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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सप्ताह 2024 निबंध, उद्देश्य, विषय | National Safety and Security Day 2024 Objectives, Theme in hindi

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह 2024 पर निबंध महत्व उद्देश्य, विषय  भाषण(National Safety and Security Day or week  in India, Objectives, theme in hindi)Essay Speech

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (नेशनल सेफ्टी डे) भारत में हर साल 4 मार्च के दिन मनाया जाता है. इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य हमारे जीवन के विभिन्न समयों में जागरूकता न होने या ध्यान न देने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है. पहले से  मनाए जाने वाले नेशनल सेफ्टी डे को अब नेशनल सेफ्टी सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा है. इस सप्ताह के दौरान विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से औद्योगिक दुर्घटनाओं से बचाव के तरीको से लोगों को अवगत कराया जाता है. इस पूरे सप्ताह में की जाने वाली प्रत्येक गतिविधी का एक मात्र उद्देश्य लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए जागरूक कर उन्हे सुरक्षा के विभिन्न तरीको से अवगत करना होता है. 

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस यह दिवस देश के सिक्यूरिटी विभाग एवम उन सभी सोल्जर को जाता हैं, जो देश को सुरक्षा देते हैं. इन सभी के कारण ही देश की सीमायें सुरक्षित रहती हैं और इन्ही के कारण देश में शांति एवम आवाम में सुरक्षा का भाव होता हैं. इस दिन हम सभी देशवासी, इन सभी सुरक्षाबलों का तहे दिल से अभिवादन करते हैं.

इतिहास (History) –   

इस दिन को अस्तित्व में लाने की पहल नेशनल सेफ्टी काउंसिल द्वारा ही की गई थी. 4 मार्च के ही दिन भारत में नेशनल सेफ्टी काउंसिल की स्थापना हुई थी, इसलिए इस दिन को ही नेशनल सेफ्टी डे के रूप में मनाया जाता है. नेशनल सेफ्टी काउंसिल एक स्वशासी निकाय है, जो कि सार्वजनिक सेवा के लिए गैर सरकारी और गैर लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है. इस संगठन की स्थापना साल 1966 में मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत हुई थी, जिसमें आठ हजार सदस्य शामिल थे. इसके बाद साल 1972 में इस संगठन द्वारा नेशनल सेफ्टी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया. और इसके बाद बहुत ही जल्द इसे नेशनल सेफ्टी डे की जगह नेशनल सेफ्टी सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह 2024 में कब हैं (National Safety and Security Day or week)

नेशनल सेफ्टी दिवस या राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान पूरे एक सप्ताह तक चलने वाला अभियान है. यह महत्वपूर्ण दिवस हर साल  4 मार्च को पुरे भारत देश में मनाया जाता हैं. यह दिवस उन सभी बलिदानियों को समर्पित हैं, जिन्होंने अपना रक्त देकर भी देश की सुरक्षा की. इस दिन हिंदुस्तान उनके हौसले और जस्बे को सलाम करता हैं. ऐसे शहीद की शहादत को कोई कैसे शब्दों में बताये, ये तो दिल में जगह बनाते हैं, अपने कर्मो से ये आवाम के दिलों में बस जाते हैं. इस साल 2024 में हम राष्ट्रीय स्तर पर 53 वां राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाएंगे. इस दौरान देश में मौजूद सरकारी और गैर सरकारी संगठनो द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

हर साल की तरह इस साल भी यह दिन 4 मार्च को बड़ी धूम धाम से मनाया जायेगा. राष्ट्रीय सुरक्षा दिन या सप्ताह 4 मार्च से शुरू होकर 10 मार्च तक चलेगा.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कैसे मनाया जाता हैं (How to Celebrate National Safety and Security Day/ week)

यह दिवस पहली बार 4 मार्च 1966 में मनाया गया था, जिसमे 8 हजार सदस्य शामिल हुये थे, उस समय यह दिवस देश के लोगो को सुरक्षा के प्रति जागृत करने के उद्देश्य से लाया गया था, जिसमे उन्हें देश में, समाज में कैसे एक दुसरे की सुरक्षा को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिये, उस दिशा में प्रेरित किया गया था.

rashtriya suraksha diwas / national safety day

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस उद्देश्य (National Safety and Security Day/ week Objectives) :

  • स्वच्छता :  देश की सुरक्षा में केवल दुश्मनों से देश को सुरक्षित रखना ही नहीं आता, बल्कि देश में लोगो को बिमारियों से सुरक्षति रखना भी सुरक्षा के अंतर्गत आता हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सभी को इस दिशा में अपना कदम बढ़ाने का रास्ता दिखाता हैं. देश को स्वच्छ रखना भी सुरक्षा के अंतर्गत शामिल हैं, जिसमे सरकार और जनता के साथ- साथ उद्योगपति जिम्मेदार हैं और इन सभी को एक साथ मिलकर देश में स्वच्छता संबंधी सुरक्षा लाना अनिवार्य हैं इस प्रकार यह भी स्वछता भी सुरक्षा दिवस का उद्देश्य हैं.
  • खाद्य पदार्थ :  आज के समय में मिलावटी वस्तुओं का बोलबाला अधिक हैं, इससे भी कई बीमारियाँ हो रही हैं और इससे नयी नस्ल कमजोर होती जा रही है, इससे भी देश को सुरक्षित रखना हम सबका का कर्तव्य हैं. यह भी सुरक्षा का एक अंग हैं.
  • गरीबी : देश में गरीबों की संख्या भी बहुत अधिक हैं, जिसके कारण वे असुरक्षित हैं. उनके लिए भी सोचना हम सभी का कर्तव्य हैं. किसी ना किसी तरह से गरीबों को भूखा ना रहना पड़े और उन्हें आजीविका का कोई जरिया मिल सके. इसके लिए भी हम सभी को एक होना आवश्यक हैं यह भी सुरक्षा का ही भाग हैं.
  • नारि सुरक्षा :  इस सुरक्षा का वहन भी हम सभी को मिलकर करना होगा. घटना घटने के बाद सजा देना तो न्याय पालिका का काम हैं, लेकिन हम सभी को होने वाली इन घटनाओं को ही समाप्त करने के विषय में सोचना और कार्य करना जरुरी हैं. तब ही राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/ नेशनल सिक्यूरिटी डे जैसे दिन का होना कारगर साबित होगा.

ऐसे कई विषय हो सकते हैं, जिनको तय करके हम राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस के दिन एकजुट होकर इन पर कार्य करे, ताकि देश के ऐसे असुरक्षित मुद्दे समाप्त हो सके. यह सभी थे वे मुद्दे जो देश के भीतर हैं, इसके आलावा वे मुद्दे जिनके लिए हम सुरक्षा शब्द को परिभाषित करते हैं, वो हैं देश की सुरक्षा.

  • राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह पूरे भारत देश में एक साथ मनाया जाता है, इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को सुरक्षा के साथ-साथ विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधित आंदोलनो के प्रति जागरूक करना है.
  • इसे मनाने का एक अन्य उद्देश्य विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना भी है.
  • विभिन्न सुरक्षा स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधित गतिविधियों में विभिन्न व्यवसाय मालिको द्वारा अपने कर्मचारियों को जोड़कर सहभागी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना.
  • इस अभियान के माध्यम से जरूरत आधारित गतिविधियों, कानूनी आवश्यकताओ के साथ आत्म-निरीक्षण और आधिकारिक स्वास्थ्य सुरक्षा और पर्यावरण संबंधित गतिविधियों को वर्क प्लेस पर बढ़ावा देना.
  • मालिको और कर्मचारियों को उनकी कानूनी ज़िम्मेदारी याद दिलाकर वर्क प्लेस पर सुरक्षा को बढ़ावा देना.
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ऐतिहात बरतने वाली प्रवृत्ति के साथ सुरक्षा को बढ़ावा देना.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम 2011 -2024 (Themes of National Safety Day)

इस प्रकार हर वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक विशेष ध्येय के साथ मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस और जागरूक किया जा सके.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की गतिविधियां और कार्यक्रम (Safety Week Activities and Events) –  

यह सप्ताह विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न ओद्योगिक संगठनो द्वारा मिलकर मनाया जाता है. ये संस्थाए विभिन्न कार्यक्रमों और विभिन्न प्रमोशनल मटेरियल्स के द्वारा लोगों में राष्ट्रीय सुरक्षा कि भावना को जागरूक करती है. इन कार्यक्रमों को विभिन्न इलेक्ट्रोनिक मीडिया पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और अन्य ओद्योगिक पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जाता है.

इस पूरे राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के दौरान राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर विभिन्न गतिविधियों जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता, सेमिनार, सुरक्षा संदेशो के पोस्टर, स्लोगन, निबंध प्रतियोगिता, सुरक्षा पुरुस्कार वितरण, बैनर प्रदर्शनी, विभिन्न नाटक गीत तथा खेल प्रतियोगिता, विभिन्न कार्यशालाए और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दो पर जागरूक किया जाता है.

इसके अलावा विभिन्न औद्योगिक कर्मचारियों के लिए सुरक्षा के मुद्दे पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि वे अपनी ज़िम्मेदारी अच्छे से समझ सकें. इस प्रशिक्षण में उन्हे विभिन्न मशीनों, रसायनिक और विद्युत जोखिमो से निपटने और विभिन्न सुरक्षा उपकरणो जैसे अग्निशामक, प्राथमिक चिकित्सा आदि का ज्ञान दिया जाता है. इस प्रकार इन कार्यक्रमों का संपूर्ण उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना ही होता है.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्लोगन (Slogan on National Safety Day) –

  • सुरक्षित और स्वास्थ्य कारी कार्यस्थल के लिए मिलकर प्रयास करें.
  • जब तक आप सुरक्षा को अपना प्रथम ध्येय रखते है सफलता हमेशा आपके साथ रहेगी.
  • जीवन सुरक्षा ही सर्वोपरि है, सुरक्षा बिना सब व्यर्थ है.
  • जीवन सुरक्षा कोई नारा नहीं है बल्कि यह एक जीने का तरीका है.
  • आपकी सुरक्षा केवल आप ही की ज़िम्मेदारी है, जो सुरक्षा से नाता तोड़ेगा वह समय से पहले जीवन को छोड़ेगा.
  • आपकी सुरक्षा सिर्फ और सिर्फ आप ही के हाथो में है.
  • स्वयं की सुरक्षा एक बेहद ही सस्ती और कारगर सुरक्षा पॉलिसी है.
  • घर में अपनों कि सुरक्षा अपने हाथो में रखे पर कार में सीट बेल्ट का प्रयोग करे.
  • सेफ्टी एक इंजन है जिसे चालू करने की चाबी केवल आपके पास है.

इस प्रकार राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाने का एक मात्र उद्देश्य आपको आपकी सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. वैसे तो आपकी सुरक्षा आप ही की ज़िम्मेदारी है, पर अन्य लोग आपको इसके लिए जागरूक कर रहे है सुनने में थोड़ा अजीब लगता है. जब आप इस पर गौर करेंगे तो इसके महत्व को जानेंगे और सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण को ही अपना प्रथम ध्येय मानेंगे.

Ans : 4 मार्च

Ans : 4 मार्च से 10 मार्च तक

Ans : दुनिया भर में लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए जागरूक करने के लिए

Ans : परवाह करेंगे, सुरक्षित रहेंगे

Ans : सड़क सुरक्षा नायक बनें

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi

इस लेख में हमने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (Essay on National Safety Week / Day in Hindi) लिखा है। भारत में इस उत्सव का उद्देश्य, कर्त्तव्य और थीम के बारे में पूरी जानकारी दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिन या सप्ताह 4 मार्च से 10 मार्च तक निडरता और जोश के साथ मनाया जाता है।

आईये शुरू करते हैं – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi…

Table of Content

4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना की गई। एक सप्ताह तक यह दिवस जिस जगह मनाया जाता है। वहाँ उस स्थान और उसके चारोंओर की जगह की सुरक्षा जागरूकता को बढावा दिया जाता है।

लेकिन इस प्रकार की सुरक्षा के लिये जनता को जागरूक करना केवल हमारे परिषद की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि उसमें हर एक व्यक्ति का सहयोग होना जरुरी है।  

तब राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन   के द्धारा यह सुरक्षा दिवस प्रारम्भ किया गया और इस तरह लोग इस अभियान में सहयोग देने लगे और इस तरह लोगों अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में जानने लगे। इससे पहले 1930 में एक जर्मन वैज्ञानिक एच. डब्ल्यू. हेनरिच ने घोषणा की “ दुर्घटना तो हर किसी के साथ होती है पर यह जानबूझकर नहीं की जाती है।

तब राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा के लिये प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने की शुरूआत की। उसके बाद से औद्योगिक दुर्घटनाओं की दर में कुछ कमी आई है। यह अभियान लोगों की सुरक्षा और आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुये विशिष्ट गतिविधियों का विकास करने के लिये बनाया गया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाने का उद्देश्य Purpose of National Safety Week and Day Celebration in Hindi

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने के निम्नलिखित उद्देश्य हैं –

  • देश के विभिन्न हिस्सों में, स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन में सुरक्षा लाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है ।
  • विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में प्रमुख खिलाड़ियों की भागीदारी प्राप्त करने के लिये।
  • आवश्यकता-आधारित गतिविधियों के विकास को बढ़ावा देना, कार्यस्थलों पर सांविधिक आवश्यकताओं और पेशेवर एस एच ई प्रबंधन प्रणालियों के साथ आत्मनिर्भरता।
  • कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने में नियोक्ता, कर्मचारियों और उनकी ज़िम्मेदारी से संबंधित अन्य लोगों को याद दिलाने के लिए।
  • संक्षेप में, उपरोक्त उद्देश्यों कार्यस्थल में एस एच ई-संस्कृति बनाने और मजबूत करने और कार्य संस्कृति के साथ एकीकृत करने के समग्र लक्ष्य का हिस्सा हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कार्यस्थल करने वाली जगह पर सुरक्षा को बढ़ावा दिया गया और पूरे भारत वर्ष में यह दिवस मनाया जाता है।

कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस? How National Safety Week or Day is Celebrated in Hindi?

मनुष्यों को जागरूक करने के लिये सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन कई प्रकार के आयोजन करते है जैसे- अपने कार्यकर्ताओं द्धारा सुरक्षा के प्रति नये- नये कार्यक्रम शुरू किये जाते हैं,  इस अभियान से सम्बंधित लोगों को जानकारी दी जाती है, इस कार्यक्रम से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरुस्कृत भी किया जाता है। 

अभियान से संबंधित पोस्टर भी लगाये जाते हैं, इस सुरक्षा अभियान का नारा भी बनाया जाता है, इसके बारे में कई जगह पर लोगों से चर्चा भी की जाती है, सुरक्षा से संबंधित सेमिनार भी किये जाते हैं, इत्यादि ।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के मूल कर्तव्य Basic Duty on National Safety Week in Hindi

हम कह सकते है जो लोग हर जगह सतर्क रहते है और अपनी सुरक्षा भी अपनाते हैं, उन्हें यह राष्ट्रीय सुरक्षा की सुविधा मिलती है और जो सतर्क नहीं होते हैं, वे इस तरह की सुविधा का लाभ नहीं उठा पाते है। हमारी अपेक्षाएँ स्पष्ट है।

  • व्यक्तियों की सुरक्षा का प्रदर्शन करना।
  • दूसरों के द्वारा किये गये सुरक्षित व्यवहार को सक्रियता से प्रोत्साहित किया जाना और असुरक्षित व्यवहार को दूर करने की कोशिश करना।
  • सुरक्षा प्रदर्शन के द्वारा जब जरुरत हो दूसरों को प्रशिक्षित और प्रेरित करना ।
  • ज्ञान को एक दूसरे के साथ बांटकर और आवश्यक संसाधनों को जुटाकर सुरक्षित कार्य करने की प्रणाली बनाया जाना।
  • नव निर्माण के माध्यम से एक अच्छी सुरक्षा को विकसित करने के लिये नये नये उपाय खोजना।

यह पाँच अपेक्षाएँ है जो राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के मूल कर्तव्य भी हैं जिनके द्वारा हम अपने समाज, अपने साथी को सुरक्षित कर सकते है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के थीम National Safety Week / Day Theme 2011-2021

नीचे हमने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह के थीम हिन्दी में वर्ष के साथ दिया है –

  • 2011 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘निवारक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति की स्थापना और रखरखाव करना’।
  • 2012 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करना था – यह एक मौलिक मानव अधिकार है ‘।
  • 2013 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘सुरक्षित और स्वस्थ कार्यस्थल सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना ‘ था।
  • 2014 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘कार्यस्थल और नियंत्रण खतरों पर तनाव का प्रबंधन करें” था और “सुरक्षा हम सभी वर्तनी चहिये ‘।
  • 2015 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘सतत आपूर्ति श्रृंखला के लिए एक सुरक्षा संस्कृति बनाये ‘।
  • 2016 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘ऐसा सुरक्षा आंदोलन जिसमें लोगों को कोई नुकशान न हो ‘।
  • 2017 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘एक दूसरे को सुरक्षित रखें ‘।
  • 2018 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘सुरक्षा हमारी प्राथमिकता नहीं है, यह हमारा मूल्य है ‘।
  • 2019 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा ‘।
  • 2020 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘सुरक्षाकर्मियों को सलाम ‘।
  • 2021 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘ सड़क सुरक्षा (Road Safety) ‘.

