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विश्व जल दिवस पर निबंध World Water Day Essay in Hindi

विश्व जल दिवस पर निबंध World Water Day Essay in Hindi

इस लेख में आप विश्व जल दिवस पर निबंध World Water Day Essay in Hindi पढ़ेंगे। इसमें इसके उद्देश्य, उत्सव, महत्व, थीम, के विषय में पूरी जानकारी दी गई है।

Table of Content

22 मार्च को पूरे विश्व में हर वर्ष विश्व जल दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1993 में एक सामान्य सभा के माध्यम से इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने का निर्णय किया। इस अभियान में लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये जल के महत्व की आवश्यकता और जल संरक्षण के बारे में समझाने के लिये हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

विश्व जल दिवस का इतिहास History of World Water Day in Hindi

इसे पहली बार ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में वर्ष 1992 में “ पर्यावरण और विकास के लिये संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की अनुसूची क्रमांक 21 में आधिकारिक रुप से  इसे जोड़ा गया था और इस तरह यह वर्ष 1993 से सभी जगह मनाया जाने लगा। विश्व जल दिवस एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है।

विश्व जल दिवस का उद्देश्य Objectives of World Water Day in Hindi

इसका उद्देश्य पानी से संबंधित मुद्दों के बारे में अधिक जानने और इसके लिये सुधार लाने के लिये दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करना है।

विश्व जल दिवस भारत, यू एस ए, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, जापान, घाना, बांग्लादेश, जर्मनी, नाइजीरिया, मिस्र और दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा मनाया जाता है। विश्व जल दिवस पानी और इसके संरक्षण के महत्व पर केंद्रित है।

विश्व जल दिवस कैसे मनाया जाता है? Celebration of World Water Day

पूरे भारत में कई स्कूलों और कॉलेजों में विश्व जल दिवस पर भाषण और निबंध प्रतियोगिताये होती है और इन प्रतियोगिताओं में आमतौर पर पानी और इसके संरक्षण से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। साथ ही लोगों को इस दिन जल केेे संरक्षण के प्रति ज्यादा सेे ज्यादा जागरूक किया जाता है।

विश्व जल दिवस का महत्व of World Water Day in Hindi

पानी की आवश्यकता हर मनुष्यों को है। कहा भी गया है, जल है तो हम हैं या जल ही जीवन है। प्रकृति पर्याप्त जल प्रदान करती है ताकि मनुष्य खा सके और जीवित रह सके। हमारे पास जो कुछ भी है उससे भी ज्यादा होने का लालच रहता है। मनुष्यों ने अपने फायदे के लिए प्रकृति को परेशान करना शुरू कर दिया है।

इसलिए प्रकृति के संरक्षण और विशेष रूप से पानी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय दिन की आवश्यकता थी जिस पर लोगों को प्रकृति के लिए बढ़ती समस्याओं से सतर्क किया जाये और पृथ्वी पर दुनिया हर दिन प्रदूषित होती जा रही है हमें यह जानना जरुरी है कि हम प्रदूषण को कैसे कम कर सकते हैं और हमारी प्रकृति को संरक्षित करते हैं।

दुनिया की दूसरी बात सबसे ज्यादा आबादी जिसमें भारत में पीने योग्य पानी की कमी एक मजबूत समस्या है। भारत में कई राज्य कई गांवों पानी की कमी से पीड़ित हैं जिसके परिणामस्वरूप किसान आत्महत्या तक कर लेते है।  विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य में।

भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर अत्यधिक निर्भर है और जल की कमी से कृषि बहुत कम होती है क्योंकि बारिश की कमी के कारण कम खेती की पैदावार होती है। इसके अलावा, पानी के संसाधन जो उपयोग के लिए उपलब्ध हैं हमें उनका सही तरीके से उपयोग करना चहिये।

विश्व जल दिवस के थीम 2000-2021 World Water Day Themes in Hindi

संयुक्त राष्ट्र-जल प्रत्येक वर्ष विश्व जल दिवस मनाने के लिए एक थीम का चयन करता है-

  • 2000 में विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “21वीं सदी के लिये पानी की आवश्यकता”।
  • 2001 में विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल, स्वास्थ के लिये”।
  • 2002 में विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल, विकास के लिये”।
  • 2003 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल, भविष्य के लिये”।
  • 2004 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “आपदा और जल”।
  • 2005 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “2005 से 2015 जीवन के लिये पानी”।
  • 2006 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल और संस्कृति”।
  • 2007 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल दुर्लभता के साथ मुंडेर”
  • 2008 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “स्वच्छता और सफाई”।
  • 2009 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल के पार”।
  • 2010 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “स्वस्थ विश्व के लिये स्वच्छ जल”।
  • 2011 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “शहर के लिये जल”।
  • 2012 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल और खाद्य सुरक्षा”।
  • 2013 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल सहयोग”।
  • 2014 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल और ऊर्जा”।
  • 2015 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल और दीर्घकालिक विकास”।
  • 2016 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल और नौकरियाँ”
  • 2017 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “अपशिष्ट जल” होगा।
  • 2018 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल के लिए प्रकृति के आधार पर समाधान”
  • 2019 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “कोई भी पीछे छोड़”
  • 2020 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम थी “जल और जलवायु परिवर्तन”
  • 2021 के विश्व जल दिवस उत्सव की थीम है “पानी का मूल्यांकन/वेल्यूइंग वाटर” है

पानी  हम सभी  प्राणियों  के जीवन में एक अहम भूमिका निभाता हैं। आज  मनुष्य जल को लेकर बहुत लापरवाह हैं मनुष्य को अपने अलावा किसी और की कोई फ़िक्र नहीं होती हैं। हमने जितनी भी नयी नयी खोजे की हैं, नये नये आविष्कार किये हैं उससे भी कई ज्यादा हमने अपने  संसाधनों का बुरी तरह से दुरुपयोग भी किया है और इससे केवल हमारी ही हानि नहीं हुई है बल्कि जितने भी जीव जंतु इस पृथ्वी पर निवास कर रहे हैं। सभी के अस्तित्व को हमने अपने लोभ के लिये विलुप्तिकरण की ओर पहुंचा दिया हैं।

जैसे कि  जंगलों के वृक्षों को काटना, वायु को दूषित करना और पानी को प्रदूषित करना। हम अपने घर को साफ़ सुथरा रखने के लिए अपने घर का कचरा नदियों और नहरो में डाल दिया हैं और इस तरह हमने  जल को जहर बना दिया। जो हमारे पेट के अंदर जाकर कई बीमारियों का कारण बनता हैं इसके पीछे केवल हम ही जिम्मेदार हैं। आज के इस शुभ दिन पर हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हमें किसी भी तरह से जल को प्रदूषित होने से बचाना है और अपने पर्यावरण का ख्याल भी रखना है।

पृथ्वी का 70% से अधिक भाग पानी से ढका हुआ है और पृथ्वी का पानी का 96.5% महासागरों में है, पीने योग्य पानी की मात्रा पृथ्वी पर कम है। औद्योगीकरण और अन्य मानवीय गतिविधियों ने पानी को प्रदूषित कर दिया है। विश्व जल दिवस पानी और इसके संरक्षण के महत्व पर केंद्रित है।

निष्कर्ष Conclusion

पानी मनुष्यों के लिए जरूरी चीजों में से एक है और इसे जिम्मेदारी और समझदारी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए विश्व जल दिवस का महत्व पानी के महत्व और इसके संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। आशा करते हैं आपको विश्व जल दिवस पर निबंध (World Water Day Essay in Hindi) आपको पसंद आया होगा।

1 thought on “विश्व जल दिवस पर निबंध World Water Day Essay in Hindi”

Essay acchha h Hame jal ko bachana chahiye Jal hi jeevan h Thank you so much ki essay ham logo Tak pahuchane ke liye

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World Water Day Speech: विश्व जल दिवस पर भाषण

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World Water Day Speech in Hindi | विश्व जल दिवस हिंदी भाषण

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World Water Day Speech in Hindi: सभी को सुप्रभात, और इस वर्ष के विश्व जल दिवस में आपका स्वागत है। आज, हम पानी के महत्व का जश्न मनाने और इस बहुमूल्य संसाधन को संरक्षित करने में आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इकट्ठा हुए हैं।

जल जीवन के लिए आवश्यक है। यह हमारे जीवन तंत्र की नींव है और सभी जीवित चीजों का स्रोत है। पानी के बिना, जैसा कि हम जानते हैं कि धरती पर जीवन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

लेकिन जल के महत्व के बावजूद, दुनिया भर में बहुत से लोगों के पास साफ पानी उपलब्ध नहीं है। पानी की पहुंच की कमी से कई गंभीर बीमारियाँ, गरीबी और पर्यावरणीय की गिरावट सहित कई तरह की विश्व स्तरीय समस्याएं पैदा होती हैं।

हमें इस चुनौती से निपटने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करना चाहिए। हमें जल अवसंरचना और प्रबंधन में निवेश को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसका मतलब जल उपचार संयंत्रों, वितरण प्रणालियों और स्वच्छता सुविधाओं का निर्माण और रखरखाव करना है।

इसका भाव ये है कि लोगों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षित करना और जिम्मेदार जल उपयोग को प्रोत्साहित करना भी है।

बुनियादी ढांचे के अलावा, हमें पानी की कमी के मूल कारणों को भी दूर करना होगा। इसमें जलवायु परिवर्तन को संबोधित करना और हमारे कार्बन उत्सर्जन को कम करना शामिल है, साथ ही जल संसाधनों की रक्षा करने वाली स्थायी भूमि उपयोग प्रथाओं को बढ़ावा देना शामिल है।

हम उन पहलों का भी समर्थन कर सकते हैं जो समुदायों को समुदाय आधारित जल प्रबंधन प्रणालियों जैसे अपने स्वयं के जल संसाधनों का प्रबंधन करने के लिए सशक्त बनाती हैं।

लेकिन पानी की कमी की चुनौती सिर्फ बुनियादी ढांचे और प्रबंधन का मामला नहीं है। यह समता और न्याय का भी मामला है। स्वच्छ जल तक पहुंच एक मौलिक मानव अधिकार है, और फिर भी दुनिया भर में बहुत से लोग इस अधिकार से वंचित हैं।

हमें यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए कि हर किसी की नस्ल, लिंग या सामाजिक आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना स्वच्छ, सुरक्षित पानी तक पहुंच हो।

जैसा कि हम विश्व जल दिवस मनाते हैं, आइए हम एक अंतर लाने के लिए प्रतिबद्ध हों। आइए हम इस अनमोल संसाधन की रक्षा और संरक्षण के लिए कार्रवाई करने का संकल्प लें।

चाहे वह नीति परिवर्तन की वकालत के माध्यम से हो, समुदाय-आधारित पहलों का समर्थन करना हो, या बस अपने स्वयं के जल के उपयोग के प्रति सचेत रहना हो, हम सभी को एक भूमिका निभानी है। साथ मिलकर, हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं जहाँ सभी के पास स्वच्छ, सुरक्षित पानी की पहुँच हो। धन्यवाद।

आपका वर्ल्ड वाटर डे भाषण (World Water Day Speech in Hindi) को लेकर कोई सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में लिखें 

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विश्व जल दिवस पर निबंध व् भाषण world water day essay, speech in hindi

World water day speech in hindi.

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं विश्व जल दिवस पर हमारे द्वारा लिखित निबंध व भाषण. हमारे द्वारा लिखित इस आर्टिकल से आप अपनी परीक्षाओं की अच्छी तैयारी कर सकते हैं एवं विश्व जल दिवस पर निबंध व् भाषण की भी तैयारी कर सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को

world water day essay, speech in hindi

हम सभी जानते हैं कि जल हमारे लिए अति महत्वपूर्ण है, जल के बगैर मनुष्य, जीव-जंतु, पेड़-पौधे जीवित नहीं रह सकते, सभी जल पर ही निर्भर हैं. हम सभी को जल के महत्व को समझना चाहिए और जल संरक्षण के उपाय करने चाहिए. जल के महत्व को समझने के लिए हमारे भारत देश में हर साल विश्व जल दिवस मनाया जाता है. विश्व जल दिवस सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र संघ में जितने भी देश आते हैं सभी इस विश्व जल दिवस को मनाते हैं.

विश्व जल दिवस सन 1993 से मनाया जाता है यह हर साल 22 मार्च को पूरे विश्व में मनाया जाता है. विश्व जल दिवस के जरिए लोगों को जल के महत्व को बताया जाता है, जल संरक्षण के उपाय बताए जाते हैं, कई जगह कार्यक्रम भी रखे जाते हैं, स्कूल कॉलेजों में भी अध्यापकों के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है और विश्व जल दिवस में जल के महत्व एवं जल संरक्षण के बारे में बताया जाता है. विश्व जल दिवस विश्व को कई सारे देश जैसे कि भारत, जापान, जर्मनी, इंडोनेशिया, पाकिस्तान मनाते हैं

विश्व जल दिवस हर साल किसी प्रमुख थीम पर होता है. संयुक्त राष्ट्र संघ इस प्रमुख थीम का चयन करता है. हमारे इस पूरे विश्व में विश्व जल दिवस कई थीम पर मनाया जा चुका है जिनमें से 2010 से अभी तक के कुछ थीम हम यहां पर आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं

2010 में विश्व जल दिवस मनाने का प्रमुख थीम था स्वस्थ विश्व के लिए स्वच्छ जल

इसी तरह 2011 में इस जल दिवस का नया थीम था शहर के लिए जल

2012 में इसका थीम था जल और खाद्य सुरक्षा

2013 का इसका थीम था जल सहयोग

2014 में विश्व जल दिवस का थीम था जल और ऊर्जा

2015 में जल दिवस का थीम था जल और दीर्घकालिक विकास

2016 में थीम था जल और नौकरियां

2017 में विश्व जल दिवस का थीम था अपशिष्ट जल

2018 में विश्व जल दिवस का थीम था जल के लिए प्रकृति के आधार पर समाधान

2019 में विश्व जल दिवस का थीम था किसी को पीछे नहीं छोड़ना

विश्व जल दिवस पर अलग-अलग थीम के जरिए इसका उद्देश्य जल के एक विशेष क्षेत्र की ओर होता है लेकिन वास्तव में विश्व जल दिवस का प्रमुख उद्देश्य जल की सुरक्षा, जल संरक्षण एवं जल का महत्व समझना है.

विश्व जल दिवस पर भाषण

मेरे प्रिय साथियों नमस्कार, मैं कमलेश कुशवाह आप सभी का इस विश्व जल दिवस के कार्यक्रम में स्वागत करता हूं. दोस्तों मुझे खुशी है कि इस साल हम विश्व जल दिवस को एक नए थीम के साथ मनाने जा रहे हैं. विश्व जल दिवस वास्तव में कई बड़े-बड़े त्योहारों, दिवसो में सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि हम सभी के लिए जल संरक्षण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है.

जल सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि जीव-जंतु, पेड़-पौधे सभी के लिए महत्वपूर्ण है. जल के बगैर हमारा जीवन संभव नहीं है हम सभी को आज के इस अवसर पर यह समझने की जरूरत है की जल ही जीवन है. हम यदि एक एक बूंद बचाएंगे और उसका महत्व समझेंगे तो जल संकट कभी नहीं आएगा लेकिन यदि हम लापरवाही करते हैं और जल के महत्व को ना समझकर जल को व्यर्थ बहाते हैं, जल प्रदूषण करते हैं एवं वर्षा को आकर्षित करने वाले पेड़ पौधों को काटते हैं तो कभी ना कभी जरूर ही जल संकट हमारे सामने होगा.

यहां पर उपस्थित हर एक विद्यार्थी एवं मेरे भाइयों, बहनों से मेरा निवेदन है कि हम सभी आज एक प्रण लें कि हम जल को कभी प्रदूषित नहीं करेंगे, जल को व्यर्थ नहीं बनाएंगे और जल की एक एक बूंद के महत्व को समझेंगे. आज हम देखें तो गर्मियों के मौसम में जल का संकट हमें चारों ओर देखने को मिलता है यह सभी कुछ हद तक हमारे द्वारा प्रकृति में किए गए क्रियाकलापों की वजह से है हम हमारे प्रकृति को प्रदूषित कर रहे हैं, कई तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं जिसका परिणाम हमें देखने को मिलता है की गर्मियों में जल संकट उत्पन्न होता है.

आज हमको यह समझने की जरूरत है की जल अनमोल है, जल की कोई कीमत नहीं लगा सकता. आज मुफ्त में मिल रहे जल की हम कीमत नहीं समझते लेकिन आप गर्मियों के दिनों में पानी ना मिल रहे उस इंसान से पूछिए की जल का क्या महत्व है. जल यदि ना हो तो इसके बगैर किसी भी चीज का मोल नहीं है क्योंकि जल हमारे जीवन की रक्षा करता है, जीवन के लिए जल अति महत्वपूर्ण है.

