कंप्यूटर की आत्मकथा पर निबंध computer ki atmakatha essay in hindi

Computer ki atmakatha essay in hindi.

दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंप्यूटर की आत्मकथा बताने जा रहे हैं . यह आर्टिकल एक काल्पनिक आर्टिकल है. चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस लेख को पढ़ते  हैं .

computer ki atmakatha essay in hindi

मैं कंप्यूटर बोल रहा हूं , आज दुनिया में मेरे बिना कोई भी काम करना आसान नहीं है . दुनिया में मेरी उपयोगिता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है . मेरे निर्माण के बाद पूरा संसार दिन-प्रतिदिन सफलता प्राप्त कर रहा है . मैंने हर काम   को आसान कर दिया है . जिन कामों को करने में अधिक समय लगता था आज वह काम मिनटों में हो जाता है . हर इंसान मेरा उपयोग कर रहा है . मुझे बड़ी खुशी होती है कि मेरे निर्माण से आप लोगों के जीवन में खुशियां आई है . आज मेरा उपयोग हर क्षेत्र में किया जा रहा है .

तरह-तरह की गढ़ना मेरे द्वारा की जा रही है . मैं कंप्यूटर बोल रहा हूं , आज हर इंसान मेरे माध्यम से अपनी  हर समस्या का समाधान प्राप्त कर रहा है . जब मेरा निर्माण नहीं हुआ था तब यह दुनिया सफलता प्राप्त नहीं कर पा  रही थी लेकिन जब से मेरा जन्म हुआ है तब से यह दुनिया निरंतर प्रगति के रास्ते पर चल रही है . मेरे कारण ही आज लोग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं . जिस काम को करने में महीनों लग जाते थे आज उस काम को मेरे माध्यम से कुछ ही समय में पूरा कर लिया जाता है .

पहले जब किसी को अपने रिश्तेदार की  जानकारी प्राप्त करना होती थी तो वह पत्र के माध्यम से अपने रिश्तेदार के हाल-चाल प्राप्त करता था और  15 से 20 दिनों में उस खत का जवाब मिल पाता था लेकिन जब से मेरा निर्माण हुआ है तब से मेरे द्वारा ईमेल के  माध्यम से  लाखों हजारों किलोमीटर दूर बैठे व्यक्ति का हाल चाल जान सकते हैं . यह सब मेरे कारण ही संभव हो पाया है . आज मेरा उपयोग हर क्षेत्र में किया जा रहा है . वैज्ञानिक भी विज्ञान की खोज करने के लिए मेरा उपयोग कर रहे है .

मेरा उपयोग करने से  कीमती समय बर्बाद होने से बच रहा है . आज दुनिया की हर तरह की जानकारी मेरे माध्यम से प्राप्त की जा सकती है . आज सभी लोग मेरा उपयोग कर रहे हैं . मेरे अंदर हर तरह का डाटा सेव करके रखा जा सकता है . पहले  किसी हिसाब किताब को संभाल कर रखने के लिए मोटी मोटी फाइलें का उपयोग  किया जाता था . लेकिन जब से मेरा जन्म हुआ है तब से सभी लोग अपनी फाइले मेरे अंदर ही संभाल कर रखते हैं . मेरे अंदर अपार डाटा संभाल कर रखने की क्षमता है .

मेरे अंदर डाटा हमेशा सेव रहता है . आज मेरे माध्यम से लोग घर पर ही अपनी जरूरत के सामान ऑनलाइन के माध्यम से मंगा लेते हैं . मैंने इंसान की हर जरूरतो को पूरा किया है . शिक्षा के क्षेत्र से लेकर स्वास्थ्य के क्षेत्र एवं बिजनेस के क्षेत्र तक मैंने अपना योगदान दिया है . मैं यह सोचता हूं कि यदि मेरा जन्म नहीं होता तो यह दुनिया आगे नहीं बढ़ पाती .

आज मैं बहुत खुश हूं कि इस दुनिया को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाने में मेरा योगदान है . मेरा जन्म पूरी संसार को सफलता दिलाने के लिए हुआ है . मैं अपने माध्यम से लोगों की जरूरतों को पूरा करता हूं और करता रहूंगा .

  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध Essay on Computer Education In Hindi
  • कंप्यूटर पर विचार quotes on computer in hindi

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह बेहतरीन लेख कंप्यूटर की आत्मकथा पर निबंध computer ki atmakatha essay in hindi यदि आपको पसंद आए तो अपने रिश्तेदारों एवं दोस्तों में शेयर अवश्य करें धन्यवाद .

Related Posts

computer ki atmakatha essay

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

HindiKiDuniyacom

कंप्यूटर पर निबंध (Computer Essay in Hindi)

कंप्यूटर

कम्प्यूटर आधुनिक तकनीक की एक महान खोज है। ये एक सामान्य मशीन है जो अपनी मेमोरी में ढेर सारे डाटा को सुरक्षित रखने की क्षमता रखती है। ये इनपुट (जैसे की-बोर्ड) और आउटपुट(प्रिंटर) के इस्तेमाल से काम करता है। ये इस्तेमाल करने में बेहद आसान है इसलिये कम उम्र के बच्चे भी इसे काफी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। ये बहुत ही भरोसेमंद है जिसे हम अपने साथ रख सकते है और कहीं भी और कभी भी प्रयोग कर सकते है। इससे हम अपने पुराने डेटा में बदलाव के साथ नया डेटा भी बना सकते है।

कंप्यूटर पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Essay on Computer in Hindi, Computer par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द) – computer par nibandh.

कंप्यूटर एक नवीनतम तकनीक है जो ज्यादातर जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है। ये कम समय लेकर ज्यादा से ज्यादा कार्य को संभव बनाता है। ये कार्य स्थल पर व्यक्ति के श्रम को कम कर देता है अर्थात कम समय और कम श्रम शक्ति उच्च स्तर का परिणाम प्रदान करता है। आधुनिक समय में बिना कंप्यूटर के जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है।

हम लोग कंप्यूटर में इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते है जो बेहद कम समय में जरूरी जानकारी उपलब्ध कराता है। व्यक्ति के जीवन में इसका बड़ा योगदान है क्योंकि इसका प्रयोग अब हर क्षेत्र में है और ये हर क्षण हमारे सहायक के रुप में मौजूद रहता है। पहले के समय के कंप्यूटर कम प्रभावशाली तथा कार्य सीमित थे जबकि आधुनिक कंप्यूटर बेहद क्षमतावान, संभालने में आसान तथा ज्यादा से ज्यादा कार्यों को संपादित कर सकने वाले है, जिसके कारण यह लोगों में इतने लोकप्रिय होते जा रहे है।

जिंदगी हुआ आसान

भावी पीढ़ी के कंप्यूटर और प्रभावी होंगे साथ ही कार्यात्मक क्षमता भी बढ़ जाएगी। इसने हम सबके जीवन को आसान बना दिया है। इसके माध्यम से हम कुछ भी आसानी से सीख सकते है तथा अपने हुनर को और भी ज्यादे निखार सकते है। हम लोग चुटकियों में किसी भी सेवा, उत्पाद या दूसरी चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। कंप्यूटर में लगे इंटरनेट के द्वारा हम कुछ भी खरीदारी कर सकते है जिससे घर में बैठे-बैठे मुफ्त डिलिवरी प्राप्त कर सकते है। इससे हमारे स्कूल प्रोजेक्ट में भी खूब मदद मिलती है।

इंसानों के लिये कंप्यूटर के सैकड़ों फायदे है तो साइबर अपराध, अश्लील वेबसाइट, जैसे नुकसान भी शामिल है जिसकी पहुँच हमारे बच्चों और विद्यार्थियों तक आसानी से हो जाती है। हालांकि कुछ उपायों अपनाकर हम इसके कई नकारात्मक प्रभावों से बच भी सकते हैं।

निबंध 2 (400 शब्द) – कंप्यूटर का उपयोग व महत्व

पूरे मानव बिरादरी के लिये विज्ञान का अनोखा और पथप्रदर्शन करने वाला उपहार है कंप्यूटर। ये किसी भी प्रकृति का कार्य कर सकता है। किसी के भी द्वारा इसे संभालना सरल है और सीखने के लिये बहुत कम समय लगता है। अपने सुगमता और कार्य क्षमता के कारण इसका प्रयोग व्यापक तौर पर होता है जैसे- ऑफिस, बैंक, होटल, शिक्षण संस्थान, स्कूल, कॉलेज, दुकान, उद्योग आदि। कई लोग अपने बच्चों के लिये लैपटॉप और डेस्कटॉप खरीदते है जिससे अपनी पढ़ाई से संबंधित कार्य और कंप्यूटरीकृत विडियों गेमों का आनंद ले सकें।

विद्यार्थी के द्वारा कंप्यूटर का उपयोग

कंप्यूटर एक बड़ा शब्दकोश और बड़ा स्टोरेज डिवाइस है जो किसी भी तरह के डेटा को सुरक्षित रखने के लिये है जैसे- कोई भी जानकारी, पढ़ाई से संबंधित सामग्री, प्रोजेक्ट, फोटो, विडियो, गाना, खेल, आदि।

ये एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो गणना करने तथा बड़ी समस्याओं को सुलझाने में दक्ष है। ये हमारे कौशल को बढ़ाने में और आसानी से जानकारी प्राप्त करने में भी हमारी मदद करता है। ये एक डेटा आधारित मशीन है। ये हमें कई सारे टूल्स उपलब्ध कराता है जैसे- टेक्स्ट टूल्स, पेंट टूल्स आदि जो बच्चों के लिये बहुत फायदेमंद है और विद्यार्थी इसे अपमे स्कूली तथा प्रोजेक्ट कार्यों में काफी प्रभावपूर्ण रुप में उपयोग कर सकते हैं।

कंप्यूटर का महत्व

कार्य स्थल, शिक्षा के क्षेत्र में तथा निजी उपयोग के लिए कंप्यूटर का बहुत ही महत्व है। पुराने समय में हम सारे काम अपने हाथ से करते थे लेकिन आज कंप्यूटर की सहायता से खातों के प्रबंधन, डेटाबेस बनाने, आवश्यक जानकारी संग्रहीत करने जैसे विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। आजकल हर कोई इंटरनेट के जरिये कंप्यूटर पर काम करना आसान मानता है। वास्तव में आज के समय कंप्यूटर हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

हम इसका प्रयोग बड़े और छोटे गणितीय गणनाओं के लिये सटीक ढंग से कर सकते है। इसका उपयोग मौसम की भविष्यवाणी, किताब, न्यूज पेपर, डाइग्नोजिंग बिमारी की छपाई आदि के लिये किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल दुनिया के किसी भी कोने से ऑनलाइन रेलवे आरक्षण, होटल या रेस्टोरेंट की बुकिंग के लिये किया जाता है। बड़ी एमएनसी कंपनियों में भी इसका प्रयोग व्यापक है जिसमें खाता, इनवॉइस, पे-रोल, स्टॉक नियंत्रण आदि के लिये होता है।

निबंध 3 (500 शब्द) – कंप्यूटर: एक अद्भुत भेंट

तकनीकी उन्नति के आधुनिक संसार में, हमारे लिये विज्ञान के द्वारा कंप्यूटर एक अद्भुत भेंट है। इसने लोगों की जीवन शैली और आदर्श को बदल दिया है। कोई भी बिना कंप्यूटर के अपने जीवन की कल्पना भी नही कर सकता है क्योंकि यह कम समय बहुत से कार्यों को चुटकी में पूरा कर देता है। विकसित देशों के विकास में कंप्यूटर का एक बहुत बड़ा योगदान रहा है। ये केवल स्टोरेज और प्रौद्योगिकी डिवाइस नहीं है बल्कि ये किसी फरिश्ते की तरह है जो कुछ भी कर सकता है। कई लोगों द्वारा इसे मनोरंजन और संचार के लिये भी इस्तेमाल किया जाता है।

कम्प्यूटर क्या है ?

