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स्वच्छता पर निबंध (Cleanliness Essay in Hindi)

स्वच्छता

नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य को पूरा करने के लिये एक बड़ा कदम हो सकता है हर भारतीय नागरिक का एक छोटा सा कदम। रोजमर्रा के जीवन में हमें अपने बच्चों को साफ-सफाई के महत्व और इसके उद्देश्य को सिखाना चाहिये। अच्छा स्वास्थ्य किसी के जीवन को बेहतक बना सकता है और वह हमें बेहतर तरीके से सोचने और समझने की ताकत प्रदान करता है और अच्छे स्वास्थ्य का मूल मंत्र स्वच्छता है।

स्वच्छता पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Cleanliness in Hindi, Swachhata par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द).

स्वच्छता कोई काम नहीं है, जो पैसे कमाने के लिये किया जाए बल्कि, ये एक अच्छी आदत है जिसे हमें अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन के लिये अपनाना चाहिये। स्वच्छता पुण्य का काम है जिसे जीवन का स्तर बढ़ाने के लिये, एक बङी जिम्मेदारी के रुप में हर व्यक्ति को इसका अनुकरण करना चाहिये। हमें अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता, पालतू जानवरों की स्वच्छता, पर्यावरण की स्वच्छता, अपने आस-पास की स्वच्छता, और कार्यस्थल की स्वच्छता आदि करनी चाहिये। हमें पेड़ों को नहीं काटना चाहिये और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिये पेड़ लगाना चाहिये।

ये कोई कठिन कार्य नहीं है, लेकिन हमें इसे शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिये। ये हमें मानसिक, शारीरिक, समाजिक और बौद्धिक रुप से स्वस्थ रखता है। सभी के साथ मिलकर उठाया गया कदम एक बड़े कदम के रुप में परिवर्तित हो सकता है। जब एक छोटा बच्चा सफलतापूर्वक चलना, बोलना, दौड़ना सीख सकता है और यदि अभिभावकों द्वारा इसे बढ़ावा दिया जाए, तो वो बहुत आसानी से स्वच्छता संबंधी आदतों को बचपन में ग्रहण कराया जा सकता है।

माता-पिता अपने बच्चे को चलना सीखाते हैं, क्योंकि ये पूरे जीवन को जीने के लिये बहुत जरुरी है। उन्हें जरुर समझना चाहिये कि स्वच्छता एक स्वस्थ जीवन और लंबी आयु के लिये भी बहुत जरुरी होता है, इसलिये उन्हें अपने बच्चों में साफ-सफाई की आदत भी डालनी चाहिये। हम अपने अंदर ऐसे छोटे-छोटे बदलाव अगर ले आएं तो शायद वो दिन दूर नहीं जब पूरा भारत स्वच्छ हो। बच्चों में क्षमता होती है, कि वे कोई भी आदत जल्दी सीख लेते हैं। इस लिये उन्हे स्वच्छता का पालन करने के लिये बचपन से प्रेरित करें।

निबंध 2 (300 शब्द)

स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सभी के लिये बहुत जरुरी है। अपने घर, पालतू जानवर, अपने आस-पास, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल आदि सहित सबकी सफाई करते हैं। हमें सदैव साफ, स्वच्छ और अच्छे से कपड़े पहनना चाहिये। ये समाज में अच्छे व्यक्तित्व और प्रभाव को बनाने में मदद करता है, क्योंकि ये आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है। धरती पर हमेशा के लिये जीवन को संभव बनाने के लिये अपने शरीर की सफाई के साथ पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों (भूमि, पानी, खाद्य पदार्थ आदि) को भी साफ बनाए रखना चाहिये।

स्वच्छता हमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक हर तरीके से स्वस्थ बनाता है। सामान्यत:, हमने हमेशा अपने घर में ये ध्यान दिया होगा कि हमारी दादी और माँ पूजा से पहले स्वच्छता को लेकर बहुत सख्त होती हैं, तब हमें यह व्यवहार कुछ अलग नहीं लगता, क्यों कि वो बस साफ-सफाई को हमारी आदत बनाना चाहती हैं। लेकिन वो गलत तरीका अपनाती हैं, क्योंकि वो स्वच्छता के उद्देश्य और फायदे को नहीं बताती हैं, इसी वजह से हमें स्वच्छता का अनुसरण करने में समस्या आती है। हर अभिवावक को तार्किक रुप से स्वच्छता के उद्देश्य, फायदे और जरुरत आदि के बारे में अपने बच्चों से बात करनी चाहिये। उन्हे जरुर बताना चाहिये कि स्वच्छता हमारे जीवन में खाने और पानी की तरह पहली प्राथमिकता है।

अपने भविष्य को चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिये हमें हमेशा खुद का और अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिये। हमे साबुन से नहाना, नाखुनों को काटना, साफ और इस्त्री किये हुए कपड़े आदि कार्य रोज करना चाहिये। घर को कैसे स्वच्छ और शुद्ध बनाए ये हमें अपने माता-पिता से सीखना चाहिये। हमें अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना चाहिये ताकि किसी प्रकार की बीमारी न फैले। कुछ खाने से पहले और खाने के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिये। हमें पूरे दिन साफ और शुद्ध पानी पीना चाहिये, हमें बाहर के खाने से बचना चाहिये, साथ ही ज्यादा मसालेदार और तैयार पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिये। इस प्रकार हम खुद को स्वच्छ के साथ-साथ स्वस्थ भी रख सकते हैं।

Essay on Cleanliness in Hindi

निबंध 3 (400 शब्द)

स्वच्छता एक क्रिया है जिससे हमारा शरीर, दिमाग, कपड़े, घर, आसपास और कार्यक्षेत्र साफ और शुद्ध रहते है। हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिये साफ-सफाई बेहद जरुरी है। अपने आसपास के क्षेत्रों और पर्यावरण की सफाई सामाजिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के लिये बहुत जरुरी है। हमें साफ-सफाई को अपनी आदत में लाना चाहिये और कूड़े को हमेशा कूड़ेदान में ही डालना चाहिये, चाहिये क्योंकि गंदगी वह जड़ है जो कई बीमारियों को जन्म देती है। जो रोज नहीं नहाते, गंदे कपड़े पहनते हों, अपने घर या आसपास के वातावरण को गंदा रखते हैं, ऐसे लोग हमेशा बीमार रहते हैं। गंदगी से आसपास के क्षेत्रों में कई तरह के कीटाणु, बैक्टीरिया वाइरस तथा फंगस आदि पैदा होते हैं जो बीमारियों को जन्म देते हैं।

जिन लोगों की गंदी आदतें होती हैं वो भी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों को फैलाते है। संक्रमित रोग बड़े क्षेत्रों में फैलाते हैं और लोगों को बीमार करते हैं, कई बार तो इससे मौत भी हो जाती है। इसलिये, हमें नियमित तौर पर अपने स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिये। हम जब भी कुछ खाने जाएँ तो अपने हाथों को साबुन से धो लें। अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिये हमें बिल्कुल साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिये। स्वच्छता से हमारा आत्म-विश्वास बढ़ता है और दूसरों का भी हम पर भरोसा बनता है। ये एक अच्छी आदत है जो हमें हमेशा खुश रखेगी। ये हमें समाज में बहुत गौरान्वित महसूस कराएगी।

हमारे स्वस्थ जीवन शैली और जीवन के स्तर को बनाए रखने के लिये स्वच्छता बहुत जरुरी है। ये व्यक्ति को प्रसिद्ध बनाने में अहम रोल निभाती है। पूरे भारत में आम जन के बीच स्वच्छता को प्रचारित व प्रसारित करने के लिये भारत की सरकार द्वारा कई सारे कार्यक्रम और सामाजिक कानून बनाए गये और लागू किये गये है। हमें बचपन से स्वच्छता की आदत को अपनाना चाहिये और पूरे जीवन उनका पालन करना चाहिये। एक व्यक्ति अच्छी आदत के साथ अपने बुरे विचारों और इच्छाओं को खत्म कर सकता है।

घर या अपने आसपास संक्रमण फैलने से बचाने और गंदगी के पूर्ण निपटान के लिये हमें ध्यान रखना चाहिये कि कूड़ा केवल कूड़ेदान में ही डालें। साफ-सफाई केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि ये घर, समाज, समुदाय, और देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हमें इसके महत्व और फायदों को समझना चाहिये। हमें कसम खानी चाहिये कि, न तो हम खुद गंदगी फैलाएंगे और किसी को फैलाने देंगे।

निबंध 4 (600 शब्द)

स्वच्छता किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी होता है। चाहे वह कोई भी क्षेत्र क्यों न हो, हमें सदैव इसका पालन करना चाहिये। स्वच्छता कई प्रकार की हो सकती है जैसे कि, सामाजिक, व्यक्तिगत, वैचारिक आदि। हमें हर क्षेत्र में इसे अपनाना चाहिये क्यों कि सबके मायने अलग होते हैं। विचारों कि स्वच्छता हमें एक अच्छा इंसान बनाती है, तो वहीं व्यक्तिगत स्वच्छता हमें हानिकारक बिमारियों से बचाती है। इस लिये स्वच्छता के सार्वभौमिक विकास हेतु हमें सदैव प्रयासरत रहना चाहिये।

स्वच्छता का महत्व

चाहे व्यक्ति छोटा हो या बड़ा, हर उम्र में उन्हें कुछ स्वच्छता संबंधीत नियमों का पालन करना आवश्यक होता है जैसे कि, सदैव खाने से पहले और बाद में हाथों को साबुन से धुलना, रोज नहाना, अपने दांतो को साफ करना, नीचे गिरे वस्तुओं को न खाना, अपने घर को साफ रखना, घर में उचित सूर्य के प्रकाश कि व्यवस्था हो, आपने नाखूनों को साफ रखना, केवल घर ही नहीं अपितु आस-पास के परिवेश को भी स्वच्छ रखना, अपने स्कूल, कॉलेज या कोई भी सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा न फैलाना। सूखे और गीले कचड़े को अलग-अलग हरे और नीले कूड़ेदान में डालना। इस प्रकार और भी कई काम हैं जिनके जरिये आप अपने अंदर स्वच्छता संबंधी आदतों को विकसित कर सकते हैं।

स्वच्छता से होने वाले फायदे

स्वच्छता के कई फायदे हैं जैसे कि स्वच्छता संबंधी अच्छी आदतें हमे कई बीमारियों से बचाती हैं। कोई भी बीमारी न केवल शरीर के लिए हानिकारक होता है, अपितु खर्च भी बढ़ा देता है। गंदे पानी व भोजन के सेवन से पीलिया, टाइफाइड, कॉलेरा जैसी खतरनाक बीमारियां फैलती हैं। गंदे परिवेश मे मच्छर पनपते हैं जो मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियां फैलाते हैं।

व्यर्थ के बीमारियों को बढ़ाने से अच्छा है कि हम स्वच्छता संबंधी नियमों का पालन करें। ऐसा कर के हम देश के लाखों रुपये, जो बीमारियों पर खर्च होते हैं बचा सकते हैं। व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ वैचारिक स्वच्छता हमें एक अच्छा इंसान बनाता है। जो सदैव अपने विकास के साथ दूसरों का भी भला सोचता है और जब देश के सभी लोग ऐसी भावन के साथ जीने लगेंगे, तो वो दिन दूर नहीं जब देश स्वच्छता के साथ-साथ प्रगति के पथ पर भी तेजी से आगे बढ़ने लगेगा।

स्वच्छता संबंधी अभियान

भारत सरकार ने स्वच्छता की आवश्यकता को समझते हुए स्वच्छ भारत नामक अभियान को भी चलाया जिसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती के मौके पर की गई। पर कोई भी अभियान केवल सरकार मात्र नहीं चला सकती, आवश्यकता है वहां के नागरिकों में जागरुकता फैलाने की।

इस अभियान के तहत सरकार ने शहर एवं ग्रामीण दोनो क्षेत्रों मे स्वच्छता को बढ़ावा दिया है और पूरे भारत को खुले मे शौच मुक्त करने का प्रण लिया है। अब तक 98 प्रतिशत भारत को खुले में शौचमुक्त बनाया जा चुका है। इसी प्रकार कई अन्य अभियान हैं जैसे निर्मल भारत, बाल स्वच्छता अभियान आदि। सबका उद्देश्य भारत में स्वच्छता को बढ़ावा देना है।

हम यह कह सकते हैं कि स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है और स्वच्छता संबंधी आदतों से हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। और जब हमारा स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो हम अपने परिवेश कि भी सफाई आसानी से कर पाएंगे। जब हमारा पूरा परिवेश साफ रहेगा तो नतीजन देश भी साफ रहेगा और इस प्रकार एक छोटी सी कोशिश मात्र से हम पूरे देश को साफ कर सकते हैं।

हमें बच्चों में छोटे समय से स्वच्छता संबंधी आदतें डालनी चाहिए, क्यों कि वे देश के भविष्य हैं और एक अच्छी आदत देश में बदलाव ला सकता है। जिस देश के बच्चे सामाजिक, वैचारिक और व्यक्तिगत रूप से स्वच्छ होंगे उस देश को आगे बढ़ने से कोइ नहीं रोक सकता। एक जिम्मेदार नागरिक बनें और देश के विकास में अपना योगदान दें। स्वच्छता अपनाएं और देश को आगे बढ़ाएं।

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स्वच्छता के महत्व: एक स्वस्थ और विकसित भारत के लिए

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स्वच्छता के महत्व

वास्तव में, स्वच्छता हमारे जीवन में महत्वपूर्ण एक गुण है जो हमारी सेहत और समृद्धि के लिए अनिवार्य है। स्वच्छता का महत्व सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और पर्यावरणिक क्षेत्रों तक फैलता है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम स्वच्छता को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाएं और इसे समाज की एक प्राथमिकता के रूप में स्वीकारें।

व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वच्छता

व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वच्छता के अनुरूप ध्यान रखना हमारे स्वास्थ्य और सुख-शांति के लिए आवश्यक है। स्वच्छता के अभाव में, व्यक्ति संक्रमित हो सकता है और बीमार पड़ सकता है। सफाई की अच्छी आदतें, जैसे हाथ धोना, दांतों की सफाई, नाखूनों को काटना, नियमित स्नान आदि, बीमारियों से बचाव में मदद करती हैं और हमें स्वस्थ रखती हैं। स्वच्छता का ध्यान रखने से हमारे अवचेतन मन पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है और हमारी ऊर्जा और सक्रियता में वृद्धि होती है।

परिवेश में स्वच्छता

व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ, हमें अपने आस-पास के परिवेश की सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए। गंदगी, कचरा और अव्यवस्था से भरे परिवेश में रहना अस्वास्थ्यकर होता है और बीमारियों के प्रसार का कारण बन सकता है। साफ-सुथरे परिवेश में रहने से हमें ताजगी का अनुभव होता है, हमारी मनसिक स्थिति अच्छी रहती है और हम सक्रिय और ऊर्जावान रहते हैं।

सार्वजनिक स्थानों में स्वच्छता

स्वच्छता और साफ-सुथरे सार्वजनिक स्थानों की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमारे स्वास्थ्य और अच्छे जीवन के लिए आवश्यक है, साथ ही इससे हमारे देश की छवि भी बढ़ती है। आपके आस-पास के आम लोग या पर्यटकों के लिए स्वच्छता एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता होनी चाहिए।

स्वच्छता और पर्यावरण के लिए महत्व

स्वच्छता और पर्यावरण के बीच गहरा संबंध होता है। अपर्यावरणिक कचरे का एक अधिकारिक उपयोग, अवैध निर्माण और प्रदूषण के कारण हमारे पर्यावरण में बहुत सारी समस्याएं होती हैं। स्वच्छता के माध्यम से हम अपने पर्यावरण की रक्षा करते हैं, वनस्पति और जीव-जंतुओं को संरक्षित रखते हैं और प्रकृति के संतुलन को सुरक्षित करते हैं।