यहां पर बैठे विद्यार्थी बड़े होकर उच्च पदों पर आश्रित होंगे यदि वह इस जल दिवस के कार्यक्रम के जरिए जल के महत्व को समझते हैं और जल संरक्षण के उपाय करते हैं तो आने वाली पीढ़ी को जल की समस्या से निजात मिल सकती है और देश जल संकट से निकल सकता है. मेरा यही आग्रह है की हर एक विद्यार्थी जल के महत्व को समझें और जल को व्यर्थ ना बहाएं.

पूरी दुनिया इस जल के महत्व को समझ सके इसी लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1993 से विश्व भर में जल दिवस मनाने की घोषणा की थी तभी से विश्व के अनेक देश जल दिवस मनाते हैं और अपने देशवासियों को जागरुक करते हैं क्योंकि अभी मौका है जल के प्रति सचेत होने का क्योंकि कहते हैं की अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत

यानी यदि हम अभी जल के महत्व को नहीं समझेंगे तो वास्तव में यह उपर्युक्त बात हमारे लिए साबित होगी. जब जल का स्तर नीचे पहुंच जाएगा और हम फिर सचेत होंगे तो फिर पछतावे के सिवा हमारे पास कुछ नहीं होगा और फिर पछतावे का कोई भी महत्व नहीं निकलेगा इसलिए आज हम सभी को यहां पर उपस्थित विद्यार्थी एवं माता बहनों, भाइयों को जागरूक होने की जरूरत है और समझने की जरूरत है कि जल है तो कल है.

इसी उम्मीद और विश्वास के साथ कि आप सभी जल के महत्व को समझेंगे आप सभी को मेरा धन्यवाद.

  • विश्व जल दिवस पर सुविचार व् नारे world water day quotes, slogans in hindi

दोस्तों मेरे द्वारा लिखा विश्व जल दिवस पर निबंध एवं भाषण world water day essay, speech in hindi आपको कैसे लगे हमें जरूर बताएं इसी तरह की बेहतरीन आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें धन्यवाद.

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विश्व जल दिवस पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - विश्व जल दिवस २०२१ - विश्व जल दिवस का इतिहास - विश्व जल दिवस क्यों मनाया जाता है - विश्व जल दिवस कैसे मनाया जाता है - विश्व जल दिवस का थीम - विश्व जल दिवस का उद्देश्य - उपसंहार।

विश्व जल दिवस अंग्रेजी में 'World Water Day' कहते है। प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को पुरे विश्व भर में विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्‍व जल दिवस 2020 की थीम ‘जल और जलवायु परिवर्तन’ था। वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के द्वारा लोगों के बीच जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रुप में मनाने के लिये इस अभियान की शुरुवात की गयी थी।

हर साल 22 मार्च को पुरे विश्व में विश्व जल दिवस मनाया जाता है। विश्व जल दिवस 2021 में 22 मार्च, सोमवार के दिन मनाया जायेगा।

वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के द्वारा 22 मार्च को जल को महत्व देते हुए एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने का निर्णय किया गया। लोगों के बीच जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रुप में मनाने के लिये इस अभियान की शुरुवात की गयी थी। इसे पहली बार वर्ष ब्राजील में रियो डी जेनेरियो में वर्ष 1992 में आयोजित पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई तथा वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपने सामान्य सभा के द्वारा निर्णय लेकर इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया। तब से हर वर्ष २२ मार्च को विश्व में सभी लोगों द्वारा यह दिवस मनाया जाता है।

यह अभियान यूएन अनुशंसा को लागू करने के साथ ही वैश्विक जल संरक्षण के वास्तविक क्रियाकलापों को प्रोत्साहन देने के लिये राष्ट्र सदस्य सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया जाता हैं। लोगों को जल मुद्दों के बारे में सुनने व समझाने के लिये तथा उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। यूएन सदस्य राज्य और एजेंसी सहित, जल के सभी जटिल मुद्दों के पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिये स्वच्छ जल संरक्षण के प्रोत्साहन में विभिन्न एनजीओ और गैर-सरकारी संगठन भी शामिल किये जाते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान, जल से संबंधित सभी मुद्दों एवं परेशानी को जनता के सामने उजागर किया जाता है और जनता को पानी को महत्व देने के लिए उदहारण देते हुए समझाया जाता है।

विश्व जल दिवस के दिन अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों किये जाते है। इस कार्यक्रम के दौरान विश्व जल दिवस पर वैश्विक संदेश फैलाने के लिये थीम अर्थात विषय का चुनाव किए जाते है। पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि और व्यापार सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जल के महत्व की ओर लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये पूरे विश्व भर में विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम रखे जाते है और क्रियाकलापों के आयोजनों के द्वारा मनाया जाता है जैसे दृश्य कला, जल के मंचीय और संगीतात्मक उत्सव, स्थानीय तालाब, झील, नदी और जलाशय की सैर, जल प्रबंधन और सुरक्षा के ऊपर स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिचर्चा, टीवी और रेडियो चैनल या इंटरनेट के माध्यम से संदेश फैलाना, स्वच्छ जल और संरक्षण उपाय के महत्व पर आधारित शिक्षण कार्यक्रम, प्रतियोगिता, आदि गतिविधियाँ यह दिन करते हुए लोगों को जागरूक किया जाता है। विश्व जल दिवस उत्सव का 'नीले रंग की जल की बूँद की आकृति' मुख्य चिन्ह है।

  • विश्व जल दिवस 1993 का थीम “शहर के लिये जल” था।
  • विश्व जल दिवस 1994 का थीम “हमारे जल संसाधनों का ध्यान रखना हर एक का कार्य है”।
  • विश्व जल दिवस 1995 का थीम “महिला और जल”था।
  • विश्व जल दिवस 1996 का थीम “प्यासे शहर के लिये पानी”था।
  • विश्व जल दिवस 1997 का थीम “विश्व का जल: क्या पर्याप्त है” था।
  • विश्व जल दिवस 1998 का थीम “भूमी जल- अदृश्य संसाधन” था।
  • विश्व जल दिवस 1999 का थीम “हर कोई प्रवाह की ओर जी रहा है” था।
  • विश्व जल दिवस 2000 का थीम “21वीं सदी के लिये पानी” था ।
  • विश्व जल दिवस 2001 का थीम “स्वास्थ के लिये जल” था ।
  • विश्व जल दिवस 2002 का थीम “विकास के लिये जल” था ।
  • विश्व जल दिवस 2003 का थीम “भविष्य के लिये जल” था।
  • विश्व जल दिवस 2004 का थीम “जल और आपदा”था ।
  • विश्व जल दिवस 2005 का थीम “2005-2015 जीवन के लिये पानी” था।
  • विश्व जल दिवस 2006 का थीम “जल और संस्कृति” था।
  • विश्व जल दिवस 2007 का थीम “जल दुर्लभता के साथ मुंडेर” था।
  • विश्व जल दिवस 2008 का थीम “स्वच्छता” था ।
  • विश्व जल दिवस 2009 का थीम“जल के पार” था ।
  • विश्व जल दिवस 2010 का थीम “स्वस्थ विश्व के लिये स्वच्छ जल” था।
  • विश्व जल दिवस 2011 का थीम “शहर के लिये जल: शहरी चुनौती के लिये प्रतिक्रिया” था ।
  • विश्व जल दिवस 2012 का थीम “जल और खाद्य सुरक्षा” था।
  • विश्व जल दिवस 2013 का थीम “जल सहयोग” था ।
  • विश्व जल दिवस 2014 का थीम “जल और ऊर्जा” था ।
  • विश्व जल दिवस 2015 का थीम “जल और दीर्घकालिक विकास” था ।
  • विश्व जल दिवस 2016 का थीम "जल और नौकरियाँ" था।
  • विश्व जल दिवस 2017 का थीम "अपशिष्ट जल" था ।
  • विश्व जल दिवस 2018 का थीम "जल के लिए प्रकृति के आधार पर समाधान" था ।
  • विश्व जल दिवस 2019 का थीम "किसी को पीछे नही छोड़ना (लीवींग नो वन बीहांइड)" था।
  • विश्व जल दिवस 2020 का थीम "जल और जलवायु परिवर्तन" था।
  • विश्व जल दिवस 2021 का थीम "पानी को महत्व देना (Valuing Water)" है।

विश्व जल दिवस का उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है और साथ ही यह जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करता है। यूएन सदस्य राज्य और एजेंसी सहित, जल के सभी जटिल मुद्दों के पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिये स्वच्छ जल संरक्षण के प्रोत्साहन में विभिन्न एनजीओ और गैर-सरकारी संगठन भी शामिल होते हैं। मानव के जीवन में शुद्ध जल का होना अति आवश्यक है क्योंकि 'जल ही जीवन है'।

प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को पुरे विश्व भर में विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है। र्वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के द्वारा 22 मार्च को जल को महत्व देते हुए एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने का निर्णय किया गया। लोगों के बीच जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये यह दिवस मनाया जाता है। विश्व जल दिवस का उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है और साथ ही यह जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करता है। सभी लोगों को जल का सही तरीके से उपयोग करना होगा तथा लोगों को समझना होगा की 'आज जल है तो कल जीवन है'।

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विश्व जल दिवस 2023 पर निबंध, कब और क्यों मनाया जाता है? क्या है महत्व, थीम 2023 और इतिहास | Essay on World Water Day history 2023 theme in hindi

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विश्व जल दिवस २०२३ थीम, महत्व और इतिहास क्या है?, विश्व जल दिवस पर निबंध (Facts, World Water Day history 2023 theme in hindi)

22 मार्च को पूरे विश्व में विश्व जल दिवस मनाया जाता है। सभी विकसित देशों में सुरक्षित जल और स्वस्थ जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना विश्व जल दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य है। इसीलिए 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।

विश्व जल दिवस के रूप में इस अभियान की शुरुआत 1993 में हुई थी। यह दिवस जल संरक्षण के महत्व पर जोर देता है। विश्व जल दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि लोगों में पीने योग्य स्वस्थ जल का महत्व, जल संरक्षण और आवश्यकता का महत्व बताया जा सकें। प्रत्येक वर्ष एक नई थीम के साथ जल दिवस मनाया जाता है। आइए आज आपको विश्व जल दिवस के बारे में बताते हैं।

विषय–सूची

विश्व जल दिवस कब मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता ह।  विश्व जल दिवस मनाने का उद्देश्य सभी विकसित देशों में सुरक्षित एवं स्वस्थ जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है। इसके अलावा विश्व जल दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में जल संरक्षण का महत्व, आवश्यकता और पीने योग्य स्वस्थ जल का महत्व बताना भी है।

विश्व जल दिवस मनाने की पहली पहल वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम तथा पर्यावरण पर बैठक रियो डी जेनेरियो ब्राजील में किया गया था।

सामान्य सभा के द्वारा निर्णय लेकर वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया और इस दिवस का नाम विश्व जल दिवस रखा गया।

विश्व जल दिवस का संक्षिप्त विवरण (World Water Day in hindi)

विश्व जल दिवस-Essay-on-world-water-day-in-hindi

विश्व जल दिवस २०२३ थीम क्या है?

विश्व जल दिवस के अवसर पर हर वर्ष 22 मार्च के लिये एक थीम निश्चित की जाती है 2023 में जल दिवस Accelerating Change यानि ‘‘त्वरित परिवर्तन’’ इस साल की थीम को चुना गया है। इसका मुख्य उद्देश्य विश्वस्तर पर पानी के सरंक्षण के लिये किये जा रहे आंदोलनों में तेजी लाना और लोगों को इसके महत्व के बारे में पूर्ण जानकारी देना हैं।

विश्व जल दिवस क्यों मनाया जाता है?

दोस्तों हम सभी जानते हैं । कि जल के बिना धरती पर मानव जीवन संभव नहीं है जल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पहले के समय में हर गांव में कई सारे तालाब, हर घर के सामने कुमार रहता था सभी लोग कुएं से पानी निकाल कर पिया करते थे।

बारिश के समय में हर गांव जल मग्न हो जाया करता था परंतु वर्तमान समय में नदियां सूख जाते हैं, तालाब बहुत कम रह गए हैं। जिससे स्वच्छ जल का संरक्षण नहीं हो पा रहा है इसलिए इस समस्या से बाहर निकलने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व जल दिवस मनाने का निर्णय लिया है।

हम सभी जानते हैं “जल ही जीवन है”जल संरक्षण का महत्व बढ़ाने के लिए और पानी की आवश्यकता समझाने के लिए 22 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व जल दिवस मनाया जाता है।

सुरक्षित और स्वच्छ जल दुनिया के सभी विकसित देशों में उपलब्धता सुनिश्चित करवाना ही विश्व जल दिवस का मुख्य उद्देश्य है यह दिवस स्वच्छ जल संरक्षण पर भी जोर देता है।

विश्व जल दिवस का इतिहास-

वर्ष 1992 में विश्व जल दिवस का संयुक्त राष्ट्र विकास और पर्यावरण पर सम्मेलन जिस वर्ष रियो डी जेनेरियओ में हुआ था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने उसी वर्ष विश्व जल दिवस के लिए एक प्रस्ताव अपनाया और वर्ष 1993 से इस दिवस को मनाना शुरू किया गया। विश्व जल दिवस 22 मार्च को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह दिवस सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने और स्वच्छ जल संरक्षण महत्व को बढ़ाने के लिए इस दिन को एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।

अन्य समारोह और कार्यक्रम बाद में इसमें जोड़ा गया इस साल 22 मार्च से 24 मार्च तक 2023 में संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन न्यूयॉर्क में किया जाएगा। “सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के अधिकार” 2010 में United Nations ने मानव अधिकार के रूप में मान्यता दी थी।

विश्व जल दिवस इस वर्ष लोगों का ध्यान जल संरक्षण और जल के महत्व की तरफ आकर्षित करने के लिए मनाया जाएगा।

विश्व जल दिवस का महत्व-

हम सभी जानते हैं जल के बिना धरती पर मानव जीवन संभव नहीं है जल ही जीवन है पानी की कमी से प्रकृति की समस्या बढ़ती ही जाती है विश्व जल दिवस मनाने का उद्देश्य भारत के सभी लोगों को जल संरक्षण के महत्व, आवश्यकता, और जल संरक्षण मुद्दों की तरफ प्रेरित करने और लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।

हमारे देश में आए दिन जनसंख्या बढ़ती ही जा रही है जिससे स्वच्छ जल की कमी हो रही है कई जगहों पर पानी की कमी से लोगों की मृत्यु भी हुई है इसलिए हमें लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिवस को मनाना और बढ़ावा देना चाहिए इस समय पानी एक गंभीर समस्या बन चुका है कई जगहों पर पानी की कमी से किसान भी आत्महत्या कर रहे हैं अत्यधिक कृषि पर भारत की अर्थव्यवस्था निर्भर है और कृषि जल की कमी से दिन पर दिन भी कम होती जा रही है।

इस समय बारिश की कमी से खेती भी बहुत कम हो रही है इसलिए हमें जल का अधिक बचाव करना चाहिए व्यर्थ में जल को बहाना नहीं चाहिए जल का उचित उपयोग करें अगर हम जल का सही उपयोग सही तरीके से नहीं करेंगे तो यह समस्या बढ़ती ही जाएगी और आने वाली पीढ़ी के लिए यह विकट समस्या होगी।

विश्व जल दिवस मनाने का उद्देश्य –

विश्व जल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भारत के लोगों को जल संबंधित मुद्दों की तरफ जागरूक करने का है दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य, मिश्र, बांग्लादेश, जर्मनी, पाकिस्तान, यूएस, भारत आदि देशों द्वारा मनाया जाता है। जल संरक्षण महत्व पर विश्व जल दिवस केंद्रित है।

स्वच्छ जल संरक्षण के प्रोत्साहन के लिए एजेंसी और यूएन सदस्य राज्य गैर सरकारी संगठन और एनजीओ भी जल की जटिल समस्या पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए कार्य कर रही हैं इस दिन कार्यक्रम मनाते समय जनता के सामने जल संबंधी समस्या को उजागर किया जाता है और उन्हें बताया जाता है कि किस तरह स्वच्छ जल लोगों की पहुंच से दूर और कमी हो रही है।

विश्व जल दिवस पहली बार कब मनाया गया था?

पहली पहल वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के कार्यक्रम में पर्यावरण पर बैठक रियो डी जेनेरियो ब्राजील में किया गया था। पहली बार इसे अधिकारिक रुप से 22 मार्च सन 1993 में मनाया गया।

विश्व जल दिवस 2023 Theme क्या है?

त्वरित परिवर्तन “Accelerating change”

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World Water Day Speech – विश्व जल दिवस निबंध

- Mar 21, 2021

इस लेख में विश्व जल दिन ( World Water Day Speech – भाषण, विश्व जल दिवस कब मनाया जाता है, क्यों मनाया जाता है और कैसे मनाया जाता है. इसकी जानकारी मिलेगी, यहाँ पानी का महत्त्व, पानी बचाओ, निबंध hindi में दिया गया है. World Water Day theme 2020 भी दिया गया है. साथ में world water day essay, slogans, shayari, SMS, Whatsapp Status Videos, Slogans, poster in Hindi and English देने का प्रयास किया जायेगा.