कम्प्यूटर एक यांत्रिक मशीन है, जिसमें अनेक प्रकार के गणित के सूत्रों एवं तथ्यों के आधार पर कार्य करता है। कम्प्यूटर बेहद ही कम समय में गणना करके तथ्यों को अपनी स्क्रीन पर दिखा देता है। कंप्यूटर आधुनिक युग के सबसे महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक है। आधुनिक युग को कंप्यूटर युग भी कहा जाता है। कंप्यूटर एक ऐसे यांत्रिक रचना का रूपात्मक , समन्वयात्मक योग और गुणात्मक समन्वय है जो तेज गति से कम-से-कम समय में ज्यादा-से-ज्यादा कार्य कर सकता है।

कम्प्यूटर के कार्य

कम्प्यूटर का मुख्य कार्य तो सूचनाओं को सहेजना और साझा करना ही है परन्तु आज कम्प्यूटर की सहायता से कई जटिल कार्य भी किये जाते हैं। यह विभिन्न कार्यों को तेज़ी से और अधिक सटीक रूप से पूरा करता है। ये कम समय लेकर ज्यादा से ज्यादा कार्य को संभव बनाता है। ये कार्य स्थल पर व्यक्ति के श्रम को कम कर देता है अर्थात कम समय और कम श्रम शक्ति पर उच्च स्तर का परिणाम प्रदान करता है।

ऊर्जा की बचत

ई-मेल, विडियो चैट, का उपयोग कर हम काफी कम समय में अपने मित्रों, रिश्तेदारों, माता-पिता या किसी भी व्यक्ति से जुड़ सकते है। कंप्यूटर में इंटरनेट का इस्तेमाल कर हम किसी भी विषय की जानकारी खोज या प्राप्त कर सकते है जो हमारे प्रोजेक्ट या शिक्षा संबंधी कार्यों के लिये मददगार हो। ये व्यापारिक लेनदेन के लिये भी बेहद आसान और सुरक्षित है। इसमें डेटा स्टोरेज की सुविधा की वजह से सरकारी, गैर-सरकारी, स्कूल, कॉलेज, आदि सभी जगहों पर कागजों की बचत होती है। इसके साथ ही कंमप्यूर द्वारा हम घर से ही ऑनलाइन खरीदारी, बिल जमा करना आदि जैसे कार्य कर सकते है, जिससे की हमारे समय तथा ऊर्जा दोनों की ही बचत होती है। जोंकि हमें इस बात का अहसास दिलाता है कि हम कमप्यूटर द्वारा उन कार्यों को भी तेजी से पूरा कर सकते हैं जोकि असंभव नही है लेकिन आसान भी नही है।

अपने पेशेवर जीवन में विद्यार्थियों की सहायता के साथ ही उनके कौशल को विकसित करने के लिये स्कूल, कॉलेज, और दूसरे शिक्षण संस्थानों में भारत सरकार द्वारा कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य बना दिया गया है। आज के आधुनिक समय की नौकरियों के लिये कंप्यूटर का जानकारी होना लगभग अनिवार्य हो चुका है। इसमें दक्ष होने के लिये उच्च शिक्षा में नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन, हार्डवेयर मेंटेनेंस, सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन आदि विषय काफी लोकप्रिय है।

निबंध 4 (600 शब्द) – पहला मेकैनिकल कंप्यूटर, नई पीढ़ी के कंप्यूटर व कंप्यूटर के लाभ

कंप्यूटर के आविष्कार ने बहुतों के सपनों को साकार किया है यहाँ तक कि हम अपने जीवन की कल्पना बिना कंप्यूटर के नहीं कर सकते। सामान्यतः ये एक ऐसा डिवाइस है जिसका इस्तेमाल कई सारे उद्देश्यों के लिये किया जाता है जैसे- सूचनाओं को सुरक्षित रखना, ई-मेल, मैसेजिंग, सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग, गणना, डेटा प्रौसेसिंग आदि। डेस्कटॉप कंप्यूटर पर कार्य करने के लिये सीपीयू, यूपीएस, कीबोर्ड, और माउस की जरूरत पड़ती है जबकि लैपटॉप में ये सब कुछ पहले से ही मौजूद रहता है। बड़ी मेमोरी के साथ ये एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो कोई भी डेटा को सुरक्षित रख सकता है। 21वीं सदी में हम एक प्रकार से कंप्यूटर की आधुनिक दुनिया में जी रहे है।

चार्ल्स बेबेज ने पहला मेकैनिकल कंप्यूटर बनाया

इससे पहले की पीढ़ीयों के कंप्यूटर बेहद सीमित कार्य क्षमता के थे जबकि आधुनिक समय के कंप्यूटर ढेर सारे कार्यों को अंजाम दे सकते हैं। चार्ल्स बेबेज ने पहला मेकैनिकल कंप्यूटर बनाया था जो आज के जमाने के कंप्यूटर से बहुत अलग था। कंप्यूटर के आविष्कार का लक्ष्य था एक ऐसी मशीन का निर्माण करना जो बहुत तेजी से गणितीय गणना कर सके। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ऐसी मशीनों की जरुरत थी जोकि दुश्मनों के हथियारों की गति और दिशा का अनुमान तथा उनकी सही स्थिति का पता लगा सके, जोकि कंप्यूटरों के निर्माण का एक अहम कारण बना। आज के कंप्यूटर कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक से युक्त है जो जीवन के हर क्षेत्र में हमारे सहायता का कार्य करते है।

नई पीढ़ी के कंप्यूटर

नई पीढ़ी के कंप्यूटर अत्यधिक उन्नत होते है अर्थात वह छोटे, हल्के, और तेज होने के साथ ही कार्यक्षमता के मामले में बहुत ही शक्तिशाली भी होते है। आज के समय में इसका इस्तेमाल लगभग हर व्यवसाय में हो रहा है जैसे- परीक्षा, मौसम की भविष्यवाणी, शिक्षा, खरीदारी, ट्रैफिक नियंत्रण, उच्च स्तर की प्रोग्रामिंग, रेलवे टिकट बुकिंग, मेडिकल क्षेत्र, व्यापार आदि। इंटरनेट के साथ ये सूचना तकनीक का मुख्य आधार है और इसने साबित किया कि आज के समय में कुछ भी असंभव नहीं है। इंसानों के लिये कंप्यूटर के सैकड़ों फायदे है तो साइबर अपराध, अश्लील वेबसाइट, जैसे नुकसान भी शामिल है जिसकी पहुँच हमारे बच्चों और विद्यार्थियों तक आसानी से हो जाती है। कुछ उपायों के द्वारा हम इसके नकारात्मक प्रभावों से बच सकते है।

कंप्यूटर के लाभ

आज कंप्यूटर ने हमारे जीवन और काम को काफी आसान बना दिया है। वास्तव में कंप्यूटर आधुनिक तकनीक का एक बहुत बड़ा आविष्कार है।

  • आज हम सभी बैंकों में कंप्यूटर के माध्यम से सारे कार्य आसानी से कर सकते है।
  • प्रिंटिंग बुक और न्यूज पेपर जैसे कार्यों में कंप्यूटर बहुत ही ज्यादा आवश्यक हैं।
  • बड़े शहरों में सड़कों के यातायात के नियम भी कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित किये जाते है।
  • आज के समय में अपराधियों के रिकॉर्ड रखने के लिए भी पुलिस कंप्यूटर का उपयोग करती है।
  • कंप्यूटर का इस्तेमाल खातों, स्टॉक, चालान और पेरोल इत्यादि को बनाए रखने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भी किया जाता है।

आज के समय में मानव प्रजाति की कंप्यूटर तकनीक पर निर्भरता काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। आज के समय में कोई भी व्यक्ति अपने जीवन की कल्पना बिना कंप्यूटर के नहीं कर सकता, क्योंकि इसने हर जगह अपने पैर पसार लिये है और लोग इसके आदि बन चुके है। यह हर विद्यार्थी के जीवन का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। वो इसका इस्तेमाल प्रोजेक्ट बनाने के लिये, कविता सीखने के लिये, कहाँनियों के लिये, परीक्षा संबंधी नोट्स डाउनलोड करने के लिये, सूचना इकट्ठा करने आदि जैसे कार्यों के लिये बेहद कम समय में कर सकता है। ये विद्यार्थियों के कौशल विकास में बढ़ोत्तरी के साथ ही नौकरी पाने में सहायता करने में भी काफी सहायक होता है।

Essay on Computer in Hindi

Related Information:

इंटरनेट पर निबंध

इंटरनेट का उपयोग पर निबंध

भारत के विकास में विज्ञान की भूमिका पर निबंध

FAQs: Frequently Asked Questions on Computer (कंप्यूटर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- जापान का सुपर कंप्यूटर “फुगाकू”।

उत्तर- मल्टीपेटाफ्लोप्स सुपर कंप्यूटर प्रत्यूष।

उत्तर- आईबीएम (इंटरनेशनल बिजनेस मशीन)।

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

कंप्यूटर: आज की आवश्यकता पर निबंध | Essay on Computer : Today’s Need in Hindi

computer ki atmakatha essay

कंप्यूटर: आज की आवश्यकता पर निबंध | Essay on Computer : Today’s Need in Hindi!

विज्ञान और तकनीक की अद्‌भुत खोजों ने मनुष्य के जीवन में एक क्रांति ला दी है। आज का युग विज्ञान का युग है । कंप्यूटर मनुष्य की इन्हीं अद्‌भुत खोजों में से एक है जिसने मानव जीवन को लगभग सभी क्षेत्रों में प्रभावित किया है ।

आज के युग को यदि हम कंप्यूटर का युग कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । शिक्षा मनोरंजन, चिकित्सा, यातायात, संचार आदि सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर ने अपनी उपयोगिता सिद्‌ध की है । शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर अत्यंत उपयोगी सिद्‌ध हो रहे हैं । विद्‌यालयों में धीरे-धीरे कंप्यूटर विषय अनिवार्य हो रहा है । छोटे शहरों एवं महानगरों में कंप्यूटर की शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूलों, शिक्षण संस्थानों आदि की बढ़ती संख्या कंप्यूटर की लोकप्रियता का साक्षात प्रमाण है ।

कंप्यूटर के माध्यम से पठन-पाठन का स्तर भी अच्छा हुआ है । आजकल अनेक ऐसे विद्‌यालय खोले जा रहे हैं जहाँ इंटरनेट के माध्यम से व्यक्ति घर बैठे ज्ञान प्राप्त कर सकता है । प्रबंधन, कानून व रिसर्च में संलग्न विद्‌यार्थियों के लिए कंप्यूटर एक वरदान सिद्‌ध हो रहा है । पुस्तकों के प्रकाशन में भी कंप्यूटरों की अनिवार्य भूमिका हो गई है ।

कार्यालयों में कंप्यूटर के माध्यम से कार्य करना अत्यंत सहज एवं सरल हो गया है। अब कार्यालय संबंधी सभी महत्वपूर्ण आंकडों व तथ्यों को ‘फाइल’ में सुरक्षित रखा जाता है जिससे समय की काफी बचत होती है । अनेक कार्य जिनमें कई व्यक्तियों की आवश्यकता होती थी अब वही कार्य एक कंप्यूटर के माध्यम से बहुत कम समय में ही संपन्न हो जाता है ।

यही कारण है कि अब प्रत्येक सरकारी तथा गैर-सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर का उपयोग अनिवार्य हो गया है । सभी व्यापारिक सूचनाएँ इसमें दर्ज होती हैं जिससे व्यापार करना सरल हो गया है ।

ADVERTISEMENTS:

कंप्यूटर के द्‌वारा संचार के क्षेत्र में एक क्रांति सी आ गई है । ‘ई-मेल’ के माध्यम से हजारों मील बैठे अपने संबंधी अथवा मित्र से लोग बहुत ही कम खर्च तथा समय से अपने संदेश भेज सकते हैं तथा ग्रहण कर सकते हैं । ‘इंटरनेट’ के माध्यम से मनुष्य हर प्रकार की जानकारी का आदान-प्रदान विश्व के किसी भी कोने से करने में सक्षम है । वास्तविक रूप में इंटरनेट का विस्तार असीमित है ।

अत: इसे हम एक विशिष्ट दुनिया के रूप में देख सकते हैं । यह न केवल सूचनाओं के आदान-प्रदान को संभव बनाता है अपितु व्यक्ति को उसके निजी समय या अवकाश के अनुसार किसी भी नवीनतम जानकारी को हासिल करने का स्वर्णिम अवसर प्रदान करता है ।

यातायात के क्षेत्र में भी कंप्यूटर की विशेष उपयोगिता है । हवाई मार्गों का निर्धारण एवं नियंत्रण, महानगरों की ‘रेड लाइट सिग्नल’ प्रणाली आदि कंप्यूटर की ही देन है । इसके अतिरिक्त अंतरिक्ष अनुसंधान, मौसम संबंधी जानकारी, मुद्रण आदि में कंप्यूटर का विशेष योगदान है ।

इस प्रकार हम देखते हैं कि आधुनिक युग में कंप्यूटर मनुष्य के जीवन के हर क्षेत्र से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ है । विज्ञान के इस अद्‌भुत उपहार को नकराना संभव नहीं है । यह आज की आवश्यकता दै । प्रारंभ में अवश्य ही यह एक विशिष्ट जनसमूह तक सीमित था परंतु सरकार के सकारात्मक रुख के कारण यह धीरे-धीरे विस्तार ले रहा है ।