स्वच्छता और स्वच्छता

स्वच्छता और स्वच्छता के महत्व को समझने के लिए, हमें स्वच्छता और स्वच्छता के बीच के अंतर को समझना चाहिए। स्वच्छता सिर्फ शारीरिक और पर्यावरणिक सफाई के माध्यम से हासिल की जाती है, जबकि स्वच्छता स्वास्थ्य, नैतिकता, सामाजिक जिम्मेदारी, व्यवस्था और संस्कृति के व्यापक पहलुओं को संदर्भित करती है। स्वच्छता सिर्फ एक शब्द नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो हमें स्वस्थ, समृद्ध और संतुलित बनाती है।

स्वच्छता और शैक्षिक संस्थानों में महत्व

शैक्षिक संस्थानों में स्वच्छता का महत्व अत्यंत उच्च होता है। स्वच्छता और साफ-सुथरा वातावरण छात्रों को अध्ययन में नयी ऊर्जा प्रदान करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि वे एक स्वस्थ मनोवृत्ति के साथ पढ़ाई कर सकें। इसके अलावा, स्वच्छता संस्थानों में संगठन को बढ़ावा देती है और एक संवेदनशील और उद्यमी समाज के निर्माण में मदद करती है।

स्वच्छता और मानसिक अच्छाई का प्रभाव

स्वच्छता का ध्यान रखना हमारे मानसिक अच्छाई के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वच्छता के अभाव में, हमारी मानसिक स्थिति प्रभावित होती है और हम तनाव, चिंता और निराशा के शिकार हो सकते हैं। स्वच्छता के माध्यम से हम अपने मन की सफाई करते हैं, जो हमें आनंद और समृद्धि की अनुभूति कराती है।

स्वच्छता और उत्पादकता

स्वच्छता और उत्पादकता के बीच एक गहरा संबंध होता है। स्वच्छता के माध्यम से हम अपने कार्यस्थलों को साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखते हैं, जिससे कर्मचारियों की संख्या बढ़ती है, उनकी मनोदशा सुधरती है और कार्य की गुणवत्ता में सुधार होता है। साफ-सुथरे और व्यवस्थित कार्यस्थल में कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ती है और वे नए और उन्नत कार्यविधियों का अनुसरण कर सकते हैं।

स्वच्छता का महत्व और सामाजिक जिम्मेदारी

स्वच्छता सामाजिक जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारी स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी न केवल हमारे आस-पास के लोगों के स्वास्थ्य और अच्छे जीवन के लिए आवश्यक होती है, बल्कि इससे हम समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास करते हैं। हमारी स्वच्छता का प्रभाव हमारे पर्यावरण, समाज और समुदाय के लिए एक पॉजिटिव योगदान होता है।

स्वच्छता और स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छता के महत्व को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत की है। इस अभियान के माध्यम से सरकार ने लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक किया है और स्वच्छता के लिए सार्वजनिक स्थानों की सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए कई पहलुओं को शुरू किया है। स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से हम सभी को स्वच्छता के महत्व को समझना चाहिए और इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।

स्वच्छता के महत्व के लिए सामान्य नुस्खे

  • अपने आस-पास के स्थानों को साफ-सुथरा और स्वच्छ रखें।
  • व्यायाम और योग करें ताकि आपका शरीर स्वस्थ रहे।
  • अपने खाने-पीने के सामग्री को सुरक्षित और स्वच्छ रखें।
  • प्रदूषण और वातावरणिक कचरे का संयम रखें।
  • जल संरक्षण को महत्व दें और पानी की बर्बादी को रोकें।
  • बच्चों को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षा दें और उन्हें स्वच्छता के अभ्यासों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • आपके आस-पास के स्थानों में सभी जरूरी स्वच्छता सुविधाओं का उपयोग करें।

स्वच्छता का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमारे शारीरिक, मानसिक और सामाजिक अच्छाई के लिए आवश्यक है। स्वच्छता संस्थानों, कार्यस्थलों, और समुदायों में एक उच्च स्तर के जीवन शैली का समर्थन करती है। स्वच्छता को सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार करना आवश्यक है और हमें इसे अपनी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। स्वच्छता के महत्व को समझकर हम स्वच्छ और स्वस्थ भारत की ओर एक साथ बढ़ सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1: स्वच्छता क्यों महत्वपूर्ण है?

स्वच्छता हमारे शारीरिक, मानसिक और सामाजिक अच्छाई के लिए महत्वपूर्ण है। यह हमें स्वस्थ, समृद्ध और संतुलित रखती है और समाज के लिए एक पॉजिटिव योगदान है।

Q2: क्या स्वच्छता का महत्व सिर्फ शारीरिक होता है?

नहीं, स्वच्छता का महत्व सिर्फ शारीरिक ही नहीं होता है। यह हमारी मानसिक तथा सामाजिक अच्छाई के लिए भी महत्वपूर्ण है।

Q3: स्वच्छता के लाभ क्या हैं?

स्वच्छता के लाभों में शारीरिक स्वास्थ्य का सुधार, मनोदशा में सुधार, कर्मचारियों की उत्पादकता में वृद्धि, और सामाजिक जिम्मेदारी के अहसास शामिल होते हैं।

Q4: स्वच्छता के लिए हमें क्या करना चाहिए?

हमें अपने आस-पास के स्थानों को साफ-सुथरा और स्वच्छ रखने, जल संरक्षण करने, प्रदूषण और वातावरणिक कचरे का संयम रखने, और बच्चों को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षा देने की जरूरत है।

Q5: स्वच्छ भारत अभियान क्या है?

स्वच्छ भारत अभियान एक सरकारी पहल है जिसका मकसद लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करना और सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता को सुनिश्चित करना है।

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10 Lines on Cleanliness in Hindi। स्वच्छता पर 10 लाइन निबंध

10 Lines on Cleanliness in Hindi

स्वच्छता जीवन का बहुत ही आवश्यक अंग है। विकसित समाज का पता स्वच्छता से लगाया जा सकता है। व्यक्ति को सदैव स्वच्छ रहना चाहिए। स्वच्छ शरीर में ही स्वच्छ आत्मा का निवास माना जाता है, इसी तरह स्वच्छता से समाज कितना विकसित है इसका पता चलता है। Cleanliness Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इसलिए आज हम “ स्वच्छता पर 10 लाइन निबंध ” लेकर आपके समक्ष आये है इस आर्टिकल में आप “ 10 Lines on Cleanliness in Hindi ” में पढ़ेंगे।

Table of Contents

10 Lines on Cleanliness in Hindi

  • स्वच्छता मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • गाँधी जी ने स्वच्छता को सेवा का भाव कहा था।
  • स्वच्छ मनुष्य ही स्वच्छ समाज की नीव रख सकते है।
  • लोगो को अपने घरो के साथ साथ अपने आस पड़ोस को भी साफ़ रखना चाहिए।
  • स्वच्छता से रहने पर हम बहुत सी बीमारियों से बच सकते है।
  • भारत में 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान को शुरू किया गया था।
  • स्वच्छ भारत अभियान का मकसद भारत को गन्दगी मुक्त बनाना है।
  • विश्व स्तर पर आयरलैंड सबसे स्वच्छ देश है।
  • विश्व स्तर पर भारत स्वच्छ देशो की सूचि में 98वे स्थान पर स्थित है।
  • स्वच्छता की आवश्यकता व्यक्ति और समाज दोनों को है।

5 Lines on Cleanliness in Hindi

  • सरकार ने समय – समय पर नारो द्वारा लोगो को जागरूक करने का प्रयास किया है।
  • आज भी देश की अधिकांश जनता सफाई से नहीं रहती।
  • देश की अधिकांश जनता सफाई से नहीं रहते। , जिसका कभी – कभी उन्हें मुआवज़ा भी देना पड़ता है।
  • देश में पानी से संक्रमित रोग अधिक होते है , जिसका कारण है गन्दा पानी।
  • कहना ना होगा की हाल के वर्षो में स्वछता के प्रति लोगो की चेतना बढ़ी है।

Cleanliness in Hindi

स्वच्छ एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनकर मन में पवित्रता का एहसास होता है। स्वच्छ तथा शुद्ध एक दूसरे के पुरक है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जहाँ स्वछता होती है , वहां लक्ष्मी का वास होता है। स्वछता का अभिप्राय केवल पूजा घर की स्वछता से नहीं अपितु घर और बाहर के प्रत्येक स्थान की   साफ़ – सफाई से है। साफ़ कपडे कीटाणुरहित होते है और पहनने में भी अच्छे लगते है। आप एक व्यक्ति को देखे जो साफ़ – सुथरे कपडे पहनकर आपके सामने खड़ा है और उस व्यक्ति को देखे जो गंदे कपडे , गंदे जूते तथा बिखरे बालो के साथ आपके सामने खड़ा है। आपको वही व्यक्ति आकर्षित करेगा जो साफ़ कपड़ो में है एवं उसके प्रति आपके मन में श्रद्धा जागेगी। यहाँ साफ़ कपड़ो का अर्थ महंगे कपड़ो से हरगिज़ नहीं है। साफ़ अर्थात साबुन से धोये तथा आयरन किये हुए कपडे।

अपने कपडे की साफ़ – सफाई हमारा पहला दायित्व है। स्वछता यानि रोगो से मुक्ति चाहे वो शरीर की हो , खाने – पीने से सम्बंधित हो , घर की स्वछता से सम्बंधित हो अथवा अपने पर्यावरण की स्वछता से सम्बंधित हो। साफ़ – सुथरा घर किसे नहीं पसंद ? लकिन घर को साफ़ रखने हतु हमें थोड़ी सी परिश्रम की आवश्यकता है। रोज़ाना डेटोल से घर की सफाई करनी चाहिए। घर की प्रत्येक वस्तु को अपने निश्चित स्थान पर रखना चाहिए। घर साफ़ रखने के लिए घर की गन्दगी को बाहर न फैलाये। एक साफ़ घर में जाना किसको नहीं पसंद? जहाँ हर वस्तु व्यवस्थित ढंग से रखी हुई हो। सरकारी दफ्तर तो गन्दगी का खज़ाना होता है। इसमें कोई शक नहीं की ऐसा हमारे करतूतों की वजह से ही होता है। हम पान के पीच जहाँ -तहाँ दीवारों के ऊपर फेंक देते है। जहाँ दीवारों पर लिखा रहता है कि यहाँ थूकना मना है उसी स्थान पे विशेषरूप से थूकते है ,खुले स्थान पर शौच करते है ,जैसे कि हमने कसम खाई हो कि हम नहीं सुधरेंगे।

हम अक्सर गन्दगी का सम्बन्ध गरीबी से लगा लेते है,पर ये सरासर गलत है। जहाँ बस्तियाँ होती है वहां गन्दगी का ढेर होता है। घर हो अथवा बाहर लोग अपने घर को ही कचरा का ढेर बना देते है। और यहीं से शुरू होता बीमारियों का सिलसिला। इसका सबसे बड़ा और साक्षात प्रमाण है 2020 में हुए भारतवर्ष का सबसे बड़ा स्लम एरिया धारावी में कोरोना का फैलाव।

यह सच है कि कोरोना एक संक्रमित बीमारी है पर इसका सम्बन्ध सफाई से भी है। हम जितने साफ़ -सुथरे रहेंगे,कोरोना भी उतनी ही दूर रहेगी।सफाई की जरुरत हर प्राणी को है। हम प्राणियों में सबसे श्रेष्ठ कहे जाते है। शायद  इसलिए प्रकृति को गन्दा और प्रदूषित करने का दायित्व भी सबसे ज़्यादा हमारे ही कंधो पर है। गन्दगी भी फैलाते जा रहे है और पेड़ो की अंधाधुन कटाई भी करते जा रहें है।

स्वछता के ऊपर लोगो को शिक्षित करने की आवश्यकता है। जब तक सभी लोगो में जागरूकता नहीं आ जाती। लोग स्वछता का पालन सही ढंग से नहीं करेंगे। हमारी पुरानी संस्कृति इस बात का प्रमाण है की हमारा समाज साफ़ -सफाई को कितना महत्व देता था। सिंधु घाटी सभ्यता के बने चौड़े रास्ते, सड़क किनारे बड़े -बड़े नाले ,बड़ा स्नानागार इस बात का सबूत है की लोग सफाई को कितना महत्व देते थे।

पर बढ़ती जनसँख्या ने जैसी स्वछता पर अंकुश लगा दिया हो। सामने कूड़ादान होते हुए भी हम अपने खाने,पीने का रैपर रास्तों में ही फैक देते है। लोगो को जागरूक करना अति आवश्यक है। केवल सरकार पर दोषारोपण कर देने भर से समस्या का हल नहीं हो जाता। रास्तो ,बस ,पार्क ,सार्वजनिक स्थानों पर सफाई पर भाषण देते काफी लोग नज़र आ जायेंगे ,पर उस पर अमल करने वाले कम ही लोग नज़र आएंगे। केवल नाक भर ढक लेने से समस्या का हल नहीं हो जाता।

लोगो के दिमाग में केवल ये बात घुसानी होगी कि स्वछता का पालन करना अर्थात बीमारियों से दूर रहना है। चलिए जानते है कि स्वछता का   पालन कैसे करें –

1) रोज़ाना घर की साफ़ – सफाई करे।

2) खाना पक जाने उपरांत रसोई घर की अच्छे से सफाई करे।

3) सप्ताह में एक या दो बार शौचालय की सफाई करे।

4) घर का कूड़ा कूड़ेदान के फैके , यदि वह उपलब्ध न हो तो घर से सुनसान इलाके में फैके , जहाँ कोई आता – जाता नहीं।

5) रास्तों से चलते वक़्त जहाँ – तहाँ   ना थूके , ना शौच करे और ना गन्दगी फैलाएं।

6) हमें ध्यान रखना होगा की सफाई का सम्बन्ध बीमारियों से मुक्ति है।

7) रोज़ाना स्नान करके साफ़ कपडे पहने। सफ्ताह में कम से कम 2-3 बार साबुन लगाए।

8) नाखुनो को समय – समय पर काटते रहे।

9) बाहर जब भी निकले ध्यान रखे कि कपडे ज़मीन तक ना जाये और साथ में हमेशा सैनीटाइज़र रहे।

10) पहने हुए कपड़ो को साबुन से धोकर पुनः पहने।

11) बाजार से फल – सब्ज़ी खरीदकर इस्तेमाल करने से पूर्व अच्छी तरह धो ले।

12) पीने का पानी तथा खाना अच्छी तरह ढक कर रखे।

13) घर में अगर कोई पालतू जीव है , तो स्वछता का खास ध्यान रखे।

14) घर में अगर बच्चे है, तो सफाई का खास ध्यान रखे।

उपरोक्त छोटे – छोटे नियमो का पालन करके हम समाज में बड़े बदलाव ला सकते है। इस बात का ध्यान रखना होगा हम पहले अपनी स्वछता का ध्यान रखे फिर तो समाज स्वतः ही स्वच्छ हो ही जायेगा।

स्वछता के बारे में 10 पंक्तियाँ हिंदी में

  • स्वछता हमारे जीवन का मूल आधार है।
  • गन्दगी रोगो को निमंत्रण देती है।
  • स्वच्छ रहने से चित भी प्रसन्नचित रहता है।
  • साफ – सुथरा व्यक्ति सामान्य लोगो से ज़्यादा आकर्षित लगता है।
  • साफ़ वातावरण में मच्छर – मक्खी तथा दूसरे रोग फ़ैलाने वाले कीड़े – मौकोड़े भी कम भिनभिनाते है।
  • यदि पर्यावरण स्वच्छ रहे तो देखने में भी अच्छा लगता है और बीमारियाँ भी कम फैलती है।
  • गन्दगी रोगो का घर है। इसलिए यदि रोगमुक्त रहना है तो स्वच्छ रहें।
  • रसोई तथा शौचालय की विशेष रूप से साफ़ – सफाई का ध्यान रखे।
  • पानी तथा खाने को अच्छी तरह ढक कर रखे।
  • साफ़ बर्तनो में खाना पकाये और खाना बनने के बाद बर्तनो को अच्छी तरह धो ले।