World Water Day Speech hindi

” जल ही जीवन है. ”  यह वाक्य आपने कई बार सुना होगा.  क्या आपने कभी सोचा है की इस विश्व की सजीव सृष्टी जल के बिना कुछ नहीं है. जल को हम इस कदर नष्ट कर रहे हैं की इस सृष्टि का जन्म जहां से हुआ उसी जल को लेकर आज पूरा   विश्व चिंतित है. यह सच है कि इस पृथ्वी पर पानी तो बहुत है लेकिन पीने लायक पानी की मात्रा बहुत कम है. और जो पानी बचा है इसे हमारी दिन प्रतिदिन की प्रवृत्तियां नष्ट करने में लगी है. विश्व की इसी चिंता को लेकर प्रतिवर्ष जन्मदिन मनाया जाता है. दुनिया भर में विश्व जल दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। World Water Day को मनाने का उद्देश्य लोगों को पानी बचाने, पानी के महत्व को समझने और पानी को प्रदूषित होने से रोकने के लिए प्रेरित करना है। यह महत्वपूर्ण है कि जल प्रबंधन बहुत समय पर किया जा रहा है, जबकि जल प्रबंधन समयबद्ध तरीके से हो रहा है। जल संकट सूखे, बाढ़ की वजह से सूखा, पानी के बंटवारे में विवाद, पानी की कमी के कारण होने वाली बीमारियों, विनाशकारी सूनामी और मिट्टी के क्षरण जैसी समस्याओं के समाधान की मांग कर रहा है।

world water day essay in hindi

यह निर्विवाद सत्य है कि सभी जीवित प्राणियों की उत्पत्ति जल में हुई है। वैज्ञानिक अब पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर पहले पानी की खोज को प्राथमिकता देते हैं।  पानी के बिना जीवन जीवित ही नहीं रहेगा। इसी कारणवश अधिकांश संस्कृतियां नदी के पानी के किनारे विकसित हुई हैं … इस प्रकार ‘जल ही जीवन है’ का अर्थ सार्थक है। दुनिया में, 99% पानी महासागरों, नदियों, झीलों, झरनों आदि के अनुरूप है। केवल 1% या  इससे भी कम पानी पीने के लिए उपयुक्त है। हालाँकि, पानी की बचत आज की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। केवल पानी की कमी पानी के अनावश्यक उपयोग के कारण है। बढ़ती आबादी और इसके परिणामस्वरूप बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण, शहरी मांग में वृद्धि हुई है और पानी की खपत बढ़ रही है। आप सोच सकते हैं कि एक मनुष्य अपने जीवन काल में कितने पानी का उपयोग करता है,  किंतु क्या वह इतने पानी को बचाने का प्रयास करता है? असाधारण आवश्यकता को पूरा करने के लिए, जलाशय गहरा गया है। इसके परिणामस्वरूप, पानी में लवण की मात्रा में वृद्धि हुई है। पानी के शुद्धिकरण के लिए आरो प्लांट जैसे आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है. लेकिन सच तो यह है कि पानी को शुद्ध करने की यह मशीनें ज्यादा पानी का व्यय करते हैं, अपशिष्ट जल की बर्बादी भी पानी की कमी का कारण बन गई है। इस पानी का उपयोग बागवानी या अन्य घरेलू कामों के पुन: उपयोग में किया जाता है, यह भी जरूरी है कि सभी  अनावश्यक पानी का उपयोग बंद करें। कुओं, तालाबों, बोरों का पुनर्भरण करते रहना चाहिए। पानी को बचाएं, विशेष रूप से घर में घर के भंडारण में, पानी की बूंदों को बचाएं। World Water Day Speech

‘आप पानी बचाएं, पानी आपको बचाएगा’। अगर इस वाक्य को नहीं समझेंगे तो जैसा कि “अगवानी” में प्रभु ने कहा है की , “भविष्य में नदी की चौड़ाई गाड़ी के दो पहियों के बीच की जगह के बराबर होगी।” यह समझना आवश्यक है कि इस अगवानी की भयावहता पानी की लागत नहीं बल्कि अनमोल जल है होगी। इसलिए, आज, ‘पानी बचाओ’ आइए इन पांच शब्दों को समझें! और अपने जीवन में अपनाए.

जल ही जीवन है पर निबंध हिंदी में

 पानी की आवश्यकता को समझते हुए और पानी के व्यय को देखते हुए पूरा विश्व चिंतित है.  आने वाले भविष्य में हम अपने जीवन को सही ढंग से व्यतीत कर सकें इसी चिंता को लेकर विश्व में प्रतिवर्ष जन्मदिन मनाया जाता है. विश्व जल दिवस को पानी बचाने के संकल्प का दिन कहा जाता है। यह दिन जल के महत्व को जानने का और पानी के संरक्षण के विषय में जागरूकता का दिन है। आँकड़ों के मुताबिक विश्व के 1.5 अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है। कहने के लिए धरती पर 70 प्रतिशत से ज्यादा भाग में सिर्फ जल ही पाया जाता है। लेकि न यह पानी पीने के योग्य नहीं है। शहरीकरण की वजह से अधिक सक्षम जल प्रबंधन और बढिया पेय जल और सैनिटेशन की जरूरत पड़ती है। लेकिन शहरों के सामने यह एक गंभीर समस्या है। शहरों की बढ़ती आबादी और पानी की बढ़ती मांग से कई दिक्ततें खड़ी हो गई हैं।

जिन लोगों के पास पानी की समस्या से निपटने के लिए कारगर उपाय नहीं है उनके लिए मुसीबतें हर समय मुंह खोले खड़ी हैं। कभी बीमारियों का संकट तो कभी जल का अकाल, एक शहरी को आने वाले समय में ऎसी तमाम समस्याओं से रूबरू होना पड़ सकता है। ऎसा नहीं है कि पानी की समस्या से हम जीत नहीं सकते। अगर सही ढ़ंग से पानी का सरंक्षण किया जाए और जितना हो सके पानी को बर्बाद करने से रोका जाए तो इस समस्या का समाधान बेहद आसान हो जाएगा। लेकिन इसके लिए जागरूकता की जरूरत है। एक ऎसी जागरूकता की जिसमें दुनिया के हर इंसान पानी को बचाना अपना धर्म समझें। विश्व जल दिवस के अवसर पर, आइए हम एक बूंद जल के मूल्य समझे और प्रकृति की कृपा सामन इस विशाल संजीवनी का सर्वोत्तम उपयोग करे।

भारत में सालाना लाखों लोगों की मौत दूषित पानी और खराब साफ-सफाई की वजह से होती है। दूषित जल के सेवन की चपेट में आने वाले लोगों के चलते हर साल देश की अर्थव्यवस्था को अरबों रूपये का नुकसान उठाना पड़ता है। छत्तीसगढ़, बुंदेलखंड, बिहार, उड़ीसा के कई हिस्सों से लगातार खबरें आती हैं कि आमलोग दूषित जल के सहारे जीवन यापन करने को मजबूर हैं। जहां तक श्रीलंका की बात है तो वहां सुनामी के प्रलय से पहले तक सिर्फ 40 फीसद ग्रामीण आबादी के पीने का पानी सरकार मुहैया करा रही थी और सुनामी के बाद ऎसी स्थिति बन गई है कि ग्रामीण और शहरी दोनों तबकों को पेयजल के नाम पर खारा पानी मिल रहा है।

दिवस_2020 ' class="wp-block-heading">विश्व जल  दिवस 2020

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भारत में जल दिवस कब मनाया जाता है

समय के साथ इंसान जल की महत्ता को लगातार भूलता चला गया और उसे बर्बाद करता रहा, जिसके फलस्वरूप आज जल संकट सबके सामने हैl विश्व के हर नागरिक को पानी की महत्ता से अवगत कराने के लिए ही संयुक्त राष्ट्र ने  “विश्व जल दिवस”  मनाने की शुरुआत की थी।  वर्ष लोगों के बीच जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये 22 मार्च को “विश्व जल दिवस” मनाया जाता हैl

विश्व जल दिवस 2020 का थीम

1. वर्ष 2016 के विश्व जल दिवस का थीम “जल और नौकरियाँ” थाl

2. वर्ष 2015 के विश्व जल दिवस का थीम “जल और दीर्घकालिक विकास” थाl

3. वर्ष 2014 के विश्व जल दिवस का थीम “जल और ऊर्जा” थाl

4. वर्ष 2013 के विश्व जल दिवस का थीम “जल सहयोग” थाl

5. वर्ष 2012 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम “जल और खाद्य सुरक्षा” थाl

6. वर्ष 2017 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम “अपशिष्ट जल” था|

7. वर्ष 2018 के लिए विश्व जल दिवस का थीम “जल के लिए प्रकृति के आधार पर समाधान” था|

8. वर्ष 2019 के लिए विश्व जल दिवस का थीम “किसी को पीछे नहीं छोड़ना” था|

9. वर्ष 2020 के लिए विश्व जल दिवस का थीम है “जल और जलवायु परिवर्तन”|

  • world water Day Theme 2019

संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण तथा विकास एजेंसी द्वारा हर वर्ष विश्व जल दिवस को एक थीम के तहत मनाया जाता हैl वर्ष 2019 के लिए विश्व जल दिवस का थीम “‘Leaving no one behind’” घोषित किया गया हैl सभी के लिए पानी जरुरी है.

The theme for World Water Day 2019 is ‘Leaving no one behind’. This is an adaptation of the central promise of the 2030 Agenda for Sustainable Development: as sustainable development progresses, everyone must benefit

Click_Here ' class="wp-block-heading">Theme of World Water Day 2019 – Click Here

World Water Day Speech

भारत जैसे पानी की समस्या से जूझ रहे देश के लिए जल जागरूकता के लिए विश्व जल दिवस बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। जब भारत में पानी की स्थिति विकट है, तो जल संरक्षण और पुनर्भरण की समस्या हल हो सकती है।

आईये हम सब विश्व जल दिवस पे जल को बचाने का संकल्प लें और आने वाले कल को नई पीढ़ी के लिए सुरक्षित करें! संकल्प करें की पानी बर्बाद नही होने देंगे, विश्व जल दिवस पर जल की जीवन में उपयोगिता समझे.  पानी की प्रत्येक बूंद अनमोल है इसे आत्मसात करें और जल संरक्षण का संकल्प लें.  हर पानी के स्रोत को बचाए और स्वच्छ रखने का प्रयास करें. क्योंकि जल है तो कल है. आइए हम सब संकल्प करें कि आवश्यकता के अतिरिक्त जल को व्यर्थ नहीं करेंगे अपितु जल का संरक्षण करेंगे।

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world water day essay in english

Water day status videos for whatsapp, save water slogans in hindi – msg status, world water day poster – photos – images.

यहाँ दिया गया ” World Water Day Speech ” विश्व जल दिवस पर निबंध आपको कैसा लगा जरुर बताये. इस लेख को सोशल मीडिया ( facebook , whatsapp ) पर शेयर जरुर करे.

26 January Nimantran Patrika 2024 | 26 January Amantran Patrika

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विश्व जल दिवस पर निबंध - Essay on World Water Day in Hindi

विश्व जल दिवस पर निबंध - Essay on World Water Day in Hindi: विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्

विश्व जल दिवस पर निबंध - Essay on World Water Day in Hindi

प्रस्तावना : विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है। यह जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करता है। विश्व जल दिवस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच में साफ पीने योग्य जल का महत्व, आवश्यकता और जल संरक्षण का महत्व आदि बताना है। प्रत्येक वर्ष जल दिवस की एक थीम होती है जिसकी घोषणा UN water द्वारा की जाती है। वर्ष 2023 में विश्व जल दिवस थीम त्वरित परिवर्तन निर्धारित की गयी है। 

विश्व जल दिवस पर निबंध - Essay on World Water Day in Hindi

विश्व जल दिवस की शुरुआत

विश्व जल दिवस मनाए जाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 1992 में ब्राजील के रियो द जेनेरियो में आयोजित 'पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन' (UNCED) में की गई थी। पहला विश्व जल दिवस 22 मार्च 1993 को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लगभग 4 बिलियन लोग वर्ष में कम से कम एक महीने के लिए पानी की भारी कमी का अनुभव करते हैं और लगभग 1.6 बिलियन लोग - दुनिया की आबादी का लगभग एक चौथाई - जिन्हें स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

विश्व जल सूचकांक

वैश्विक जल संसाधनों का पहला मूल्यांकन संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 2002-2003 में किया गया था। भारत को अपने नागरिकों के लिए उपलब्ध पानी की गुणवत्ता के मामले में दुनिया में 139वां स्थान दिया गया है। पानी की सबसे अच्छी गुणवत्ता फिनलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम और जापान आदि में पाई जाती है।

स्वच्छ पानी की कमी

प्रत्येक मनुष्य को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता होती है। एक व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिदिन औसतन 150 से 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। वास्तव में जल मानवता के लिए वरदान है। बढ़ती जनसंख्या के कारण पेयजल की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। इस दुनिया में ऐसी जगहें हैं, जहां पीने के पानी की बहुत कमी है और लोग इससे परेशान हैं। ग्लोबल वार्मिंग की बढ़ती समस्याओं के कारण हम केवल पृथ्वी के प्राकृतिक जल संसाधनों पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। इसीलिए सही मायने में विश्व जल दिवस जल के महत्व को जानने, समय रहते जल संरक्षण को लेकर सचेत होने और पानी बचाने का संकल्प लेने का दिन है। इसलिए जब भी हम पानी का उपयोग करते हैं तो उसका ज्यादा से ज्यादा बचाने का प्रयास करें। पानी का सावधानी से उपयोग करना और दैनिक जीवन में पानी को बचाने में मदद करने वाली आदतों को अपनाना महत्वपूर्ण है। इससे अपना और दूसरों का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। 

जल संवर्धन के तरीके

  • हमें पानी को व्यर्थ बहाकर बर्बाद नहीं करना चाहिए। अनावश्यक जल निकासी से बचने के लिए सभी नल ठीक से बंद होने चाहिए।
  • कभी भी शौचालय को फ्लश न करें या अनावश्यक रूप से लंबे समय तक शावर का उपयोग न करें क्योंकि इससे पानी की भारी हानि हो सकती है।
  • लोगों को चाहिए कि वे नहाने या कपड़े धोने के लिए जरूरी पानी का ही इस्तेमाल करें।
  • अनावश्यक रूप से लॉन की सिंचाई करके पानी बर्बाद न करें। गर्मियों में लॉन को हर 5 से 7 दिनों में और सर्दियों में हर 10 से 14 दिनों में पानी की जरूरत होती है।

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विश्व जल दिवस (World Water Day)

world water day essay in hindi

पानी के बारे में एक नहीं, कई चौंकाने वाले तथ्य हैं। विश्व में और विशेष रुप से भारत में पानी किस प्रकार नष्ट होता है इस विषय में जो तथ्य सामने आए हैं उस पर जागरूकता से ध्यान देकर हम पानी के अपव्यय को रोक सकते हैं। अनेक तथ्य ऐसे हैं जो हमें आने वाले ख़तरे से तो सावधान करते ही हैं, दूसरों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और पानी के महत्व व इसके अनजाने स्रोतों की जानकारी भी देते हैं।

• मुंबई में रोज़ वाहन धोने में ही 50 लाख लीटर पानी खर्च हो जाता है।

• दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों में पाइप लाइनों के वॉल्व की खराबी के कारण रोज़ 17 से 44 प्रतिशत पानी बेकार बह जाता है।

• इज़राइल में औसतन मात्र 10 सेंटी मीटर वर्षा होती है, इस वर्षा से वह इतना अनाज पैदा कर लेता है कि वह उसका निर्यात कर सकता है। दूसरी ओर भारत में औसतन 50 सेंटी मीटर से भी अधिक वर्षा होने के बावजूद अनाज की कमी बनी रहती है।

• पिछले 50 वर्षों में पानी के लिए 37 भीषण हत्याकांड हुए हैं।

• भारतीय नारी पीने के पानी के लिए रोज ही औसतन चार मील पैदल चलती है।

• पानीजन्य रोगों से विश्व में हर वर्ष 22 लाख लोगों की मौत हो जाती है।

• हमारी पृथ्वी पर एक अरब 40 घन किलो लीटर पानी है। इसमें से 97.5 प्रतिशत पानी समुद्र में है, जो खारा है, शेष 1.5 प्रतिशत पानी बर्फ़ के रूप में ध्रुव प्रदेशों में है। इसमें से बचा एक प्रतिशत पानी नदी, सरोवर, कुओं, झरनों और झीलों में है जो पीने के लायक है। इस एक प्रतिशत पानी का 60 वाँ हिस्सा खेती और उद्योग कारखानों में खपत होता है। बाकी का 40 वाँ हिस्सा हम पीने, भोजन बनाने, नहाने, कपड़े धोने एवं साफ़-सफ़ाई में खर्च करते हैं।