निष्कर्ष Conclusion

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ने आज हर नागरिक को सुरक्षा के प्रति जागरूक बना दिया है। इस राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की वजह से दुनियां का हर नागरिक अपना सुरक्षित जीवन जी रहे है और अपने सुरक्षा के अधिकारों का भरपूर उपयोग कर रहे है।

आशा करते हैं आपको राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (Essay on National Safety Week / Day in Hindi) अच्छा लगा होगा।

6 thoughts on “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi”

अच्छा रचना है

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध, 2023 थीम और महत्व | National Safety Day Essay in Hindi

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राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 2023 पर निबंध (National Safety Day Essay in Hindi, Safety Day Theme 2023, National Security Day 2023, Essay on National Safety Day and Week 2023 in Hindi)

National Safety Day 2023: आज इस लेख के जरिए हम आपको भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/सप्ताह पर निबंध (National Safety Day 2023 Essay In Hindi) के बारे में बताने वाले हैं।

भारत में हर साल 4 मार्च का दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए केवल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ही नहीं अपितु राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च से ही होती है और यह सप्ताह 10 मार्च तक चलता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह हर साल एक नई थीम अर्थात विषय के साथ मनाया जाता है।

इस साल भी 4 मार्च 2023 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाएगा और 4 मार्च 2023 से लेकर 10 मार्च 2023 तक राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह के खास मौके पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों और सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह पर निबंध लेखन (Essay On National Safety Day / Week In Hindi) प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?
  • राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध व कविता
  • राष्ट्रीय बालिका दिवस पर निबंध व भाषण
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 पर स्लोगन

विषय–सूची

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 का संक्षिप्त विवरण (Essay on National Safety Day in Hindi)

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (national safety day essay in hindi) –, प्रस्तावना–.

प्रत्येक वर्ष 4 मार्च का दिन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 4 मार्च 1972 का दिन वह विशेष दिन था जब राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की पहल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Safety Council) ने की थी। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसकी स्थापना 4 मार्च साल 1966 में मुंबई में सोसायटी अधिनियम एक्ट के तहत की गई थी।

यही कारण है कि 4 मार्च के दिन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना होने के कारण साल 1972 से इसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

जब भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत हुई तो उस समय भारत के राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी थे। जिन्होंने सुरक्षा मामले में जागरूकता की गंभीरता को समझते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का आह्वान किया ताकि भारतीय उद्योगों और उद्योगपतियों को औद्योगिक सुरक्षा के मामले में जागरूक किया जा सके।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत होने के बाद लगातार भारत में होने वाली औद्योगिक और अन्य दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिली है। सुरक्षा मामलों में यह सतर्कता और उपलब्धि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह की ही देन है।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह मनाने के उद्देश्य –

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य भारतीय लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वयं की सुरक्षा दोनों के प्रति जागरूक करना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के खास मौके पर पूरे सप्ताह भर राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इन सुरक्षा कार्यक्रमों के जरिए न केवल देश की राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा इत्यादि मुद्दों पर भी चर्चा होती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस केवल लोगों को उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक ही नहीं करता बल्कि परस्पर सुरक्षा में सहयोग की भूमिका के लिए भी प्रेरित करता है। इस पूरे सप्ताह और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के विशेष मौके पर सुरक्षा के उपायों पर गहन शोध और चर्चाएं होती हैं।

आपकी और हमारी सुरक्षा केवल सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और हमें अपनी जिम्मेदारी का पूरी तरह निर्वहन करना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह और दिवस पर्यावरण तथा परिवेश की सुरक्षा के लिए भी समर्पित होता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह के मुद्दों में पर्यावरण की स्वच्छता, प्रदूषण की रोकथाम, औद्योगिक सुरक्षा, गरीबी एवं बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन, आतंकवाद और नक्सलवाद से सुरक्षा तथा नारी सुरक्षा सशक्तिकरण और स्वावलंबन जैसे विषय शामिल होते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह के कार्यक्रम –

भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की गतिविधियां 4 मार्च को शुरू होती हैं और 10 मार्च तक चलती हैं।

सप्ताह के 7 दिनों में अलग-अलग मुद्दों पर अलग-अलग गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा के ऊपर भी विचार-विमर्श किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह और दिवस भारत की सीमा सुरक्षा के लिए भी बेहद विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह नेशनल सिक्योरिटी से भी संबंधित है। इन खास मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों में भारत की सीमा सुरक्षा पर कुर्बान वीर जवानों और सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद भी किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 की थीम (National Safety Day Theme 2023)

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह भारत में हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है।

इस दिवस को थीम के साथ मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य है अलग-अलग विषयों पर एक-एक करके प्रकाश डालना और उनसे जुड़ी हुई समस्याओं का निपटारा करना।

इस साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 के लिए एक नई थीम “Our Aim – Zero Harm” अर्थात् “हमारा लक्ष्य – शून्य नुकसान” निर्धारित की गई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह का महत्व –

सुरक्षा के प्रति जागरूकता को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक बेहद खास दिन है। इसके कार्यक्रम लगातार राष्ट्र की सुरक्षा और राष्ट्रीय नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ावा देने में और उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

जब से राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह बनाने की शुरुआत हुई है भारत में औद्योगिक दुर्घटनाओं में बेहद कमी आई है और लगातार औद्योगिक सुरक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ती जा रही है।

सुरक्षा दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य ही है लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना।

भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद –

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर लाभकारी संगठन है जिसका काम राष्ट्रीय सुरक्षा और उसकी रणनीति के मामले में लोगों को सुझाव देना और जागरूक करना है।

इसकी स्थापना 4 मार्च 1966 को भारतीय श्रम मंत्रालय द्वारा की गई थी।

सुरक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना केवल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का काम नहीं है बल्कि यह हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है।

हमें एक साथ मिलकर देशभर के लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा पर्यावरण की सुरक्षा और उनके स्वयं की सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए।

हमें परस्पर सुरक्षा में सहयोग की भूमिका निभानी चाहिए और हमेशा एक दूसरे की सुरक्षा में मदद करनी चाहिए।

इन्हें भी पढ़ैं-

  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 पर भाषण व निबंध
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Essay on Safety in Hindi | हिंदी में सुरक्षा पर निबंध

Essay on Safety in Hindi

Essay on safety in Hindi: यदि हम खुद की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं तो कई तरह की परेशानियों से खुद को बचा सकते हैं। यानी खुद की Safety बहुत जरूरी है।

खुद की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है इसी बात को समझाने के उद्देश्य से परीक्षाओं में Safety Essay in hindi अक्सर पूछा जाता है।

इसीलिए Students की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यहाँ पर Essay on road safety in hindi और Industrial Safety rules in hindi दिया जा रहा है, जिसमे हम Road safety rules, Indrustrial safety rules आदि के बारे में जानेंगे।

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Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 300 words

आवागमन के लिए दुनिया के अधिकतर व्यक्ति सबसे ज्यादा रोड का ही उपयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि यातायात का यह तरीका बहुत ही सुरक्षित हो।

रोड सेफ्टी को बढ़ाने के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं यदि उन नियमों का सही ढंग से पालन हो तो सड़क हादसों की संख्या बहुत कम हो सकती है। लेकिन यदि वर्तमान के आंकड़ों पर गौर करें तो यह चिंताजनक है भारत में रोड एक्सीडेंट की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।

यातायात के नियम

रोड यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए यातायात से संबंधित कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। रोड यात्रा से संबंधित यातायात के नियम निम्नलिखित हैं:-

  • हमेशा रोड के बाएं साइड ही चलना चाहिए।
  • नशे की हालत में कभी भी गाड़ी नहीं चलाना चाहिए।
  • बाइक चलाते वक्त हमेशा हेलमेट पहनना चाहिए।
  • अपने वाहन के टायरों को समय-समय पर जांचते रहना चाहिए।
  • भीड़भाड़ वाले इलाकों में तेज गति से वाहन नहीं चलाना चाहिए।
  • सड़क पार करने के लिए हमेशा जेबरा क्रॉसिंग का उपयोग करना चाहिए।
  • रोड में वाहन चलाते समय अपने वाहन और दूसरे वाहन के बीच उचित दूरी बनाए रखना चाहिए।
  • वाहन चलाते वक्त ट्रैफिक सिग्नल का ध्यान रखना चाहिए।
  • दोपहिया वाहनों में दो व्यक्ति से ज्यादा नहीं बैठना चाहिए।

बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर अर्थदंड ₹500 था, जो अब बढ़ाकर ₹5000 कर दिया गया है। वहीं बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर अर्थदंड के तौर पर ₹1000 लिया जाता है।

यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए इस तरह के नियमों में बदलाव निश्चित रूप से सराहनीय है आगे भी हम इसी तरह के कई बदलावों की अपेक्षा करते रहेंगे।

Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 500 words

W.H.O के अनुसार भारत मे प्रतिवर्ष रोड दुर्घटना से 10 लाख से ज्यादा लोगो की मृत्यु हो जाती है। हर दिन करीब 1317 लोगो के साथ रोड दुघर्टना होती है, जिनमे से 413 लोगो की मौत हो जाती है।

इनमे से कई ऐसे लोग भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं जिनकी कोई गलती नही होती है। वो सभी नियमों का पालन कर रहे होते हैं, लेकिन किसी और कि गलती के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।

Traffic नियम के महत्व (Importance of traffic rules)

Traffic नियम का पालन करना बहुत जरूरी है। ट्रैफिक रूल इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चलता रहे। यदि कोई भी इन नियमों को तोड़ता है तो इससे सड़क सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।

Traffic light सबसे महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इन्ही के जरिए लोगो को पता चलता है कि कब गति को धीरे करना है, कब रुकना है और कब चलना है।

यदि कोई Traffic light के बारे में नही जानता तो वह न समझी में इन signals को तोड़ देगा जिससे कि बाकी व्यक्तियों को असुविधा हो सकती है।

सड़क दुर्घटना होने के मुख्य कारण

आज देश मे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में इनके पीछे प्रमुख कारणों के बारे में जानना आवश्यक है। भारत मे सड़क दुर्घटना के कारण निम्नलिखित है:-

  • हमारे देश मे रोड की हालत काफी खराब रहती है। जिसकी वजह से कई दुर्घटनाएं होती है।
  • लोगो को ट्रैफिक संबंधी नियमों का सही ज्ञान नही होता है , जिस वजह से दुर्घटनाएँ होती है।
  • कई लोग बिना हेलमेट के और बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाते हैं जो भी सड़क दुर्घटना में मृत्यु का एक बड़ा कारण बनता है।
  • गलत दिशा से ओवरटेक करने के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • बिना इंडिकेटर दिए मुड़ जाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • कभी-कभी पैदल यात्री अचानक एक दिशा में मुड़ जाते है , जिसकी वजह से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • शराब पीकर वाहन चलाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए क्या करें

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:-

  • नशे की हालत में गाड़ी चलाने से हमेशा बचना चाहिए।
  • गाड़ी चलाने से पहले हमेशा वाहन के ब्रेक और टायर चेक कर लेना चाहिए।
  • कार चलाते वक्त हमेशा सीट बेल्ट लगाना चाहिए।
  • हेलमेट पहन कर ही बाइक चलाना चाहिए।
  • जरूरत पड़ने पर हमेशा इंडिकेटर को प्रयोग करना चाहिए।
  • कभी भी दूसरे वाहन को उल्टी दिशा से ओवरटेक नहीं करना चाहिए
  • सिग्नल्स का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कभी भी सिग्नल तोड़ने की कोशिश नहीं करना चाहिए।
  • कहीं जाने से पहले कोशिश करें कि आप वक्त से थोड़ा पहले घर से निकले ताकि आपको ज्यादा गति से वाहन ना चलाना पड़े।

अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं इंसानी गलतियों के कारण ही होती है। यदि इन गलतियों में कमी लाया जाए तो रोज होने वाले सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है।

यदि आप सावधान है और सुरक्षा संबंधी उपाय करते है तो सड़क दुर्घटना में अपनी जान बचा सकते हैं। इसलिए हमेशा यात्रा करने से पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित जरूर कर लें।

Industrial Safety Essay in Hindi (औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध ) – 500 words

आज देश की एक बहुत बड़ी आबादी अपनी आजीविका लिए फैक्ट्रियों में काम करती है। ऐसे में यह बहुत ही बहुत आवश्यक हो जाता है कि उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।

हालांकि औद्योगिक सुरक्षा के लिए आजकल कई विशेष कानून बन चुके हैं जिसमें किसी भी कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी और मजदूर पूरी तरह से सुरक्षित रहें।

आजकल हर कंपनी की यह कानूनी जिम्मेदारी है कि वह काम करने वालों को सुरक्षा संबंधी सभी जरूरी चीजें मुहैया करवाए। यदि कंपनी में सुरक्षा के संबंध में लापरवाही बढ़ती है तो कोई भी कर्मचारी इसके खिलाफ कानूनी सहायता ले सकता है।

Industrial safety rules in hindi ( औद्योगिक सुरक्षा के नियम)

औद्योगिक सुरक्षा के नियम निम्नलिखित है:-

  • काम करने के दौरान किसी भी तरह गड़बड़ दिखाई देने पर तुरंत सुपरवाइसर को बताएं।
  • कोई भी मशीन को चलाने से पहले उसे अच्छे से जाँच लें।
  • किसी भी मशीन को चलाने से पहले या कोई रासायनिक काम करने से पहले सभी जरूरी सुरक्षा उपकरणों को जरूर पहन लें।
  • काम के दौरान अपने साथी से मजाक न करें क्योंकि एक छोटी सी भूल बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है।
  • यदि आप कोई ऐसा काम कर रहे हैं जिसमे आग लगने की संभावना बनी रहती है तो अपने पास उतना ही समान रखें जितना जरूरी है। काम खत्म होने के
  • बाद सभी चीजों को उनके उचित स्थान पर जरूर रख दें।
  • काम के दौरान यह सुनिश्चित करें कि कोई भी नट-बोल्ट ढीला तो नही है। सभी मशीनों को जांचे। साथ ही यदि ऊपर क्रेन लगी तो इस बात को सुनिश्चित
  • कर लें कि उसकी पकड़ मजबूत है।
  • किसी भी सामान को गिरने न दें। इसके लिए नेट लगाया जा सकता है।
  • काम के दौरान आसपास की सफाई का विशेष ध्यान रखें। आसपास तेल गिरा होने पर उसे साफ करते रहना चाहिए।
  • कभी भी जल्दबाजी में काम न करें। हर काम को सोच समझ कर ही करें।
  • काम के दौरान पूरी सजकता बनाकर रखें।
  • काम करने की जगह पर फर्श चिकना नही होना चाहिए।
  • हर फैक्ट्री में आपातकालीन दरवाजा जरूर होना चाहिए। साथ ही आपातकालीन दरवाजे के आसपास की जगह बिलकुल खाली हो ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में लोग आसानी से निकल सकें।
  • किसी भी मोटर या मशीन में यदि चैन लगी हो तो उसके ऊपर चैन कवर होना जरूरी है।
  • हर फैक्ट्री में सेफ्टी अलार्म जरूर होना चाहिए। साथ ही उचित मात्रा में अग्निशामक यंत्र होना चाहिए।

औद्योगिक सुरक्षा क्यों जरूरी है?