हमें आशा है आप सभी को Cleanliness in Hindi पर छोटा सा लेख पसंद आया होगा। आप इस लेख को अपने स्कूल में 10 lines about Cleanliness in Hindi या 10 Lines on Swachata in Hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है।

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FAQ on Cleanliness in Hindi

Question: जीवन में स्वछता का क्या महत्व है? Ans-जीवन में स्वछता का बहुत महत्व है। स्वच्छ रहने से तन तो अच्छा रहता ही है साथ ही साथ मन भी अच्छा रहता है। घर और परिवेश के स्वच्छ रहने से तन निरोगी और मन भी प्रसन्नचित रहता है।

Question: स्वच्छ रहने के क्या -क्या फायदे है?किन्ही पाँच का उल्लेख करे। Ans-स्वच्छ रहने के निम्नलिखित फायदे है – 1) तन निरोगी रहता है। 2) मन प्रसन्न रहता है। 3) रोग दूर रहते है। 4) घर और परिवेश सुन्दर लगता है। 5) व्यक्ति आकर्षक और अच्छा लगता है।

Question: स्वच्छ रहने से हम रोगो से कैसे दूर रह सकते है? Ans-कीटाणु वहां जन्म लेते है, जहाँ गन्दगी पनपती है। सड़ी-गली वस्तुएं ,भोज्य प्रदार्थ ,कचरा आदि अनेक दिनों से पड़े रहने से इसमें रोगो की उत्पत्ति होती है। इसके कीटाणु यहाँ जन्म ग्रहण करते है तथा चारो ओर फ़ैल जाते है। घर की सफाई के लिए हम परिवेश को दूषित कर डालते है और रोगो का फैलने का अवसर प्रदान करते है। अतः रोगो से दूर रहना है तो हमें स्वच्छ रहना होगा।

Question: क्या स्वच्छ रहने वाले लोग कम बीमार पड़ते है? अगर हाँ तो कैसे? Ans-स्वछता के नियमो का पालन करने वाले व्यक्ति कम बीमार पड़ते है, क्योकि गदगी रोगो का घर होती है। जहाँ के लोग साफ -सफाई का ज़्यादा ध्यान रखने है। औरो की तुलना में कम बीमार पड़ते है।

Question: स्वच्छ रहने से सकरात्मक ऊर्जा का का विकास होता है? कैसे समझाइये ? Ans-स्वच्छ रहने से यक़ीनन सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है, जब हम स्वछता के नियमो का पालन करते है ,तो हमारा चित प्रसन्नचित रहता है। व्यक्तित्व आकर्षक लगता है ,मन का आत्मविश्वास बढ़ता है और हमारे अंदर के सकरात्मक ऊर्जा के विकास होता है। इसे एक छोटा सा उदहारण द्वारा समझा जा सकता है -जब हम एक नया कपड़ा पहनते है तो खुद को आईने में बार-बार देखते है। अर्थात उस वस्त्र के कारण हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।

स्वच्छता पर निबंध 10 लाइन (Essay On Cleanliness in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

environmental cleanliness essay in hindi

Essay On Cleanliness in Hindi – स्वच्छता एक कमरे या एक जगह की स्थिति है जो साफ सुथरी है। यह उन मूल्यों में से एक है, जिनसे आप बचपन में सीखते हैं। आप किसी को, ईमानदार होने के लिए, और ट्रिम करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते; एक चीज जो आप कर सकते हैं वह है इसे प्रोत्साहित करना। स्वच्छ रहने और अपने आसपास के वातावरण को साफ रखने से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।

सभी को अपने आसपास सफाई रखने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। स्वच्छता का मतलब केवल अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखना ही नहीं है, बल्कि खुद को साफ-सुथरा रखना भी है। आपने अपने माता-पिता और शिक्षकों को स्वच्छता के बारे में बात करते जरूर सुना होगा।

स्वच्छता पर निबंध 10 लाइन (100 – 150 शब्द) (Cleanliness Essay 10 Lines (100 – 150 Words) in Hindi)

  • 1) स्वच्छता एक अच्छी आदत है जिसका अर्थ है धूल, कीटाणु आदि से मुक्त होना।
  • 2) स्वस्थ रहने के लिए शरीर और आसपास दोनों की सफाई जरूरी है।
  • 3) अनुचित सफाई और अस्वच्छ आदतों से कई बीमारियाँ हो सकती हैं।
  • 4) स्वच्छता का समर्थन करने में विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • 5) कई एनजीओ स्वच्छता के महत्व को फैलाने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करते हैं।
  • 6) सरकार ने स्वच्छता से जुड़ी कई योजनाएं भी शुरू की।
  • 7) खुले में शौच को कम करने के लिए जगह-जगह शौचालय बनाए जाते हैं।
  • 8) स्वास्थ्य के अलावा स्वच्छता आपके व्यक्तित्व को भी दर्शाती है।
  • 9) नियमित रूप से ब्रश करना, नहाना, हाथ धोना आदि से मनुष्य स्वच्छता को अपना सकता है।
  • 10) कूड़ेदान का उपयोग, प्लास्टिक से परहेज आदि से हम पर्यावरण को स्वच्छ रख सकते हैं।

स्वच्छता पर निबंध 200 शब्द (Essay On Cleanliness  200 words in Hindi)

स्वच्छता को सभी को पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के रूप में लेना चाहिए। सभी को यह समझना चाहिए कि स्वच्छता उतनी ही आवश्यक है जितनी भोजन और पानी। हालाँकि, हमें भोजन और पानी के बजाय स्वच्छता को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए। जैसा कि, हम स्वस्थ तभी हो सकते हैं जब हम अपने भीतर सब कुछ बहुत साफ और स्वच्छ तरीके से लें। बचपन हर किसी के जीवन का बहुत अच्छा समय होता है जिसके दौरान माता-पिता की सावधानीपूर्वक और नियमित निगरानी में स्वच्छता की आदत जैसे चलना, बोलना, दौड़ना, पढ़ना, खाना आदि का अभ्यास किया जा सकता है।

स्कूल और कॉलेजों में, छात्रों को विभिन्न प्रकार की स्वच्छता के विषय पर बहुत सारे प्रोजेक्ट और गृह कार्य दिए जाते हैं। आज के समय में यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि स्वच्छता के अभाव में होने वाली बीमारियों के कारण एक बड़ी आबादी प्रतिदिन मर रही है। इसलिए हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व और आवश्यकता के बारे में जागरूक होना बहुत आवश्यक है। हम सभी को मिलकर हजारों लोगों की जान बचाने और उन्हें स्वस्थ जीवन देने के लिए स्वच्छता की दिशा में एक कदम उठाने की जरूरत है। हमारे प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत’ नामक एक अभियान शुरू किया है। एक भारतीय नागरिक के रूप में हम सभी को इस अभियान के लक्ष्य और उद्देश्यों को पूरा करने में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखानी चाहिए।

स्वच्छता पर निबंध 250 शब्द (Essay On Cleanliness  250 words in Hindi)

स्वच्छता एक आदत है जिसका स्वाभाविक रूप से व्यक्तियों और समाज को भी पालन करना चाहिए। एक स्वच्छ और स्वस्थ समाज पर्यावरण और राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए बहुत आवश्यक और महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता के लिए सरकार की पहल

स्वच्छता के प्रति लोगों की खराब धारणा को देखते हुए, भारत सरकार ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। मिशन का उद्देश्य लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण स्वच्छता के लिए प्रोत्साहित करना था।

इस योजना के तहत सूचीबद्ध कई उद्देश्य थे जिन्हें राष्ट्रीय आधार पर लागू किया गया था। नीचे सूचीबद्ध अभियान के कुछ मुख्य उद्देश्य लोगों के व्यक्तिगत स्वच्छता स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित करने से संबंधित थे।

शौचालयों का निर्माण

लोगों को खुले में शौच करने से रोकने के लिए देश भर में करोड़ों शौचालय बनाए गए। खुले में शौच एक आदत है, जो न केवल मानव स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है।

स्वच्छता अभियान

सरकारी एजेंसियों और संबंधित गैर-सरकारी संगठनों ने जागरूकता बढ़ाने और लोगों को स्वच्छता को आदत बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए समय-समय पर स्वच्छता अभियान चलाए। आमतौर पर, ऐसे अभियान स्वैच्छिक होते हैं और स्वयं सहायता समूहों और समाजों या राजनीतिक संगठनों द्वारा वित्त पोषित होते हैं।

स्कूलों में साफ-सफाई

जब जमीनी स्तर पर समाज में बदलाव की शुरुआत करने की बात आती है; विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चे देश का भविष्य हैं और सकारात्मक बदलाव के अग्रदूत हैं जो हम चाहते हैं। बच्चों को स्वच्छता के लाभ और रोजमर्रा की गतिविधियों जैसे हाथ धोना, दांत साफ करना, नहाना आदि के बारे में बताया गया। ऐसा माना जाता है कि एक बच्चा जिसे स्वच्छता के साथ शिक्षित किया जाता है और घर लौटने पर परिवार में बड़ों को प्रेरित करता है।

स्वच्छता एक आदत है और सामूहिक जिम्मेदारी भी। इसे व्यक्तिगत अभ्यास और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से लागू किया जाना चाहिए।

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स्वच्छता पर निबंध 300 शब्द (Essay On Cleanliness  300 words in Hindi)

यह एक साफ-सुथरी आदत है जो हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। स्वच्छता हमारे घर, पालतू जानवरों, परिवेश, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल आदि सहित शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को साफ रखने की एक आदत है। हमें हर समय खुद को साफ, स्वच्छ और अच्छी तरह से तैयार रखना चाहिए। यह समाज में एक अच्छे व्यक्तित्व और छाप बनाने में मदद करता है क्योंकि यह एक स्वच्छ चरित्र को दर्शाता है। हमें अपने शरीर की स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों (जल, भोजन, भूमि, आदि) की स्वच्छता को बनाए रखना चाहिए ताकि पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व की संभावना हमेशा बनी रहे।

स्वच्छता हमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक हर तरह से स्वस्थ बनाती है। आमतौर पर हम सभी अपने घरों में देखते हैं कि हमारी दादी-नानी पूजा से पहले साफ-सफाई को लेकर बहुत सख्त रहती हैं, यह कोई दूसरी बात नहीं है, वे सिर्फ साफ-सफाई को अपनी आदत बनाने की कोशिश करती हैं। लेकिन वे गलत रास्ते पर चलते हैं क्योंकि वे हमें स्वच्छता के लाभ और उद्देश्य के बारे में कभी नहीं बताते हैं इसलिए हमें स्वच्छता का पालन करने में समस्या होती है। प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों को स्वच्छता के लाभ, उद्देश्य, आवश्यकता आदि के बारे में तार्किक रूप से वर्णन और चर्चा करनी चाहिए। उन्हें हमें बताना चाहिए कि स्वच्छता हमारे जीवन में भोजन और पानी की तरह सबसे पहली और महत्वपूर्ण चीज है।

हमें अपने भविष्य को उज्ज्वल और स्वस्थ बनाने के लिए हमेशा अपनी व्यक्तिगत और आसपास की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। साबुन से नहाना चाहिए, अपने नाखूनों को टेढ़ा करना चाहिए, अच्छी तरह से धोए हुए और प्रेस किए हुए कपड़े रोजाना पहनने चाहिए। घर को साफ-सुथरा कैसे रखा जाए, इसके बारे में हमें अपने माता-पिता से सीखना चाहिए। हमें अपने आसपास के क्षेत्रों को गंदा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बीमारियां फैलती हैं। जब भी हम कुछ खाने जाएं तो अपने हाथों को साबुन से धोना चाहिए। हमें पूरे दिन सुरक्षित, स्वच्छ और अच्छी तरह से शुद्ध पानी पीना चाहिए। जंक फूड, बासी भोजन या अन्य रेडीमेड तरल पदार्थों का सेवन कभी न करें।

स्वच्छता पर निबंध 500 शब्द (Essay On Cleanliness  500 words in Hindi)

स्वच्छता की अवधारणा प्राचीन काल से मानवता के लिए महत्वपूर्ण रही है। इसलिए कहा जाता है, “स्वच्छता ईश्वरत्व के बगल में है।” स्वच्छता हमें स्वस्थ और सभी प्रकार की बीमारियों से दूर रखती है। सांसों की दुर्गंध, शरीर की तेज गंध, गंदे नाखूनों, दागदार दांत, बदबूदार पैर, या अस्त-व्यस्त दाढ़ी जैसी चीजें अस्वच्छ स्वास्थ्य और दूसरों पर खराब प्रभाव डालती हैं। जबकि हाथ, दाँत और बाल धोना, नहाना और गंदगी रहित कपड़े पहनना व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के आसान तरीके हैं। स्वच्छता पर इस निबंध की मदद से छात्र यह समझ पाएंगे कि खुद को और अपने आस-पास को साफ-सुथरा रखना कितना महत्वपूर्ण है। स्वच्छता पर इस निबंध को पढ़ने के बाद छात्र स्वयं इसी तरह के विषयों पर निबंध लिखने में सक्षम होंगे। स्वच्छता पर यह निबंध प्रभावी निबंध-लेखन युक्तियों के साथ उनका मार्गदर्शन भी करेगा।

स्वच्छता स्वच्छ होने की अमूर्त अवस्था है और उस स्थिति को प्राप्त करने और बनाए रखने की आदत है। हिंदू धर्म में, स्वच्छता एक महत्वपूर्ण गुण है, और भगवद गीता इसे उन दिव्य गुणों में से एक के रूप में वर्णित करती है जिनका सभी को अभ्यास करना चाहिए। हमारे माता-पिता और शिक्षक हमें बचपन में सफाई की बुनियादी आदतें भी सिखाते हैं। इनमें दिन में दो बार ब्रश करना, खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोना, नियमित रूप से नहाना, नाखून काटना, साफ-सुथरे कपड़े पहनना, कमरे की सफाई करना आदि शामिल हैं। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, सफाई के ये अभ्यास हमारी आदत बन जाते हैं।

स्वछता का महत्व

स्वच्छता हमें एक प्रफुल्लित मन देती है जिससे उत्पादक कार्य और मानसिक शांति मिलती है। यह गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में प्रगति और सुधार लाता है। स्वच्छता सुनिश्चित करने में विफल रहने से मनुष्य के स्वास्थ्य और कल्याण पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। हमारे बीमार पड़ने की सबसे अधिक संभावना है और विभिन्न बीमारियों जैसे मलेरिया, हैजा, टाइफाइड आदि से प्रभावित हो सकते हैं, जो गंदे और अस्वच्छ जीवन के कारण होने की सबसे अधिक संभावना है। बीमारी कई लोगों को हो सकती है और पूरे समुदाय में फैल सकती है। जैसा कि हम देख सकते हैं, वर्तमान महामारी, COVID-19, दुनिया भर में फैल गई है और इसने करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। इस बीमारी से कई लोगों की मौत भी हो गई थी. इसलिए, संक्रामक रोगों के प्रसार से बचने के लिए, हमें अपने घर की उचित सफाई सुनिश्चित करनी चाहिए और अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए।

व्यक्तिगत साफ-सफाई के अलावा हमें अपने पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने पर भी ध्यान देने की जरूरत है। ज्यादातर लोग केवल अपने घरों की सफाई पर ध्यान देते हैं, और वे कूड़ा और कचरा अपने घरों के बाहर या आस-पास फेंक देते हैं। यह रहने के लिए एक गंदा और अस्वच्छ स्थान बनाता है। इससे कई संक्रामक रोग भी होते हैं। इसलिए पर्यावरण को स्वच्छ और स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। पर्यावरण हमें सांस लेने के लिए ताजी हवा देता है, प्रदूषण कम करता है और हमें तरोताजा और ऊर्जावान महसूस कराता है। इसलिए, हमें स्वस्थ पर्यावरण के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए और गैर-जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर न थूकने, प्लास्टिक के रैपरों को कूड़ेदान में फेंकने, प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने, प्लास्टिक मुक्त जीवन शैली अपनाने आदि जैसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर इसे प्राप्त किया जा सकता है।

स्वच्छता स्वयं को और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करती है। पिछले कुछ वर्षों से, भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को साफ सुथरा रखने पर जोर दिया है। सरकार ने स्वच्छता हासिल करने के लिए विभिन्न अभियान और मिशन शुरू किए हैं। कुछ प्रसिद्ध अभियान “स्वच्छ भारत हरित भारत” और “स्वच्छ भारत अभियान” हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत, सरकार ने घरेलू और सामुदायिक स्वामित्व वाले शौचालयों का निर्माण किया और कई गांवों को “खुले में शौच मुक्त” बनाया। नतीजतन, कुछ राज्य आगे आए हैं और अपने शहरों/राज्यों को स्वच्छ रखने पर अधिक ध्यान देना शुरू कर दिया है। इस प्रकार, यह सभी के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र के रूप में परिणत हुआ है।

स्वच्छता निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

स्वच्छता के कुछ सकारात्मक प्रभावों की सूची बनाएं।.