• यदि ब्रश करते समय नल खुला रह गया है, तो पाँच मिनट में करीब 25 से 30 लीटर पानी बरबाद होता है।

• बाथ टब में नहाते समय 300 से 500 लीटर पानी खर्च होता है, जबकि सामान्य रूप से नहाने में 100 से 150 पानी लीटर खर्च होता है।

• विश्व में प्रति 10 व्यक्तियों में से 2 व्यक्तियों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल पाता है।

• प्रति वर्ष 3 अरब लीटर बोतल पैक पानी मनुष्य द्वारा पीने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

• नदियाँ पानी का सबसे बड़ा स्रोत हैं। जहाँ एक ओर नदियों में बढ़ते प्रदूषण रोकने के लिए विशेषज्ञ उपाय खोज रहे हैं वहीं कल कारखानों से बहते हुए रसायन उन्हें भारी मात्रा में दूषित कर रहे हैं। ऐसी अवस्था में जब तक कानून में सख्ती नहीं बरती जाती, अधिक से अधिक लोगों को दूषित पानी पीने का समय आ सकता है।

• पृथ्वी पर पैदा होने वाली सभी वनस्पतियाँ से हमें पानी मिलता है।

• आलू में और अनन्नास में 80 प्रतिशत और टमाटर में 15 प्रतिशत पानी है।

• पीने के लिए मानव को प्रतिदिन ३ लीटर और पशुओं को 50 लीटर पानी चाहिए।

• 1 लीटर गाय का दूध प्राप्त करने के लिए 800 लीटर पानी खर्च करना पड़ता है, एक किलो गेहूँ उगाने के लिए 1 हजार लीटर और एक किलो चावल उगाने के लिए 4 हजार लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इस प्रकार भारत में 83 प्रतिशत पानी खेती और सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है।

समय आ गया है जब हम वर्षा का पानी अधिक से अधिक बचाने की कोशिश करें। बारिश की एक-एक बूँद कीमती है। इन्हें सहेजना बहुत ही आवश्यक है। यदि अभी पानी नहीं सहेजा गया, तो संभव है पानी केवल हमारी आँखों में ही बच पाएगा। पहले कहा गया था कि हमारा देश वह देश है जिसकी गोदी में हज़ारों नदियाँ खेलती थी, आज वे नदियाँ हज़ारों में से केवल सैकड़ों में ही बची हैं। कहाँ गई वे नदियाँ, कोई नहीं बता सकता। नदियों की बात छोड़ दो, हमारे गाँव-मोहल्लों से तालाब आज गायब हो गए हैं, इनके रख-रखाव और संरक्षण के विषय में बहुत कम कार्य किया गया है।

पानी का महत्व भारत के लिए कितना है यह हम इसी बात से जान सकते हैं कि हमारी भाषा में पानी के कितने अधिक मुहावरे हैं। आज पानी की स्थिति देखकर हमारे चेहरों का पानी तो उतर ही गया है, मरने के लिए भी अब चुल्लू भर पानी भी नहीं बचा, अब तो शर्म से चेहरा भी पानी-पानी नहीं होता, हमने बहुतों को पानी पिलाया, पर अब पानी हमें रुलाएगा, यह तय है। सोचो तो वह रोना कैसा होगा, जब हमारी आँखों में ही पानी नहीं रहेगा? वह दिन दूर नहीं, जब सारा पानी हमारी आँखों के सामने से बह जाएगा और हम कुछ नहीं कर पाएँगे।

लेकिन कहा है ना कि आस का दामन कभी नहीं छूटना चाहिए तो ईश्वर से यही कामना है कि वह दिन कभी न आए जब इंसान को पानी की कमी हो।

लेकिन कहा है ना कि आस का दामन कभी नहीं छूटना चाहिए तो ईश्वर से यही कामना है कि वह दिन कभी न आए जब इंसान को पानी की कमी हो। विज्ञान और पर्यावरण के ज्ञान से मानव ने जो प्रगति की है उसे प्रकृति संरक्षण में लगाना भी ज़रूरी है। पिछले सालों में तमिलनाडु ने वर्षाजल संरक्षण कर जो मिसाल कायम की है उसे सारे देश में विकसित करने की आवश्यकता है।

साभार – अभिव्यक्ति हिन्दी  

जल दिवस का प्रारम्भ

'विश्व जल दिवस' मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1992 के अपने अधिवेशन में 22 मार्च को की थी। 'विश्व जल दिवस' की अंतरराष्ट्रीय पहल 'रियो डि जेनेरियो' में 1992 में आयोजित 'पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन' (यूएनसीईडी) में की गई थी, जिस पर सर्वप्रथम 1993 को पहली बार 22 मार्च के दिन पूरे विश्व में 'जल दिवस' के मौके पर जल के संरक्षण और रख-रखाव पर जागरुकता फैलाने का कार्य किया गया। साभार - भारत डिस्कवरी.ओआरजी Tags World Water Day information in Hindi, Essay on World Water Day in Hindi, Information about World Water Day in Hindi, Free Content on World Water Day information in Hindi, World Water Day information (in Hindi), Explanation World Water Day in India in Hindi, Vishwa Jal Diwas in Hindi, Hindi nibandh on World Water Day, quotes on World Water Day in hindi, World Water Day Hindi meaning, World Water Day Hindi translation, World Water Day information Hindi pdf, World Water Day information Hindi, quotations Bishwa Jala Diwas Hindi, World Water Day information in Hindi font, Impacts of World Water Day Hindi, Hindi ppt on World Water Day information, essay on Vishwa Jala Diwas in Hindi language, essay on World Water Day information Hindi free, formal essay on Vishwa Jala Diwash, essay on World Water Day information in Hindi language pdf, essay on World Water Day information in India in Hindi wiki, short essay on World Water Day information in Hindi, Vishwa Jala Diwas essay in hindi font, topic on World Water Day information in Hindi language, information about World Water Day in hindi language, essay on World Water Day information and its effects, essay on World Water Day in 1000 words in Hindi, essay on World Water Day information for students in Hindi,  

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World Water Day 2024: विश्व जल दिवस की थीम, इतिहास, महत्व और संरक्षण के उपाय

वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र की एक सभा द्वारा विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाने का निर्णय लिया गया, और इसे 22 मार्च 1993 को पहली बार मनाया गया।

World Water Day 2024: विश्व जल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? Theme और उद्देश्य

मीठे पानी के महत्व और इसके संसाधनों के स्थाई प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है। इस साल 2024 में वर्ल्ड वॉटर डे 22 मार्च को बुधवार के दिन मनाया जा रहा है।

इसका मुख्य फोकस सतत विकास लक्ष्य (SDG 6) पाने के लिए 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता के समर्थन में वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना है।

Viswa Jal Diwas 22 March

  • इतिहास (शुरूआत)
  • क्यों (उद्देश्य)
  • कैसे (उत्सव)
  • जल संरक्षण के उपाय
  • स्वच्छ पानी का महत्व

विश्व जल दिवस की शुरूआत कब और कैसे हुई (इतिहास)

स्वच्छ जल संरक्षण और इसके महत्व के बारे में आम जन को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इसकी पहल वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डी जनेरियो शहर में आयोजित हुए पर्यावरण एवं विकास पर केन्द्रित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCED) के एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी।

उसी वर्ष 22 दिसंबर 1992 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ल्ड वाटर डे मनाने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद 22 मार्च 1993 को पहली बार जल दिवस (Water Day) मनाया गया।

आपको बता दें कि 2010 में, United Nations ने “ सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के अधिकार ” को एक मानव अधिकार के रूप में मान्यता दी है।”

World Water Day Poster - 22 March

अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस क्यों मनाते है? (उद्देश्य)

विश्व जल दिवस स्वच्छ पानी के संकट से निपटने के लिए कार्रवाई करने के बारे में है। आज, 2 अरब लोग मल से दूषित पेयजल के स्रोत का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें हैजा, पेचिश, टाइफाइड और पोलियो होने का खतरा होता है।

इसे मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य जल के महत्व तथा जल की आवश्यकता एवं संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करना है।

पृथ्वी पर तेजी से घटते जलाशयों और लुप्त होते पीने योग्य पानी के स्रोतों को देखते हुए आज जल संकट एक बड़ा मुद्दा बन गया है, ऐसे में लोगो की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखें तो शुद्ध जल की उपलब्धता को हर इंसान तक पहुंचाना काफी मुश्किल होता जा रहा है।

कई जगहों पर तो पीने के पानी की इतनी किल्लत है कि वहां पानी को लेकर लड़ाइयां तक हो जाती है। और अब तो यहाँ तक सुनने को मिलता है कि अगला विश्वयुद्ध स्वच्छ पानी को लेकर ही होगा।

विश्व जल दिवस 2024 की थीम (World Water Day Theme)

इसकी शुरूआत से ही हर साल यह दिवस एक खास Theme (विषय) पर आधारित होता है, 22 मार्च 1993 को पहला जल दिवस ‘ शहर के लिये जल ‘ थीम के साथ मनाया गया था। इस साल विश्व जल दिवस 2024 की थीम “ शांति के लिए जल ” (Water for Peace) है।

विश्व जल दिवस 2024 थीम - शांति के लिए जल

पिछली साल वर्ल्ड वाटर डे 2023 की थीम “ परिवर्तन में तेजी ” (Accelerating change) थी, तो वहीं इस साल इसे “ बी द चेंज ” अभियान के तहत मनाया जाएगा।

पिछली साल वर्ल्ड वाटर डे 2022 की थीम “ भूजल – अदृश्य को दृश्यमान बनाना ” (Groundwater: Making the Invisible Visible) है। यह विषय ज़मीन के नीचे छिपे अदृश्य पानी के ख़जाने पर प्रकाश डालता है जो हमारे जीवन को समृद्ध करता है।

यह भी पढ़े: अटल भूजल योजना (Ground Water Scheme)

वर्ल्ड वाटर डे कैसे मनाया जाता है?

विश्व जल दिवस कई जागरूकता कार्यक्रमों, तथा भाषण आदि जैसे क्रियाकलापों के आयोजन की मदद से मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड वाटर डे 2023 का डिजिटल अभियान Be The Change है।

इस दिवस से संबंधित सभी कार्यक्रम लोगों को जल के महत्व, इसकी आवश्यकता तथा जल के लगातार प्रदूषित होने से शुद्ध जल व पीने योग्य पानी पर गहराते संकट को ध्यान में रखकर मंचीय तथा नाटकीय तरीके से जागरूकता फैलाते हुए मनाया जाता है।

साथ ही इस मौके पर भाषण तथा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है जिनका मुख्य टॉपिक जल संरक्षण के इर्दगिर्द या इससे सम्बन्धित होता है। इसके आलावा Save Water पर Poster Making Competition तथा टीवी, रेडियो, इंटरनेट और अखबार के माध्यम से जल संरक्षण का उपाय एवं भविष्य में आने वाले जल संकट से अवगत कराते हुए ढेर सारी गतिविधियां की जाती है।

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जल संरक्षण के उपाय (Water Conservation Measures in Hindi)

  • जन-जन में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाई जाए और उन्हें जल संचय के बारे में भी बताया जाए।
  • नहाते समय शावर या बाथटब को इस्तेमाल करने की बजाय बाल्टी में पानी भरकर स्नान किया जाए जिससे पानी बचाया जा सके।
  • ब्रश करते समय, दाढ़ी बनाते समय या फिर हाथ धोते समय आवश्यकता ना पड़ने पर नल को बंद कर दें, हो सके तो जग या मग में पानी रखकर यह सभी काम करें।
  • पहले बरसात का पानी तालाबों और जलाशयों में एकत्रित हो जाता था जिसका इस्तेमाल बाद में किया जाता था, लेकिन आज तालाबों की कमी है ऐसे में जल संरक्षण के लिए पुनः तालाब और जलाशयों का निर्माण किया जाए और उसमें वर्षा के जल को फिर से संरक्षित किया जाए, जिससे भू अंतर्गत जल का स्तर भी तेजी से बढ़ेगा।
  • सार्वजनिक जगहों जैसे पार्कों, अस्पतालों, मंदिरों और स्कूलों में लगी नल की टोंटियाँ अधिकतर खराब ही पाई जाती है, ऐसे में हम इन खराब टोंटीयों के चलते कई हजार लीटर पानी बर्बाद कर देते हैं, हमें इन नलों को पुनः मरम्मत कराकर इन्हें जल्द से जल्द ठीक कराना चाहिए जिससे पानी व्यर्थ ना हो।
  • सरकार को यह ध्यान देना चाहिए कि कारखानों नालियों और सीवर आदि का पानी नदियों के शुद्ध जल में ना मिले इससे नदियों के पानी को भी पीने योग्य बनाया जाए और अन्य कामों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सके।
  • पानी संरक्षण के लिए हमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे वर्षा के जल को एकत्रित किया जा सके यह तकनीक अब तक की सबसे कारगर मानी जाने वाली टेक्नोलॉजी है जिससे वर्षा के जल को काफी मात्रा में एकत्रित किया जा सकता है।
  • सरकारों को जल संरक्षण और जल व्यर्थ करने वालों पर सख्त कानून बनाने चाहिए।
  • पेड़ों की कटाई से धरती की नमी में लगातार कमी आ रही है जिससे भूजल स्तर पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है ऐसे में हमें वृक्षारोपण करना चाहिए और लोगों को भी वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  • साथ ही हमें सब्जियों और फलों को धोते समय बचे पानी और कपड़े धोते समय बचे पानी का इस्तेमाल घर के सफाई आदि के लिए करना चाहिए।

यह भी पढ़े: सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है? कैसे पहुंचाती है नुकसान

हमारे जीवन में स्वच्छ जल का महत्व (Importance of Water)

मानव की उत्पत्ति के लिए पानी कितना जरूरी है इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते है की अब दूसरें ग्रहों पर जीवन की तालाश के लिए पानी की खोज को प्राथमिकता दी जा रही हैं। अधिकांश संस्कृतियों का विकास भी नदी के किनारे बताया जाता हैं।

दुनिया में मौजूद पानी की मात्रा का केवल 1% या इससे भी कम पानी पीने के योग्य है। बाकी 99% पानी नदियों, महासागरों, झीलों और झरनों आदि के रूप में उपलब्ध है जो या तो दूषित है या इतना खारा है की उसे पीया नहीं जा सकता।

आज पानी की कमी का मुख्य कारण पानी का अनावश्यक उपयोग ही है। लोगों की बढ़ती आबादी और औद्योगिकीकरण के कारण आज नदियाँ लगातार दूषित होती जा रही है और स्वच्छ पानी की खपत तेजी से बढ़ रही है। पानी के बिना जीवन असम्भव है, इसलिए पानी की बचत करने की आज सबसे ज्यादा आवश्यकता है।

अगर अब भी जल का संरक्षण नहीं किया गया तो पृथ्वी पर शुद्ध जल को लेकर बड़ा संकट आना निश्चित है। क्योंकि जल है तो कल है।

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10 Lines on World Water Day in Hindi – विश्व जल दिवस

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10 Lines on World Water Day in Hindi: अंविश्व जल दिवस एक बहती अच्छा धरना है। इसके बजेसे हम्म जल की महत्वो जान पाएंगे और उसी हिसाब से उसे करेंगे। इस पोस्ट में हम आपको विश्व जल दिवस के बारे में 10 लाइन दे रहे हैं। इस पोस्ट से आप आसानी से समझ पाओगे।

यह लेख उन छात्रों की मदद कर सकता है जो विश्व जल दिवस के बारे में जानकारी की तलाश में हैं। हमने 10 Lines on World Water Day in Hindi बारे मे नीचे उल्लेख किया है। यह बहुत ही सरल और याद रखने में आसान होगा।

10 Lines on World Water Day in Hindi

Table of Contents

10 Lines on World Water Day in Hindi

Pattern 1  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, and 5 Students.

  • मीठे पानी के महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।
  • विश्व जल दिवस जल संसाधनों के सतत प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डालता है।
  • सुरक्षित पानी सभी के लिए, और खेत और कारखाने की आवश्यकता है।
  • विश्व जल दिवस 2019 की थीम “ किसी को पीछे नहीं छोड़ना ” थी।
  • विश्व जल दिवस पर भारत भर के कई स्कूलों और कॉलेजों में भाषण और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र प्रत्येक वर्ष के लिए विश्व जल दिवस की थीम का चयन करता है।
  • 2019 में विश्व जल दिवस , मुख्य रूप से 2030 के अंत तक दुनिया में सभी को पानी उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।
  • 1992 में, संयुक्त राष्ट्र ने 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में नामित किया।
  • दुनिया भर में विश्व जल दिवस मनाने के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
  • पानी समुद्र के रूप में कई प्रजातियों के लिए एक घर प्रदान करता है।

10 Lines on World Water Day in Hindi

10 Lines on World Water Day

Pattern 2 –   10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 6, 7, 8, and 9 Students.