कोई भी क्षेत्र में व्यक्ति तभी पूरी ऊर्जा से काम कर सकता है जब वह अपनी सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित हो। हमने पिछले कुछ सालों में कई बड़ी बड़ी दुर्घटनाओं को होते हुए देखा है।

इन्ही में से एक भोपाल गैस त्रासदी है। कई लोग कंपनियो में काम करने के दौरान चोटिल हो जाते हैं तो वही काफी लोगो की जान भी चली जाती है।

इसकी वजह है सुरक्षा मानकों का पालन करने में लापरवाही बरतना। कई कंपनियां सुरक्षा के लिए तय मानकों पर खरी नही उतरती है।

हालांकि आज देश मे इस दिशा में बहुत तेजी से काम हो रहा है। समय समय पर हर कंपनी की जाँच होती है, जिसमें इन सब बातों का जायजा लिया जाता है।

वहीं आज कर्मचारियों को भी यह अधिकार है कि यदि कोई कंपनी कामगारों की सुरक्षा में लापरवाही बरतती है तो उसके खिलाफ कानूनी मदद ले सकता है।

हमें अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। फिर चाहे हम सड़क में चल रहे हों या किसी जगह काम कर रहे हों। छोटी छोटी लापरवाहियां कभी कभी जिंदगी भर का दर्द दे जाती है।

Detailed information of Essay on Safety in Hindi

आज के समय मे खुद की सुरक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। आज लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में इतने ज्यादा व्यस्त हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी छोटी-छोटी चीजों के ऊपर भी ध्यान देने का वक़्त नही मिलता।

ऐसा करके हम कही न कहीं अपने ही जीवन में खतरे को दावत दे रहे हैं। हमारा जीवन सुचारु रुप से चलता रहे और किसी भी तरह की परेशानियों से हम दूर रहे इसके लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि हम खुद की सुरक्षा पर ध्यान दें।

क्योंकि कभी-कभी छोटी सी भी लापरवाही हमें बड़ा नुकसान दे सकती है। इसलिए खुद की सुरक्षा के प्रति सजग रहना नितांत आवश्यक है।

किस तरह की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए?

सुरक्षा कई तरह की होती है। हमें इन सभी के प्रति सजग रहना चाहिए। हम अपने जीवन में जिन जिन क्षेत्रों पर क्रियाशील रहते हैं उन सभी क्षेत्रों से जुड़े हुए सुरक्षा मापदंडों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।

साथ ही जीवन मे कई चीज़े एक साथ चलती है , और वो सभी आपस मे जुड़ी होती है। इसलिए यदि किसी एक चीज़ में भी कोई समस्या उत्पन्न होती है तो दूसरा क्षेत्र खुद ही प्रभावित हो जाता है।

उदाहरण स्वरूप हमारा स्वास्थ्य और हमारी आर्थिक स्थिति कही न कही एक दूसरे से जुड़ी हुई है। जैसे कि यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो हम ज्यादा मेहनत कर पायेंगे।

अपने ऑफिस या बिज़नेस में ज्यादा उत्साह और स्फूर्ति के साथ काम कर पाएंगे। जिसका परिणाम यह होगा कि हमारी आर्थिक तरक्की होगी।

मेहनत जितनी ज्यादा होगी हमारा बिजनेस उतना आगे बढ़ेगा। वही यदि आप ऑफिस में काम कर रहे है तो आपके बॉस निश्चितरूप से आपके मेहनती स्वभाव से प्रभावित होंगे।

वहीं यदि स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो आप अपने काम में पूरी ऊर्जा नहीं लगा पाएंगे जिससे कहीं ना कहीं आप की आर्थिक प्रगति भी प्रभावित होगी।

वही इसका दूसरा पहलू भी आप देखते हैं यदि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है तो आप कम काम करके भी अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। पर आर्थिक स्थिति खराब है तो आपको ज्यादा काम करना पड़ेगा, जिसका विपरीत प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा।

यह कहने का तात्पर्य बस इतना है कि हमारे जीवन में जो भी क्रियाकलाप चलते हैं वह सभी आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनमें से यदि एक पर भी कोई विपरीत प्रभाव पड़ता है तो दूसरे क्षेत्र भी प्रभावित होंगे। इसीलिए हर क्षेत्र की सुरक्षा का ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है

किन किन क्षेत्रों में हमें सुरक्षा का ध्यान देना चाहिये?

हमारी जिंदगी सुचारू रूप से चलते रहे और जीवन में खुशी बरकरार रहे इसके लिए हमें पहले से ही आने वाले संभावित खतरों के प्रति सजग रहना चाहिए और उनसे बचने के लिए सुरक्षा संबंधी उपाय करते रहना चाहिए। वह सभी क्षेत्र जिनसे जुड़ी सुरक्षा में विशेष ध्यान रखना चाहिए निम्नलिखित है:

  • अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा
  • काम करने के दौरान सुरक्षा
  • यात्रा के दौरान सुरक्षा
  • छोटे बच्चों की सुरक्षा
  • आर्थिक स्थिति की सुरक्षा

पारिवारिक रिश्तों की सुरक्षा

स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा..

हम सब चाहते हैं कि स्वस्थ रहें, हमें किसी तरह की बीमारी ना हो, हमें कभी हॉस्पिटल या डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़े, लेकिन ये ख्वाइश होने के बावजूद भी हम अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत लापरवाही बरतते हैं।

हम हर चीजो के ऊपर ध्यान देने के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं लेकिन स्वास्थ्य एक ऐसी चीज है जिस पर हम जरा भी ध्यान नहीं देते हैं।

हम सब यह जानते हैं कि योग हमारे तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए कितना अहम योगदान दे सकता है।

साथ ही हम सब लोग यह भी जानते हैं कि नशीली और मादक पदार्थों का सेवन हमारे शरीर पर कितना बुरा प्रभाव डालता है, लेकिन फिर भी ना तो योग को अपने जीवन में शामिल करते हैं और हम में से कुछ लोग नशीली पदार्थों का सेवन भी करते हैं।

हमने अपनी दिनचर्या में ऐसी आदतों को बहुत ज्यादा शामिल कर लिया है जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं

लेकिन यदि आपको अपने जीवन का आनंद लेना है, जीवन के हर एक आयाम का सुख लेना चाहते हैं और वृद्धावस्था में भी स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो आपको बचपन से ही अपने स्वास्थ्य के ऊपर विशेष ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए।

हमें अपने दिनचर्या में ऐसी आदतों को शामिल करना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें। कुछ ऐसी ही स्वास्थ्य संबंधी आदतें हैं जो हर एक इंसान को अपने जीवन में शामिल कर लेना चाहिए।

समय-समय पर स्वास्थ्य की जाँच

युवावस्था से ही हमें यह आदत डाल लेनी चाहिए कि महीने में कम से कम एक बार अपनी सेहत की पूरी जांच जरूर करवाएं। इन जांच में ब्लड टेस्ट ब्लड प्रेशर टेस्ट आदि शामिल होना चाहिए।

समय-समय पर सेहत की जांच करवाने से सेहत से संबंधित किसी भी खतरे के बारे में हमें वक्त से पहले ही पता चल जाता है और हम सही समय पर इलाज शुरू कर देते हैं।

खतरनाक जगहों से खुद को बचा कर रखें

अपनी सेहत का बचाव करने के लिए यह भी जरूरी है कि कभी खुद को ऐसी परिस्थिति में ना डालें जो कि आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो।

जैसे आप एक बहुत अच्छे तैराक हैं पर यदि आप एक ऐसी जगह पर तैर रहे हैं जहां पहले ही यह चेतावनी लिखी हुई है कि वहां तैरना जानलेवा साबित हो सकता है।

लेकिन उसके बावजूद भी आप उस चेतावनी को नजरअंदाज करके वहां तैर रहे हैं, इससे आपकी जान भी जा सकती है।

इसलिए जब भी घर से बाहर रहे तो सतर्क रहें अपने आसपास होने वाली हर एक घटना के प्रति सजग रहें और जरूरी संकेतों और चेतावनी पर विशेष ध्यान रखें।

अपने हाथों को धोएं

अधिकतर लोग खाना बनाते वक्त और खाते वक़्त एक बहुत बड़ी लापरवाही करते हैं। हम खाना बनाने से पहले हाथ नहीं धोते हैं। साथ ही खाना खाने के पहले भी हाथ नहीं धोते हैं।

यदि आपकी दिनचर्या में भी ऐसी ही कुछ आदतें शामिल है तो आप सतर्क हो जाइए, क्योंकि आप एक बहुत बड़ी समस्या को दावत दे रहे हैं।

आपके हाथों में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो आपके शरीर के अंदर जाकर सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। हाथ धुलना हमारे लिए कितना जरूरी है यह हम सब कोरोनावायरस के कारण अब जान चुके हैं। इसलिए खाना बनाने और खाना खाने से पहले हाथ साबुन से अच्छी तरह धुलना चाहिए।

खाने में संयम रखें

हमेशा ऐसा भोजन करने से बचना चाहिए जो बहुत ज्यादा तेल मसाले वाला हो। कभी-कभी ऐसा भोजन किया जा सकता है, पर यदि ऐसा ही भोजन आप नियमित तौर पर करते हैं तो यह बात निश्चित है कि एक दिन आपको इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिलेंगे इसलिए हमेशा सादा भोजन ही करें।

ज्यादा से ज्यादा पानी पीने

डॉक्टरों का मत है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए क्योंकि पानी की मदद से ही हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

सोने और जागने का समय निश्चित हो

हमारे पूर्वज कहते थे कि जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठता है वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की करता है। बहुत समय पहले कही गई यह बात आज भी पूरी तरह सत्य है।

यदि हम अपने सोने और जागने के वक्त को तय कर लेते हैं तो हमारे सभी काम सही तरह से चलने हैं। हमें दिन का वक्त मिलता है जिसमें हम बाकी कामों को आराम से कर सकते हैं, साथ ही सेहत भी अच्छी रहती है।

यात्रा करने के दौरान सुरक्षा

अधिकतर लोग कभी ना कभी यात्रा जरूर करते हैं। कुछ लोग काम के सिलसिले में यात्रा करते रहते हैं, तो वहीं कुछ लोग शौकिया तौर पर घूमने के उद्देश्य से यात्रा करते हैं। लेकिन यहां पर भी हम अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना भूल जाते हैं।

नीचे कुछ बिंदु दिए गए हैं। यदि आप इनका पालन करते हैं तो अपनी यात्रा के दौरान खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

पैसे की सुरक्षा का ध्यान रखें

जब हम किसी दूसरे जगह घूमने जाते हैं तो सबसे अधिक दिक्कत होती है पैसे को सुरक्षित रखने की। सबसे पहले कोशिश करनी चाहिए कि हम कैश कम से कम लेकर के चलें।

हमेशा ऐसे इलाकों में एटीएम का उपयोग करना चाहिए जहां पर लोग मौजूद हों। रात के वक्त कभी भी पैसे निकालने नहीं जाना चाहिए। कैश की जगह आप अधिक से अधिक क्रेडिट कार्ड या ट्रैवलर चेक का उपयोग कर सकते हैं।

घूमने की जगह

कभी भी ऐसी जगह पर घूमने के लिए ना जाए जो बहुत ही ज्यादा सुनसान है। खासकर रात के वक्त ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए। आमतौर पर यह माना जाता है कि जिस जगह महिलाएं और बच्चे घूमते हैं वह जगह सुरक्षित होती है। रात के वक्त किसी सड़क में भी नहीं घूमना चाहिए।

अपने दस्तावेजों की सुरक्षा

यदि आप विदेश में हैं और वहां आपके जरूरी डॉक्यूमेंट चोरी हो गए तो फिर काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा उनको एक सुरक्षित जगह पर रखें जहां किसी की पहुँच न हो।

जानकारों की तरह पेश आए

जब भी आप किसी जगह घूमने के लिए जाएं इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई आपकी वेशभूषा देख कर के यह न समझ पाए कि आप इस जगह से बिल्कुल अनजान है।

यदि आपको नहीं पता कि आप किधर जा रहे हैं फिर भी आत्मविश्वास से भरे रहें। आपके कपड़े कुछ इस तरह के होने चाहिए कि वहां के लोकल लोगों के बीच घुल-मिल जाए। यदि आपने अपने साथ मैप लिया है तो उसे देखते हुए सतर्कता बरतें। क्योंकि कोई भी यदि आप पर नजर रख रहा होगा तो वह आसानी से समझ जाएगा कि आप घूमने आए हैं और मौका मिलते ही चोरी करने की कोशिश कर सकता है।

काम करने के दौरान सुरक्षा.

24 घंटे में हम लोगों का अधिकतर वक्त काम करने में व्यतीत होता है ऐसे में यह बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप काम करने के दौरान खुद को सुरक्षित करके रखें।

फैक्ट्री में काम करने के दौरान सुरक्षा

यदि आप किसी फैक्ट्री में काम कर रहे हैं तो सुरक्षा मापदंडों का विशेष ध्यान रखें। जैसे किसी मशीन को चलाते वक्त हेलमेट पहन कर रखे।। वेल्डिंग करते वक्त आंखों में चश्मा पहन कर रखें। यदि आप केमिकल से संबंधित कोई काम कर रहे हैं तो हाथों में ग्लब्स पहन कर ही काम करें।

ऑफिस में काम करने के दौरान सुरक्षा.

यदि आप किसी ऑफिस में काम कर रहे हैं तो बीच-बीच में अपने शरीर को आराम देते रहें। एक ही स्थिति में लंबे वक्त तक बैठे रहने के कारण शरीर में तनाव उत्पन्न हो जाता है।

इसलिए थोड़ा उठे और शरीर को स्ट्रेच करें, वॉशरूम जाकर अपनी आंखों को धुले और पानी पियें। यानी हर एक से डेढ़ घंटे के बाद अपने शरीर को 15 मिनट का आराम दे सकते हैं।

छुट्टियों का सही उपयोग करें.

आजकल हर संस्था में काम का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जिसकी वजह से हर संस्था में काम करने वाले लोग शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक थकान का भी अनुभव करते हैं।

एक लंबे वक्त तक मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरने के बाद व्यक्ति के अंदर डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या जन्म ले लेती है। इसलिए हर किसी को समय-समय पर अपने काम से अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

हर कर्मचारी को 365 दिनों में कुछ दिनों की छुट्टी लेने का अधिकार है पर हम लोग छुट्टी नहीं लेते हैं,जो कि गलत है।

आजकल अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है इसलिए समय-समय पर जरूरी अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

छोटे बच्चों की सुरक्षा.

छोटे बच्चे भी हमारे ही जीवन का हिस्सा है। यदि उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होती है तो उसकी वजह से भी हमारा जीवन प्रभावित होता है। इसलिए छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

परवरिश पर ध्यान दे.

छोटे बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है। उनका शारीरिक और मानसिक विकास किसी भी तरह से अवरुद्ध ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वह हमारे देश और समाज के भविष्य हैं और एक स्वस्थ बच्चा ही आगे चलकर के एक स्वस्थ नागरिक बन सकेगा।

सेहत पर ध्यान

छोटे बच्चों को किसी भी तरह की समस्या होती है तो डॉक्टर को दिखाने में देरी बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि आजकल कई तरह की बीमारियां फैल चुकी है जिनसे छोटे बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं।

शिक्षा पर ध्यान

बच्चों का सही उम्र में एडमिशन स्कूल में करवा दें घर में हमेशा ऐसा माहौल रखे जिससे बच्चे सीखने के प्रति ज्यादा प्रेरित हो सकें। पढ़ाई के साथ-साथ उनके अंदर कुछ रचना रचनात्मक काम करने की आदत भी डालें जिससे कि वह अपनी सृजनात्मक क्षमता का भी विकास कर सकें।

आर्थिक स्थिति की सुरक्षा.