परिणामस्वरूप यह हजारों मध्यवर्गीय लोगों की आवश्यकता बन गया है । हमारे देश में जहाँ बेरोजगारी व आर्थिक संकट के घने बादल हैं, ऐसे वातावरण में निसंदेह कंप्यूटर का विस्तार समय लेगा । परंतु जिस प्रकार इसकी आवश्यकता वढ़ रही है अथवा जिस तीव्रगति से कंप्यूटरीकरण हो रहा है उसे देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि बहुत शीघ्र ही यह दूरदर्शन की भाँति सभी घरों में अपनी जगह बना लेगा ।

Related Articles:

  • कंप्यूटर पर निबंध / Essay on Computer in Hindi
  • कंप्यूटर पर अनुच्छेद | Paragraph on Computer in Hindi
  • मानव जीवन और कंप्यूटर-क्रांति पर निबंध | Essay on Human Life and Computer Revolution in Hindi
  • सुपर कंप्यूटर की मंजिल पर निबंध | Essay on Super Computer in Hindi

বাংলা রচনা

কম্পিউটার রচনা (Computer Essay in Bengali) [PDF]

আধুনিক বিজ্ঞানের আবিষ্কার গুলির মধ্যে এক অন্যতম আবিষ্কার কম্পিউটার।কম্পিউটারের আবিষ্কার মানব সভ্যতায় এক আমূল পরিবর্তন এনে দিয়েছে। এ যেন এক যন্ত্র মস্তিষ্ক; মানুষের জটিল জটিল সমস্যা গুলি নিমিষে সমাধান করে দিতে পারে।

কিন্তু সব ভালো জিনিসেরই কিছু খারাপ দিক থাকে।কম্পিউটারও তার ব্যতিক্রম কিছু নয়।কম্পিউটারের ভালো,খারাপ,আবিষ্কারের ইতিহাস সব কিছু তুলে ধরে আজকের বিষয় কম্পিউটার রচনা বা কম্পিউটার ও আধুনিক জীবন রচনা।

কম্পিউটার রচনা বৈশিষ্ট্য চিত্র

সূচি তালিকা

শিল্প বিপ্লবের পর থেকে যন্ত্র বিজ্ঞানের জয়যাত্রা অব্যাহত রয়েছে।আশ্চর্য সব আবিষ্কারের মধ্য দিয়ে মানুষ দুর্বার শক্তির অধিকারী হয়েছে যন্ত্র শক্তিতে।বিজ্ঞানের যুগান্তকারী বিস্ময় ও এক আধুনিকতম আবিষ্কার হলো কম্পিউটার। কম্পিউটার-এর কোনো বাংলা প্রতিশব্দ নেই।কম্পিউটার নামেই এর পরিচয়।

টেবিলের উপর রাখা যায় এমন যন্ত্রটিকে আগে ইলেকট্রনিক যন্ত্র গণক বলা হত।কিন্তু বর্তমানে এই যন্ত্রটির কাজ শুধু গণনাতে সীমাবদ্ধ নয়।এই যন্ত্রের সাহায্যে কত রকমের কাজ হয়ে থাকে তা বলে শেষ করা যায়না।এ এক এমন যন্ত্র যা মানুষের কর্মজীবনের প্রতিটি ক্ষেত্রে অবলীলায় অক্ষরে অক্ষরে প্রতিটি হুকুম পালন করে।

কম্পিউটারের সংজ্ঞা:

কম্পিউটার কি আমরা সবাই প্রায় জানি। কম্পিউটার হল অনেকগুলো বৈদ্যুতিক যন্ত্রের সমাহার। যা বৈদ্যুতিক প্রবাহের মাধ্যমে যৌক্তিক কার্যাবলী সম্পাদন করে থাকে। কম্পিউটার বৈদ্যুতিক তরঙ্গকে নিজের সংকেতে রূপান্তর করে ব্যবহারকারী কর্তৃক কমান্ডের দ্বারা উদ্ভূত সমস্যার সমাধান করে থাকে।

কম্পিউটার শব্দটি একটি ল্যাটিন শব্দ কম্পিউট থেকে এসেছে। কম্পিউট শব্দের আভিধানিক অর্থ হলো গণনা করা। তাই আভিধানিকভাবে কম্পিউটার হলো একটি গণনা করার যন্ত্র। কিন্তু আজকাল এই কম্পিউটার এখন শুধু গণনা করার কাজের মধ্যে সীমাবদ্ধ নেই, বরং এর যন্ত্রটি এখন আরো নানা কাজে বহুল্ভাবে ব্যবহৃত হচ্ছে। 

কম্পিউটার তৈরির ইতিহাস:

কে তৈরি করল কম্পিউটার নামক জাদুর বাক্সটা? এ প্রশ্নের উত্তরে সবার আগে যার নাম আসে তিনি হলেন বিখ্যাত ব্রিটিশ গণিতজ্ঞ চালর্স ব্যাবেজ। তিনি হলেন আধুনিক কম্পিউটারের জনক। কিন্তু কম্পিউটার তৈরির ইতিহাস প্রায় আজ থেকে পাঁচ হাজার বছরের পুরোনো! প্রায় পাঁচ হাজার বছর আগে গ্রিক সভ্যতায় “অ্যাবাক্যাস” নামে এক ধরনের গণনা যন্ত্র আবিষ্কৃত হয়েছিল।

পরবর্তীকালে চীনসহ পৃথিবীর অনেক দেশেই ‘অ্যাবাক্যাস” ব্যবহৃত হতো। এর পর ১৬৪২ সালে ১৯ বছর বয়সী ফরাসি বিজ্ঞানী ব্লেইজ প্যাসকেল সর্বপ্রথম যান্ত্রিক ক্যালকুলেটর বা যন্ত্র গণক আবিষ্কার করেন। পরবর্তীতে চার্লস ব্যাবেজ গবেষণা করেছিলেন এই যন্ত্র গণক কে আরও জটিলতর কোনো কাজে লাগানো যায় কিনা।

কিন্তু প্রয়োজনীয় যন্ত্র ও মূলধনের অভাবে তিনি কাজ সফল করতে পারেননি। কম্পিউটার বিজ্ঞানের সত্যিকারের সূচনা হয় আল্যান টুরিং এর প্রথমে তাত্ত্বিক ও পরে ব্যবহারিক গবেষণার মধ্য দিয়ে। ১৮৩৩ সালে আধুনিক কম্পিউটারের সূত্রপাত হয়। 

কম্পিউটারের বিভিন্ন প্রকারভেদ:

কম্পিউটারের গঠন ও প্রচলন নীতির ভিত্তি করে একে তিনটি ভাগে ভাগ করা যায়। যথা –

  • অ্যানালগ কম্পিউটার
  • ডিজিটাল কম্পিউটার
  • হাইব্রিড কম্পিউটার

আকার, দাম ও ব্যবহারের গুরুত্বের উপর ভিত্তি করে ডিজিটাল কম্পিউটারকে আবার চার ভাগে ভাগ করা যায়। যথা:

  • সুপার কম্পিউটার
  • মিনি কম্পিউটার
  • মেইনফ্রেম কম্পিউটার
  • মাইক্রোকম্পিউটার

মাইক্রো কম্পিউটার দু ধরনের হয়ে থাকে, যথাঃ 

১)ডেস্কটপ ও ২)ল্যাপটপ

কম্পিউটার মগজ ও তার কার্যকারিতা :

কম্পিউটার ঠিক যেন যন্ত্র মস্তিষ্ক। আমাদের বিভিন্ন সমস্যার সমাধান করে তার মাথায় ধরে রাখা স্মৃতি অর্থাৎ তথ্যের প্রয়োগ ঘটিয়ে।তিনটি প্রধান অংশ নিয়ে গঠিত কম্পিউটারের এই মগজ।এই তিনটি অংশ হলো –

সেন্ট্রাল প্রসেসিং ইউনিট (সিপিইউ)- সিপিইউকে কম্পিউটারের মগজ বলা হয়। কারণ এই কম্পিউটারের এই অংশ যেকোনো সমস্যা সংক্রান্ত তথ্য নিয়ে কাজ করে।

ইনপুট – ইনপুটের কাজ হলো তথ্য অনুযায়ী নির্দেশ গ্রহণ করে। কী-বোর্ড, মাউস, ডিস্ক, স্ক্যানার, কার্ড রিডার, ডিজিটাল ক্যামেরা ইত্যাদি হলো ইনপুট যন্ত্রপাতি। 

আউটপুট – ইনপুটে পাওয়া নির্দেশকে ফলাফল হিসেবে প্রকাশ করে কম্পিউটারের আউটপুট অংশ। মনিটর, প্রিন্টার, ডিস্ক, স্পিকার, প্রোজেক্টর, হেড ফোন ইত্যাদি কম্পিউটারের আউটপুট যন্ত্রপাতি। 

কম্পিউটারে নির্দেশ ও তথ্য প্রদানের জন্য যে নির্দিষ্ট ভাষার প্রয়োগ করা হয়ে থাকে তাকে বলে প্রোগ্রামিং ল্যাঙ্গুয়েজ।আর যে সমস্ত তথ্য নিয়ে কম্পিউটার কাজ করে তাকে বলে ডেটা বা উপাত্ত। কম্পিউটারের সব থেকে বড় উপযোগিতা হচ্ছে এটি একসাথে অনেক তথ্য ও প্রোগ্রামের রদবদল করার মাধ্যমে নানারকম কাজ করতে পারে।

সেই সাথে আধুনিক কম্পিউটারের রয়েছে অত্যন্ত দ্রুত সমস্যা সমাধানের ক্ষমতা, বিপুল পরিমাণ উপাত্তকে সুন্দরকরে সাজিয়ে মস্তিষ্কে ধরে রাখার ক্ষমতা ও তথ্য বিশ্লেষণের নির্ভুল ক্ষমতা। ফলে দৈনন্দিন জীবনে কম্পিউটার তার বিচিত্র রকমের কাজ সম্পন্ন করার ক্ষমতার মাধ্যমে অনেক ভূমিকা পালন করছে। 

কম্পিউটারের ব্যাবহার:

কম্পিউটারের ব্যাবহার আমাদের দেশে সমস্ত ক্ষেত্রে, ব্যাক্তিগত ও সামাজিক জীবনে নিয়ে এসেছে এক বিরাট পরিবর্তন। কম্পিউটার কর্ম জীবনে ব্যাবহারিক ক্ষেত্রে খুলে দিয়েছে একের পর এক নতুন দিগন্ত।

অনেক জন মানুষের কাজ একমুহূর্তে নির্ভুল ভাবে করতে পারে কম্পিউটার। দৈনন্দিন জীবনে সবকাজেই রয়েছে কম্পিউটারের ব্যাবহার।ব্যাংকের কাজ নির্ভুল ও তাড়াতাড়ি করে দেয়। শেয়ার বাজারকে নির্ভুল প্রদর্শন করে।

স্কুল,কলেজ অফিস আদালত সমস্ত ক্ষেত্রে তথ্য জমার কাজ করে।চিকিৎসা বিজ্ঞানের ক্ষেত্রেও কম্পিউটারের ব্যাবহার উল্লেখযোগ্য।মুদ্রণ শিল্পে এক যুগান্তকারী পরিবর্তন এনে দিয়েছে কম্পিউটার। কম্পিউটারে উপলব্ধ ইন্টারনেট পরিষেবা গোটা পৃথিবীকে এনে দিয়েছে হাতের মুঠোয়।

শুধু কাজের ক্ষেত্রেই কম্পিউটারের ব্যাবহার সীমাবদ্ধ নয়।কম্পিউটারের প্রমোদ মূল্যও যথেষ্ট। অনলাইনে গেম খেলা,গান শোনা, সিনেমা দেখা প্রভৃতি কাজে কম্পিউটার ব্যাবহার করে থাকি আমরা। টিকিট বুকিং, পরীক্ষার ফল প্রকাশ থেকে পাত্র পাত্রী নির্বাচন, অপরাধী খোঁজা সবকিছুতেই কম্পিউটার -তাই নিঃসন্দেহে বলা যায় আধুনিক সভ্যতা কম্পিউটার ছাড়া অচল।