  • World Water Day is celebrated every year on 22 March to raise public awareness about the importance of fresh water.
  • World Water Day highlights the importance of sustainable management of water resources.
  • Safe water is the need for all, skill workplace, farm and factory.
  • The theme of World Water Day 2019 was “Leave no one behind”.
  • Speech and essay competitions are organized in many schools and colleges across India on World Water Day.
  • The United Nations selects the theme of World Water Day for each year.
  • World Water Day in 2019, mainly focused on making water available to all in the world by the end of 2030.
  • In 1992, the United Nations designated March 22 as World Water Day.
  • Educational programs are planned to celebrate World Water Day all over the world.
  • The water provides a home for as many species as the ocean.

10 Lines on World Water Day in English

Short Essay on World Water Day in Hindi

Pattern 3  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for class 10,11 12, and Competitive Exams preparing Students.

मीठे पानी के महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। विश्व जल दिवस जल संसाधनों के सतत प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डालता है। सुरक्षित पानी सभी के लिए, और खेत और कारखाने की आवश्यकता है। विश्व जल दिवस 2019 की थीम “ किसी को पीछे नहीं छोड़ना ” थी।

विश्व जल दिवस पर भारत भर के कई स्कूलों और कॉलेजों में भाषण और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रत्येक वर्ष के लिए विश्व जल दिवस की थीम का चयन करता है। 2019 में विश्व जल दिवस , मुख्य रूप से 2030 के अंत तक दुनिया में सभी को पानी उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।

1992 में, संयुक्त राष्ट्र ने 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में नामित किया। दुनिया भर में विश्व जल दिवस मनाने के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। पानी समुद्र के रूप में कई प्रजातियों के लिए एक घर प्रदान करता है।

10 Lines on World Water Day in Odia for Students

Pattern 4  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to Higher Class Students.

  • ମଧୁର ଜଳର ମହତ୍ତ୍ about ବିଷୟରେ ଜନସଚେତନତା ସୃଷ୍ଟି କରିବା ପାଇଁ ପ୍ରତିବର୍ଷ 22 ମାର୍ଚ୍ଚରେ ବିଶ୍ୱ ଜଳ ଦିବସ ପାଳନ କରାଯାଏ |
  • ବିଶ୍ୱ ଜଳ ଦିବସ ଜଳ ସମ୍ପଦର ନିରନ୍ତର ପରିଚାଳନା ଉପରେ ଗୁରୁତ୍ୱାରୋପ କରିଛି।
  • ନିରାପଦ ଜଳ ସମସ୍ତଙ୍କ ପାଇଁ ଏକ ଆବଶ୍ୟକତା, ଏବଂ ଚାଷ ଏବଂ କାରଖାନା |
  • ବିଶ୍ୱ ଜଳ ଦିବସ 2019 ର ବିଷୟବସ୍ତୁ ଥିଲା “କାହାକୁ ଛାଡି ନାହାଁନ୍ତି” |
  • ବିଶ୍ୱ ଜଳ ଦିବସରେ ଭାରତର ଅନେକ ବିଦ୍ୟାଳୟ ଓ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟରେ ଭାଷଣ ଏବଂ ପ୍ରବନ୍ଧ ପ୍ରତିଯୋଗିତା ଆୟୋଜିତ ହୋଇଛି |
  • ମିଳିତ ଜାତିସଂଘ ପ୍ରତିବର୍ଷ ବିଶ୍ୱ ଜଳ ଦିବସର ବିଷୟବସ୍ତୁ ବାଛିଥାଏ |
  • 2019 ରେ ବିଶ୍ୱ ଜଳ ଦିବସ ମୁଖ୍ୟତ 20 2030 ଶେଷ ସୁଦ୍ଧା ବିଶ୍ everyone ର ସମସ୍ତଙ୍କ ପାଇଁ ଜଳ ଉପଲବ୍ଧ କରାଇବା ଉପରେ ଧ୍ୟାନ ଦେଇଥାଏ |
  • 1992 ରେ, ମିଳିତ ଜାତିସଂଘ 22 ମାର୍ଚ୍ଚକୁ ବିଶ୍ୱ ଜଳ ଦିବସ ଭାବରେ ମନୋନୀତ କଲା |
  • ବିଶ୍ୱ ଜଳ ଦିବସ ପାଳନ ପାଇଁ ସାରା ବିଶ୍ୱରେ ଶିକ୍ଷାଗତ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ଯୋଜନା କରାଯାଇଛି।
  • ସମୁଦ୍ର ପରି ପ୍ରଜାତି ପାଇଁ ଜଳ ଏକ ଘର ଯୋଗାଏ |

10 Lines on World Water Day in Telugu for Students

Pattern 5  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to Higher Class Students.

  • మంచినీటి ప్రాముఖ్యత గురించి ప్రజలకు అవగాహన కల్పించేందుకు ప్రతి సంవత్సరం మార్చి 22న ప్రపంచ నీటి దినోత్సవాన్ని జరుపుకుంటారు.
  • ప్రపంచ నీటి దినోత్సవం నీటి వనరుల స్థిరమైన నిర్వహణ యొక్క ప్రాముఖ్యతను హైలైట్ చేస్తుంది.
  • సురక్షితమైన నీరు ప్రతి ఒక్కరికీ మరియు వ్యవసాయం మరియు కర్మాగారానికి అవసరం.
  • ప్రపంచ నీటి దినోత్సవం 2019 యొక్క థీమ్ “ఎవరినీ వదిలిపెట్టవద్దు”.
  • ప్రపంచ నీటి దినోత్సవం సందర్భంగా భారతదేశంలోని అనేక పాఠశాలలు మరియు కళాశాలల్లో ప్రసంగం మరియు వ్యాసరచన పోటీలు నిర్వహించబడతాయి.
  • ఐక్యరాజ్యసమితి ప్రతి సంవత్సరం ప్రపంచ నీటి దినోత్సవం థీమ్‌ను ఎంచుకుంటుంది.
  • 2019లో ప్రపంచ నీటి దినోత్సవం ప్రధానంగా 2030 చివరి నాటికి ప్రపంచంలోని ప్రతి ఒక్కరికీ నీటిని అందుబాటులో ఉంచడంపై దృష్టి పెడుతుంది.
  • 1992లో ఐక్యరాజ్యసమితి మార్చి 22ని ప్రపంచ నీటి దినోత్సవంగా ప్రకటించింది.
  • ప్రపంచ నీటి దినోత్సవాన్ని పురస్కరించుకుని ప్రపంచవ్యాప్తంగా విద్యా కార్యక్రమాలను ప్లాన్ చేశారు.
  • సముద్రంలోని అనేక జాతులకు నీరు నిలయాన్ని అందిస్తుంది.

10 Lines on World Water Day in Marathi for Students

Pattern 6  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to Higher Class Students.

  • गोड्या पाण्याच्या महत्त्वाबाबत जनजागृती करण्यासाठी दरवर्षी २२ मार्च रोजी जागतिक जल दिन पाळला जातो.
  • जागतिक जल दिन जलस्रोतांच्या शाश्वत व्यवस्थापनाचे महत्त्व अधोरेखित करतो.
  • सुरक्षित पाणी ही प्रत्येकाची आणि शेती आणि कारखान्याची गरज आहे.
  • जागतिक जल दिन 2019 ची थीम “कोणालाही मागे न ठेवता” अशी होती.
  • जागतिक जल दिनानिमित्त भारतातील अनेक शाळा आणि महाविद्यालयांमध्ये भाषण आणि निबंध स्पर्धा आयोजित केल्या जातात.
  • संयुक्त राष्ट्रसंघ दरवर्षी जागतिक जल दिनाची थीम निवडते.
  • 2019 मधील जागतिक जल दिन मुख्यत्वे 2030 च्या अखेरीस जगातील प्रत्येकाला पाणी उपलब्ध करून देण्यावर केंद्रित आहे.
  • 1992 मध्ये संयुक्त राष्ट्रसंघाने 22 मार्च हा जागतिक जल दिन म्हणून घोषित केला.
  • जागतिक जल दिनानिमित्त जगभरात शैक्षणिक कार्यक्रमांचे नियोजन करण्यात आले आहे.
  • पाणी समुद्रासारख्या अनेक प्रजातींसाठी घर प्रदान करते.

10 Lines on World Water Day in Video

Last Word on 10 Lines on World Water Day in Hindi

आसा करते हे की ये 10 Lines on World Water Day in Hindi आपको अच्छा लगा होगा। हम छात्रों के पढ़ाई के लिए हम अध्ययन सामग्री बनाते है। जो एक छात्रों के पढ़ाई में सके। कैसे एक Student आसानी से अपने घर पे  Homework, Essay, Short Essay ,  General Knowledge  को आसानी से जान सकता है और फ्री में कुछ ज्ञान लाभ कर सके सिर्फ उसीके बारे मै ही हमरे सारा पोस्ट होता है। एक Student के लिए जितने भी जरुरी चीज़ जो पढ़ाई में जरुरत होता है वो सब आपको हमारी साइट में मिल जायेगा। इस पोस्ट को पढ़ने क लिए आप सभी को दिल से बहत बहत धन्यबाद।

अन्य पोस्ट देखें –  Short Essay  /  10 Lines Essay .

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References Links:

  • https://en.wikipedia.org/wiki/World_Water_Day
  • https://www.un.org/en/observances/water-day
  • https://www.unesco.org/en/days/world-water

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World Water Day in Hindi | विश्व जल दिवस

World water day in hindi.

World Water Day in Hindi : 22 मार्च का दिन विश्व जल दिवस के अवसर पर लोगो में खूब जोर शोर से मनाया जाने वाला दिन हैं. 1993 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 22 मार्च को हर साल जल दिवस मनाने का निर्णय किया गया था. सब लोगो के बीच पानी की महत्वता एवं संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए हर साल विश्व जल दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की गयी. पानी हम सभी प्राणियों के जीवन के लिए अहम संसाधन हैं. हम मनुष्य इतने लापरवाह हैं की हमे अपने अलावा किसी की कोई फ़िक्र नहीं हैं.

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World Water Day in Hindi

जितना हम ने नयी नयी खोजे की हैं, नए नए आविष्कार किये हैं उससे कई ज्यादा हमने अपने सभी संसाधनों का बुरी तरीके से दुरुपयोग किया और इससे केवल हमारी ही हानि नहीं बल्कि जितने भी जीव जंतु इस पृथ्वी पर रहते हैं सभी के अस्तित्व को हमने अपने लोभ द्वारा विलुप्तिकरण की ओर पहुंचा रहे हैं.

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World Water Day in Hindi

World Water Day in Hindi : जैसे की जंगलो को काटना, वृक्षों को काटना, वायु को दूषित करना, और सबसे अधिक पानी को प्रदूषित करना. अपने घर को साफ़ रखने के लिए हम घर का कचरा उठा कर नदियों और नहरो में फेंक देते हैं लेकिन आखिर में वो जल जहर बन कर हमारे पेट में जा कर हमे कई बीमारियों का शिकार बनाता हैं जिसका एक ही कारण हैं और उस कारण के पीछे केवल हम ही जिम्मेदार हैं. आज के इस शुभ दिन पर हम सभी को प्रण लेना चाहिए की किसी भी तरह से पानी को प्रदूषित होने से बचाएँगे. अपने पर्यावरण का ख्याल रखेंगे.

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World Water Day in Hindi

World Water Day in Hindi 

विश्व जल दिवस के थीम की सूची हम यहाँ पर जारी कर रहे हैं ( World Water Day in Hindi)  :

वर्ष 1993 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम था “शहर के लिये जल”। वर्ष 1994 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम था “हमारे जल संसाधनों का ध्यान रखना हर एक का कार्य है”। वर्ष 1995 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम था “महिला और जल”। वर्ष 1996 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम था “प्यासे शहर के लिये पानी”। वर्ष 1997 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम था “विश्व का जल: क्या पर्याप्त है”। वर्ष 1998 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम था “भूमी जल- अदृश्य संसाधन”। वर्ष 1999 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम था “हर कोई प्रवाह की ओर जी रहा है”। वर्ष 2000 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम था “21वीं सदी के लिये पानी”।

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4 thoughts on “ world water day in hindi | विश्व जल दिवस ”.

जल ही जीवन है

बिलकुल सही कहा पवन जी आपने!! जल नहीं तो कल नहीं… जल के बिना हम अपने भविष्य की कल्पना भी नहीं कर सकते. जल होगा तभी कल होगा. जल ही जीवन हैं…

विश्व जल दिबस २२ मार्च को मनाया जाता है। “जल ही जीवन है”, ये सभी कहते है, पर इसकी महत्व को कोई समझने के लिए तैयार नहीं है, आये दिन देखने को मिल रहा है, तालाब भरे जा रहे है, पानी नस्ट किये जा रहे है, कल खुले छोड़ दिए जाते है, जिससे शुद्ध जल बर्बाद होता जाता है, अगर ऐसा ही हाल रहा तो बहुत जल्दी ही लोग बून्द-बून्द के लिए तरसने को मजबूर हो जायेंगे जब तक लोगो में जल के साथ साथ प्रकृति के विनष्ट होते संसाधन को बचने की मुहीम नहीं चलेगी. और इसके महत्व को बारीकी से नहीं समझाया जायेगा तब तक लोग इसे विनष्ट करने से चुकने वाले नहीं। फिर भी बड़े जोर- शोर से हमलोग जल -दिवस और पर्यावरण दिवस मना रहे है. जल क्या प्रकृति की हर सम्पदा को बचाना हमलोगों का परम कर्तब्य होना चाहिए. जल को नष्ट होने से बचाए। कविराज…

बिलकुल सही स्पष्ट किया हैं संतोष कुमार वर्मा जी आपने. हम आपके विचारों से पूरी तरह से सहमत हैं. लोगो में जल दिवस मनाने से ज्यादा उत्साह जल को बचाने में होना चाहिए.

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जल पर निबंध 10 Lines (Essay On Water in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

world water day essay in hindi

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी, पृथ्वी पर जीवित प्राणियों के अस्तित्व का कारण, ग्रह का 70% से अधिक हिस्सा है। जल वह जादुई तरल है, जो जानवरों, पौधों, पेड़ों, जीवाणुओं और विषाणुओं को जीवन प्रदान करता है। जल ही वह कारण है जिसके कारण पृथ्वी जीवन का समर्थन कर सकती है और अन्य ग्रह नहीं कर सकते।

मानव शरीर का 60% तक पानी से बना है। जबकि ग्रह पर पानी की बहुतायत है, मनुष्य और जानवरों द्वारा हर चीज का सेवन नहीं किया जा सकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पृथ्वी पर केवल 3% पानी ही मीठा पानी है, जो पोर्टेबल और उपभोग करने के लिए सुरक्षित है।

जल निबंध पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Water Essay in Hindi)

  • जल ही वह कारण है जिसके कारण जीवन अस्तित्व में है और पृथ्वी पर फलता-फूलता है
  • पृथ्वी की सतह का 70% हिस्सा पानी से बना है जिसमें से केवल 3% मीठा पानी मानव उपभोग के लिए है
  • पानी ग्रह पर जीवन के सभी रूपों का समर्थन करता है
  • मनुष्य पानी का उपयोग पीने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि, उद्योगों और कारखानों में करता है
  • मानव शरीर का 60% से अधिक भाग पानी से बना है
  • जानवर पीने और नहाने के लिए पानी का उपयोग करते हैं
  • पौधे, पेड़ और अन्य विभिन्न जीव अपनी वृद्धि और अस्तित्व के लिए पानी का उपयोग करते हैं
  • यह भविष्यवाणी की जाती है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा यदि मनुष्य ने इसका विवेकपूर्ण उपयोग करना नहीं सीखा
  • मनुष्य को जिम्मेदारी से पानी का उपयोग करना सीखना होगा क्योंकि यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है
  • सभी देशों की सरकारों को मिलकर नीतियां और कानून बनाने चाहिए जो लोगों को अनावश्यक रूप से पानी बर्बाद करने से रोकें

जल पर निबंध 100 शब्द (Essay on Water 100 words in Hindi)

पानी पृथ्वी पर हर जीवन रूप की मूलभूत आवश्यकता है। यह पानी ही है जो हमें इस ग्रह पर आरामदायक जीवन जीने में मदद करता है। हमारा शरीर 70% पानी से बना है, इसलिए पानी हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण यौगिक है। जल का उपयोग हम अनेक कार्यों में करते हैं। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने और साफ-सफाई के लिए पानी की जरूरत होती है। जल के बिना, ग्रह पर जीवन असंभव होगा। जल पृथ्वी पर नदियों, महासागरों, समुद्रों, तालाबों, झीलों, नदियों और हिमनदों के रूप में पाया जाता है। जल की संरचना पूरी पृथ्वी पर एक समान रहती है।

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जल पर निबंध 150 शब्द (Essay on Water 150 words in Hindi)

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी सभी जीवित रूपों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरल है। यह न केवल हमारी जीवन प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है बल्कि हमारे ग्रह के कामकाज के लिए भी आवश्यक है। पृथ्वी पर जल तीन अवस्थाओं में उपलब्ध है- ठोस, द्रव और गैसीय। सॉलिड-स्टेट में ग्लेशियर, स्नो कैप, आइस शीट और पोलर आइस रिजर्व शामिल हैं। तरल अवस्था में नदियाँ, समुद्र, झीलें, तालाब, नदियाँ, महासागर और गीज़र शामिल हैं। 