आज के वक़्त महगाई जिस तरह से बढ़ रही है उसे देखते हुए अपनी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। आर्थिक सुरक्षा का मतलब है की आपके पास पैसे कमाने के पर्याप्त साधन मौजूद हो और उनसे इतना पैसा आता हो कि आपकी सभी जरूरतें पूरी हो रही हों। साथ ही आप के बैंक खाते पूरी तरह से सुरक्षित हो।

बैंक से जुड़ी चीज़े चेक करते रहे।

कई लोगों की एक अच्छी आदत होती है, वह अपने बैंक स्टेटमेंट और अकाउंट से जुड़ी गतिविधियों को बीच-बीच में चेक करते रहते हैं।

आपको समय समय पर अपना क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहना चाहिए। यदि कोई आपके खाते से गलत तरीके से पैसे निकाल रहा है तो आपको उसकी जानकारी लग जाएगी और आप अपने खाते की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी उपाय कर पाएंगे।

आजकल कई तरह के फ्रॉड फैल चुके हैं जिनके जरिए किसी भी व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं और संबंधित व्यक्ति को पता भी नहीं चलता।

पासवर्ड सुरक्षित रखें

आजकल हम बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां अपने मोबाइल के जरिए ही करते हैं। पैसे ट्रांसफर करने का काम भी मोबाइल एप के जरिए करते हैं।

लेकिन यहां पर हम से एक बड़ी चूक हो जाती है। इन एप्स का पासवर्ड बहुत ही आसान रख देते हैं। आपके प्रति यदि कोई गलत भावना रखता है तो बड़ी आसानी से वह पासवर्ड पता करके आपके बैंक से पैसे किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड रखें साथ ही हर चीज के लिए पासवर्ड अलग अलग रखें।

ईमेल के प्रति सतर्क रहें

आजकल धोखेबाजी की घटनाएँ मेल के जरिए होती हैं। हमें कई ऐसे ईमेल मिलते हैं जिन पर एक क्लिक करते ही बैंक की सारी जानकारी किसी हैकर के पास चली जाती है।

जिसके बाद वह हमारे बैंक अकाउंट का सारा पैसा ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए ऐसे ईमेल के प्रति सतर्क रहें साथ ही ऐसे मेल को अपने इनबॉक्स में ना रखें और इन्हें डिलीट करते रहे।

सारी जानकारी सोशल मीडिया में शेयर ना करें

जब से सोशल मीडिया का दौर शुरू हुआ है तब से हमें एक बहुत बुरी लत लग गई है। हम अपने जीवन की हर एक छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं, और इन्हीं सब जानकारियों का फायदा हैकर्स के द्वारा उठाया जाता है। इसलिए कोशिश करें कि सोशल मीडिया में वही सब शेयर करें जो जरूरी हो और जिनसे आप की सुरक्षा को कोई खतरा ना हो।

इंसान जैसे-जैसे तरक्की करता जा रहा है वैसे ही रिश्तो की उम्र भी छोटी होती जा रही है। चाहे वह रिश्ता पति पत्नी का हो या पिता-पुत्र का आजकल हर तरफ रिश्तो में तनाव देखने को मिलता है।

एक सर्वे में यह बात बताई गई थी कि हम अपनी जिंदगी में कितने खुश रहेंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे रिश्ते कितने मजबूत हैं।

यदि हम रिश्तो के मामले में कमजोर हैं तो फिर दुनिया की सारी चीजें मिल करके भी हमें वह खुशी नहीं दे सकती जो हमें चाहिए।

इसलिए अपने रिश्ते को सुरक्षित बनाएं, फिर वह रिश्ता भले ही किसी के साथ हो। आपको जब भी वक्त मिले अपने दोस्तों से फोन पर बात करें और उनके बारे में जान जानकारी लें।

पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही संवेदनशील होता है। एक छोटी सी बात भी रिश्ते में बहुत बड़ी खटास डाल सकती है। इसलिए अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। काम की व्यस्तता के बीच दोनों लोगों को कुछ वक्त एक दूसरे के लिए जरुर निकालना चाहिए।

यदि आप एकल परिवार में रहते हैं तो हमेशा अपने दादा-दादी, नाना-नानी,चाचा-चाची से मिलने का वक्त निकाले। यदि संभव हो तो दिन में एक बार एक साथ बैठकर भोजन करना चाहिए।

जीवन की निश्चित समय सीमा है। इस पूरे समय को जीवन में नई ऊंचाइयां हासिल करने में लगाना चाहिए। लेकिन आप यह तभी कर पायेंगे जब इन सब छोटी मोटी बातों में आपका ध्यान न हो।

कहने का मतलब यह है कि जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए जितनी भी जरूरी चीज़े करनी पड़ती है, उन सब को अपनी आदत में शामिल कर लीजिए। उन्हें बार बार याद करने की जरूरत न पड़े, बल्कि आदतन हों।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस २०२१ - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम - उपसंहार।

लोगों के बीच में सुरक्षा जागरुकता को बढ़ाने के लिए हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान मनाया जाता है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी सहायता सेवा के साथ उनको लाभ पहुँचाने के द्वारा उनके आर्थिक नुकसान और विभिन्न मानव समस्या सहित जीवन को सुरक्षित करने के लिये वार्षिक आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान चलाया जाता है। निजी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम के प्रदर्शन के द्वारा औद्योगिक दुर्घटना से कैसे सावधान रहे इस बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये पूरे उत्साह के साथ इस दिवस को मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान पूरे सप्ताह चलता है जिस दौरान सुरक्षा जरुरतों के तहत लोगों के लिये विभिन्न प्रकार की खास गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। वर्ष २०२१ में, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 4 मार्च गुरुवार से लेकर 10 मार्च बुधवार के दिन तक मनाया जायेगा।

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। इस अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने का उद्घोष किया था जहाँ आठ हजार सदस्य शामिल हुए थे।

विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये पूरे देश भर में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को कार्यस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। सुरक्षा को बढ़ावा देना केवल परिषद की ही जिम्मेदारी नही बल्कि उसमें प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग होना चाहिए। राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्धारा प्रारंभ किया गया यह अभियान सफल बनाने के लिए आधारित क्रियाकलाप, कानूनी माँग के साथ स्व-अनुपालन और पेशेवर एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) गतिविधियों को कार्यस्थल पर कर्मचारियों के बीच बढ़ावा देना जरुरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के प्रति व्यक्तियो को जागरूक करने के लिए सरकार द्धारा कई प्रकार के आयोजन किए जाते है जैसे संगठन के कर्मचारियों द्धारा सुरक्षा के कार्यक्रम दिखाना, अभियान से सम्बंधित फिल्म दिखाना, अभियान से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरस्कार वितरित करना, अभियान से पोस्टर लगाना, नारा वितरण करना, चर्चा करना, सेमिनार करना आदि विभिन्न सार्वजनिक समारोह जैसे निम्न राष्ट्रीय स्तर के क्रियाकलाप पूरे सप्ताह के लिये संपन्न होते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का लक्ष्य है विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करना तथा अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में मुख्य सुरक्षा भूमिका निभाने के लिये बड़े स्तर पर लोगों की भागीदारी को पाने के लिये यह दिवस मनाया जाता है। अपने कर्मचारियों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के द्वारा कंपनी के मालिकों के द्वारा सहभागी दृष्टीकोण के उपयोग को ये बड़े स्तर पर अभियान मनाने के द्वारा प्रेरित करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2020 का थीम “आधुनिक तकनीक की मदद से सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कि गुणवत्ता को बढ़ाना” (Enhance safety and health performance by use of advanced technology) था। हालाँकि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2021 की थीम अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। स्वास्थ्य संगठनों और औद्योगिक सदस्यों सहित सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में एक साथ संसक्ति के द्वारा इसे मनाया जाता है। निम्न लक्ष्यों को पूरा करने के लिये परिषद के द्वारा एसएचई नारों और संदेशों के साथ सभी केन्द्रीय डिज़ाइन विज्ञापन संबंधी सामानों और उपयोगी छपाई जैसे बैज, स्टीकर, बैनर, निर्देश कार्ड, आदि के साथ वो अच्छे से उपलब्ध कराते हैं। कार्यस्थल पर लोगों के बीच एसएचई क्रियाकलापों को विकसित और मजबूत करने का लक्ष्य प्राप्त करना है। अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभाने के लिये विभिन्न विषयों के ऊपर औद्योगिक कर्मचारियों के लिये सुरक्षा गतिविधियों पर आधारित शिक्षण कार्यक्रम रखे जाते हैं।

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सुरक्षा दिवस पर निबंध – National Safety Day Essay in hindi for Class 1-12 School Students pdf Download

National Safety Day Essay in hindi

national safety day 2022:  राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च को मनाया जाता है और 4 मार्च से एक सप्ताह का अभियान आयोजित किया जाता है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान के रूप में जाना जाता है, जो किसी भी प्रकार की दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों पर ध्यान केंद्रित करता है। इस लेख में हम आपको राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस निबंध, एस्से की जानकारी देंगे|ये निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध/ Essay on National Safety Week / Day in Hindi

national safety day theme 2022: “Nurture young minds”

प्रस्तावना / राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्या है – लोगों के बीच में सुरक्षा जागरुकता को बढ़ाने के लिए हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान मनाया जाता है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी सहायता सेवा के साथ उनको लाभ पहुँचाने के द्वारा उनके आर्थिक नुकसान और विभिन्न मानव समस्या सहित जीवन को सुरक्षित करने के लिये वार्षिक आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान चलाया जाता है। निजी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम के प्रदर्शन के द्वारा औद्योगिक दुर्घटना से कैसे सावधान रहे इस बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये पूरे उत्साह के साथ इस दिवस को मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान पूरे सप्ताह चलता है जिस दौरान सुरक्षा जरुरतों के तहत लोगों के लिये विभिन्न प्रकार की खास गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब है / राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह कब है / राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है / राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह कब मनाया जाता है – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है।  वर्ष 2022 में, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 4 मार्च गुरुवार से लेकर 10 मार्च बुधवार के दिन तक मनाया जायेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास – भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। इस अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने का उद्घोष किया था जहाँ आठ हजार सदस्य शामिल हुए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य – विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये पूरे देश भर में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को कार्यस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। सुरक्षा को बढ़ावा देना केवल परिषद की ही जिम्मेदारी नही बल्कि उसमें प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग होना चाहिए। राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्धारा प्रारंभ किया गया यह अभियान सफल बनाने के लिए आधारित क्रियाकलाप, कानूनी माँग के साथ स्व-अनुपालन और पेशेवर एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) गतिविधियों को कार्यस्थल पर कर्मचारियों के बीच बढ़ावा देना जरुरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के प्रति व्यक्तियो को जागरूक करने के लिए सरकार द्धारा कई प्रकार के आयोजन किए जाते है जैसे संगठन के कर्मचारियों द्धारा सुरक्षा के कार्यक्रम दिखाना, अभियान से सम्बंधित फिल्म दिखाना, अभियान से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरस्कार वितरित करना, अभियान से पोस्टर लगाना, नारा वितरण करना, चर्चा करना, सेमिनार करना आदि विभिन्न सार्वजनिक समारोह जैसे निम्न राष्ट्रीय स्तर के क्रियाकलाप पूरे सप्ताह के लिये संपन्न होते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का लक्ष्य है विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करना तथा अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में मुख्य सुरक्षा भूमिका निभाने के लिये बड़े स्तर पर लोगों की भागीदारी को पाने के लिये यह दिवस मनाया जाता है। अपने कर्मचारियों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के द्वारा कंपनी के मालिकों के द्वारा सहभागी दृष्टीकोण के उपयोग को ये बड़े स्तर पर अभियान मनाने के द्वारा प्रेरित करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2022 का थीम “आधुनिक तकनीक की मदद से सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कि गुणवत्ता को बढ़ाना” (Enhance safety and health performance by use of advanced technology) था। हालाँकि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2022 की थीम अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। उपसंहार – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। स्वास्थ्य संगठनों और औद्योगिक सदस्यों सहित सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में एक साथ संसक्ति के द्वारा इसे मनाया जाता है। निम्न लक्ष्यों को पूरा करने के लिये परिषद के द्वारा एसएचई नारों और संदेशों के साथ सभी केन्द्रीय डिज़ाइन विज्ञापन संबंधी सामानों और उपयोगी छपाई जैसे बैज, स्टीकर, बैनर, निर्देश कार्ड, आदि के साथ वो अच्छे से उपलब्ध कराते हैं। कार्यस्थल पर लोगों के बीच एसएचई क्रियाकलापों को विकसित और मजबूत करने का लक्ष्य प्राप्त करना है। अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभाने के लिये विभिन्न विषयों के ऊपर औद्योगिक कर्मचारियों के लिये सुरक्षा गतिविधियों पर आधारित शिक्षण कार्यक्रम रखे जाते हैं।

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national safety day in india 4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना की गई। एक सप्ताह तक यह दिवस जिस जगह मनाया जाता है। वहाँ उस स्थान और उसके चारोंओर की जगह की सुरक्षा जागरूकता को बढावा दिया जाता है। लेकिन इस प्रकार की सुरक्षा के लिये जनता को जागरूक करना केवल हमारे परिषद की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि उसमें हर एक व्यक्ति का सहयोग होना जरुरी है। तब राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्धारा यह सुरक्षा दिवस प्रारम्भ किया गया और इस तरह लोग इस अभियान में सहयोग देने लगे और इस तरह लोगों अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में जानने लगे। इससे पहले 1930 में एक जर्मन वैज्ञानिक एच. डब्ल्यू. हेनरिच ने घोषणा की “दुर्घटना तो हर किसी के साथ होती है पर यह जानबूझकर नहीं की जाती है। तब राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा के लिये प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने की शुरूआत की। उसके बाद से औद्योगिक दुर्घटनाओं की दर में कुछ कमी आई है। यह अभियान लोगों की सुरक्षा और आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुये विशिष्ट गतिविधियों का विकास करने के लिये बनाया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाने का उद्देश्य Purpose of National Safety Week and Day Celebration in Hindi राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने के निम्नलिखित उद्देश्य हैं – देश के विभिन्न हिस्सों में, स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन में सुरक्षा लाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में प्रमुख खिलाड़ियों की भागीदारी प्राप्त करने के लिये। आवश्यकता-आधारित गतिविधियों के विकास को बढ़ावा देना, कार्यस्थलों पर सांविधिक आवश्यकताओं और पेशेवर एस एच ई प्रबंधन प्रणालियों के साथ आत्मनिर्भरता। कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने में नियोक्ता, कर्मचारियों और उनकी ज़िम्मेदारी से संबंधित अन्य लोगों को याद दिलाने के लिए। संक्षेप में, उपरोक्त उद्देश्यों कार्यस्थल में एस एच ई-संस्कृति बनाने और मजबूत करने और कार्य संस्कृति के साथ एकीकृत करने के समग्र लक्ष्य का हिस्सा हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कार्यस्थल करने वाली जगह पर सुरक्षा को बढ़ावा दिया गया और पूरे भारत वर्ष में यह दिवस मनाया जाता है। कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस? How National Safety Week or Day is Celebrated in Hindi? मनुष्यों को जागरूक करने के लिये सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन कई प्रकार के आयोजन करते है जैसे- अपने कार्यकर्ताओं द्धारा सुरक्षा के प्रति नये- नये कार्यक्रम शुरू किये जाते हैं, इस अभियान से सम्बंधित लोगों को जानकारी दी जाती है, इस कार्यक्रम से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरुस्कृत भी किया जाता है। अभियान से संबंधित पोस्टर भी लगाये जाते हैं, इस सुरक्षा अभियान का नारा भी बनाया जाता है, इसके बारे में कई जगह पर लोगों से चर्चा भी की जाती है, सुरक्षा से संबंधित सेमिनार भी किये जाते हैं, इत्यादि ।