বিভিন্ন ক্ষেত্রে কম্পিউটারের ভূমিকাঃ

আমাদের নিত্যদিনের বিভিন্ন ক্ষেত্রে কম্পিউটার অনেক অবদান রাখছে। কম্পিউটার আমাদের দৈনন্দিন জীবনকে করেছে আরো বেশি সহজ ও দ্রুত। শিক্ষা, চিকিৎসা, কৃষি, যোগাযোগসহ আরো অনেক ক্ষেত্রে কম্পিউটার তার অবদান রেখে চলছে। 

ক। শিক্ষাক্ষেত্রে কম্পিউটারঃ বিভিন্ন ক্ষেত্রে কম্পিউটার অবদান বর্ণনা করতে হলে শুরুতেই শিক্ষক্ষেত্রে কম্পিউটারের ভূমিকা নিয়ে বলতে হবে। আধুনিক শিক্ষাপদ্ধতির অনন্য বাহন কম্পিউটার। কম্পিউটারের মাধ্যমে বিশ্বের অনেক দেশে শিক্ষাদান করা হচ্ছে।

কম্পিউটারের অনলাইন ক্লাসরুম, ডিজিটাল ক্লাসরুম ব্যবস্থা শিক্ষাক্ষেত্রে এনেছে নতুন এক অধ্যয়। বিজ্ঞান, ভূগোল, ইতিহাস ইত্যাদি বিষয়ে নানারকম চিত্র ও ভিডিও প্রদর্শনির মাধ্যমে ক্লাস নেওয়া হচ্ছে, ফলে ছাত্র ছাত্রীরা নানাভাবে উপকৃত হচ্ছে। পরীক্ষার ফলাফল তৈরি, উচ্চশিক্ষায়, বিভিন্ন গবেষণায় এমনকি শিক্ষার বাহন পুস্তক প্রকাশনাতেও কম্পিউটার অবদান রেখে চলছে প্রতিদিন। 

খ। চিকিৎসাক্ষেত্রে কম্পিউটারঃ   কম্পিউটার চিকিৎসাক্ষেত্রে অসামান্য অবদান রাখছে।  সনাতন চিকিৎসা পদ্ধতিতে আধুনিক চিকিৎসা ব্যবস্থায় রূপ দেওয়ার পেছনে রয়েছে কম্পিউটার। এর মাধ্যমে ওষুধ প্রদান, অনলাইন ডাক্তার দেখানে থেকে শুরু করে চিকিৎসাক্ষেত্রে নতুন নতুন গবেষণা হচ্ছে।

এছাড়াও বিভিন্ন মহামারির নিয়ন্ত্রণ যেমন সহজ হয়েছে তেমনি বড় বড় কঠিন অস্ত্রপাচারও আজকাল কম্পিউটারের মাধ্যমে সম্পন্ন হচ্ছে। ফলে রোগ প্রতিরোধ যেমন আগে থেকে সহজ হয়েছে তেমনি প্রতিকারেও কম্পিউটার রাখছে অবদান।

গ। যোগাযোগ ক্ষেত্রে কম্পিউটারঃ কম্পিউটারকে আরো প্রাণ দিয়েছে বর্তমান ইন্টারনেট ব্যবস্থা। এর মাধ্যমে ঘরে বসেই আমরা পৃথিবীর অন্যপ্রান্তে থাকা কাছের মানুষের সাথে যেমন কথা বলতে পারছি, তেমনি তাদেরকে দেখতেও পাচ্ছি। শুধু কি তাই? কম্পিউটারের মাধ্যমে আমরা চিঠি লিখতে পারছি খুব সহজেই, যা কয়েক সেকেন্ডের মধ্যে পাঠিয়ে দেওয়া যায় প্রাপকের কাছে। 

কম্পিউটার ও বেকার সমস্যা:

কম্পিউটার নামক যন্ত্র দানবের ক্ষমতা অপরসীম। অনেকজন মানুষের কাজ একাই কম সময়ে কম খরচে নির্ভুল ভাবে করতে পারে কম্পিউটার তাই দিন দিন বাড়ছে বেকারত্ব। কল্প বিজ্ঞানীদের আশঙ্কা মানুষের দ্বারা আবিষ্কৃত এই যন্ত্র দানবকে দিয়ে কাজ করাতে করাতে একদিন এমন সময় আসবে,যখন কাজের ক্ষুধায় উন্মত্ত দানব তার সৃষ্টিকর্তা মানুষকেই করবে ক্রীতদাস।

মানুষের কাজ করতে করতে কম্পিউটার বিশাল সংখ্যক মানুষকে করবে বেকার। তবে এই মন্দদিকের বাইরেও কম্পিউটারের সাহায্যে অনেক বেকার যুবক ঘরে বসে তাদের বেকার সমস্যা দূর করতে পারছে। ফ্রিল্যান্সিং, আউটসোর্সিং করে তারা ঘরে বসেই আয় করতে পারছে।

পৃথিবীতে ফ্রিল্যান্সিং ও আউটসোর্সিং এর বাজার দিন দিন বেড়েই চলছে। ফলে নিজেদের সময়, দক্ষতা ও কম্পিউটারকে কাজে লাগিয়ে বেকার সমস্যাও দূরীভূত হচ্ছে। 

কম্পিউটারের অপব্যবহারঃ

কম্পিউটার নিঃসন্দেহে বিজ্ঞানের একটি বিশাল বড় আবিষ্কার। সকল জিনিসের যেমন ভালো দিক আছে, তেমনি তাদের কিছু মন্দ দিকও থাকে। যেকোনো কিছুর অপব্যবহার নিঃসন্দেহে সেই আবিষ্কারকে করে ফেলতে পারে মানুষের জন্য অভিশাপ।

কম্পিউটারের অপব্যবহারের মাধ্যমে সাইবার অপরাধ, হ্যাকিং ইত্যাদি বৃদ্ধি পাচ্ছে। ফলে মানুষের ব্যক্তিগত তথ্য হাতিয়ে নিতে পারছে বেশ কিছু অসাধু মানুষ। এছাড়াও একটানা কম্পিউটারের সামনে বসে থাকার ফলে মানুষের পিঠে ব্যাথা, চোখে সমস্যাসহ আরো অন্যান্য শারীরিক ও মানসিক সমস্যার সৃষ্টি হচ্ছে।

ছাত্র ছাত্রীদের জন্য কম্পিউটার যেমন তাদের শিক্ষাগ্রহণের পদ্ধতিকে আরো সহজ করেছে তেমনি কম্পিউটারের নেশা ছাত্রছাত্রীদেরকে তাদের পড়ালেখা থেকে দূরেও ঠেলে দিচ্ছে। অধিক সময়ে কম্পিউটারের স্ক্রিনে তাকিয়ে থাকায় তারা বেশ কিছু মানসিক সমস্যাতেও ভুগছে। এছাড়া কম্পিউটার প্রযুক্তিকে ব্যবহার করে সন্ত্রাসি, চাঁদাবাজি, ব্লেকমেলসহ আরো অনেক ধরণের অপরাধ বেড়ে চলছে। 

কম্পিউটার আশির্বাদ না অভিশাপ এই নিয়ে যে দ্বন্দ্ব তার অবসান হয়তো কোনোদিনও ঘটবেনা।এ ক সরকারি সমীক্ষায় দেখা গেছে কম্পিউটার ব্যাবহারের ফলে সরকারি ক্ষেত্রে চাকরি সংখ্যা ক্রমশই হ্রাস পেয়েছে যা প্রায় ৩০ শতাংশ।

কিন্তু পাশাপাশি অন্য ক্ষেত্রে চাকরির সুযোগ কিছু বেড়েছে।কম্পিউটারের মতো এক অন্যতম প্রযুক্তি বিজ্ঞানকে বাদ দিয়ে আধুনিক সভ্যতা একবারেই অচল।

ব্যাবহারের পার্থক্যের কারণে কখনও কখনও ক্ষতির কারণ হয়ে দাঁড়ালেও সব মিলিয়ে কম্পিউটার আধুনিক জীবনে এক শুভ পরিবর্তন এনেছে তা স্বীকার করতেই হবে।

কম্পিউটার/ কম্পিউটার ও আধুনিক জীবন প্রবন্ধ রচনাটি পড়ে আপনার কেমন লাগলো আপনার ব্যাক্তিগত মতামত কমেন্টের মাধ্যমে আমাদের জানান।আমরা সব সময় সচেষ্ট থাকি সবার থেকে সুন্দর ও আপনার মনের মতো করে একটি রচনা তুলে ধরার।

এখানে নেই এমন রচনা পাওয়ার জন্য রচনাটির নাম কমেন্ট করে জানান।দ্রুততার সঙ্গে আমরা উক্ত রচনাটি যুক্ত করার চেষ্টা করবো।সম্পূর্ণ রচনাটি পড়ার জন্য আপনাকে অসংখ্য ধন্যবাদ।

আরও পড়ুন: টেলিভিশন বা দূরদর্শন রচনা ইন্টারনেট রচনা মোবাইল ফোন রচনা

Print Friendly, PDF & Email

সম্পর্কিত পোস্ট

  • মোবাইল ফোন রচনা [Mobile Phone Essay in Bengali] [PDF]
  • দৈনন্দিন জীবনে বিজ্ঞান রচনা | Doinondin Jibone Biggan Rochona [PDF]
  • মানব কল্যাণে বিজ্ঞান প্রবন্ধ রচনা [সঙ্গে PDF]
  • বিদ্যুৎ ও আধুনিক জীবন / প্রাত্যহিক জীবনে বিদ্যুৎ রচনা [PDF]
  • ইন্টারনেট রচনা [Internet Essay in Bengali with PDF]
  • টেলিভিশন বা দূরদর্শন রচনা (Television Essay In Bengali) [With PDF]

“কম্পিউটার রচনা (Computer Essay in Bengali) [PDF]”-এ 1-টি মন্তব্য

আপনাকে ধন্যবাদ। আমি বাংলাদেশী। ইলেকট্রনিক্স-এ ডিপ্লোম করে এখন ইইই-তে বিএসসি করছি। আপনার বাংলা কন্টেটি আমার স্টুন্ডেটদের বেশ কাজে লেগেছে।

মন্তব্য করুন জবাব বাতিল

পরবর্তিতে ব্যবহারের জন্য আপনার নাম, ইমেইল ঠিকানা এবং ওয়েব ঠিকানা এই ব্রাউজারে সংরক্ষণ করুন।

computer ki atmakatha in hindi essay

computer ki atmakatha in hindi essay

  • वस्तुनिष्ठ इतिहास
  • हिंदी कहानी
  • हिंदी निबंध
  • प्रश्न-पत्र
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

hindi sarang

हिंदी आत्मकथात्मक साहित्य की सूची | hindi aatmkatha

hindi-aatmkatha-list

हिंदी आत्मकथा साहित्य

अन्य गद्य विधाओं की ही भाँति आत्मकथा (hindi aatmkatha) नामक साहित्यिक विधा का भी आगमन पश्चिम से हुआ। वहीं से विस्तारित होकर हिंदी साहित्य में प्रमुख विधा बन गई। aatmkatha के लिए अंग्रेजी में Autobiography शब्द प्रयुक्त होता है। नामवर सिंह ने अपने एक व्याख्यान में कहा था कि ‘अपना लेने पर कोई चीज परायी नहीं रह जाती, बल्कि अपनी हो जाती है।’ हिंदी आत्मकथाकारों ने यही किया। हिन्दी साहित्य में बनारसीदास जैन कृत ‘अर्द्धकथानक’ को हिंदी की पहली आत्मकथा माना जाता है। इसकी रचना सन् 1641 ई. में हुई थी। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने इसे निर्विवाद रूप से हिंदी साहित्य में आत्मकथा की विधा की पहली किताब मानते हुए इसका महत्व स्वीकार किया है। नीचे आत्मकथाओं का कालक्रमानुसार सूची दी गई है-

हिन्‍दी आत्‍मकथाओं की सूची (कालक्रमानुसार)

हिंदी की प्रमुख aatmkatha और उसके लेखक निम्नलिखित हैं-

  • कमलेश्वर ने  ‘गर्दिश के दिन’ (1980) में भारतीय भाषाओं  के 12 साहित्यकारों के आत्मकथ्य का सम्पादन किया है।
  • विष्णुचन्द्र शर्मा ने 1984 में ‘मुक्तिबोध की आत्मकथा’ लिखा।
  • सूर्यप्रसाद दीक्षित ने ‘निराला की आत्मकथा’1970 में लिखा है।

आत्मकथा विधा से संबंधित कुछ प्रश्न

1. हिंदी की प्रथम आत्मकथा उसके लेखक का नाम है-

(A) अर्द्ध कथानक- बनारसीदास जैन ✅

(B) जीवनचरित्र- दयानन्‍द सरस्वती

(C) सत्य के प्रयोग- महात्मा गांधी

(D) मेरी राम कहानी- भाई परमानन्द

2. ‘अपनी खबर’ आत्मकथा के लेखक कौन है-

(A) भीष्म साहनी

(B) श्यामसुंदर दास

(C) रामविलास शर्मा

(D) पाण्‍डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ ✅

3. वृन्दावनलाल वर्मा की आत्मकथा है:

(A) अपनी खबर

(B) तिरस्कृत

(C) अपनी कहानी ✅

(D) मुक्त गगन में

4. ‘अर्धकथानक’ किस भाषा की रचना है?