गैसीय अवस्था में वायुमंडल में पाए जाने वाले जलवाष्प शामिल हैं। जल चाहे किसी भी अवस्था में क्यों न हो, जल का संघटन सदैव एक समान रहता है। यह एक शक्तिशाली यौगिक है जो पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन का पोषण करता है। पौधों को प्रकाश संश्लेषण और श्वसन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्यों को परिसंचरण, पाचन, श्वसन और उत्सर्जन जैसी कई अलग-अलग जीवन प्रक्रियाओं के लिए पानी की आवश्यकता होती है, पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन असंभव होगा। चूँकि यह इतना महत्वपूर्ण यौगिक है, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इसे संरक्षित करें ताकि यह जल्द समाप्त न हो।

जल पर निबंध 200 शब्द (Essay on Water 200 words in Hindi)

पानी किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल हमारे अपने अस्तित्व के लिए बल्कि हमारे ग्रह के समुचित कार्य के लिए भी आवश्यक है। सभी फलों और सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पानी होता है। स्वस्थ रहने के लिए भरपूर मात्रा में पानी की जरूरत होती है, यानी लगभग 3-4 लीटर पानी प्रतिदिन। मानव शरीर को पानी की आवश्यकता होती है, और इसकी कमी से बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अपर्याप्त पानी की खपत के कारण गुर्दे की पथरी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। पानी में चंगा करने की क्षमता है और जीवन के अस्तित्व के लिए जरूरी है। हमारा ग्रह ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां जीवन की कल्पना की जा सकती है क्योंकि पानी और जीवन के लिए अन्य सभी आवश्यक तत्व मौजूद हैं। मंगल, बुध और शुक्र जैसे ग्रह निर्जन हैं। पानी न होने के कारण वे एक उजाड़ रेगिस्तान के समान हैं। जल जीवन के लिए आवश्यक है, और यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करता है।

जल पर निबंध 250 शब्द (Essay on Water 250 words in Hindi)

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी एक अनमोल संसाधन है। पानी की कमी मध्य पूर्व और यहां तक ​​कि भारत के कुछ हिस्सों में सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है। पीने के पानी की किल्लत है। जल प्रदूषण ने पृथ्वी की सतह पर सुलभ पीने के पानी की मात्रा को कम कर दिया है, साथ ही पानी की गुणवत्ता को भी नुकसान पहुँचाया है। यह न केवल इंसानों बल्कि जानवरों, पक्षियों और पौधों को भी प्रभावित करता है।

जल की प्रासंगिकता को वर्तमान जल संकट के संदर्भ में देखा जा सकता है। सूखा उन दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों में से एक है जो किसी स्थान पर हो सकती है। क्षेत्र की आर्थिक और वित्तीय स्थिति बुरी तरह प्रभावित होगी। दूसरी ओर, अत्यधिक बारिश लोगों, जानवरों और यहां तक ​​कि किसानों और निर्माताओं के लिए भी चिंता का विषय है। जल को वरदान माना जाता है, लेकिन यह अभिशाप भी हो सकता है।

इसलिए जल के महत्व को समझना जरूरी है। बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग, जनसंख्या और वनों की कटाई के साथ, ताजा पानी प्रदूषित हो रहा है, और हमारे लिए उपलब्ध मात्रा कम हो रही है। अधिक जनसंख्या के कारण पानी का दुरूपयोग हो रहा है। पानी कई रूपों में दुनिया के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है। पानी प्रकृति की सुंदरता को भी बिखेरता है।

जल पर निबंध 300 शब्द (Essay on Water 300 words in Hindi)

जल जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है और इसके बिना जीवित रहना असंभव है। पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक जीव को अपने शरीर के समुचित कार्य के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह न केवल हमें जीवित रहने में मदद करता है बल्कि हमारे दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पृथ्वी स्वयं 70% जल से बनी है, तथापि, सारा जल उपभोग के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए, हमें इसके महत्व को समझने और इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने की आवश्यकता है। जैसा कि हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी को देख सकते हैं, इसलिए समय आ गया है कि हम पानी का संरक्षण करना शुरू कर दें।

पानी के कई उपयोग हैं और यह कृषि में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है क्योंकि यह भारत का मुख्य व्यवसाय है। सिंचाई और मवेशियों को पालने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए, किसान पानी का अधिक उपयोग करते हैं और काफी हद तक इस पर निर्भर रहते हैं।

दूसरी ओर, उद्योगों को विभिन्न उद्देश्यों जैसे कुछ वस्तुओं को संसाधित करने, ठंडा करने और निर्माण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, थर्मल पावर प्लांट बड़े पैमाने पर पानी का उपयोग करते हैं। इन सबके अतिरिक्त जल का उपयोग घरेलू कार्यों जैसे पीने, कपड़े धोने, साफ-सफाई, बागवानी आदि में भी किया जाता है। इस प्रकार हमें जीवन के कुछ मूलभूत कार्यों को चलाने के लिए जल की आवश्यकता होती है।

पौधों और जानवरों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी जीवन का एक अनिवार्य घटक है जो किसी को जीवित रहने और ठीक से काम करने में मदद करता है। हालाँकि, लोग पानी की कमी से अनभिज्ञ हैं और इस प्रकार इसके परिणामों के बारे में सोचे बिना इस प्राकृतिक संसाधन का दोहन करते रहते हैं।

इसलिए सरकार के साथ एकजुट होने और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी के संरक्षण के लिए उपचारात्मक उपाय करने और बहुत देर होने से पहले इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने के लिए एक घंटे की आवश्यकता है। पानी बचाने के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और जिनमें से एक वर्षा जल संचयन है- पानी बचाने और विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने का एक शानदार तरीका।

जल पर निबंध 500 शब्द (Essay on Water 500 words in Hindi)

जल (रासायनिक सूत्र H2O) एक पारदर्शी रासायनिक पदार्थ है। यह हर जीवित प्राणी के लिए मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है चाहे वह पौधे हों या जानवर। जिस प्रकार पृथ्वी पर जीवन के समुचित विकास और विकास के लिए हवा, सूर्य का प्रकाश और भोजन, पानी की आवश्यकता होती है। हमारी प्यास बुझाने के अलावा, पानी का उपयोग कई अन्य गतिविधियों जैसे सफाई, कपड़े धोने और खाना पकाने के लिए किया जाता है।

पानी मुख्य रूप से अपने पांच गुणों के लिए जाना जाता है। यहाँ इन संपत्तियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:

  • सामंजस्य और आसंजन

संसंजन, जिसे अन्य जल अणुओं के लिए जल के आकर्षण के रूप में भी जाना जाता है, जल के मुख्य गुणों में से एक है। यह पानी की ध्रुवता है जिसके कारण यह पानी के अन्य अणुओं की ओर आकर्षित होता है। पानी में मौजूद हाइड्रोजन बांड पानी के अणुओं को एक साथ बांधे रखते हैं।

आसंजन मूल रूप से विभिन्न पदार्थों के अणुओं के बीच पानी का आकर्षण है। यह पदार्थ किसी भी अणु के साथ बंध जाता है जिसके साथ यह हाइड्रोजन बांड बना सकता है।

  • बर्फ का कम घनत्व

पानी के हाइड्रोजन बंध ठंडे होने पर बर्फ में बदल जाते हैं। हाइड्रोजन बांड स्थिर होते हैं और अपने क्रिस्टल जैसे आकार को बनाए रखते हैं। पानी का ठोस रूप जो बर्फ है तुलनात्मक रूप से कम घना होता है क्योंकि इसके हाइड्रोजन बांड बाहर की ओर होते हैं।

  • पानी की उच्च ध्रुवीयता

पानी में उच्च स्तर की ध्रुवीयता होती है। यह एक ध्रुवीय अणु के रूप में जाना जाता है। यह अन्य ध्रुवीय अणुओं और आयनों की ओर आकर्षित होता है। यह हाइड्रोजन बंध बना सकता है और इस प्रकार एक शक्तिशाली विलायक है।

  • जल की उच्च विशिष्ट ऊष्मा

पानी अपनी उच्च विशिष्ट ऊष्मा के कारण तापमान को मध्यम कर सकता है। जब गर्म होने की बात आती है तो इसमें काफी समय लगता है। गर्मी लागू नहीं होने पर यह लंबे समय तक अपना तापमान बनाए रखता है।

  • पानी की वाष्पीकरण की उच्च ऊष्मा

यह पानी का एक और गुण है जो इसे तापमान को सामान्य करने की क्षमता प्रदान करता है। जैसे ही पानी एक सतह से वाष्पित होता है, यह उसी पर शीतलन प्रभाव छोड़ता है।

पानी की बर्बादी से बचें

हमारे दैनिक जीवन में जिन गतिविधियों में हम शामिल होते हैं उनमें से अधिकांश के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमें इसका संरक्षण करना आवश्यक है अन्यथा आने वाले वर्षों में हमारा ग्रह ताजे पानी से रहित हो जाएगा। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे पानी को संरक्षित किया जा सकता है:

  • पानी की बर्बादी रोकने के लिए टपकते नलों को तुरंत ठीक करें।
  • नहाते समय शावर के प्रयोग से बचें।
  • अपने दांतों को ब्रश करते समय अपना नल बंद रखें। जरूरत पड़ने पर ही इसे चालू करें।
  • आधे कपड़े धोने के बजाय पूरे कपड़े धोएं। इससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि बिजली की भी काफी बचत होगी।
  • बर्तन धोते समय पानी को बहता हुआ न छोड़ें।
  • वर्षा जल संचयन प्रणाली का प्रयोग करें।
  • गटर की सफाई के लिए पानी की नली का उपयोग करने से बचें। आप इसके बजाय झाडू या अन्य तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
  • खाना बनाते और खाते समय सही आकार के बर्तनों और अन्य बर्तनों का उपयोग करें। अपनी आवश्यकता से बड़े का उपयोग करने से बचें।
  • स्प्रिंकलर के बजाय अपने पौधों को हाथ से पानी देने की कोशिश करें।
  • तालों को ढक दें ताकि वाष्पीकरण के कारण पानी की कमी से बचा जा सके।

हमें पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए और इसके संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। हमें उन गतिविधियों और योजनाओं का अभ्यास और प्रचार करना चाहिए जो जीवित प्राणियों की वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए जल संरक्षण और इसके स्रोतों की रक्षा करने में मदद करती हैं।

जल पर निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पृथ्वी की सतह का कितना भाग जल से बना है .

पृथ्वी की सतह का 70% से अधिक भाग पानी से बना है जिसमें से केवल 3% पीने योग्य मीठा पानी है

क्या पानी बनाया जा सकता है?

अभी तक, यह संभव नहीं है, लेकिन उचित रासायनिक उपचार के बाद पानी को रिसाइकल और पुन: उपयोग किया जा सकता है

जल के स्रोत क्या हैं?

नदियाँ, झीलें, ग्लेशियर और भूजल तालिका पृथ्वी पर पानी के कुछ स्रोत हैं

विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय कौन सा है?

प्रशांत महासागर विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय है। साथ ही, नील नदी दुनिया में ताजे पानी का सबसे बड़ा स्रोत है।

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जल का महत्व पर निबंध (Importance of Water Essay in Hindi)

हमारे शरीर का संघटन सत्तर प्रतिशत जल से बना है। केवल हमारा शरीर ही नहीं, अपितु हमारी पृथ्वी भी दो-तिहाई जल से आच्छादित है। जल, वायु और भोजन हमारे जीवन रुपी इंजन के इंधन है। एक के भी न रहने पर जीवन संकट में पड़ सकता है। “जल ही जीवन है” यूं ही नहीं कहा जाता है।

जल के महत्व पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Importance of Water in Hindi, Jal ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 – 300 शब्द) – पानी का महत्व.

जल से ही जीवन का आरम्भ हुआ। जल ही जीवन का आधार है। मानव शरीर का 70% भाग जल से निर्मित है। पीने के अलावा, कई उद्देश्यों के लिए दैनिक जीवन में जलका उपयोग किया जाता है। दुनिया में सभीजीवों लिएजल की आवश्यकता होती है।

जल का उपयोग

दुनिया के हर जीव को जीने के लिए जल की आवश्यकता होती है। छोटे कीड़े से लेकर ब्लू व्हेल तक, पृथ्वी पर हर जीवन पानी की उपस्थिति के कारण मौजूद है। पौधे को बढ़ने और ताजा रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। छोटी मछली से लेकर व्हेलमछली तक को पानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि उसी से उनका अस्तित्व रहता है।

जल की शुद्धता और गुणवत्ता

वर्तमान समय में जल की गुणवत्ता को लेकर लोग सजग हो रहे है।  लोग सरकार द्वारा प्रमाणित कंपनियों से ही पैक्ड वाटर खरीदते है।कई कंपनियां जल में मैग्नीशियम, मिनरल्स, आदि उपयोगी तत्वों को मिलाने का दावा करती है।सरकार के साथ ही साथ हमें भी जल की शुद्धता को लेकर सजग रहने की आवश्यकता है।

जल का संरक्षण

हमें जल को व्यर्थ नहीं करना चाहिए। अगर आवश्यकता न हो तो जल का प्रयोग न करे।  हम कई बार स्नान करने के लिए  जल का अतिरिक्त उपयोग करते है , कई बार हम नल का टैप खुला छोड़ देते है। अगर हम ऐसे ही जल का दुरुप्रयोग करते रहेंगे , तो एक दिन हम अपने अस्तित्व को ही खतरे में डाल देंगे।

जल से ही समस्त संसार का जीवन है।हमें अपने स्वार्थ के लिए जल का प्रयोग न करके , भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए। हमें पानी बचाने के लिए संरक्षण कार्यक्रम करने की आवश्यकता है।

निबंध 2 (300 शब्द) – जल का संघटन

पानी सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है जो पौधों और जानवरों के लिए आवश्यक हैं। हम पानी के बिना अपने दैनिक जीवन का नेतृत्व नहीं कर सकते। पानी हमारे शरीर के आधे से अधिक वजन को बनाता है। पानी के बिना, दुनिया के सभी जीव मर सकते हैं। पानी केवल पीने के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन के उद्देश्यों जैसे स्नान, खाना पकाने, सफाई और कपड़े धोने आदि के लिए भी आवश्यक है।

जल का संघटन

जल हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिल कर बनता है। इसका रासायनिक सूत्र H 2 O होता है। जल की तीन अवस्थाएं होती है- ठोस, द्रव और गैस। पृथ्वी के लगभग 70 प्रतिशत भाग पर जल विद्यमान है। परंतु इसका 97 प्रतिशत हिस्सा खारा है, जिसे किसी भी प्रयोग में नहीं लाया जा सकता। यह महासागरों, सागरों के रुप में वितरित है।

जल एक रासायनिक पदार्थ होता है। यह रंगहीन, गंधहीन होता है। इसका अपना कोई रंग नहीं होता, जिसमें घोला जाय, उसी का रंग ले लेता है।

जल का क्वथनांक (Boiling point) 100 0 C होता है। जल का पृष्ठ तनाव (Surface Tension) उच्च होता है, क्योंकि उनके अणुओं के बीच होने वाली अंतःक्रिया कमजोर होती है।

जल की प्रकृति ध्रुवीय होती है, इस कारण इसमें ऊंचा आसंजक गुण होता है।

जल बहुत अच्छा विलायक (Solvent) होता है, जो पदार्थ अच्छी तरह से पानी में घुल जाते हैं, उनको हाइड्रोफिलिक की संज्ञा दी जाती है। जैसे नमक, चीनी, अम्ल, क्षार आदि। कुछ पदार्थ पानी में घुलनशील नहीं होते, जैसे तेल और वसा।

हम पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। पीने और घरेलू उद्देश्यों के अलावा, पानी हमारी दुनिया के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। हमारी अच्छाई और आने वाले भविष्य के लिए जल का संरक्षण महत्वपूर्ण है। हमें पानी बचाने के लिए पहल करने की जरूरत है चाहे कमी हो या न हो।

निबंध 3 (500 शब्द) – जल ही जीवन है

पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन रूपों के कामकाज के लिए पानी बुनियादी आवश्यकता है। यह कहना सुरक्षित है कि जीवन का समर्थन करने के लिए पानी पृथ्वी का एकमात्र ग्रह है। यह सार्वभौमिक जीवन तत्व इस ग्रह पर हमारे पास मौजूद प्रमुख संसाधनों में से एक है। पानी के बिना जीवन चलाना असंभव है। आखिरकार, यह पृथ्वी का लगभग 70% हिस्सा बनाता है।

Essay on Importance of Water in Hindi

‘जल ही जीवन है’