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आज हमारे द्वारा दिए गए National Safety Day पर कुछ संक्षिप्त निबंध (short essays) और लंबे निबंध (long essays), निश्चित रूप से आयोजन समारोह या बहस प्रतियोगिता (debate competition) यानी स्कूल कार्यक्रम में स्कूल या कॉलेज में निबंध में भाग लेने में छात्रों की सहायता करेंगे। इन National Safety Day पर हिंदी स्पीच हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

चाहे दुनिया का कोई भी देश क्यों ना हो,उस देश की सीमाओं,वहाँ के नागरिकों,महिलाओं और बच्चों की,साथ ही साथ देश की भूमि,पर्यावरण,प्राकृतिक संसाधनों,फसलों, जंगलों, पेड़ पौधों, जीवजन्तुओं तथा जल आदि की सुरक्षा अति आवश्यक है।और अपने देश,वहां के हर नागरिक व समाज की सुरक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। इसी कर्तव्य को निभाने के लिए “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/सप्ताह (National Safety Day in India)“ मनाया जाता है।जहां पर लोगों को अपने और अपने लोगों की, अपने राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उनको इस बारे में जानकारी भी दी जाती हैं। क्या है भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद 4 मार्च 1966 को “राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद” की स्थापना हुई थी।भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है।यह संस्था लोक सेवा के लिए बनाई गई है।राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर लाभकारी और गैर सरकारी संस्था है।इसकी स्थापना “सोसाइटी एक्ट” के तहत 4 मार्च 1966 को मुंबई में की गई। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना (Establishment of National Safety Day in India) 4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी।1972 में “राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद” द्वारा 4 मार्च को “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day in India)” मनाने का निर्णय लिया गया।इसीलिए 4 मार्च हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day) के रूप में मनाया जाता है।शुरुआत में इसके सदस्यों की कुल संख्या 8000 थी। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य (Aim to celebrate National Safety Day in India) कार्य स्थलों पर सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा लोगों को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day) प्रतिवर्ष 4 मार्च को पूरे देश में मनाया जाता है।4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई थी।तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने पर विशेष ध्यान देने सम्बन्धी अपने वक्तव्य से इस कार्यक्रम की शुरुआत थी। यह दिवस (National Safety Day in India) भारत के उन वीर अमर सपूतों को भी समर्पित हैं।जिन्होंने अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा की।यह देश इन दिनों भारत माता के इन सपूतों को नमन तथा याद करता है जिन्होंने अपनी मातृभूमि को अपने खून से सींचा है। देश की सीमाओं के ये प्रहरी (सैनिक) दिन देखते हैं ना रात, धूप देखते ना छांव, भूमि देखते हैं ना ग्लेशियर।बस रात दिन अपने देश की सीमाओं की रक्षा में हर वक्त मुस्तैद रहते हैं।ताकि देश में अमन व शांति का माहौल बना रहे।देशवासी चैन की सांस ले सकें और निश्चिंत होकर सो सके। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (National Safety Week in India) भारत में प्रतिवर्ष 4 मार्च को National Safety Day मनाया जाता है।लेकिन यह एक दिवसीय कार्यक्रम ना होकर पूरे एक सप्ताह का कार्यक्रम होता है। यानी राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अभियान को पूरे एक सप्ताह ( 4 मार्च से 10 मार्च ) तक देशभर में चलाया जाता है।इसीलिए इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (National Safety week) ” के नाम से भी जाना जाता है। इसमें भारत के सभी नागरिकों को अपनी सुरक्षा तथा देश की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है।साथ ही यह कार्यक्रम विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए मनाया जाता है।इसीलिए उद्योगपतियों द्वारा कर्मचारियों /श्रमिकों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएं। इस बात पर विशेष जोर दिया जाता है।इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस में श्रमिकों को नियमों तथा उनसे जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाती है।

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आइये अब हम आपको essay on National Safety Day, National Safety Day essay in hindi, essay on National Safety Day in hindi, आदि की जानकारी देंगे|

National Safety Day/Safety Week Campaign focuses on the importance of reduction of the rate of industrial accidents and also focuses on the areas that have not yet been covered by any safety legislation. The campaign urges several organisations to participate in developing several activities as per their legal safety requirements. The campaign is mostly comprehensive, general and flexible. National Safety Day: Objectives – To spread Safety, Health and Environment (SHE) movement to various parts of the country. – To ensure the participation of different industrial sectors at different levels. – To promote a participative approach for the employees in SHE activities. – To promote several developmental activities required for self-compliance and professional SHE management systems at workplaces. – To cover voluntary SHE movement sectors. – To motivate and remind employers, employees, and others of their responsibility in making the workplace safer. Note: The above objectives highlight the overall goal of creating and strengthening SHE culture in the workplace and integrate it with the work culture. National Safety Day: History The Ministry of Labour, Government of India set up the National Safety Council of India (NSC) on 4 March 1966. To develop and sustain the movement on SHE that is focusing on safety, Health and Environment at the national level. Basically, NSC is an autonomous body. Therefore, the foundation day of the National Safety Council was decided to observe as National Safety Day in 1972. It was also decided to celebrate it as National Safety Week (NSW) Campaign that will last for one week. Let us tell you that in 1962 during the 22nd Labour Minister’s Conference a decision was taken in a conference focusing on ‘Safety in factories’. About National Safety Council (NSC) As mentioned above on 4 March 1966, the National Safety Council was established by the Ministry of Labour, Government of India (GOI) to sustain a voluntary movement on SHE at the national level. It is an apex non-profit making, tripartite body that is registered under the Societies Registration Act 1860 and the Bombay Public Trust Act 1950. Activities focusing on the objectives of NSC are performed including conducting specialised training courses, conferences, seminars, and workshops, conducting consultancy studies like safety audits, hazard evaluation, and risk assessment, etc. Not only this several national and international conferences like XIII World Congress (1993) and APOSHO Conferences (1995 and 2016). It also implemented several prestigious projects that are organised by NSC. In the course of more than 50 years of service, it has built technical experts and competence to meet the emerging challenges.

नेशनल सेफ्टी डे एस्से इन हिंदी

अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है विश्व युवा दिवस पर निबंध लिखें| यहाँ हमने हर साल 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 व 2022 के अनुसार National Safety Day Essay for school, paragraph on Safety Day, Safety Day Slogans in Hindi, नेशनल सेफ्टी डे nibandh , नेशनल सेफ्टी डे पर लेख, essay on National Safety Day, essay for students, नेशनल सेफ्टी डे एस्से दिया हुआ जिसे आप अपने स्कूल कम्पटीशन में लिख सकते है|

प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2022 में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च, 2022 शुक्रवार को मनाया जायेगा। अब इस दिवस को राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। महत्व राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके। देश की सुरक्षा केवल दुश्मन देशों से नहीं है। अपने देश की सुरक्षा अंतरिक सुरक्षा से है जैसे बीमारी से सुरक्षा, चोरी, हत्या जैसे अपराधों से सुरक्षा की जाये। इसी महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। National Safety Day 2022 (राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस) राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को अब राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह कहा जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद लोगों को जीवन के महत्व से अवगत कराना है। देश में हो रही दुर्घटनाओं के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक करना। हम देश की सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से शांति और अमन से रह सकते हैं। History of National Safety Day (राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास) भारत सरकार द्वारा 4 मार्च को नेशनल सेफ्टी काउंसिल स्थापना हुई थी। इसी लिए इस दिन को नेशनल सेफ्टी डे के रुप में मनाया जाता है। नेशनल सेफ्टी काउंसिल 4 मार्च, 1972 को की गयी थी। इस संगठन की स्थापना सन् 1966 में मुंबई सोसाइटी अधिनियम के तहत हुई थी। National Safety Day 2022 यह भारत सरकार, श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा 4 मार्च 1965 को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर एक स्वैच्छिक आंदोलन उत्पन्न करने और विकसित करने के लिए स्थापित किया गया था। भारत में सड़क दुर्घटना से लगभग 1,50,000 के पार है। तथा सड़क दुर्घटना में घायल की संख्या 50,000 के पास है। यह आंकड़ा 2019 का है। वर्ष 2020-2022 के लिये मंत्रालय द्वारा डेटा प्रकाशित किया जाना अभी बाकी है। National Safety Day Theme 2022 (राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2022 की थीम) National Safety Day Theme 2022 in Hindi: राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का स्मरणोत्सव हर साल एक थीम पर आधारित होता है। इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2022 का विषय “सड़क सुरक्षा (सड़क सुरक्षा)” (“Sadak Suraksha (Road Safety)”) है। इस प्रकार राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाने का एक मात्र उद्देश्य कि लोगों को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके। सभी लोगों को अपनी सुरक्षा स्वयं करनी चाहिए। लेकिन जा लोगों नहीं जानते है उन्होंने जागरूक करना है।

10 Lines on National Safety Day for Children and Students

The National Safety Day is celebrated every year on 4th March in order to raise awareness among the industrial workers about safety. The program celebration aims to highlight the role of safety in preventing industrial accidents and causalities. The Government of India observed the first National Safety Day on 4 th  March 1972. The day is celebrated by industry, trade unions, government, NGO’s and regulatory agencies across the nation. The event is also celebrated across the country by various companies by organizing campaigns, seminars, quizzes, debates and panel discussions. The objective of celebrating National Safety Day is to ensure the commitment of workers towards safety and health. Every year the National Safety Day is celebrated across the nation with a theme to promote awareness about safety among industrial workers. National Safety Day 2019 theme was “Cultivate and Sustain a Safety Culture for Building Nation”. The National Safety Day 2019 celebration created awareness about the role of safety in building the nation.  Safety activities based training programs, safety competitions, safety mock drills are held for employees at many industrial units on the occasion.

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Speech on National Safety Day in Hindi : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर ऐसे लिखें 100, 200 और 500 शब्दों में स्पीच

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  • Updated on  
  • फरवरी 21, 2024

Speech on National Safety Day in Hindi

हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत कार्यस्थल और इसके आसपास के समुदायों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। सुरक्षा को बढ़ावा देने के अलावा यह सुरक्षा की एक ऐसी संस्कृति बनाने के महत्व को भी दर्शाता है जो व्यक्तियों और संगठनों की समान रूप से रक्षा करती है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर छात्रों और शिक्षकों की तरफ से स्पीच भी दी जाती है, लेकिन कहीं भी स्पीच देने से पहले हमें इसे अच्छे से तैयारी करना जरूरी है। स्पीच का समय आयोजन से तय होता है, इसलिए इस ब्लाॅग में आप 100, 200 और 500 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi लिखने और तैयार करने के बारे में जानेंगे।

This Blog Includes:

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के बारे में , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 100 शब्दों में स्पीच, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 200 शब्दों में स्पीच, प्रस्तावना , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्या है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार कब मनाया गया, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व क्या है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्पीच कैसे दें , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 10 लाइन्स  , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्लोगन.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस भारत में हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन सुरक्षा और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, साथ ही इस दिन को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के 1966 में हुई स्थापना के रूप में भी मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत काम करती है और इसका उद्देश्य वर्तमान सुरक्षा मुद्दों और चिंताओं को संबोधित करना है।

यह भी पढ़ें – Safety Speech Topics in Hindi : जानिए राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 की थीम एवं महत्व 

100 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi यहाँ दिया गया है-

  • 1966 से हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है। 
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का यह दिन हर साल 1 मार्च को हुए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की याद दिलाता है।
  • 4 मार्च, 1966 को भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labor and Employment) ने एक गैर-लाभकारी निकाय के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना पहली बार 1972 में की गई थी।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 2000 में बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के तहत एक पब्लिक ट्रस्ट के रूप में की गई थी।
  • 2021 में कई नेताओं और संगठनों ने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्वीकृत सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के माध्यम से सुरक्षा का संदेश फैलाने के लिए Twitter का सहारा लिया।

यह भी पढ़ें – Essay On Zakir Hussain in Hindi : ज़ाकिर हुसैन पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध 

1972 से हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य संगठनों और व्यक्तियों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने और सुरक्षा को जीवन का एक तरीका बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन को देश में सुरक्षा जागरूकता और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यशालाओं, सेमिनारों, प्रदर्शनियों और प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों द्वारा चिह्नित किया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और व्यक्तियों और संगठनों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करता है साथ ही यह दिन औद्योगिक और कार्यस्थल सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा, निर्माण सुरक्षा, कार्यालय सुरक्षा आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी समर्पित है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य है-

  • विभिन्न सुरक्षा मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और देश में सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देना।
  • संगठनों और व्यक्तियों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने और सुरक्षा को जीवन का एक तरीका बनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • दुर्घटनाओं और चोटों को रोकने के लिए अपनाए जा सकने वाले विभिन्न सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करना।
  • सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए उद्योगों और संगठनों को सुरक्षा नीतियों और प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • दुर्घटनाओं और चोटों को रोकने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और अन्य सुरक्षा गियर के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
  • सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देना।
  • देश में सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने में सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 500 शब्दों में स्पीच

500 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi यहाँ दिया गया है-

हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का दिन जीवन के सभी पहलुओं में सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससीआई) लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने और उन्हें अपने दैनिक जीवन में पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए काम करता है। इस दिन कई ऑर्गेनाइजेशन, इंडस्ट्रीज और एजुकेशनल इंस्टीटूट्स सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इन कार्यक्रमों में सुरक्षा प्रदर्शन, मॉक ड्रिल्स और क्षेत्र के विशेषज्ञों के लेक्चर्स शामिल हैं। सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा पोस्टर और बैनर प्रदर्शित किए जाते हैं साथ ही स्कूल और कॉलेजों में छात्रों को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता, पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता और डिबेट जैसी अन्य कई गतिविधियों का आयोजन कराया जाता हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1972 में हुई थी जो औद्योगिक सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) का स्थापना दिवस भी है। जिसका मुख्य उद्देश्य घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना पहली बार 4 मार्च 1972 में की गई थी और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 2000 में बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत एक सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में की गई थी। 

भारत में हर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने व कार्यस्थल और दैनिक जीवन के अन्य क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए समर्पित है। यह दिन देश भर के संगठनों और संस्थानों द्वारा मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

दुर्घटनाओं के कारण गंभीर चोट लग सकती है या मृत्यु भी हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप व्यक्तियों, संगठनों और पूरे देश को वित्तीय नुकसान भी हो सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस व्यक्तियों और संगठनों को अपनी सुरक्षाओं पर विचार करने और उनमें सुधार के लिए कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सुरक्षा खतरों और जोखिमों के बारे में जागरूकता भी बढ़ाता है। इसमें व्यक्तियों को दुर्घटनाओं के कारणों और उन्हें रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में शिक्षित किया जाता है। इसमें व्यक्तियों को आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया करने के तरीके के बारे में ट्रेनिंग देना और ऐसा करने के लिए उन्हें आवश्यक उपकरण प्रदान करना भी शामिल है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस उन व्यक्तियों और संगठनों के प्रयासों को पहचानने का भी एक अवसर है जिन्होंने अपने कार्यस्थलों और समुदायों में सुरक्षा में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसमें वो व्यक्ति शामिल है जिन्होंने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम उठाए हो या ऐसे संगठन जिन्होंने सुरक्षा कार्यक्रम लागू किए और उससे दुर्घटनाओं में कमी आई हो। 

कार्यस्थल में सुरक्षा को बढ़ावा देने के अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस दैनिक जीवन में सुरक्षा के महत्व पर भी जोर देता है। इसमें सुरक्षित ड्राइविंग आदतों, घरेलू उपकरणों, औजारों का सुरक्षित उपयोग और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देना शामिल है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमारे दैनिक जीवन में सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह व्यक्तियों और संगठनों को सुरक्षा पर विचार करने और उन्हें सुधारने के लिए कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है। 