साफ-सुथरा रहने से महारत का अहसास होता है और मन भी प्रफुल्लित रहता है।

स्वच्छ रहना हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

स्वच्छ रहने और अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखने से हमें बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है और हमारे बीमार पड़ने की संभावना भी कम हो जाती है।

स्वच्छता के अन्य लाभ क्या हैं?

एक स्वस्थ वातावरण कीटाणुओं और जीवाणुओं के विनाश में मदद करता है। यह हमारे घर/पर्यावरण के समग्र स्वरूप में भी सुधार करता है।

स्वच्छता पर निबंध Essay on Cleanliness in Hindi (1000W)

स्वच्छता पर निबंध Essay on Cleanliness in Hindi (1000W)

हमने इस लेख में स्वच्छता पर निबंध (Essay on Cleanliness in Hindi) लिखा है। जिसमें हमने प्रस्तावना, स्वच्छता का अर्थ, महत्व, स्वच्छता पर गांधी जी के 10 विचार, और स्वच्छता पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (स्वच्छता पर निबंध Essay on Cleanliness in Hindi)

हम स्वच्छता के बारे में लोगों से कहते हुए सुनते है कि साफ-सफाई हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह जीवन की प्रथम प्राथमिकता है। आईए स्वच्छता के विषय में ज्यादा जानें और एक कदम स्वच्छता की ओर बढ़ाएं।

स्वच्छता का क्या अर्थ है? What is the meaning of Cleanliness in Hindi?

स्वच्छता का अर्थ है सफाई से रहने की आदत। सफाई से रहने से शरीर स्वस्थ रहता है। स्वच्छता तन और मन दोनों की खुशी के लिए आवश्यक है। स्वच्छता लोगों की दिनचर्या में शामिल होनी चाहिए। गांधी जी ने कहा था- “स्वच्छता ही सेवा है” हमारे देश पर हमारे जीवन में स्वच्छता की बहुत जरूरत है।

स्वच्छता का महत्व Importance of Cleanliness in Hindi

सफाई का मतलब स्वच्छता से है अर्थात अस्वच्छता हमारे आसपास की वातावरण और जीवन को प्रभावित करती है। हमें व्यक्तिगत व आसपास भी सफाई रखनी चाहिए। रोगियों की बढ़ती जनसंख्या एवं अस्पतालों में साफ-सफाई को ध्यान देने की आवश्यकता इस बात को और भी स्पष्ट करती है।

प्रदूषण से बचने के लिए कचरे का प्रबंध करना चाहिए। स्वच्छता जीवन का एक महत्वपूर्ण कारक (अंग) है। स्वच्छता से तात्पर्य स्वस्थ होने की अवस्था से है। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो सभी के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है। 

हर सुबह जैसे ही हम उठाते हैं हमें अपने दांतों को साफ करने चाहिए। अपना चेहरा, हाथ पैर धोना चाहिए। और साथ ही स्नान भी करनी चाहिए। यह स्वस्थ रहने और शांति से जीवन जीने का सबसे अच्छा गुण है। 

सबसे महत्वपूर्ण बात माता-पिता और शिक्षकों को बचपन से ही बच्चों में इस आदत को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि वे स्वच्छता के महत्व को समझ सके यह सार्वजनिक स्वच्छता या व्यक्तिगत स्वच्छता से संबंधित हो सकता है।

हमें स्वच्छता से कभी समझौता नहीं करनी चाहिए। यह हमारे लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि भोजन और पानी। हम स्वच्छता को कई प्रकार से विभाजित कर सकते हैं जैसे- कपड़े की सफाई, घरों की सफाई, कार्यालय की सफाई, आसपास की सफाई, व्यक्ति की सफाई, सड़कों की सफाई, पर्यावरण की सफाई , इत्यादि। 

स्वच्छता हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाए रखता है और हमारे जीवन का उम्र को भी बढ़ाता है। स्वच्छता एक स्वस्थ और अच्छी आदत है, जो हम सभी के लिए बहुत आवश्यक है।

स्वच्छता के लिए भारत में शुरू की गई योजनाएं

प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान.

स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145वीं जयंती पर माननीय श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा चलाया गया एक सफाई या स्वच्छता अभियान है। 

यह अभियान नई दिल्ली के राजघाट से शुरू किया गया था। यह एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है और भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही है जो की शहर और गांव की सफाई के लिए आरंभ की गई है। ( pmindia )

प्रधानमंत्री शौचालय योजना

स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीणों को शौचालाय बनवाने में दिक्कत ना हो इसीलिए सरकार प्रधानमंत्री शौचालय योजना के तहत करीब ₹12000 दे रही है। इसके लिए आपको आवेदन करना होगा।

जैसे ही लिस्ट में आपका नाम आता है आपके खाते में रुपए जमा कर दिए जाते हैं या आपके घर में शौचालाय निर्माण के लिए व्यक्ति जाते हैं। इससे लोग आस पास की स्वच्छता का महत्व समझेंगे और वातावरण को स्वच्छ रखेंगे।

प्लास्टिक बंद

प्लास्टिक जिसे मानव एक वरदान की तरह समझता है दरअसल वह मानव जीवन में लगातार जहर घोल रहा है। सस्ता और सिंगल उपयोग के कारण मानव सुबह से लेकर शाम तक प्लास्टिक का उपयोग करता है। 

उपयोग के बाद उसे फेंक देता है जो वायु, जल, मिट्टी, जंतुओं, समुद्र जीवों आदि के स्वास्थ्य पर जहर की भांति प्रभाव डालती है। इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर को प्लास्टिक बंद का ऐलान किया और इसके उपयोग के प्रति कई कड़े कानून बनाए गए। यह स्वच्छता के प्रति एक अच्छा कदम था।

वृक्षारोपण का अर्थ है प्रकृति में वृक्ष लगाना। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए तथा अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पेड़ पौधे लगाना बहुत ही आवश्यक है।

पूरे देश में शहर से लेकर गाँव तक वृक्षारोपण का कार्यक्रम चल रहा है। 

स्वच्छता को लेकर महात्मा गांधी के 10 विचार 10 Thoughts of Mahatma Gandhi on Cleanliness in Hindi

 स्वच्छता को लेकर महात्मा गांधी के निम्नलिखित विचार थे-

  •  महात्मा गांधी जी ने कहा था कि राजनीतिक स्वतंत्रता से ज्यादा स्वच्छता है।
  •  यदि कोई व्यक्ति स्वच्छ नहीं है तो वह स्वास्थ्य नहीं रह सकता।
  • मैं किसी को गंदे पैर के साथ, अपने मन से, नहीं गुजरने दूँगा।
  • नदियों को स्वच्छ रख कर हम अपनी सभ्यता को जिंदा रख सकते हैं।
  • बेहतर साफ-सफाई से ही भारत के गांव को आदर्श बनाया जा सकता है।
  • स्वच्छता को अपने आचरण में इस तरह से लोग कि वह अपनी आदत बन जाए।
  • अपनी गलती को स्वीकार ना झाड़ू लगाने के समान है जो सतह को चमकदार व साफ कर देता है।
  • हर किसी एक को अपना कूड़ा खुद साफ करना चाहिए।
  • स्वच्छता भक्ति के बाद दूसरी महत्वपूर्ण चीज है।
  • जब तक आप झाड़ू और बाल्टी को अपने हाथ में नहीं लेते हैं, तब तक आप अपने कस्बों को साफ नहीं कर सकते हैं।

स्वच्छता पर 10 लाइन 10 lines on Cleanliness in Hindi

  • वातावरण स्वच्छ और सुंदर रखने के लिए साफ-सफाई जरूरी है।
  • स्वच्छता हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
  • बचपन से ही हमें अपने साफ-सफाई को आदत में लाना चाहिए।
  • गंदगी से कई तरह की बीमारियाँ पैदा होती है जो  मानव जीवन के विकास में बाधा डालती है।
  • स्वच्छता से ही हम बीमारियों को खत्म कर सकते हैं।
  • हमें अपने घर के साथ ही आसपास की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
  • वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए हमें पौधे लगाने चाहिए।
  • स्वच्छता को बनाए रखने के लिए हमें इधर-उधर कचरा नहीं भेजना चाहिए। कूड़ेदान में हमेशा कचरा फेंकना चाहिए।
  • हमारे लिए शरीर की भी स्वच्छता बहुत जरूरी है जैसे रोज नहाना, स्वच्छ कपड़े पहनना, दाँत साफ करना, नाखून काटना, आदि।
  • कहा भी गया है स्वच्छता पर ईश्वर का वास होता है। अंततः स्वच्छता को अपनाएं और देश को आगे बढ़ाएं।

निष्कर्ष Conclusion

हम सबको मिलजुल करके अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ और साफ सुथरा रखना होगा तभी हमारा और हमारे देश का विकास होगा। यदि आपको हमारा यह स्वच्छता पर निबंध (Essay on Cleanliness in Hindi) अच्छा लगा हो तो हमें कमेंट करें। धन्यवाद।

पढ़ें: प्रिय बापू आप अमर हैं पत्र लेखन

2 thoughts on “स्वच्छता पर निबंध Essay on Cleanliness in Hindi (1000W)”

बहुत अच्छा तथा सटीक लिखा हुआ है ।

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environmental cleanliness essay in hindi

पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi

Essay on Environment in Hindi

पर्यावरण, पर  हमारा जीवन पूरी तरह निर्भर है, क्योंकि एक स्वच्छ वातावारण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। पर्यावरण, जीवन जीने के लिए उपयोगी वो सारी चीजें हमें उपहार के रुप में उपलब्ध करवाता है।

पर्यावरण से ही हमें शुद्ध जल, शुद्ध वायु, शुद्ध भोजन,प्राकृतिक वनस्पतियां आदि प्राप्त होती हैं। लेकिन इसके विपरीत आज लोग अपने स्वार्थ और चंद लालच के लिए जंगलों का दोहन कर रहे हैं, पेड़-पौधे की कटाई कर रहे हैं, साथ ही भौतिक सुख की प्राप्ति हुए प्राकृतिक संसाधनों का हनन कर  प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ा रहा है।

इसलिए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं प्राकृतिक पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए हर साल दुनिया भर के लोग 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस – World Environment Day के रूप में मनाते हैं। हमने कभी जाना हैं की इस दिवस को हम क्यों मनाते हैं। इस दिन का जश्न मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है ताकि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठा सकें।

और साथ ही कई बार स्कूलों में छात्रों के पर्यावरण विषय पर निबंध ( Essay on Environment) लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको पर्यावरण पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका चयन आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –

Environment essay

पर्यावरण पर निबंध – Environment Essay in Hindi

पर्यावरण, जिससे चारों तरफ से  संपूर्ण ब्रहाण्ड और जीव जगत घिरा हुआ है। अर्थात जो हमारे चारों ओर है वही पर्यावरण है। पर्यावरण पर मनुष्य ही नहीं, बल्कि सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियां आदि पूरी तरह निर्भर हैं।

पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती हैं, क्योंकि पर्यावरण ही पृथ्वी पर एक मात्र जीवन के आस्तित्व का आधार है। पर्यावरण, हमें स्वस्थ जीवन जीने के लिए शुद्ध, जल, शुद्ध वायु, शुद्ध भोजन उपलब्ध करवाता है।

एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक स्वच्छ वातावरण बहुत जरूरी है लेकिन हमारे पर्यावरण मनुष्यों की कुछ लापरवाही के कारण दिन में गंदे हो रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी को विशेष रूप से हमारे बच्चों के बारे में पता होना चाहिए।

“ पर्यावरण की रक्षा , दुनियाँ की सुरक्षा! ”

पर्यावरण न सिर्फ जीवन को विकसित और पोषित करने में मद्द करता है, बल्कि इसे नष्ट करने में भी मद्द करता है। पर्यावरण, जलवायु के संतुलन में मद्द करता है और मौसम चक्र को ठीक रखता है।

वहीं अगर सीधे तौर पर कहें मानव और पर्यावरण एक – दूसरे के पूरक हैं और दोनों एक-दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर हैं। वहीं अगर किसी प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित कारणों की वजह से पर्यावरण प्रभावित होता है तो, इसका सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है।

पर्यावरण प्रदूषण की वजह से जलवायु और मौसम चक्र में परिवर्तन, मानव जीवन को कई रुप में प्रभावित करता है और तो और यह परिवर्तन मानव जीवन के आस्तित्व पर भी गहरा खतरा पैदा करता है।

लेकिन फिर भी आजकल लोग भौतिक सुखों की प्राप्ति और विकास करने की चाह में पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं। चंद लालच के चलते मनुष्य पेड़-पौधे काट रहा है, और प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर कई ऐसी प्रतिक्रियाएं कर रहा है, जिसका बुरा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है।

वहीं अगर समय रहते पर्यावरण को बचाने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो मानव जीवन का आस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर उचित कदम उठाने चाहिए। हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए और पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह रोक लगानी चाहिए।

आधुनकि साधन जैसे वाहन आदि का इस्तेमाल सिर्फ जरूरत के समय ही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं न सिर्फ पर्यावरण को दूषित कर रहा है, बल्कि मानव जीवन के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहा है। इसके अलावा उद्योगों, कारखानों से निकलने वाले अवसाद और दूषित पदार्थों के निस्तारण की उचित व्यवस्था करनी चाहिए,ताकि प्रदूषण नहीं फैले।

वहीं अगर हम इन छोटी-छोटी बातों पर गौर करेंगे और पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाने में अपना सहयोग करेंगे तभी एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकेगा।

पर्यावरण पर निबंध – Paryavaran Sanrakshan Par Nibandh

प्रस्तावना

पर्यावरण, एक प्राकृतिक परिवेश है, जिससे हम चारों तरफ से घिरे हुए हैं और जो पृथ्वी पर मौजूद मनुष्य, जीव-जन्तु, पशु-पक्षी, प्राकृतिक वनस्पतियां को जीवन जीने में मद्द करता है। स्वच्छ पर्यावरण में ही  स्वस्थ व्यक्ति का विकास संभव है, अर्थात पर्यावरण का दैनिक जीवन से सीधा संबंध है।