यदि हम अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात करते हैं, तो पानी हमारे अस्तित्व की नींव है। मानव शरीर को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हम पूरे एक सप्ताह तक बिना किसी भोजन के जीवित रह सकते हैं, लेकिन पानी के बिना, हम 3 दिनों तक भी जीवित नहीं रह सकते हैं। इसके अलावा, हमारे शरीर में ही 70% पानी शामिल है। बदले में यह हमारे शरीर को सामान्य रूप से कार्य करने में मदद करता है।

इस प्रकार, पर्याप्त पानी की कमी या दूषित पानी की खपत मनुष्यों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। इसलिए, पानी की मात्रा और गुणवत्ता जो हम उपभोग करते हैं वह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य और तंदरुस्ती के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, हमारी दैनिक गतिविधियाँ पानी के बिना अधूरी हैं। चाहे हम सुबह उठकर ब्रश करने ,नहाने या अपने भोजन को पकाने की बात करें, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पानी का यह घरेलू उपयोग हमें इस पारदर्शी रसायन पर बहुत निर्भर करता है।

इसके अलावा, बड़े पैमाने पर, उद्योग बहुत सारे पानी का उपभोग करते हैं। उन्हें अपनी प्रक्रिया के लगभग हर चरण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह हमारे द्वारा प्रतिदिन उपयोग किए जाने वाले सामानों के उत्पादन के लिए भी आवश्यक है।

यदि हम मानव उपयोग से परे देखते हैं, तो हम महसूस करेंगे कि पानी हर जीवित प्राणी के जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। यह जलीय जंतुओं का घर है। एक छोटे कीड़े से एक विशाल व्हेल तक, प्रत्येक जीव को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

इसलिए, हम देखते हैं कि न केवल इंसानों को बल्कि पौधों और जानवरों को भी पानी की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा, जलीय जानवरों का घर उनसे छीन लिया जाएगा। इसका मतलब है कि हमें देखने के लिए कोई मछलियां और व्हेल नहीं होंगी। सबसे महत्वपूर्ण बात, अगर हम अभी पानी का संरक्षण नहीं करेंगे तो जीवों के सभी रूप विलुप्त हो जाएंगे।

हालांकि, इसकी विशाल बहुतायत के बावजूद, पानी बहुत सीमित है। यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है। इसके अलावा, हमें इस तथ्य को महसूस करने की जरुरत है कि पानी की बहुतायत है, लेकिन यह सभी उपभोग करने के लिए सुरक्षित नहीं है। हम दैनिक आधार पर पानी से बहुत कुछ कार्य करते हैं। संक्षेप में, पानी के अनावश्यक उपयोग को एक बार में रोक दिया जाना चाहिए। हर एक व्यक्ति को पानी के संरक्षण और संतुलन को बहाल करने के लिए काम करना चाहिए। यदि नहीं, तो हम सभी जानते हैं कि परिणाम क्या हो सकते हैं।

FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Water (जल का महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- सात दिनो तक

उत्तर- कंगारू

उत्तर- मात्र 3% पानी ही पीने योग्य है।

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World Health Day Speech in Hindi : जानिए कैसे तैयार करें विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण

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  • Updated on  
  • अप्रैल 3, 2024

World Health Day Speech in Hindi

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता दिवस के रूप में माना जाता है। प्रत्येक वर्ष, विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाकर, संगठन दुनिया भर के लोगों की चिंता के कुछ स्वास्थ्य विषयों पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसकी जानकारी रखना स्टूडेंट्स के लिए काफी महत्वपूर्ण है और कई बार स्कूलों और अन्य संस्थानों में स्वस्थ्य से जुड़े आयोजनों में स्वास्थ्य पर भाषण देने के लिए भी कहा जाता है। इसलिए इस ब्लॉग में हम World Health Day Speech in Hindi के बारे में बताएँगे।

This Blog Includes:

विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में , विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण 100 शब्दों में , विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण 200 शब्दों में, स्पीच की शुरुआत में, स्पीच में क्या बोलें, स्पीच के अंत में, विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण कैसे तैयार करें , विश्व स्वास्थ्य दिवस पर 10 लाइन्स, विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में रोचक तथ्य.

विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया भर के लोगों को यह याद दिलाने के लिए हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाता है कि हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखना कितना महत्वपूर्ण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता दिवस माना जाता है। प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, WHO लोगों को स्वस्थ रहने के बारे में अधिक जानने में मदद करने के लिए एक विशिष्ट विषय के साथ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते है।

यह भी पढ़ें : World Health Day Essay in Hindi

100 शब्दों में World Health Day Speech in Hindi इस प्रकार है :

एक अच्छा जीवन जीने के लिए स्वस्थ रहना आवश्यक है जिसके लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। यह दिवस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दों को उजागर करने, स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए कार्रवाई करने और स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने और सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काम करता है।

लोग यह दिखाने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाते हैं कि स्वस्थ रहना कितना महत्वपूर्ण है और इसके बारे में अधिक जानें। खुश रहने और अच्छा जीवन जीने के लिए स्वस्थ रहना वास्तव में महत्वपूर्ण है। हम जो कुछ भी करते हैं, जैसे काम पर जाना या स्कूल जाना, वह हमारे स्वास्थ्य से प्रभावित होता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस हमें अपना ख्याल रखने और स्वस्थ तरीके से जीने की याद दिलाता है। जब हम स्वस्थ होते हैं, तो हम अपने काम या स्कूल में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, बीमार होने से दूर रह सकते हैं, भावनात्मक रूप से अच्छा महसूस कर सकते हैं और शारीरिक रूप से मजबूत हो सकते हैं। स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करना, स्वस्थ भोजन करना और अच्छी आदतें अपनाना महत्वपूर्ण है।

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200 शब्दों में World Health Day Speech in Hindi इस प्रकार है :

जीवन में कई चीजों का प्राथमिक कारण स्वास्थ्य है, जैसे काम, तनाव, विचार आदि। यदि कोई व्यक्ति स्वस्थ है, तो वह अपनी नौकरी या काम में अच्छा प्रदर्शन करेगा, वह कई बीमारियों से मुक्त रहेगा, वह भावनात्मक रूप से शांत और स्वस्थ।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ आहार, पोषण और व्यायाम का ध्यान रखना चाहिए। स्वास्थ्य के महत्व को समझने और लोगों का ध्यान स्वास्थ्य की ओर आकर्षित करने के लिए हर साल 7 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। स्वास्थ्य हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर बच्चों के लिए। बच्चे अधिकांश समय किंडरगार्टन, प्रीस्कूल और स्कूल में बिताते हैं। कई बीमारियाँ संक्रामक होती हैं और जब वे अन्य स्कूली छात्रों के आसपास होते हैं तो वे आसान शिकार बन जाते हैं।

दुनिया भर में बीमारियों और बीमारियों की बढ़ती संख्या के कारण विश्व स्वास्थ्य दिवस की आवश्यकता महसूस की गई है। हर साल कभी-कभार कोई न कोई नई बीमारी सामने आ जाती है, जिससे लोगों में डर पैदा हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को संबोधित करता है और ऐसी महामारी पर अंकुश लगाने के लिए हर साल एक स्पष्ट विषय बनाता है। इन विषयों को ध्यान में रखते हुए, इस दिन दुनिया भर में कई कार्यक्रमों और सेवाओं का समन्वय किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वास्थ्य देखभाल हर इंसान तक पहुंचे।

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विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण 400 शब्दों में

400 शब्दों में World Health Day Speech in Hindi इस प्रकार है :

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता दिवस माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र के उन संगठनों में से एक है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। प्रत्येक वर्ष, विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाकर, संगठन दुनिया भर के लोगों की चिंता के कुछ स्वास्थ्य विषयों पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।

आज की दुनिया में इतनी सारी बीमारियों से दूर और स्वस्थ रहने की आवश्यकता बहुत महत्वपूर्ण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वास्थ्य पूरी तरह से शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है, न कि केवल बीमारी या दुर्बलता की अनुपस्थिति। WHO अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों से संबंधित लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम और जन अभियान चलाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन व्यक्तियों से स्वास्थ्य से संबंधित अपनी परेशानियों को बताने के लिए कहता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, लोग जागरूकता फैलाने और स्वस्थ जीवन शैली की आवश्यकता का खुलासा करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने के लिए कई स्वास्थ्य संगठनों के साथ जुड़ते हैं। पहली विश्व स्वास्थ्य सभा जिसने स्वास्थ्य के महत्व की सराहना करते हुए एक वार्षिक उत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया, वह 1950 में आयोजित की गई थी। तब से, हर साल 7 अप्रैल को स्वास्थ्य के मूल्य पर जानकारी फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर दुनिया भर के लगभग सभी स्वास्थ्य संगठन विभिन्न स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं। हर साल, विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनके लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है। विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम हर साल अपडेट की जाती है और इस साल 2004 में इस दिवस की थीम  “मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार” है।

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भारत में किसी भी तरह का आयोजन हो और उसमे भाषण न दिया जाए ऐसा हो हे नहीं सकता क्योंकि हर आयोजनों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उस दिन दिया जाने वाला भाषण होता है। इसलिए यहाँ हम World Health Day Speech in Hindi को कैसे तैयार करें के बारे जानेंगे : 

  • विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लें। 
  • अपने भाषण में सरल शब्दों का चयन करें। 
  • समय का ध्यान रखते हुए अपने भाषण में आगे बढ़ना चाहिए। 
  • अपने भाषण में भाषा के महत्व को देखना है कि आप जहां बोल रहे हैं, वहां हिंदी सही रहेगी या इंग्लिश। 
  • भाषण की शुरुआत में स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बता सकते हैं। 
  • भाषण में विश्व स्वास्थ्य दिवस से जुड़े तथ्य बता सकतें है। 
  • भाषण तैयार करते समय यह जानना जरूरी है कि लोगों पर इसका क्या असर रहेगा और यह हमारे लिए कैसे फायदेमंद रहेगी।
  • भाषण में अपने विषय से भटकना नहीं चाहिए। 

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World Health Day Speech in Hindi पर 10 लाइन्स यहाँ दी गई हैं : 

  • विश्व स्वास्थ्य दिवस एक विशेष दिन है जो हर साल 7 अप्रैल को होता है। 
  • यह एक ऐसा दिन है जब दुनिया भर के लोग महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषयों के बारे में सीखते हैं और बात करते हैं। 
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना भी इसी दिन हुई थी। 
  • इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम “मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार” है। 
  • 1948 में WHO द्वारा स्वास्थ्य को लेकर पहली बैठक आयोजित की गई थी। 
  • भारत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नामक एक कार्यक्रम है जो शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनके स्वास्थ्य में मदद करता है। 
  • कई स्कूल और कॉलेज छात्रों को स्वस्थ रहने के बारे में सिखाने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस पर गतिविधियाँ करते हैं। 
  • जश्न मनाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए परेड, विज्ञापन और नाटक जैसे कार्यक्रम भी होते हैं। 
  • कुछ स्थानों पर स्वास्थ्य मेले भी लगते हैं जहाँ लोग निःशुल्क जाँच करा सकते हैं। 
  • इस दिन WHO द्वारा दवाएँ अधिक सस्ती कराई जाती हैं और लोगों को स्वस्थ रहने में मदद करने के लिए अस्पतालों में विशेष परीक्षण होते हैं।

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WHO की ऑफिसियल वेबसाइट के अनुसार विश्व स्वास्थ्य दिवस से जुड़े रोचक तथ्य यहाँ बताए गए हैं : 

  • विश्व स्तर पर, स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यबल में 70% महिलाएँ हैं। नर्सें और दाइयां इसके एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हैं। 
  • नर्सें और दाइयां हर जगह लोगों की देखभाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिसमें महामारी के समय और नाजुक या संघर्षपूर्ण माहौल भी शामिल है।
  • दाइयों में अधिक निवेश करना, जो मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य के साथ-साथ परिवार नियोजन के लिए महत्वपूर्ण हैं, आज होने वाली सभी मातृ मृत्यु, मृत जन्म और नवजात शिशु मृत्यु में से 80% से अधिक को रोका जा सकता है। और जब एक दाई या दाइयों का समूह गर्भावस्था से लेकर प्रसवोत्तर अवधि के अंत तक देखभाल प्रदान करता है, तो लगभग एक चौथाई समय से पहले जन्म को रोका जा सकता है।

                                                          सम्बंधित आर्टिकल्स 

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम “मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार” है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस एक वार्षिक वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस है जो स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu. खुशी को 1 वर्ष का अनुभव है। पूर्व में वह न्यूज टुडे नेटर्वक, जागृत जनता न्यूज (JJN) में कंटेंट राइटर और स्क्रिप्ट राइटर रह चुकी हैं। खुशी ने पत्रकारिता में स्नातक कंप्लीट किया है। उन्हें एजुकेशनल ब्लाॅग्स लिखने के अलावा रिसर्च बेस्ड स्टोरीज करना पसंद हैं।

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This article appears in the Spring 2024 print issue of FP. Read more from the issue.

This article appears in the Spring 2024 issue of Foreign Policy. Subscribe now to read every story from the issue.

From the middle of April until early June, staggered over the course of several weeks, the world’s biggest election will take place. More than 960 million Indians—out of a population of 1.4 billion—are eligible to vote in parliamentary elections that polls strongly suggest will return Prime Minister Narendra Modi and his Bharatiya Janata Party (BJP) to power for a third consecutive term.

Modi is probably the world’s most popular leader. According to a recent Morning Consult poll , 78 percent of Indians approve of his leadership. (The next three highest-ranked leaders, from Mexico, Argentina, and Switzerland, generate approval ratings of 63, 62, and 56 percent, respectively.) It is not hard to see why Modi is admired. He is a charismatic leader, a masterful orator in Hindi, and widely perceived as hard-working and committed to the country’s success. He is regarded as unlikely to turn to nepotism or corruption, often attributed to the fact that he is a 73-year-old man without a partner or children. Modi has few genuine competitors. His power within his party is absolute, and his opponents are fractured, weak, and dynastic—a quality usually equated with graft. Whether it is through maximizing his opportunity to host the G-20 or through his high-profile visits abroad, Modi has expanded India’s presence on the world stage and, with it, his own popularity. New Delhi is also becoming more assertive in its foreign policy, prioritizing self-interest over ideology and morality—another choice that is not without considerable domestic appeal.

Modi’s success can confuse his detractors. After all, he has increasingly authoritarian tendencies: Modi only rarely attends press conferences, has stopped sitting down for interviews with the few remaining journalists who would ask him difficult questions, and has largely sidestepped parliamentary debate. He has centralized power and built a cult of personality while weakening India’s system of federalism. Under his leadership, the country’s Hindu majority has become dominant. This salience of one religion can have ugly impacts, harming minority groups and calling into question the country’s commitment to secularism. Key pillars of democracy, such as a free press and an independent judiciary, have been eroded.

Yet Modi wins—democratically. The political scientist Sunil Khilnani argued in his 1997 book, The Idea of India , that it was democracy, rather than culture or religion, that shaped what was then a 50-year-old country. The primary embodiment of this idea, according to Khilnani, was India’s first prime minister, the anglicized, University of Cambridge-educated Jawaharlal Nehru, who went by the nickname “Joe” into his 20s. Nehru believed in a vision of a liberal, secular country that would serve as a contrast to Pakistan, which was formed explicitly as a Muslim homeland. Modi is, in many ways, Nehru’s opposite. Born into a lower-caste, lower-middle-class family, the current prime minister’s formative education came from years of traveling around the country as a Hindu community organizer, sleeping in ordinary people’s homes and building an understanding of their collective frustrations and aspirations. Modi’s idea of India, while premised on electoral democracy and welfarism, is substantially different from Nehru’s. It centers culture and religion in the state’s affairs; it defines nationhood through Hinduism; and it believes a powerful chief executive is preferable to a liberal one, even if that means the curtailment of individual rights and civil liberties. This alternative vision—a form of illiberal democracy—is an increasingly winning proposition for Modi and his BJP.

Hindus represent 80 percent of India’s population. The BJP courts this mega-majority by making them feel proud of their religion and culture. Sometimes, it aids this project by stirring up resentment of the country’s 200 million Muslims, who form 14 percent of the population. The BJP also attempts to further a version of history that interprets Hindus as victimized by successive hordes of invaders. Hindus hardly comprise a monolith, divided as they are by caste and language, but the BJP requires only half their support to win national elections. In 2014, it secured 31 percent of the national vote to gain a majority of seats in Parliament—the first time in three decades a single party had done so. It did even better in 2019, with 37 percent of the vote.

An illiberal, Hindi-dominated, and Hindu-first nation is emerging, and it is challenging—even eclipsing—other ideas of India, including Jawaharlal Nehru’s.

At least some part of the BJP’s success can be attributed to Modi’s name recognition and tireless performances on the campaign trail. But focusing too much on one man can be a distraction from understanding India’s trajectory. Even though Modi has acquired a greater concentration of power than any Indian leader in a generation, his core religious agenda has long been telegraphed by his party, as well as by its ideological parent, the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS), a Hindu social society and paramilitary group that counts more than 5 million members. While Modi has been the primary face of the BJP since 2014, the party itself has existed in its current form since 1980. (The RSS, to which Modi traces his true ideological roots, is even older. It will mark its 100th anniversary next year.) The BJP’s vision—its idea of India—is hardly new or hidden. It is clearly described in its election manifestos and, combined with Modi’s salesmanship, is increasingly successful at the ballot box.