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Speech on National Safety Day in Hindi कैसे तैयार करें के बारे में यहां जानेंगे-

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर सही से स्पीच तैयार करने और समय का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। 
  • स्पीच को ज्यादा बड़ा न रखें।
  • स्पीच देने से पहले उसे अच्छे से तैयार कर लें। 
  • स्पीच की शुरुआत हिंदी के कविताओं और कोट्स से भी कर सकते हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्पीच लिखते समय आपको शब्दों का सही चयन करना होगा।
  • अपनी स्पीच में भारत के सुरक्षा बालों के बारे में भी बोलना होगा। 
  • स्पीच देने से पहले एक-दो बार उसे बोलने का प्रयास करें।
  • स्पीच को तैयार करते समय गलतियों से बचें।
  • स्पीच में टाॅपिक से न भटकें।

यह भी पढ़ें – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है, साथ ही जानें इसका महत्व, थीम और इतिहास

Speech on National Safety Day in Hindi पर दस लाइन्स यहाँ दी गई हैं-

  • भारत में हर साल 4 मार्च को Rashtriya suraksha diwas मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा एक पहल है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च 1966 में हुई थी। 
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार 1972 में मनाया गया। 
  • सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के लिए हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम बदलती है।
  • इस दिन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  • यह दिन लोगों को अपनी और दूसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता पर जोर देता है।
  • Rashtriya suraksha diwas जीवन के सभी पहलुओं में सुरक्षा संस्कृति को अपनाने को बढ़ावा देता है।
  • इस दिन में सुरक्षा प्रशिक्षण, सेमिनार और जागरूकता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अंतिम लक्ष्य दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देना है।

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Speech on National Safety Day in Hindi से जुड़े स्लोगन्स यहाँ दिए गए हैं-

  • जागरूक रहें, ध्यान रखें, सुरक्षित रहें।
  • सुरक्षा कोई विकल्प नहीं है, यह एक जिम्मेदारी है।
  • आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है, सतर्क रहें।
  • एक सुरक्षित कार्यस्थल एक खुशहाल कार्यस्थल है।
  • सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें, जीवित रहें।

4 मार्च को। 

बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट। 

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Speech on National Safety Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu. खुशी को 1 वर्ष का अनुभव है। पूर्व में वह न्यूज टुडे नेटर्वक, जागृत जनता न्यूज (JJN) में कंटेंट राइटर और स्क्रिप्ट राइटर रह चुकी हैं। खुशी ने पत्रकारिता में स्नातक कंप्लीट किया है। उन्हें एजुकेशनल ब्लाॅग्स लिखने के अलावा रिसर्च बेस्ड स्टोरीज करना पसंद हैं।

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Safety pledge / oath in english, hindi and marathi for 52 national safety day 2023, safety pledge / oath  in english, hindi and marathi for 52 national safety day 2023.

Safety Pledge for National Safety Day : The Safety Pledge not only helps us to remind our responsibility about safety in the workplace, but also gives us the opportunity to see smiles on the beautiful faces of our family. On the occasion of National Safety Day to promote zero harm culture and demonstrate individual responsibility for commitment to safety at work, from management to employees and workers gathered in the workplace and take oath on the safety commitment for the individual, employees, society and the nation.

  National Safety Day is celebrated on 4 th March each year, which is also the foundation day of the National Safety Council (NSC) of India to raise awareness of the importance of industrial safety.

Through the safety pledge , the individual promises to never compromise his own safety or that of his colleagues in doing the job. Deaths in the workplace are unacceptable and therefore safety is everyone's responsibility. The COVID-19 pandemic has shown how crucial it is for every employee to commit to safe work. It is very important to constantly identify hazards and reduce the risks to an acceptable level, thereby reducing the likelihood of an incident occurring at work. The tradition or system of taking the oath of safety in the workplace is very important in reminding safety practices and safety awareness. Take the pledge below to show your commitment to safety, from the workplace to anywhere.

Here you will find Safety Oath published by National Safety Council (NSC) which can be taken together by senior management and workers during celebration of National Safety Day 4 th March to renew their commitment for safety in the work place.

Safety Pledge in English - National Safety Day 2023

“On this day, I solemnly affirm that I will rededicate myself to the cause of safety, health and protection of environment and will do my best to observe rules, regulations and procedures and develop attitudes and habits conductive for achieving these objectives.

I full realise that accidents and diseases are a drain on the national economy and may lead to disablements, deaths, harm to health and damage to property, social suffering and general degradation of environment.

I will do everything possible for the prevention of accidents and occupational diseases and protection of environment in the interest of self, family, community, organization and the nation at large.”

Safety Pledge in Hindi published by NSC India

As the Safety Pledge is a medium to remind our commitment to safety and should be taken by all groups of people, from senior management to employees and workers, it should therefore be written in language understandable to all.

Without understanding the meaning of the Safety Oath, people cannot demonstrate their safety commitment in workplace. Hindi is the national language of India and therefore the safety pledge must be in Hindi.

Here is the safety oath in Hindi .

Safety oath in marathi - published by nsc india.

In Maharashtra, most of the workers speak in the Marathi language and therefore while celebrating the National Safety Day, as a reminder of their commitment to safety; the safety pledge should be taken in Marathi by all groups of people, from management to employees and workers. Workers are the group of people who actually perform the physical work at their workplace and therefore need to understand the meaning of the safety pledge. With a better understanding of the Safety Oath , this will help people demonstrate their commitment to safety in the workplace.

Here is the Safety Oath in Marathi .

How to take safety oath.

essay on safety week in hindi

While taking the  safety oath  during celebrating  National Safety Day , all people, from senior management to employees and workers should assemble at one place, stand near or around the NSC flag or safety flag, raise right hand exactly 90 degrees to your body in front, keep the palm of your right hand facing the ground, place your left hand on your chest or keep in parallel to thigh towards the ground and repeat the reading of the safety pledge word by the safety officer.

How safety oath benefit to organization

Here are a few ways that safety pledge can benefit a company:

Improves Safety Culture to Reduce accidents - Committing to safety to the individual, colleagues, society, and the nation means you demonstrate a positive safety culture to reduce incidences and achieve safety goal of zero accident. When businesses are seen as committed to health, safety and the environment, many consumers will ignore the cost of your service or product based on whether they believe they are purchasing the safe, environmentally friendly and the best product.

Increased Employee Engagement - When employees work for a company with a strong commitment to safety, they are more likely to work safely and be safe from accidents. They will often promote and endorse the brand they work for because they truly believe in what their business has to offer.

Helps to strengthen individual safety accountability - A safety oath reinforces the 'tone from the top'. When lower-level employees engage in safety with their bosses and managers, employees at all levels are more likely to embrace and commit to making a positive safety culture change. A commitment to safety made with everyone in the workplace has a far greater impact than a safety sign, slogans posted on the wall.

Why taking Safety Pledge or Safety Oath in workplace is important?

Safety pledge help employees to remind their safety commitment in workplace to achieve the objective of zero harm. Employees and workers who make the  safety pledge  in their workplace are promise to never compromise their individual safety  or the  safety  of their co-workers to get the job done. Through safety pledge, they promises about actively look for hazards, promptly report them, and take appropriate action to warn others. It help to become individual as good  safety  role model for others and their family even when off the job.

On the occasion of National Safety Day 2023 on March 4 , the commitment to safety through safety pledge must be made by all people, from the top management to employees and workers together, to show their commitment to safety on the workplace. The safety oath should be word in the local language so that everyone understands its meaning and thus contributes to keeping individual promises to develop a positive safety culture and achieve the goal of zero harm. Safety Pledge in English , Safety Oath in Hindi and Safety Pledge in Marathi are published by the National Safety Council of India .

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध हिंदी में | National Safety Day Essay in Hindi PDF

Raashtreey Suraksha Divas

National Safety Day Essay in Hindi:- हर साल भारत में 4 मार्च का दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य हमारे सुरक्षा बलों के प्रति आभार व्यक्त करना है, जिसमें सेना, अर्ध-सैन्य, कमांडो, पुलिस अधिकारी, गार्ड और भारत के सुरक्षा बल शामिल हैं और जो हमारे देश की शांति और सुरक्षा बनाए रखते हैं।4 मार्च वह दिन है जब 1966 में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी।

भारत सरकार के तहत श्रम मंत्रालय ने यह निर्णय लिया और 1972 में पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद जैसी शीर्ष एजेंसी देखती है देश की राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और रणनीतिक सुरक्षा चिंताओं में जो भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 19 नवंबर, 1998 को स्थापित किए गए थे।

हम आपको बता दें कि भारत के पास तीसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है। वहीं जब साल 2013 में उत्तराखंड बाढ़ आई थी तब उस त्रासदी के दौरान भारत में दुनिया के सबसे बड़े नागरिक बचाव अभियानों चलाया गया था जो।इस लेख में हम आपके सामने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध पेश करेंगे, जिसको कई बिंदूओं के आधार पर तैयार किया गया है जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध,National Safety Day Essay in Hindi ,नेशनल सेफ्टी डे पर निबंध,सुरक्षा दिवस पर 200 शब्द निबंध ,सुरक्षा दिवस पर 200 शब्द निबंध,National Safety Essay,राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध PDF, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 10 लाइन ,राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 20 लाइन 

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर निबंध

National Safety Day Essay in Hindi 

नेशनल सेफ्टी डे पर निबंध | national safety day essay.

Raashtreey Suraksha Divas:-राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हर साल भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल और उपायों के प्रति जागरूकता और प्रतिबद्धता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। जिनका कार्यस्थल दुर्घटनाओं से बचने के लिए पालन करने की आवश्यकता होती है। इस दिन का अंतिम उद्देश्य सभी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करके कर्मचारियों और आम जनता को सुरक्षित रूप से काम करने के लिए प्रतिबद्ध करना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर-लाभकारी निकाय है, जिसे स्वास्थ्य, सुरक्षा और विकास के किसी भी राष्ट्रीय स्तर के स्वैच्छिक संकेत को उत्पन्न करने, विकसित करने और बनाए रखने में सहायता के लिए स्थापित किया गया है। परिषद की ये कार्रवाइयाँ 1972 में इस दिवस की शुरुआत के बाद से ही सफल रही हैं वह भी इसकी स्थापना के एक दशक से भी कम समय में ये सफलता मिली है।मिली जानकारी के अनुसार इस दिन की शुरुआत श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा आयोजित भारत में पहले औद्योगिक सुरक्षा सम्मेलन के बाद की गई थी,

जिसने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सुरक्षा परिषदों की आवश्यकता महसूस की थी। उन्होंने प्रस्तावित किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद क्या है। वहीं सुरक्षा उपायों को अपनाने के तरीके के रूप में छुट्टी की शुरुआत करने के लिए चलाई गई।राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के स्थापना दिवस पर मनाया गया था। इस दिन की स्थापना श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा 4 मार्च सन 1965 को सुरक्षा, स्वास्थ्य पर एक स्वैच्छिक दिनचर्या को विकसित करने और व्यवहार में लाने के लिए की गई थी। वहीं साल 2023 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का 52वां आयोजन है।

सुरक्षा दिवस पर 200 शब्द निबंध | Sureksha Diwas Per Nibandh

भारत के अधिकांश लोग सबसे बुनियादी सुरक्षा और सुरक्षा सावधानियों के बारे में भी अनजान रहते हैं जो उन्हें संभावित खतरे से बचा सकते हैं। इन विषयों के बारे में लोगों को उजागर करना, प्रचार करना, उनसे बात करना और शिक्षित करना राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का प्राथमिक उद्देश्य है।इसके साथ ही ये सुनिश्चित किया जाता है कि आम जनता सुरक्षा के मूल्य को समझे। जीवन के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा सिद्धांतों और महत्व की वकालत करने के लिए भी इस दिन को मनाया जाता है।

दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा सावधानियों को प्राथमिकता देते हुए सुरक्षित कार्य प्रक्रियाओं को लागू करना, इसके साथ ही सुरक्षा और सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के साथ ही Raashtreey Suraksha Divas राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की स्थापना की याद दिलाता है। यह दिन उन सभी सुरक्षाकर्मियों को भी श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।

National Safety Essay 

NSC या राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद 4 मार्च 1966 को स्थापित की गई एक गैर-लाभकारी सरकारी संगठन है। भारत सरकार ने सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण (SHE) आंदोलन की स्थिरता को विकसित करने और सुनिश्चित करने के लिए स्वायत्त निकाय की स्थापना राष्ट्रीय स्तर पर की थी। इस दिन पूरे देश में विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और सेमिनार का आयोजन किया जाता है, इसके साथ ही संगठन SHE आंदोलन को  भी बढ़ावा देता है।जबकि यह दिन देश के सुरक्षा बलों के सम्मान में भी मनाया जाता है,

राष्ट्रीय सुरक्षा का उद्देश्य विभिन्न सुरक्षा चिंताओं पर जागरूकता बढ़ाना और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करना और व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य की विशेषता को एकीकृत करना है। वहीं इस दिन को मनाने के पीछे के उद्देश्य कुछ इस प्रकार हैं

  • काम और सामान्य जीवन शैली में सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना
  • देश के विभिन्न हिस्सों में एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) आंदोलन फैलाना
  • कार्यस्थलों में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करना
  • कर्मचारियों द्वारा भागीदारी की उच्च दर सुनिश्चित करना
  • विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के प्रमुख खिलाड़ियों की भागीदारी हासिल करने के लिए

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध PDF | Raashtreey Suraksha Divas Par Nibandh Pdf

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलनों सहित सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।यह विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा भूमिकाओं में प्रमुख सार्वजनिक भागीदारी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है।अभियान उत्सव बड़े पैमाने पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय गतिविधियों में अपने कर्मचारियों को बढ़ावा देकर कंपनी के मालिकों द्वारा एक सहभागी दृष्टिकोण के उपयोग को बढ़ावा देता है।यह अभियान कार्यस्थल के कर्मचारियों के बीच आवश्यकता-आधारित गतिविधियों, कानूनी आवश्यकताओं के स्व-अनुपालन और पेशेवर SHE (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है।

यह दिन अन्य कर्मचारियों सहित नियोक्ताओं और कर्मचारियों को उनकी कानूनी जिम्मेदारियों की याद दिलाकर कार्यस्थल सुरक्षा को बढ़ावा देता है।कार्यस्थलों में लोगों के बीच SHE (Safety Health Environment ) गतिविधियों को बढ़ावा देने के लक्ष्य को प्राप्त करना है।एक सुरक्षा दृष्टिकोण का आयोजन करके यह हमें एक निवारक संस्कृति और वैज्ञानिक मानसिकता पैदा करके समाज की सेवा करने में सक्षम बनाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों महत्वपूर्ण है? | National Safety Day

कार्यबल के उचित कल्याण को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस महत्वपूर्ण है। सुरक्षा के प्रति एक सक्रिय रवैया विकसित करना और कार्यस्थल के खतरों की पहचान करने और दुर्घटनाओं को कम करने और हानिकारक स्थितियों और पदार्थों के संपर्क में आने के लिए प्रक्रियाओं का निर्माण करना प्रत्येक कर्मचारी की कार्यस्थल संतुष्टि की कुंजी है।राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रभाव और विकास को उजागर करने में मदद करना राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

भारत में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण से संबंधित प्रमुख गैर-लाभकारी, स्व-वित्तपोषित और त्रिपक्षीय शीर्ष निकाय की स्थापना इस दिन की स्थापना से पांच साल पहले सन 1966 में हुई थी। ।सुरक्षित रूप से काम करने की प्रतिबद्धता भविष्य के भारतीय कार्यबल के लिए एक अच्छी मिसाल है। सुरक्षा को हर चीज से ऊपर प्राथमिकता दी जानी चाहिए और किसी भी कर्मचारी को सुरक्षित रूप से काम नहीं करने और अपनी आजीविका के साधन के बीच चयन करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 10 लाइन | Raashtreey Suraksha Divas Par 10 Line