हमारे शरीर के द्धारा की जाने वाली हर प्रतिक्रिया पर्यावरण से संबंधित है, पर्यावरण की वजह से हम सांस ले पाते हैं और शुद्ध जल -भोजन आदि ग्रहण कर पाते हैं, इसलिए हर किसी को पर्यावरण के  महत्व को समझना चाहिए।

पर्यावरण का अर्थ – Environment Meaning

पर्यावरण शब्द मुख्य रुप से दो शब्दों से मिलकर बना है, परि+आवरण। परि का अर्थ है चारो ओर और आवरण का मतलब है ढका हुआ अर्थात जो हमे चारों ओर से घेरे हुए है। ऐसा वातावरण जिससे हम चारों  तरफ से घिरे हुए हैं, पर्यावरण कहलाता है।

पर्यावरण का महत्व – Importance of Environment

पर्यावरण से ही हम है, हर किसी के जीवन के लिए पर्यावरण का बहुत महत्व है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन, पर्यावरण से ही संभव है। समस्त मनुष्य, जीव-जंतु, प्राकृतिक वनस्पतियां, पेड़-पौड़े, मौसम, जलवायु सब पर्यावरण के अंतर्गत ही निहित हैं। पर्यावरण न सिर्फ जलवायु में संतुलन बनाए रखने का काम करता है और जीवन के लिए आवश्यक  सभी वस्तुएं उपलब्ध करवाता है।

वहीं आज जहां विज्ञान से तकनीकी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है और दुनिया में खूब विकास हुआ है, तो दूसरी तरफ यह बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार हैं। आधुनिकीकरण, औद्योगीकरण और बढ़ती टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पर्यावरण पर गलत प्रभाव पड़ा रहा है।

मनुष्य अपने स्वार्थ के चलते पेड़-पौधे की कटाई कर रहा है एवं प्राकृतिक संसाधनों से खिलवाड़ कर रहा है, जिसके चलते पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है। यही नहीं कुछ मानव निर्मित कारणों की वजह से वायुमंडल, जलमंडल आदि प्रभावित हो रहे हैं धरती का तापमान बढ़ रहा है और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है, जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।

इसलिए पर्यावरण के महत्व को समझते हुए हम सभी को अपने पर्यावरण को बचाने में सहयोग करना चाहिए।

पर्यावरण और  जीवन – Environment And Life

पर्यावरण और मनुष्य एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं, अर्थात पर्यावरण पर ही मनुष्य पूरी तरह से निर्भऱ है, पर्यावरण के बिना मनुष्य, अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है, भले ही आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली हो, लेकिन प्रकृति ने जो हमे उपलब्ध करवाया है, उसकी कोई तुलना नहीं है।

इसलिए भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए मनुष्य को प्रकृति का दोहन करने से बचना चाहिए।वायु, जल, अग्नि, आकाश, थल ऐसे पांच तत्व हैं, जिस पर मानव जीवन टिका हुआ है और यह सब हमें पर्यावरण से ही प्राप्त होते हैं।

पर्यावरण न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य का एक मां की तरह ख्याल रखता है,बल्कि हमें मानसिक रुप से सुख-शांति भी उपलब्ध करवाता है।

पर्यावरण, मानव जीवन का अभिन्न अंग है, अर्थात पर्यावरण से ही हम हैं। इसलिए हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

उपसंहार

पर्यावरण के प्रति हम  सभी को जागरूक होने की जरुरत हैं।  पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई पर सरकार द्धारा सख्त कानून बनाए जाना चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सभी को अपना कर्तव्य समझना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण में रहकर ही स्वस्थ मनुष्य का निर्माण हो सकता है और उसका विकास हो सकता है।

पर्यावरण पर निबंध – Paryavaran Par Nibandh

पर्यावरण हमें जीवन जीने के लिए सभी आवश्यक चीजें जैसे कि हवा, पानी, रोशनी, भूमि, अग्नि, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियां आदि उपलब्ध करवाता है। हम पर्यावरण पर पूरी तरह निर्भर हैं। वहीं अगर हम अपने पर्यावरण को साफ-सुथरा रखेंगे तो हम स्वस्थ और सुखी जीवन का निर्वहन कर सकेंगे। इसिलए पर्यावरण को सरंक्षित करने एवं स्वच्छ रखने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।

पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, प्रगति और प्रदूषण – 

इसमें कोई दो राय नहीं है कि विज्ञान की उन्नत तकनीक ने मनुष्य के जीवन को बेहद आसान बना दिया है, वहीं इससे न सिर्फ समय की बचत हुई है बल्कि मनुष्य ने काफी प्रगति भी की है, लेकिन विज्ञान ने कई ऐसी खोज की हैं, जिसका असर पर्यावरण पर पड़ रहा है, और जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।

एक तरफ विज्ञान से प्रोद्यौगिकी का विकास हुआ, तो वहीं दूसरी तरफ उद्योंगों से निकलने वाला धुआं और दूषित पदार्थ कई तरह के प्रदूषण को जन्म दे रहा है और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

उद्योगों से निकलने वाला दूषित पदार्थ सीधे प्राकृतिक जल स्त्रोत आदि में बहाए जा रहे हैं, जिससे जल प्रदूषण की समस्या पैदा हो रही है,इसके अलावा उद्योगों से निकलने वाले धुंए से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसका मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय – Paryavaran Sanrakshan Ke Upay

  • उद्योगों से निकलने वाला दूषित पदार्थ और धुएं का सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए।
  • पर्यावरण की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाना चाहिए।
  • पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगानी चाहिए।
  • वाहनों का इस्तेमाल बेहद जरूरत के समय ही किया जाना चाहिए।
  • दूषित और जहरीले पदार्थों के निपटान के लिए सख्त कानून बनाए जाने चाहिए।
  • लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए।

विश्व पर्यावरण दिवस – World Environment Day

लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से 5 जून से 16 जून के बीच विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। इस मौके पर कई जगहों पर जागरूकता कार्यक्रमों का भी आय़ोजन किया जाता है।

पर्यावरण हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं, इसलिए इसकी रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है, अर्थात हम सभी को  मिलकर अपने पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने में अपना सहयोग करना चाहिए।

  • Slogans on pollution
  • Slogan on environment
  • Essay in Hindi

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15 thoughts on “पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi”

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Nice sir bhote accha post h aapne to moj kar de h sir thank you sir app easi past karte rho ham logo ke liye

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Thank you sir aapne bahut accha post Kiya h mere liye bahut labhkaari h government job ki tayari ke liye

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bahut badhiya jaankari share kiye ho sir, Environment Essay.

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Thanks sir bhaut acha essay hai helpful hai aur needful bhi isme sari jankari di gye hai environment ke baare Mai and isse log inspire bhi hongee isko.pdkee……..

I love this essay…

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Thanks mujhe ye bahut kaam diya speech per

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Essay on cleanliness in hindi स्वच्छता पर निबंध.

Check out Essay on Cleanliness in Hindi or Essay on Sanitation in Hindi. What should we do to make India Clean? Today we are going to write an essay on cleanliness in Hindi and from this essay, you can take useful examples to write an essay on cleanliness in Hindi (Swachata ka Mahatva Essay in Hindi Language) स्वच्छता पर निबंध (Essay on Swachata ka Mahatva in Hindi) in a better way. Essay on Cleanliness in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

Essay on Cleanliness in Hindi

hindiinhindi Essay on Cleanliness in Hindi

Essay on Cleanliness in Hindi 300 Words

स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है क्योकि यह एक क्रिया है जिससे हमारा शरीर, दिमाग, कपड़े, घर, आसपास और कार्यक्षेत्र साफ और शुद्ध रहते है। अपने आस-पास स्वच्छता रखना खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वच्छ रखना है, जो हमे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है। हमे हर समय खुद को शुद्ध, स्वच्छ और अच्छे कपडे पहन कर रखने चाहिए क्योकि यह समाज में आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है। साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है। अपनी खुद की स्वच्छता से मनुष्य का स्वास्थ्य ढीक रहता है जिससे उसकी आयु बीमार लोगो के मुकाबले ओर बढ़ती है। इसी लिए हम सब को हमारी धरती के जीवन को संभव बनाने के लिये इसके पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को शुद्ध बनाये रखना चाहिए।

स्वच्छता के कारण ही हम मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक तरह से स्वस्थ रहते है। अपने भी अपने घर में यह देखा होगा कि पूजा करने से पहले माता-पिता स्वच्छता को लेकर बहुत सख्त होते है। माता-पिता स्वच्छता को हमारी आदत बनाना चाहते है किन्तु उनका तरीका गलत है क्योकि वो हमे स्वच्छता के उद्देश्य और फायदे तो बताते ही नहीं। हर अभिवावक को तार्किक रुप से स्वच्छता के फायदे जरूर बताने चाहिए ताकि सब स्वच्छता कि एहमियत को समझ सके। हमे रोज अपने नहाना चाहिए, नाखुनों को काटना चाहिए साफ और इस्त्री किये हुए कपड़े ही पहनने चाहिए। हमे खाना खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोने चाहिए। हमे बहार के ज्यादा मसालेदार खाने से बचना चाहिए।

हमे स्वस्थ जीवन शैली और जीवन के स्तर को बनाए रखने के लिए अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिए। हम अपने आस-पास के वातावरण को शुद्ध रखकर ही बहुत बीमारियों से बच सकते है। गंदगी से कई तरह के कीटाणु, बैक्टेरिया वाइरस तथा फंगस आदि पैदा होते है, जो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते है और बीमार हो जाते है। हमे अपने माता-पिता से सीखना चाहिए कि कैसे हम अपने घर और आस-पास के वातावरण को कैसे ओर शुद्ध बना सकते है।

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environmental cleanliness essay in hindi

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स्वच्छता का महत्व पर निबंध

environmental cleanliness essay in hindi

By विकास सिंह

cleanliness essay in hindi

विषय-सूचि

स्वच्छता का महत्व पर निबंध, importance of cleanliness essay in hindi (100 शब्द)

स्वच्छता, भक्ति के समान है, जिसका अर्थ है स्वच्छता से ईश्वरत्व या अच्छाई का मार्ग प्रशस्त होता है। उचित स्वच्छता के अभ्यास के माध्यम से हम खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वच्छ रख सकते हैं जो वास्तव में हमें अच्छा, सभ्य और स्वस्थ इंसान बनाते हैं।

स्वच्छता शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से अच्छा होने का एहसास दिलाती है और अच्छे व्यक्तित्व और इस प्रकार दूसरों पर अच्छा प्रभाव डालने में मदद करती है। स्वच्छता एक व्यक्ति को उसके स्वच्छ कपड़े और अच्छे व्यक्तित्व के माध्यम से साफ चरित्र दिखाती है। अच्छे चरित्र वाले लोग अपने जीवन में नैतिक और धार्मिक बन जाते हैं। स्वच्छता शरीर, मन और आत्मा को स्वच्छ और शांतिपूर्ण रखकर अच्छे चरित्र को जन्म देती है।

cleanliness essay

जीवन में स्वच्छता का महत्व पर निबंध, importance of cleanliness in life in hindi (150 शब्द)

स्वच्छता भक्ति के समान है एक सबसे प्रसिद्ध कहावत है जो हमें बताती है कि स्वच्छता का अभ्यास करना एक बहुत अच्छी आदत है और हमें अपने शरीर, मन और आत्मा को स्वच्छ और शांतिपूर्ण रखकर जीवन के हर क्षेत्र में अच्छाई की ओर ले जाती है।

स्वस्थ शरीर और मन और जीवन में अंतिम सफलता प्राप्त करना हम सभी के लिए स्वच्छ होना बहुत अनिवार्य है। स्वच्छता को बनाए रखना स्वस्थ जीवन का अनिवार्य हिस्सा है क्योंकि यह केवल स्वच्छता है जो बाहरी और आंतरिक रूप से स्वच्छ रखकर हमारे व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में मदद करती है।

स्वच्छता सभी की जिम्मेदारी है और उन्हें अपने और अपने आसपास की स्वच्छता और स्वच्छता को बनाए रखने की आवश्यकता है। एक स्वच्छ शरीर हमें स्वस्थ रखता है और डॉक्टरों से दूर रखता है और इस प्रकार चिकित्सा खर्च और समय की हानि से बचाता है। स्वच्छता से मन में अच्छे और सकारात्मक विचार आते हैं जो रोगों की घटना को धीमा करता है।

cleanliness essay in hindi

मानव जीवन में स्वच्छता का महत्व निबंध, importance of cleanliness in school essay in hindi (200 शब्द)

स्वच्छता भगवान के बगल में है सामान्य कहावत है जो हमें अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है ताकि कल्याण की भावना मिल सके। यह हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालता है और हमें जीवन भर स्वच्छ आदतों का पालन करना सिखाता है।

स्वच्छता केवल शारीरिक रूप से खुद को स्वच्छ रखने के लिए नहीं है, बल्कि इसका मतलब व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने और सकारात्मक विचारों को लाकर शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वच्छ रखना है। स्वच्छता ईश्वरत्व का मार्ग है जिसका अर्थ है स्वच्छता बनाए रखना और अच्छी सोच किसी व्यक्ति को ईश्वर के निकट लाना। अच्छी सेहत पाने और नैतिक जीवन जीने के लिए स्वच्छ रहना बहुत जरूरी है।

एक साफ़ सुथरा और अच्छी पोशाक वाला व्यक्ति अच्छे व्यक्तित्व और प्रभावशाली आदतों के साथ अच्छे चरित्र का संकेत देता है। किसी व्यक्ति के अच्छे चरित्र का मूल्यांकन साफ ​​कपड़े और अच्छे शिष्टाचार से किया जाता है। शरीर और मन की सफाई किसी भी व्यक्ति के आत्म-सम्मान में सुधार करती है।

शरीर, मन और आत्मा की स्वच्छता ईश्वर की ओर ले जाती है जो अंततः शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से अच्छी तरह से व्यक्ति होने का एहसास दिलाती है। एक व्यक्ति को दैनिक जीवन में स्वच्छता बनाए रखने की आवश्यकता है, जीवन में एक सख्त अनुशासन और कुछ सिद्धांतों का पालन करने की आवश्यकता है। जो लोग साफ-सुथरे हो जाते हैं वे आम तौर पर धार्मिक और ईश्वर से डरने वाले होते हैं और दूसरों से कभी घृणा या जलन महसूस नहीं करते।

cleanliness essay in hindi

‘स्वच्छता भक्ति के समान है’ पर निबंध, cleanliness is next to godliness in hindi (250 शब्द)

प्रसिद्ध कहावत स्वच्छता भक्ति के समान है ’हमारे सामने बहुत कुछ व्यक्त करती है। यह इंगित करता है कि स्वच्छता स्वस्थ जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्वच्छता की आदत हमारी परंपरा और संस्कृति में है। हमारे दादा दादी हमें हमेशा साफ रहना सिखाते हैं और सुबह स्नान करने के बाद पूजा करने और भोजन करने के लिए हमें प्रेरित करते हैं।

वे हमें हाथ धोने के बाद ही भोजन करना सिखाते हैं और पवित्र पुस्तकों और अन्य पवित्र चीजों को साफ हाथों से स्पर्श करते हैं। यहां तक ​​कि कुछ घरों में बिना स्नान किए मंदिर और रसोईघर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध है। पुजारी हमें भगवान को दर्शन देने या पूजा या कथा में शामिल होने से पहले स्नान करने, हाथ धोने और साफ कपड़े पहनने के लिए कहते हैं। यहूदी बुजुर्गों में भोजन से पहले हाथ धोने की सख्त परंपरा थी।

व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वच्छता और नैतिक स्वास्थ्य के बीच घनिष्ठ संबंध है। व्यक्तिगत स्वच्छता को शरीर और आत्मा की पवित्रता का प्रतीक माना जाता है जो स्वस्थ और आध्यात्मिक संबंध प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। जो लोग दैनिक स्नान नहीं करते हैं या गंदे कपड़े पहनते हैं, वे आमतौर पर आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और कल्याण महसूस करते हैं।