(C) बुंदेली

(D) राजस्थानी

5. इनमें से कौन-सी रचना आत्मकथा है?

(A) मैं आईना हूँ

(B) पहला पड़ाव

(C) मेरे सात जनम ✅

(D) आत्मदाह

6. निम्नलिखित में से कौन-सी कृति आत्मकथा है?

(A) कलम का सिपाही

(B) चीड़ों पर चाँदनी

(C) अर्द्धकथानक ✅

(D) बाणभट्ट की आत्मकथा

7. रचनाकाल की दृष्टि से निम्नलिखित आत्मकथाओं का सही अनुक्रम है:

(A) मेरी जीवन यात्रा, अर्धकथा, क्या भूलूँ क्‍या याद करूँ, टुकड़े-टुकड़े दास्तान

(B) अर्धकथा, मेरी जीवन यात्रा, क्या भूलूँ क्‍या याद करूँ, टुकड़े-टुकड़े दास्तान ✅

(C) टुकड़े-टुकड़े दास्तान, मेरी जीवन यात्रा, अर्धकथा, क्या भूलूँ क्या याद करूँ

(D) क्‍या भूलूँ क्‍या याद करूँ, टुकड़े-टुकड़े दास्तान, अर्धकथा, मेरी जीवन यात्रा

8. निम्नलिखित आत्मकथाओं को उनके लेखकों के साथ सुमेलित कीजिए:

      (a)    (b)    (c)    (d)

(A)    (iii)   (ii)    (i)    (v)

(B)    (iv)   (iii)   (i)    (ii) ✅

(C)   (v)    (iv)   (iii)   (i)

(D)   (i)    (ii)    (iii)   (iv)

RELATED ARTICLES MORE FROM AUTHOR

संस्कृत के कवि और उनकी रचनाएँ, रंगों का पर्व होली और हिंदी कविता | holi 2022, भक्तिकाल के प्रमुख संत कवि और उनकी रचनाएँ | sant kavya.

आपकी इस सूची में एक आत्मकथा रह गई है। भारतेंदु युग या कहें उत्तर भारतेंदु युग के पुरोधा साहित्यकार व प्रमुख संपादक लज्जाराम मेहता (1863-1931) की लिखी आत्मकथा ‘आपबीती’ लिखी गईं 1928 में और उनकी मृत्यु 1931 के बाद 1932 में श्रीवेंकटेश्वर प्रेस मुंबई से मुद्रित हुई। लज्जाराम मेहता, पूर्व प्रेमचंद युग के प्रमुख यथार्थवादी सामाजिक उपन्यासकार थे। उन्होंने 23 पुस्तकें लिखी, सब प्रकाशित हैं। उनका अंतिम उपन्यास ‘आदर्श हिंदू’ 1915 में काशी नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा तीन जिल्दों में मनोरंजन पुस्तकमाला के नं. 4, 5, 6 क्रम में मुद्रित हुआ है। आपकी सभी पुस्तकें भारत के सभी बड़े व पुराने पुस्तकालयों में हैं। लज्जाराम मेहता ने 1890-1894 में साहित्यिक समाचार पत्र ‘सर्वहित’ का संपादन किया। फिर 1897-1905 में ‘श्रीवेंकटेश्वर समाचार’ मुंबई का संपादन किया। इसमें महावीर प्रसाद द्विवेदी का पहला लेख भी प्रकाशित हुआ। आशा है कि यह जानकारी आपके Hindi Sarang को समृद्ध करने में सहायक होगी। धन्यवाद। धीरेन्द्र ठाकोर

हिंदी साहित्य का विस्तार विपुल है, ऐसे में बहुत संभव है कि आत्मकथा में भी कुछ रचनाएँ छूट गयी हों. लेकिन हिंदी साहित्य की समृद्धि में और इनको उचित तरीके से ऑनलाइन मंच और रखने के लिए हिंदी सारंग टीम को दिल से बधाई. आशा है आप आगे भी इस तरह से चीजों को व्यवस्थि रूप से रखते हुए इस मंच की प्रभावशीलता और बढ़ाते रहेंगे और लोगों को लाभान्वित करते रहेंगे.

Comments are closed.

Popular Posts

 width=

छायावादी युग के कवि और उनकी रचनाएं | Chhayavadi kavi

 width=

रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृतियाँ | reetikal

 width=

उपसर्ग की परिभाषा, भेद और उदाहरण | upsarg

 width=

शब्द शक्ति की परिभाषा और प्रकार | shabd shkti

 width=

संप्रेषण की अवधारणा और महत्त्व | concept and importance of communication

Hindi Essay on “Ek Pustak ki Atmakatha”, “एक पुस्तक की आत्मकथा”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

एक पुस्तक की आत्मकथा

Ek Pustak ki Atmakatha

मैं पाँचवी कक्षा की हिंदी की पुस्तक हूँ। राष्ट्रभाषा हिंदी का सभी आदर करते। हैं परंतु वरुण मेरा बिलकुल ध्यान नहीं रखता। वरुण के माता-पिता ने मुझे ।  वर्ष के आरंभ में दुकान से लिया और सुंदर कवर चढ़ा वरुण को सौंप दिया।

यहीं से मेरी दुर्भाग्य की कथा शुरू हुई। वरुण जहाँ-तहाँ कलम से लकीरें खींच देता था। मेरी कविताओं के पन्नों पर बनी सुंदर तस्वीरों को वह अपने रंगों से भद्दा और भ्रष्ट कर देता था। उसने सभी महान व्यक्तियों की दाढ़ी-मूंछ बना उनका भी अपमान किया।

अब तो सहनशक्ति भी साथ छोड़ने लगी है। मेरी सुंदर काया वरुण के खाने में से निकले तेल से पीली पड़ गई है। कभी-कभी तो मेरे पन्ने दूसरी पुस्तकें के बीच दबकर मुड़ भी जाते हैं। कोई अपनी पुस्तक पर कैंची चला सकता है, ऐसा सोचकर तो मैं काँप ही उठती हूँ।  छिन्न-भिन्न हिंदी की कक्षा के बाद भी मैं वरुण के टेबल पर रखी बस्ते  में जाने की प्रतीक्षा करती हूँ। आते-जाते बच्चों के तेज़ हाथ कभी तो मुझे धूल भी चटा देते हैं। यदि ज्ञान का भंडार होने की यही सज़ा है तो मैं कभी पुस्तक नहीं बनना चाहूंगी। वह चाहे मेरा कितना भी अपमान कर ले परंतु परीक्षा के समय उसे मेरी आवश्यकता होगी। उस समय उसका साथ देकर मैं यह सिद्ध कर दूंगी कि मैं विद्यार्थियों की सच्ची साथिन हैं।

Related Posts

Hindi-Essays

Absolute-Study

Hindi Essay, English Essay, Punjabi Essay, Biography, General Knowledge, Ielts Essay, Social Issues Essay, Letter Writing in Hindi, English and Punjabi, Moral Stories in Hindi, English and Punjabi.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

पुस्तक की आत्मकथा हिंदी निबंध- Essay on Pustak ki Atmakatha in Hindi

In this article, we are providing an Essay on Pustak ki Atmakatha in Hindi पुस्तक की आत्मकथा निबंध हिंदी | Nibandh in 200, 300, 500, 600, 800 words For Students. Pustaki  Ki Atmakatha Hindi Nibandh

Pustak ki Atmakatha

( Essay-1 ) Nibandh Pustak Ki Atmakatha in Hindi

रामायण पढ़ते-पढ़ते मुझे नोंद सी आने लगी । पुस्तक हाथ से छूट कर नीचे गिरी । धड़म्म की आवाज़ से नींद टूट गई। देखा तो पुस्तक नीचे पर पड़ी थी।

अपना अपमान देख कर उसने मुझे डांटते हुए कहा, तुम्हारे पूर्वजों के लिए मैं दुष्प्राप्य थी । क्योंकि उस समय में भोजपत्र या ताम्रपत्र पर लिखी जाती थी । मानव अपने मनोभावों को मुझ पर उंडेल देता था । मैं इन्हें अपने हृदय में संजोए रखती थी। उस समय मेरा मूल्य आज के मूल्य से सौ गुना अधिक था । उस समय मेरा बड़ा सम्मान और आदर था । राजमहलों और देवालयों के पुस्तकालयों की शोभा को मैं द्विगुणित करती थी। मेरे बिना बड़े से बड़ा पुस्तकालय भी अधूरा समझा जाता था । मैं आज के समान सर्वसुलभ नहीं थी । बड़े से बड़े सेठ को भी मुझे प्राप्त करने के लिए प्रयास करना पड़ता था ।

समय ने पलटा खाया । मनुष्य के हाथ लगा कागज का आविष्कार । उसने घास फूस, चिथड़े, केले के डंठल, खड़िया मिट्टी आदि को पानी में गला कर मशीनों द्वारा कागज का निर्माण किया । अब मैं नवीन सज-धज के साथ पाठकों के सामने आई । मेरे इस आकार में प्राचीनता का चिन्ह नहीं था। पर इस लम्बी यात्रा को तय करने में मुझे बड़ा कष्ट हुआ । स्मरण रखो कि दुःख के बाद ही तो सुख मिलता है । छेद होने के बाद ही बांसुरी में से मनमोहक गीत निकलते हैं । इसलिए मैंने समस्त दुःख सहर्ष सहे । इस के बाद मुझे कांट-छांट करके व्यापारी के पास भेज दिया गया। वहां मुझे अलमारी में झाड़-पोंछ कर रख दिया गया । अब मैं बन्दी बन गई ।

एक दिन एक धार्मिक व्यक्ति आया और वह मुझे खरीद कर ले गया । उसके कोमल हाथों का स्पर्श पा कर मैं आनन्द-विभोर हो गई । मुझे ऐसा लगा कि वास्तव में मुझे चाहने वाला अब मिला है । मैं अपने भाग्य की सराहना करने लगी । वह एकान्त में बैठ कर मेरे रस का पान करता । कभी वह रो पड़ता और कभी हंस पड़ता । पढ़ने के बाद वह मुझे बनारसी साड़ी में बांध कर अलमारी में रख देता । इस समय भी मेरा मूल्य बहुत अधिक था क्योंकि मेरे निर्माण में मनुष्य की पर्याप्त परिश्रम करना पड़ता था । साधारण जन को तो मैं अब भी सुलभ नहीं थी । मेरे निवास स्थान भी मन्दिर पुस्तकालय, आचार्यों के अध्ययन कक्ष व विद्यालय ही थे ।

अब आधुनिक यांत्रिक युग आया । अब विद्य तू चालित यन्त्रों से मुझे छापा जाने लगा। अब मेरे रूप में निखार आ गया। जो भी मुझे देखता है वह लट्टू हो जाता है । मैं अपने रूप पर इतराने लगी। पर मुझे क्या पता था कि मेरा सम्मान घटने वाला है । आसानी से मिलने वाली वस्तु का सम्मान घटना स्वाभाविक ही है । अब मैं सर्वजन सुलभ हू । किसानों-मज़दूरों की झोंपड़ियों में भी अब मैं विराजमान हूँ । पहले मैं उनके गोबर से सने हाथों के स्पर्श से हिचकिचाती थी। पर अब मैंने अपने आप को बदल लिया है। अब मैं समाजवादी हूं क्योंकि आज का युग समाज- बाद का युग है । अब मैं राजा महाराजाओं की सम्पत्ति न बन कर जनसाधारण की बन गई हूं ।

मेरा शरीर भले नश्वर हो, पर मेरी आत्मा अमर है । इसी कारण देश-विदेश में मेरा सम्मान है । जन-जन के हृदय का मैं हार बनी हुई हू । प्रत्येक भारतीय की मैं बाचारसंहिता हूँ । मानव को सुख-शांति का सन्देश देने वाली एकमात्र पुस्तक हूँ। मुझे विश्वास है कि धार्मिक पुस्तक होने के कारण मेरा सम्मान सदा एक सा बना रहेगा।