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को मनाया जाता है
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य आम जनता के बीच विभिन्न सुरक्षा उपायों और स्वच्छ उपायों के बारे में प्रचार करना और जागरूकता पैदा करना है, जिन्हें लोगों को अपनी जीवन शैली में शामिल करने की आवश्यकता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस व्यापारिक घरानों और कॉरपोरेट्स को पूरे देश में औद्योगिक स्तर पर मनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और इसके उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी है।
  • भारत सरकार के अधीन श्रम मंत्रालय द्वारा 4 मार्च 1966 को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना के बाद वर्ष 1972 में पहला राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया
  • कार्य पर्यावरण सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, घरेलू सुरक्षा और यात्रा सुरक्षा भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की कुछ प्रमुख चिंताएँ हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर-लाभकारी संगठन है।
  • यह दिन केंद्र सरकार और राज्य सरकारों दोनों द्वारा पूरे देश में मनाया जाता है
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस देश में विभिन्न स्तरों पर सुरक्षा के महत्व का प्रचार करने के लिए प्रदर्शनियों, प्रशिक्षण, पुरस्कार समारोह, कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 20 लाइन | Raashtreey Suraksha Divas 20 Line

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना 4 मार्च 1966 को हुई थी।
  • इस राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने की थी और इस तरह लोगों ने इस अभियान का समर्थन करना शुरू कर दिया।
  • इसी दिन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति को जागरूक करना शुरू किया था।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर सरकार मनुष्य को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करती है।
  • इस अभियान से संबंधित लोगों को जानकारी दी जाती है; इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों को सम्मानित भी किया जाता है।
  • ृलोगों को जागरूक करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अभियान से संबंधित पोस्टर लगाए जाते हैं।
  • सोशल मीडिया और टीवी चैनलों के माध्यम से सुरक्षा अभियान के विभिन्न नारे तैयार और प्रसारित किए जाते हैं।
  • कई जगहों पर लोगों से इसकी चर्चा भी की जाती है, सुरक्षा से जुड़े सेमिनार भी आयोजित किए जाते हैं.
  • यह दिवस नियोक्ताओं, कर्मचारियों और अन्य लोगों को कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने में उनकी जिम्मेदारी याद दिलाने के लिए मनाया जाता है।
  • सुरक्षा एजेंसियों के साथ सरकारी संगठन भी इस दिन लोगों को सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
  • भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च, 1966 को हुई थी; इसलिए इस दिन को हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • भारत में सभी सरकारी और निजी संस्थानों में इस दिन को मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर, पूरे देश में विभिन्न समूहों द्वारा कई प्रकार के सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  •  सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के संबंध में निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिता, सुरक्षा पुरस्कार वितरण, सेमिनार, बैनर प्रदर्शनियां, खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

Raashtreey Suraksha Divas

  • इसके साथ ही औद्योगिक श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के माध्यम से लोगों में सावधानी बरतने और अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की प्रवृत्ति विकसित करने का प्रयास किया जाता है।
  • इस दिन औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा, महिला सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, मिलावटी खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए भी लोगों को जागरूक किया जाता है।
  • इस दौरान लोगों को बचाव के कई तरीकों से भी अवगत कराया जाता है ताकि वे विपरीत परिस्थितियों में अपना बचाव कर सकें।
  • इस दिन आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को स्वयं की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है, इसलिए सभी को सुरक्षा संबंधी मामलों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और इसके महत्व को समझना चाहिए।
  •  इस प्रकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का एकमात्र उद्देश्य लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है।

FAQ’s National Safety Day Essay in Hindi 2023

Q. भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है.

Ans. सुरक्षित रूप से काम करने के प्रति जागरूकता और प्रतिबद्धता पैदा करने के लिए भारत में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पूरे वर्ष सुरक्षित रूप से काम करने के लिए कर्मचारियों और आम जनता की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करना है।

Q. पहला राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया गया था?

Ans. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना के लगभग आधे दशक बाद मनाया गया था, जो 1966 में भारत में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण से संबंधित प्रमुख, गैर-लाभकारी निकाय है।

Q. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद क्या है?

 Ans. भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो देश में श्रम की सुरक्षा के संबंध में कानून बनाता है।

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सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)

सड़क सुरक्षा

सड़क सुरक्षा एक आम और महत्वपूर्ण विषय है, आम जनता में खासतौर से नये आयु वर्ग के लोगों में अधिक जागरुकता लाने के लिये इसे शिक्षा, सामाजिक जागरुकता आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ा गया है। सभी को सड़क यातायात नियमों की अच्छे से जानकारी होनी चाहिये खासतौर से बच्चे और युवा लोगों को जो महत्वपूर्ण सड़क दुर्घटना के खतरे पर रहते हैं। आँकड़ों के अनुसार (विश्व स्वास्थ्य संगठन, 2008), ऐसा पाया गया है कि अस्पतालों में ज्यादा भर्ती होने का मामला और मृत्यु की मुख्य वजह सड़क दुर्घटना है।

सड़क सुरक्षा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Road Safety in Hindi, Sadak Suraksha par Nibandh Hindi mein)

सड़क सुरक्षा पर निबंध – (300 शब्द).

सभी सड़क सुरक्षा उपायों के प्रयोग द्वारा सड़क हादसों की रोक-थाम और बचाव को सड़क सुरक्षा कहते है। सड़क पर यात्रा करते समय ये लोगों को बचाने के लिये है। ये सड़क इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को सुरक्षित रखने के लिये जैसे पैदल चलने वाले, दो-पहिया, चार-पहिया, बहु-पहिया और दूसरे वाहन इस्तेमाल करने वालों के लिये।

सड़क किनारे हादसें, चोट और मृत्यु को टालने के लिये बहुत महत्वपूर्ण पहलूओं में से एक है सड़क पर लोगों की सुरक्षा। दुर्घटनाओं और मृत्यु की पूरी सूचना के बारे में राष्ट्रीय सांख्यिकीय आँकड़ों के आधार पर सड़क सुरक्षा के महत्व का हम मूल्यांकन कर सकते हैं। लगभग 42% मामलों में पैदल चलने वाले और एक तरफ का सड़क इस्तेमाल करने वाले होते हैं।

सड़क सुरक्षाके नियम

आम लोगों के बीच जागरुकता उत्पन्न करने के कई सारे तरीके हैं जैसे सेमिनार, कार्यशाला, पाठ्यक्रम में मूल सड़क-सुरक्षा पाठ जोड़ने के द्वारा विद्यार्थी शिक्षा, रुको, देखों, सुनो, सोचो और फिर पार करो अर्थात् ग्रीन क्रॉस कोड के बारे में लोगों को जागरुक बनाये, यातायात लाईटों को सीखना, रोड चिन्हों को समझना आदि।

सड़क सुरक्षा के उपाय

सभी सड़क समस्याओं से बचने के लिये निम्न सभी सड़क सुरक्षा उपाय बहुत मदद करते हैं। सड़क सुरक्षा के कुछ प्रभावकारी उपाय हैं जैसे वाहन के बारे में मूल जानकारी, मौसम और सड़क के हालात के अनुसार रक्षात्मक चालन, वाहन लाईटों और हॉर्न का प्रयोग, सीट पेटीका पहनना, वाहन शीशा का सही प्रयोग, अधिक-गति से बचना, रोड लाईट को समझना, सड़क पर दूसरे वाहनों से दूरी बना के रखना, परेशानी की स्थिति को संभालने की उचित समझ, टी.वी पर डॉक्यूमेंटरी जागरुकता का प्रसारण आदि।

सभी लोगों के लिये उनके पूरे जीवन भर सड़क सुरक्षा उपायों का अनुसरण करना बहुत ही अच्छा और सुरक्षित है। सभी को गाड़ी चलाते समय या पैदल चलते वक्त दूसरों का सम्मान करना चाहिये और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिये।

सड़क सुरक्षा पर निबंध – Sadak Suraksha par nibandh – (400 शब्द)

वाहनों के टकराव और उचित सड़क सुरक्षा उपायों की अनदेखी के कारण सड़क हादसा बेहद आम होता जा रहा है। लोगों द्वारा सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी और वाहनों की भिड़ंत से हादसों से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। सभी सड़कें पूरे दिन के लिये व्यस्त होती हैं जहाँ वाहन अपने उच्च गति से दौड़ती है। आज की दुनिया में लोगों को अपने नीजि वाहनों की आदत है जिसकी वजह से सड़कों पर यातायात की समस्या पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में, सावधानीपूर्वक सुरक्षित चालन की क्रिया के लिये यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा नियमों का अनुसरण लोगों से अपेक्षित है। तब जाकर कहीं सड़क हादसों पर काबू पाया जा सकेगा।

सड़क पर चालन शुरु करने से पहले हरेक व्यक्ति को रक्षात्मक चालन कोर्स (किसी मान्यता-प्राप्त चालन स्कूल के द्वारा अधिकृत प्रशिक्षक के तहत मार्गदर्शन) जरुर करना चाहिये। सड़क सुरक्षा उद्देश्यों के लिये ये बहुत जरुरी है। विभिन्न दुर्घटनाओं और जीवन को सड़क पर बचाने के लिये वाहन (वाहनों को कैसे संचालित करें) या खुद से उत्पन्न हुई गंभीर स्थिति को संभालने का तरीका सभी को जरुर पता होना चाहिये।

एक महत्वपूर्ण विषय के रुप में स्कूल में सड़क सुरक्षा उपायों को जरुर जोड़ना चाहिये जिससे चालन से पहले ही अपने शुरुआती समय में ही विद्यार्थीयों को इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके। वाहनों के संचालन और उचित सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में गलत जानकारी के कारण ज्यादातर सड़क हादसें होते हैं।

दिनों-दिन सड़क पर गाड़ी चलाना असुरक्षित बनता जा रहा है। कई बार लोग लंबे समय तक अपने नीजि वाहनों को बिना किसी नियमित रख-रखाव और मरम्मत के रखते हैं, इसलिये ये बहुत जरुरी है कि समय से मरम्मत के साथ वाहनों की ठीक ढंग से कार्य करने की स्थिति के प्रति आश्वस्त रहें। ये केवल वाहन के जीवन को ही नहीं बढ़ाता है; हादसों को घटाने में भी मदद करता है। चालक को गाड़ी का ब्रेक अच्छे से जाँचना चाहिये और ब्रेक खराब होने की चेतावनी चिन्ह के बारे में पता होना चाहिये। किसी भी यात्रा पर जाने से पहले प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, आपातकालीन टूल, उचित मात्रा में गैसोलिन आदि रखने के साथ ही वाहन की पूरी जाँच करनी चाहिये।

यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा नियम दिये गये है:

  • सड़क पर चलने वाले सभी को अपने बाँये तरफ होके चलना चाहिये खासतौर से चालक को और दूसरी तरफ से आ रहे वाहन को जाने देना चाहिये।
  • चालक को सड़क पर गाड़ी घुमाते समय गति धीमी रखनी चाहिये।
  • अधिक व्यस्त सड़कों और रोड जंक्शन पर चलते समय ज्यादा सावधानी बरतें।
  • दोपहिया वाहन चालकों को अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट पहनने चाहिये नहीं तो उन्हें बिना हेलमेट के रोड पर नहीं आना चाहिये।
  • गाड़ी की गति निर्धारित सीमा तक ही रखें खासतौर से स्कूल, हॉस्पिटल, कॉलोनी आदि क्षेत्रों में।
  • सभी वाहनों को दूसरे वाहनों से निश्चित दूरी बनाकर रखनी चाहिये।
  • सड़कों पर चलने वाले सभी लोगों को रोड पर बने निशान और नियमों की अच्छे से जानकारी हो।
  • यात्रा के दौरान सड़क सुरक्षा के नियम-कानूनों को दिमाग में रखें।

सड़क सुरक्षा पर निबंध – Road Safety par Nibandh – (500 शब्द)

धरती पर हरेक इंसान के द्वारा सड़क सुरक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहिये चाहे वो वाहन का इस्तेमाल करता हो या नहीं। बड़ों के मार्गदर्शन की कमी के कारण सड़क हादसों, छोटी चोट या बड़ी चोटें यहाँ तक की मृत्यु की ओर बच्चे और विद्यार्थी सबसे कमजोर समूह हैं। उनके शुरुआती समय में सड़क सुरक्षा नियमों और उपायों के बारे में बच्चों को अच्छे से जागरुक बनाने में कोई देर नहीं होनी चाहिये। ये माता-पिता और शिक्षकों का कर्तव्य है कि वो उन्हें अच्छे से मार्गदर्शन दें।

बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा ज्ञान की जरुरत

आँकड़ों के अनुसार, ये पाया गया है कि ज्यादातर सड़क दुर्घटना मामले जिसमें बच्चे शामिल होते हैं, क्योंकि वो दूसरे आयु वर्ग के समूह से ज्यादा खतरे पर होते हैं। उन्हें अपने शुरुआती समय से ही सड़क सुरक्षा ज्ञान और शिक्षा की जरुरत है। उनके पाठ्यक्रम में इसे विषय के रुप में जोड़ने के द्वारा उनके घर और स्कूल से ही इसकी शुरुआत होनी चाहिये। यहाँ दिये निम्न बिंदु इस बात की तस्दीक करेंगे कि क्यों सड़क सुरक्षा बहुत जरुरी है:

  • बच्चे, बच्चे होते हैं, यातायात परिस्थिति के दौरान घर या दूसरी जगहों खासतौर से सड़क में वो अगला क्या करेंगे कोई भी इसके बारे में आश्वस्त नहीं है।
  • बच्चे बिल्कुल निर्दोष होते हैं, सड़क पर तेज गति से चलने वाले वाहनों का वो मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं।
  • उनके छोटे कद के कारण चालक भी सड़क पर उनके मूड को भाँप नहीं सकता जब वो वाहन के सामने सड़क को पार करने की कोशिश करते हैं।
  • वो अंदाजा नहीं लगा सकते कि कैसे प्राय: वाहन खाली सड़क पर आ जाते हैं।
  • वो सड़क को कहीं से भी पार सकते हैं क्योंकि उन्हें सड़क को पार करने के लिये उचित तरीका नहीं पता होता।
  • वो जल्दी ही डर जाते हैं और ये नहीं समझ पाते कि उन्हें क्या करना चाहिये जब वो वाहन को अपनी ओर आते हुए देखते हैं।

बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा नियम

सड़क पर उन्हें जिम्मेदार पैदल यात्री बनाने के द्वारा सड़क हादसों से बच्चों को बचाने में निम्न कुछ जरुरी सड़क सुरक्षा नियम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं:

  • अभिवावकों को अपने बच्चों को अतिरिक्त सावधान बनाना चाहिये और सड़क को पार करने से पहले हर तरफ (बाँये और दाँये) देखने के बारे में सिखाना चाहिये।
  • बच्चों को सड़क पार करते हुए अपने बड़ों या दोस्तों का हाथ हमेशा पकड़े रहना चाहिये।
  • उन्हे कभी-भी सड़क पर दौड़ना नही चहिये, माता-पिता का हाथ छोड़ना या जल्दी में नहीं होना चाहिये और धैर्य रखें।
  • किसी भी वजह से उनका ध्यान न बँटे और सड़क पर उन्हें अधिक सचेत होने की जरुरत है।
  • केवल फुटपाथ का अनुसरण करने के लिये उनके अभिवावकों द्वारा उन्हें अभ्यस्त बनाना चाहिये या हमेशा सड़क पर बाँये तरफ का प्रयोग करें जहाँ फुटपाथ अनुपलब्ध हो।
  • पैदलयात्रीयों के लिये यातायात सिग्नलों को देखने के बाद चौराहे पर केवल सड़क को पार करने के लिये उन्हें सिखाना चाहिये।
  • सड़क पर रंगों के मायने (लाल अर्थात् रुको, हरा अर्थात् चलो और पीला का भी अर्थ रुकना है), यातायात लाईट की मूल जानकारी और यातायात चिन्हों के महत्व को उन्हें जरुर बताएँ।
  • कार या बस से बाहर आने के दौरान पैसेंजर सीट के पीछे की तरफ का इस्तेमाल उन्हें करना चाहिये।
  • बच्चों को सड़क पर या खेलने की जगह से बाहर के क्षेत्र में नहीं खेलने के बारे में बच्चों को सिखाना चाहिये।
  • ब्रेक, हार्न और स्टीयरिंग या हैंडल के कार्य को ठीक से जाँचने के द्वारा सड़क पर साईकिल चलाने के दौरान सभी उपयों के इस्तेमाल और हेलमेट को जरुर पहनना चाहिये।
  • सड़क पर साईकिल चलाने के दौरान बच्चों को ईयरफोन या गाना सुनने का कोई दूसरा यंत्र नहीं प्रयोग करना चाहिये।
  • कार चलाने के दौरान सीट-बेल्ट या बाईक चलाने के दौरान हेलमेट पहनने के लिये अभिवावक को उन्हें सिखाना चाहिये। एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करने के लिये गाड़ी चलाने के दौरान अभिवावकों को सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों का अनुसरण करना चाहिये क्योंकि अपने बच्चों के जीवन में माता-पिता ही पहला उदाहरण किसी कार्य को सीखने के लिये बनते हैं।