Put another way, while India’s current political moment has much to do with supply—in the form of a once-in-a-generation leader and few convincing alternatives—it may also have something to do with shifting demand. The success of the BJP’s political project reveals a clearer picture of what India is becoming. Nearly half the country’s population is under the age of 25. Many of these young Indians are looking to assert a new cultural and social vision of nationhood. An illiberal, Hindi-dominated, and Hindu-first nation is emerging, and it is challenging—even eclipsing—other ideas of India, including Nehru’s. This has profound impacts for both domestic and foreign policy. The sooner India’s would-be partners and rivals realize this, the better they will be able to manage New Delhi’s growing global clout. “The Nehruvian idea of India is dead,” said Vinay Sitapati, the author of India Before Modi . “Something is definitely lost. But the question is whether that idea was alien to India in the first place.”

Join FP Live for a discussion about the magazine’s India issue on Tuesday, April 16, at 11 a.m. EDT. Subscriber questions are encouraged. Register here .

Indians bristle at reports of how their country has fallen in recent years on key markers of the health of its civil society. It is nonetheless worth contending with those assessments. According to Reporters Without Borders, India ranked 161st out of 180 countries for press freedom in 2023, down from 80th out of 139 countries in 2002. Freedom House, which measures democracy around the world, marked India as only “partly free” in its 2024 report, with Indian-administered Kashmir receiving a “not free” designation. Only a handful of countries and territories, such as Russia and Hong Kong, experienced a greater decline in freedom over the last decade than India. The World Economic Forum’s 2023 Global Gender Gap Index ranks India 127th out of 146 countries. The World Justice Project ranks India 79th out of 142 countries for adherence to the rule of law, down from 59th in 2015. As one legal scholar wrote in Scroll.in , the judiciary has “placed its enormous arsenal at the government’s disposal in pursuit of its radical majoritarian agenda.” Consider, as well, access to the web: India has administered more internet shutdowns than any country in the last decade, even more than Iran and Myanmar.

The social indicator that worries observers of India the most is religious freedom. Troubles between Hindus and Muslims are not new. But in its decade in power, Modi’s BJP has been remarkably successful in furthering its Hindu-first agenda through legislation. It has done so by revoking the semi-autonomous status of majority-Muslim Kashmir in 2019 and later that year—an election year—passing an immigration law that fast-tracked citizenship for non-Muslims from three neighboring countries, each of which has a large Muslim majority. (The law, which makes it more difficult for Indian Muslims to prove their citizenship, was implemented in March. The timing of this announcement seemed to highlight its electoral benefits.)

Perhaps more damaging than these legislative maneuvers has been the Modi administration’s silence, and often its dog whistles of encouragement, amid an increasingly menacing climate for Indian Muslims. While Nehru’s emphasis on secularism once imposed implicit rules in the public sphere, Hindus can now question Muslims’ loyalty to India with relative impunity. Hindu supremacy has become the norm; critics are branded “anti-national.” This dominance culminated on Jan. 22, when Modi consecrated a giant temple to the Hindu god Ram in the northern Indian city of Ayodhya. The temple, which cost $250 million to build, was constructed on the site of a mosque that was demolished by a Hindu mob in 1992. When that happened three decades ago, top BJP leaders recoiled from the violence they had unleashed. Today, that embarrassment has morphed into an expression of national pride. “It is the beginning of a new era,” said Modi, adorned in a Hindu priest’s garb at the temple’s opening, in front of an audience of top Bollywood stars and the country’s business elite.

“The BJP’s dominance is primarily demand-driven,” Sitapati said. “Progressives are in denial about this.”

Modi’s vision of what it means to be Indian is at least partly borne out in public opinion. When the Pew Research Center conducted a major survey of religion in India between late 2019 and early 2020, it found that 64 percent of Hindus believed being Hindu was very important to being “truly Indian,” while 59 percent said speaking Hindi was similarly foundational in defining Indianness; 84 percent considered religion to be “very important” in their lives; and 59 percent prayed daily. “The BJP’s dominance is primarily demand-driven,” said Sitapati, who also teaches law and politics at Shiv Nadar University Chennai. “Progressives are in denial about this.”

Sitapati has critics on the left who claim his scholarship underplays the militant roots of the BJP and RSS, helping to rehabilitate their image. But on the question of demand and supply: The BJP’s dominance is limited to the country’s north, where most people speak Hindi. In the wealthier south, where tech firms are flourishing, literacy rates are higher, and most people speak languages such as Tamil, Telugu, and Malayalam, the BJP is decidedly less popular. Southern leaders harbor a growing resentment that their taxes are subsidizing the Hindi Belt in the north. This geographic cleavage could come to a head in 2026, when a national process of redistricting is expected to take place. Opposition leaders fear the BJP could redraw parliamentary constituencies to its advantage. If the BJP succeeds, it could continue winning at the polls long beyond Modi’s time.

Despite all this, Sitapati contends that the country remains democratic: “Political participation is higher than ever. Elections are free and fair. The BJP regularly loses state elections. If your definition of democracy is focused on the sanctity of elections and the substance of policies, then democracy is thriving.” In Indian society, he said, culture is not centered on liberalism and individual rights; Modi’s rise must be viewed within that context.

Liberal Indians who might disagree are vanishing from the public eye. One clear exception is the Booker Prize-winning novelist Arundhati Roy. Speaking in Lausanne, Switzerland, last September, she described an India descending into fascism . The ruling BJP’s “message of Hindu supremacism has relentlessly been disseminated to a population of 1.4 billion people,” Roy said. “Consequently, elections are a season of murder, lynching, and dog-whistling. … It is no longer just our leaders we must fear but a whole section of the population.”

Is the mobilization of more than a billion Hindus a form of tyranny of the majority? Not quite, says Pratap Bhanu Mehta, an Indian political scientist who teaches at Princeton University. “Hindu nationalists will say that theirs is a classic nation-building project,” he said, underscoring how independent India is still a young country. Populism, too, is an unsatisfying term for describing Modi’s politics. Even though he plays up his modest background, he is hardly anti-elitist and in fact frequently courts top Indian and global business leaders to invest in the country. Sometimes, they directly finance Modi’s success: A 2017 provision for electoral bonds brought in more than $600 million in anonymous donations to the BJP. The Supreme Court scrapped the scheme in March, calling it “unconstitutional,” but the ruling is likely too late to have prevented the influence of big donors in this year’s election.

Mukul Kesavan, a historian based in New Delhi, argues that it would be more accurate to describe the BJP’s agenda as majoritarianism. “Majoritarianism just needs a minority to mobilize against—a hatred of the internal other,” he said. “India is at the vanguard of this. There is no one else doing what we are doing. I am continually astonished that the West doesn’t see this.”

What the West also doesn’t always see is that Modi is substantially different from strongmen such as Donald Trump in the United States. While Trump propagated an ideology that eclipsed that of the Republican Party, Modi is fulfilling the RSS’s century-old movement to equate Indianness more closely with Hinduism. Surveys and elections both reveal this movement’s time has come.

“People aren’t blinkered. They’re willing to accept trade-offs,” said Mehta, explaining how growing numbers of Indians have accepted the BJP’s premise of a Hindu state, even if there are elements of that project that make them uncomfortable. “They don’t think the majoritarian agenda presents a deal-breaker.” For now, at least. A key question is what happens when majoritarianism provokes something that challenges public acceptance of this trade-off. The greatest risk here lies in a potential surge of communal violence, the likes of which have pockmarked Indian history. In 2002, for example, 58 Hindu pilgrims were killed in Godhra, in the western state of Gujarat, after a train that was returning from Ayodhya caught fire. Modi, then chief minister of Gujarat, declared the incident an act of terrorism. After rumors circulated that Muslims were responsible for the fire, a mob embarked on three days of violence in the state, killing more than a thousand people. An overwhelming majority of the dead were Muslim. Modi has never been convicted of any involvement, but the tragedy has followed him in ways both damaging and to his advantage. Liberal Indians were horrified that he didn’t do more to stop the violence, but the message for a substantial number of Hindus was that he would stop at nothing to protect them.

Twenty-two years later, Modi is a mainstream leader catering to a national constituency that is much more diverse than that of Gujarat. While the riots once loomed large in his biography, Indians now see them as just one part of a complicated career in the public eye. What is unknown is how they might react to another mass outbreak of communal violence and whether civil society retains the muscle to rein in the worst excesses of its people. Optimists will point out that India has been through tough moments and emerged stronger. When Prime Minister Indira Gandhi declared a state of emergency in 1975, giving her the license to rule by decree, voters kicked her out of power the first chance they got. Modi, however, has a stronger grip on the country—and he continues to expand his powers while winning at the ballot box.

Prime Minister Narendra Modi greets a crowd in Varanasi, India, on March 4, 2022. Ritesh Shukla/Getty Images

Just as citizens can’t subsist purely on the ideals of secularism and liberalism, it’s the same with nationalism and majoritarianism. In the end, the state must deliver. Here, Modi’s record is mixed. “Modi sees Japan as a model—modern in an industrial sense without being Western in a cultural sense,” Sitapati said. “He has delivered on an ideological project that is Hindu revivalism mixed with industrialization.”

India is undertaking a vast national project of state-building under Modi. Since 2014, spending on transport has more than tripled as a share of GDP. India is currently building more than 6,000 miles of highways a year and has doubled the length of its rural road network since 2014. In 2022, capitalizing on a red-hot aviation market, New Delhi privatized its creaky national carrier, Air India. India has twice as many airports today than it did a decade ago, with domestic passengers more than doubling in quantity to top 200 million. Its middle classes are spending more money: Average monthly per capita consumption expenditure in urban areas rose by 146 percent in the last decade. Meanwhile, India is whittling down its infamous bureaucratic hurdles to become an easier place for industry. According to the World Bank’s annual Doing Business report, India rose from a rank of 134th in 2014 to 63rd in 2020. Investors seem bullish. The country’s main stock index, the BSE Sensex, has increased in value by 250 percent in the last decade.

Strongmen are usually more popular among men than women. It is a strange paradox, then, that the BJP won a record number of votes by women in the 2019 national election and is projected to do so again in 2024, as voter participation , and voting by women, continues to climb. Modi has targeted female voters through the canny deployment of services that make domestic life easier. Rural access to piped water, for example, has climbed to more than 75 percent from just 16.8 percent in 2019. Modi declared India free of open defecation in 2019 after a campaign to build more than 110 million toilets. And according to the International Energy Agency, 45 percent of India’s electricity transmission lines have been installed in the last decade.

The most transformative force in the country is the ongoing proliferation of the internet, as I wrote in my 2018 book, India Connected . Just as the invention of the car more than a century ago shaped modern America, with the corresponding building out of the interstate system and suburbia, cheap smartphones have enabled Indians to partake in a burgeoning digital ecosystem. Though it didn’t have much to do with the smartphone and internet boom, the government has capitalized on it. India’s Unified Payments Interface, a government-run instant payment system, now accounts for three-fourths of all non-cash retail transactions in the country. With the help of digital banking and a new national biometric identification system, New Delhi has been able to sidestep corruption by directly transferring subsidies to citizens, saving billions of dollars in wastage.

Modi is projecting an image of a more powerful, muscular, prideful nation—and Indians are in thrall to the self-portrait.

The private sector has been a willing participant in India’s new digital and physical economy. But it has also been strangely leery of investing more, as two leading economists describe in this issue (Page 42). Businesses remain concerned that Modi has a cabal of preferred partners in his plans for industrialization—for example, he is seen as too cozy with the country’s two richest men, Mukesh Ambani and Gautam Adani, both of whom hail from his native state of Gujarat. Fears abound that New Delhi’s history of retroactive taxation and protectionism could blow up the best laid corporate plans.

Because he has corralled great power, when Modi missteps, the consequences tend to be enormous. In 2016, he suddenly announced a process of demonetization, recalling high-value notes of currency as legal tender. While the move attempted to reduce corruption by outing people with large amounts of untaxed income, it was in fact a stunt that reduced India’s growth by nearly 2 percentage points. Similarly, panicked by the onset of COVID-19 in 2020, Modi announced a sudden national lockdown, leading to millions of migrant workers racing home—and likely spreading the virus. A year later, New Delhi largely stood by when the delta variant of COVID-19 surged through the country, killing untold thousands of Indians. No amount of nationalism or pride could cover up for the fact that, on that occasion, the state had let its people down.

Now, with a population hungry for good news, India is looking to take advantage of the best foreign-policy deals. There are plenty to be struck in a shifting global order. The United States’ power is in relative decline, China’s has risen, and a range of so-called middle powers are looking to benchmark their status. Modi is projecting an image of a more powerful, muscular, prideful nation—and Indians are in thrall to the self-portrait.

Modi is seen through a video camera as he speaks at the final session of the G-20 summit in New Delhi on Sept. 10, 2023. Dan Kitwood/Getty Images

One window into India’s newfound status on the world stage came last September, after Canadian Prime Minister Justin Trudeau made the stunning announcement that Ottawa was investigating “credible allegations” that Indian government agents had orchestrated the murder of a Sikh community leader in British Columbia. New Delhi flatly denied his accusations, calling them “absurd.” The person who was killed, Hardeep Singh Nijjar, had sought to establish a nation called Khalistan, carved out of territory in his native Punjab, a state in northwestern India. In 2020, New Delhi declared Nijjar a terrorist.

A Canadian leader publicly accusing India of a murder on Canadian soil could have been a major embarrassment for Modi. Instead, the incident galvanized his supporters. The national mood seemed to agree with the government line that New Delhi didn’t do it but with an important subtext: If it did, it did the right thing.

“It’s this idea that ‘We have arrived. Now we can talk on equal terms to the white man,’” Sitapati said. It’s not just revisionism to examine how colonial powers masterminded the plunder of India’s land and resources; even the word “loot” is stolen from Hindi, as the writer and parliamentarian Shashi Tharoor has pointed out. The BJP’s project of nation-building attempts to reinstill a sense of self-pride, often by painting Hindus as the victims of centuries of wrongs but who have now awoken to claim their true status. This is why the Jan. 22 opening of the Ram temple took on epic significance, reviving among Hindus a sense that they were rightfully claiming the primacy they once enjoyed.

The flashier the stage, the better. For much of 2023, India flaunted its hosting of the G-20, a rotating presidency that most other countries see as perfunctory. For Modi, it became a marketing machine, with giant billboards advertising New Delhi’s pride in playing host (always alongside a portrait of the prime minister). When the summit began in September, TV channels dutifully carried key parts live, showing Modi welcoming a series of top world leaders.

Weeks earlier, Indians united around another celebratory moment. The country landed two robots on the moon, making it only the fourth country to do so and the first to reach the moon’s southern polar region. As TV channels ran a live broadcast of the landing, Modi beamed into mission control at the key moment of touchdown, his face on a split screen with the landing. The self-promotion can seem garish, but it feeds into a sense of collective accomplishment and national identity.

Also popular is New Delhi’s stance on Moscow, thumbing its nose at Western countries seeking to sanction Russia after its invasion of Ukraine. While Russia exported less than 1 percent of its crude to India before 2022, it now sends more than half of its supplies there. China and India are together purchasing 80 percent of Russia’s seaborne oil exports—and they do so at below-market rates because of a price cap imposed by the West. There is little consideration for morality, in part because Indians, like many in the global south, now widely perceive the West as applying double standards to world affairs. As a result, there’s no moral benchmark. For India, an advantageous oil deal is just that: good economics and smart politics. (India and Russia also share a historic friendship, which both sides are keen to continue.)

New Delhi’s growing foreign-policy assertiveness stems from a knowledge that it is increasingly needed by other countries. Allies seem aware of this new dynamic. For the United States, even if India doesn’t come to its aid in a potential tussle with China in the Taiwan Strait, merely preventing New Delhi from growing closer to Beijing represents a geopolitical win that papers over other disagreements. For other countries, access to India’s growing market is paramount. Despite the BJP’s hostility to Muslims, Modi receives a red-carpet welcome when he visits countries in the Persian Gulf.

India’s embrace of its strategic interests—and its confidence in articulating that choice—is of a piece with broader changes in how the country views itself. Modi and his BJP have succeeded in furthering an idea of India that makes a virtue of sacrificing Western liberalism for a homegrown sense of self-interest. By appealing to young people’s economic aspirations and their desire for identity in an increasingly interconnected world, the BJP has found room to advance a religious and cultural agenda that would have been unimaginable a generation ago. This vision cannot be purely top-down; the will of a nation evolves over time. In the future, there will likely be further contests among other ideas of India. But if Modi’s BJP continues to win at the ballot box, history may show that the country’s liberal experiment wasn’t just interrupted—it may have been an aberration.

Ravi Agrawal is the editor in chief of Foreign Policy . Twitter:  @RaviReports

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