Phool ki Atmakatha in Hindi Essay

Essay on Ped Ki Atmakatha in Hindi

Essay on Nadi Ki Atmakatha in Hindi

Essay on Kisan ki Atmakatha in Hindi

( Essay-2 ) Pustak ki Atmakatha Nibandh

दुनिया पुस्तक से शुरू होकर वापस पुस्तक पर खत्म हो जाती है। हम कितना कुछ सीखते हैं पुस्तक से, बचपन से बुढ़ापे तक हम सीखते ही रहते है, अच्छी पुस्तक किस्मतों को बदलने का दम रखतीं है। डिजिटल समय के कारण दुनिया ने अब किताबों को रख दिया है और मोबाइल फोन को हाथ में ले लिया है।

टेक्नोलॉजी की ये दुनिया स्पीड तो देती है लेकिन सहूलियत और मन के सुकून को हमसे छीन लेती है। आज मैं आपको अपनी आत्मकथा बताऊंगी। मैं कुछ कागजों से बनकर तैयार होती हूँ, मेरा नाम किताब है, मैं इस बड़ी सी दुनिया की एक छोटी सी बस्तु हूँ।

वैसे तो मैं हर किसी के घर मे रहती हूँ लेकिन मेरा घर पुस्तकालय है। मेरा जन्म करोड़ो वर्ष पहले हुआ था जहां मैं पेड़ के सूखे पत्तों का समूह हुआ करती थी, लेकिन आज के समय में मैं घास की लुगदी से बने कागज से बनती हूँ, मैं अनेक रंगों में बटी रहती हूं।

मुझमें अनेकों कहानियां, कविताएँ, उपन्यास, ज्ञानवर्धक तथ्य लिखे रहते हैं, बच्चे मुझे पढ़कर ज्ञान प्राप्त करते हैं और बूढ़े भी मुझे पढ़कर अपने ज्ञान में बढ़ोत्तरी करते हैं। मैं लोगों का मनोरंजन भी करती हूँ और समय-समय पर उन्हें सही और गलत का आभाष भी कराती हूँ।

लोग मुझे मां सरस्वती का अंग मानते हैं और मेरी पूजा करते हैं, मैं भी बिना किसी भेदभाव के दुनिया को बराबर ज्ञान देती हूँ। महाऋषियों ने मुझमें अनेकों मंत्र और महाकाब्य लिखे। बड़े-बड़े ग्रंथ मुझमें ही लिखे गए है। मैं धर्म और संस्कृति की धरोहर हूँ। मैंने करोड़ों वर्ष पुराने इतिहास को कुछ पन्नो में मानवजाती के सामने रख दिया।

किसी ने कहा था कि – किताबेंं मनुष्य की सबसे अच्छी दोस्त हैं, लेकिन आज की भीड़ भरी दुनिया में मैं अकेली रह गई हूँ जहाँ बहुत कम लोग ही मेरे दोस्त हैं। आज मैं पुस्तकालय की चार-दीबारों में बन्द पड़ी रहती हूं, मुझे बहुत कम लोग ही हाथ लगाते है, मेरे पृष्ठों पर मिट्टी लग गई है और और मेरे पन्नो को चूहों ने कुतरना शुरू कर दिया है।

आज आधुनिक समय मे दुनिया ने बहुत सारी तरक्की कर ली है जहां मेरी जगह अब तमाम इलेक्ट्रॉनिक बस्तुएं (मोबाइल, टेलीविजन, लैपटॉप) आ गईं है जिन्होंने मुझे लोगों से दूर कर दिया है। जहां से मैं अब अकेली पड़ चुकी हूँ, मुझे इंतजार है अब दोबारा से जब लोग सहूलियत से बैठकर मुझे खोलेंगे और पढ़ेंगे।

मैं चाहती हूँ कि ये तेज रफ्तार दुनिया प्रगति करे लेकिन इस तरह भाग कर नही, भागने में लोग एक दूसरे से बिछड़ जाते हैं, जहां लोगों के हाथों में सफलता तो आती है लेकिन अपनापन खत्म हो जाता है। वो भाव खत्म हो जाते हैं जो दुनिया को चलाने के लिए जरूरी हैं और वो भाव कभी भी मोबाइल नही दे सकता। उसके लिए आपको मेरे पृष्ठों को एक बार फिर से खोलना होगा।

बदलती दुनिया को फिर से किताबों की ओर लौटना चाहिए क्योंकि जो जानकारी और खुशी किताबें देतीं हैं वो मोबाइल फोन कभी नही दे सकती। बच्चे हों या बूढ़े सभी जीवनपर्यंत किताबों से ही सीखते रहते हैं। किताबें धीरे-धीरे मनुष्य को सफलता के रास्ते तक ले जाती है और अज्ञान रूपी धूल को जीवन से हटाकर और ज्ञान का प्रकाश जीवन मे उजागर करती हैं।

———————————–

दोस्तों आपके इस लेख के ऊपर Pustak ki Atmakatha in Hindi (पुस्तक की आत्मकथा) पर क्या विचार है और आपने अभीतक कितनी किताबे पढ़ रखी हैं? हमें नीचे comment करके जरूर बताइए।

‘ पुस्तक की आत्मकथा ‘ ये हिंदी निबंध class 1,2,3,4,5,7,6,8,9 and 10  के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

पुस्तक पर निबंध।

पुस्तक की आत्मकथा in Hindi

पुस्तक पर भाषण।

पुस्तक की आत्मकथा 500 शब्दों में

Autobiography of a Book in Hindi

पुस्तक की आत्मकथा in Hindi in short

Essay on Importance of Books in Hindi

Essay on My Favorite Book in Hindi

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sophia Melo Gomes

  • Our Services
  • Additional Services
  • Free Essays

Finished Papers

Customer Reviews

Dr.Jeffrey (PhD)

Home

PenMyPaper

Earl M. Kinkade

Why is writing essays so hard?

Patterns and boring topics imposed by schools and universities are not very conducive to creativity and human development. Such essays are very difficult to write, because many are not interested in this and do not see the meaning of the text. There are a number of criteria that make it impossible to write essays:

  • Boring and incomprehensible topics. Many topics could be more interesting, but teachers formulate them in a way that makes you want to yawn.
  • Templates. 90% do not know how to make an essay interesting, how to turn this detailed answer to a question into a living story.
  • Fear of not living up to expectations. It seems to many that the essay is stupid and that they simply did not understand the question. There is a fear of getting a bad mark and disappointing the professor, parents and classmates. There is a fear of looking stupid and embarrassing in front of the team.
  • Lack of experience. People don't know what and how to write about. In order to make a good essay, you need to have a perfect understanding of the topic and have the skills of a writer.

That is why the company EssaysWriting provides its services. We remove the responsibility for the result from the clients and do everything to ensure that the scientific work is recognized.

Customer Reviews

Finished Papers

Affiliate program

Refer our service to your friend and receive 10% from every order

computer ki atmakatha essay

Check your email inbox for instructions from us on how to reset your password.

Customer Reviews

Chate Ki Atmakatha in Hindi

Chate Ki Atmakatha in Hindi: छाते की आत्मकथा

क्या आप भी “Chate Ki Atmakatha in Hindi ”  की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप Chate Ki Atmakatha in Hindi Small, Ek Chate Ki Atmakatha in Hindi, Chate Ki Atmakatha in Hindi E ssay, Chate Ki Atmakatha in Hindi Nibandh यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.

Chate Ki Atmakatha in Hindi

यहां हम आपको “Chate Ki Atmakatha in Hindi ” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Chate Ki Atmakatha in Hindi Essay तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

Chate Ki Atmakatha in Hindi ( 300 words)

मेरा नाम छाता है। वैसे तो मैं आकार में काफी छोटा हूं, लेकिन काम बड़े-बड़े करता हूं। मेरा काम इंसानों को धूप पानी से बचाना है, वैसे मेरा जन्म तो चीन में हुआ था। लेकिन मेरी खूबियों के कारण धीरे-धीरे में पूरे विश्व में जाने जाना लगा। सभी जगहों के लोग मेरे काम से इतने प्रभावित हो रहे हैं, कि उन्होंने मुझे अपने घर में एक अलग स्थान दे रखा है। हां मैं वही चाहता हूं, जिसके बारे में आप सोच रहे हैं, मेरा काम इंसानों को बारिश से भीगने से बचाना है।

बरसात के मौसम में कोई भी व्यक्ति मेरे बगैर घर से बाहर नहीं निकलता क्योंकि घर से बाहर जाने के बाद अचानक बरसात होने पर, मैं ही उन्हें बरसात के पानी से बचाता हूं। वैसे तो मेरा आकार छोटा है लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने अपनी सुविधानुसार मेरा आकार भी बहुत बड़ा कर लिया है। पहले में केवल एक इंसान को बारिश से बचा सकता था, लेकिन अब मेरा आकार इतना बड़ा हो चुका हैं, कि मैं 10 लोगों को एक साथ बारिश से बचा सकता हूं।

Chate Ki Atmakatha in Hindi

बाजारों में कई रंगों में बिकता हूं। मेरा मुख्य रंग काला है लेकिन अब मैं काले सफेद लाल पीले नीले हरे गुलाबी सभी रंगों में मौजूद होता हूं। लोग मेरा इस्तेमाल बारिश के अलावा तेज धूप से बचने के लिए भी करते हैं मैं मौसम से सीधा टक्कर लेकर सभी को धूप और पानी से बचाता हूं। एक छाता होने के नाते मेरा या कर्तव्य होता है कि मैं मेरे मालिक को धूप और पानी से सुरक्षित रखूं। सभी लोगों द्वारा मुझे बहुत पसंद करा जाता है, मैं बनावट में काफी मजबूत और टिकाऊ होता हूं। शायद इसीलिए सभी लोगों द्वारा मुझे इतना उपयोग किया जाता है। मैं भी लोगों के काम आकर अपने आपको काफी महत्वपूर्ण महसूस करता हूं।

Pustak Ki Atmakatha in Hindi Telephone ki Atmakatha Bihar Diwas in Hindi Essay on Holi in Hindi

Chate Ki Atmakatha in Hindi Essay (500 words)

दोस्तों मेरा नाम छाता है। नाम सुनकर आप मुझे पहचान चुके होंगे। आज मैं काफी पुराना और बूढ़ा हो गया हूं। लेकिन पहले मैं काफी सुंदर और नया दिखाएं देता था। मेरा जन्म मेरे मालिक की सेवा के लिए हुआ है। मेरा काम होता है,मेरे मालिक को धूप धूल बरसात और गर्मी से बचाना। मेरा जन्म एक छोटी सी दुकान में हुआ जहां मुझे कपड़ा ,लोहे के पाइप और कुछ लंबी तारों से मिलकर बनाया गया था। पहले तो मैं केवल सफेद रंग में हुआ करता था लेकिन लोगों ने अपनी पसंद के अनुसार मेरा रुप रंग बदल दिया।

कुछ लोगों को मैं काले रंग में पसंद होता हूं, तो कुछ लोगों को सफेद ,तो किसी को हरे नीले लाल गुलाबी इत्यादि रंगों में। मेरे जीवन का सफर बड़ा ही रोमांचक रहा है। मैं उस छोटी सी दुकान से निकलकर शहर की एक बड़ी दुकान में आ गया। जहां मेरे साथ मेरे कुछ साथी भी थे। हम सभी को दुकान के एक कोने में रख दिया गया,और जैसे ही बरसात का मौसम चालू हुआ। धीरे धीरे मुझे और मेरे सभी दोस्तों को उनके मालिक मिल गए। 1 दिन तेज बरसात हो रही थी ,और एक व्यक्ति अंदर आया उसने मुझे अपने कवच के रूप में चुना और दुकानदार से मुझे खरीद कर ले गया।

जैसे ही मेरा मालिक दुकान से बाहर निकला तुरंत ही तेज बारिश चालू हो गई और मैं भी अपने काम में लग गया। मैंने मेरे मालिक को बारिश से बचा कर उसे सुरक्षित घर पहुंचाया और घर पहुंचते ही मालिक ने भी मुझे घर में अपने एक सदस्य का दर्जा देकर घर के कोने में टांग दिया। अब प्रतिदिन मेरी यही दिनचर्या होती थी।मैं सुबह उठकर मालिक के साथ उनके ऑफिस जाता वहां से फिर घर आता ,फिर मालिक मुझे लेकर कहीं घूमने निकल जाते मैंने मेरी जिंदगी में बहुत सी जगह देखी है। मैंने मेरे मालिक की खूब सेवा की उन्हें बरसात के मौसम के अलावा तेज धूप से भी बचाया।