सड़क हादसों और चोट के मामलों की संख्या को कम करने के साथ ही सावधान और सुरक्षित होने के लिये सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये सड़क सुरक्षा बहुत जरुरी है। इसलिये, सभी को सख्ती से सड़क यातायात लाईटों के सभी नियमों, नियंत्रकों और चिन्हों का अनुसरण करना चाहिये। स्कूल में शिक्षकों के द्वारा उचित शिक्षा पाने और घर पर अपने अभिवावकों से बच्चों को सही ज्ञान के द्वारा सड़क सुरक्षा के बारे में अच्छे से अभयस्त होना चाहिये।

सड़क सुरक्षा पर निबंध – Road Safety par Nibandh – (600 शब्द)

आज के समय मे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी बढ़ गयी है और इस समस्या का कोई एक कारण नही है वास्तव में ऐसे कई सारे कारण है। जो सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं जैसे – यातायात नियमों की जानकारी ना होना, सड़को की स्थिति ठीक ना होना, वाहन चलाते वक्त सुरक्षा सावधानियां ना बरतना आदि। हमारे देश में दिन-प्रतिदिन बढ़ती वाहनों की संख्या को देखते हुए। अब यह काफी आवश्यक हो चुका है कि हम सड़क सुरक्षा से जुड़े मानकों को अनिवार्य रुप से अपनायें क्योंकि मात्र इसी के द्वारा ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकती है।

सड़क दुर्घटना के कारण

सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के साथ ही इन दुर्घटनाओं में जान गवाने वालों की भी संख्या बढ़ती जा रही है। यदि इस समस्या पर समय रहते ध्यान नही दिया गया तो सड़क दुर्घटना की यह समस्या आगे चलकर और भी भयावह रुप धारण कर लेगी। सामान्यतः सड़क दुर्घटनाओं का मूल कारण यातायात नियमों की जानकारी ना होना, अपरिपक्व चालक द्वारा वाहन चलाना, सीमा गति से अधिक गति में वाहन चलाना, सुरक्षा उपायों की अनदेखी करना, यातायात नियमों का पालन ना करना, सड़को की स्थिति खराब होना आदि हैं।

सड़क हादसों से जुड़े तथ्य

  • पूरे विश्व भर में प्रतिवर्ष 13 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवा देते हैं।
  • भारत में प्रतिवर्ष 1.5 लाख लोगों की सड़क हादसों में मृत्यु हो जाती है।
  • शराब पीकर गाड़ी चलाना सड़क हादसों का सबसे प्रमुख कारण हैं।
  • पूरे वर्ष सड़क हादसों में होने वाली मृत्यु में 25 प्रतिशत दुपहिया वाहन चालक होते हैं।
  • भारत में होने वाले सड़क हादसों में लगभग 16 बच्चे प्रतिदिन अपनी जान गवा बैठते हैं।
  • यदि इन तथ्यों पर गौर किया जाये, तो भविष्य में यह समस्या और भी ज्यादे भयावह होने वाली है। एक शोध में इस बात का पता चला है कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो सन् 2020 तक प्रतिवर्ष 20 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवायेंगे।

सड़क सुरक्षा से जुड़ी सावधानियां

  • पैदल चलते वक्त हमेशा फुटपाथ का प्रयोग करना चाहिए और जहां फुटपाथ ना हो वहां सदैव सड़क के बाए ओर से चलना चाहिए।
  • वाहन चलाते या सड़क यात्रा के वक्त कभी जल्दबाजी ना दिखाएं, कभी भी सिग्नल तोड़कर या जल्दबाजी में भागकर रास्ता पार ना करें।
  • ट्रैफिक सिग्नल तथा नियमों की पूरी जानकारी रखे और सदैव इनका पालन करें।
  • सड़क पार करते वक्त जेब्रा क्रॉसिंग, फुट ओवर ब्रिज करे और जहां यह सुविधाएं ना हो, वहा सड़क के दोनो तरफ देखकर ही सड़क पार करें।
  • कभी भी रेड सिग्नल पर सड़क पार करने का प्रयास ना करें। सड़क पार करते वक्त हमेशा ग्रीन सिग्नल का ध्यान रखे।
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे की बस आदि में दौड़कर चढ़ने की कोशिश ना करें।
  • उतरते वक्त भी बस के पूरी तरह से रुकने पर ही उतरें, कभी भी चलते बस से उतरने का प्रयास ना करे।
  • कभी भी नशे के हालत में वाहन ना चलायें।

सड़क सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां

  • सड़क की स्थिति ठीक ना होना।
  • शहरों में मैनहोल और सीवर का खुला होना।
  • सड़को पर पानी लगा होना।
  • छुट्टा पशुओं का सड़क पर खुले आम घुमना।
  • लोगो द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन ना करना।
  • वाहन चलाते वक्त ध्यान ना देना।
  • वाहन चलाते वक्त मोबाइल का उपयोग करना।

सड़क सुरक्षा के निवारक उपाय

यदि नीचे दिये गये सड़क सुरक्षा से जुड़े निवारक उपाय अपनाया जाये तो सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लायी जा सकती है।

  • वाहन चलाते तथा सवारी के वक्त सीट बेल्ट पहनना, हेलमेट लगाना जैसे सुरक्षा उपायों को अपनायें।
  • वाहन चलाते वक्त मेकअप करना, बाल सवारना या फोन पर बात करने जैसे कार्य ना करें।
  • सदैव यातायात नियमों का पालन करें।
  • वाहन की गति पर नियंत्रण रखे।
  • शराब पीकर या गाड़ी ना चलायें, यात्रा के दौरान सिगरेट या किसी प्रकार का नशा ना करें।
  • कभी भी वन वे में गलत दिशा या रिवर्स में गाड़ी ना चलायें।

सड़को पर तेजी से बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण, यह काफी जरुरी हो चुका है कि इसके लिए निवारक उपाय अपनाएं जायें क्योंकि मात्र इन्हीं के द्वारा ही हम मानवीय कारणों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा भी सड़को की स्थिति को सुधारे जाने तथा यातायात नियमों को और भी कड़ाई से लागू किये जाने की आवश्यकता है। यदि हम सब वाहन चलाते वक्त नियमों का पालन करें और संयम बरते तो सड़क सुरक्षा के इस सपने को एक दिन अवश्य ही साकार कर पायेंगे।

Essay on Road Safety in Hindi

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सड़क सुरक्षा पर नारा

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औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध (industrial safety essay in hindi)

औद्योगिक सुरक्षा की परिभाषा:.

औद्योगिक सुरक्षा (industrial safety) के महत्व को इस तथ्य के कारण महसूस किया गया था कि हर साल लाखों व्यावसायिक/औद्योगिक दुर्घटनाएं होती हैं।

इनमें से लगभग पाँचवाँ उत्पादन समय उन लोगों द्वारा खो दिया जाता है जो वास्तव में अस्थायी और स्थायी विकलांगता के कारण घायल हो जाते हैं और शेष उत्पादन समय साथी संचालकों / लोगों द्वारा घायलों की मदद करने, दुर्घटना से हुए नुकसान की देखभाल करने आदि में खो जाता है। औद्योगिक इकाई दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों के मामलों में बहुत अधिक खतरनाक होगी।

इसलिए औद्योगिक दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान / जांच करना और उन्हें नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना आवश्यक है। कई विषयों का संबंध इस सुरक्षा दृष्टिकोण से है। औद्योगिक इंजीनियरिंग एक क्षेत्र है जो कुशल कार्य स्थान, उपकरण और औद्योगिक लेआउट डिजाइन के डिजाइन से संबंधित है। अन्य विषय जो सुरक्षित कार्य वातावरण में योगदान कर सकते हैं वे हैं मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और मेडिकेयर विज्ञान।

असुरक्षित कार्यशील वातावरण को प्रभावी ढंग से और कुशलता से समाप्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

(1) दुर्घटनाओं के कारणों का यदि संभव हो तो उन्मूलन करना।

(2) यदि दुर्घटनाओं के कारण को समाप्त करना संभव नहीं है, तो गार्ड, बाड़े या इसी तरह की व्यवस्था से खतरनाक जगह को ढालने की व्यवस्था करें।

industrial safety

सुरक्षा की आवश्यकता:

एक असुरक्षित स्थिति विभिन्न रूपों में मौजूद हो सकती है। दोषपूर्ण या दोषपूर्ण विद्युत फिटिंग, गिरोह के तरीके के अपर्याप्त रखरखाव। दोषपूर्ण उपकरणों आदि का उपयोग करना ताकि दुर्घटनाओं की घटना को रोका जा सके, असुरक्षित कृत्यों को टाला / समाप्त किया जा सकता है या जाँच की जा सकती है।

असुरक्षित कृत्यों के कारण कारणों के सुधार के लिए निम्नलिखित कारकों पर ध्यान दिया जाना चाहिए:

(1) कार्मिक समायोजन:

यदि एक फोरमैन / सुपरवाइजर यह पहचानता है कि एक कार्यकर्ता शारीरिक या मानसिक या नौकरी / कार्य के लिए अयोग्य है, तो उसे कार्मिक विभाग के परामर्श से काम से जल्दी निकाल देना चाहिए।

(2) विधि / तकनीक का उपयोग किया जाता है:

परिवर्तन की आवश्यकता वाली कुछ तकनीकों को सुरक्षित तरीकों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।

(3) संचालक प्रशिक्षण:

नौकरी का तरीका सुरक्षित या असुरक्षित हो सकता है लेकिन ऑपरेटर को नौकरी करने के लिए प्रशिक्षित होना चाहिए।

(4) दुर्घटना की रोकथाम के बारे में प्रचार और शिक्षा:

श्रमिकों / लोगों का नेतृत्व फोरमैन / पर्यवेक्षक के कौशल, ऊर्जा और नेतृत्व के द्वारा किया जाता है। तो यह इन लोगों का कर्तव्य है कि वे दुर्घटनाओं की रोकथाम के बारे में श्रमिकों को शिक्षित करें। इसका उद्देश्य उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक होना सिखाना है ताकि वे असुरक्षित कार्य या स्थिति को पहचान सकें और इस तरह से कार्य कर सकें कि दुर्घटना से बचा जा सके।

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असुरक्षित स्थिति:

असुरक्षित परिस्थितियों के कारण दुर्घटनाओं से बचने के लिए, “प्रावधान अधिनियम” में विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा की गई है, ये प्राइम मूवर्स, विद्युत जनरेटर और ट्रांसमिशन मशीनरी के बढ़ते भागों से संबंधित हो सकते हैं: अग्नि सुरक्षा उपकरण, खतरनाक धुएं का नियंत्रण, अत्यधिक वजन उठाना और प्रकाश मशीनों, जंजीरों और रस्सियों आदि पर सुरक्षित पहरेदार।

इस प्रकार उद्योग में सुरक्षा मदद करती है:

(i) उत्पादन दर बढ़ाना।

(ii) उत्पादन की लागत को कम करना।

(iii) मशीनरी और उपकरण को होने वाली क्षति को कम करना।

(iv) संगठन के कर्मचारियों को अवांछित पीड़ा और दर्द को रोकना।

(v) प्रतिभावान श्रमिकों की समय से पहले / असामयिक मृत्यु को रोकना जो उद्यम और समाज के लिए एक संपत्ति हो सकते हैं।

सुरक्षा कार्यक्रम:

एक सुरक्षा कार्यक्रम की पहचान करने का इरादा है कि दुर्घटनाएं कब और क्यों होती हैं। इसी तर्ज पर एक सुरक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य दुर्घटनाओं और उससे जुड़े नुकसानों को कम करना है। एक सुरक्षा कार्यक्रम इस धारणा के साथ शुरू किया गया है कि अधिकांश काम से जुड़े दुर्घटनाओं को रोकना संभव है।

एक सुरक्षा कार्यक्रम एक सतत प्रक्रिया है और व्यक्तिगत और पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव को कम करने की कोशिश करता है जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। आम तौर पर एक सुरक्षा कार्यक्रम में सुरक्षा उपकरण और कामगार या कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करना शामिल है।

भारतीय मानक संस्थान ने इस संदर्भ में सराहनीय कार्य किया है और निम्नानुसार है:

(i) परिचालन संचालन के दौरान की जाने वाली सुरक्षा सावधानियां।

(ii) औद्योगिक इकाई के उचित प्रकाश, वेंटिलेशन और उचित लेआउट के लिए मानक।

(iii) सुरक्षित औद्योगिक संचालन और प्रथाओं आदि के मानक और विनिर्देश।

(iv) उपकरण और उपकरण के प्रभावी रखरखाव के लिए आवश्यकताएँ

(v) सुरक्षित कटाई और वेल्डिंग प्रक्रियाओं पर मार्गदर्शन।

(vi) संचालित औद्योगिक ट्रकों, बेल्ट कन्वेयर और अग्नि सुरक्षा उपकरणों के उपयोग पर मार्गदर्शन।

(vii) व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के लिए सुरक्षा आवश्यकताएँ

(viii) खतरनाक रसायनों का वर्गीकरण और दुर्घटना प्रावधान टैग का प्रावधान।

(ix) खतरनाक वस्तुओं / वस्तुओं की हैंडलिंग और लेबिलिंग के लिए अंकन।

(x) सुरक्षा के मानक:

(a) औद्योगिक भवन में

(बी) विद्युत कार्य में सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन किया जाना

(ग) खतरनाक क्षेत्र और विस्फोटक वातावरण में बिजली के उपकरणों के उपयोग में।

(xi) सुरक्षात्मक कपड़ों के लिए विनिर्देशों, सुरक्षा हेलमेट चेहरे की ढाल और आंखों के कानों के लिए सुरक्षा उपकरण आदि।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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Playback singer Uma Ramanan dies in Chennai

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Popular playback singer Uma Ramanan passed away in Chennai on Wednesday. She was 72.

She is survived by her husband A.V. Ramanan, who is also a singer, and her son, Vignesh Ramanan.

A trained classical singer, Uma Ramanan has been part of more than 6,000 concerts in over three decades.

The song 'Poongathave Thaal Thiravai' for the 1980 movie 'Nizhalgal' shot her to fame. She has been a frequent collaborator with Ilaiyaraaja.

Some of her popular songs with Ilaiyaraaja include 'Aanandha Raagam' from Panner Pushpangal , 'Bhoopalam Isaikkum' from the movie Thooral Ninnu Pochchu , 'Aagaya Vennilave' from Arangetra Velai and 'Ponn Maanae' from Oru Kaidhiyin Dairy .

Her last song was 'Kannum Kannumthan Kalandaachu' for the movie Thirupaachi , starring Vijay.

"Extremely saddened to hear about the passing away of singer Uma Ramanan ma'am. May her soul rest in peace and My Condolences to the family. Om Shanti," wrote playback sing K.S. Chitra on X.

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COMMENTS

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