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए भी उपयोग में आते हैं।

रिसर्च लेबोरेट्रीज़ में दवा परीक्षण के लिए जानवर काम में आते हैं। चूहों और खरगोशों पर सबसे अधिक परीक्षण किया जाता है।  ये शोध भविष्य में किसी भी बीमारी के फैलने की भविष्यवाणी करने में उपयोगी हैं।  इस प्रकार, हम संभावित नुकसान से अपनी रक्षा कर सकते हैं।

एस्ट्रोनॉमर्स अपने रिसर्च के लिए जानवरों का भी उपयोग करते हैं।  ये अन्य प्रयोजनों के लिए भी उपयोग में आते हैं।  जानवरों का उपयोग विभिन्न खेलों जैसे रेसिंग, पोलो और अन्य में किया जाता है।  इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी इनका उपयोग होता है।

वे मनोरंजक गतिविधियों में भी उपयोग में आते हैं।  उदाहरण के लिए, सर्कस होते हैं और फिर लोग बच्चों के मनोरंजन के लिए जानवरों के करतब दिखाने के लिए घर-घर भी आते हैं।  इसके अलावा, वे खोजी कुत्तों की तरह पुलिस बलों के लिए भी उपयोग में आते हैं।

इसी तरह, हम भी उन पर आनंद की सवारी करते हैं।  इस उद्देश्य के लिए घोड़े, हाथी, ऊँट और बहुत कुछ उपयोग में आते हैं।  इस प्रकार इनका हमारे जीवन में बहुत महत्व है।

जानवरों पर निबंध

मनुष्यों और जानवरों के बीच का बंधन एक मजबूत बंधन के रूप में विकसित हुआ है, और अब दोनों प्रकृति की आपसी समझ के साथ सह-अस्तित्व में हैं।  मनुष्य ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों आदि सहित आधुनिक संरक्षण तरीकों के माध्यम से उन लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षित करने का प्रयास किया है।

जानवरों पर 10 लाइन्स 

Essay On Animals in Hindi में मदद करने वाली जानवरों पर 10 लाइन्स नीचे दी गई हैं:

  • जानवर पूरे ग्रह पर पाए जाने वाले जीवित जीवों का एक विविध समूह है, जिसमें सूक्ष्म जीव से लेकर विशाल स्तनधारी तक शामिल हैं।
  • वे पारिस्थितिकी तंत्र में परागणकर्ता, सफाईकर्मी, शिकारी और शिकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और प्रकृति के संतुलन में योगदान देते हैं।
  • जानवरों को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिनमें मेमल्स, पक्षी, रेप्टाइल्स, अंबिफियंस और मछली शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में अद्वितीय विशेषताएं हैं।
  • कई जानवरों में उल्लेखनीय अनुकूलन होते हैं जो उन्हें विभिन्न वातावरणों में पनपने में सक्षम बनाते हैं, जैसे गिरगिट का छलावरण और मोनार्क तितलियों का प्रवास।
  • जैव विविधता के नुकसान को रोकने और पारिस्थितिक स्थिरता बनाए रखने के लिए लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण आवश्यक है।
  • पालतू जानवर, जैसे कुत्ते और बिल्लियाँ, हजारों वर्षों से मनुष्यों के साथी रहे हैं, प्यार, समर्थन और यहाँ तक कि विभिन्न कार्यों में सहायता भी प्रदान करते रहे हैं।
  • पशु मानव समाज के लिए भोजन, कपड़े और अन्य संसाधनों का स्रोत हैं, जो उन्हें हमारे अस्तित्व और संस्कृति का अभिन्न अंग बनाते हैं।
  • फैक्ट्री फार्मिंग और पशु परीक्षण जैसे उद्योगों में जानवरों के उपचार को लेकर नैतिक चिंताएं हैं, जिससे पशु अधिकारों और कल्याण के बारे में बहस छिड़ गई है।
  • वन्यजीव संरक्षण प्रयासों का उद्देश्य प्राकृतिक आवासों की रक्षा करना, अवैध शिकार से निपटना और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  • जानवरों के बारे में हमारी समझ वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से विकसित हो रही है, उनकी बुद्धिमत्ता, संचार और सामाजिक व्यवहार पर प्रकाश डाल रही है, जिससे जानवरों के साम्राज्य के प्रति हमारी सराहना गहरी हो रही है।

यह भी पढ़ें: दशहरा पर निबंध

जानवरों पर कोट्स 

जानवरों पर कोट्स निम्न प्रकार से हैं:

जानवरों पर निबंध

  • “किसी राष्ट्र की महानता और उसकी नैतिक प्रगति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां जानवरों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।”  – महात्मा गांधी
  • “जानवर बहुत अच्छे दोस्त होते हैं; वे कोई सवाल नहीं पूछते; वे कोई आलोचना बर्दाश्त नहीं करते।”  – जॉर्ज एलियट
  • “जब तक कोई किसी जानवर से प्यार नहीं करता, तब तक उसकी आत्मा का एक हिस्सा जागृत नहीं रहता।”  – अनातोले फ़्रांस
  • “जितना अधिक मैं लोगों के बारे में सीखता हूं, उतना ही मैं अपने कुत्ते को पसंद करता हूं।”  – मार्क ट्वेन
  • “अंत में, हम केवल वही संरक्षित करेंगे जो हम प्यार करते हैं; हम केवल वही प्यार करेंगे जो हम समझते हैं, और हम केवल वही समझेंगे जो हमें सिखाया जाता है।”  – बाबा द्यौम
  • “जानवर संपत्ति या ‘चीजें’ नहीं हैं, बल्कि जीवित जीव हैं, जीवन के विषय हैं, जो हमारी करुणा, सम्मान, दोस्ती और समर्थन के योग्य हैं।”  – मार्क बेकॉफ
  • “जानवर इस तथ्य से अनभिज्ञ है कि वह जानता है। मनुष्य इस तथ्य से अवगत है कि वह अज्ञानी है।”  – विक्टर ह्युगो
  • “जानवर हमारे और प्राकृतिक चीज़ों की सुंदरता के बीच पुल हैं।”  – ट्रिशा मैककैग
  • “सवाल यह नहीं है, ‘क्या वे तर्क कर सकते हैं?’  न ही, ‘क्या वे बात कर सकते हैं?’  बल्कि, ‘क्या वे पीड़ित हो सकते हैं?'” – जेरेमी बेंथम
  • “मेरे लिए जानवरों का भाग्य हास्यास्पद दिखने के डर से अधिक महत्वपूर्ण है; यह मनुष्यों के भाग्य से अविभाज्य रूप से जुड़ा हुआ है।”  – एमिल ज़ोला

Essay On Animals in Hindi

जानवरों से जुड़े कुछ तथ्य 

जानवरों से जुड़े कुछ तथ्य निम्न प्रकार से हैं:

  • बड़ी जानवरों की विविधता: पृथ्वी पर बड़ी जानवरों की अद्भुत विविधता है, जैसे कि गाय, हाथी, बंघड़, गिरगिट, और लियोन। इन जानवरों का आकार, आवाज, और आदतें विभिन्न होती हैं।
  • जानवरों का भूमिगत और आबादी में महत्व: जानवर जमीन पर, ऊपर, और पानी के अंदर अलग-अलग प्राकृतिक आवासों में पाए जाते हैं। उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण का महत्वपूर्ण भूमिका होता है।
  • प्राणी और पौधों के बीच सम्बंध: जानवर प्राणियों और पौधों के बीच भूमि पर संतुलन बनाने में मदद करते हैं। वे पोलिनेटर्स (फूलों के परागक) और शैली विचारक (उपहार बोलने वाले) के रूप में महत्वपूर्ण होते हैं।
  • विपद्ग्रस्त प्रजातियों की संरक्षण: कई जानवर प्रजातियाँ विलीन हो रही हैं, इसलिए उनकी संरक्षण के लिए कठिन प्रयास किए जा रहे हैं, जैसे कि बाघ, एक्सटिंक्ट विस्तार कीटों और गंधर्वकुल बटेरिफ्लाई।
  • जानवरों के लिए आहार और पोषण: जानवरों का आहार हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और कुछ जानवर जैसे कि गाय, मुर्गा, और मछली हमारे लिए खाद्यसामग्री के रूप में काम आते हैं।
  • पालतू जानवर: कुत्ता और बिल्ली जैसे पालतू जानवर हमारे दोस्त और साथी होते हैं, जो हमें प्यार, समर्थन और विभिन्न कार्यों में सहायता प्रदान करते हैं।
  • जानवरों के अधिकार और कल्याण: जानवरों की संरक्षण में अधिकार और कल्याण के मुद्दे उत्थित हैं, और इससे जुड़े विवाद जैसे कि जानवरों के अधिकार और कल्याण पर हो रहे हैं।
  • जैव गणराज्य के महत्व: जानवर और उनकी भाषा हमारे जीवन में और भी गहराई से प्राप्त हो रहे हैं, जिससे हमारे पसंदीदा जानवरों के संवाद, समाजिक व्यवहार, और बुद्धिमत्ता के बारे में हमारी समझ में वृद्धि हो रही है।

सभी जानवर पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।  उनमें से कुछ पोषक तत्वों को चक्र से बाहर लाने में मदद करते हैं जबकि अन्य अपघटन, कार्बन और नाइट्रोजन चक्र में मदद करते हैं।  दूसरे शब्दों में, सभी प्रकार के जानवर, कीड़े और यहां तक कि सूक्ष्मजीव भी पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका निभाते हैं।

जानवरों को गोद लेकर हम उनकी रक्षा कर सकते हैं।  इसके अलावा, यदि किसी के पास मदद करने के साधन नहीं हैं तो वह स्वयंसेवा भी कर सकता है।  इसके अलावा, वन्यजीव अभ्यारण्यों को दान देने से मदद मिल सकती है।  सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें उन कंपनियों से बचने के लिए जिम्मेदारी से खरीदारी शुरू करनी चाहिए जो अपने उत्पाद बनाने के लिए जानवरों को नुकसान पहुंचाते हैं।

जानवरों को दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है: कशेरुक और अकशेरुकी।  कशेरुकी प्राणी फर और रीढ़ की हड्डी वाले जानवर हैं।  इन कशेरुकियों को आगे स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप, उभयचर और मछली में वर्गीकृत किया जा सकता है।  अकशेरुकी वे प्राणी हैं जिनकी रीढ़ की हड्डी नहीं होती।  पशु साम्राज्य में 95% जानवर अकशेरुकी हैं।

आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में जानवरों पर निबंध (Essay On Animals in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के हिंदी निबंध के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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