एक दिन मेरे जीवन में बहुत बड़ा बदलाव हुआ मेरे मालिक मुझे लेकर एक दफ्तर में गए जहां उन्होंने दफ्तर के बाहर मुझे रख दिया लेकिन किसी चोर ने मुझे वहां से चोरी कर लिया। दो-तीन सालों तक मालिक की सेवा करने के बाद मैं उनसे अलग हो गया और उस चोर ने मुझे एक कबाड़ी वाले को बेच दिया,और उस कबाड़ी वाले ने मुझे एक गरीब इंसान को। अब तक तो मैं बड़े मजे के साथ जीवन जी रहा था। लेकिन अब मैं गरीबी में आ चुका था मेरा नया मालिक एक गरीब इंसान था। जो मुझे लेकर दिन भर यहां वहां घूमता रहता था।

पहले तो मैं बरसात के मौसम में या गर्मी के मौसम में घर से बाहर निकलता था, लेकिन नए मालिक ने तो मुझे ठंडे गर्मी बरसात धूल-मिट्टी हर मौसम में बाहर निकाला और काम हो जाने के बाद घर की छत पर धूप खाने के लिए फेंक दिया। धीरे-धीरे मेरे सारे पुर्जे खराब होने लगे मेरी छत का कपड़ा फटने लगा तो उसने डॉक्टर के पास ले जाकर मेरी सिलाई करा कर मुझे फिर से इस्तेमाल करने लायक बना लिया। लेकिन अब मैं बीमार तो हो चुका था।उसने कुछ समय तक मेरा और इस्तेमाल किया जब मैं अधिक खराब होने लगा तो उसने मुझे छत पर सड़ने के लिए फेंक दिया। अब मेरी स्थिति ऐसी हो चुकी है कि मैं कुछ काम का नहीं रहा जल्द ही मेरा काम यहां से समाप्त हो जाएगा।

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “ Chate Ki Atmakatha in Hindi ” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Chate Ki Atmakatha Hindi Nibandh अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Chate Ki Atmakatha in Hindi Small कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Home

  • Website Inauguration Function.
  • Vocational Placement Cell Inauguration
  • Media Coverage.
  • Certificate & Recommendations
  • Privacy Policy
  • Science Project Metric
  • Social Studies 8 Class
  • Computer Fundamentals
  • Introduction to C++
  • Programming Methodology
  • Programming in C++
  • Data structures
  • Boolean Algebra
  • Object Oriented Concepts
  • Database Management Systems
  • Open Source Software
  • Operating System
  • PHP Tutorials
  • Earth Science
  • Physical Science
  • Sets & Functions
  • Coordinate Geometry
  • Mathematical Reasoning
  • Statics and Probability
  • Accountancy
  • Business Studies
  • Political Science
  • English (Sr. Secondary)

Hindi (Sr. Secondary)

  • Punjab (Sr. Secondary)
  • Accountancy and Auditing
  • Air Conditioning and Refrigeration Technology
  • Automobile Technology
  • Electrical Technology
  • Electronics Technology
  • Hotel Management and Catering Technology
  • IT Application
  • Marketing and Salesmanship
  • Office Secretaryship
  • Stenography
  • Hindi Essays
  • English Essays

Letter Writing

  • Shorthand Dictation

Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Roti Ki Atmakatha”, “रोटी की आत्मकथा” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

रोटी की आत्मकथा

Roti Ki Atmakatha

निबंध नंबर :- 01

मैं रोटी हूँ। देखने व सुनने में ही मैं कितनी सुन्दर लगती हूँ। प्रायः मुझे पाने के लिए हर कोई उत्सुक होता है। चाहे कोई कितना भी धनवान, बलवान, शौर्य वीर ही क्यों न हो, पर मेरे सेवन बिना कोई नहीं रह सकता। मानव या फिर कोई भी जीव ही क्यों न हो, पेट भरने के लिए मेरा प्रयोग ही करता है।

मुझे गर्व है कि लोग मुझे पाने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाते हैं, आज के रावण के वंशज यानि भ्रष्टाचार, काला बजारी आदि लोग मुझे पाने के लिए ही तो करते हैं। हाँ, आज मैं आप सबको मेरी जीवन यात्रा के बारे में बताती हैं कि मैं इस रूप में कैसे आई। शायद यह सुन आप मेरे बलिदान से कुछ सीख सकें।

जैसा कि आप सब जानते ही हैं कि मेरा जन्म खेतों में हुआ। धरती मेरी माँ है। अपनी धरती माँ की गोद में मेरा पालन-पोषण होता है। हवा जो कि मेरे मामा हैं, मुझे पालने में झुलाते हैं। पक्षियाँ जो मेरी मौसी हैं, मुझे लोरियाँ सुनाती हैं। मैं पौधों की बालियों में इन सब को देख मस्ती से झूमती रहती हूँ। मेरे साथ आगे इस संसार में होने वाले छल-कपट से बेखबर हो बढ़ती जाती हैं। वर्षा का पानी पीती हूं, चाँदनी का आनंद लेती हूँ।

यौवन की दहलीज पर पहुँची तो मेरे साथ छल होना शुरु हो गया। मेरी खुशी किसी से देखी नहीं गई और मुझे काटने के लिए वह तैयार हो गए।

मुझे किसान ने अपने कूर हाथों से काट कर मुझे अपने परिवार से अलग कर दिया। यह देख मेरा दिल ही बैठ गया। मैं सदमें से अभी उभर ही रही थी कि अत्याचारों का मुझ पर पहाड़ ही टूट पड़ा। मुझे और मेरे (मुझ जैसे कुछ) साथियों को बैलों से कुचलवाया गया। मैं अपने साथियों के साथ उनके पैरो के नीचे दब गई। मैंने खूब विलाप किया, पर किसी ने मेरी परवाह नहीं की।

फिर मानव ने अपनी फितरतनुसार मुझसे सहानुभूति दिखाई जो कि उसके षड्यंत्र का एक हिस्सा मात्र था, मुझे साफ-सुथरा कर एक जगह रखा गया। मैं बेचारी उनकी चाल में फंस अपने दानों को ऐसे चमकाने लगी जैसे कोई सोने के कण हों। जिसे देख मानव की आंखें चौंधिया गई और फिर मुझे बोरों में कैद कर दिया गया। दोपहर की तेज धूप जिसके साथ मैं खेली थी अब उसके लिए मेरे नयन तरसने लगे।

फिर मुझे नीलाम कर दिया गया। बोली लगाने वाले मुझे कैसी कैसी निगाहों से परखने लगे, मुझे बड़ा कष्ट हुआ। मेरी बोली लगाई गई। मैं उस एक दिन की मानो बेताज रानी थी। फिर मुझे मेरे नए घर भेज दिया गया। जहाँ फिर कुछ समय के बाद मेरा प्रदर्शन होने लगा। वही तो वह जगह है जहाँ से तुम मुझे खरीद लाए हो। फिर मेरा घर दोबारा बदला। आगे तो तुम जानते ही हो कि मुझे वहाँ से लाने के बाद मुझे अच्छे से नहलाया गया। मुझे साफ-सुथरा कर चक्की में पिसने के लिए भेज दिया गया जहाँ मेरे रूप को बदल दिया गया। पिसने के लिए मुझे दो पाटों के बीच में डालकर मेरे ऊपर हथौड़े, छुरी-कांटे चलाए गए। मैं इन सब से डरकर अपने रूप में बदलाव लाते हुए अपने आप को आटे के रूप में बदल डाला।

उस आटे को फिर तुम अपने साथ लाकर डब्बों में भरकर अपने किचन की शान बढ़ाने लगे। रोज चुरक-चुरक कर थोड़ा-थोड़ा कर मुझे पानी के साथ मिलाकर मुझे बेलकर तुम मेरा वास्तविक रूप देने लगे। अपने इस रूप में आने के लिए तुमने सुन तो लिया कि मुझे कैसी-कैसी यातना झेलनी पड़ी। फिर तुम भी तो अपने साथ लाकर मेरे सारे शरीर को जला देते हो, मुझे तेज आँच में सेकते हो। पर तुम्हारी भूख शांत करके मैं अपने आप को धन्य समझती हूँ और अपनी खुशी दिखाते हुए गर्म-गर्म तवे पर भी खुशी से फूल जाती हूँ। यही है मेरी कहानी।

निबंध नंबर :- 02

रोटी की आत्म-कथा

Roti ki Atmakatha 

बहुत समय तक मैं पृथ्वी के आँचल में छिपा रहा। फिर मैंने अपना मुँह संसार वस्तुओं को देखने के लिए निकाला। मेरा वह रूप एक नन्हा-सा सुकुमार पौधा था। किसान ने मेरी बहुत सेवा की, मुझे शीतल जल से सींचा और अनेक प्रकार के आक्रमणों से मेरी रक्षा की। अन्त में जब मैं बढ़कर अपनी युवावस्था में आया तब तक मैं मस्ती की क्रीडा-स्थल पर खेलता रहा। कुछ दिनों के बाद लम्बी दाढी निकल आई और मेरा रंग अब कुछ पीला पड़ने लगा। लगभग 20-25 दिन के बाद मुझे तेज दरातियों से काटा गया। फिर मुझे बैलों के पैरों से रोंदवाया गया। इस प्रकार कष्ट भोगते-भोगते मेरा रूप बहुत सूक्ष्म हो गया। मेरे कपड़े मेरे तन से उतार लिए गये। कुछ समय बाद मुझे किसान अपनी गाड़ी में भरकर शहर ले गया। मेरा मन बहुत प्रसन्न हुआ कि शहर की नई-नई चीजे देखने को मिलेगी, परन्तु मेरी आशा निराशा में बदल गई और मुझे एक बड़ी मण्डी में लाकर रखा गया। वहाँ मेरा और मेरे साथियों का क्रय-विक्रय होने लगा।

वहाँ मैं एक प्रसिद्ध आढती द्वारा खरीद लिया गया। मुझे बार-बार इधर से उधर फेंका गया। मेरे हृदय को बहुत चोट लगी; परन्तु मैं बेबस था, कुछ कह नहीं सकता था। सातवें दिन मेरे सोते हुए भाग्य ने अंगडाई ली और मेरे ढेर में से एक श्रमिक ने बीस रुपये का अनाज लिया। मेरी गिनती श्रमिक के खरीदे हुए अनाज में थी। मेरा वजन आठ किलो था। श्रमिक ने मुझे निःसंकोच गठरी में बाँधकर सिर पर रख लिया। मैं सिर पर सवार होकर आराम से चलने लगा, परन्तु थोड़ी देर के बाद ही मुझे एक चक्की के पास रख दिया। चक्की की डरावनी आवाज मुझे कंपा रही थी। मुझे चक्की वाले ने बारीक नन्हें छलने में छाना। उस समय महात्मा कबीर की यह उक्ति मुझे याद आई:

‘ चलती चाकी देख के दिया कबीरा रोय। दो पाटन के बीच से बच के गया न कोय ।।

आज मेरी भी बारी आ गई थी, पर करता क्या ? मैं पराधीन था। मुझे चक्की के पाटों के बीच में डाला गया। चक्की के पाट बहुत भारी थे। उनके बीच लघु शरीर अब चूर-चूर हो गया। इन सब क्रियाओं के बाद वह श्रमिक मुझे अपने घर ले आया और उसकी पत्नी ने और भी बारीक छलनी में छाना और मुझे मांडा गया। मेरी नस-नस टूट चुकी थी। गूंथने के पश्चात् मुझे बेलकर आग पर सेका गया और तब से मेरा रूप गोल गुब्बारे की तरह हो गया और लोग मुझे रोटी कहकर पुकारने लगे। अब आप सोचिए, आपके जीवन में मेरा कितना महत्त्व है?

About evirtualguru_ajaygour

computer ki atmakatha essay

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Links

computer ki atmakatha essay

Popular Tags

Visitors question & answer.

  • Gangadhar Singh on Essay on “A Journey in a Crowded Train” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Hemashree on Hindi Essay on “Charitra Bal”, “चरित्र बल” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.
  • S.J Roy on Letter to the editor of a daily newspaper, about the misuse and poor maintenance of a public park in your area.
  • ashutosh jaju on Essay on “If there were No Sun” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Unknown on Essay on “A Visit to A Hill Station” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Download Our Educational Android Apps

Get it on Google Play

Latest Desk

  • Role of the Indian Youth | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Students and Politics | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Menace of Drug Addiction | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • How to Contain Terrorism | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Sanskrit Diwas “संस्कृत दिवस” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Nagrik Suraksha Diwas – 6 December “नागरिक सुरक्षा दिवस – 6 दिसम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Jhanda Diwas – 25 November “झण्डा दिवस – 25 नवम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • NCC Diwas – 28 November “एन.सी.सी. दिवस – 28 नवम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Example Letter regarding election victory.
  • Example Letter regarding the award of a Ph.D.
  • Example Letter regarding the birth of a child.
  • Example Letter regarding going abroad.
  • Letter regarding the publishing of a Novel.