तो हम कह सकते हैं कि व्यक्तिगत स्वच्छता हमें बेईमानी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। स्वच्छता के सभी फायदे इस सवाल को साबित करते हैं कि धार्मिक लोगों और धर्म संस्थापकों ने आध्यात्मिक अवसरों के दौरान स्वच्छता को आवश्यक क्यों बना दिया है। नियमित और उचित सफाई से हमें शरीर पर लंबे समय तक रहने वाले कीटाणुओं से बचाने और अपनी ईश्वर भक्ति को बनाए रखने में मदद मिलती है।

cleanliness essay

स्वच्छता का जीवन में महत्व पर निबंध, importance of cleanliness essay in hindi (300 शब्द)

स्वच्छता ईश्वर के बगल में है जिसे हम कह सकते हैं कि स्वच्छता ईश्वरत्व का मार्ग है और स्वच्छता के बिना हम ईश्वरत्व प्राप्त नहीं कर सकते। भारत में कई महान लोगों और समाज सुधारकों (जैसे महात्मा गांधी, आदि) ने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए व्यक्तिगत और आसपास की सफाई के रखरखाव के लिए कड़ी मेहनत की थी।

अब-एक दिन, स्वच्छ भारत अभियान नामक एक स्वच्छ भारत अभियान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया गया है ताकि आसपास के क्षेत्र में स्वच्छता को बनाए रखा जा सके और भारत को एक स्वच्छ भारत बनाया जा सके। पहले भी कई स्वच्छता कार्यक्रम चलाए गए थे, लेकिन आम जनता का उचित समर्थन नहीं मिलने के कारण वे असफल हो गए थे। विश्व पर्यावरण दिवस का जश्न भी हर साल स्वच्छता के समान उद्देश्यों के साथ होता है।

हमने पश्चिमी संस्कृति से कई चीजों को अपनाया है, लेकिन स्वच्छता और स्वच्छता से संबंधित उनके शिष्टाचार और आदतों को कभी नहीं पकड़ा। स्वच्छता दृष्टिकोण का विषय है जो आम लोगों में उचित जागरूकता के माध्यम से संभव है। स्वच्छता एक ऐसा गुण है जिसे सभी आयु वर्ग के लोगों के बीच प्रचारित किया जाना चाहिए और स्वच्छता पर पूर्ण आदेश प्राप्त करने की स्थिति होनी चाहिए।

उचित और नियमित सफाई से अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, ख़ुशी और आत्मा और मन की पवित्रता आती है। शरीर और मन की सफाई आध्यात्मिक और सकारात्मक विचार प्रदान करती है और साथ ही प्रकृति से आसानी से जुड़ने में मदद करती है। जो लोग अपनी स्वच्छता को बनाए नहीं रखते हैं वे आमतौर पर शारीरिक समस्याओं, मानसिक अशांति, बीमारियों, नकारात्मक विचारों आदि जैसे कई कारणों से तंग आ जाते हैं।

दूसरी ओर, वे लोग जो अपनी स्वच्छता और व्यक्तिगत में स्वच्छता बनाए रखते हैं, वे हमेशा खुश रहते हैं क्योंकि वे सकारात्मक विचारों का विकास करते हैं। जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने में मदद करते हैं।

environmental cleanliness essay in hindi

स्वच्छता का महत्व पर निबंध, importance of cleanliness essay in hindi (400 शब्द)

स्वच्छता भगवान के बगल में है एक सबसे आम और प्रसिद्ध कहावत है जिसका मतलब है कि स्वच्छता सब कुछ अच्छाई के लिए है। लोगों को अपने स्वस्थ जीवन शैली और स्वस्थ रहने के लिए खुद को साफ और उज्ज्वल रखना चाहिए। स्वच्छता ईश्वर भक्ति का तरीका है और ईश्वरत्व मन, आत्मा और शरीर को संतुलित करने का तरीका है।

स्वच्छ रहना स्वयं को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वच्छ रखने का माध्यम है। हमारे शरीर को साफ सुथरा और अच्छी तरह से तैयार रखना हमें आत्मविश्वास और सकारात्मक विचारों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त स्मार्ट बनाता है। अच्छी पोशाक की समझ के साथ स्वच्छ आदतें दूसरों पर अच्छा प्रभाव डालती हैं और समाज में अच्छी प्रतिष्ठा बनाती हैं क्योंकि स्वच्छता व्यक्ति के स्वच्छ चरित्र को दर्शाती है।

यह माना जाता है कि जो लोग स्वच्छता बनाए रखते हैं और सभ्यता से कपड़े पहनने की आदत विकसित करते हैं, साफ चरित्र के होते हैं और आम तौर पर पवित्र और ईश्वरवादी होते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में कुछ नैतिक होते हैं और ईश्वरीय होने से साफ दिल के होते हैं।

हम कह सकते हैं कि ईश्वरत्व की शुरुआत साफ दिल से होती है और साफ दिल अच्छे चरित्र वाले व्यक्ति का हो सकता है। यही कारण है कि किसी भी धर्म के पुजारी पूजा से पहले शरीर और मन से साफ होना बताते हैं। स्वच्छता सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज है भगवान के पास होना।

दूसरी ओर, स्वच्छ होना हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और हमें कई पुरानी और तीव्र बीमारियों से बचाता है। हालाँकि, स्वच्छ लोग गंदे लोगों से बीमारियों को पकड़ सकते हैं लेकिन वे छोटी समस्याओं से निपटने के लिए पर्याप्त मजबूत हैं। वे स्वच्छता से संबंधित अपने परिवेश में चीजों का प्रबंधन कर सकते हैं जिसमें गरीब और गंदे लोगों को स्वच्छता के बारे में निर्देश देना शामिल है।

अपनी उचित सफाई बनाए रखने वाले लोग गंदे चेहरे, हाथ, गंदे कपड़े और खराब महक वाले लोगों से मिलने में शर्म महसूस करते हैं क्योंकि वे इस प्रकार के लोगों से मिलते समय अपना अपमान महसूस करते हैं। अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए वास्तव में शरीर की सफाई बहुत आवश्यक है। दूसरी ओर, शारीरिक सफाई आंतरिक सफाई देती है और दिल और दिमाग को साफ रखती है।

मन की सफाई हमें मानसिक रूप से स्वस्थ रखती है और मनोवैज्ञानिक समस्याओं से बचाती है। तो, पूर्ण स्वच्छता गंदगी और बीमारियों से दूर रहती है क्योंकि दोनों एक साथ चलते हैं, जहाँ गंदगी है वहाँ बीमारियाँ हैं।

रोग पैदा करने वाले कीटाणु प्रजनन करते हैं और गंदगी में बहुत तेजी से बढ़ते हैं जो संक्रमण या विभिन्न महामारी जैसे कि हैजा का कारण बनता है। इसलिए, स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए हम सभी को जीवन के हर पहलू में स्वच्छ आदतों का अभ्यास करना चाहिए क्योंकि गंदगी नैतिक बुराई का प्रतीक है जबकि स्वच्छता नैतिक शुद्धता का प्रतीक है।

इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Not bad 😐but needs to be in a more proper and in a grammatical way😑. But still thank you 😌

Good but not soo good

No it’s good,nice

it’s good,nice

स्वच्छ भारत मिशन कि शुरुवात सच में सराहनीय है, किन्तु सिर्फ सरकार के प्रयासों से कुछ नहीं होने वाला देश को स्वच्छ बनाने हेतु सभी नागरिको को अपनी जिम्मेदारी समाज कर कार्य करना पड़ेगा. सड़क पर कूड़ा न डालना हर दिन अपने घर के आस पास सफाई करना आवश्यक है. महान संत गाडगे बाबा सफाई करने हेतु अकेले निकल पड़ते थे. हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए

NICE BUT PLEASE MAKE OF ATLEAST 500 TO 600 WORDS .THANKS FOR HELP 🙏GOD BLESS YOU 😊

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स्वच्छता की परिभाषा और महत्व | Cleanliness Importance Definition In Hindi

स्वच्छता की परिभाषा और महत्व | Cleanliness Importance Definition In Hindi:  मानव जीवन के लिए स्वच्छता बहुत आवश्यक हैं.

गंदगी तथा कचरे से अनेक प्रकार की बीमारियाँ हो जाती हैं. बच्चे, जवान, वृद्ध बीमारियों से दुःख पाते है. जिससे उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैं.

आज के इस लेख में हम आपकों बता रहे है स्वच्छता का अर्थ  स्वच्छता की परिभाषा  स्वच्छता का महत्व के बारे में विस्तार से जानेगे.

स्वच्छता की परिभाषा महत्व Cleanliness Importance Definition Hindi

अस्वच्छता से पर्यावरण प्रदूषित होता हैं. गंदगी के कारण अनेक प्रकार की प्रतिकूल दशाएं भी उत्पन्न हो जाती हैं.

इन सभी प्रतिकूल दशाओं से बचने के लिए एवं इन बीमारियों को मिटाने तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु मानव के लिए स्वच्छता की आवश्यकता होती हैं.

स्वच्छता क्या है (what is cleanliness in hindi)

वे सभी प्रावधान, सुविधाएं सेवाएं जो मानव के मल मूत्र एवं कचरे आदि का निस्तारण करने में भूमिका अदा करते हैं. यह प्रक्रिया स्वच्छता कहलाती हैं.

  • सभी प्रकार की गंदगी को दूर कर, निरोग एवं आरामदायक जीवन जीना स्वच्छता हैं.
  • मानव जीवन मूल्यों में एक मूल्य स्वच्छ रहना भी है. स्वच्छता भारतीय संस्कृति का प्रतीक हैं.
  • भारतीय दर्शन में शरीर आत्मा मन बुद्धि व पर्यावरण को शुद्ध रखना, मानव जीवन का महत्वपूर्ण कार्य बताया गया है.
  • बिमारी फैलाने वाले कचरे में पारिवारिक और कारखानों का दूषित जल, मानव व पशुओं का ठोस कचरा व कृषि सम्बन्धी कचरे शामिल हैं.
  • स्वच्छता पूर्ण रूप से एक बड़ा विचार है. इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनेक प्रकार से परिभाषित किया हैं.
  • पर्यावरण को दूषित करने का एक कारण कचरे का खराब नियंत्रण भी हैं.

स्वच्छता की परिभाषा विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार (definition of cleanliness in hindi)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्वच्छता को कई प्रकार से परिभाषित किया हैं.

  • लोगों को स्वच्छता के लिए शौचालयों व दूषित पानी को स्वच्छ करने के साधनों व उपायों को करने की आवश्यकता है.
  • स्वच्छता का सामान्य आशय उन प्रावधानों सुविधाओं और सेवाओं से है जो मानव के मल मूत्र और कचरे का सुरक्षित निस्तारण करते हैं.
  • बहुत से व्यवसायी लोग इस बात पर सहमत है कि स्वच्छता पूर्ण रूप से एक बड़ा विचार है कि इसमें निम्नलिखित बातों में सम्मिलित हैं.
  • मानव मल मूत्र कचरे आदि का सुरक्षित संग्रहण, भंडारण उपचार निस्तारण तथा पुनः प्रयोग.
  • ठोस कचरे का पुनः प्रयोग और पुनः चक्रण का प्रबंधन
  • पारिवारिक दूषित जल की निकासी और निस्तारण और पुनः प्रयोग पुनः चक्रण के उपाय.
  • तूफान के पानी की निकासी व्यवस्था
  • औद्योगिक कचरे का संग्रहण व निस्तारण प्रबंधन
  • खतरनाक कचरा जैसे रासायनिक कचरा, रेडियोएक्टिव कचरा और अस्पतालों का कचरा आदि का संग्रहण व निस्तारण प्रबंधन.

मानव जीवन में स्वच्छता का महत्व (Importance of cleanliness in human life)

मानव जीवन मूल्यों में एक मूल्य स्वच्छ रहना भी शामिल हैं. स्वच्छता भारतीय संस्कृति का प्रतीक हैं. भारतीय दर्शन में शरीर आत्मा, मन, बुद्धि तथा पर्यावरण का शुद्ध रखना मानव जीवन का महत्वपूर्ण कार्य बताया गया है.

स्वच्छता पूर्ण रूप में एक बड़ा विचार है. वर्तमान में शहरीकरण और औद्योगिकीकरण की प्रक्रियाओं ने कचरे की मात्रा को बढ़ावा दिया हैं.

कचरे या गंदगी का पैदा होना वर्तमान में एक मुख्य समस्या बन गई है. मानव के द्वारा स्वच्छता रखने से कचरे व गंदगी का निस्तारण तो होता ही है

साथ में अनेक प्रकार की बीमारियों व संक्रामक रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है. स्वच्छता से हानिकारक कीट उत्पन्न नहीं हो पाते जिससे बीमारियों के फैलने पर रोक लग जाती हैं.

स्वच्छता के कारण मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे मानव की औसत आयु बढ़ती है. स्वच्छता से पर्यावरणीय दशाएं अनुकूल बनी रहती है. किसी भी प्रकार का पर्यावरण प्रदूषण स्वच्छता से नियंत्रित हो जाता हैं.

स्वच्छता से शरीर शुद्ध रहता है, जिसमें बौद्धिक विकास होता है. स्वच्छ दशाओं से खाद्य जाल, खाद्य श्रंखला संतुलित बनती है जो पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखती हैं. उपरोक्त सभी कारणों से मानव जीवन में स्वच्छता महत्वपूर्ण स्थान है.

स्वच्छता का महत्व एवं घर की साफ सफाई | Cleanliness Health And Hygiene In Hindi

स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता आवश्यक है. घर वह स्थान होता है, जहाँ हमारा परिवार निवास करता है. परिवार के सभी सदस्यों को प्रसन्न चित व स्वस्थ रखने के लिए हमे अपने आवास और आसपास के स्थान को स्वच्छ रखना चाहिए. 

स्वच्छता का महत्व और अपने घर की साफ सफाई के लिए हमे निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए.

  • मकान की नालियाँ साफ सुथरी व ढकी हुई हो.
  • शौचालय व स्नानघर प्रतिदिन अच्छी तरह से साफ़ किये जाने चाहिए. क्योंकि यहाँ कीटाणु पनपने की सम्भावना सर्वाधिक होती है.
  • घर की नालियों में कीटनाशकों का नियमित छिड़काव किया जाना चाहिए.
  • कमरों में से दूषित हवा निकलने के लिए रोशनदान की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए.
  • समस्त कूड़ा करकट प्रतिदिन एक कूड़ेदान में एकत्र करने चाहिए. यह कूड़ादान ढक्कन वाला होना चाहिए.
  • रसोईघर में धुंए के निकास के लिए चिमनी की व्यवस्था होनी चाहिए.
  • घर में प्रतिदिन फिनायल आदि डालकर पोछा लगाया जाना चाहिए ताकि मक्खी मच्छर न फ़ैल सके.
  • घर का समस्त कूड़ा करकट बाहर नही फेकना चाहिए, इसे नगर परिषद् के सफाई कर्मचारी के सुपुर्द किया जाना चाहिए.
  • गली मुहल्ले की नालियाँ भी साफ करवानी चाहिए.
  • नगर परिषद से सम्पर्क कर समय समय पर कीटनाशकों फिनाइल, बीएचसी पाउडर आदि का छिडकाव करवाना चाहिए.
  • सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए आवासीय बस्तियाँ योजनाबद्ध रूप से बसी होनी चाहिए, जिससे सभी आवासों के लिए समुचित हवा, पानी, रोशनी, जल निकास व शौचालय आदि की व्यवस्था हो.
  • गंदे जल के निकास की नालियाँ व गटर ढके हुए हो.
  • आवासीय बस्तियों में जल के गड्डे नही होने चाहिए, क्योंकि इन स्थानों पर मच्छर पनपने की संभावना अधिक रहती है.
  • जल स्रोत साफ स्वच्छ होने चाहिए, कुएँ ढकें हो, जिनमें समय समय पर जीवाणुनाशक दवाइयाँ डाली जाती रहे.
  • हैण्डपंप, कुएँ व बावडियों आदि के आस-पास का स्थान स्वच्छ रखना चाहिए. इन स्रोतों में कपड़े व बर्तन धोना, स्वयं नहाना, जानवरों को नहलाना आदि कार्य नही करने चाहिए.
  • पानी की टंकियो की नियमित सफाई की जानी चाहिए.
  • बस्ती में वृक्षारोपण करना चाहिए.
  • मरे हुए जानवरों को जलस्रोत या बस्तियों से दूर उचित स्थान पर डालना चाहिए.
  • हर घर के बाहर या कुछ घरों के बिच कचरा पात्र रखे जाए.
  • समुदाय के लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिए.
  • लोगों को गंदगी से होने वाली बीमारियों व संक्रामक रोगों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे अपने आस-पास के क्षेत्र को साफ सुथरा रख सके.
  • भारत सरकार ने 15 अगस्त 2014 को स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत 2 अक्टूबर 2019 तक  Swachh  Bharat Abhiyan चलेगा.