Vocational Edu.

  • English Shorthand Dictation “East and Dwellings” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines.
  • English Shorthand Dictation “Haryana General Sales Tax Act” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Deal with Export of Goods” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Interpreting a State Law” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.

PenMyPaper: a student-friendly essay writing website

We, at PenMyPaper, are resolute in delivering you professional assistance to write any kind of academic work. Be it marketing, business, or healthcare sector, we can prepare every kind of draft efficiently, meeting all the points of the question brief. Also, we believe in 'research before drafting'. Any work without ample research and evidence will be a flawed one and thus we aim to make your drafts flawless with exclusive data and statistics. With us, you can simply relax while we do the hard work for you.

Why is writing essays so hard?

Patterns and boring topics imposed by schools and universities are not very conducive to creativity and human development. Such essays are very difficult to write, because many are not interested in this and do not see the meaning of the text. There are a number of criteria that make it impossible to write essays:

  • Boring and incomprehensible topics. Many topics could be more interesting, but teachers formulate them in a way that makes you want to yawn.
  • Templates. 90% do not know how to make an essay interesting, how to turn this detailed answer to a question into a living story.
  • Fear of not living up to expectations. It seems to many that the essay is stupid and that they simply did not understand the question. There is a fear of getting a bad mark and disappointing the professor, parents and classmates. There is a fear of looking stupid and embarrassing in front of the team.
  • Lack of experience. People don't know what and how to write about. In order to make a good essay, you need to have a perfect understanding of the topic and have the skills of a writer.

That is why the company EssaysWriting provides its services. We remove the responsibility for the result from the clients and do everything to ensure that the scientific work is recognized.

computer ki atmakatha essay

  • Terms & conditions
  • Privacy policy
  • Referral program

Bennie Hawra

Finished Papers

Some FAQs related to our essay writer service

Is a “rare breed” among custom essay writing services today.

All the papers delivers are completely original as we check every single work for plagiarism via advanced plagiarism detection software. As a double check of the paper originality, you are free to order a full plagiarism PDF report while placing the order or afterwards by contacting our Customer Support Team.

Being tempted by low prices and promises of quick paper delivery, you may choose another paper writing service. The truth is that more often than not their words are hollow. While the main purpose of such doubtful companies is to cash in on credulity of their clients, the prime objective of is clients’ satisfaction. We do fulfill our guarantees, and if a customer believes that initial requirements were not met or there is plagiarism found and proved in paper, they can request revision or refund. However, a refund request is acceptable only within 14 days of the initial deadline.

Our paper writing service is the best choice for those who cannot handle writing assignments themselves for some reason. At , you can order custom written essays, book reviews, film reports, research papers, term papers, business plans, PHD dissertations and so forth. No matter what academic level or timeframe requested is – we will produce an excellent work for you!

Customers usually want to be informed about how the writer is progressing with their paper and we fully understand that – he who pays the piper calls the tune. Therefore, with you have a possibility to get in touch with your writer any time you have some concerns or want to give additional instructions. Our customer support staff is there for you 24/7 to answer all your questions and deal with any problems if necessary.

Of course, the best proof of the premium quality of our services is clients’ testimonials. Just take a few minutes to look through the customer feedback and you will see that what we offer is not taking a gamble.

is a company you can trust. Share the burden of academic writing with us. Your future will be in safe hands! Buy essays, buy term papers or buy research papers and economize your time, your energy and, of course, your money!

My experience here started with an essay on English lit. As of today, it is quite difficult for me to imagine my life without these awesome writers. Thanks. Always.

Customer Reviews

What if I can’t write my essay?

Customer Reviews

computer ki atmakatha essay

IMAGES

  1. Hindi Essay, Paragraph on "Computer ki Atmakatha", "कंप्यूटर की आत्मकथा

    computer ki atmakatha essay

  2. कंप्यूटर पर निबंध हिंदी में

    computer ki atmakatha essay

  3. कंप्यूटर पर निबंध । Essay on Computer in Hindi । Computer par nibandh

    computer ki atmakatha essay

  4. कंप्यूटर पर निबंध। computer essay in hindi

    computer ki atmakatha essay

  5. कंप्यूटर पर निबंध हिंदी में || Computer Essay In Hindi Top Class 1-12Th

    computer ki atmakatha essay

  6. कंप्यूटर पर निबंध हिंदी में

    computer ki atmakatha essay

VIDEO

  1. mobile ki atmakatha , mobile ki story , mobile ke nuksaan , mobile ki kahani #trending #status

  2. Urdu Essay My Computer 10 Lines

  3. Mansukh Chaturvedi ki Atmakatha

  4. निबंध: कम्प्यूटर का महत्व // nibandh computer ka mahatva

  5. निबंध: हमारे जीवन में कंप्यूटर की उपयोगिता/ कंप्यूटर का महत्व निबंध

  6. Banbhatt ki atmakatha mai prem ka swaroop

COMMENTS

  1. कंप्यूटर की आत्मकथा पर निबंध computer ki atmakatha essay in hindi

    computer ki atmakatha essay in hindi दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंप्यूटर की आत्मकथा बताने जा रहे हैं . यह आर्टिकल एक काल्पनिक आर्टिकल है. चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और ...

  2. कंप्यूटर पर निबंध (Computer Essay in Hindi)

    निबंध 1 (300 शब्द) - Computer par Nibandh. प्रस्तावना. कंप्यूटर एक नवीनतम तकनीक है जो ज्यादातर जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है। ये कम समय लेकर ज्यादा से ज्यादा कार्य को ...

  3. कंप्यूटर: आज की आवश्यकता पर निबंध

    कंप्यूटर: आज की आवश्यकता पर निबंध | Essay on Computer : Today's Need in Hindi! विज्ञान और तकनीक की अद्‌भुत खोजों ने मनुष्य के जीवन में एक क्रांति ला दी है। आज का युग विज्ञान का युग ...

  4. Essay on Computer in Hindi- कंप्यूटर पर निबंध

    हिंदी में कंप्यूटर पर निबंध- Long essay on computer in Hindi. ध्यान दें - प्रिय दर्शकों essay on computer in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।. इस लेख / निबंध में आप ...

  5. Hindi Essay, Paragraph on "Computer ki Atmakatha ...

    Hindi Essay Paragraph on "Computer ki Atmakatha", "कंप्यूटर की आत्मकथा", for Class 8, 9, 10, 12 #Nibandh #Anuched1. Hindi Essay on "Meri Priya Pustak ...

  6. कम्पयुटर के लाभ और हानियाँ- Advantages and Disadvantages of Computer in

    कॉम्पुटर के लाभ ( Advantages of Computer in Hindi ) कम्पयुटर मनुष्य निर्मित मशीन है जिससे बहुत से लाभ है-. 1. सरलता- कॉम्पुटर के माध्यम से हम सभी कार्य सरलता ...

  7. কম্পিউটার রচনা (Computer Essay in Bengali) [PDF]

    কম্পিউটার রচনা (Computer Essay in Bengali) [PDF] ডিসেম্বর 18, 2019 দ্বারা রাকেশ রাউত. আধুনিক বিজ্ঞানের আবিষ্কার গুলির মধ্যে এক অন্যতম আবিষ্কার কম্পিউটার ...

  8. कंप्यूटर की आत्मकथा निबंध हिंदी

    कंप्यूटर की आत्मकथा निबंध हिंदी | Computer ki atmakatha nibandh hindi |कंप्यूटर की आत्मकथा पर ...

  9. computer ki atmakatha in hindi essay

    कंप्यूटर की आत्मकथा पर निबंध computer ki atmakatha essay in hindi. Computer ki atmakatha essay in hindi. दोस्तों आ

  10. हिंदी आत्मकथात्मक साहित्य की सूची

    यहाँ हिंदी आत्मकथा साहित्य की प्रमुख रचनाओं की सूची प्रकाशन वर्ष के साथ दी गई है। hindi aatmkatha sahity के प्रमुख लेखक और रचनाएँ देखें।

  11. Hindi Essay on "Ek Pustak ki Atmakatha", "एक पुस्तक की आत्मकथा", Hindi

    एक पुस्तक की आत्मकथा . Ek Pustak ki Atmakatha . मैं पाँचवी कक्षा की हिंदी की ...

  12. पुस्तक की आत्मकथा हिंदी निबंध- Essay on Pustak ki Atmakatha in Hindi

    ( Essay-2 ) Pustak ki Atmakatha Nibandh. प्रस्तावना. दुनिया पुस्तक से शुरू होकर वापस पुस्तक पर खत्म हो जाती है। हम कितना कुछ सीखते हैं पुस्तक से, बचपन से बुढ़ापे तक हम सीखते ही ...

  13. Hindi Essay, Paragraph, Speech on "Vriksh ki Atmakatha", "वृक्ष की

    «Hindi Essay, Paragraph, Speech on "Diary ki Atmakatha", "डॉयरी की आत्मकथा" Complete Hindi Nibandh for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes Solved Question Paper of Computer Application (165) Class X CBSE Board Question Paper of Computer Application NSQF 165 Code.

  14. Hindi Essay on "Sainik Ki Aatmkatha" , " सैनिक की आत्मकथा " Complete

    ashutosh jaju on Essay on "If there were No Sun" Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes. Unknown on Essay on "A Visit to A Hill Station" Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

  15. Hindi Essay on "Ek Kisan ki Aatmakatha" , "एक ...

    एक किसान की आत्मकथा . Ek Kisan ki Aatmakatha. निबंध नंबर :- 01 भारत गांवों का देश है। यहां अधिकतर लोग गाँवों में रहते हैं। उनका मख्य कार्य खेतीबाडी करना होता है। वह लोगों ...

  16. Essay On Computer Ki Atmakatha In Hindi

    How to Write an Essay For Me. By. Roney. Posted in Uncategorized On Jul 03, 2022. The writers of PenMyPaper establish the importance of reflective writing by explaining its pros and cons precisely to the readers. They tend to 'do my essay' by adding value to both you (enhancing your knowledge) and your paper. View Sample.

  17. Essay On Computer Ki Atmakatha In Hindi

    Essay On Computer Ki Atmakatha In Hindi: Professional Essay Writer at Your Disposal! Quality over quantity is a motto we at Essay Service support. We might not have as many paper writers as any other legitimate essay writer service, but our team is the cream-of-the-crop. On top of that, we hire writers based on their degrees, allowing us to ...

  18. Essay On Computer Ki Atmakatha In Hindi

    Essay On Computer Ki Atmakatha In Hindi. ID 19673. Shane. 100% Success rate. Charita Davis. #18 in Global Rating. Lowest prices on the market, no upfront payments.

  19. Chate Ki Atmakatha in Hindi: छाते की आत्मकथा

    Chate Ki Atmakatha in Hindi Essay (500 words) दोस्तों मेरा नाम छाता है। नाम सुनकर आप मुझे पहचान चुके होंगे। आज मैं काफी पुराना और बूढ़ा हो गया हूं। लेकिन पहले ...

  20. Hindi Essay/Paragraph/Speech on "Roti Ki Atmakatha", "रोटी की आत्मकथा

    रोटी की आत्मकथा . Roti Ki Atmakatha. निबंध नंबर :- 01. मैं रोटी हूँ। देखने व सुनने में ही मैं कितनी सुन्दर लगती हूँ। प्रायः मुझे पाने के लिए हर कोई उत्सुक होता है। चाहे ...

  21. Essay On Computer Ki Atmakatha In Hindi

    Essay On Computer Ki Atmakatha In Hindi. The first step in making your write my essay request is filling out a 10-minute order form. Submit the instructions, desired sources, and deadline. If you want us to mimic your writing style, feel free to send us your works. In case you need assistance, reach out to our 24/7 support team.

  22. Essay On Computer Ki Atmakatha In Hindi

    PenMyPaper: a student-friendly essay writing website. We, at PenMyPaper, are resolute in delivering you professional assistance to write any kind of academic work. Be it marketing, business, or healthcare sector, we can prepare every kind of draft efficiently, meeting all the points of the question brief. Also, we believe in 'research before ...

  23. Essay On Computer Ki Atmakatha In Hindi

    Essay On Computer Ki Atmakatha In Hindi - 12 Customer reviews. Get Professional Writing Services Today! Get a free quote from our professional essay writing service and an idea of how much the paper will cost before it even begins. If the price is satisfactory, accept the bid and watch your concerns slowly fade away!