स्वच्छता क्या है- स्वच्छ शब्द का अर्थ है अत्यंत साफ, विशुद्ध, उज्ज्वल व स्वस्थ. ता प्रत्यय जोड़ने पर भाववाचक स्वच्छता का आशय सब प्रकार से साफ़ सफाई निर्मलता एवं पवित्रता हैं.

मन ह्रदय, शरीर तथा वस्त्रों की घर बाहर, पानी, वायु, भूमि आदि की निर्मलता या सफाई रखना ही स्वच्छता हैं. स्वच्छता अच्छे स्वास्थ्य, अच्छे संस्कार एवं सुसभ्यता की निशानी हैं.

स्वच्छता के प्रकार- स्वच्छता के अनेक प्रकार हैं. जैसे मन और शरीर की स्वच्छता, घर आंगन की स्वच्छता, पेयजल और भूमि की स्वच्छता, वायुमंडल और पर्यावरण की स्वच्छता, ये सब स्वच्छता के भेद हैं.

महात्मा गांधी ने अपने पत्रों के माध्यम से स्वच्छता के महत्व पर सुंदर विचार व्यक्त किये थे. इसी आशय से हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ किया हैं.

स्वच्छता के लाभ- स्वच्छता का सीधा सम्बन्ध हमारी सभ्यता एवं स्वास्थ्य से हैं. खान पान में स्वच्छता रखने से शरीर स्वस्थ रहता है.

घरों के आसपास, सडकों, नालियों, पोखरों, नदियों आदि में गंदगी न फैलने से सारा वातावरण स्वच्छ रहता हैं. फलस्वरूप मानव तथा अन्य प्राणियों की आयु एवं स्वास्थ्य का स्तर बढ़ जाता हैं.

स्वच्छता हमारा योगदान- हमें अपने देश को स्वच्छ बनाए रखने के लिए घर से लेकर सार्वजनिक स्थानों तक सर्वत्र स्वच्छ रखना चाहिए. खुले में शौच नहीं करना चाहिए, गंदगी नही फैलानी चाहिए.

पेयजल को स्वच्छ रखना चाहिए. परन्तु हमें स्वयं ऐसा नहीं करना चाहिए और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकना चाहिए. इसमें परस्पर सहयोग एवं सहभागिता का प्रयास जरुरी हैं.

उपसंहार – स्वच्छता मानव सभ्यता का एक श्रेष्ठ संस्कार हैं. स्वच्छता से समस्त पर्यावरण को स्वच्छ रखने की चेतना बढ़ती हैं.

भारत में स्वच्छता अभियान एक अच्छी योजना हैं. सुनागरिक होने के नाते हमें स्वच्छता के प्रसार प्रचार में योगदान करना चाहिए.

  • सफाई स्वच्छता पर नारे 
  • स्वच्छता पर छोटी कविता
  • स्वच्छता के प्रकार

उम्मीद करता हूँ दोस्तों स्वच्छता की परिभाषा और महत्व Cleanliness Importance Definition In Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा.

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1 thought on “स्वच्छता की परिभाषा और महत्व | Cleanliness Importance Definition In Hindi”

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स्वच्छता पर निबंध | Essay on Cleanliness in Hindi

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स्वच्छता पर निबंध | Essay on Cleanliness in Hindi!

स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है ।यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय है । यह सुखी जीवन की आधारशिला है । इसमें मानव की गरिमा, शालीनता और आस्तिकता के दर्शन होते हैं । स्वच्छता के द्वारा मनुष्य की सात्विक वृत्ति को बढ़ावा मिलता है ।

साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है । वह अपने घर और आस-पास के क्षेत्र को साफ रखना चाहता है । वह अपने कार्यस्थल पर गंदगी नहीं फैलने देता । सफाई के द्वारा वह साँपों, बिच्छुओं, मक्खियों, मच्छरों तथा अन्य हानिकारक कीड़ों-मकोड़ों को अपने से दूर रखता है । सफाई बरतकर वह अपने चित्त की प्रसन्नता प्राप्त करता है । सफाई उसे रोगों के कीटाणुओं से बचाकर रखती है । इसके माध्यम से वह अपने आस-पड़ोस के पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखता है ।

कुछ लोग अपने स्वभाव के विपरीत सफाई को कम महत्त्व देते हैं । वे गंदे स्थानों में रहते हैं । उनके घर के निकट कूड़ा-कचरा फैला रहता है । घर के निकट की नालियों में गंदा जल तथा अन्य वस्तुएँ सड़ती रहती हैं । निवास-स्थान पर चारों तरफ से बदबू आती है । वहाँ से होकर गुजरना भी दूभर होता है । वहाँ धरती पर ही नरक का दृश्य

ADVERTISEMENTS:

दिखाई देने लगता है । ऐसे स्थानों पर अन्य प्रकार की बुराइयों के भी दर्शन होते हैं । वहाँ के लोग संक्रामक बीमारियों से शीघ्र ग्रसित हो जाते हैं । गंदगी से थल, जल और वायु की शुद्धता पर विपरीत असर पड़ता है ।

स्वच्छता का संबंध खान-पान और वेश- भूषा से भी है । रसोई की वस्तुओं तथा खाने-पीने की वस्तुओं में स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है । बाजार से लाए गए अनाज, फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लाना चाहिए । पीने के पानी को साफ बरतन में तथा ढककर रखना चाहिए । कपड़ों की सफाई का भी पूरा महत्त्व है । स्वच्छ कपड़े कीटाणु से रहित होते हैं जबकि गंदे कपड़े बीमारी और दुर्गंध फैलाते हैं ।

लोगों को शरीर की स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए । प्रतिदिन स्नान करना अच्छी आदत है । स्नान करते समय शरीर को रगड़ना चाहिए ताकि रोमकूप खुले रहें । सप्ताह में दो दिन साबुन लगाकर नहाने से शरीर के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं । सप्ताह में एक दिन नाखूनों को काट लेने से इनमें छिपी गंदगी नष्ट हो जाती है । भोजन में सब्जियों और फलों की भरपूर मात्रा लेने से शरीर की भीतरी सफाई हो जाती है । दूसरी तरफ अधिक मैदे वाला बासी और बाजारू आहार लेने से शरीर की शुद्धि में बाधा आती है ।

घर की सफाई में घर के सदस्यों की भूमिका होती है तो बाहर की सफाई में समाज की । बहुत से लोग घर की गंदगी निकाल कर घर के सामने डाल देते हैं । इससे गंदगी पुन: घर में चली जाती है । घर के आस-पास का पर्यावरण दूषित होता है तो घर के लोग भी अछूते नहीं रह पाते । इसलिए समाज के सभी सदस्यों को आस-पड़ोस की सफाई में योगदान देना चाहिए । नदियों, तालाबों, झीलों, झरने के जल में किसी भी प्रकार की गंदगी का बहाव नहीं करना चाहिए । वायु में प्रदूषित तत्वों को मिलाने की प्रक्रिया पर लगाम लगानी चाहिए । अधिक मात्रा में पेड़ लगाकर वायु को शुद्ध रखना चाहिए ।

आत्मिक उन्नति के लिए निवास-स्थान के वातावरण का स्वच्छ होना अत्यावश्यक है । राष्ट्रपिता गाँधी जी स्वच्छता पर बहुत जोर देते थे । परंतु आधुनिक सभ्यता और हानिकारक उद्‌योगों के फैलाव के कारण पूरी दुनिया में प्रदूषण का संकट खड़ा हो गया है । अत: स्वच्छता में बाधक तत्वों को पहचान कर उनके प्रसार पर रोक लगानी चाहिए ।

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Hindi Yatra

स्वच्छ विद्यालय पर निबंध – Essay on Cleanliness in School in Hindi

दोस्तो आज हमने Essay on Cleanliness in School in Hindi  लिखा है स्वच्छ विद्यालय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है. इस लेख में हमने विद्यालय को स्वच्छ कैसे रखे इस बारे में बताया है विद्यालय में स्वच्छता हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है यह हमने निबंध की सहायता से बताया है.

दोस्तों हमारे जीवन में साफ-सफाई बहुत जरूरी है चाहे वह घर पर हो, चाहे स्कूल में हो या फिर कहीं पर भी हमें हर जगह को साफ सुथरा रखना चाहिए यह किसी और के लिए नहीं हमारे लिए ही फायदेमंद है.

साफ-सफाई का मतलब यह नहीं होता है कि आपने एक दिन सफाई कर दी और फिर महीनों तक सफाई नहीं की इसका मतलब यह होता है कि हमें नियमित रूप से साफ सफाई करनी चाहिए.

Essay on Cleanliness in School in Hindi for class 1 to 4

वर्तमान समय में साफ सफाई बहुत जरूरी है क्योंकि आजकल साफ-सफाई नहीं रहने की वजह से बहुत सी ऐसी बीमारियां फैल रही है जिनका इलाज संभव नहीं है.

बीमारियों से बचने के लिए हमें स्वच्छता को अपनाना होगा. हम विद्यार्थी हैं इसलिए याद आते समय हम स्कूल में ही रहते हैं इसलिए हम जिस स्कूल में जाते हैं वह साफ सुथरा होना बहुत जरूरी है.

Essay on Cleanliness in School in Hindi

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हमारे आसपास का वातावरण स्वच्छ नहीं होने के कारण आए दिन कई गंभीर एलर्जी इंसान और जानवरों को हो रही है.

विद्यालय में साफ सफाई के लिए कर्मचारी होते हैं लेकिन अगर हम विद्यार्थी भी स्वच्छता के प्रति अगर सचेत हो जाएं तो विद्यालय में जरा भी गंदगी नहीं फैलेगी.

हमें हमेशा फटे हुए कागज और अन्य कूड़ा करकट हमेशा कूड़ेदान में ही डालना चाहिए कभी भी इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए क्योंकि इससे हमारे और हमारे मित्रों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.

हमें सदैव हमारे विद्यालय को साफ सुथरा रखना चाहिए.

Essay on Cleanliness in School in Hindi for Class 5 to 8

स्कूलों में साफ सफाई को बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने 25 सितंबर 2014 में स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान उद्घाटन किया था. इस अभियान के तहत सभी स्कूलों में साफ सफाई अनिवार्य कर दी गई थी.

विद्यालय में साफ सफाई बहुत जरूरी है क्योंकि हमारे देश के भविष्य विद्यार्थी रोज स्कूल में जाते हैं और लगभग अपना पूरा दिन वही बिताते है अगर विद्यालय की साफ सुथरा नहीं होगा तो विद्यार्थियों में स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां हो सकती है.

विद्यालय में प्रत्येक वर्ष रंग-रोगन होना चाहिए जिससे विद्यालय की दीवारें खराब नहीं होंगी और उनमें काई भी नहीं जमेगी. जिससे बीमारियों वाले बैक्टीरिया उत्पन्न होने की संभावना खत्म हो जाएगी.

यह भी पढ़ें –  स्वच्छ भारत अभियान निबंध Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

विद्यालय में प्रत्येक कक्ष के आगे कूड़ादान होना चाहिए जिससे कक्षा से निकलने वाला घोड़ा सीधा कूड़ेदान में ही डालें सके. विद्यालय में पानी की टंकियों की सफाई प्रतिमाह होनी चाहिए जिससे टंकियों में बचा हुआ पानी प्रदूषित नहीं होगा.

प्रत्येक विद्यार्थी को विद्यालय की ड्रेस को नियमित रूप से साफ करना चाहिए. विद्यालय विद्यार्थी का दूसरा घर होता है इसलिए विद्यार्थियों को भी विद्यालय में साफ सफाई रखने में सहयोग देना चाहिए.

स्कूलों में प्रत्येक वर्ष ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाना चाहिए जिसमें विद्यार्थियों को साफ सफाई के बारे में बताना चाहिए.

विद्यालय का वातावरण स्वच्छ और स्वस्थ हो इसके लिए हमें विद्यालय में चारों ओर पेड़ पौधे लगाने चाहिए. प्रत्येक विद्यालय को विद्यार्थियों द्वारा रैली निकलवाई जानी चाहिए जिसमें स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने चाहिए.

स्कूलों के मैदानों की साफ-सफाई प्रतिदिन होनी चाहिए क्योंकि बच्चे रोज वहीं पर खेलते हैं अगर मैदानों की साफ सफाई नहीं होगी तो वहां पर पढ़ने वाले विद्यार्थी बीमार हो सकते है.

Essay on Cleanliness in School in Hindi for Class 9 to 12

विद्यालय में साफ-सफाई का बहुत महत्व होता है क्योंकि यह विद्यार्थी के लिए दूसरे घर और एक मंदिर के समान होता है जहां विद्या की देवी मां सरस्वती का वास होता है. स्वच्छता को लेकर हमें सदैव सजग रहना चाहिए. स्वच्छता को बढ़ाने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया है जिसके अंतर्गत हमारे पूरे देश में साफ-सफाई की जानी है और लोगों को भी साफ सफाई में सहयोग देना है.

इस अभियान से कई मंत्री, एनजीओ और साधारण लोग जुड़े हुए है. इस अभियान के कारण हमारे देश में स्वच्छता को बढ़ावा मिला है. इस अभियान से सभी वर्ग के लोग जुड़ते हैं और अपने आसपास की सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे है.

स्वच्छ भारत अभियान से अब सभी विद्यालयों को भी जोड़ा गया है जिसका उद्घाटन मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने किया है. विद्यालय में संस्था बहुत अहम है क्योंकि यह हमारे देश का एक विशेष हिस्सा है. यहां पर हमारे देश को आगे बढ़ाने वाली भावी पीढ़ी पढ़ती है.

अगर विद्यालय में ही स्वच्छता नहीं होगी तो प्रतिदिन कोई ना कोई विद्यार्थी बीमार पड़ता रहेगा जिससे उसकी पढ़ाई में बाधा आएगी. विद्यालयों में सफाई बहुत ही गंभीर विषय है क्योंकि आमतौर पर देखा गया है कि कई विद्यालयों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है.

यह भी पढ़ें –  Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध

कई विद्यालयों की खबर समाचार पत्र पत्रिकाओं में आती रहती है कि वहां पर मिलने वाला खाना प्रदूषित होने के कारण कई बच्चे बीमार पड़ गए. ऐसा सिर्फ साफ सफाई में लापरवाही बरतने से होता है.

अभिभावकों को भी समय समय पर स्कूल में जाकर देखना चाहिए कि वहां पर साफ सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है या नहीं क्योंकि जब तक स्कूलों में साफ सफाई नहीं होगी तब तक वहां पर शिक्षा संभव नहीं है. स्कूलों में वैसे तो साफ सफाई के लिए कर्मचारी रखे हुए होते हैं लेकिन हम विद्यार्थियों को भी स्कूल की साफ सफाई में सहयोग करना चाहिए.

आइए जानते हैं कि स्कूलों में इस प्रकार से हम साफ-सफाई कर सकते है-

शिक्षकों को विद्यार्थियों को साफ सफाई के महत्व के बारे में बताना चाहिए और समय-समय पर साफ सफाई के बारे में कई प्रतियोगिताएं आयोजित करवानी चाहिए.

साफ सफाई के महत्व के बारे में निबंध लेखन, कविता, चित्रकला, नाटक और वाद विवाद प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों को स्वच्छता के बारे में सरल माध्यम से बताया जा सकता है.

स्कूलों में प्रतिवर्ष रंगाई और पुताई का काम होना चाहिए जिससे स्कूल साफ सुथरा दिखाई दे.

स्कूलों में बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए और प्रत्येक शौचालय की नियमित रूप से साफ सफाई होनी चाहिए.

विद्यालय में समय समय पर पानी की पाइपों और टंकियों की सफाई होनी चाहिए क्योंकि अगर पानी ही प्रदूषित होगा तो सभी विद्यार्थी बीमार पड़ सकते है. टंकी की सफाई की दिनांक विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर अंकित की जानी चाहिए जिससे अभिभावकों को पता चल सके कि टंकी की सफाई कितने समय के अंतराल में हो रही है.

विद्यालय के वातावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए पेड़ पौधे और फूलों के बगीचे लगाने चाहिए जिससे विद्यालय का वातावरण सुगंधित और प्रदूषण रहित होगा और विद्यार्थियों का स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहेगा.

विद्यालय के पेड़-पौधे से प्रतिदिन पत्ते गिरते रहते हैं जिससे कूड़ा करकट फैल जाता है इसलिए प्रतिदिन पेड़ पौधों की पत्तियों को इकट्ठा करके इन से खाद बनानी चाहिए और पौधों में डाल देनी चाहिए इससे बड़ा भी नहीं फैलेगा और पेड़ पौधों को खाद भी मिल जाएगी.

शिक्षकों को समय-समय पर विद्यालय में आने वाले पानी की जांच करवानी चाहिए.

विद्यालय में समय समय पर कीटनाशक दवाई का छिड़काव किया जाना चाहिए जिससे वहां पर पनप रहे कीटाणु और मच्छरों को हटाया जा सके. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो कई प्रकार की बीमारियां फैल सकती है.

विद्यालयों की सभी कमरे हवादार होने चाहिए जिससे विद्यार्थियों को घुटन महसूस नहीं हो और वहां का वातावरण भी स्वच्छ बना रहे.

विद्यालय में प्रत्येक कक्ष के पास एक छोटा कूड़ा दान लगवाना चाहिए जिससे उस कक्षा से निकलने वाला कूड़ा करकट उसी कूड़ेदान में डाला जा सके और इससे पूरे विद्यालय में कूड़ा करकट भी नहीं फैलेगा.

विद्यालय के मैदान में छोटी घास लगवानी चाहिए जिससे वहां पर मिट्टी नहीं उड़े.

विद्यार्थियों को भी स्कूल को स्वच्छ रखने में सहयोग करना चाहिए उन्हें कचरा यहां वहां नहीं फैलाना चाहिए हमेशा कूड़ेदान में ही डालना चाहिए.

विद्यार्थियों को भी साथ रहना चाहिए हमेशा साफ-सुथरी वेशभूषा पहननी चाहिए जिसे भी कम से कम बीमार पड़े और रोज स्कूल जा पाए.

यह भी पढ़ें –

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Image Credit – www.dnaindia.com

13 thoughts on “स्वच्छ विद्यालय पर निबंध – Essay on Cleanliness in School in Hindi”

Hamko English me chahiea 5 translation school ko safaie rakhne ke liea chote children ke liea

Arun kumar ji aap eske liye english essay ki website par visit kare.

Very useful essay thanks for help

Welcome Prius nirwan and keep visiting hindiyatra.

nice essay ,it help me very much.thankyou!!!!

Welcome shantan and thank your for appreciation, keep visitong hindiyatra.

thanks for helpful and useful content

Welcome simana nd thank you for appreciation.

Helpful and useful essay

Your essay was really nice and helpful for me .thanks

thank you Anushka Umale for appreciation.

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स्वच्छ विद्यालय पर निबंध- Essay on Cleanliness in School in Hindi

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प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में साफ सफाई का बहुत महत्व है। हमारे आस पास का वातावरण स्वच्छ और साफ सुथरा होना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में हम अपना अधिकतर समय स्कूल में ही व्यतीत करते हैं इसलिए हमारा विद्यालय का स्वच्छ होना बहुत ही आवश्यक है। यदि हमारा विद्यालय स्वच्छ नहीं होगा तो हम रोगों से ग्रस्त हो जाऐंगे जिनका इलाज भी संभव नहीं है। स्वच्छ विद्यालय के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री इरानी स्मृति ने 25 सितंबर, 2014 को स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान का उद्घाटन किया था।

स्वच्छ विद्यालय के लाभ

स्वच्छ विद्यालय में पढ़ते समय मन भी लगता है और विद्यार्थी स्वस्थ रहता है। विद्यालय में साफ सफाई रहती है और विद्यालय दिखने में भी सुंदर लगता है। विद्यालय के शिक्षक और बच्चे खुशहाल रहते हैं।

विद्याल को स्वच्छ रखने को तरीके

विद्यालय को स्वच्छ रखने के लिए शिक्षक और विद्यार्थी समान रूप से भागीदारी दिखा सकते है जिसके लिए निम्नलिखित कार्य किए जा सकते हैं-

1. विद्यार्थी को कूड़ा खुले में नहीं डालना चाहिए बल्कि उन्हें कूड़ेदान में ही डालना चाहिए। 2. प्रत्येक कक्षा के बाहर छोटे छोटे कूड़ेदान रखे होने चाहिए। 3. स्कूल के मैदान की सफाई प्रतिदिन होनी चाहिए क्योंकि बच्चे वहीं पर खेलते हैं। 4. पानी की टंकी की प्रतिमाह सफाई होनी चाहिए और स्कूल में आने वाले पानी की समय समय पर जाँच होनी चाहिए। 5. विद्यार्थियों को अपनी और अपनी वर्दी की नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए। 6. बच्चों को साफ सफाई के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। 7. समय समय पर स्कूल में साफ सफाई संबंधी प्रतियोगिताएँ करवाई जानी चाहिए। 8. शौचालयों तो नियमित रूप से सफाई की जानी चाहिए।

स्वच्छ विद्यालय बच्चों के उज्जवल भविष्य देने में सहायक है जिसमें विद्यार्थी शारीरीक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है और रोगों से मुक्त रहता है। स्वच्छ विद्यालय बनाने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए और अभिभावकों भी स्कूल की स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए। स्वच्छ विद्यालय केवल स्कूल की साफ सफाई से नहीं बनता बल्कि स्वच्छ विद्यालय में विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी आदि भी स्वच्छ होने चाहिए और उन्हें नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए। मोदी जी के द्वारा भी स्वच्छ भारत अभियान चलाया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य पूरे भारत को स्वच्छ बनाना है। बच्चों को बचपन से ही स्वच्छता की आदत डालनी चाहिए और उन्हें गंदगी से होने वाली बिमारियों के विषय में बताना चाहिए। स्वच्छ विद्यालय हर विद्यार्थी की आवश्यकता है।

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Essay on Cleanliness of Environment for Kids

Kids nowadays are growing up in a world where they are constantly exposed to germs. They go to school, play outside and come into contact with people and things that can cause infections. The best way to protect themselves from getting sick is by being clean. Here is an essay on how you can help your kids stay clean and healthy by teaching them the importance of keeping their environment clean. When we think about the environment, the first thing that comes to mind is the pollution humans create. In reality, the cleanliness of our surroundings is just as important as our environmental responsibility . Read BYJU’S essay on cleanliness of the environment to learn the significance of keeping the environment clean.

The health of people and other living beings depends on a healthy environment. Clean air and water are essential for human health, while plants need clean soil to grow healthy. Keeping our surroundings clean can help protect our health and the environment. There is a famous saying, “ Cleanliness is Godliness ”, and we must follow some basic hygiene steps to maintain the same. Encourage your kids to participate in environmental education programmes. These programmes teach kids about the importance of conserving resources and keeping our planet clean. In addition, we have briefly explained the top five ways to keep our environment clean in this short essay on cleanliness of the environment.

Cleanliness of Environment

Table of Contents

How to encourage good hygiene in kids, top 5 ways to keep the environment clean, importance of cleanliness.

Cleanliness is one of the most important things to maintain in our environment. It is not only good for the environment but also for all living beings. We need to encourage good hygiene in our kids if we want them to be responsible stewards of their surroundings. We have provided some ways to maintain the cleanliness of the environment here in BYJU’S essay on cleanliness of environment in English.

Set a good example yourself and keep your home clean. This will help your kids see that it is vital to take care of their environment. Help your kids learn about the importance of taking care of their bodies. Talk about how dirty our hands and feet can be, and show them how easy it is to clean them up.

There is no denying that maintaining a clean environment is something that we need to always keep in mind. It improves the overall look and feel of our surroundings, and it also helps protect the health of ourselves and the animals that reside in our ecosystem. This cleanliness of environment essay will discuss the top five ways to clean up our environment that positively impact both the quality of life and the environment itself.

  • There are many ways that you can help keep the environment clean. The first way to keep the environment clean is by maintaining a healthy ecosystem and reducing the usage of chemical pesticides and fertilizers.
  • Keeping the environment clean is essential for everyone. Children are the future of the world, and they need to learn how to care for the environment.
  • Using less energy can save a lot of money in the long run. For example, if we use electricity to power our lights instead of a light bulb, we can save a lot of money.
  • Recycling can also save money. If we recycle materials, such as paper, plastic, and metals, we will save a lot of money in the long run.
  • Finally, using public transportation is one of the best ways to conserve energy and protect the environment. Public transit uses less fuel than driving in cars. It also reduces traffic congestion and air pollution.

Pollution is a problem any time it enters the environment. Across the world, pollution comes from several sources, including automobiles and factories. Pollution also comes from natural sources, such as rain, sea salt, volcanoes etc. Here are two reasons why it is vital to keep our environment clean:

  • Good for our health : Pollution can cause respiratory problems, heart disease, and even cancer. By keeping our environment clean, we can reduce the risk of these illnesses. It protects our resources. Polluting our environment harms natural resources such as water and air. We can save environment and these resources for future generations by cleaning up our act.
  • It preserves our heritage : When improperly disposed waste ends up in rivers and oceans, it can harm fish populations and contaminate marine habitats. By keeping our environment clean, we can prevent pollution and preserve all the species in aquatic habitats as well as other living beings on Earth.

It is now commonly acknowledged that the health of our environment is linked to our own. We must take measures to clean up our act and preserve the natural resources we depend on. However, many people continue to put their convenience above all else, leading to an increasingly polluted world. We need to reduce the cause and make a difference. We can create a cleaner, healthier future for ourselves and for generations to come by doing so. For more kids learning activities, like essays , worksheets and stories , visit BYJU’S website.

Frequently Asked Questions on Essay on Cleanliness of Environment

What are some ways to clean the environment.

There are many ways to clean the environment. Some of the ways are recycling, composting and using green energy. Each of these methods has its pros and cons, so it is important to choose the one that best suits our needs.

What is the importance of a clean environment?

A clean environment is vital because it can help improve health and well-being because it reduces the exposure people have to harmful chemicals. It can also reduce the risk of accidents because it makes it easier to see and avoid obstacles. Finally, a clean environment is less likely to produce harmful emissions that can impact the environment and human health.

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Essay on Environment Cleanliness

Students are often asked to write an essay on Environment Cleanliness in their schools and colleges. And if you’re also looking for the same, we have created 100-word, 250-word, and 500-word essays on the topic.

Let’s take a look…

100 Words Essay on Environment Cleanliness

What is environment cleanliness.

Environment cleanliness means keeping our air, water, and land free from trash and pollution. It is like tidying up our room but for the whole planet. Clean places are good for our health and for animals and plants too.

Why Keeping Clean Matters

When our surroundings are dirty, it can make us sick. Clean places help us stay healthy and make our Earth look beautiful. Just as we wash our hands before eating, we should keep our environment clean every day.

Ways to Help

We can help by throwing garbage in bins, recycling things, and telling others to do the same. Planting trees also cleans the air, which is great for everyone.

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250 Words Essay on Environment Cleanliness

Environment cleanliness means keeping our surroundings and nature free from pollution and waste. It is about taking care of our Earth, which is our home. When we keep our environment clean, we help plants, animals, and people stay healthy.

Why is it Important?

A clean environment is important because dirty surroundings can make us sick. For example, when water is polluted, the fish that live in it can die, and we can’t drink it. Clean air is also necessary because breathing in dirty air can cause diseases like asthma. So, keeping our environment clean helps everyone live better.

How to Keep the Environment Clean

We can do many simple things to keep our environment clean. Throwing garbage in bins, recycling things like paper and plastic, and using less water are good starts. Also, walking or riding a bike instead of using cars can reduce air pollution.

Everyone’s Role

Cleaning the environment is not just for adults; kids can help too. By learning about the importance of a clean environment at school and at home, children can practice good habits. They can also tell their friends and family about how to keep the environment clean.

In conclusion, environment cleanliness is about keeping our surroundings free from pollution. It is vital for our health and the health of the planet. Simple actions like disposing of waste properly and recycling can make a big difference. Everyone, including kids, has a role to play in making sure our environment stays clean.

500 Words Essay on Environment Cleanliness

Environment cleanliness means keeping our surroundings and the natural world free from trash, pollution, and other harmful substances. It is similar to how we keep our homes clean, but on a much bigger scale. When we talk about the environment, we mean our cities, towns, rivers, oceans, and even the air we breathe. Keeping all these places clean is important for the health of people, animals, and plants.

Why Keeping the Environment Clean is Important

A clean environment is key to a healthy life. If our surroundings are dirty, it can make us sick. For example, if water is polluted, the fish that live in it can die, and people who drink it can get ill. Clean air is also important because dirty air can cause breathing problems. When we take care of the environment, we help everyone live better and healthier lives.

Ways to Keep Our Environment Clean

There are many simple things we can do to help keep the environment clean. First, we can reduce the amount of waste we create. This means using less plastic and recycling things like paper, glass, and cans. Second, we can pick up litter when we see it on the ground and throw it away properly. This helps keep our parks and streets looking nice and safe for animals. Third, we can plant trees and flowers, which make the air cleaner and the land prettier.

The Role of Schools and Children

Schools can teach children about the importance of a clean environment. They can organize cleanup days where students help pick up trash around the school or in the community. Children can also learn how to recycle and why it’s important to use less plastic. When children know about these things, they can help their families and friends do the same.

Government and Laws

The government also plays a big role in keeping the environment clean. They can make laws that limit pollution and protect nature. For example, there can be rules about how factories should treat the waste they create so it doesn’t harm the environment. The government can also create parks and other protected areas where people can enjoy nature without hurting it.

Our Responsibility

In the end, keeping the environment clean is a job for everyone. It’s not just for the government or schools, but for each person. By doing our part, like throwing away trash correctly, using less plastic, and recycling, we can all help make the world a cleaner and better place. Remember, even small actions can make a big difference when we all work together.

Environment cleanliness is very important for our health and the health of the planet. By understanding why it’s important and how we can help, we can make sure our world stays beautiful and safe for all living things. Let’s promise to keep our environment clean so we can all enjoy a bright and healthy future.

That’s it! I hope the essay helped you.

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